15 जून, 2019 शनिवार की सुबह की बात है. कुछ लोग नहर के किनारे घूम रहे थे. तभी उनकी नजर सूखी नहर में पड़ी एक महिला पर पड़ी. महिला को ऐसी हालत में देख कर लोग इधरउधर खिसक लिए. लेकिन गांव नंदपुर के रहने वाले कुलदीप माहेश्वरी ने हिम्मत जुटाते हुए इस की सूचना रामनगर कोतवाली को दे दी.
सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी रवि कुमार सैनी पुलिस टीम के साथ बताई गई जगह पर पहुंच गए. वहां पहले से ही कुछ लोग जमा थे. महिला की लाश नहर में पड़ी थी और उस के हाथपांव बंधे थे. उस की पहचान मिटाने के लिए उस के चेहरे को भी जलाने की कोशिश की गई थी. कोतवाली प्रभारी ने यह सूचना अपने अफसरों को दे दी.
घटना की सूचना पर एएसपी (हल्द्वानी), सीओ तथा फोरैंसिक टीम भी वहां पहुंच गई. पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना किया. महिला की लाश के पास एक तौलिया, एक चादर और एक रुमाल पड़ा था. महिला का चेहरा इतनी बुरी तरह से झुलसा हुआ था कि उसे पहचान पाना मुश्किल था.
सब से पहले पुलिस ने नहर में सीढ़ी लगा कर शव को बाहर निकाला. युवती ने लाल रंग की कमीज और सलवार पहन रखी थी. मौका मुआयना करने पर जाहिर हो रहा था कि उस की हत्या कहीं दूसरी जगह कर के लाश वहां डाली गई है.
पुलिस ने वहां पर मौजूद लोगों से उस की शिनाख्त करानी चाही तो कोई भी मृतका को नहीं पहचान सका. उसी वक्त चिल्किया का रहने वाला छोटे नाम का एक व्यक्ति वहां पहुंचा. उस ने पुलिस को बताया कि उस की बीवी पिछले 4 महीने से लापता है, जिस की गुमशुदगी वह थाने में दर्ज करा चुका है.
पुलिस ने नन्हे को लाश दिखाई तो उस ने कहा कि वह उस की पत्नी की लाश नहीं है. छोटे ने पुलिस को बताया कि उस की बीवी के हाथ पर उस का नाम गुदा हुआ था, लेकिन उस महिला के किसी भी हाथ पर कुछ भी गुदा हुआ नहीं था.
काफी प्रयास के बाद भी जब उस महिला की शिनाख्त नहीं हो पाई तो पुलिस ने अपनी काररवाई आगे बढ़ाते हुए शव को मोर्चरी में रखवा दिया. इस के बाद पुलिस उस के फोटो ले कर आसपास के क्षेत्र व स्थानीय होटलों में जा कर उस की शिनाख्त कराने की कोशिश करने लगी. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इस पर पुलिस ने युवती की शिनाख्त के लिए समाचार पत्रों में उस का फोटो छपवाया, साथ ही पैंफ्लेट छपवा कर सीमा से सटे जिलों और दिल्ली में लगवा दिए गए.
मृतका की शिनाख्त के लिए पुलिस इधरउधर हाथपांव मारती रही. इसी दौरान 22 जून, 2019 को दिल्ली के भजनपुरा का रहने वाला अंकित शर्मा रामनगर कोतवाली पहुंचा.
अंकित शर्मा ने पुलिस को बताया कि अखबार में जिस महिला की लाश का फोटो छपा है, वह उस की बीवी जन्नत निखत अंसारी से मिलता जुलता है, जो चिल्किया में किराए का कमरा ले कर अकेली रहती थी.
पुलिस ने अंकित शर्मा को मोर्चरी में रखी युवती की लाश दिखाई तो उस ने उस की शिनाख्त अपनी बीवी जन्नत निखत के रूप में की. लाश की शिनाख्त हो जाने पर पुलिस टीम ने राहत की सांस ली. लेकिन पुलिस इस बात को ले कर हैरत में थी कि अंकित ब्राह्मण है और उस की बीवी मुसलिम.
पुलिस को अंकित पर ही शक हुआ कि कहीं उसी ने या उस के परिवार वालों ने जन्नत के दूसरे समुदाय की होने की वजह से उसे मौत के घाट तो नहीं उतार दिया. अपना शक दूर करने के लिए पुलिस ने अंकित शर्मा से इस मामले में पूछताछ की. लेकिन अंकित बेकसूर लगा.
पूछताछ पूरी हो जाने के बाद अंकित शर्मा ने पुलिस को एक लिखित तहरीर देते हुए बताया कि मुझे अपनी पत्नी की हत्या का शक उसी के जीजा सोनू पर है, जो रामनगर में ही रहता है. अंकित की तहरीर पर पुलिस ने सोनू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उस की तलाश शुरू कर दी.
इसी दौरान पुलिस ने अंकित शर्मा से विस्तृत जानकारी लेते हुए इस मामले से संबंधित सारे तथ्य जुटा लिए. पुलिस सोनू के ठिकाने पर पहुंची तो वह अपने घर से फरार मिला. कई पुलिस टीमें उस की तलाश में लग गईं.
22 जून की शाम को पुलिस को एक मुखबिर ने सूचना दी कि सोनू इस वक्त चोरपानी स्टोन क्रेशर के पीछे छिपा हुआ है. पुलिस ने उस जगह की घेराबंदी कर के सोनू को हिरासत में ले लिया. कोतवाली में उस से पूछताछ की गई तो एक चौंका देने वाली सच्चाई सामने आई, जो कालगर्ल रैकेट से जुड़ी हुई थी.
उत्तराखंड के जिला नैनीताल से 56 किलोमीटर दूर पहाड़ों पर स्थित है रामनगर. यह आबादी के हिसाब से छोटा शहर ही सही, लेकिन सदियों से पर्यटकों के लिए पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है. इस की वजह वनों और पहाड़ों वाला रमणीक स्थल तो है ही, लेकिन इस से भी बड़ी वजह है जिम कार्बेट नैशनल पार्क, जहां शेर और हाथी जैसे जीवों को खुले जंगल में घूमते देखा जा सकता है.
यहां पर हर साल देशविदेश से लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. रामनगर में पर्यटकों के हिसाब से होटलों और रिसोर्टों की भी भरमार है. जिन के सहारे यहां पर कालगर्ल्स का धंधा फलफूल रहा है.
सोनू सैनी रामनगर के चोरपानी इलाके में स्टोन क्रैशर के पीछे रहता था. शादी से पहले वह आवारा और झगड़ालू प्रवृत्ति का था. उस की हरकतों से आजिज आ कर उस के पिता पूरन सैनी ने उस की शादी उत्तर प्रदेश के अमरोहा शहर के मोहल्ला रफतपुरा की रहने वाली मीना से कर दी थी. पूरन सिंह को उम्मीद थी कि वह शादी के बाद सुधर जाएगा, लेकिन शादी के बाद वह और भी ज्यादा बिगड़ गया था.
उस के कई औरतों से अनैतिक संबंध थे. अपनी मोटी कमाई वह अपने इस शौक पर उड़ा देता था. बाद में वह धीरेधीरे जिस्मफरोशी के धंधे में उतर गया. यह काम करते हुए वह ऐसी कई औरतों के संपर्क में आ गया, जो पहले से देहव्यापार से जुड़ी थीं.
सोनू उन के साथ मौजमस्ती करने के अलावा उन के लिए ग्राहक भी लाने लगा. ग्राहक लाने पर उसे भी दलाली के रूप में कमाई होने लगी थी. सोनू इस धंधे में पड़ कर खुश था.
कुछ समय बाद उस की पत्नी भी उस के इस धंधे से वाकिफ हो गई. घर में बिना करेधरे पैसा आए तो किसे बुरा लगता है. घर की बढ़ी आमदनी को देखते हुए उस की बीवी भी उस के रंग में रंग गई. बीवी ने उस के इस धंधे में भागीदारी करनी शुरू कर दी. फिर तो वह बिना किसी खौफ के ग्राहकों को अपने घर पर बुला लेता और मोबाइल से फोन कर के कालगर्ल को भी वहीं आने को कह देता था.
उस का यह धंधा बिना किसी रुकावट के काफी समय तक चलता रहा. लेकिन जब गांव वालों को उस की कारगुजारी का पता चला तो उन्होंने विरोध किया. गांव में सोनू की इस पोल का खुलासा होते ही हंगामा हो गया. इसे ले कर उस की गांव वालों से मारपीट हो जाती थी. कई बार मारपीट होने पर यह मामला थाने तक पहुंचा, तो सोनू फरार हो गया.
बाद में उस ने रामनगर के पास पीरूमदारा में किराए पर कमरा ले लिया. उस ने वहां पर रह कर फिर से देहव्यापार की दलाली का काम शुरू कर दिया. इसी धंधे के दौरान उस की मुलाकात उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर के कस्बा नूरपुर की रुखसार उर्फ प्रिया से हुई. प्रिया देखने भालने में खूबसूरत और गदराए शरीर की कमसिन युवती थी.
पहली मुलाकात में ही सोनू का दिल प्रिया पर आ गया. उस ने प्रिया को अपनी मीठी मीठी बातों में फंसा कर उस के साथ शादी कर ली. समय के साथसाथ रुखसार भी उस के 2 बच्चों की मां बन गई. पैसों के लालच में उस ने रुखसार को भी धंधे में लगा दिया.
रुखसार की एक छोटी बहन थी जन्नत निखत, जो अपनी अम्मी सलीमा के साथ दिल्ली के भजनपुरा इलाके में रहती थी. रुखसार की अम्मी सलीमा पहले से ही देहव्यापार से जुड़ी थी.
सलीमा हालांकि दिल्ली में रह कर अपना धंधा चला रही थी. लेकिन वह जानती थी कि यह काम रामनगर जैसे क्षेत्र में ज्यादा फलेगा फूलेगा. यही सोच कर उस ने अपनी बेटी रुखसार के पास आनाजाना बढ़ा दिया था. सोनू उसे पहले से ही जानता था. सोनू के संपर्क में आने के बाद उस ने दिल्ली से रामनगर तक इस धंधे से जुड़ी युवतियों की सप्लाई शुरू कर दी.
अंकित शर्मा दिल्ली के भजनपुरा इलाके में सलीमा के घर के सामने ही रहता था. आमने सामने रहने के कारण सलीमा ने अंकित शर्मा से जानपहचान बढ़ा ली. उसी दौरान अंकित की मुलाकात जन्नत निखत से हुई. जन्नत देखनेभालने में खूबसूरत थी. जन्नत की खूबसूरती अंकित को ऐसी भायी कि वह उसे दिल दे बैठा. इतना ही नहीं, बल्कि शादी करने को भी तैयार हो गया.
यह बात जब जन्नत की अम्मी सलीमा को पता चली तो उस ने खुशीखुशी जन्नत की शादी अंकित शर्मा से कर दी. शादी के बाद जन्नत मां को छोड़ कर अंकित के साथ रहने लगी.
शादी से पहले अंकित को सलीमा या जन्नत की हकीकत मालूम नहीं थी. लेकिन जब उस का सलीमा के घर आनाजाना शुरू हुआ तो वह सच्चाई जान गया. हकीकत सामने आते ही अंकित सलीमा से कन्नी काटने लगा. धीरेधीरे उस ने अपनी बीवी जन्नत और उस की मां के मिलने पर पाबंदी लगा दी. जिस की वजह से दोनों परिवारों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी.
इस के बाद सलीमा अंकित को ले कर कई बार रामनगर रुखसार के पास आई, जो अंकित को बिलकुल पसंद नहीं था. उस की सास देहव्यापार के धंधे से जुड़ी है, जान कर उसे बहुत दुख हुआ था. यह जानकारी मिलते ही उस ने अपनी बीवी जन्नत को उस की अम्मी से दूर करने की कोशिश शुरू की थी, लेकिन जन्नत ने उस की एक नहीं सुनी.
अंकित और जन्नत के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला पुलिस तक जा पहुंचा, जिस के बाद जन्नत ने अपने पति अंकित से अलग रहना शुरू कर दिया. दोनों का विवाद अभी तक दिल्ली न्यायालय में विधाराधीन है.
बाद में जन्नत दिल्ली छोड़ कर रामनगर में अपनी बहन के साथ आ कर रहने लगी थी. उसी समय सोनू और रुखसार के बीच देह व्यापार के धंधे को ले कर इतना विवाद बढ़ा कि रुखसार भी सोनू को छोड़ कर अलग कमरा ले कर रहने लगी.
रामनगर आते ही जन्नत को जीजा की याद सताने लगी थी. हालांकि वह अपनी बहन और सोनू के रिश्तों के बारे में भलीभांति जान चुकी थी, लेकिन इस के बावजूद उस से सोनू से मिलना जुलना शुरू कर दिया. उस समय तक सोनू का जिस्मफरोशी का धंधा ठीकठाक चल रहा था. उस ने रामनगर के कई इलाकों में किराए के कमरे ले रखे थे.
चूंकि सोनू सैनी रामनगर क्षेत्र में काफी समय से देहव्यापार से जुड़ा था, इसीलिए आसपास के क्षेत्र में उस की काफी लोगों से जानपहचान हो गई थी. कई सफेदपोश भी उस के संपर्क में थे. जब उस के पास लड़कियों की डिमांड आती तो वह फोन कर उन्हें देह के पुजारियों से मिलवा देता. उसे सिर्फ अपने कमीशन से मतलब था.
कभीकभी तो सोनू एक ही सौदे में 10 हजार रुपए तक कमा लेता था. कमाई बढ़ने पर उसने एक नई वैगनआर कार भी खरीद ली. वह पार्टियों की डिमांड पर युवतियों को उसी कार में बिठा कर उन के पते तक छोड़ आता था.
इसी दौरान एक दिन जन्नत अपनी बहन रुखसार को बिना बताए सोनू से मिलने जा पहुंची. जन्नत को देखते ही सोनू खुश हो गया. उस दिन उस की और सोनू की काफी देर बातचीत हुई. उसी दौरान जन्नत ने सोनू को बताया कि उस का अपने पति अंकित से विवाद हो गया था, जिस कारण वह उसे छोड़ कर रामनगर चली आई.
जन्नत की यह बात सुनते ही सोनू के मन में लड्डू फूटने लगे. उस की दूसरी बीवी रुखसार उसे पहले ही छोड़ कर जा चुकी थी, इसलिए जन्नत को देखते ही उस ने ठान लिया कि वह उसे किसी भी तरह अपने विश्वास में ले कर उस से शादी करेगा. हुआ भी यही. वह रोजाना जन्नत को फोन करने लगा.
कुछ ही दिनों में दोनों के बीच अच्छे संबंध बन गए. सोनू जानता था कि जन्नत के आते ही उस का जिस्मफरोशी का धंधा और भी फलने फूलने लगेगा. सोनू की मेहनत रंग लाई. उस ने कुछ ही दिनों में जन्नत को विश्वास में ले कर उसे अपने साथ रहने को मजबूर कर दिया. अंतत: जन्नत उसी के साथ रहने लगी.
जन्नत को अपने जाल में फंसाने के बाद सोनू ने उसे पीरूमदारा स्थित साईं मंदिर के पास एक कमरे में ठहरा दिया था. उस की देखरेख और खाने पीने की व्यवस्था के लिए उस ने रेखा नाम की एक महिला उस के पास छोड़ दी थी, जो उसे सारी सुविधाएं मुहैया कराती थी. कुछ दिनों से जन्नत और सोनू पीरूमदारा के उसी कमरे में मियांबीवी की तरह साथ रह रहे थे.
सोनू जन्नत के परिवार की कमजोरी पहले ही पकड़ चुका था. उसे पता था कि जन्नत शुरू शुरू में भले ही इस धंधे में आने से मना करे, लेकिन वह बाद में अपने आप लाइन पर आ जाएगी. जन्नत देखने में मौडल जैसी लगती थी. सोनू जानता था कि देहव्यापार के बाजार में उस के दाम भी अच्छे मिलेंगे.
यही सोच कर उस ने जन्नत की मजबूरी का लाभ उठाते हुए उसे दलदल में धकेलने की कोशिश की. लेकिन अंकित के साथ शादी करने के बाद वह फिर से उस दलदल में नहीं फंसना चाहती थी.
सोनू ने उसे समझाने की कोशिश की कि वह सीधेसीधे रास्ते पर आ जाए, लेकिन जब वह उस के बहकावे में नहीं आई तो उसे दूसरा रास्ता अख्तियार करना पड़ा. उस ने कई रईसों को उस के फोटो भेज रखे थे. जिस के लिए उसे मुंहमांगी रकम भी मिली थी.
सोनू ने एक दिन उसे कोल्डड्रिंक में नशे की गोली डाल कर पिला दी. कोल्डड्रिंक पीने के कुछ देर बाद वह नशे में बेसुध हो गई. मौके का फायदा उठा कर सोनू ने उस के साथ अवैध संबंध बनाए. जब इस बात की जानकारी जन्नत को हुई तो उसे गहरा सदमा पहुंचा. लेकिन उस वक्त वह मजबूर थी. उसे छोड़ कर वह कहीं जा भी नहीं सकती थी.
अंतत: वह सोनू पर शादी के लिए दबाव बनाने लगी. जबकि सोनू जानता था कि जब उस की बहन ही उस की न हुई तो वह उस के साथ क्या निभा पाएगी. यही सोचते हुए उस ने जन्नत के साथ शादी से साफ मना कर दिया.
सोनू के साथ रहते हुए जन्नत भी शराब की आदी हो गई थी. वह सोनू के साथ बैठ कर पीती थी. एक दिन उस ने सोनू के पीछे शराब पी और घर में पूरी तरह से उत्पात मचाया. उस ने सोनू की गैरमौजूदगी में उस की पहली बीवी मीना और उस के भाई गुड्डू को बहुत बुराभला कहते हुए देख लेने की धमकी दी.
यह बात मीना और गुड्डू को नागवार लगी. सोनू के घर आते ही उन दोनों ने उस के कान भर दिए. मीना ने सोनू से कहा कि वह अपनी चहेती साली से सावधान रहे. वह कभी भी उस की जान ले सकती है.
यह जानकारी मिलते ही सोनू ने उसे समझाने की कोशिश की. लेकिन जन्नत ने सोनू से भी साफ शब्दों में कह दिया कि या तो वह उस से शादी कर ले वरना वह उसे किसी भी लायक नहीं छोड़ेगी, पुलिस में जा कर उस का भंडाफोड़ कर देगी. जन्नत की इस धमकी के बाद सोनू गंभीर हो गया. इस के बाद सोनू जन्नत को मौत की नींद सुलाने का रास्ता खोजने लगा.
14 जून, 2019 को सोनू शराब ले कर कमरे पर पहुंचा. उस दिन उस का साला गुड्डू भी उस के साथ था. शाम को गुड्डू और जन्नत ने एक साथ बैठ कर शराब पी. जल्दी ही नशा जन्नत के सिर चढ़ कर बोलने लगा. उस दिन भी शराब के नशे में जन्नत ने सोनू के सामने शादी वाली बात रखी, जिस पर सोनू ने साफ शब्दों में कहा कि वह एक बीवी के होते दूसरी शादी नहीं कर सकता.
इतना सुनने के बाद जन्नत आपे से बाहर हो गई. उस ने सोनू के साथ हाथापाई तक कर डाली थी. जिस से बौखला कर सोनू ने जन्नत को उठा कर जमीन पर पटक दिया.
जमीन पर गिरते ही जन्नत बेहोश हो गई. उस के बाद वह अपने साले गुड्डू की मदद से उसे कमरे में ले गया. फिर वहां पड़े बिजली के तार से उस का गला घोंट दिया, जिस से उस की मौत हो गई.
जन्नत को मौत की नींद सुलाने के बाद सोनू ने अपने साले की मदद से उस की लाश वैगनआर कार से ले जा कर पीरूमदारा रेलवे लाइन की तरफ सूखी नहर में डाल दी. नहर में डालने के बाद लाश की पहचान छिपाने के लिए दोनों ने उस के चेहरे को जलाने की योजना बनाई. लाश नहर में डालने के बाद दोनों कार से भवानीगंज पैट्रोलपंप पर पहुंचे. वहां से पैट्रोल ले कर वापस उसी जगह गए, जहां नहर में लाश डाली थी.
सोनू ने जन्नत के सोने के कुंडल और अंगूठी उतार कर अपने पास रख लीं. फिर जन्नत के चेहरे और कपड़ों पर पैट्रोल डाल कर आग लगा दी. बाद में दोनों ही अपने कमरे पर चले आए.
यह संयोग ही रहा कि मृतका के चेहरे और उस के कपड़ों पर पैट्रोल डालने के बाद भी न तो पूरी तरह से उस का चेहरा जल पाया था और न ही उस के कपड़े. जिस के आधार पर ही उस की पहचान हो पाई वरना जन्नत की मौत राज बन कर रह जाती.
सोनू ने अपनी पहली बीवी मीना के अलावा 2 और बीवियां रखनी चाहीं. वह सभी को देहव्यापार में उतारना चाहता था. लेकिन उस की यह मंशा पूरी नहीं हो सकी.
इस केस का खुलासा होने के बाद पुलिस ने अभियुक्त सोनू की निशानदेही पर पीरूमदारा में किराए के मकान से हत्या में इस्तेमाल किया गया बिजली का तार, चोरपानी वाले मकान की अलमारी से मृतका के कुंडल तथा अंगूठी भी बरामद कर ली. इस के अलावा पुलिस ने इस हत्याकांड में इस्तेमाल की गई वैगनआर कार भी अपने कब्जे में ले ली. पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों अभियुक्तों सोनू और गुड्डू को कोर्ट में पेश कर के जेल भेज दिया.