Top 11 Crime stories In Hindi : समाज में अपराध दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं फिर चाहे वो परिवार हो या प्यार. लोगों में गुस्सा और अहंकार बढ़ता ही जा रहा है जिसकी वजह से लोग किसी की जान लेने से भी नहीं डरते. ऐसे में हम आपके लिए लाये हैं कुछ ऐसी ही क्राइम स्टोरीज (Crime Stories) जिन को पढ़कर आप भी चौंक जायेंगे कि कैसे हमारा समाज अपराध के शिकंजे में कसता जा रहा है. यहां आप पढ़ सकते हैं हमारी टॉप हिंदी क्राइम स्टोरीज. 

1. हवस का नतीजा: राज ने भाभी के साथ क्या किया

अचानक एक पेज पर जा कर उस की आंखें अटक गईं. वह अभी अपनी कमीज के सारे बटन भी बंद नहीं कर पाया था लेकिन उस को इस बात की परवाह नहीं रही. वह अपलक उस पन्ने में लिखे शब्दों को पढ़ने लगा. उस में मुग्धा ने लिखा था, ‘बस अब बहुत रो लिया, बहुत दुख मना लिया औलाद के लिए. मेरा बेटा मेरे पास था और मैं उसे पहचान ही नहीं पाई. जब से मैं यहां आई, उसे बच्चे के रूप में देखा तो आज अपनी कोख के बच्चे के लिए इतनी चिंता क्यों? मैं बहुत जल्दी राज को कानूनी रूप से गोद लूंगी.’

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2. जान लेने वाली पत्नियां

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महज 7 महीने के छोटे से वैवाहिक जीवन में कुसुम ने 14-15 बार मायके की ओर दौड़ लगाई थी. जब वह ससुराल में होती थी तो उस की मां रातदिन अपने नाती रिंकू के रोने की बात फोन पर बता कर उस को ससुराल में नहीं रहने देती थी. कुसुम को उस की मां हमेशा अपनी तबीयत का दुखड़ा बता कर बुलाती थी. कुसुम की गोद में रिंकू को डाल कर वह उस का भावनात्मक शोषण करती थी. इस तरह से मां ने एक पल भी कुसुम को ससुराल में चैन से अपने पति विनीत के साथ नहीं रहने दिया. इस से विनीत डिप्रैशन में चले गया तो मां ने नई चाल चली. वह कुसुम को सिखाने लगी कि तेरा आदमी नामर्द है, उसे छोड़ दे.

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3. मोहिनी : कौन सी गलती ने बर्बाद कर दिया परिवार

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कन्हैया सावधानी से उस के दरवाजे तक आ गया और वहां से उसे अपने आंगन तक ले जाने के लिए तो मोहिनी वहां मौजूद थी ही. तकरीबन 2 घंटे तक कन्हैया वहां रह कर मौजमजा लेता रहा, फिर जैसे आया था वैसे ही लौट गया. ठीक उसी समय अलग हुए बराबर के घर में सलोनी अपने छोटे भाई रमुआ के साथ पशुओं को खूंटे से बांध रही थी. आज रमुआ अपने साथ दोपहर का खाना नहीं ले जा सका था, इसी वजह से वह सवेरे ही पशुओं को हांक लाया था.

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4. पत्नी बनने की जिद ने करवाया कत्ल – भाग 1

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कुछ ही देर में थानाप्रभारी वहां पहुंच गए. उन्होंने जब गौर किया तो उन्हें इंसान के पैर दिखे जिन में बिछुए थे. वह समझ गए कि यह किसी महिला की लाश है. तब तक अग्निशमन दल की टीम भी वहां आ चुकी थी. टीम ने जब आग बुझाई तो वहां वास्तव में एक महिला की लाश निकली. वह लाश झुलस चुकी थी. फिर भी चेहरा इतना तो बचा था कि उस की शिनाख्त हो सकती थी.

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5. पैसों के लालच में बुझ गई ‘रोशनी’

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मोटरसाइकिल से आए युवकों में से 2 नीचे उतरे और रामदुरेश को धक्का मार कर गिरा दिया. उन के गिरते ही वे युवक स्टालर से 2 साल की रौशनी को उठा कर फगवाड़ा की ओर भाग गए. यह सब इतनी जल्दी में हुआ था कि रामदुरेश कुछ सोचसमझ ही नहीं पाए. जब तक वह उठ कर खड़े हुए, मोटरसाइकिल सवार काफी दूर जा चुके थे. वह मोटरसाइकिल का नंबर भी नहीं देख पाए. रामदुरेश ने शोर मचाया तो तमाम लोग इकट्ठा हो गए. घर वाले भी बाहर आ गए. उन्होंने उन से युवकों का पीछा करने को कहा. कई लोग मोटरसाइकिलों से फगवाड़ा की ओर गए, लेकिन किसी को वे युवक दिखाई नहीं दिए.

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6. नादान मोहब्बत का नतीजा 

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इरफान देखने में अच्छाखासा था और ठीकठाक कमाई भी कर रहा था, केवल एक ही बात थी कि वह मुसलमान था. पर आज के जमाने में तमाम अंतरजातीय विवाह होते हैं. यह सब सोच कर शिल्पी ने इरफान की मोहब्बत स्वीकार कर ली. उस दिन के बाद वह अकसर उस के साथ घूमनेफिरने लगी. मोहल्ले वालों ने जब शिल्पी को इरफान के साथ देखा तो तरहतरह की बातें करने लगे. किसी ने रामअवतार को बताया कि वह अपनी बेटी को संभाले. वह एक मुसलमान लड़के के साथ घूमतीफिरती है. कहीं उस की वजह से कोई बवाल न हो जाए.

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7. मोहब्बत की परिणति : क्या कहानी है इस परिवार की

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सरेआम हुई इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी. गोली चलाने वाले कौन थे, किस तरफ भागे थे, किसी को कुछ पता नहीं था. पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. पुलिस ने पड़ोसियों से बात की तो उन्होंने बताया कि हम ने गोलियां चलने की आवाज तो नहीं सुनी अलबत्ता मार दिया…मार दिया… की चीखपुकार जरूर सुनी थी. जिस के बाद वे लोग पाराशर के मकान की तरफ दौड़े. हालांकि कुछ लोगों ने पाराशर के मकान से एक आदमी को भागते देखा, लेकिन वह कौन था, कैसे आया और कहां गया, इस बाबत कुछ नहीं बता पाए.

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8. प्रेम कहानी का भयानक अंत: क्यों हुआ प्यार का ऐसा अंजाम

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शिवम पर कानूनी शिकंजा कसा जाने लगा तो वह परेशान हो गया. नंदिनी ने शिवम पर जो आरोप लगाए उस के अनुसार झगड़े के बाद शिवम सुलह और शादी कराने के लिए उसे एक मंदिर में ले गया. लेकिन मंदिर में पहले से कई लड़के मौजूद थे. शिवम और उस के साथियों ने वहीं पर नंदिनी के साथ गैंगरेप किया. इतना ही नहीं, उन्होंने उसे चुप रहने की धमकी भी दी. अपने साथ हुए इस धोखे पर नंदिनी ने भी सोच लिया कि वह अब चुप नहीं बैठेगी. उस ने मामला पुलिस में ले जाने और शिवम को सजा दिलाने की ठान ली.

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9. दुष्कर्मियों को सजा: निडरता की मिसाल बनी रीना

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इस के बाद उन सभी लड़कों ने रीना को अपनी हवस का शिकार बनाया. विरोध करने पर उस के साथ मारपीट कर के गालियां दी गईं. एक आरोपी ने ब्लैकमेल करने के लिए मोबाइल से उस की वीडियो भी बना ली, साथ ही धमकी दी कि जब भी बुलाएं आ जाना और अगर पुलिस में जाने की सोची तो उसे बदनाम कर दिया जाएगा. रीना रोईगिड़गिडाई, पर उन हैवानों पर इस का कोई असर नहीं हुआ. बदनामी के डर से रीना इस घटना के बाद चुप रही. न परिवार को बताया और न ही पुलिस को. अलबत्ता वह घुटन भरी जिंदगी जीती रही. हालात और मजबूरी के आगे परेशान हो कर उस ने गांव छोड़ दिया और गुड़गांव जा कर नौकरी करने लगी.

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10. कोठा: उस लड़की ने धंधा करने से क्यों मना कर दिया

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दूसरे दिन रामू जीप ले कर रजनी को लेने दामोदर की खोली में पहुंचा, तो दामोदर वहां नहीं था. उस के कमरे के बाहर ताला लटका देखा. रामू तो समा गया कि दामोदर रजनी को ले कर कहीं भाग गया है. जब यह खबर चनकू बाई को मिली, तो वह गुस्से से तिलमिला उठी. उस ने फौरन शहर में गुंडे फैला दिए थे, ताकि दामोदर और रजनी शहर से बाहर न जाने पाएं. अब सारे शहर में चनकू बाई के आदमी घूम रहे थे, पर दामोदर और रजनी का कहीं अतापता नहीं था. रामू भी कुछ आदमियों को ले कर रेलवे स्टेशन पर तलाश कर रहा था. हथियारों से लैस चनकू बाई के आदमी टे्रन के हर डब्बे की तलाशी ले रहे थे.

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11. साधना कक्ष: बाबा ने की हद पार

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बाबा ने अंजलि को फिर वही मिठाई खाने को दी जो उस ने परची पर लिखी थी. लेकिन इस बार अंजलि को जरा भी हैरानी नहीं हुई क्योंकि उसे यह पता चल चुका था कि बाबा को परची पर लिखी गई हर बात पता चल जाती है. इस के पीछे कोई न कोई राज जरूर था, जिस से आज परदा उठने वाला था. अंजलि इसी सोच में डूबी थी कि बाबा की आवाज उस के कानों में गूंजी, ‘‘अब तुम रात बिताने को तैयार हो. जाओ और मिठाई खा कर आराम करो.’’ इतना कह कर बाबा बाहर चला आया और अंजलि के साथ आई मौसी से साधना कक्ष में ताला लगवा कर अपनी आरामगाह में चला गया.

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