Fentanyl China Girl के अलावा भी अन्य तमाम कोडनेम से जानी जाती है. चाइना गर्ल के अलावा चाइना टाउन, चाइना व्हाइट, डांस फीवर, गुड फेलास, ही-मैन, प्वाइजन, टेंगो और कैश के नाम से भी यह जानी जाती है. बहुत ही मामूली कीमत में यह ड्रग तैयार होती है. अमेरिका की गलियों में बड़ी आसानी से यह ड्रग मिल जाती है. यह ड्रग मार्फिन से सौ गुना और हेरोइन से 50 गुना स्ट्रांग होती है.
अमेरिका में जुलाई, 2021 से जून, 2022 के दौरान करीब एक लाख लोगों की इस ड्रग से मौत हुई थी. मई, 2022 से अप्रैल, 2023 के दौरान 70 हजार से अधिक लोगों की मौत इस ड्रग के कारण हुई.
नशेड़ी सोचते हैं कि थोड़ा अधिक ड्रग लेने से नशा थोड़ा ज्यादा होगा, इसलिए वे अधिक मात्रा में ड्रग लेते हैं. ड्रग की ओवरडोज के कारण कुछ ही मिनट में तड़प कर नशेड़ी मर जाते हैं. फेंटानाइल पाउडर, टेबलेट और लिक्विड के रूप में मिलती है. नशेड़ी लोग ज्यादातर पाउडर लेना पसंद करते हैं, जिस से इसे अन्य ड्रग्स के साथ मिक्स कर के लिया जा सके.
भारत से अमेरिका के न्यूयार्क में पढ़ने आए राजेश पटेल के पेट में जब तक दर्द हल्का रहा, तब तक तो वह सहन करता रहा. दर्द थोड़ा और तेज हुआ तो घर में रखी पेट दर्द की दवा खा ली कि शायद इस से आराम मिल जाए. लेकिन उस दवा से जरा भी आराम नहीं हुआ, बल्कि धीरेधीरे दर्द बढ़ता ही गया. जब दर्द ज्यादा ही होने लगा तो उस ने अपने एक दोस्त को फोन किया, जिस ने उसे एक मैडिकल स्टोर से पेनकिलर की 3 गोलियां ला कर दीं.
उस दवा को खाते ही राजेश को दर्द से राहत तो मिल ही गई. साथ ही उसे एक अलग तरह का आनंद भी मिला. कुछ घंटे बाद जब उस दवा का असर खत्म हुआ तो उस के पेट में दर्द तो नहीं हुआ, लेकिन उसे लगा कि उस का शरीर टूट रहा है. यह एक अलग तरह की तकलीफ थी.
उसे लगा कि अभी तो दर्द की 2 गोलियां और रखी हैं, क्यों न उन में से एक गोली खा ली जाए. उस ने दूसरी गोली खाई तो उसे और ज्यादा आनंद की अनुभूति हुई. उसे बहुत मजा आया. इसलिए उसे लगा कि यह गोली दर्द से तो राहत दिलाती ही है, इस में कुछ ऐसा है, जो असीम आनंद की अनुभूति कराता है.
फिर तो राजेश ने जब तीसरी गोली खाई तो उसे पूरा विश्वास हो गया कि इस गोली को खाने से ऐसा नशा होता है, जो न तो किसी को पता चलता है और न कोई जान पाता है कि इसे खाने वाला कोई नशा किए है. जबकि गोली को खाते ही तुरंत नशा हो जाता है, जो कम से कम से 8 से 10 घंटे तक रहता है.
राजेश को उस के दोस्त ने मात्र 3 गोलियां ही ला कर दी थीं. उस ने तीनों गोलियां खा लीं. अब उस के पास उस दवा की एक भी गोली नहीं थी. वह दिन में पढ़ाई करता था और अपना खर्च चलाने के लिए सुबहशाम पार्ट टाइम नौकरी भी करता था.
रात को घर आता तो काफी थका होता था. इसलिए वह दवा खाने के बाद उसे काफी आराम मिलता था. उस ने अपने उस दोस्त से वही दवा फिर लाने को कहा. लेकिन इस बार उसे यह दवा 3 गुना दाम पर मिली.
लेकिन उस दवा से राजेश को जो सुख मिलता था, उस के आगे उसे 3 गुना दाम देने में जरा भी परेशानी नहीं हुई. परम आनंद के लिए दवा खाते खाते राजेश को उस की लत लग गई. राजेश ने वह दवा कई बार खरीदी तो उस के दोस्त ने पूछा, ”यार राजेश, इस दवा में ऐसा क्या है, जो तुम इसे बारबार खरीद कर ले जाते हो?’‘
”एक बार तुम खा कर देखो, तब तुम्हें पता चलेगा.’‘ राजेश ने कहा.
इस तरह राजेश ने दोस्त को भी वह दवा खिलाई तो जल्दी ही उस का दोस्त भी उस दवा का आदी हो गया. दोनों ही अब उस दवा के बगैर नहीं रह सकते थे.
एक दिन अचानक राजेश की मौत हो गई. राजेश भारत का रहने वाला था, इसलिए उस का शव भारत भेजना था. शव भेजने के पहले यह जान लेना जरूरी था कि राजेश की मौत इस तरह अचानक कैसे हुई?
क्या है फेंटानाइल यानी चाइना गर्ल?
राजेश का पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि उस ने ड्रग की ओवरडोज ली थी, इसलिए उस की मौत हुई है. वह ड्रग कोई और नहीं, वह वही दवा थी, जो उस ने दर्द से राहत के लिए ली थी. उस दवा का नाम था फेंटानाइल, जो चीन से आती थी. आज यह दवा चाइना गर्ल के नाम से प्रसिद्ध है.
ऐसा नहीं है कि यह दवा भारत में नहीं मिलती, यह भारत में भी खूब मिलती है. पर भारत में बाइडन की तरह चिंता करने वाला कोई नहीं है. भारत में तो नशे से रोजाना न जाने कितने लोग मरते हैं. कभी किसी सरकार ने इस बारे में नहीं सोचा. यह खुलासा होते ही अमेरिकी मीडिया में फेंटानाइल को ले कर समाचार छपने लगे. इस के बाद तो नशेड़ियों के बीच चाइना गर्ल का क्रेज बढ़ गया और इस के ओवरडोज के कारण धड़ाधड़ अमेरिकियों की मौत होने लगी. फिर तो अमेरिका में इस को ले कर प्रदर्शन होने लगे और इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग होने लगी.
चीन एक ऐसा देश है, जो पूरी दुनिया में तरहतरह की काली करतूतें करता रहता है. ड्रग्स और हथियारों की तसकरी के लिए चीन पूरी दुनिया में कुख्यात है. माफिया वर्ल्ड में भी चीन ने अपना सिक्का जमा रखा है. चीन की सरकार भी इन माफियाओं की सीधे या फिर पीठ पीछे मदद करती रहती है.
चीन के राजनेताओं और माफिया डौन के बीच सांठगांठ से दो नंबरी धंधे चल रहे हैं. चीनी माफिया पूरी दुनिया में ड्रग्स सप्लाई करते हैं. चाइना गर्ल के नाम से जानी जाने वाली फेंटानाइल ड्रग ने पिछले कुछ सालों से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है.
इसी का नतीजा है कि अभी जल्दी ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका के दौरे पर गए थे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अनेक मुद्दों पर बातचीत करते हुए जिनपिंग से चाइना गर्ल पर कंट्रोल करने की बात कही.
फेंटानाइल नाम की यह ड्रग गैरकानूनी ढंग से अमेरिका पहुंच रही है और अमेरिकियों को इस की लत लगा रही है. इस चाइना गर्ल (फेंटानाइल) की ओवरडोज की वजह से मात्र एक साल में 70 हजार अमेरिकियों की मौत हुई है. यह आंकड़ा तो मात्र मौत का है. इस ड्रग के नशे के कारण अन्य लाखों अमेरिकी बरबाद हो रहे हैं. बाइडन द्वारा इस मुद्दे को उठाने से चाइना गर्ल एक बार फिर से चर्चा में आ गई है.
जिनपिंग ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को विश्वास दिलाया है कि इस ड्रग को कंट्रोल करने के लिए वह हरसंभव कदम उठाएंगे. जबकि चीनी माफिया किसी की बात मानने वाले नहीं हैं. चीन में चोरीछिपे फेंटानाइल का भारी मात्रा में उत्पादन होता है.
मात्र थोड़ी मात्रा में इस ड्रग को लेने से जबरदस्त किक लगने से नशेड़ियों के बीच यह ड्रग काफी पापुलर है. चीन से असंख्य वस्तुओं का निर्यात होता है. निर्यात होने वाली चीजों के साथ कंटेनर में यह ड्रग भी भेज दी जाती है. इस के अलावा अलगअलग देशों के रास्ते भी यह ड्रग अमेरिका पहुंचती है.
भारत सहित दुनिया के अनेक देशों में इस की तसकरी होती है. अन्य देश तो मात्र खेल देखते हैं, जबकि बाइडन ने जिनपिंग से बात कर के इस मुद्दे को इंटरनैशनल इश्यू बना दिया है.
चाइना गर्ल (फेंटानाइल) एक सिंथेटिक ओपीओइड है. इस सिंथेटिक ड्रग को लैब में बनाया जाता है. तरहतरह के केमिकल के मिश्रण से यह ड्रग तैयार होती है.
साल 2019 तक अमेरिका में सब से अधिक फेंटानाइल चीन से आती थी. इस ड्रग के ओवरडोज से फटाफट अमेरिकी मरने लगे, तब अमेरिका सतर्क हुआ. तब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे. उन्होंने चीन से ट्रेड टाक की. उस समय ट्रंप ने इस ड्रग पर प्रतिबंध लगा दिया था.
इस के बाद चीन इस ड्रग के उत्पादन, बिक्री, निर्यात पर बैन लगाने के लिए सहमत हो गया था. इस के बाद भी चीन ने लाइसेंस के आधार पर तमाम कंपनियों को इस के उत्पादन की छूट दी है.
चाइना गर्ल (फेंटानाइल) ड्रग का नुकसान कितना हो सकता है, इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति के चुनाव में यह ड्रग मुद्दा बनी थी. बिना स्वाद और गंध वाली इस सिंथेटिक ड्रग को पेंसिल की नोक के बराबर एक बूंद जितनी मात्रा में लेने से तुरंत असर होता है.
चाइना गर्ल क्यों पसंद करते हैं नशेड़ी
इस दवा की शुरुआत एक पेनकिलर के रूप में हुई थी. गंभीर और बड़ी सर्जरी के बाद दर्द कम करने के लिए इस दवा को डाक्टर देते थे. अमेरिका की एफडीआई यानी फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने साल 1998 में फेंटानाइल को पेनकिलर के रूप में कायदे से मंजूरी दी थी.
हुआ यह कि सर्जरी के बाद पेशेंट को भी इस दवा से आनंद आने लगा. इसलिए वह इसे स्वस्थ होने के बाद भी लेने लगा. नशे के बाजार में भी यह बात फैल गई कि फेंटानाइल से नशा किया जा सकता है, इसलिए यह धड़ाधड़ बिकने लगी. जब इस के ओवरडोज से मौतें होने लगीं तो अमेरिकी सरकार ने जांच कराई. पता चला कि लोग फेंटानाइल के नशे की वजह से मर रहे हैं.
सेंटर औफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस ड्रग के बारे में रिसर्च कर के बताया कि यह ड्रग सर्जरी के पेशेंट को देनी भी खतरनाक है. अच्छाखासा आदमी भी इसे नशे के लिए लेता है तो उस के अंगों को यह दवा भारी नुकसान पहुंचाती है.
चीन से दूसरे देशों में कैसे पहुंचती है चाइना गर्ल
यह ड्रग भारत में भी भारी मात्रा में भेजी जाती है. ड्रग एनफोर्समेंट एसोसिएशन का कहना है कि फेंटानाइल चीन में बनती है और भारत, कनाडा और मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचती है. अमेरिका से अन्य देशों में भी यह ड्रग भेजी जाती है.
अमेरिका ने फेंटानाइल मंगाने वाले 38 लोगों को पकड़ा है, जिन से पता चला कि चीन इस ड्रग का मेन सोर्स है. जो लोग पेनकिलर के रूप में इस दवा को लेते हैं, उन को तो पता भी नहीं होता कि वह किस तरह का खतरनाक ड्रग ले रहे हैं. कुछ समय के लिए दर्द तो कम हो जाता है, पर यह अन्य तमाम अंगों को डैमेज कर देती है. ड्रग का असर कम होते ही शरीर टूटने लगता है और फिर से ड्रग लेने की इच्छा होती है. माफिया क्लबों में पहले तो एकदो गोली मुफ्त में देते हैं, उस के बाद इस के बदले में वह मोटी रकम ऐंठते हैं.
इस ड्रग के बारे में एक शंका तो यह भी मन में उठती है कि चीन अपने दुश्मन देशों को खोखला और खत्म करने के लिए इस ड्रग का उपयोग कर रहा है. पिछले साल दिसंबर, 2022 में अमेरिका में फेंटानाइल इतनी अधिक मात्रा में पकड़ी गई थी कि वह 33 करोड़ लोगों को मारने के लिए पर्याप्त थी.
अमेरिका के विशेषज्ञों का कहना है कि यह ड्रग बम से जरा भी कम खतरनाक नहीं है. अमेरिका दुनिया के किसी भी देश में उस का एक भी नागरिक मरता है तो वह उथलपुथल मचा देता है. ऐसे में चीन की इस ड्रग के कारण उस के नागरिक मर रहे हैं तो वह भन्नाएगा ही. बाइडन के कहने से चीन की इस ड्रग का उत्पादन बंद होगा, इस की संभावना कम ही है.
फेंटानाइल: दुष्प्रभाव और बचने के उपाय —डा. सोनी सिंह
फेंटानाइल डाक्टर द्वारा लिखी जाने वाली एक दवा है, जिसे अवैध रूप से बनाया और उपयोग किया जाता है. यह मार्फिन जैसी दवा है, जिस का उपयोग गंभीर दर्द वाले खास कर सर्जरी वाले रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है.
अवैध रूप से उपयोग की जाने वाली फेंटानाइल प्रयोगशालाओं में बनाई जाती है. यह गोली या पाउडर के रूप में मिलती है. कुछ दवा बेचने वाले फेंटानाइल को हेरोइन, कोकीन, मेथमफेटामीन और एमडीएमए के साथ मिला कर बेचते हैं. क्योंकि फेंटानाइल के साथ किक जल्दी लगती है और बेचने वाले को कम लागत में लाभ ज्यादा होता है.
लेकिन ड्रग लेने वालों के लिए यह जोखिम भरा होता है. फेंटानाइल हेरोइन, कोकीन और अन्य नशीली दवाओं की तरह ही काम करती है, लेकिन कुछ समय बाद मस्तिष्क इस दवा का अभ्यस्त हो जाता है, जिस से संवेदनशीलता कम हो जाती है और फिर इस दवा के अलावा किसी भी अन्य चीज से आनंद महसूस नहीं होता.
इस दवा को लेने से खुशी तो मिलती है, पर आदमी हमेशा तंद्रा में रहता है. उस का जी मिचलाता है और वह हमेशा भ्रम की स्थिति में रहता है. वह जैसे बेहोशी की हालत में रहता है और उसे सांस लेने में प्राब्लम होती है.
अगर फेंटानाइल अधिक मात्रा में ले ली गई तो सांस लेने की गति धीमी हो सकती है और रुक भी सकती है. उस के मस्तिष्क तक पहुंचने वाली औक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. इसे हाइपोक्सिया कहा जाता है. हाइपोक्सिया से कोमा, जिस में मस्तिष्क को स्थाई नुकसान पहुंचता है और फिर फेंटानाइल लेने वाले की मौत हो सकती है.
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि कुछ दवा बेचने वाले अधिक फायदा कमाने के लिए हेरोइन, कोकीन एमडीएमए और मेथमफेटामीन में फेंटानाइल मिलाते हैं, जिस से पता नहीं चलता कि कौन सी दवा का ओवरडोज की वजह बन रही है. लेकिन अगर पता चल जाए कि फेंटानाइल का ओवरडोज है तो नालोक्सोन एक ऐसी दवा है, जिसे दे कर फेंटानाइल का इलाज किया जा सकता है.
जो लोग फेंटानाइल के आदी हो चुके होते हैं तो अगर उन्हें फेंटानाइल नहीं मिलती तो उन की हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है. उन्हें नींद नहीं आती, दस्त और उल्टियां होने लगती हैं, ठंड सी लगती और रोंगटे खड़े हो जाते हैं और पैर कांपने लगते हैं. इस के बाद फेंटानाइल लेने की तीव्र लालसा होती है.
ऐसा नहीं है कि फेंटानाइल की लत छुड़ाई नहीं जा सकती. अन्य नशीले पदार्थों की तरह ही व्यवहारिक उपचारों वाली दवाएं फेंटानाइल की लत वाले लोगों के लिए भी प्रभावी साबित हुई हैं.
दवाओं के अलावा संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी यानी अपने विचारों, कार्यों और भावनाओं के बीच संबंधों को पहचानना सिखा कर उस की मानसिक स्थिति को सुधारा जा सकता है. इस से तनाव कम होगा और आदी व्यक्ति खुद को स्वस्थ महसूस करेगा. रिहैब सेंटर में भरती करा कर भी इलाज कराया जा सकता है.
डाक्टर की कर सकते हैं शिकायत –डा. संजय कंसल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
मैडिकल क्राइम के विषय में रुड़की (उत्तराखंड) के जे.एन. सिन्हा स्मारक संयुक्त राजकीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संजय कंसल का कहना है कि यदि चिकित्सक अथवा रोगी में से कोई भी फरजी हो तो वह मैडिकल क्राइम की श्रेणी में होता है. सभी एलोपैथिक चिकित्सकों की डिग्रियां उस के क्लीनिक व उस के परचे पर लिखी हुई होती है. यदि कोई रोगी अपने चिकित्सक की डिग्रियां चैक करना चाहे तो वह अपने राज्य की आईएमए की साइट पर जा कर उस के पंजीकरण नंबर के आधार पर उस की डिग्री चैक कर सकता है.
इस के अलावा बीएएमएस चिकित्सकों का राज्य सरकार भी पंजीकरण करती है. अकसर सुनने में आता रहता है कि फलां क्षेत्र में झोलाछाप डाक्टर उपचार कर रहा था. इस के लिए तो स्वयं रोगी को अलर्ट रहना चाहिए और अपने रोग के अनुसार उसी रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक से ही अपना उपचार कराना चाहिए. कई बार रोगी स्वयं ऐसे झोलाछाप डाक्टरों के पास उपचार कराने जाते हैं और फिर अकसर मुसीबत में फंस जाते हैं.
भारत में डाक्टर पर मरीज पूरा भरोसा करता है. तभी वह उस के पास पूरे विश्वास के साथ इलाज के लिए जाता है. इस के अलावा यदि कोई फरजी डाक्टर बन कर मरीजों को उपचार के नाम पर दवाएं देता है तो इस से बड़ा मैडिकल क्राइम कोई नहीं हो सकता है.
ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त काररवाई होनी चाहिए. यदि किसी रोगी को अपने डाक्टर पर फरजी होने का संदेह है तो वह इस की शिकायत जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी से कर सकता है.