उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का यूसुफपुर इलाका, जहां मुख्तार अंसारी की शुरुआती पढ़ाई हुई. इस के बाद वह ग्रैजुएशन करने शहर पहुंच गया. गाजीपुर के पीजी कालेज में उन्होंने एडमिशन लिया. शाम को अकसर वह समय निकाल कर टाउन हाल के मैदान में क्रिकेट खेलने जाया करता था. उस की जैसी लंबी कदकाठी थी, वैसा ही उस का खेलने का स्टाइल था. लंबी कदकाठी होने के नाते मुख्तार छक्के लगाने में माहिर था.
मुख्तार जिस टाउन हाल के मैदान में क्रिकेट खेलता था, उसी मैदान के पास ही अफशां का घर था. आतेजाते वह मुख्तार को क्रिकेट खेलते देखती थी. लेकिन कभी उस की उस से बात नहीं हुई. मुख्तार की आकर्षक और रौबदार कदकाठी से उस की अलग ही शख्सियत देखने में आती थी.
प्यार बदला अरेंज मैरिज में
गाजीपुर में अफशां एक गर्ल्स कालेज में पढ़ती थी, जो ठीक मुख्तार अंसारी के पीजी कालेज के पास था. यहीं से दोनों के रिश्ते की शुरुआत हुई. एक दिन मुख्तार ने हिम्मत दिखाई और अफशां से बात की. इस के बाद दोनों में बातें भी होने लगीं और मुलाकातें भी. इस तरह मुलाकातों का सिलसिला चल पड़ा. पहले दोनों में दोस्ती हुई और फिर प्यार हो गया. इस के बाद 1989 में दोनों ने घर वालों की मरजी से निकाह कर लिया.
निकाह के बाद दोनों के 2 बेटे हुए, जिन के नाम अब्बास अंसारी और उमर अंसारी हैं. मुख्तार से निकाह कर के अफशां के दिन फिर गए. क्योंकि निकाह के बाद मुख्तार मऊ से विधायक चुन लिया गया और माननीय बन गया. पर अपराध करना उस ने नहीं छोड़ा. उस की माफियागिरी भी बढ़ती गई और उसी के साथ अपराधों की लिस्ट भी बढ़ती गई.
साल 2005 में मुख्तार अंसारी को जेल जाना पड़ा. इसी के बाद अफशां मैदान में उतरी. मुख्तार के जेल जाने के बाद उस के गैंग को संभालने की जिम्मेदारी अफशां ने ले ली. आज अफशां मनी लांड्रिंग, जमीन हड़पने समेत 9 मुकदमों में वांछित है. इस तरह 5 बार विधायक रहे मुख्तार पर ही नहीं, उस की पत्नी अफशां, दोनों बेटे और बहू पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए. इन में से मुख्तार अंसारी, एक बेटा अब्बास और बहू निकहत जेल में है. जबकि एक बेटा और पत्नी फरार है.
इन के अपराधों की बात करें तो अफशां पर 9 मुकदमे दर्ज हैं तो उस के पति मुख्तार पर 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. बड़े बेटे एमएलए अब्बास पर 7 और बहू निकहत अंसारी पर अपने पति अब्बास को जेल से भगाने की साजिश रचने का आरोप है. अफशां का छोटा बेटा उमर जालसाजी और अवैध कब्जे में आरोपी है, जो मां की ही तरह फरार है.
जेल अधिकारी भी आया चपेटे में
अफशां की बहू निकहत अपने एमएलए पति अब्बास, जो चित्रकूट की जेल में बंद है, उस से मिलने 11 बजे पहुंच जाती थी तो 3-4 घंटे पति के साथ रह कर वापस आ जाती थी. डीएम और एसपी ने छापा मारा था तो वह जेलर के कमरे में मिली थी, जबकि उस का पति अब्बास बैरक में जा चुका था.
इस के बाद निकहत को गिरफ्तार कर लिया गया था. पता चला कि जेलर के कमरे में उस की मुलाकात पति से कराई जाती थी. तलाशी में उस के पास से मोबाइल, कैश के अलावा और भी अवैध चीजें मिली थीं. इस के बाद इस मामले में अब्बास, निकहत, जेल अधीक्षक सहित जेल के कुछ अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कर्वी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था.
कहा जाता है कि अब्बास चित्रकूट जेल में रह कर निकहत के फोन से मुकदमे के गवाहों, अभियोजन से जुड़े अधिकारियों को डराताधमकाता था और पैसों की मांग करता था. इस के बाद उस के गुर्गे पैसे वसूल कर उस तक पहुंचाते थे.
31 जनवरी, 2022 को पुलिस ने अफशां पर गैंगस्टर ऐक्ट लगाया था. दरअसल, उस ने एक फर्म बनाई थी विकास कंस्ट्रक्शन, जिस में अफशां के 4 सगे भाई आतिफ रजा, अनवर शहजाद और अन्य लोग शामिल थे. इस में जो जमीन ली गई थी, वह गलत तरीके से ली गई थी. उस के अगलबगल गरीबों की कुछ जमीन को इन लोगों ने दबंगई दिखा कर जबरदस्ती घेर लिया था.
जब यह बात प्रशासन तक पहुंची तो इस की जांच हुई. बात सच निकली तो थाना दक्षिण कोंडा में मुकदमा दर्ज हुआ. इस के बाद इन सब के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट लगा दिया गया, जिस के बाद से ये सभी फरार हैं. पुलिस को संदेह है कि मुख्तार के जेल जाने के बाद उस के गैंग को अफशां ही देख रही थी.
पुलिस रिकौर्ड के अनुसार अफशां पर कई गंभीर आरोप हैं. उस ने कंपनी बना कर भाइयों की मदद से जमीनों पर अवैध कब्जे किए हैं. मई, 2020 में ईडी ने मुख्तार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था. ईडी ने जब मुख्तार और अफजाल से इस मामले में पूछताछ की थी तो अफशां के भी शामिल होने के सबूत मिले थे.
इस के बाद ईडी ने अफशां के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया था. मनी लांड्रिंग के इस मामले में भी अफशां वांछित है. ईडी ने जो डोजियर तैयार किया है, उस के अनुसार अफशां अंसारी गाजीपुर की 3 फर्मों के माध्यम से मुख्तार के काले धन को सफेद करने में शामिल थी.
अफशां ने संभाला पति का गैंग
इन में 2 फर्में विकास कंस्ट्रक्शन और अंसारी कंस्ट्रक्शन इंटरप्राइज गाजीपुर की हैं और तीसरी फर्म ग्लोराइज लैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ की है. इन तीनों फर्मों में अफशां पार्टनर है. ईडी की जांच के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने भी उस के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है. मुख्तार के जेल जाने के बाद उस का सारा साम्राज्य अफशां के ही कंट्रोल में था. इस तरह मुख्तार अंसारी के 191 गैंग पर अफशां काबिज हो गई थी. पुलिस रिकौर्ड के अनुसार अफशां आईएस-191 गैंग के रूप में चिह्नित है.
अफशां की गाजीपुर और मऊ में 2 फर्में हैं. अंसारी कंस्ट्रक्शन के जरिए करोड़ों रुपए का काम कई जगहों पर किया गया. अफशां ने फरजीवाड़ा कर के मऊ में जमीन ली थी, गजल होटल लैंड डील के साथसाथ उस पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने के भी आरोप हैं. इस के बाद अफशां और उस के 2 भाइयों पर गैंगस्टर ऐक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था.
इस तरह मुख्तार के जेल जाने के बाद उस के अधूरे काम वह पूरे कर रही थी. मुख्तार ने अवैध रूप से जो पैसे कमाया था, उसे अब वही इनवैस्ट कर रही थी. पुलिस के पास इस के दस्तावेजी सबूत हैं. इसलिए पुलिस उस की तलाश कर रही है.
अफशां ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. इस के बाद लोअर हाईकोर्ट से अफशां के खिलाफ एक वारंट जारी किया गया था. तब पुलिस की एक टीम उसे गिरफ्तार करने पहुंची थी. लेकिन अफशां फरार हो गई थी. तब से फरार अफशां को गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस उस के पीछे पड़ी है.