लखनऊ के वजीरगंज मोहल्ले की रहने वाली नूरी का असली नाम शनाया था. लेकिन वह देखने में इतनी सुंदर थी कि लोगों ने प्यार से उस का नाम नूरी रख दिया था. नूरी केवल चेहरे से ही नहीं, अपने स्वभाव से भी बहुत प्यारी थी. वह अपनी बातों से सभी का मन मोह लेती थी. एक बार जो उस के करीब आता था, वह हमेशा के लिए उस का हो जाता था.

नूरी के परिवार में उस के पिता मोहम्मद असलम, मां और भाईबहन थे. नूरी पढ़ीलिखी थी. वह स्कूटी चलाती थी और अपने घरपरिवार की मदद के लिए बाहर भी जाती थी. अपने काम के लिए वह किसी पर निर्भर नहीं थी. उस का यह अंदाज लोगों को पसंद आता था. मोहल्ले के कई लड़के उसे अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते थे.

वजीरगंज लखनऊ के मुसलिम बाहुल्य इलाकों में से एक है. यहां की आबादी काफी घनी है. लेकिन लखनऊ के कैसरबाग और डौलीगंज जैसे खुले इलाकों से जुड़े होने के कारण वजीरगंज का बाहरी इलाका काफी साफसुथरा और खुलाखुला है. सिटी रेलवे स्टेशन, कैसरबाग बस अड्डा, मैडिकल कालेज के करीब होने के कारण यहां बाहरी लोगों का आनाजाना भी बना रहता है. ऐतिहासिक रूप से भी वजीरगंज लखनऊ की काफी मशहूर जगह है.

यहीं पर नूरी की मुलाकात सुलतान से हुई. जिस तरह से नूरी अपने नाम के अनुसार सुंदर थी, उसी तरह सुलतान भी अपने नाम के हिसाब से दबंग था. लड़कियों को प्रभावित कर लेना उस की खूबी थी. उस की इसी खूबी के चलते नूरी जल्दी ही उस से प्रभावित हो गई.

हालांकि नूरी और सुलतान की उम्र में अच्छाखासा फासला था. 20 साल की नूरी को सलमान खान जैसी बौडी रखने वाला सुलतान मन भा गया. घर वालों की मरजी के खिलाफ जा कर नूरी ने सुलतान के साथ निकाह कर लिया.

शादी के बाद दोनों के संबंध कुछ दिन तक बहुत मधुर रहे. प्रेमी से पति बने सुलतान को नूरी में अब पहले जैसा आकर्षण नजर नहीं आ रहा था. इस की वजह यह थी कि सुलतान को नईनई लड़कियों का शौक था. नूरी को भी अब सुलतान की सच्चाई का पता चल गया था. उसे समझ में आ गया था कि उस ने जल्दबाजी में गलत फैसला कर लिया था, लेकिन अब वह कुछ नहीं कर सकती थी.

सैक्स रैकेट चलाता था सुलतान

नूरी को पता चला कि सुलतान लड़कियों को अपने जाल में फंसा कर उन से शारीरिक संबंध बनाता था. इस के बाद वह लड़कियों के सहारे नशे के साथसाथ सैक्स रैकेट भी चलाता था. यही उस का पेशा था, जिसे वह मोहब्बत समझी थी. नूरी पूरी तरह सतर्क थी, इस कारण सुलतान उस का बेजा इस्तेमाल नहीं कर पाया.वह अपराधी प्रवृत्ति का था, जेल आनाजाना उस के लिए मामूली बात थी.

यह पता चलने पर नूरी को निराशा हुई और अपने फैसले पर बुरा भी लगा. लेकिन अब समय निकल चुका था. नूरी पूरी तरह से सुलतान के कब्जे में थी. दूसरी तरफ उस के परिवार ने भी उस से संबंध खत्म कर दिए थे. हमेशा खुश रहने वाली नूरी के चेहरे की चमक गायब हो चुकी थी. उसे अपने फैसले पर पछतावा हो रहा था.

सुलतान जब भी जेल में या घर से बाहर रहता था, उस के घर सुलतान की बहन फूलबानो और बहनोई शबाब अहमद उर्फ शब्बू का आनाजाना बना रहता था. शब्बू का स्वभाव भी सुलतान जैसा ही था.

वह हरदोई जिले के संडीला का रहने वाला था. उस के खिलाफ संडीला कोतवाली में 8, लखनऊ की महानगर कोतवाली में 2 और मलीहाबाद कोतवाली में 2 मुकदमे दर्ज थे. अब वह चौक इलाके में रहता था. जरूरत पड़ने पर वह वजीरगंज में सुलतान के घर भी आताजाता था.

सुलतान का रिश्तेदार होने के कारण किसी को कोई शक भी नहीं होता था. सुलतान अकसर जेल में रहता या फरार होता तो शब्बू उस के घर आता और नूरी की मदद करता था. नूरी की सुंदरता से वह भी प्रभावित था.

नूरी के प्रति शब्बू के लगाव को बढ़ता देख सुलतान की बहन फूलबानो को बुरा लगता था. उस ने कई बार पति को मना भी किया कि अकेली औरत के पास जाना ठीक नहीं है. मोहल्ले वाले तरहतरह की बातें बनाते हैं. पर शब्बू को इन बातों से कोई मतलब नहीं था. कई बार जब फूलबानो ज्यादा समझाने लगती तो शब्बू उस से मारपीट करता था.

कुछ समय तक तो फूलबानो ने इस बात का जिक्र अपने भाई सुलतान से नहीं किया, पर धीरेधीरे वह अपने भाई को सब कुछ बताने लगी. बहन को दुखी देख सुलतान ने अपनी पत्नी नूरी से बात कर के शब्बू से दूरी बनाने के लिए कहा. नूरी ने उसे बताया कि शब्बू खुद उस के घर आताजाता था. अपराध जगत से जुड़ा होने के कारण सुलतान को लगने लगा कि शब्बू ऐसे मानने वाला नहीं है.

दूसरी तरफ सुलतान की बहन फूलबानो इस सब के लिए अपने पति शब्बू से ज्यादा भाभी नूरी को जिम्मेदार मानती थी. फूलबानो को नूरी की खूबसूरती से भी जलन होती थी. वह अपने भाई को बारबार समझाती थी कि नूरी ही असल फसाद की जड़ है. जब तक वह रहेगी, कोई बात नहीं बनेगी.

हत्या की बनाई योजना

शब्बू सुलतान की मदद भी करता था और उस की बहन फूलबानो का पति भी था. ऐसे में वह उस से दूरी नहीं बना सकता था. फूलबानो अब नूरी के खिलाफ अपने पति को भी यह कह कर भड़काने लगी कि नूरी के दूसरे पुरुषों से भी संबंध हैं.

इसी बात को मुद्दा बना कर फूलबानो और सुलतान शब्बू पर नूरी को रास्ते से हटाने का दबाव बनाने लगे. पत्नी और साले के दबाव में शब्बू ने नूरी को रास्ते से हटाने के लिए ऐसी योजना बनाई, जिस से नूरी रास्ते से भी हट जाए और किसी पर कोई आंच भी न आए.

24 फरवरी, 2020 को सुलतान को जेल से पेशी पर कचहरी आना था. फूलबानो और शब्बू के साथ चिकवन टोला का रहने वाला जुनैद भी उन के साथ हो लिया. जब चारों लोग घर से निकले तो शब्बू और जुनैद पल्सर बाइक से और फूलबानो व नूरी स्कूटी से कचहरी जाने के लिए निकले.

दोपहर 2 बजे तक ये लोग कचहरी में सुलतान से मिले और फिर नूरी को मारने के इरादे से इधरउधर सुरक्षित जगह की तलाश करने लगे. शब्बू को मलीहाबाद इलाके की पूरी जानकारी थी. उस ने नूरी की हत्या के लिए वही जगह चुनी. इधरउधर घूमने के बाद चारों लोग देर शाम फरीदीपुर गांव पहुंचे. रात 8 बजे सन्नाटे का लाभ उठाते हुए तीनों ने चाकू से नूरी का गला रेत दिया.

नूरी की हत्या आत्महत्या लगे, इस के लिए उस के शव को पास के रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया, ताकि ट्रेन की चपेट में आने के बाद यह आत्महत्या सी लगे. नूरी की स्कूटी, मोबाइल और चाकू ले कर ये लोग संडीला भाग गए. इधर रात को ट्रेन के चालक ने जब रेलवे लाइन पर शव पड़ा देखा तो उस ने स्टेशन मास्टर मलीहाबाद को सूचना दी.

स्टेशन मास्टर ने इंसपेक्टर मलीहाबाद सियाराम वर्मा और सीओ मलीहाबाद सैय्यद नइमुल हसन को ट्रैक पर लाश पड़ी होने की जानकारी दी. पुलिस ने अब काररवाई के साथसाथ सब से पहले शव की शिनाख्त के लिए प्रयास किया तो पता चला शव वजीरगंज की रहने वाली नूरी का है.

उस के पिता मोहम्मद असलम ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस छानबीन में लग गई. पुलिस ने जब नूरी के मोबाइल की काल डिटेल्स निकाल कर छानबीन की तो उसे संडीला के रहने वाले शब्बू के खिलाफ सबूत मिल गए.

आरोपी चढ़े हत्थे

ऐसे में पुलिस ने पहले शब्बू, बाद में उस की पत्नी फूलबानो व जुनैद को पकड़ लिया. पता चला कि नूरी की हत्या इन तीनों ने ही की थी. पुलिस को गुमराह करने के लिए तीनों लोगों ने अपने मोबाइल घर पर छोड़ दिए थे, जिस से उन की लोकेशन नूरी के साथ न मिले.

सीओ नइमुल हसन ने बताया कि घटना में शामिल जुनैद उर्फ रउफ की बाइक रिपेयरिंग की दुकान है. हत्या के बाद इन लोगों ने नूरी की स्कूटी के कई टुकड़े कर के इधरउधर कर दिए थे. शब्बू ने नूरी के मोबाइल फोन के सिम और बैटरी को निकाल कर इधरउधर फेंक दिया था. पुलिस ने इन की निशानदेही पर यह सब सामान बरामद कर लिया.

पुलिस के मुताबिक सुलतान अपनी पत्नी नूरी को रास्ते से हटाना चाहता था. इस की वजह उस के अवैध संबंध बताए जा रहे थे. सुलतान और उस की बहन फूलबानो को लगता था कि नूरी और शब्बू के संबंध थे, परेशानी की एक वजह यह भी थी. इस काम में शब्बू और उस के साथी जुनैद को भी साथ देना पड़ा.

पुलिस ने फूलबानो, शब्बू और जुनैद के खिलाफ हत्या का मुकदमा कायम कर तीनों को जेल भेज दिया. नूरी के पति को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना गया. इस तरह मलीहाबाद पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर के बता दिया कि अपराधी कितनी ही होशियारी क्यों न दिखा ले, अपराध सिर चढ़ कर बोलता है. नूरी ने जिसे मोहब्बत समझा था, उस सुलतान में कई कमियां थीं, जिन के चलते नूरी को उस की मोहब्बत रास नहीं आई.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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