17 जनवरी की सर्द रात में कटिहार रेलवे स्टेशन से डिब्रूगढ-नई दिल्ली राजधनी एक्सप्रेस खुली तो ट्रेन के अंदर का महौल काफी गर्म हो गया. जोकीहाट के जदयू विधायक सरफराज आलम बगैर टिकट के ट्रेन में सवार हो गए और एक महिला मुसाफिर के साथ छेड़खानी करने लगे. ट्रेन जब पटना जंक्शन पर पहुंची तो दिल्ली के वीरेंद्र नगर के रहने वाले इंद्रपाल सिंह बेदी ने रेलवे थाने में शिकायत दर्ज कराई कि विधायक ने उनके और उनकी बीबी रूपसी बेदी के साथ बदसलूकी की.
एफआईआर में कहा गया है कि कटिहार स्टेशन पर बोगी नंबर एसी-4 में विधायक और उनके साथ 2 लोग सवार हुए और हंगामा शुरू कर दिया. नशे की हालत में हंगामा करते हुए वह फर्स्ट एसी के कूपे में चले गए और वहां से लौटने के बाद उनकी बीबी के साथ बदसलूकी करने लगे. छेड़खानी मामले के तूल पकड़ने के बाद विधायक के होश उड़ गए और उन्होंने राजधानी एक्सप्रेस से सफर करने की बात से ही इंकार कर दिया.
कटिहार और पटना जंक्शन के सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद साफ हो गया कि विधायक उस दिन ट्रेन में सवार हुए थे. वहीं रेलवे के मुताबिक 17 जनवरी के रिजर्वेशन चार्ट में भी सरफराज आलम नाम के किसी मुसाफिर का नाम नहीं था. जांच में खुलासा हुआ है कि विधायक के पिता अररिया के राजद सांसद मोहम्मद तसलीमुद्दीन की ओर से एक पीएनआर वीवीआईपी कोटा से कंफर्म कराने के लिए भेजा गया था. उसमें कामरान आदिम, वी मैहर और एस अंजुम का नाम था. इसमें कामरान का कोच नंबर ए3/ 32 पहले से ही कंफर्म था और अंजुम को ए3 को बर्थ नंबर 43 कंफर्म हुआ था. मैहर का टिकट कंफर्म नहीं हो सका था.
6 दिनों तक चले हाइ वोल्टेज ड्रामा के बाद आखिरकार 24 जनवरी को सरफराज को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके साथ सफर कर रहे बौडीगार्ड इंजमामुल हक और कमर सईद को भी गिरफ्तार किया गया. पटना के रेल थाना में 7 घंटे की पूछताछ के बाद तीनों को जमानत दे दी गई. विधायक का कहना है कि वह बेकसूर हैं. वहीं रेल एसपी पीएन मिश्रा ने बताया कि विधायक का पासपोर्ट जब्त कर लिया है और कुछ शर्तों के साथ विधायक को जमानत दी गई है. विधायक की छेड़खानी को लेकर फजीहत झेलने के बाद जदयू ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड भी कर दिया है.
यह तो था हाई प्रोफाइल छेड़खानी का मामला, लेकिन चलती रेलगाडि़यों में महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़खानी करने के मामले में काफी तेजी से इजाफा होता जा रहा है. रेलगाडि़यों में साथ सफर करने वाली महिलाओं के जरिए सेक्स की कुंठा शांत करने की ओछी कोशिश करने वालों की कतार लंबी होती जा रही है. पिछले साल 23 मार्च को डिब्रूगढ़-दिल्ली राजधनी एक्सप्रेस में पैंट्रीकर्मी ने 9 साल की बच्ची के साथ छेड़खानी कर छुकछुक करती चलती रेलगाड़ी पर एक और बदनुमा दाग लगा दिया.
9 साल की लड़की अपने भाई के साथ गुवाहाटी में सवार हुई थी और दिल्ली जा रही थी. रेल पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में कहा गया है कि बरौनी रेलवे स्टेशन से जब ट्रेन खुली तो लड़की बाथरूम गई. जब वह बाथरूम से बाहर निकली तो पैंट्रीकर्मी जितेंद्र पांडे ने उसे गोद में उठा लिया और उसके साथ छेड़खानी करने लगा. बच्ची जब शोर मचाने लगी तो पैंसेजर उसकी ओर दौड़े. पैंसेंजर ने जितेंद्र की जम कर पिटाई कर डाली. वहीं जितेंद्र का कहना है कि लड़की जब बाथरूम से निकली तो ट्रेन की स्पीड अचानक कम होने की वजह से लड़खड़ा कर गिर गई थी इसलिए उसने उसे उठाकर उसकी सीट की ओर ले जा रहा था.
इसी तरह पिछले साल दिसंबर महीने में भी डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में टीटीआई ने एक महिला से छेड़खानी की थी. वह महिला अपने बच्चे के साथ सफर कर रही थी. पटना जंक्शन पर ट्रेन के रूकते ही मुसाफिरों ने हंगामा मचा दिया और टीटीआई को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे. आरपीएपफ थाने में टीटीआई के खिलाफ केस दर्ज कराया गया. रेलवे पुलिस ने टीटीआई की खोजबीन की तो पता चला कि टीटीआई समेत ट्रेन की पूरी स्कार्ट पार्टी ही फरार हो चुकी थी.
छेड़खानी की शिकार महिला चारू ने पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में कहा था कि वह अपने 3 साल के बच्चे के साथ कानपुर जा रही थी. ट्रेन के बोगी नंबर-बी-10 में 31 नंबर सीट पर चारू को अकेली बैठी देख टीटीआई भरत कुमार शर्मा के अंदर का हैवान जाग गया और उसने उसके साथ बदतमीजी शुरू कर दी. वह महिला की सुरक्षा का हवाला देकर महिला की सीट पर बैठ गया और ओछी हरकतें करने लगा. मौका मिलते ही महिला ने अपने पति और पटना में रहने वाले अपने रिश्तेदार को मोबाइल फोन पर मामले की जानकारी दी थी.
इससे पहले नबंबर महीने में गुवहाटी-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में ही नशे की हालत में सेना के 2 जवानों ने जम कर उत्पात मचाया और महिला मुसाफिरों के सामने गंदी हरकतें की. कोच नंबर बी-9 में सफर कर रहे जवानों ने पहले तो जम कर दारू पिया और उसके बाद मुसाफिरों के साथ बदसलूकी करने लगे. महिलाओं के सामने ही नशे में धुत्त जवानों ने अपने कपड़े उतार डाले और मना करने पर गाली-गलौज करने लगे. ट्रेन के पटना जंक्शन पहुंचते ही दोनों जवानों को गिरफ्तार कर लिया.
पिछले कुछेक सालों में चलती ट्रेनों में महिला मुसाफिरों के साथ छेड़खानी की वारदातों में तेजी से इजाफा हुआ है. अकसर ही इस तरह की वारदातें होती रहती हैं और रेल पुलिस और रेलवे महकमा आरोपियों को पकड़ने और मामले की जांच की बात कह कर पल्ला झाड़ लेता है. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि रेलवे ऐसे मामलों में आरोपियों को सजा देने या दिलाने के बजाए मामले को दबाने में ज्यादा दिलचस्पी लेता है.
रेल पुलिस फोर्स के एक रिटायर्ड अपफसर अंजनी सिन्हा कहते हैं कि ट्रेनों में औरतों के साथ छेड़खानी, भद्दे इशारे या गप्पबाजी करना आम बात हो गई है, अपने सामने या आजू-बाजू की सीट या बर्थ पर बैठी महिला या लड़कियों को देखकर गलत हरकतें ओछी मानसिकता वाले लोग ही करते हैं. इसमें मुसाफिर, ट्रेन के स्टाफ, आरपीएफ और सेना के जवान समेत हर तरह के लोग शामिल होते हैं, जिससे छेड़खानी के ज्यदातर मामलों को आसानी से दबा दिया जाता है.
ट्रेनों में महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले मनचलों के बारे में मनोविज्ञानी अजय मिश्र कहते हैं कि खुराफाती मानसिकता वाले और साथ में औरतों को बैठा देख सेक्स की भावना जगने वालों की कमी नहीं है. कुछ लोग खुद पर काबू रख कर खामोश रह जाते हैं और कुछ लोगों की सेक्स कुंठा पास बैठी लड़कियों और औरतों को देख कर ज्यादा ही मचलने लगती हैं. जिससे वह औरतों के साथ गलत हरकत कर बैठते हैं. यह सब तो दिमागी रोग की तरह है और ऐसे लोगों पर कानून के डंडे से रोक नहीं लगाई जा सकती है.
समाजवादी पार्टी के अधेड़ उमर के बडे़ नेता भी ट्रेन में छेड़खानी कर अपने चेहरे वा कालिख पोत चुके हैं. 18 मार्च 2013 को समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद चंद्रनाथ सिह भी ट्रेन में महिला के साथ छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं. 62 साल के सिंह पद्मावत एक्सप्रेस में साथ में सपफर कर रही एक औरत के साथ गलत व्यवहार कर रहे थे. पीडि़त महिला ने नेता पर आरोप लगाया था कि वह नशे की हालत में थे और कई बार समझाने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे.
एक बड़ी प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले राजेश कुमार राज बताते हैं कि मार्केटिंग के काम के सिलसिले में वह हर महीने करीब 15-20 दिन ट्रेनों में ही गुजारते हैं. चलती ट्रेन में लड़कियों और औरतों को देखकर छेड़खानी करने या गंदी फब्तियां कसने वालों की अलग ही सोच होती है. वह लड़कियों को छूने, उनके बदन से सटने और चिपकने के मौके ढ़ूंढ़ते रहते हैं और कोई मौका न मिले तो खुद मौका पैदा कर लेते हैं.
मसलन इधर-उधर आती जाती लड़कियों के शरीर से सटने के लिए वैसे लोग रास्ते पर खड़े हो जाते हैं, नीचे झुक कर कोई सामान निकालने का स्वांग करने लगते हैं. ऐसे ज्यादातर मामले में महिलाएं खामोश रह जाती हैं. कोई हंगामा न हो या फिर लोक-लाज के डर से औरतों के चुप रहने की वजह से ही लफंगों का मन बढ़ जाता है. अगर पीडि़त महिला हल्ला मचाए तो ट्रेन की बोगी में सवार बाकी मुसाफिर लफंगे को सबक सीखा सकते हैं.
महिला बिग्रेड के जरिए बिहार में औरतों को उनके हकों को लेकर जागरूक करने की मुहिम चलाने वाली अनीता सिन्हा कहती हैं कि औरतों को अपनी रक्षा और सुरक्षा को लेकर खुद ही सतर्क और जागरूक होना होगा, केवल कानून और पुलिस के भरोसे महिलाओं को सुरक्षा हासिल नहीं हो सकती है.
आज काफी पढ़ने लिखने के बाद भी ज्यादातार महिलाएं छेड़खानी और शारीरिक उत्पीड़न को लेकर चुप्पी साधे रह जाती हैं, इसके पीछे बस एक ही वजह होती है, लोक-लाज के डर, लोग क्या कहेंगे, बेकार का फसाद खड़ा होगा. कई मामलों में देखा गया है कि छेड़खानी के खिलाफ हो-हल्ला मचाने या आवाज उठाने वाली महिला को ही समाज बदचलन करार दे देता है. इस वजह से भी कई महिलाएं लफंगों की बेजा हरकतों को चुपचाप सह लेती हैं. ऐसी औरतों को यह समझना पड़ेगा की खामोश रह कर वह लफंगों के मनोबल को बढ़ाने की ही काम करती हैं.
पटना में रेल एसपी प्रकाश नाथ मिश्रा का दावा है कि रेलगाडि़यों में छेड़खानी करने वालों के साथ कड़ी कानूनी कारवाई की जाती है. वह कहते हैं कि ट्रेनों में अगर कोई लफंगा किसी महिला के साथ छेड़खानी करता है या गंदी बातें करता है तो ऐसे में बोगी में मौजूद बाकी सवारियों को इसका विरोध करना चाहिए. इसकी जानकारी ट्रेन में मौजूद रेल पुलिस के जवानों को देनी चाहिए. कोई लफंगा बोगी में गलत हरकत करता है तो बाकी मुसफिरों के चुपचाप रहने से ही बदमाशों का हौसला बढ़ता है, अगर उसे सही समय पर सही सबक दे दिया जाए तो आगे वह ऐसी हरकतें करने से पहले कोई भी लफंगा सौ बार सोचेगा.
रेलगाडि़यों में जब कोई करे छेड़खानी
– अगर कोई रेलकर्मी ही छेड़खानी कर रहा हो तो अपने बोगी या कूपे के बाकी मुसाफिरों की मदद लें.
– कोई लफंगा जब छेड़छाड़ करने की कोशिश करे तो चुप्पी नहीं साधें.
– अगर आपके साथ कोई अपना सफर कर रहा हो तो उसे बताएं, नहीं तो बाकी मुसाफिरों या फिर रेल पुलिस को तुरंत सूचना दें.
– अपने मोबाइल फोन के जरिए किसी रिश्तेदार या दोस्त को एसएमएस के जरिए पूरी जानकारी दें.
– रेल पुलिस की महिला हेल्पलाइन नंबर अपने पास जरूर रखें. हेल्प लाइन नंबर-1800-111322