9 नवंबर, 2019 की बात है. दोपहर के यही कोई ढाई बजे थे. नवी मुंबई के उपनगर पनवेल के सीटी पुलिस थाने के थानाप्रभारी अजय कुमार लांडगे को एक अहम खबर मिली. खबर यह थी कि पनवेल के होटल समीर लाजिंग एंड बोर्डिंग के कमरा नंबर 101 में कोई बड़ा हादसा हो गया है. कमरे के अंदर ठहरे एक दंपति और उन की 2 वर्षीय बच्ची की स्थिति कुछ ठीक नहीं है.
यह जानकारी मिलते ही थानाप्रभारी अजय कुमार लांडगे अपने सहायक इंसपेक्टर शत्रुघ्न माली, महिला एएसआई सरिता मुसले और कांस्टेबल योगेश मेढ़ को अपने साथ ले कर होटल लाजिंग एंड बोर्डिंग की तरफ रवाना हो गए.
यह होटल नवी मुंबई पनवेल का एक जानामाना होटल था. उस होटल में इस प्रकार की यह पहली घटना थी. इसलिए होटल का पूरा स्टाफ परेशान था. जब यह खबर लोगों के बीच फैली तो होटल में ठहरे लोगों में हलचल मच गई. वे लोग होटल के कमरा नंबर 101 के सामने आ कर जमा हो गए.
कमरा नंबर 101 होटल की पहली मंजिल पर था. पुलिस जब उस कमरे में गई तो डबल बेड पर एक महिला और एक पुरुष के अलावा एक बच्ची चित अवस्था में पड़े थे. निरीक्षण में पता चला कि महिला और पुरुष की सांसें तो धीमी गति से चल रही थीं, लेकिन बच्ची की सांस थम चुकी थी. उस के मुंह से झाग निकल रहे थे और पूरा बदन नीला पड़ गया था.
कमरे से उठती कीटनाशक दवा की गंध से पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी कि आखिर मामला क्या था. थानाप्रभारी ने बिना देरी किए एंबुलेंस बुला कर तीनों को स्थानीय अस्पताल भेज दिया. अस्पताल के डाक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया, जबकि बेहोश महिला और पुरुष का प्राथमिक उपचार करने के बाद उन्हें मुंबई के जेजे अस्पताल रेफर कर दिया. उन की हालत काफी चिंताजनक थी.
मामला गंभीर था. थानाप्रभारी किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने मामले की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी और घटना स्थल के निरीक्षण में जुट गए. उन्होंने होटल मैनेजर और वहां के कर्मचारियों से पूछा तो मालूम पड़ा कि वे लोग उस होटल में 2 दिन पहले आ कर ठहरे थे.
होटल के रजिस्टर में उन्होंने अपने आप को दंपति के रूप में दर्ज करवाया था. वे लोग कौन थे, कहां से आए थे. यह जानकारी पुलिस को उस होटल के रजिस्टर और उन के कमरे की तलाशी के दौरान मिल गई. ये लोग मूल रूप से केरला के रहने वाले थे.
थानाप्रभारी अजय कुमार लांडगे अभी घटना स्थल का निरीक्षण कर ही रहे थे कि सूचना पा कर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी वहां आ गए. उन के साथ फोरैंसिक टीम भी थी. फोरैंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए.
इस के बाद थानाप्रभारी ने होटल का कमरा सील कर मृतक बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए जेजे अस्पताल भेज दिया. फिर होटल मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज कर जांचपड़ताल शुरू कर दी. जब उन्होंने होटल के कमरे में मिले डोक्यूमेंट्स के आधार पर उन के परिवार वालों से संपर्क किया तो उन के सामने चौंका देने वाला सच सामने आया.
पता चला कि आत्महत्या की कोशिश करने वाले लोग पतिपत्नी न हो कर प्रेमी और प्रेमिका थे. उन का नाम लिजी कुरियन और वसीम अब्दुल कादिर था और मृतक बच्ची जोहना थी. ये लोग हत्या के आरोपी थे. उन के ऊपर रिजोश कुरियन की हत्या का आरोप था.
यह पता चलते ही पुलिस ने लिजी कुरियन और वसीम अब्दुल कादिर को हिरसात में ले लिया. ये लोग केरल के जिला इडुक्की के थाना संथनपारा के रहने वाले थे, इसलिए पनवेल पुलिस ने यह जानकारी संथनपारा पुलिस को दे दी.
आपराधिक जानकारी पाते ही केरल के थाना संथनपारा के एसआई विनोद कुमार अपनी टीम के साथ पनवेल पहुंच गए. उन के साथ मुंबई पुलिस की कस्टडी में अभियुक्तों के परिवार वाले भी थे, पनवेल नवी मुंबई की पुलिस और केरल पुलिस टीम ने जब संयुक्त रूप से मामले की तफ्तीश की तो कहानी कुछ इस तरह सामने आई—
36 वर्षीय रिजोश कुरियन केरल के जनपद इडुक्की के थाना संथनपारा के एक छोटे से गांव में रहता था. वह उसी इलाके के एक बड़े रिजोर्ट में काम करता था. परिवार में उस की पत्नी लिजी कुरियन के अलावा एक बेटी थी जोहना. लिजी काम के दौरान ही रिजोश की जिंदगी में आई थी. पहले दोनों में दोस्ती हुई. 4 साल पहले परिवार वालों की सहमति से दोनों ने लव मैरिज कर ली थी.
शादी के बाद लिजी और रिजोश कुरियन का दांपत्य जीवन सुचारू रूप से चलने लगा. रिजोश जिस रिसोर्ट में काम करता था, वहां उस का वेतन बहुत ज्यादा नहीं था, लेकिन इतना जरूर था कि किसी तरह घर का खर्च चल जाता था. घर में कभी आर्थिक परेशानी होती तब भी लिजी किसी तरह एडजस्ट कर लेती थी. लेकिन जब लिजी ने एक बेटी को जन्म दिया तो घर के खर्चे कुछ बढ़ गए.
मैनेजर ने लगाई संबंधों में सेंध
लिजी कुरियन यह नहीं चाहती थी कि जिन अभावों में वह अपनी जिंदगी गुजार रही थी, उस अभाव का असर उस की बेटी जोहना पर पड़े. यही सोच कर उस ने खुद भी नौकरी करने का मन बनाया. इस के लिए उस ने पति रिजोश से बात की तो उसे पत्नी का यह प्रस्ताव अच्छा नहीं लगा.
तब लिजी ने तर्क दिया कि जब हम दोनों कमाएंगे तो हमारी बेटी की पढ़ाई के साथ परवरिश भी अच्छी होगी. रिजोश को पत्नी की बात ठीक तो लगी लेकिन समस्या यह थी कि लिजी के नौकरी पर जाने के बाद जोहना की देखभाल कौन करेगा.
लिजी ने पति को यह कह कर राजी कर लिया कि यहां ऐसे कई पालन घर हैं जो बच्चों को न सिर्फ संभालते हैं बल्कि उन की अच्छी तरह से देखभाल भी करते हैं. आखिरकार न चाहते हुए भी रिजोश को पत्नी की जिद के आगे झुकना पड़ा. तब रिजोश ने अपने ही रिसोर्ट के मशरूम फार्म में लिजी को नौकरी दिलवा दी. लिजी को नौकरी मिल जाने के बाद दोनों साथसाथ घर से निकलते थे. पहले वह अपनी बेटी जोहना को पालन घर छोड़ते, फिर रिसोर्ट जाते.
ड्यूटी से लौटते समय ये लोग पालन घर से अपनी बेटी को घर ले आते थे. एक साथ काम करने से पतिपत्नी काफी खुश थे. दोनों के वेतन से धीरेधीरे घर की स्थिति भी सुधर गई. बेटी जोहना के भविष्य के लिए भी वह पैसों की बचत कर रहे थे.
सब कुछ ठीक से चल रहा था, लेकिन उन की खुशी को रिसोर्ट के मैनेजर वसीम अब्दुब्ल कादिर की नजर लग गई. मैनेजर वसीम अब्दुल ने जिस दिन से लिजा को देखा था, उस के दिल में उतर गई थी. वह लिजा को चाहने लगा था. 27 वर्षीय वसीम अब्दुल कादिर भी उसी इलाके में रहता था, जहां रिजोश कुरियन रहता था. वह अविवाहित था.
रिसोर्ट में वसीम अब्दुल कादिर की छवि कर्तव्यनिष्ठ और कड़क स्वभाव वाले व्यक्ति की थी लेकिन वह रिजोश और लिजी के प्रति नरम दिल और उदार बन गया. लिजी से नजदीकियां बढ़ाने के लिए वसीम उस के आगेपीछे घूमने लगा. वह लिजी को प्रभावित करने के लिए बनठन कर रिसोर्ट आता और उस के करीब रहने की कोशिश करता था. जब इस सब का लिजी पर कोई असर नहीं पड़ा तो उस ने एक दूसरा रास्ता अपनाया.
उस ने लिजी के पति रिजोश से दोस्ती कर ली. इस के बाद वह उस के घर आनेजाने लगा. कभीकभी पार्टी देने के बहाने वह रिजोश को होटलों में ले जाता, जहां वह उसे जम कर शराब पिलाता.
जब रिजोश शराब के नशे में धुत हो जाता था, तो वसीम उसे छोड़ने के बहाने उस के घर आ जाता. घर पहुंच कर वह लिजी से सहानुभुति बटोरने के लिए कहता कि रिजोश नशे में धुत सड़क पर पड़ा था, मैं ने देखा तो उठा कर ले आया. रिजोश को उस के कमरे तक पहुंचाने के लिए वह लिजी की मदद लेता और उसी दौरान लिजी के बदन को स्पर्श कर लेता था. लिजी चाह कर भी उस का विरोध नहीं कर पाती थी. लिजी जब नशे में चूर रिजोश को आड़े हाथों लेती, तो वह बीचबचाव करने लगता.
जब कई बार ऐसा हुआ तो मौका देख कर एक दिन वसीम ने हिम्मत कर के लिजी का हाथ पकड़ लिया. लिजी ने जब हाथ छुड़ाने की कोशिश की तो वसीम ने उस का हाथ नहीं छोड़ा और कहा, ‘‘लिजी मैं तुम से प्यार करने लगा हूं. मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता.’’
इस पर लिजी ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘आप को पता है कि मैं एक बेटी की मां हूं. इसलिए अच्छा यही होगा कि मुझे भूल जाओ.’’
लेकिन वसीम ने हार नहीं मानी. वह लिजी के दिल में अपनी छवि बनाने की कोशिश करता रहा. उस की हमदर्दी और सहानुभूति के चलते लिजी के मन में भी उस के प्रति प्यार का अंकुर फूटने लगा. धीरेधीरे उस का झुकाव भी वसीम अब्दुल कादिर की तरफ हो गया. इस के 2 कारण थे, एक यह कि रिजोश अब पूरी तरह शराब का आदी हो गया था और दूसरा यह कि वह लिजी के तनमन की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहा था.
पति की नाक के नीचे पत्नी की अय्याशी
यही कारण था कि लिजी ने वसीम के लिए अपने दिल का दरवाजा खोल दिया. इस के बाद तो वसीम बागबाग हो गया. दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं और फिर एक दिन उन्होंने मौका पा कर अपनी हसरतें भी पूरी कर लीं. एक बार जब मर्यादा की जंजीर टूटी तो फिर जुड़ी ही नहीं. जब भी उन्हें मौका मिलता, तनमन की प्यास बुझा लेते थे.
2 सालों तक रिजोश की नाक के नीचे उन दोनों के अवैध संबंधों का वृक्ष फलताफूलता रहा, लेकिन उसे भनक तक नहीं लगी. रिजोश को इस का पता नहीं चलता यदि रिसोर्ट के कर्मचारियों के बीच उन के संबंधों की बात न फैलती.
रिजोश को जब पत्नी के बहके कदमों की जानकारी मिली तब तक काफी देर हो चुकी थी. रिजोश विरोध कर नहीं सकता था. इसलिए उस ने पत्नी की ही नौकरी छुड़वा कर उसे घर में बैठने को कहा. लिजी को पति की बात माननी पड़ी.
इतना ही नहीं रिजोश ने लिजी को यह भी हिदायत दी कि वह अपने प्रेमी वसीम से न मिले. मुलाकात बंद होने पर वसीम और लिजी परेशान हो गए. किसी तरह एक दिन मौका मिलने पर लिजी ने वसीम से मुलाकात की, उसे बताया कि पति के होते हुए हम लोगों की मुलाकात संभव नहीं हो पाएगी. इसलिए रास्ते का पत्थर बने रिजोश को रास्ते से हटा दो. वसीम भी यही चाहता था. इसलिए दोनों ने रिजोश को ठिकाने लगाने की एक खतरनाक योजना तैयार कर ली.
31 अक्तूबर, 2019 को योजना के अनुसार वसीम अब्दुल कादिर ने लिजी के पति रिजोश को कुछ काम के लिए रिसोर्ट पर बुलाया और वहां उस के साथ दारू पी. उस ने रिजोश को काफी मात्रा में शराब पिलाई. जब रिजोश को ज्यादा नशा हो गया तो वसीम ने उस का गला दबा कर हत्या कर दी. फिर उस के शव को रिसोर्ट के अंदर ही एक गहरी खाई में डाल कर जला दिया. यह जानकारी उस ने लिजी को भी दे दी.
जब 3 दिनों तक रिजोश घर नहीं आया तो घर वालों को उस की चिंता हुई. रिजोश के भाई उस की तलाश में जुट गए. काफी तलाश करने के बाद भी जब उस का कहीं पता नहीं चला तो 4 नवंबर, 2019 को रिजोश के भाई और साले थाना संथनपरा पहुंचे. वहां पर उन्होंने रिजोश की गुमशुदगी दर्ज करवा दी.
मामला गंभीर था. केरल के पुलिस आयुक्त महेश कुमार ने मामले की तफ्तीश थानाप्रभारी प्रदीप कुमार को सौंप दी. थानाप्रभारी प्रदीप कुमार ने एसआई विनोद कुमार के साथ अपनी जांच शुरू की.
पुलिस तफ्तीश की पहली सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाई थी कि 5 नवंबर, 2019 की सुबह लिजी कुरियन भी अपनी बेटी जोहना के साथ रहस्यमय तरीके से गायब हो गई.
मौत ने भी स्वीकारा नहीं
पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि लिजी के साथसाथ रिसोर्ट का मैनेजर वसीम अब्दुल कादिर भी गायब है. अब पुलिस के लिए मामला संदिग्ध हो गया था. पुलिस ने जब लिजी और वसीम अब्दुल कादिर का बैकग्राउंड खंगाला तो सब सच सामने आ गया.
इस से पुलिस को यकीन हो गया कि रिजोश कुरियन किसी रहस्यमय साजिश का शिकार हो गया है, जिस की तह में जाना जरूरी था. इस के लिए उन्होंने जब रिसोर्ट कर्मचारियों के साथ कई एकड़ में फैले रिसोर्ट का बारीकी से निरीक्षण किया. फलस्वरूप एक मजदूर की मदद से रिसोर्ट की एक गहरी खाई से रिजोश का अधजला शव बरामद हो गया.
7 नवंबर, 2019 को बरामद हुए रिजोश के शव की शिनाख्त कर उसे पोस्टमार्टम के लिए केरल के मैडिकल कालेज भेज दिया गया. अब यह बात पूरी तरह से साफ हो गई थी कि रिजोश की हत्या में वसीम का सीधा हाथ था. पुलिस ने इस मामले में वसीम अब्दुल कादिर के परिवार वालों पर अपना शिकंजा कस दिया और वसीम अब्दुल कादिर के भाई को हिरासत में ले कर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में लग गई.
8 नवंबर, 2019 को जब यह खबर पत्रकारों को मिली तो अखबारों और टीवी न्यूज चैनलों में सुर्खियों में छा गई. लिजी और वसीम ने यह खबर देखी तो उन के चेहरों का रंग उड़ गया. भाई की कस्टडी और मीडिया की सुर्खियों से वसीम को एहसास हो गया था कि अब उन का बच पाना संभव नहीं है. इस के पहले कि पुलिस उन दोनों तक पहुंचती उन्हें अपने किए पर पछतावा हुआ. फलस्वरूप दोनों ने अपना जीवन खत्म करने का फैसला कर लिया.
रात को घूमने के बहाने दोनों होटल समीर लाजिंग एंड बोर्डिंग से बाहर आए. बाजार से उन्होंने कीटनाशक दवा खरीदी. इस मामले को ले कर रातभर दोनों परेशान रहे. सुबह 10 बजे उन्होंने उस दवा का स्वयं सेवन किया और उस मासूम बच्ची को भी करा दिया. बच्ची उस दवा के असर से बच नहीं पाई और उस की मृत्यु हो गई. जबकि वे दोनों बेहोश हो गए. उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया, बाद में वे ठीक हो गए.
उधर केरल के संथनपारा थाना पुलिस के थानाप्रभारी वसीम अब्दुल कादिर के भाई का मुंह खुलवाने में कामयाब हो पाते, इस के पहले ही मुंबई पुलिस ने संथनपारा पुलिस से संपर्क कर इस मामले की जानकारी दे दी.
नवी मुंबई पुलिस और केरल पुलिस ने संयुक्त रूप से मामले की तफ्तीश कर लिजी कुरियन और वसीम कादिर को मीडिया के समक्ष पेश कर केस का खुलासा कर दिया. रिजोश कुरियन की हत्या के मामले में केरल पुलिस विस्तार से पूछताछ के लिए दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले गई.
सौजन्य: मनोहर कहानियां, जनवरी 2020