प्रशासन के कुछ लोगों ने नाले के पास जा कर देखा तो वहां पर प्रतिभा पूरी तरह से नग्न अवस्था में मृत पड़ी हुई थी. इस जानकारी के मिलते ही अस्पताल प्रशासन के हाथपांव फूल गए. प्रतिभा के मृत पाए जाने की सूचना पुलिस को भी दे दी गई.

सभी लोग इस बात पर हैरान थे कि 8 नवंबर, 2023 को दोपहर ढाई बजे से शाम करीब 7 बजे तक उस स्थान पर प्रतिभा को खोजा गया, लेकिन उस वक्त वहां पर उस का कोई नामोनिशान नहीं था. फिर 29 घंटे बाद उस का शव उसी जगह पर कहां से आ गया था?

पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. प्रतिभा के घर वालों का कहना था कि उस के साथ अस्पताल के ही किसी कर्मचारी ने दुष्कर्म कर हत्या कर दी. उस के एक हाथ पर कई घाव थे. पुलिस ने महिला के साथ दुष्कर्म की आशंका को देखते हुए स्लाइड बनवाने का निर्णय भी लिया गया था. साथ ही इस केस की जांच के लिए नगर मजिस्ट्रैट विजयशंकर तिवारी को चुना गया था. लेकिन इस घटना को 5 दिन बीत जाने के बाद भी मैडिकल कालेज में एडमिट प्रतिभा की मौत के रहस्य से परदा नहीं उठ सका.

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के थाना अतरा के अनथुवा गांव निवासी रामसेवक विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी प्रतिभा को 3 नवंबर, 2023 को रानी दुर्गा मैडिकल कालेज में प्रसव पीड़ा के चलते भरती कराया. प्रसव पीड़ा के चलते प्रतिभा को प्रसूति रोग वार्ड का बैड नंबर 3 दिया गया था.

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प्रतिभा विश्वकर्मा के साथ ज्यादा ही परेशानी थी, जिस कारण डाक्टरों ने उस का औपरेशन करने की सलाह दी थी. उसी शाम को प्रतिभा ने औपरेशन के बाद एक बच्ची को जन्म दिया. प्रतिभा के एक बच्ची के जन्म के बाद रामसेवक के परिवार में खुशी का माहौल था. प्रतिभा ने सर्जरी के द्वारा बच्ची को जन्म दिया था. जच्चाबच्चा दोनों ही सुरक्षित थे.

7 नवंबर, 2023 को प्रतिभा को डिसचार्ज होना था. लेकिन उस से पहले ही अचानक प्रतिभा की तबियत कुछ खराब हो गई, जिस के बाद उसे फिर से इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया गया. जहां पर उस का उपचार शुरू किया गया था. लेकिन 8 नवंबर की सुबह को प्रतिभा अपने बैड से गायब मिली. उस के इमरजेंसी वार्ड से अचानक गायब होने से उस के घर वाले परेशान हो गए. प्रतिभा को पूरे अस्पताल में खोजा गया, लेकिन उस का कहीं भी अतापता नहीं लग सका.

प्रतिभा के गायब होने की जानकारी अस्पताल प्रशासन को लगी तो महकमे में अफरातफरी हो गई. प्रतिभा के घर वालों ने अस्पतालकर्मियों से उस के बारे में जानकारी ली तो उन की तरफ से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो उन्होंने इस की सूचना पुलिस को दी.

मरीज के गायब होने की जानकारी मिलते ही मैडिकल कालेज चौकीप्रभारी कुलदीप तिवारी तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंच गए. वहां पहुंचते ही उन्होंने वहां पर मौजूद मैडिकल कालेज कर्मियों से प्रतिभा के बारे में जानकारी जुटाई. उस के बाद भी पुलिसकर्मियों के साथसाथ प्रतिभा के घर वालों ने भी उस की काफी खोजबीन की, लेकिन उस का कहीं भी पता न चल सका.

अगले दिन 9 नवंबर को दिन के 11 बजे औक्सीजन प्लांट में तैनात कर्मचारी शकील को एसएनसीयू वार्ड के पीछे नाली में प्रतिभा की नग्न लाश पड़ी दिखाई दी. शकील ने इस की जानकारी मैडिकल प्रशासन को दी. अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दे कर बुला लिया. मौके पर पहुंचे चौकीप्रभारी कुलदीप तिवारी ने प्रतिभा के शव का निरीक्षण किया. उस की लाश नाले में औंधे मुंह पड़ी हुई थी.

क्या प्रतिभा को बनाया हवस का शिकार

घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद ही कुलदीप तिवारी ने इस सब की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी. खबर मिलते ही कोतवाल अनूप दुबे, सीओ सदर अबुंजा त्रिवेदी, एएसपी लक्ष्मीनिवास मिश्र, सिटी मजिस्ट्रेट विजयशंकर तिवारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांचपड़ताल की.

मौके पर पहुंची डौग स्क्वायड के साथ फोरैंसिक टीम ने भी घटनास्थल की जांचपड़ताल की. फोरैंसिक टीम ने मौके से कुछ सबूत भी लिए. इस बारे में पुलिस प्रशासन ने मैडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एस.के. कौशल से भी जानकारी जुटाई.

प्राचार्य एस.के. कौशल ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड में नर्स, एसआर व जेआर की ड्यूटी रहती है. महिला इस तरह से अचानक कैसे गायब हुई, स्टाफ के सभी लोगों से जानकारी ली जाएगी. लापरवाही बरतने वाले पर सख्त काररवाई की जाएगी.

प्रतिभा के मृत पाए जाने की सूचना पर उस के घर वालों के साथसाथ अन्य लोग भी मैडिकल कालेज पहुंच गए. उस की हत्या को ले कर उन्होंने काफी हंगामा किया. इस सब से भी बड़ी बात यह थी कि अगर किसी ने इस वारदात को अंजाम दिया तो इतने बड़े कैंपस में किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी.

घर वालों का कहना था कि उस के  नग्न शव के पड़े होने व एक हाथ पर कई घाव उस के साथ किसी अनहोनी का संकेत कर रहे हैं. उसी कारण घर वाले उस के पंचनामे के लिए किसी भी तरह से राजी नहीं थे. फिर भी किसी तरह पुलिस प्रशासन ने उन्हें समझायाबुझाया और प्रतिभा के शव की संपूर्ण काररवाई करते हुए पंचनामा किया. फिर उस के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.

अगले दिन शुक्रवार को 3 डाक्टरों डा. एम.के. गुप्ता, डा. रामनरेश व मैडिकल कालेज के फोरैंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डा. आभास कुमार के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ प्रतिभा के शव का पोस्टमार्टम किया. प्रसूता प्रतिभा के शरीर पर अनगिनत चोटों के निशान पाए गए, वह भी उस की मौत की एक वजह थे. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने दूसरे एंगल से जांचपड़ताल शुरू की.

उसी जांच की कड़ी में 11 नवंबर की देर रात को कोतवाली पुलिस ने मैडिकल कालेज में घटनास्थल पर सीन औफ क्राइम दोहराया.  मैडिकल कालेज के शल्य विभाग की बिल्डिंग में भी बारीकी से जांचपड़ताल की. उस के बाद एसएनसीयू वार्ड के पीछे जा कर फिर से घटनास्थल को खंगाला गया.

उस के साथ ही डाक्टरों, पैरामैडिकल स्टाफ व गार्डों समेत वहां भरती मरीजों के परिजनों से भी कड़ी पूछताछ की गई. सीन औफ क्राइम के समय 1-2 तीमारदारों ने बताया कि महिला को आईसीयू वार्ड के पास वाली सीढ़ियों पर देखा गया था.

यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने अंदाजा लगाया कि महिला आईसीयू वार्ड से सीढ़ियां चढ़ कर छत तक पहुंची होगी. उस के बाद पुलिस ने छत पर जा कर हर तरह से जांचपड़ताल की. लेकिन इस मामले में कोई नतीजा सामने न आने के बाद कोतवाल अनूप दुबे ने इस केस की जांच आगे भी जारी रखी, लेकिन फिर भी पुलिस के हाथ अब तक खाली थे.

इस मामले में सब से बड़ी बात यह थी कि इस मैडिकल कालेज में सुरक्षा के लिए 36 सिक्योरिटी गार्ड तैनात थे. वहीं मैडिकल कालेज में 70 सीसीटीवी कैमरे लगे थे. लेकिन इस मामले में कहीं से भी कोई ऐसा क्लू नहीं मिला था, जिस से उस महिला की हत्या के आरोपी का पता चल सके.

मामले की जांच के लिए डीएम ने एडीएम अमिताभ यादव के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बनाई. टीम में एएसपी लक्ष्मीनिवास मिश्र और सीएमओ डा. ए.के. श्रीवास्तव को शामिल किया गया. तीनों अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपते हुए इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात मैडिकल कालेज के 11 कर्मचारियों की लापरवाही का जिक्र किया था.

सिक्योरिटी गार्ड और सीसीटीवी कैमरों से कैसे बचे आरोपी

महिला की लाश मिलने वाली जगह को देखते हुए यह तो आशंका जाहिर की जा रही थी कि उस महिला की हत्या करने से पहले उस के साथ बलात्कार हुआ होगा. मगर इस सब में भी सब से बड़ी बात यह थी कि मरीज मैडिकल कालेज की ऊपरी बिल्डिंग से नीचे कैसे आई और उस के साथ यह दुस्साहस किस ने किया.

हालांकि जिस जगह पर महिला का शव मिला, उस स्थान पर कहीं भी सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ नहीं था. लेकिन मैडिकल कालेज की ऊपरी बिल्डिंग से नीचे तक कहीं न कहीं तो कैमरा अवश्य ही लगा होना चाहिए था.

यही नहीं उस मैडिकल कालेज के इमरजेंसी से ले कर एसएनसीयू वार्ड के बीच अंदरूनी कारीडोर में कहीं भी कैमरा लगा हुआ नहीं था. कालेज के इस इलाके में हमेशा ही सन्नाटा पसरा रहता है, जिस का लाभ अपराधियों ने उठाया.

मैडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड के बाहरी हिस्से में एक सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था, जिस की फुटेज निकालने पर पता चला कि मृतक प्रतिभा बुधवार की सुबह 5 बज कर 42 मिनट पर इमरजेंसी वार्ड से बाहर अकेली ही आई थी.

मैडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड में एक सीनियर डाक्टर, एक जूनियर डाक्टर के अलावा 3 नर्सिंग स्टाफ, 2 वार्डबौय और 2 सफाईकर्मियों की ड्यूटी शिफ्टों में रहती है.

घटना वाले दिन भी इतना ही स्टाफ वहां पर मौजूद था. यही नहीं, उस दिन मृतका के घर वालों में उस के जेठ, जेठानी के अलावा उस का एक भाई भी उसी वार्ड के बाहर थे. लेकिन उन के सोने के बाद ही प्रतिभा पता नहीं कब वार्ड से बाहर आई और वहां से कैसे नीचे पहुंची. उन्हें कुछ भी पता नहीं चला.

मृतका के घर वालों का कहना था कि प्रतिभा के लापता होते ही उन्होंने कई बार मैडिकल कालेज के स्टाफ से उसे तलाशने के लिए कहा, लेकिन मैडिकल कालेज का स्टाफ से उसे खुद तलाशने की बात कह कर अपना पल्ला छाड़ लिया था. जिस से साफ जाहिर होता है कि इस सब में मैडिकल कालेज कर्मचारियों की मिलीभगत थी.

इस मामले में जांच समिति ने भले ही मैडिकल कालेज के 11 कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी थी. लेकिन इस के बाद भी महिला की मौत की वजह से परदा नहीं उठ पाया.

प्रतिभा की स्वाभाविक मौत हुई या फिर उस की बलात्कार के बाद हत्या की गई है. इस का जवाब न तो पुलिस के पास ही है और न ही मैडिकल कालेज प्रशासन के पास.

मृतका के घर वालों का कहना था कि प्रतिभा की डाक्टरों ने सीजेरियन डिलीवरी कराई थी. उस के बाद जच्चाबच्चा दोनों ही स्वस्थ थे. दोनों के स्वस्थ होने के कारण डाक्टरों ने 7 नबंवर, 2023 को डिसचार्ज होने की तारीख भी दे दी थी.

लेकिन शाम को प्रतिभा को दवा देने के बाद ही उस की हालत अचानक बिगड़ गई, जिस के कारण प्रतिभा का मानसिक संतुलन खराब सा लगने लगा था. इस से साबित होता है कि उसे कोई गलत दवा दी गई थी. उस के बाद उस की परेशानी को देखते हुए फिर से उसे इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया गया था, जहां से वह अगली ही सुबह गायब मिली.

वह मैडिकल कालेज की तीसरी मंजिल से नीचे कैसे आई. वह खुद नीचे आई या फिर उसे गिराया गया, इस मिस्ट्री का जवाब न तो पुलिस प्रशासन के पास है और न ही मैडिकल कालेज प्रशासन के पास. वहीं मैडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एस.के. कौशल ने इस मामले को पुलिस जांच का हिस्सा बताते हुए पल्ला झाड़ लिया.

लेकिन मृतका के नग्न शव के पास ही उस के नीचे के कपड़े पड़े होने व उस के एक हाथ में काफी चोटों के निशान पाए जाने से यह तो साफ है कि महिला के साथ दरिंदगी की गई थी. इस सब में मैडिकल कालेज के किसी व्यक्ति का हाथ हो सकता है. जिस की विवेचना होना अति अनिवार्य हो जाती है.

मैडिकल कालेज के पहले के मामलों का क्यों नहीं हुआ खुलासा

रानी दुर्गावती मैडिकल कालेज का यह कोई पहला ऐसा मामला नहीं, जिस का खुलासा नहीं हुआ. इस से पहले भी 13 सितंबर, 2022 की शाम को मैडिकल कालेज हौस्टल में एमबीबीएस फोर्थ ईयर के छात्र अमित मजूमदार ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी.

उस के बाद पुलिस जांचपड़ताल के दौरान पुलिस को उस के रूम से एक सुसाइड नोट प्राप्त हुआ था, जिस में उस ने लिखा था कि उस की मौत का किसी को भी जिम्मेदार न ठहराया जाए. वह स्वयं ही आत्महत्या कर रहा है.

शिकोहाबाद के एटा चौराहा निवासी अपूर्व मजूमदार का बेटा 25 वर्षीय अमित मजूमदार बांदा के इसी मैडिकल कालेज में एमबीबीएस में अंतिम वर्ष का छात्र था. 13 सितंबर, 2022 को उस ने कालेज हौस्टल में ग्राउंड फ्लोर पर स्थित अपने कमरे के अंदर छत के पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. उस वक्त भी प्रशासन ने छात्र को डिप्रेशन का शिकार बताया था.

पुलिस ने इस मामले में उस के घर वालों से पूछताछ भी की थी, लेकिन उस के घर वालों ने बताया था कि उन का बेटा सीधासादा व होनहार था. उसे किसी बात की डिप्रेशन थी, यह बात मैडिकल कालेज के प्रशासन के लोग ही बता रहे थे.

उस छात्र की मौत का रहस्य भी एक राज बन कर ही रह गया था. इस मामले में पुलिस ने काफी हाथपांव मारे थे, लेकिन उस के फांसी लगाने की वजह स्पष्ट नहीं कर पाए थे.

कुछ इसी तरह का मामला इसी वर्ष 16 अगस्त, 2023 को सामने आया था. एमबीबीएस थर्ड ईयर की 23 वर्षीय छात्रा ऊषा भार्गव ने पहले हाथ की नस काटी फिर फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली थी. उस का शव भी मैडिकल कालेज के एक कमरे में मिला था. छात्रा की आत्महत्या की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी.

उस के बाद पुलिस ने मैडिकल कालेज प्रशासन से उस के बारे में पूछताछ करने के बाद उस की लाश का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम हेतु भिजवा दी थी. उसी जांचपड़ताल में पुलिस ने उस के कमरे से उस की एक डायरी प्राप्त की थी. पुलिस ने अपनी काररवाई करते हुए उस के साथ रह रही कई छात्राओं से भी उस के बारे में पूछताछ की थी.

पुलिस जांच में उस की डायरी से कुछ भावनात्मक बातें लिखी हुई थीं. उस के साथ ही पुलिस ने उस की काल डिटेल्स निकाल कर भी जानकारी जुटाई थी. लेकिन पुलिस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी.

ऊषा भार्गव राजस्थान के चुरू की रहने वाली थी. छात्रा के इस तरह से फांसी लगा कर जान देने की घटना से भी कई सवाल उठे थे. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासन ने उस के साथ पढ़ रहे कई छात्रों से जानकारी जुटाई थी. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था. उस के बाद भी मैडिकल कालेज प्रशासन ने इस प्रकरण की जांच की बात कही थी. लेकिन उस की जांच रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आई.

बहरहाल, कथा लिखे जाने तक पुलिस प्रतिभा की मौत की सच्चाई का पता नहीं लगा पाई थी.

—कथा पुलिस सूत्रों व पीड़ितों से बातचीत पर आधारित

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