जगजीवन राम रात्रे की आंखें गुस्से से लाल थीं, उस ने पत्नी की गरदन दबोचते हुए गुस्से में लाल आंखों से कहा, “देखो धन्नू, मैं तुम्हें अंतिम चेतावनी देता हूं, तुम नहीं सुधरी तो अनर्थ हो जाएगा. इतने साल हो गए तुम्हें, इतना भी नहीं पता कि मुझे क्या पसंद है और क्या नहीं.”
गला दबाए जाने से धनेश्वरी की आंखें निकली जा रही थीं और मुंह से शब्द नहीं फूट रहे थे. अचानक जगजीवन ने उसे छोड़ कर के पास रखी एक थाली उठा ली और उस से उस की पीठ पर दनादन पिटाई करने लगा. फिर उस ने थाली फेंक दी. इस के बाद वहीं बैठ कर लंबीलंबी सांसें लेने लगा.
तीखे नाकनक्श की धनेश्वरीबाई का 10 साल पहले 24 मई, 2013 को कोयला खान में फिटर पद पर कार्यरत जगजीवन राम रात्रे के साथ सामाजिक रीतिरिवाजों के साथ विवाह हुआ था. समय पर उस के 2 बच्चे हुए. पति के हाथों पिटने के बाद वह आंसू बहाते हुए अपने रोजाना के कामकाज में लग गई. यह धनेश्वरी की नियति बन गई थी. वह अकसर पति के गुस्से का शिकार हो जाती. घरेलू ङ्क्षहसा से धनेश्वरीबाई परेशान हो चुकी थी.
छोटी सी भी गलती पति को बरदाश्त नहीं थी, वह लाख चाहती कि यह नौबत न आए, मगर कुछ न कुछ नुक्स निकाल कर जगजीवन राम पत्नी हाथ उठा दिया करता. धनेश्वरी भीतर ही भीतर कुढ़ती रहती और सोचती कि वह इस रोजरोज की पति की पिटाई से किस तरह बच जाए.
उसे अपनी बहन भुवनेश्वरी की याद आती, उस का पति सरकारी नौकरी में नहीं है मगर कम पैसों में भी किस तरह दोनों सुखी जीवन जी रहे हैं. और एक वह है जो पति की अच्छीखासी कमाई के बावजूद जीवन से निराश होती चली जा रही है. आखिर क्या करे, जिस से पति की पिटाई से छुटकारा मिल जाए, यह बात वह अकसर सोचती थी.
पत्नी को रुई की तरह धुन देता था जगजीवन राम
आखिरकार एक दिन उस के मन में विचार आया कि रोजरोज की इस मार खाने से अच्छा तो यह है कि उस का पति ही इस दुनिया से चला जाए तो कितना अच्छा हो. यह विचार उस के मन में आते ही वह भीतर तक दुखी भी हो गई और सोचने लगी कि वह ये बात कैसे सोच सकती है. जैसा भी है, जगजीवन उस का सुहाग है उस के बच्चों का बाप है.
जगजीवन राम रात्रे ऊर्जा नगर कालोनी के क्वार्टर में पत्नी धनेश्वरी और 2 बच्चों के साथ रहता था. वह अकसर शराब पीता और तनख्वाह में मिले पैसों को दोस्तों के साथ पार्टी कर के उड़ा दिया करता. इसी वजह से उस के कई दोस्त बन गए थे, जो अकसर घर पर आया करते थे. घर पर ही पार्टी हुआ करती थी.
मार्च 2023 के एक दिन जगजीवन राम रात्रे को किसी बात पर गुस्सा आ गया और वह दोस्तों के सामने ही धनेश्वरी पर बरसते हुए उस की पिटाई करने लगी. पहले तो किसी ने कुछ नहीं कहा, मगर जब जगजीवन रात्रे हद पार करने लगा तो उस के साथ काम करने वाला रमेश सूर्यवंशी उठ खड़ा हुआ और कंधे से पकड़ जगजीवन राम को धनेश्वरी बाई रात्रे से दूर हटा कर नाराजगी जताते हुए बोला,
“यह क्या नौटंकी कर रहे हो जगजीवन, पत्नी पर हाथ उठाना, यह तो बहुत ही गलत है. देखो तुम्हारे बच्चे भी कैसे डरेसहमे खड़े हैं.”
यह देख कर जगजीवन रात्रे मानो गुस्से से उबल पड़ा और चीख कर बोला, “देखो , तुम हमारे दोस्त हो और हमारे बीच में मत आओ.”
बदमाश तुषार सोनी ने लिया धनेश्वरी का पक्ष
इसी दौरान वहां से गुजर रहा तुषार सोनी उर्फ गोपी भी आ कर कुछ लोगों के साथ तमाशा देखने लगा था. जगजीवन राम की बातें सुन कर के रमेश सूर्यवंशी ने विरोध करते हुए कहा, “अगर तुम अपनी पत्नी के साथ हमारे सामने जानवरों की तरह व्यवहार करोगे तो यह हम, कम से कम मैं तो बरदाश्त नहीं कर सकता. पतिपत्नी का मामला है मगर यह आपस में घर का मामला होना चाहिए. जब हम घर आए हुए हैं तो ऐसा व्यवहार करना, यह हमारा भी अपमान है.”
इस पर तुषार सोनी ने भी सामने आ कर रमेश का समर्थन किया और जगजीवन राम की बात का जोरदार विरोध करते हुए कहा, “पत्नी से मारपीट करना अच्छी बात नहीं है, इस से घर का माहौल खराब होता है.”
तुषार सोनी उर्फ गोपी पास के ही कृष्णानगर में रहता था और उस के आपराधिक चरित्र के कारण सभी उसे अच्छी तरह जानते थे. उस के वहां रहने से जगजीवन राम सहम सा गया था. अब जगजीवन राम रात्रे की बोलती बंद हो गई थी. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या कहे.
जगजीवन राम को निरुत्तर देख कर के तुषार सोनी का हौसला बढ़ गया. उस ने सधे हुए शब्दों में कहा, “आप हम से बड़े हो, आप को हम क्या कहेंगे. मगर मैं आज की स्थिति देख कर कह सकता हूं कि ऐसा करना आप को शोभा नहीं देता है.”
इस घटना को बीते हुए कई दिन हो गए, एक दिन तुषार सोनी के मोबाइल पर घंटी बजी तो उस ने काल रिसीव किया तो दूसरी तरफ से महिला की आवाज आई. वह बोली, “भैया, मैं धनेश्वरी बोल रही हूं जगजीवन राम की पत्नी. मैं आप से मिलना चाहती हूं.”
“हां भाभी, आप अगर मिलना चाहती हैं तो शाम को कृष्णानगर चौक के पान ठेले पर मैं रहूंगा आ जाइएगा.” तुषार सोनी ने सम्मानपूर्वक कहा. शाम को धनेश्वरी कृष्णानगर चौक के पान ठेले पर पहुंच गई.
वहां उसे तुषार सोनी मिल गया तो वह बोली, “भैया क्या बोलूं, आप के भैया उस दिन जब आप ने उन्हें रोका था तो वह डर गए थे, लेकिन अब वह मुझ से बुरी तरह मारपीट करने लगे हैं. भैया, मैं तो किसी दिन मर जाऊंगी, इन की मार खातेखाते मैं तो अब तंग आ चुकी हूं मुझे बचा लो.” कह कर धनेश्वरी रोने लगी.
“देखो भाभी, आप चिंता मत करो. मैं हूं न, मैं जगजीवन को समझा लूंगा.”
यह सुन कर धनेश्वरी की आंखें भर आईं. वह बोली, “मैं कितना चाहती हूं कि उन्हें गुस्सा न आए, मगर छोटीछोटी बातों पर चिल्लाने लगते हैं और मारपीट शुरू कर देते हैं. यह बात मैं ने कभी अपने मायके तक में नहीं बताई है. भैया, मैं क्या करूं, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है?”
तुषार सोनी ने अधिकार जताते हुए कहा, “आप चिंता मत करो, मैं देख लूंगा.”
इस पर धनेश्वरी दुखी होते हुए बोली, “जगजीवन कभी भी नहीं समझेगा, वह ऐसा ही है. वह एक पत्थर बन चुका है, इसलिए वह कभी नहीं सुधर सकता. मैं ने कितने प्यार से उसे समझाने की कोशिश की, बच्चों की भी कसम दी मगर…”
“फिर इस का एक ही रास्ता है…” कह कर के तुषार सोनी मौन हो गया.
धनेश्वरी ने उस की और देखते हुए कहा, “और क्या रास्ता है भैया, बताओ मैं आप की हर बात मानूंगी.”
तुषार सोनी ने धीरे से कहा, “ऐसा है तो जगजीवन को तुम्हारे रास्ते से हमेशा के लिए मैं हटा दूंगा. इस के बाद तुम्हें उस की जगह कोयला खदान (एसईसीएल) की सरकारी नौकरी भी मिल जाएगी, फिर तुम मजे से अपना जीवन बिताना.”
पति को मरवाने का बना लिया प्लान
कुछ सोचविचार कर के धनेश्वरी इस के लिए तैयार हो गई. तब तुषार सोनी ने उस की ओर देखते हुए कहा, “इस के बदले में मुझे क्या मिलेगा, यह भी बता दो.”
“क्या चाहिए तुम्हें, बताओ कितने पैसे चाहिए, मैं दूंगी.”
यह सुन कर के तुषार ने कहा, “देखो भाभी, मुझे 5 लाख देने होंगे. अभी मुझे 50 हजार रुपए तुम दे दो, काम करने के बाद बाकी रुपए और दे देना. तुम्हें दुखी देख कर के मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूं, मुझे रुपएपैसों का लालच नहीं है.”
इस पर धनेश्वरी कुछ सोच कर तैयार हो गई. और दूसरे दिन अपने कुछ गहने बेच कर 50 हजार रुपए तुषार सोनी के हाथ में रख दिए. मगर तुषार सोनी दूसरे ही दिन एक पुराने वारंट में पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, लेकिन जल्द ही वह जमानत पर जेल से बाहर आ गया.
बुधवार 23-24 मई, 2023 की रात लगभग साढ़े 12 बजे जगजीवन राम रात्रे पत्नी धनेश्वरी और बच्चों के साथ बिस्तर पर लेटा हुआ था कि दरवाजे पर दस्तक हुई. जगजीवन राम उठा और दरवाजा खोला. सामने तुषार सोनी खड़ा था. जगजीवन राम को देखते ही तुषार सोनी ने कहा, “भैया, एक बहुत जरूरी बात तुम्हें तुम्हारी पत्नी के बारे में बताना चाहता हूं.”
देर रात को इस तरह तुषार सोनी का आना और आश्चर्यचकित कर देने वाले अंदाज में पत्नी की बात छेडऩा जगजीवन राम रात्रे को चकित कर गई और वह उस की और देखता रह गया. तुषार सोनी ने कहा, “मुझे पहले पानी पिलाओ.”
कुछ विचार करता हुआ जगजीवन राम घर के भीतर चला गया. तुषार सोनी की आहट सुन कर धनेश्वरी मन ही मन खुश होते हुए पति से बोली, “इतनी रात कौन आया है?”
पत्नी की बातें सुनीअनसुनी कर के जगजीवन राम ने फ्रिज से ठंडे पानी की बोतल निकाली, फिर दरवाजा बंद कर बाहर चला गया. जैसे ही बोतल ले कर के जगजीवन राम आया, तुषार सोनी ने मौका देख कर उस पर कुल्हाड़ी से लगातार वार करने लगा और वह तब तक उसे मारता रहा, जब तक कि उस की मौत न हो गई.
इधर कमरे के भीतर धनेश्वरी बाई रात्रे पति के चीखने की आवाज सुन कर मुसकरा रही थी. दोनों ही बच्चे गहरी नींद में सोए हुए थे. पति का मर्डर हो जाने के बाद धनेश्वरी बहुत खुश हुई.
रात लगभग 3 बजे थाना दीपका के एसएचओ अविनाश सिंह के मोबाइल की ङ्क्षरगटोन बजने लगी. नींद उचाट हुई तो घड़ी की ओर देखते हुए फोन को रिसीव किया. दूसरी तरफ थाने के स्टाफ ने बताया कि ऊर्जा नगर में एक शख्स की हत्या हो गई है, लोगों की भीड़ वहां उमड़ी पड़ी है.
पुलिस जुटी जांच में
थाने में शिवकांत कुर्रे ने आ कर के घटना की जानकारी दी थी. मर्डर की खबर मिलते ही एसएचओ अविनाश सिंह तत्काल तैयार हुए और घटनास्थल पर पहुंच गए. ऊर्जा नगर में स्थित जगजीवन राम के क्वार्टर के बाहर कुछ लोगों की भीड़ लगी हुई थी, उन्होंने मुआयना किया तो देखा कि जगजीवन राम रात्रे खून से लथपथ मृत अवस्था में पड़ा हुआ था.
पास में ही बच्चों के साथ बैठी उस की हत्यारी पत्नी धनेश्वरी बाई रात्रे पति की सालगिरह पर मौत दे कर घडिय़ाली आंसू बहा रही थी. घटना के संबंध में उस ने बताया कि कुछ लोग आए थे और पति को मार कर चले गए. वह डर की वजह से कमरे के भीतर ही थी और पति के चिल्लाने की आवाज सुनी थी.
एसएचओ ने घटना की जानकारी एसपी उदय किरण को दी और तत्काल फोरैंसिक टीम, डौग स्क्वायड को बुलवा लिया गया. पुलिस ने घटनास्थल की काररवाई पूरी कर जगजीवन राम रात्रे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.
दीपका कोयला अंचल अपनी शांति व्यवस्था के लिए जाना जाता है. रोजाना लाखों टन कोयला यहां से देश के विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है. कोयला भरे सैकड़ों ट्रक यहां से विभिन्न राज्यों के लिए जाते हैं. मगर हत्या की वारदात एसएचओ के लिए एक चुनौती बन कर के सामने थी. हत्या के कारणों के विभिन्न कोणों पर उन्होंने नजर डाली और यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या जगजीवन राम की किसी से दुश्मनी थी.
धनेश्वरी ने बताया कि इस की उसे कोई भी जानकारी नहीं है. एसएचओ ने धनेश्वरी के मोबाइल को ट्रेस किया, मगर उस में कहीं कोई साक्ष्य नहीं मिला. जगजीवन राम रात्रे के दोस्तों से बात की गई. उन्होंने भी कोई ऐसा सूत्र नहीं दिया, जिस से जांच आगे बढ़ती.
पुलिस को जगजीवन राम के मोबाइल से भी कोई सूत्र नहीं मिल पा रहा था. अविनाश सिंह ने धनेश्वरी और बच्चों से पूछताछ की. बच्चे भी कुछ नहीं बता पा रहे थे. ऐसे में उन्होंने मनोवैज्ञानिक तरीके से धनेश्वरी से पूछताछ करनी शुरू की. बातचीत करने से धीरेधीरे जो बातें सामने आने लगीं, उस से उन्हें लगा कि हत्या पर से परदा उठ सकता है.
दोपहर को एक मुखबिर ने उन्हें बताया कि उस ने घटना से पहले शाम के समय तुषार सोनी को धनेश्वरी के साथ बातचीत करते देखा गया था. तुषार सोनी पुलिस के रडार पर पहले से ही था. उस का नाम हत्या के इस घटनाक्रम में सामने आते ही एसएचओ को यह एहसास होने लगा कि कहीं न कहीं हत्या में उसी का हाथ हो सकता है.
पुलिस पूछताछ में धनेश्वरी कई प्रकार के सचझूठ बताती रही. अंतत: सख्ती से पूछताछ के बाद उस ने सारा राज उगल दिया. उस ने बताया कि उस ने ही तुषार सोनी के द्वारा पति की हत्या कराई थी. पूछताछ में उस ने बताया कि करीब 10 साल पहले आज ही के दिन 24 मई, 2013 को उस का जगजीवन राम से विवाह हुआ था. मगर उस का पति उस के साथ अकसर मारपीट करता था. इस के बाद धनेश्वरी ने फूटफूट कर रोते हुए सारी कहानी बयां कर दी. उस ने बताया कि आज शादी की सालगिरह के दिन ही मैं ने पति को मौत का तोहफा दे दिया.
हत्या के बाद 6 हजार रुपए नगद रात को ही तुषार सोनी को देने की बात भी उस ने स्वीकार की. पुलिस हत्या के आरोपी तुषार सोनी को पहले ही हिरासत में ले चुकी थी. तुषार की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में उपयोग की गई कुल्हाड़ी, खून से रंगे हुए कपड़े और एक बाइक भी बरामद कर ली.
पुलिस ने शुक्रवार 26 मई, 2023 को 32 वर्षीय धनेश्वरी बाई रात्रे 21 वर्षीय तुषार सोनी उर्फ गोपी निवासी कृष्णा नगर, थाना दीपका को भादंवि धारा 302, 120 (बी), 34 के तहत गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, कटघोरा के समक्ष पेश किया गया, जहां से दोनों को ही जेल भेज दिया गया.
—कथा पुलिस सूत्रों से बातचीत पर आधारित