दादी के जिस कमरे में अभिरोज सोया करती थी, उसी कमरे में ज्योति ने पहले तकिए से अभिरोजप्रीत का गला दबा दिया. जब वह मरणासन्न अवस्था में हो गई तो उस ने रसोई से नमक कूटने वाली वजनी चीज से उस के सिर, मुंह, पांव, हाथ और अंगुलियों पर वार किए.
उस ने उस बच्ची के हाथों और दोनों पांवों को भी तोड़ दिया. जब अभिरोज की मृत्यु हो गई तो उस की लाश को बड़ी बाल्टी में डाल कर स्कूल के पास एक वीरान छप्पर के अंदर फेंक आई. हत्या की इस खबर से गांव रामपुराफूल में सनसनी फैल गई.
पंजाब के अमृतसर के गांव रामपुराफूल से 15 मई, 2023 की रात 10 बजे अमृतसर पुलिस को सूचना मिली कि उन के गांव की 7 साल की अभिरोजप्रीत कौर, जो गांव के ही सरकारी स्कूल में कक्षा 2 की छात्रा थी, 15 मई, 2023 की शाम 4 बजे ट्यूशन पढऩे घर से निकली थी, लेकिन वह अपनी ट्यूशन टीचर के पास नहीं पहुंची. वह रास्ते में ही गायब हो गई थी. जब रात के 10 बजे तक भी उस का कोई पता नहीं चला तो उस के घर वालों ने थाने में आ कर उस की गुमशुदगी दर्ज करा दी.
गुमशुदगी दर्ज हो जाने के बाद पुलिस हरकत में आ गई. पुलिस ने गांव में घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक की तो उस में एक नया ऐंगल सामने आया. पुलिस को पता चला कि एक आदमी बाइक चला रहा था. बीच में एक बच्ची बैठी थी और बच्ची के पीछे एक औरत थी, जिस ने बच्ची को पकड़ रखा था.
इस बीच पुलिस ने अगवा हुई बच्ची के बारे में और जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला कि अगवा हुई बच्ची अभिरोजप्रीत कौर के पिता का नाम अजीत सिंह था. अजीत सिंह ने 2 विवाह किए थे. उन का पहला विवाह हरजीत कौर से हुआ था. उन की एक बेटी हुई, जिस का नाम अभिजोतप्रीत कौर रखा गया था.
शादी के 2 साल के बाद दोनों में आपस में मनमुटाव होने लगा. दिन प्रतिदिन दोनों के आपसी संबंध बद से बदतर होते जा रहे थे. तब दोनों ने आपसी रजामंदी से संबंध विच्छेद कर दिए. अजीत सिंह ने अपनी पहली पत्नी हरजीत कौर को तलाक दे दिया और बेटी अपने पास रख ली.
उस के बाद अजीत सिंह के घर वालों ने अजीत का दूसरा विवाह ज्योति के साथ कर दिया. सब ने यही सोचा था कि बेटी अभिजोतप्रीत कौर को एक नई मां मिल जाएगी और अजीत सिंह का जीवन पटरी पर आ जाएगा. ज्योति की एक बेटी हुई जो अभी 3 माह की थी.
मां पर हुआ बेटी की हत्या का शक
पुलिस छानबीन में जब सीसीटीवी फुटेज में एक आदमी और औरत के बीच एक छोटी बच्ची दिखाई दी तो सभी का शक अजीत सिंह की पहली पत्नी हरजीत कौर पर गया, क्योंकि अभिजीतप्रीत कौर उस की बेटी थी.
पुलिस पूछताछ में यह सामने आया कि जब से अभिजोतप्रीत कौर घर से गायब हुई थी, इस की खबर उस की सगी मां को मिली थी तो वह भी बहुत चिंतित थी. पुलिस ने हरजीत कौर से पूछताछ की तो वह निर्दोष पाई गई.
इधर 7 वर्षीय अभिजोतप्रीत कौर के अचानक गायब होने के बाद यह मामला सोशल मीडिया में सुर्खियों में छाता जा रहा था. अभिजोतप्रीत कौर की सौतेली मां बार बार मीडिया से अपनी बेटी को खोजने की रोरो कर गुहार लगा रही थी. ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की ओर से पुलिस पर दबाव बनाया जा रहा था. पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जाने लगे थे.
इस के बाद पुलिस इस केस में पूरी मुस्तैदी से जुट गई और अपने मुखबिरों को भी काम पर लगा दिया. इधर अभिजोतप्रीत कौर की सौतेली मां ज्योति उस की फोटो मीडिया के सामने प्रस्तुत कर के रोरो कर अपनी बेटी को तलाशने का गुहार लगा रही थी.
सीसीटीवी कैमरे से पुलिस के हाथ लगा एक अहम सुराग
पुलिस ने पूरे गांव को सील कर के घरघर सघन तलाशी का अभियान चलाया. पूरे शहर भर में अभिजोत प्रीत कौर को ढूंढा गया, मगर पुलिस के पास हाथ अब तक कोई भी सुराग नहीं लग पाया था. लेकिन बाद में पुलिस के हाथ एक अहम सुराग लग गया.
ज्योति के घर के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में सौतेली मां ज्योति एक बाल्टी में बच्ची के शव को ले जाते हुए दिखाई दी. उस के करीब 20 मिनट बाद वह खाली बाल्टी ले कर अपने घर पर आती दिखाई दी. सीसीटीवी फुटेज देखने के के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि अभिजोतप्रीत कौर के गायब होने में उस की सौतेली मां की भूमिका है.
कत्ल का सबूत हाथ में आते ही अमृतसर पुलिस ने हत्यारी मां ज्योति को हिरासत में ले कर उस से कड़ी पूछताछ की तो सारा मामला उजागर हो गया. उस ने अभिजोतप्रीत कौर की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली. पुलिस ने उस की निशानदेही पर गांव के स्कूल के पास से बच्ची की लाश बरामद कर ली. इस के बाद एसएसपी सतिंदर सिंह ने प्रैस कौन्फ्रैंस कर पत्रकारों को अभिजोतप्रीत की हत्या का खुलासा कर दिया.
सौतेली मां देती थी यातनाएं
मृतका अभिरोजप्रीत कौर की नृशंस हत्या की खबर जब लोगों के सामने आई तो लोगों के दिल दहल उठे थे. इस संबंध में जानकारी देते हुए मृतका अभिरोजप्रीत कौर की ट्यूशन टीचर जगमोहन कौर ने बताया कि अभिरोजप्रीत कौर 15 मई को उस के पास ट्ïयूशन के लिए नहीं आई थी. वह गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ती थी. पढ़ाई में वह काफी होशियार थी और स्कूल की हर गतिविधि में हमेशा सब से आगे रहती थी.
जगमोहन कौर ने बताया कि अभिरोजप्रीत कौर की सगी मां उसे छोड़ कर चली गई तो उस के पिता अजीत सिंह ने दूसरा विवाह ज्योति के साथ कर लिया था. इस के बाद तो उस मासूम बच्ची के ऊपर दुखों और यातनाओं का पहाड़ ही टूट पड़ा था.
सौतेली मां ज्योति उसे यातनाएं दिया करती थी. इस के बारे में जब अभिरोजप्रीत कौर की दादी को पता चला तो वह हर रोज उसे स्कूल में छोडऩे और छुट्टी के वक्त घर लाया करती थीं. दादी का उस के प्रति काफी लगाव था. दादी स्कूल में दिन में भी उसे देखने आती रहती थी. उस की हर बात का, उस के हर सामान, कौपीकिताब, ड्रेस, खानेपीने का दादी विशेष ख्याल रखती थीं.
इस बीच दादी की तबीयत काफी खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा. क्योंकि उन के स्टेंट पडऩे थे, इसलिए वह पिछले 10 दिनों से आईसीयू में वेंटिलेटर पर थीं. इसी बात का फायदा उठाते हुए सौतेली मां ज्योति ने अभिरोजप्रीत कौर की हत्या कर डाली.
बेटी की मौत पर गमगीन पिता अजीत सिंह को गहरा सदमा लगा. उन्होंने बताया कि यह सोच कर ज्योति से विवाह किया था कि बेटी को भी एक मां मिल जाएगी, जो उस का सही तरह से लालनपालन कर सकेगी. लेकिन ज्योति ने शुरू से ही अभिरोजप्रीत को सच्चा प्यार नहीं दिया. बातबात पर उस से वह नाराज हो जाया करती थी. हर समय वह उसे डांटतीफटकारती रहती थी, इसलिए मेरी बेटी अपनी दादी के कमरे में ही सोया करती थी. दादी उसे बहुत प्यार करती थीं.
मां अवैध संबंधों पर डालना चाहती थी परदा
पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर पता चला कि ज्योति की मौसी की बेटी प्रिया (काल्पनिक नाम) गांव के किसी युवक के साथ प्रेम करती थी. उन दोनों प्रेमियों को अभिरोजप्रीत ने एक दिन आपत्तिजनक हालत में देख लिया था. तब बहन ने यह बात ज्योति को बता दी थी. इस पर ज्योति अभिरोज को यह बात किसी को न बताने की हर समय चेतावनी देती रहती थी.
बाद में ज्योति ने यह सोचा कि कहीं अभिरोजप्रीत ने अवैध संबंधों की यह बात घर वालों या गांव के किसी व्यक्ति को बता दी तो उस की बहन और उस के परिवार की सारे गांव में बदनामी हो सकती है. इसलिए उस ने अभिरोजप्रीत कौर का मर्डर करने का फैसला कर लिया.
पता चला कि दादी के जिस कमरे में अभिरोज सोया करती थी, उसी कमरे में ज्योति ने पहले तकिए से अभिरोजप्रीत का गला दबा दिया. जब वह मरणासन्न अवस्था में हो गई तो उस ने रसोई से नमक कूटने वाली वजन चीज से उस के सिर, मुंह, पांव, हाथ और अंगुलियों पर वार किए.
उस ने उस बच्ची के हाथों और दोनों पांवों को भी तोड़ दिया. जब अभिरोज की मृत्यु हो गई तो उस की लाश को बड़ी बाल्टी में डाल कर स्कूल के पास एक वीरान छप्पर के अंदर फेंक आई. हत्या की इस खबर से गांव रामपुराफूल में सनसनी फैल गई.
ज्योति से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पश कर जेल भेज दिया. ज्योति की मौसेरी बहन का हत्या में कोई सहयोग था या नहीं, इस बारे में पुलिस की जांच की जारी थी.
—कथा पुलिस सूत्रों व जनचर्चा पर आधारित है.