उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित थाना बिसरख पुलिस को कंट्रोलरूम से सूचना मिली कि रेलवे यार्ड के लोको शेड के नजदीक स्थित चिपियाना तालाब में एक कंकाल बन चुकी लाश पड़ी है. लाश मिलने की सूचना पाते ही बिसरख थाने केएसएचओ अनिल कुमार राजपूत मय पुलिस टीम के मौके पर पहुंच गए. उन्होंने लाश तालाब से निकलवा कर अपने कब्जे में ले ली.
तालाब से नरमुंड, शरीर के अन्य अंगों की हड्डियां, कपड़े, बेल्ट, जूते, चाबी आदि बरामद हुए. लाश कंकाल में बदल चुकी थी. इसलिए उस की शिनाख्त होनी संभव नहीं थी. पुलिस ने जरूरी काररवाई निपटाने के बाद कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने इस की सूचना सभी अखबारों में भी प्रसारित करा दी. हत्यारों तक पहुंचने से पहले लाश की शिनाख्त होनी जरूरी थी, इसलिए पुलिस ने जिले भर में गुमशुदगी के दर्ज सारे मामलों की जांचपड़ताल शुरू कर दी.
उधर चिपियाना के तालाब से लाश मिलने की खबर आसपास के क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल चुकी थी. इसी बीच एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि करीब 7 महीने से हैबतपुर का रहने वाला रंजीत नाम का एक युवक जो कपड़ों पर प्रैस करने का काम किया करता था, लापता है. इस पर पुलिस ने रंजीत के परिजनों को सूचना भिजवाई.
सूचना मिलते ही हैबतपुर गांव का गुड्डू थाने पहुंचा. पुलिस ने उसे लाश को फोटो और सामान दिखाया तो उस ने बताया कि यह सामान पिछले 7 महीने से लापता उस के 26 वर्षीय छोटे भाई रंजीत कनौजिया का ही है. गुड्डू ने पुलिस को बताया कि हम लोग मूलरूप से हरदोई में रहते हैं. रंजीत गौतमबुद्ध नगर के ही हैबतपुर गांव में रहने लगा था. वह ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) की सोसायटी में लोगों के कपड़े प्रैस करता था. 13 जून, 2022 को रंजीत संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था. उस का मोबाइल भी बंद हो गया. इस पर घर वाले उस की तलाश में जुट गए. जब उस का कहीं सुरागनहीं मिला तो बिसरख थाने में शिकायत की.
5 माह बाद दर्ज हुई गुमशुदगी…
ग्रेटर नोएडा के रंजीत कनौजिया मर्डर केस की जांच के शुरुआत में पुलिस ने ढुलमुल रवैया अपनाया. पुलिस ने घर वालों से ही अपने स्तर से रंजीत को तलाशने की बात कही. घर वालों ने सभी रिश्तेदारियों व अन्य जगहों पर उस की तलाश की, लेकिन उस का कहीं पता न चला. फिर लापता होने के 5 महीने बाद 24 नवंबर, 2022 को घर वालों के दबाव पर रंजीत की गुमशुदगी पुलिस ने दर्ज कर ली.
गुड्डू ने बताया कि भाई के लापता होने के बाद हमें थाने से ले कर पुलिस चौकी के चक्कर लगाने पड़े. गुमशुदगी दर्ज करने के लिए उन्हें 5 महीने तक टरकाया जाता रहा. समझ नहीं आ रहा था कि आखिर रंजीत को जमीन खा गई या आसमान निगल गया, गुमशुदगी दर्ज होने के बाद भी पुलिस रंजीत का कोई पता नहीं लगा सकी.
कंकाल बरामद होने के बाद पुलिस ने जांचपड़ताल शुरू की. पुलिस ने रंजीत के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स खंगाली तो आखिरी काल गाजियाबाद के बम्हैटा निवासी एक युवती की मिली. इस युवती से रंजीत की अकसर लंबीलंबी बातें होती थीं. रंजीत के घर वालों ने पुलिस को बताया कि नेहा दुबे नाम की रंजीत की एक प्रेमिका थी. उन्होंने प्रेमिका और उस के परिवारपर हत्या का शक जता कर पुलिस को इस बारे में पूरी जानकारी दी.
नेहा का परिवार मूलरूप से बिहार का रहने वाला था, लेकिन इस समय नेहा शंकर विहार, मंगल बाजार, शाहपुर बम्हैटाथाना वेव सिटी, गाजियाबाद में काफी समय से अपने परिवार के साथ रह रही थी.इस के बाद पुलिस ने बम्हैटा पहुंच कर नेहा व उस के घर वालों से पूछताछ की. नेहा ने पुलिस को बताया कि 13 जून, 2022 को रंजीत घर आया था. रंजीत ने उस से कहा था कि उस के पिता की मौत हो गई है. इस के चलते वह अपने गांव जा रहा है. उस के बाद से उस से बात नहीं हुई है. पूछताछ करने के बाद पुलिस वापस आ गई.
जब पुलिस ने मृतक के घर वालों से तथ्यों की पुष्टि की तो पता चला कि नेहा और उस के घर वाले पुलिस को गुमराह कर रहे हैं. मजे की बात यह है कि रंजीत के पिता अभी जीवित हैं. तब पुलिस का माथा ठनका. पुलिस के शक की सुई यहीं से नेहा और उस के घर वालों के इर्दगिर्द घूमने लगी. पुलिस को रंजीत के घर वालों से इस बात की जानकारी हुई कि रंजीत और नेहा दुबे के प्रेम संबंध पिछले 8 सालों से चले आ रहे थे. यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने नेहा के घर वालों से सख्ती से पूछताछ की. आखिर में पुलिस की पूछताछ केआगे घर वालों ने घुटने टेक दिए. उन्होंने रंजीत का प्यार में कत्ल करने का जुर्म कुबूल कर लिया. पता चला कि इन के प्यार में नेहा के घर वाले खलनायक बने थे.
पुलिस ने 5 फरवरी, 2023 को रंजीत कनौजिया मर्डर केस में सभी आरोपियों को नामजद कर हत्या, एससी/एसटी एक्ट वशव छिपाने की धारा में केस दर्ज कर लिया. इस के बाद पुलिस ने सोमवार 6 फरवरी को रंजीत की प्रेमिका आरोपी नेहा, उस के पिता रामबाबू दुबे, भाई शुभम दुबे, मां मीना दुबे व मामा मनीष पांचों को गिरफ्तार कर लिया. इस के साथ ही हत्या के बाद जिस बाइक से रंजीत की लाश ठिकाने लगाने के लिए ले गए थे, उसे भी बरामद कर लिया.
अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद प्रैस कौन्फ्रैंस में ग्रेटर नोएडा के एडीशनल डीसीपी विशाल पांडेय ने रंजीत मर्डर केस काखुलासा करते हुए बताया कि रंजीत अपनी प्रेमिका नेहा, जिस के साथ वह पिछले 8 साल से रिलेशनशिप में था, उस ने आपत्तिनजक वीडियो बना लिए थे. प्रेमिका के घर वालों ने जब शादी करने से इंकार कर दिया तब प्रेमी रंजीत ने प्रेमिका के कुछ अश्लील वीडियो उस के भाई के मोबाइल पर भेज दिए. साथ ही घर वालों को वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी. डीसीपी ने कहा कि बरामद कंकाल का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. इस के साथ ही पुष्टि के लिए फोरैंसिक जांच का भी सहारा लिया जा रहा है.
मिस्ड काल से शुरू हुआ प्यार…
करीब 8 साल पहले की बात है. ग्रेटर नोएडा स्थित एक सोसायटी के फ्लैट में प्रैस के कपड़े देने रंजीत जा रहा था. वहीं लिफ्ट में एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. रंजीत ने उस नंबर पर मिस काल दी. वह नंबर गाजियाबाद के शाहपुर बम्हैटा में रहने वाली नेहा दुबे का था. इस तरह दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया. बातचीत के दौरान रंजीत और नेहा में दोस्ती हुई. कुछ दिनों बाद रंजीत ने नेहा से प्यार का इजहार किया. जवाब में युवती ने भी मोहब्बत का इकरार कर लिया.
फिर दोनों की मोहब्बत कुछ ऐसे मुकाम पर जा पहुंची कि दोनों के बीच हर फासला मिट गया था. दोनों मन से ही नहीं बल्कि तन से भी एक हो गए थे. 8 साल पहले रंजीत और नेहा के बीच जब प्यार हुआ, तब दोनों ने ही जवानी की दहलीज पर कदम रखा था. उस समय रंजीत 18 साल का तो नेहा 15 साल की थी. यह उम्र बहुत नाजुक होती है. उन्होंने जाति, धर्म की दीवार को तोड़ कर एकदूसरे से सच्चा प्यार किया था. उन्हें अपने प्यार के आगे ये सब बातें बौनी नजर आती थीं.
दोनों ने अपनी जिंदगी के सतरंगी सपने संजोए थे और एकदूसरे का हाथ थाम कर शादी करने का वादा किया था, लेकिन 8 साल की लंबी अवधि में दोनों का प्यार प्यार न रहा, सब कुछ बदल गया.
ज्यादातर युगल प्यार के दौरान मिलन के अंतरंग पलों को फोटो और वीडियो में कैद कर लेना चाहते हैं. प्यार में इस बात से बेखबर रहते हैं कि भविष्य में यही वीडियो और फोटो से उन की जान पर भी बन सकती है. रंजीत और नेहा के प्रेम संबंधों में भी यही हुआ. रंजीत और नेहा की दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया था.
इस की जानकारी जब नेहा केघर वालों को हुई तो उन्होंने रंजीत के दूसरी जाति का होने व कपड़ों पर प्रैस करने का काम करने को ले कर शादी करने से साफ इंकार कर दिया.नेहा ने इस बात को ले कर अपने घर वालों से विरोध भी जताया, लेकिन घर वालों के आगे उस की एक न चली. नेहा चाह कर भी अपने दिल से रंजीत को नहीं निकाल पा रही थी. लेकिन वह घर वालों के सामने बेबस थी. तब उस ने रंजीत से कहा,
‘‘रंजीत, अब हमारी शादी होनी नामुमकिन है, इसलिए बेहतर यही है कि तुम मुझे भूल जाओ और अपनी जिंदगी से निकाल दो.’’
शादी के लिए की ब्लैकमेलिंग…
यह सुनते ही रंजीत की आंखों से आंसू निकल आए. उस ने कहा कि वह अपने 8 साल के प्यार को मरते दम तक नहीं भुला सकता. रंजीत हर हाल में नेहा से शादी करना चाहता था. लेकिन नेहा के घर वालों के विरोध के चलते बात बन नहीं पा रही थी. इस से रंजीत काफी परेशान था. अपने गम को भुलाने के लिए उस ने शराब का सहारा लेना शुरू कर दिया.
जब किसी भी तरह बात नहीं बनी, तब गुस्साए रंजीत ने उन्हीं अंतरंग पलों के आपत्तिजनक वीडियो और फोटो प्रेमिका नेहा के भाई शुभम के मोबाइल पर भेज दिए. वह नेहा के घर वालों पर शादी के लिए दबाव बनाने लगा. उस ने धमकी दी कि यदि नेहा की शादी उस के साथ नहीं की तो वह आपत्तिजनक वीडियो को वायरल कर बदनाम कर देगा. वह उस की शादी कहीं दूसरी जगह नहीं होने देगा. रंजीत शराब के नशे में कभी भी नेहा के घर पहुंच कर शादी के लिए हंगामा भी कर देता था.
रंजीत की रोजरोज की धमकी व उस के द्वारा भेजी गई नेहा की अश्लील तसवीरें और वीडियो देखने के बाद नेहा के घर वालों की नींद उड़ी हुई थी. उस की इन हरकतों से नेहा और उस के घर वाले आजिज आ चुके थे. समाज और बिरादरी में बदनामी के डर से नेहा के घर वालों ने रंजीत से छुटकारा पाने के लिए उस की हत्या का फुलप्रूफ प्लान बनाया. योजना के तहत नेहा ने 13 जून, 2022 की रात रंजीत को फोन किया. उस ने रंजीत से कहा, ‘‘मेरे घर वाले अब हमारी शादी के लिए तैयार हो गए हैं. वे इस संबंध में तुम से बात करना चाहते हैं, इसलिए तुम इसी समय घर आ जाओ.’’
रंजीत नेहा के झांसे में आ गया और रात में ही बम्हैटा स्थित नेहा के घर जा पहुंचा. उस समय वह शराब के नशे में था. शराब के नशे में नेहा के घर पहुंचे रंजीत को नेहा के भाई शुभम उर्फ शिवम दुबे, पिता रामबाबू दुबे, मां मीना उर्फ बीना दुबे व मामा मनीष ने घर में आते ही दबोच लिया. रामबाबू ने रंजीत के हाथ, मनीष ने पैर पकड़े और शुभम ने अपने हाथों से गला दबा कर उस की हत्या कर दी. यानी भाई कसाई तो मामा कंस बन बैठा. वारदात के समय सारा मंजर मां मीना उर्फ बीना व प्रेमिका नेहा वहीं खड़ीखड़ी देख रही थीं.
बाइक से शव को लगाया ठिकाने…
रंजीत की गला दबा कर हत्या करने के बाद अब शव को जल्द से जल्द ठिकाने लगाना था. इस के लिए रात गहराने का इंतजार किया. जब रास्ता सुनसान हो गया, तब रंजीत के शव को भाई शुभम व मामा मनीष ने बाइक पर बीच में इस प्रकार बैठाया जैसे 3 सवारियां बाइक पर बैठ कर जा रही हों, ताकि किसी को शक न हो कि वे लाश को ले जा रहे हैं. शव को ले जाकर दोनों ने चिपियाना गांव के तालाब में फेंक दिया और घर वापस आ गए.
रंजीत 3 भाई व 3 बहनों में तीसरे नंबर का था. 7 माह बीतने के बाद भी जब पुलिस रंजीत का पता नहीं लगा सकी, तब बड़े भाई गुड्डू ने परेशान हो कर मंझले भाई सुशील को बागेश्वर धाम पर रंजीत का पता लगाने के संबंध में अरजी लगाने भेजा था. सुशील द्वारा बागेश्वर धाम में अरजी लगाने से पहले ही पुलिस ने घटना का खुलासा कर रंजीत की हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
बिसरख थाना पुलिस को चिपियाना गांव के तालाब से जब एक नरकंकाल मिला था, उसी समय से पुलिस जांच करते हुए कडिय़ां जोडऩे में जुट गई थी. मृतक के घर वालों व रंजीत के मोबाइल की काल डिटेल्स खंगालने पर पता चला कि रंजीत की एक युवती से लंबे समय तक बात होती थी. आखिर में पुलिस युवती और उस के घर वालों तक पहुंच ही गई.
घटना से एक माह पहले रंजीत शराब पी कर नेहा के घर पहुंच गया था. तब उस ने वहां हंगामा भी किया. जिस पर नेहा के घर वालों ने रंजीत की पिटाई भी की थी. इस से परेशान और नाराज घर वालों ने रंजीत को अपने घर बुला कर 7 महीने पहले उस की हत्या कर दी और हत्या का राज छिपाने के लिए शव को चिपियाना के तालाब में फेंक दिया.
इस ब्लाइंड मर्डर का परदाफाश होने के बाद बिसरख थाने पहुंचे रंजीत के घर वालों ने नेहा के घर वालों पर आरोप लगाया कि नेहा और रंजीत के बीच पिछले 8 सालों से प्यार था. वे एकदूसरे के घर भी आतेजाते थे. चूंकि दोनों अलगअलग जाति के थे, जिस के चलते नेहा के घर वाले उस के साथ शादी नहीं करना चाहते थे. उन्होंने रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि रंजीत को शादी का झांसा दे कर नेहा उस से पैसे ऐंठती रहती थी. उन पैसों से उस ने आभूषण भी बनवा लिए थे. रंजीत कपड़ों पर प्रैस के काम से जो भी कमाता था, वह नेहा पर ही खर्च कर देता था.
मंडप तक नहीं पहुंचा प्यार…
रंजीत और उस की नेहा के बीच प्यार का गहरा रिश्ता था, लेकिन नेहा के परिवार वालों ने उन के बीच जाति की दीवार खड़ी करने के साथ ही अमीरीगरीबी की खाईं खोद दी थी. इस के साथ ही अपनी झूठी शान की खातिर उन्होंने 2 प्रेमियों को मिलने से जुदा कर दिया. परिणामस्वरूप पांचों को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा.
बिना सोचे गुस्से में उठाए गए इस कदम से उन्हें क्या हासिल हुआ? क्या ऐसा संभव है कि पिछले 8 सालों से रंजीत और नेहा के बीच चल रहे प्रेमसंबंधों की जानकारी नेहा के घर वालों को न हो? जबकि दोनों का एकदूसरे के यहां आनाजाना भी था. लगभग 8 साल पहले मिस्ड काल से शुरू हुआ रंजीत और उस की 23 वर्षीय प्रेमिका नेहा का प्यार शादी के मंडप तक नहीं पहुंच पाया. रंजीत का सपना था कि नेहा के साथ सात फेरों के बंधन में बंधने का, लेकिन इस के बजाय उसे मौत मिली और रंजीत के घर वालों को शव तक नहीं मिल पाया.
रंजीत नेहा से शादी करना चाहता था, लेकिन उस ने दबाव बनाने के लिए गलत तरीका अपना लिया, जिस का परिणाम यह हुआ कि उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. खुद के व परिवार के दामन पर बदनामी का दाग न लगे, इसलिए प्रेमिका नेहा ने अपने प्रेमी रंजीत को झूठ बोल कर फोन कर के अपने घर बुला लिया. जबकि वह जानती थी कि रंजीत को घर बुलाने के बाद क्या होने वाला है. लेकिन बिसरख थाना पुलिस ने इस दिल दहला देने और मानवता को शर्मसार करने वाले कातिलाना इश्क का परदाफाश कर दिया.
इस ब्लाइंड मर्डर का परदाफाश करने वाली पुलिस टीम को डीसीपी ने पुरस्कृत करने की घोषणा की है.आखिर परिवार जिस बदनामी के दंश से बचना चाह रहा था, उसे अपनी हैवानियत के चलते झेलना ही पड़ा. पुलिस ने प्रेमिका सहित 5 आरोपियों को जेल भेज कर बता दिया कि अपराधी अपने अपराध को चाहे जितना छिपाए, आखिर एक दिन वह उजागर जरूर होता है. रंजीत और नेहा का प्यार 8 साल तक परवान जरूर चढ़ा, लेकिन उस का अंत दुखदाई ही हुआ. जिसे लोग सच्चा प्यार समझते हैं, वह कभी भी उन की जान का दुश्मन बन सकता है.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित