राजधानी दिल्ली का सुर्खियों में बना शराब घोटाले का बड़ा खिलाड़ी कौन है, इस का पता आने वाले दिनोंमें सभी जांच पूरी होने के बाद ही चलेगा, किंतु इस में लिप्त बड़े कारोबारी का पता चल गया है. वह है विजय नायर. इस का नाम केजरीवाल-सिसोदिया से कितना गहरा था, इस का पता लगना बाकी है.

नायर का नाम अरविंद केजरीवाल ईडी की राउज एवेन्यू अदालत में भी लिया, लेकिन उस का नाम पहले भी कई बार आ चुका है. इस तरह शराब घोटाला मामले में विजय नायर एक बड़ा नाम बन गया. नायर उन लोगों में है, जिस की इस मामले में सब से पहले गिरफ्तारी हुई थी. सीबीआई ने विजय नायर को मनीष सिसोदिया का करीबी बताया था.

वह कुछ सालों तक आम आदमी पार्टी का कम्युनिकेशन प्रभारी भी रहा. उस की खास पहचान एंटरटेनमेंट जगत से जुड़ी हुई है. वह ओनली मच लाउडर, एंटरटेनमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी का सीईओ और डायरेक्टर भी रह चुका है.

वह पहले भी कई विवादों में शामिल रहा है. बताते हैं कि वह एक सरकारी अधिकारी को रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. नायर 2014 से ‘आप’ से जुड़ा और पार्टी के लिए फंड जुटाने का काम करने लगा था. तब उसे पार्टी के मीडिया प्रभारी का काम सौंपा गया था. इस वजह से वह केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी बन गया था.

उस की उपलब्धि और पहचान को ले कर मीडिया में चर्चा होती रहती है. बताते हैं कि 2014 तक विजय नायर लगभग एक करोड़ डालर का मालिक था और वह फाच्र्यून इंडिया की ’40 अंडर 40’ लिस्ट में भी शामिल था. हालांकि उस का नाम पहली बार साल 2018 में तब बदनाम हो गया था, जब उस पर उस की ही कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी के साथ अभद्रता की शिकायत की रिपोर्ट मीडिया में प्रकाशित हुई थी.

रिपोर्ट बताते हैं कि नायर ने एक महिला को बाथटब में आने को कहा था और एक अन्य महिला कर्मचारी को रात में 2 बजे मालिश करने के लिए दबाव बनाया था.

नायर 6 कंपनियों का डायरेक्टर रह चुका है. वे कंपनियां हैं— ओएमएल एंटरटेनमेंट प्रा.लि., वेस्टलैंड एंटरटेनमेंट प्रा.लि., ओनली मच लाउडर इवेंट मैनेजमेंट प्रा.लि., मदर्सवियर एंटरटेनमेंट प्रा.लि., बेबलफिश प्रोडक्शंस प्रा.लि. और ओएमएल डिजिटल प्रोडक्शन प्रा.लि. इन में से 2 कंपनियां कथा लिखे जाने तक सक्रिय थीं.  ओनली मच लाउडर के साथ विजय नायर ने कई बड़े टिकट वाले लाइव संगीत शो, कौमेडी शो आयोजित करवाए थे.

vijay-nair-with-kejriwal

नायर ने मुंबई के सिडेनहैम कालेज में बैचलर औफ कौमर्स की अधूरी पढ़ाई की. 2002 में पढ़ाई छोड़ दी. तब वह 18 साल का था. उन्हीं दिनों उस ने ओनली मच लाउडर की स्थापना की थी. यह एक मैनेजमेंट कंपनी थी और इवेंट करवाने का काम लेती थी. तब इस के पास पेंटाग्राम जैसे शीर्ष बैंड थे. इस के द्वारा बड़े लाइव इवेंट में ए.आर. रहमान, रघु दीक्षित, नोरा जोंस और डीजे डेविड गुएटा जैसे कलाकार परफारमेंस कर चुके थे.

बाद में इस की कंपनी ओएमएल एनएच7 वीकेंडर कंसर्ट के लिए जानी जाने लगी. यह जल्द ही इंडी म्यूजिक के तौर पर लोकप्रिय हो गया. बाद में नायर की यह कंपनी ईस्ट इंडिया कौमेडी और आल इंडिया बकचोद जैसे कौमेडी शो आयोजित करवाने लगी. इस कंपनी ने एमटीवी इंडिया के लिए डेवारिस्ट्स नामक एक म्यूजिक सीरीज भी बनाई.

कारवां’ में छापी थी पीडि़ताओं की आपबीती

नायर को इवेंट से जितनी सुर्खियां मिलीं, उस से अधिक सुर्खियों में वह 2018 में तब आ गया, जब मीटू मूवमेंट का दौर चल पड़ा था. उस पर यौन उत्पीडऩ के आरोप संबंधी एक रिपोर्ट दिल्ली प्रैस की पत्रिका ‘कारवां’ में प्रकाशित हुई थी.

रिपोर्ट में यह छपा था कि नायर ने ओनली मच लाउडर का सीईओ रहते हुए कंपनी में लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा दिया और वहां यौन उत्पीडऩ के मामले आए. नायर के साथ काम  करने वाली महिलाओं की आपबीती दिल्ली प्रैस की पत्रिका ‘कारवां’ में छपी थी. हालांकि नायर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उस पर आरोप लगने से एक साल पहले ही वह कंपनी छोड़ चुका था.

उस का केजरीवाल से जुडऩे का किस्सा भी कुछ कम रोचक नहीं है. वह जनवरी, 2014 में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुआ था.

इस के अगले साल 2015 में उस की कंपनी के वार्षिक संगीत समारोह एनएच7 का वीकेंडर हुआ था. इस कार्यक्रम के कुछ समय बाद ही नायर ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में केजरीवाल की काफी तारीफ की थी. उसे इस तारीफ का इनाम मिला.

केजरीवाल सरकार ने एक नीति ‘म्यूजिक इवेंट्स के संचालन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम’ के तहत नायर केजरीवाल की पार्टी  से जुड़ गया. उसे पार्टी का कम्युनिकेशन इंचार्ज बना दिया गया. वह 2018 तक सोशल मीडिया रणनीतिकार, कार्यक्रम आयोजक और चंदा जुटाने का काम करता रहा.

नायर ने इवेंट के जरिए साल 2012 में बनी ‘आप’ पार्टी को चंदा जुटाने में मदद की थी. आप का वह एक कद्ïदावर सदस्य था. पार्टी में उस का कद कितना बड़ा था, इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अभियान से ले कर नीति निर्माण तक में पार्टी को सलाह देता था.

2019 आतेआते उस का कद और बढ़ गया. वह अब न केवल सोशल मीडिया पर रणनीति बनाने लगा, बल्कि राजनीतिक, अभियान और घोषणा पत्र और नीति निर्माण में भी पार्टी को सलाह देने लगा था. हालांकि उस ने हमेशा परदे के पीछे रहना पसंद किया.

उस ने सब से स्मार्ट सोशल मीडिया अभियानों और पोस्ट्स के लिए अभियान चलाया. तरहतरह के पोस्ट उसी के दिमाग की उपज थी. बताते हैं कि 2020 के दिल्ली चुनावों में आम आदमी पार्टी की शानदार जीत के बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं में से वह एक बन गया था.

कथित शराब घोटाले का मुख्य आरोपी था नायर

बहरहाल, दिसंबर 2022 में ईडी ने शराब घोटाला मामले में चार्जशीट दाखिल की थी.  इस में ईडी द्वारा विजय नायर को अरविंद केजरीवाल का बेहद करीबी बताया गया था.

दिल्ली शराब घोटाले के एक और आरोपी अमित अरोड़ा की रिमांड कौपी में ईडी ने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए विजय नायर और दूसरे लोगों को ‘साउथ ग्रुप’ ने 100 करोड़ की रिश्वत दी थी. इसी मामले में के. कविता भी इस घोटाले में फंसी हैं.

मीटू के आरोप में फंसा नायर भले ही बच निकला हो, लेकिन उस का नाम दिल्ली के कथित शराब घोटाले में शामिल हो चुका था. सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक मनीष सिसोदिया के सहयोगी अर्जुन पांडे ने शराब के कारोबारी समीर महेंद्रू से करीब 2 से 4 करोड़ रुपए लिए थे.

अर्जुन पांडे ने यह रकम विजय नायर की ओर से ली थी. बाद में यही रकम उन सरकारी अफसरों को दी गई थी, जो इस घोटाले के आरोपी बनाए गए थे.

इस के अलावा नायर पर साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा है. यह वही रकम है, जो आम आदमी पार्टी के नेताओं तक पहुंचाने के लिए उसे दी गई थी.

आरोप के मुताबिक विजय नायर ने ही गिरफ्तार केजरीवाल और समीर महेंद्रू के बीच वीडियो काल के जरिए बात भी करवाई थी. तब केजरीवाल ने समीर से कहा था कि विजय नायर उन का आदमी है, उस पर भरोसा करना चाहिए.

इसी के साथ ईडी और सीबीआई, दोनों की हिरासत में लिया गया विजय नायर ही शराब घोटाले के केंद्र में आ चुका था. इस तरह से शराब घोटाले से जुड़े मनी लौंड्रिंग में मुख्य तौर पर 3 नाम सामने आ गए थे. उन में विजय नायर, राघव मगुंटा और अमित अरोड़ा रहे हैं.

केजरीवाल की गिरफ्तारी इन की  गतिविधियों के आधार पर ही हुई बताई जाती है, जिसे अहम सबूत माना गया. नायर पर साउथ की कंपनी और आप के बीच नई शराब नीति के तहत काम दिलाने और उस के बदले में कमीशन लेने, चुनचुन कर लाइसेंस दिलवाने और साजिश रचने का आरोप लग चुका है.

सीबीआई के दावे के अनुसार नायर की तारीफ कर एक तरफ सीएम केजरीवाल ने कथित तौर पर समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा था कि कविता आप को फंडिंग के लिए उन से संपर्क करेंगी.

कविता ने 19 मार्च को व्यवसायी को फोन किया और 20 मार्च को हैदराबाद में उन से मुलाकात की, जहां उन्होंने उत्पाद शुल्क नीति पर केजरीवाल की टीम के साथ अपने समन्वय करने की जानकारी दी. इस बारे में सीबीआई की जांच की.

हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट मनी लौंड्रिंग मामले में विजय नायर की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांग चुकी है. उस के द्वारा दायर जमानत याचिका पर जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने नोटिस जारी किया है. इस की 19 मई को सुनवाई की जानी है.

एडवोकेट समुद्र सारंगी के माध्यम से दायर अपनी याचिका में नायर का कहना है कि उन की ‘राजनीतिक संबद्धता’ के कारण उन्हें पीडि़त किया जा रहा है और जांच एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही एफआईआर या ईसीआईआर (एनफोर्समेंट केस इनफारमेशन रिपोर्ट) में कोई योग्यता नहीं है.

याचिका के अनुसार नायर केवल आप का मीडिया और संचार प्रभारी है. वह दिल्ली सरकार में किसी भी तरह का कोई पद नहीं रखता है और इसलिए किसी भी तरह से आबकारी नीति के प्रारूपण, निर्माण या कार्यान्वयन में शामिल नहीं है.

इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने 16 फरवरी को नायर को जमानत दिए जाने से इनकार कर दिया था. उस के साथ जमानत मिलने से वंचित रहने वाले सहआरोपी लोगों में समीर महेंद्रू, शरथ रेड्डी, अभिषेक बोइनपल्ली और बिनौय बाबू भी थे.

तब ट्रायल कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि आगे की जांच अभी भी लंबित है और यह कहना संभव नहीं है कि अगर उन्हें जमानत पर छोड़ा गया तो वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का कोई प्रयास नहीं करेंगे.

सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, नायर पर दिल्ली सरकार की 2021-22 की नई आबकारी नीति से संबंधित अन्य व्यक्तियों के साथ आपराधिक साजिश रचने का आरोप है.

वैसे नायर और बोइनपल्ली को सीबीआई मामले में निचली अदालत से पिछले साल अक्तूबर में जमानत मिल गई थी. किंतु बाद में उसे ईडी ने मनी लौंड्रिंग मामले में हिरासत में ले लिया था. दूसरी तरफ सीबीआई ने नायर और बोइनपल्ली दोनों को जमानत दिए जाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

कथा लिखी जाने तक वह सरकारी गवाह बन चुका था और पिछले 14 महीनों से जेल में है. हालांकि वह अपनी जमानत की गुहार कर रहा है. उस का कहना है कि वह ग्रेड-थर्ड की बवासीर का मरीज है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...