नेपाल के चितवन क्षेत्र के नारायण घाट से गुजर रहे लोगों की नजर एक बोरी पर पड़ी. उस समय सुबह के साढ़े 11 बजे का समय था. बोरी देख कर एक व्यक्ति ने उसे अपने कब्जे में ले लिया. उस ने सोचा कि बोरी में कोई सामान होगा. लोगों में आपस में बहस होने लगी कि इस बोरी पर उन का भी अधिकार है. इस के बाद माल की उम्मीद में जैसे ही बोरी का मुंह खोला गया, सभी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. बोरी में कोई सामान नहीं, बल्कि एक   30-32 साल की महिला की लाश थी.

यह देख कर वहां मौजूद सभी लोग घबरा गए. फिर एक युवक ने तुरंत चितवन थाने की पुलिस को इस की सूचना दे दी. नेपाल पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच शुरू की.  पुलिस ने डौग स्क्वायड भी बुला लिया. पुलिस सबूत जुटाने के प्रयास में थी, इसी बीच पुलिस को कुछ दूरी पर एक बोरी और मिली. उसे खोल कर देखा गया तो उस बोरी में भी एक 20-21 साल के युवक की लाश थी.

2-2 लाशें देखते ही पुलिस के होश उड़ गए. दोनों लाशें किस की हैं? कौन है युवती, कौन है युवक? किस ने की हैं इन दोनों की हत्याएं? 2-2 हत्याएं नेपाल पुलिस के लिए चुनौती बन गईं.

शवों की शिनाख्त नहीं होने पर पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू की. पुलिस समझ गई कि इन दोनों लाशों का आपस में जरूर कोई न कोई संबंध है. यह घटना 22 नवंबर, 2023 की थी.

झोले में छिपा हत्याओं का रहस्य

नेपाल पुलिस ने दोनों शवों को अपने कब्जे में ले लिया. उस क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. एक फुटेज से पता चला कि एक व्यक्ति साइकिल पर रख कर 2 बार में इन शवों को यहां फेंक गया था. शवों को फेंकने वाले का चेहरा कैमरे में धुंधला होने के कारण उस का पता नहीं चल सका.

पहचान की गुंजाइश इतनी भर थी कि जांचपड़ताल के दौरान पुलिस को शवों से कुछ दूरी पर एक थैला मिला. उस थैले पर बिहार के मोतिहारी जिले के सुगौली की एक दुकान का पता लिखा हुआ था.

नेपाल पुलिस ने अनुमान लगाया कि जरूर इन दोनों लाशों का संबंध भारत के बिहार राज्य के सुगौली से होगा. बताते चलें कि मोतिहारी, बिहार राज्य के पूर्वी चंपारण का मुख्यालय है. बिहार की राजधानी पटना से 170 किलोमीटर दूर पूर्वी चंपारण नेपाल की सीमा पर बसा है.

इस के बाद नेपाल पुलिस ने थाना सुगौली पहुंच कर वहां की पुलिस को दोनों लाशों के साथ ही मिले थैले के बारे में जानकारी दी. दोनों लाशों के फोटो भी दिखाए.

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    मृतका अस्मिता उर्फ संजू देवी

जिन की लाशें मिलीं, थे हत्या के आरोपी

थाना सुगौली पुलिस को जैसे ही मृतकों के बारे में जानकारी मिली तो वह हतप्रभ रह गई. क्योंकि इन दोनों की पिछले 25 दिनों से तलाश कर रही थी. ये लाशें 21 वर्षीय ऋषभ, निवासी फुलवरिया थाना सुगौली और 30 वर्षीय अस्मिता उर्फ संजू देवी, निवासी सुगांव डीह थाना सुगौली की थीं. नेपाल पुलिस से पूरी दास्तान सुनने के बाद सुगौली थाने की पुलिस सक्रिय हो गई.

एसपी कांतेश कुमार मिश्रा

सुगौली के एसएचओ अमित कुमार सिंह ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी. इस पर एसपी कांतेश कुमार मिश्रा के निर्देश पर एएसपी (सदर) राज ने मामले को अपने हाथ में ले कर एसएचओ को आवश्यक काररवाई के आदेश दिए

इस के बाद सुगौली थाने के एसएचओ अमित कुमार सिंह ने इस संबंध में अपने थाने के रिकौर्ड के पन्ने पलटने शुरू किए. उन्हें याद आया कि 30 अक्तूबर, 2023 को एक रिपोर्ट दर्ज की गई थी.

एसएचओ अमित कुमार सिंह

यह रिपोर्ट फुलवरिया गांव के रहने वाले 22 वर्षीय रितेश शाह के लापता होने के संबंध में उस के पिता द्वारा दर्ज कराई गई थी. पुलिस रितेश के अपहरण के मामले को नहीं सुलझा पा रही थी. पुलिस ने काफी माथापच्ची की, लेकिन सुराग नहीं मिल रहा था. अब तक रितेश के अपहरण की गुत्थी अनसुलझी ही थी.

पिता ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि 23 अक्तूबर, 2023 को उन का बेटा रितेश शाह नवमी मेला देखने गया था, लेकिन लौट कर नहीं आया. उसे रिश्तेदारियों व दोस्तों के यहां भी तलाश किया, लेकिन उस का कोई सुराग नहीं मिला.

उन्हें शक है कि उन के बेटे रितेश का अपहरण उस के बचपन के दोस्त ऋषभ निवासी फुलवरिया ने अपनी प्रेमिका अस्मिता उर्फ संजू देवी के साथ मिल कर किया है. उन्होंने पुलिस को यह भी जानकारी दी कि रितेश के अवैध संबंध भी उस अस्मिता से थे.

सुगौली थाना पुलिस को अब रितेश शाह के पिता पर ही शक होने लगा कि रितेश के अपहरण होने की रिपोर्ट दर्ज करा कर कहीं पिता उस का बचाव तो नहीं कर रहा.

पुलिस को अब यह भी लगने लगा कि कहीं आशिकी के चक्कर में रितेश और उस के घर वालों ने ही नेपाल ले जा कर ऋषभ और अस्मिता की हत्या तो नहीं कर दी और रितेश के अपहरण की मनगढ़ंत कहानी पुलिस को बता रहे हैं.

इस पर रितेश के पिता ने कहा कि जब से उन का बेटा लापता हुआ था. वह लगातार थाने के चक्कर काट रहा है और बेटे को तलाश करने की गुहार लगा रहा है. अब मेरे लापता बेटे पर ही हत्या का आरोप लगाना ठीक नहीं है.

पति पर पुलिस को क्यों हुआ शक

नेपाल से आई इस खबर ने अब मामले में एक नया मोड़ ला दिया था. सुगौली थाना पुलिस अब रितेश की तलाश में जुट गई. वहीं पुलिस को एक बात खटक रही थी कि जिस अखिलेश भगत की पत्नी अस्मिता उर्फ संजू अपने प्रेमी के साथ नेपाल चली गई, वह अब तक हाथ पर हाथ रखे क्यों बैठा है? उस ने पत्नी की गुमशुदगी अब तक दर्ज क्यों नहीं कराई, न संपर्क किया?  तब पुलिस का माथा ठनका.

पुलिस अखिलेश भगत की तलाश में जुट गई, लेकिन वह अपने घर सुगांव नहीं मिला. तभी 31 दिसंबर, 2023 को मुखबिर ने अखिलेश भगत के गांव कोवई में होने की सूचना पुलिस को दी.

Hatyara Akhilesh Bhagat

आरोपी अखिलेश भगत

सुगौली थाना पुलिस 2 जनवरी, 2024 को मृतका अस्मिता उर्फ संजू देवी के पति अखिलेश भगत को तलाशती हुई कोवई गांव पहुंची, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया. अखिलेश को थाने ला कर उस से पूछताछ की गई. अखिलेश ने पुलिस को बताया कि उस की पत्नी अस्मिता 2 युवकों को दिल दे बैठी थी. उसे इस बात का पता नहीं था.

जानकारी होने पर जब उस ने पत्नी पर दोनों प्रेमियों से मिलने पर पाबंदी लगा दी तो वह दोनों उस की पत्नी को ले कर फरार हो गए. अब पुलिस से ही उसे जानकारी मिली है कि नेपाल में उस की पत्नी और एक प्रेमी ऋषभ की हत्या हो गई है. जबकि दूसरा प्रेमी अभी फरार चल रहा है.

संजू देवी का पति अखिलेश भगत थाने की पुलिस को काफी देर तक यही कहानी सुना कर गुमराह करता रहा, लेकिन वह पुलिस की इस बात का कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे पाया कि अपनी पत्नी की गुमशुदगी उस ने अब तक दर्ज क्यों नहीं कराई है. वह अब तक हाथ पर हाथ रखे क्यों बैठा है?

पुलिस समझ गई कि सीधी अंगुलियों से घी निकलने वाला नहीं है. तब पुलिस ने अखिलेश भगत से सख्ती से पूछताछ की, जिस का जल्दी ही परिणाम सामने आ गया. अखिलेश भगत वास्तव में बगुला भगत निकला. पुलिस की सख्ती के आगे वह रट्टू तोते की तरह बोलने लगा.

सुगौली पुलिस हवा में चलाती रही हाथपांव

एएसपी (सदर) राज ने प्रैसवार्ता आयोजित कर ट्रिपल मर्डर का परदाफाश करते हुए बताया कि एक आरोपी अखिलेश भगत को गिरफ्तार किया गया है. इस हत्याकांड में प्रेम प्रसंग कारण बन कर सामने आया है.

पहले महिला और उस के प्रेमी ऋषभ की हत्या की गुत्थी सुलझाई जा रही थी, तभी महिला के एक और प्रेमी रितेश शाह की हत्या का मामला सामने आया. रितेश के पिता ने अपहरण का आरोप रितेश के बचपन के दोस्त ऋषभ और प्रेमिका अस्मिता उर्फ संजू देवी पर लगाया था.

इस के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन ऋषभ और अस्मिता दोनों का पता नहीं चल सका था. जिले में पूरी खोजबीन के बावजूद पुलिस के हाथ खाली थे. 25 दिन से ज्यादा बीत जाने के बाद ऋषभ और अस्मिता तक नहीं पहुंचा जा रहा था. लेकिन नेपाल पुलिस द्वारा दी गई खबर से मामले में नया मोड़ आ गया.

अखिलेश से पूछताछ के बाद इस ट्रिपल मर्डर की चौंकाने वाली कहानी सामने आई.

अखिलेश भगत इलैक्ट्रिक वायरिंग का काम करता था. वर्ष 2013 में उस की शादी अस्मिता के साथ हुई थी. दोनों का जीवन मजे से कट रहा था. शादी के बाद उन के 2 बेटे पैदा हुए. आज से लगभग 5 साल पहले वह पत्नी के साथ अपने मामा के घर फुलवरिया गांव में एक शादी समारोह में गया था.

ऋषभ और रितेश आपस में दोस्त थे. वह भी उस शादी समारोह में मौजूद थे. समारोह में बच्चा छोटा होने और भीड़ के कारण अस्मिता को खाना लाने में परेशानी हो रही थी. उस ने पास में खड़े एक युवक ऋषभ से मदद मांगी. इस पर ऋषभ उस के लिए प्लेट में खाना ले कर आ गया.

शादी में उस युवक का दोस्त रितेश शाह यह सब देख रहा था. उस ने ऋषभ से कहा कि वह भी उस महिला से दोस्ती करेगा.

ऋषभ ने कहा कि जैसा तू सोच रहा है वैसा कुछ नहीं है. मैं ने तो खाना लाने में उस की केवल मदद की है. लेकिन रितेश ने एक न सुनी और वह भी महिला को खाने का सामान ला कर देने लगा. इस तरह दोनों दोस्तों की पहचान अस्मिता से हो गई.

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                मृतक ऋषभ

रितेश और ऋषभ ने अस्मिता से मिलने के लिए अब उस के पति अखिलेश भगत से दोस्ती कर ली. उम्र में अंतर होने के बावजूद दोस्ती हो गई. अब दोनों युवकों का अखिलेश के घर आनाजाना शुरू हो गया. धीरेधीरे अस्मिता से दोस्ती प्यार में बदल गई और फिर दोनों दोस्तों के साथ अस्मिता के जिस्मानी संबंध बन गए.

अस्मिता ने दोनों दोस्तों को क्यों सौंपी अस्मत

अब जब भी रितेेश और ऋषभ को मौका मिलता, अस्मिता के पास आते और अपनी हसरतें पूरी कर चले जाते थे. वे दोनों अस्मिता, उस के बच्चों और पति पर भी खूब खर्चा करते थे, जिस से अखिलेश को उन पर शक न हो.

अखिलेश की पीठ पीछे उस की पत्नी क्या गुल खिला रही है, इस की अखिलेश को भनक तक नहीं लगी. धीरेधीरे अस्मिता का झुकाव प्रेमी ऋषभ की ओर अधिक हो गया. अंतरंग क्षणों में अस्मिता और ऋषभ को रितेश अब राह का रोड़ा नजर आने लगा.

एक दिन ऋषभ ने अखिलेश भगत से शिकायत कर दी कि उस की पत्नी के साथ रितेश शाह गलत काम करता है और उसे परेशान करता है. इस पर अखिलेश ने पत्नी से इस बारे में पूछताछ की.

अस्मिता ने बताया, रितेश से उस के अवैध संबंध नहीं हैं. लेकिन वह उसे परेशान करता है. कई बार मना किया, लेकिन वह मानता नहीं है.

इस के बाद अखिलेश भगत, ऋषभ और उस की पत्नी अस्मिता उर्फ संजू देवी ने मिल कर रितेश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. इस योजना में अखिलेश ने अपने एक दोस्त विनय को भी शामिल कर लिया.

योजना के मुताबिक 23 अक्तूबर, 2023 को अस्मिता ने रितेश शाह को छपवा में आयोजित नवमी मेले को देखने के लिए बुलाया. रितेश अस्मिता के बुलावे पर मेला देखने पहुंच गया.

इसी दौरान एक सुनसान जगह पर ले जा कर रितेश के गले में गमछा डाल कर उस की गला घोंट कर सभी ने मिल कर हत्या कर दी. फिर लाश को एक वाहन से विनय अपने थाना केसरिया के गांव गोपालपुर ले गया, जहां एक खेत में गड्ढा खोद कर रितेश शाह को दफन कर दिया गया. इस के बाद हत्यारे अपनेअपने घरों को चले गए.

जब मेले से रितेश घर लौट कर नहीं आया तो उस के घर वालों को चिंता हुई. उन्होंने काफी खोजबीन की. नवमी मेले में ऋषभ और उस की प्रेमिका अस्मिता को रितेश के साथ गांव वालों ने देखा था. इस दौरान उन्हें पता चला कि दूसरे प्रेमी ऋषभ और अस्मिता इस समय छतौनी में हैं.

परिजनों के साथ ग्रामीणों ने दोनों को पकड़ कर छतौनी पुलिस के हवाले कर दिया. जब छतौनी पुलिस ने सुगौली थाने में संपर्क किया तो वहां की पुलिस ने महिला और उस के प्रेमी ऋषभ के खिलाफ प्राथमिकी और अन्य आरोपों से इंकार कर दिया. इस के बाद छतौनी पुलिस ने दोनों को उन के घर वालों को सौंप दिया.

इस घटना के बाद 30 अक्तूबर, 2023 को लापता प्रेमी रितेश शाह के पिता ने थाना सुगौली में गांव के ही ऋषभ और उस की प्रेमिका अस्मिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराते हए रितेश का अपहरण कर उस की हत्या कर देने की आशंका जताई.

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ऋषभ और अस्मिता नेपाल चले गए और वहां चितवन में जा कर रहने लगे.

अखिलेश ने कहां छिपाई थी लाश

इस जानकारी के बाद पुलिस ने अखिलेश भगत को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को अब रितेश की लाश को बरामद करना था. वह आरोपी अखिलेश भगत को ले कर बताए गए स्थान गांव गोपालपुर पहुंची. जहां मजिस्ट्रैट के समक्ष आरोपी अखिलेश भगत की निशानदेही पर खेत में खुदाई कराई गई.

खुदाई के दौरान गड्ढे से बाल, अंगूठा, नाखून आदि मिले, लेकिन पूरी बौडी नहीं मिली. पुलिस ने बरामद अवशेषों को सील करने के बाद उन्हें फोरैंसिक (एफएसएल) जांच के लिए भेज दिया. पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि रितेश की लाश को ठिकाने लगाने में कुछ अन्य लोग भी शामिल थे. पुलिस अपने मुखबिरों से उन की पहचान कराने के बाद उन की गिरफ्तारी में जुट गई ताकि रितेश के शेष अवशेषों को बरामद किया जा सके.

उधर रितेश की हत्या के बाद ऋषभ और उस की प्रेमिका अस्मिता उर्फ संजू देवी अखिलेश भगत को बिना बताए नेपाल भाग गए. प्रेमीप्रेमिका ने अपने रास्ते के रोड़े को हटा दिया था. दोनों अब अपनी जिंदगी आराम से बिताना चाहते थे. नेपाल में दोनों किराए पर कमरा ले कर चितवन में रहने लगे.

इधर पत्नी अस्मिता और ऋषभ के अचानक गायब हो जाने पर अखिलेश परेशान हो गया. पूर्वी चंपारण से नेपाल अधिक दूरी पर नहीं है. डेढ़ घंटे का रास्ता है. उसे शक हुआ कि जरूर दोनों नेपाल भाग गए हैं.

इसी बीच उसे कुछ लोगों से पता चला कि ऋषभ और अस्मिता को नेपाल में देखा गया है. अखिलेश भगत दोनों को तलाशता हुआ एक दिन नेपाल जा पहुंचा. वहां उसे पता चला कि दोनों चितवन में किराए पर कमरा ले कर रहते हैं.

जब अखिलेश भगत उन के कमरे पर पहुंचा तो दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख कर उस का खून खौल गया. लेकिन उस ने अपने गुस्से को जाहिर नहीं होने दिया.

अखिलेश भगत भी दोनों के साथ वहां रहने लगा. वह जानता था कि उस के साथ पत्नी अस्मिता और उस के प्रेमी ऋषभ ने विश्वासघात किया है. उसे पता चल गया कि रितेश की हत्या भी ऋषभ और अस्मिता की चाल थी.

अखिलेश अब पूरी तरह से समझ गया था कि ऋषभ ने अस्मिता पर सिर्फ अपना एकाधिकार जमाने के लिए ही अपने दोस्त रितेश की हत्या की थी. लेकिन अखिलेश भगत ने अपने मन की बात दोनों के सामने जाहिर नहीं होने दी. वह उन के साथ सामान्य तरीके से रहने लगा.

अखिलेश ने विदेश जा कर की दोनों की हत्या

अखिलेश अब मौके की तलाश में रहने लगा. 18 नवंबर, 2023 को जब अखिलेश की पत्नी अस्मिता कपड़े धो रही थी और ऋषभ कमरे में सो रहा था, तभी अखिलेश ने सोते समय ऋषभ को दबोच लिया और उस के गले में गमछा डाल कर उस की हत्या कर दी.

कपड़े धो रही अस्मिता ने ऐसा करते हुए उसे देख लिया. उस ने चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन गुस्से से भरे अखिलेश ने अपनी पत्नी का गला घोंट कर उसे भी मार डाला.

2-2 हत्याएं करने के बाद अब उन्हें ठिकाने भी लगाना था. अखिलेश ने अलगअलग बोरियों में दोनों लाशों को बंद करने के बाद एक साइकिल का इंतजाम किया. फिर एकएक बोरी को ले जा कर चितवन के जंगल में फेंक आया. इस के बाद वह नेपाल से भाग कर अपने गांव आ गया.

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एएसपी राज

एक युवक की हत्या भारत में जबकि एक युवक व एक महिला की हत्या नेपाल में कर दी जाती है. इस ट्रिपल मर्डर की गुत्थी को नेपाल पुलिस की मदद से एएसपी राज के नेतृत्व में सुगौली थाने के एसएचओ अमित कुमार सिंह, एसआई अभिनव राज व टेक्निकल टीम ने सुलझा लिया. इन को पुरस्कृत किए जाने के लिए मोतिहारी के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा से सिफारिश की गई है.

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एसआई अभिनव राज

पुलिस ने अखिलेश भगत को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उसे 3-3 हत्याओं यानी पत्नी अस्मिता उर्फ संजू देवी तथा उस के 2 प्रेमियों रितेश और ऋषभ की हत्या को अंजाम देने के आरोप में जेल भेज दिया गया.

समाज अनैतिक रिश्ते की इजाजत नहीं देता है. यह बात देखने और सुनने में रील लाइफ जैसी है, लेकिन है रीयल स्टोरी. पति के रहते हुए 2-2 प्रेमियों के मोहपाश में जकड़ी अस्मिता ने इस बात को यदि समय रहते समझ लिया होता तो उसे जान से हाथ नहीं धोना पड़ता.

25 दिनों में बिना आगापीछा सोचे अखिलेश भगत ने 3 मर्डर कर दिए, जिस की वजह से उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा. अब उस के 2 बच्चों की परवरिश कौन करेगा?

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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