अगर आप को साइबर क्राइम से बचना है या साइबर क्राइम के शिकार हो जाते हैं तो इस के कुछ टिप्स हम आप को दे रहे हैं, उन पर अमल कर लीजिए. यह एक ऐसा अपराध होता है, जिस में कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग किया जाता हैं और पूरी प्रक्रिया औनलाइन होती है.
इस के तहत हैकिंग, स्पैमिंग, डाटा लीक, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, डेटा चोरी, फिशिंग, कापीराइट, औनलाइन फ्रौड, लौटरी का झांसा दे कर ठगी, केवाईसी अपडेट का झांसा दे कर ठगी, औनलाइन डेटिंग, साइबर बुलिंग जैसी अवैध गतिविधियां होती हैं. आसान शब्दों में समझें तो इंटरनेट कंप्यूटर के माध्यम से किसी के निजी डेटा को बिना अनुमति के उस का गलत उपयोग करना ही साइबर क्राइम कहलाता है.
साइबर क्राइम से बचने के उपाय
अगर आप साइबर क्राइम से बचना चाहते हैं तो इस के लिए हम आप को कुछ उपाय बता रहे हैं, जिस से आप साइबर क्राइम से बच सकते हैं.
- अनजान लिंक पर क्लिक न करें. अकसर हर एक इंटरनेट यूजर को ऐसे ईमेल और मैसेज आते रहते हैं जिन पर अनजान लिंक मौजूद होते हैं. ऐसे में हमें इन ईमेल और मैसेज से सावधान रहना चाहिए और हमें इन ईमेल और मैसेज में मौजूद अनजान लिंक पर कभी भी क्लिक नहीं करना चाहिए.
- अनजान वेबसाइट पर ध्यान न दें. कभी भी किसी भी वेबसाइट को विजिट करते वक्त सब से पहले उस के एचटीटीपीएस पर ध्यान देना चाहिए. अगर वेबसाइट के लिंक में अंगरेजी में एचटीटीपीएस के बजाय एचटीटीपीए लिखा है तो हमें ऐसे वेबसाइट पर नहीं जाना चाहिए और अनजान वेबसाइट पर हमें भूल कर भी लौगिन नहीं करना चाहिए और निजी जानकारी को साझा नहीं करना चाहिए.
- थर्ड पार्टी ऐप सौफ्टवेयर को इंस्टाल न करें. अकसर हम किसी सौफ्टवेयर या ऐप्स को फ्री में इस्तेमाल करने के चक्कर में ऐसे थर्ड पार्टी ऐप्स सौफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन मे इंस्टाल कर लेते हैं जो बिलकुल भी सुरक्षित नहीं होते हैं और इस से हमारा कंप्यूटर, स्मार्टफोन हैक हो सकता है. इसीलिए कभी भी किसी भी ऐसे थर्ड पार्टी ऐप्स सौफ्टवेयर को इंस्टाल मत कीजिए. ऐप्स को इंस्टाल करने के लिए सिर्फ प्लेस्टोर का उपयोग करें और किसी भी ऐप को अपने फोन की परमिशन देने से पहले यह जांचें कि क्या उस ऐप को उस स्पेसिफिक परमिशन की जरूरत है.
4. निजी जानकारी को निजी ही रखें. अकसर हम अपनी निजी जानकारी मसलन पूरा नाम, पिता का नाम, जन्म स्थान, पत्नी, बच्चे व मातापिता के नाम तथा उन की जन्मतिथि बैंक का नाम, गाड़ी का नंबर, घर का पता जैसी जानकारी सोशल मीडिया साइट्स पर पब्लिक कर देते हैं. ऐसा हमें कभी भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि कोई भी अनजान व्यक्ति इस निजी जानकारी का गलत उपयोग कर सकता है.
- औनलाइन काम कर के पैसा कमाने की किसी भी स्कीम और लौटरी पर भरोसा न करें. अकसर हमें और हमारे आसपास मौजूद लोगों को ऐसे काल्स आते रहते हैं, जिन में औनलाइन स्कीम और लौटरी की बात की जाती है, पैसे देने का दावा करते हैं और उस के बदले आप से निजी जानकारी और पैसे मांगते हैं तो ऐसे चीजों के लालच में आ कर बिलकुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए.
- अगर आप फ्री इंटरनेट के चककर में सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करते हैं. लेकिन याद रखें फ्री वाईफाई बिलकुल भी सुरक्षित नहीं हैं. इस से आप का मोबाइल या सिस्टम हैक हो सकता है और आप का डेटा चुराया जा सकता है. इसीलिए कभी भी अगर फ्री वाईफाई का इस्तेमाल कर रहे हैं तब आप इस बात पर ध्यान दीजिएगा की वह वाईफाई नेटवर्क एक वैरीफाइड संस्था का हो.
- अपने ब्राउजर को अपडेट रखें. इंटरनेट का उपयोग करने के लिए ब्राउजर बेहद ही आवश्यक होता है. ऐसे में हमारे ब्राउजर में ऐसी कई सारी कमियां होती हैं, जिन से हैकर हमारे सिस्टम को हैक कर सकता है. इन्हीं कमियों को फिक्स करने के लिए ब्राउजर में अपडेट लाया जाता है. इसीलिए हमें अपने ब्राउजर को अपडेट रखना चाहिए.
- अगर हैकर्स आप को फोन कर के सिम को 4जी में अपग्रेड को करने के लिए जानकारी मांगे तो आप ऐसा बिलकुल भी न करें. आप को ऐसा फोन आए तो उस फोन नंबर की रिपोर्ट करें या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर उस नंबर की सूचना दें.
- आजकल ईमेल के जरिए अकाउंट हैक के मामले ज्यादा आ रहे हैं. आप को औफिस या बैंक से संबंधित मेल आता है. उस मेल के नीचे एक लिंक रहता है जिसे क्लिक करने को कहा जाता है. क्लिक करते ही आप का बैंक अकाउंट खाली हो सकता है. साथ ही औफिस, पर्सनल चैट समेत कई अहम जानकारी हैक होने की आशंकाएं रहती हैं.
इन से बचने का आसान तरीका होता है कि आप 2 अलगअलग ईमेल अकाउंट बनाएं. एक अकाउंट जिस से आप सिर्फ वित्तीय लेनदेन के लिए इस्तेमाल करें. और एक अकाउंट ऐसा बनाएं जिसे आप सोशल नेटवर्किंग साइटों पर जब आप अपना अकाउंट बनाते हैं तब रजिस्ट्रेशन के समय उस ईमेल का उपयोग करें. क्योंकि ज्यादातर हैकर्स उसी मेल आईडी का इस्तेमाल करते हैं जो आप के सोशल अकाउंट पर होते हैं.
- सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसे लोग जिन के फ्रैंड लिस्ट में बहुत सारे दोस्त और परिवार के सदस्य आप से अपनी आर्थिक परिस्थिति को ले कर बातचीत करें और फिर जब उन्हें लगेगा कि आप उन की बातों में आ चुके हैं, आप अच्छे फ्रैंड बन गए हो तब वे आप से मदद के नाम पर पैसे या फिर जरूरी जानकारी जुटाने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों के बारे में उन लोगों से काल कर के वेरीफाई जरूर कर लें, जिन का उन्होंने रेफरेंस दिया है.
- औनलाइन फार्म भरने के कारण भी आप हैकर्स की गिरफ्त में आ सकते हैं. क्योंकि फार्म में हमें पूरी जानकारी देनी होती है साथ ही भुगतान के लिए बैंक डिटेल्स भी भरनी होती है. ऐसे में आप के वेब ब्राउजर पर जानकारी सेव होती रहती है. इसलिए कई बार इस के जरिए भी हैकर आप तक आसानी से पहुंच जाते हैं. जब भी आप औनलाइन फार्म भरें तो ऐसे में कभी भी वेब ब्राउजर पर आटो फिल औप्शन को नहीं अपनाना चाहिए. क्योंकि ये आप की सभी पर्सनल जानकारी को रख लेते हैं. इन जानकारियों में सीवीवी नंबर, बैंक खाता नंबर आदि हो सकता है.
- लौकडाउन के चलते बहुत से लोगों की नौकरी चली गई है. ऐसे में ये लोग तेजी से नौकरी खोजने का काम कर रहे हैं. ऐसे परेशान लोगों को ठगने के लिए बाजार में पूरा तंत्र खड़ा हो गया है. ऐसे ठग जौब रिक्रूटमेंट साइट से नौकरी तलाशने वालों की प्रोफाइल निकाल लेते हैं, जो शिकार बन सकते हैं, उन सभी को बल्क में मेल भेजा जाता है. फ्रौड करने वाले खुद को जौब कंसल्टेंट के तौर पर पेश करते हैं.
ये लोग अपनी फरजी वेबसाइट, अस्थायी दफ्तर दिखा कर लोगों से वौलेट या बैंक ट्रांसफर के जरिए रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने के लिए कहते हैं. औनलाइन या टेलीफोन से इंटरव्यू कर लेते हैं. बाद में फरजी अप्वाइंटमेंट लेटर जारी कर देते हैं. औनलाइन पेमेंट के लिए लिंक भी देते हैं बस आप कंगाल हो जाते हैं.
समझना जरूरी है कि ज्यादातर कंपनियां अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नौकरियां पोस्ट करती हैं. ऐसे संदेहास्पद मेल की जगह कंपनी के करिअर पेज पर जाएं. साइट पर सीधे अप्लाई करें. जौब पोर्टल पर सीवी पोस्ट करते हुए सुनिश्चित कर लें कि उस पर वह पोस्ट लिखी गई हो, जिस के लिए आवेदन कर रहे हैं. इस के रेस्पौंस में जो भी मेल मिलेगी, उस में उस पोस्ट का जिक्र होगा.
नौकरी तलाशने वालों से कोई भी कंपनी किसी भी चरण में पैसे जमा करने के लिए नहीं कहती है. इसलिए सिक्योरिटी डिपौजिट, रजिस्ट्रेशन या डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए फीस मांग रही कंपनी से तत्काल सावधान हो जाएं.
- ऐसे फोन नंबर से बचें जोकि अलग प्रकार के होते हैं. साइबर दोस्त के ट्वीट पर कहा गया है कि आप ऐसे नंबर से आने वाले नार्मल काल या फिर वाट्सऐप काल से बचे जिस नंबर के शुरुआत में +92 हो. क्योंकि इस नंबर से फोन उठाते ही आप की कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां लीक हो सकती हैं.
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म और कस्टमर केयर हैंडल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी पोस्ट करते समय सावधान रहें. धोखाधड़ी करने के लिए ठग द्वारा व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग किया जा सकता है.
- पासवर्ड रिकवरी सेटिंग में ऐसे प्रश्नों को नहीं रखें, जिन के बारे में आसानी से जवाब दिया जा सकता है अथवा जिन की पहचान आप के सोशल मीडिया खाते से की जा सकती है, जैसे जन्म तिथि, प्रथम विद्यालय का नाम आदि. औनलाइन साइबर क्राइम की शिकायत कैसे करें?
अगर आप के साथ औनलाइन किसी भी तरह का दुव्र्यवहार किया जा रहा हैं जैसे, औनलाइन कोई धमकी दे रहा है, किसी ने फ्रौड कर के आप के बैंक से पैसे लूट लिए हैं, आप के पर्सनल फोटो को सोशल मीडिया पर पब्लिक कर दिया है, औनलाइन फाइनेंशियल फ्रौड हुआ है या गलत नीयत से किसी ने आप की फेक प्रोफाइल बना ली है तो ऐसे मामलों में आप भारत सरकार की साइबर क्राइम वेबसाइट पर जा कर साइबर शिकायत कर सकते हैं. अगर आप को तुरंत साइबर कंप्लेंट करनी है तो इस के लिए 1930 नंबर पर काल कर सकते हैं.