कलाकार: मनीष ऋषि, शेली किशोर, जाफर सादिक, अनीशा दामा, देवयानी शर्मा, लीना, बलागम संजय कृष्ण, लेना, कामाक्षी भास्करला, मणिकंदन के., नितिन प्रसन्ना, रवि काले आदि.
निर्देशक: माही वी. राघव, लेखक: माही वी. राघव और के. रवि कुमार छायांकन: एन. शनमुगा सुंदरम
डिज्नीप्लस हौटस्टार पर आ चुकी वेब सीरीज ‘शैतान’ एक क्राइम वेब सीरीज है, जिस में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि एक आदमी कैसे शैतान बनता है. मजे की बात यह है कि यह ऐसी वेब सीरीज है, जिसे हेडफोन लगा कर अकेले में देखा जा सकता है. इस की वजह यह है कि इस में इतनी गालियां दी गई हैं कि सुनने वाले को कान में अंगुली डालनी पड़े. अभद्र भाषा के अलावा इस में हिंसा का ऐसा नंगा नाच दिखाया गया है कि देखने वाले की रुह कांप जाए, साथ ही सैक्स को भी खूब दिखाया गया है.
क्राइम थ्रिलर की इस सीरीज को देखने से लगता है कि निर्देशक को गालियों और सैक्स से काफी लगाव है. अपराध को बिना गालियों के भी दिखाया जा सकता है, लेकिन इस में जहां गाली की जरूरत नहीं है, वहां भी गालियां दिलवाई गई हैं. सैक्स भी करवाया गया है तो खड़ेखड़े. अरे सैक्स आनंद के लिए किया जाता है तो करने वाला जब पैसे दे कर सैक्स कर रहा है तो आराम से करेगा. लेकिन निर्देशक ने जब भी सैक्स करवाया है, खड़ेखड़े ही करवाया है.
वैसा ही हत्याओं के मामले में भी. हत्याएं भी बड़ी क्रूरता के साथ की गई हैं. ऐसा लगता है कि निर्देशक की मानसिकता ही वीभत्स है, जिस की वजह से उस ने इतनी वीभत्स वेब सीरीज बनाई है. इस में सिर काटे गए हैं, गालीगलौज की भरमार है और महिलाओं की अंतरात्मा पर लगातार हमला हुआ है, जो एक समय के बाद उबाऊ लगने लगता है.
वेब सीरीज में 25 से 30 मिनट के 9 एपीसोड हैं. पांचवें एपीसोड से अपराध की इंतिहा होने लगती है. यह सीरीज ऐसी बनी, जो न देखने लायक है और न चर्चा करने लायक.
एपिसोड नंबर 1
पहले एपिसोड की शुरुआत में दिखाया गया है कि एक गांव में होम मिनिस्टर की सभा हो रही थी, तभी बाली आ कर होम मिनिस्टर को गन पौइंट पर ले कर गालियां देते हुए कहता है कि उस ने यह आर्डर क्यों दिया कि अगर वह और नहीं मिला तो उस का और नागरेड्डी का एनकाउंटर कर दिया जाए.
वहां तमाम पुलिस वाले थे, जिन्होंने बाली को घेर लिया. तब बाली कहता है कि पुलिस वालों से उसे बिलकुल नफरत नहीं है. वह पुलिस वालों की बहुत इज्जत करता है. वह तो इस होम मिनिस्टर के लिए आया है, जिस की वजह से एक सच्चा पुलिस अफसर मरने वाला है. सीरीज में बाली की भूमिका तमिल अभिनेता मनीष ऋषि ने की है.
बाली की बातें सुन कर सभी पुलिस वाले अपनी बंदूकें नीचे कर देते हैं. इस के बाद बाली होम मिनिस्टर को घुटनों पर बैठा कर कहता है कि वह तुरंत आदेश दे कि नागरेड्डी को रिहा कर दिया जाए. इतना कह कर बाली चला जाता है.
इसी के साथ साल 1995 की कहानी दिखाई जाती है. बाली की मां का नाम सावित्री था. सावित्री का रोल तमिल अभिनेत्री शेली किशोर ने किया है. सावित्री के घर याकूब नाम का एक पुलिस वाला उस के साथ सैक्स करने आता था. उस समय बाली अपनी छोटी बहन जया और छोटे भाई गुमठी के साथ घर के बाहर बैठा रहता था.
एक दिन गांव के एक आदमी ने बाली को चिढ़ाते हुए कहा कि उस की मां अंदर बहुत मेहनत कर रही है. तीनों बच्चे न चाहते हुए भी लोगों की बातें सुनते रहते थे. बाली का कहना था कि एक औरत अपने बच्चों के लिए गलत रास्ते पर चलती है तो समाज उसे गलत कहता है. पर उस मर्द को कुछ नहीं कहता जो उस औरत के साथ गलत काम करता है.
याकूब के जाने के बाद सावित्री अपने बच्चों को खाना देती है, पर बाली के गले से नीचे खाना नहीं उतरता. तब उस ने मां से कहा कि यह याकूब उस के घर क्यों आता है? उस के आने से लोग उसे चिढ़ाते हैं. तब सावित्री ने कहा कि जिस दिन वह कमाने लगेगा, उसी दिन वह यह सब करना छोड़ देगी.
बाली ने कहा कि वह जरूर कमाएगा और उसे खुश रखेगा. अगले दिन बाली एक गोश्त की दुकान पर जा कर काम मांगता है. लेकिन गोश्त काटते समय निकलने वाला खून देख कर वह सहम जाता है. तब दुकान का मालिक उसे यह कह कर दुकान से भगा देता है कि जब वह खून ही नहीं देख सकता तो वह यहां काम कैसे करेगा.
इस के बाद बाली अपने छोटे बौने भाई के साथ काम की तलाश में घूमने लगता है. पर बाली को कहीं कोई काम नहीं मिलता. दोनों भाई लौट रहे थे, तभी बाली देखता है कि एक आदमी खुद को कोड़े से मार रहा था और लोग उस की पत्नी की थाली में पैसे डाल रहे थे. बाली भी खुद को कोड़े मारते हुए दुकानों के सामने जाता है. जिन लोगों ने उसे काम नहीं दिया था, वही लोग उसे भीख दे रहे थे. इस तरह बाली ने कुछ पैसे जमा कर लिए थे.
बाली भाई को बिरियानी खिलाने के लिए बिरियानी की दुकान पर जाता है, तभी याकूब आ कर उस के पैसे छीन कर कहता है कि इतने सारे पैसे उसे कहां मिले? क्या उस के घर उस के अलावा कोई और भी आता है? इस तरह याकूब ने दोनों भाइयों को मारपीट कर भगा दिया.
आगे याकूब एक चाय की दुकान पर चाय पी रहा था तभी एक लड़का एक्सीडेंट कर के एक बूढ़े को मार देता है. याकूब उस लड़के को पकड़ कर पूछताछ करता है तो पता चलता है कि वह लड़का एक बहुत बड़े आदमी का बेटा था. याकूब उसे चुपचाप जाने को कहता है. इस के बाद वह उस लड़के के पिता से एक मोटी रकम ले कर इस मामले में बाली को फंसाने के लिए हवालात में डाल कर उस की पिटाई करते हुए जुर्म कुबूल करने को कहता है.
सावित्री थाने में आ कर याकूब से पूछती है कि उस ने बाली को क्यों हवालात में डाला है तो याकूब कहता है कि वह चिंता न करे, जल्दी ही वह उस के बेटे को रिहा करवा देगा. रात को जब एसएचओ आता है तो वह बाली के बारे में जान कर याकूब के बारे में कहता है कि इस पुलिस वाले की हरकतें ही ऐसी हैं और फिर वह बाली को रिहा कर देता है.
बाली थाने से निकल कर खून से डरे बिना गोश्त की दुकान पर काम करने लगता है. दूसरी ओर याकूब सावित्री के घर जा कर उस के साथ शारीरिक संबंध बनाता है. सैक्स करने के बाद उस ने कहा कि अब वह बूढ़ी हो चुकी है. उस के साथ संबंध बनाने में मजा नहीं आता. फिर सावित्री की बेटी जया को कमरे के अंदर बुलाता है और उस के साथ जबरदस्ती करने लगता है. सावित्री बेटी को बचाने की कोशिश करती है.
तब याकूब मांबेटी की पिटाई करने लगता है. संयोग से उसी समय बाली आ जाता है. गुमठी उस से सारी बात बताता है तो वह दरवाजा तोड़ कर अंदर घुस जाता है और मां तथा बहन को बचाने के लिए याकूब का कत्ल कर देता है. बाली की जिंदगी की यह पहली हत्या थी. इस के बाद बाली याकूब का कटा सिर ले जा कर थाने में आत्मसमर्पण कर देता है.
एपिसोड नंबर 2
दूसरे एपिसोड की शुरुआत में बाली गुमठी के साथ एक लौज में जाता है, जहां लौज के मालिक को 5 सौ रुपए दे कर कहता है कि उस के भाई को एक लड़की चाहिए.
लौज का मालिक एक लड़की को बुला कर गुमठी की ओर इशादा कर के कहता है कि यह है उसका कस्टमर. लड़की ने गुमठी को देख कर कहा कि वह इस का क्या करे, गोद में ले कर दूध पिलाए?
गुमठी किसी लड़की के साथ पहली बार कमरे में अकेला गया था. वह उसे दीदी कहता है और शरमाता भी है. लड़की कहती है कि आया तो है वह उस के साथ मजे करने और कहता है दीदी. फिर लड़की उस का सहयोग करती है तो गुमठी उस के साथ सैक्स करता है.
आगे बाली की बहन को एक लड़का देखने आता है शीनू. शीनू गूंगा था और आटो चलाता था. इसलिए जया की मां इस रिश्ते से मना कर देती है. क्योंकि उस का पति भी ड्राइवर था, जिस की वजह से उस की जिंदगी बरबाद हुई थी.
अगले दिन लड़के वाले जया को देखने आते हैं. लड़का थोड़ा मोटातगड़ा और कालाकलूटा था. उस के घर वाले दहेज न मांगते हुए भी दहेज मांग लेते हैं. सावित्री रात को सावित्री छत पर खड़ी सोच रही थी कि वह इतने पैसे कहां से लाएगी?
तभी बाली खाने की थाली ले कर उस के पास आ कर कहता है कि वह चिंता न करे. एक सेठ उसे काम देने वाला है, जिस के लिए वह उसे एक लाख या उस से भी अधिक रुपए देगा. जिस से वह बहन की शादी धूमधाम से कर सकेगा.
इस के बाद बाली एक सोनेचांदी की दुकान वाले के पास जाता है. वह दुकानदार बाली से कहता है कि उसे कुछ और नहीं, उस की दुकान में चोरी करनी है. उस ने रियल एस्टेट के बिजनैस में पैसे लगाए थे, जो डूब गए. जिस की वजह से वह कर्ज में डूब गया.
दुकान में चोरी होने के बाद इंश्योरेंस के पैसे मिल जाएंगे, जिस से उस का बोझ काफी हद तक हल्का हो जाएगा. इस के लिए वह बाली को एक लाख रुपए देता है और एक लाख रुपए बाद में देने को कहता है. बाली को बहन की शादी के लिए रुपए की जरूरत थी, इसलिए वह रुपए रख लेता है.
बहरहाल, कुछ दिनों बाद जया की शादी उस मोटे के साथ हो जाती है. जया की शादी होते देख शीनू बहुत परेशान होता है, क्योंकि बचपन से ही वह जया को बहुत चाहता था. अब उस की मोहब्बत किसी और की हो गई थी.
थोड़ी देर बाद जया का पति उस के कमरे में आता है. वह खुश था कि आज उस की सुहागरात है. लेकिन जया शर्त रखती है कि वह उसे छुएगा नहीं. केवल वही उसे छुएगी. इस के बाद जया उसे मारने लगती है. जया की पिटाई से घबरा कर उस का पति भाग जाता है.
दूसरी ओर बाली सुनार की उस दुकान में चोरी करने जाता है. लेकिन जब वह दुकान के अंदर जाता है तो दुकान में एक भी गहना उसे दिखाई नहीं देता. वह समझ जाता है कि दुकान वाला खुद ही चोरी कर के चोरी का इलजाम उस पर डालने वाला है.
बाली दुकान वाले के घर जा कर उसे मारपीट कर थाने चल कर सच्चाई बताने को कहता है. पर दुकान वाला थाने आ कर थानाप्रभारी नागरेड्डी से झूठ बोल कर चोरी का आरोप बाली पर लगा देता है. नागरेड्डी की भूमिका के. रवि ने की है.
बाली गुमठी के साथ रात को छिपते हुए फिर से दुकानदार के घर पहुंच जाता है और उसे मारने लगता है. तब दुकानदार कहता है कि वे उसे मारे मत, वह थाने चल कर सच्चाई बताने को तैयार है.
बाली और गुमठी बाहर आते हैं तो दुकानदार अपनी पत्नी को अपनी ही बंदूक से गोली मार देता है. दरअसल, वह गहने, उस के इंश्योरेंस के पैसे और पत्नी के इंश्योरेंस के पैसे हड़पना चाहता था. यह देख कर बाली वहां से भागता है फिर एक ऐसे गांव में पहुंच जाता है, जो नक्सलियों का था.
नक्सलियों का लीडर सामन्ना उर्फ सांभा, जिस की भूमिका मणिकंदन आर अचारी ने की है. ये नक्सली बड़ेबड़े लोगों की हत्या करते थे. नक्सलियों के गैंग में एक लड़की थी कलावती, जिस की बातों ने बाली को बहुत प्रभावित किया था. कलावती की भूमिका कामाक्षी भास्करला ने निभाई है.
बाली कलावती कहता है कि वह भी उस के गैंग में शामिल होना चाहता है. तब कलावती कहती है कि उस की लड़ाई एक पवित्र लड़ाई है. उस जैसे गुंडे के लिए उस की गैंग में जगह नहीं है. लेकिन बाली उस से अपनी गैंग में शामिल करने के लिए विनती करता है.
उसी बीच पुलिस एक नक्सली को गोली मार देती है तो एक नक्सली के घर में आग लगा कर उस के परिवार वालों को जिंदा जला देती है. सांभा को तो पुलिस ने पहले ही पकड़ लिया था. तब कलावती कहती है पुलिस की इस काररवाई का बदला लेने के लिए किसी बड़ी हस्ती को उड़ाना होगा. तब बाली कहता है कि यह काम वह करेगा.
अगले दिन होम मिनिस्टर किसी काम से एक गांव में जाता है तो बाली मेकअप कर के होम मिनिस्टर पर फायरिंग करने लगता है. लेकिन संयोग से होम मिनिस्टर बच जाता है. इस के बाद बाली और पुलिस वालों के बीच हाथापाई होने लगती है. अंत में पुलिस वाले बाली को पकड़ लेते हैं.
एपिसोड नंबर 3
एपिसोड 3 की शुरुआत में बाली जेल में है. जेल में होपलेस नाम का एक कैदी था. वह बाली का गुरु था. उस ने बाली की काफी मदद की थी. वह उस से खुश था, क्योंकि उस ने होम मिनिस्टर पर हमला किया था. तभी होपलेस से एक आदमी मिलने आता है.
अपना दबदबा दिखाने के लिए होपलेस बाली को अपने साथ ले जाता है. उस आदमी का रियल एस्टेट का काम था. वह होपलेस के पास किसी की सुपारी देने आया था. वह जिसे मरवाना चाहता था, वह आदमी भी उसी जेल में बंद था. होपलेस पहले तो मना करता है, पर जब ज्यादा पैसे मिलने की बात आती है तो हां कर देता है. होपलेस लड़कियों का दीवाना था. वह जेल में भी लड़कियां बुलवाता था.
बाली जेल में होपलेस से कहने लगा कि उस आदमी ने जिस शंकर को मारने की सुपारी दी है, वह उसे मार देगा. जबकि होपलेस का कहना था कि शंकर को मारना इतना आसान नहीं है. लेकिन बाली ने कहा कि वह चिंता न करे. बस, काम होने के बाद सुपारी के आधे पैसे उसे दे देगा.
आगे बाली की मां सावित्री और बहन जया उस से मिलने जेल आती हैं. तब उसे पता चलता है कि उस का बहनोई पहली ही रात डर कर भाग गया था. वह अपनी मां से कहता है कि अगली बार वह उस से मिलने आएगी तो गुमठी को साथ ले कर आएगी. उस से उसे कुछ काम है.
गुमठी बाली से मिलने जेल आता है. तब बाली गुमठी को अपनी कोई योजना बताता है. अगले दिन जब कैदी वालीबौल खेल रहे थे तो बाली वालीबौल को जेल से बाहर फेंक देता है, जहां जेल के बाहर गुमठी मौजूद था. जिधर से वालीबौल आई थी, गुमठी वहीं पर बम फेंकने लगता है. जेल में अफरातफरी मच जाती है. कैदी इधरउधर भागने लगते हैं. इस अफरातफरी का फायदा उठा कर बाली शंकर को मार देता है.
बाली की इस बहादुरी से खुश हो कर नक्सली सांभा उसे अपने बैरक में बुलाता है. बाली इस से बहुत खुश होता है. वह तो यही चाहता था. सांभा उस का स्वागत करते हुए कहता है कि उस का एक दुश्मन है, क्या वह उसे मार देगा?
उस का नाम है विजय कुमार. उस ने उस के तमाम साथियों को बड़ी बेरहमी से मारा है. वह उस की जमानत की कोशिश करेगा. उसे बाहर जा कर विजय कुमार को मारना है.
एपिसोड नंबर 4
एपिसोड 4 की शुरुआत में ही बाली जेल से बाहर आ जाता है. इस के बाद बाली, कलावती और कुछ अन्य नक्सली विजय कुमार की रेकी करते हुए मौके की तलाश में रहते हैं. अगले दिन विजय कुमार अपनी बेटी को कालेज छोडऩे गया था, तभी बाली और उस के साथियों ने उस पर हमला कर दिया. विजय कुमार के साथ अन्य पुलिस वाले भी थे. पुलिस और नक्सलियों के बीच अंधाधुंध गोली चलने लगती है. लेकिन बाली विजय कुमार को मार देता है.
इस के बाद नागरेड्डी को प्रमोट कर के विजय कुमार की जगह नियुक्त किया जाता है. उसे सूचना मिलती है कि सेफ हाउस में कुछ नक्सली छिपे हैं. नागरेड्डी की टीम सेफ हाउस को घेर लेती है. दोनों ओर से फायरिंग होने लगती है. थोड़ी देर में नक्सलियों की गोलियां खत्म हो जाती हैं. तभी नक्सली महिला अपने शरीर पर पैट्रोल डाल कर आग लगा कर लाल सलाम कहते हुए बाहर आती है. इसी बीच सेफ हाउस में छिपे सारे नक्सलवादी भाग जाते हैं. उन्हीं नक्सलियों में बाली भी था.
एपिसोड नंबर 5
पांचवें एपिसोड की शुरुआत में 2 नक्सली दिनदहाड़े पुलिस पर गोली चलाने लगते हैं. जवाब में पुलिस भी गोली चलाती है. दोनों नक्सली गोली चलाते हुए एक पुराने थिएटर में घुस जाते हैं. नागरेड्डी की टीम ने दोनों नक्सलियों को घेर कर गोली मार दी थी.
दूसरी ओर बाली मीडिया के सामने आत्मसमर्पण कर देता है. बाली के साहस और उसे फिर से जेल में देख कर सारे कैदी तालियां बजाने लगते हैं. इस से बाली को लगता है कि वह जो कर रहा है, ठीक ही कर रहा है. तभी तो ये लोग तालियां बजा रहे हैं. अब वह आंखें मूंद कर सामन्ना उर्फ सांभा पर भरोसा करने लगा.
उसी दौरान रंगन्ना दोबारा बाली के घर पैसे लेने जाता है. इस बार घर में जया अकेली थी. इस बार रंगन्ना जया को मारपीट कर उस के साथ जबरदस्ती करता है. सावित्री घर आती है तो जया को अस्पताल ले जाती है, जहां उस की मुलाकात शीनू यानी उस गूंगे आटो ड्राइवर से होती है, जो पहले जया को देखने आया था.
उस ने दोबारा जया से प्यार का इजहार किया तो जया उस के प्यार को स्वीकार कर लेती है. इस के बाद जया और सावित्री ने जेल जा कर रंगन्ना की हरकत के बारे बताया और कहा कि उस की दोनों आंखें निकाल कर उस के हाथ में रख दे, तब लोगों को पता चलेगा कि उन के घर में भी कोई मर्द है. तब कोई आंख उठा कर उस के घर की ओर नहीं देखेगा.
बाली ने मां से कहा कि रंगन्ना कोई मामूली आदमी नहीं है. वह सामन्ना से बात कर के देखता है. वह सांभा के पास जाता है और कहता है कि रंगन्ना ने उस की बहन के साथ बलात्कार किया है. तब सांभा ने बाली से सहानुभूति जताने के बजाय उस पर और उस के परिवार को बदनाम करते हुए कई आरोप लगा दिए.
दूसरी ओर नागरेड्डी जेल में आ कर एक कैदी को बाली की हत्या की सुपारी देते हुए कहता है कि अगर वह बाली को मार देता है तो आने वाले 15 अगस्त को वह उसे जेल से छुड़वा देगा. रात को वह कैदी बाली की बैरक में आ कर उसे मारने की कोशिश तो करता है, पर मार नहीं पाता.
अगले दिन कलावती जेल में बाली से मिलने आती है तो बताती है कि अब उसे कोई जेल से बाहर नहीं लाना चाहता. तब बाली कलावती से कहता है कि वह रंगन्ना से कह दे कि गुमठी उस से मिलना चाहता है. रंगन्ना जया से मिलने के लालच में बाली के घर जाता है तो गुमठी उसे एक जगह ले जा कर खूब खिलातापिलाता है.
रंगन्ना जब नशे में हो जाता है तो गुमठी उस का सिर धड़ से अलग कर देता है. वह उस के सिर को जेल के पास ले जा कर एक लकड़ी में फंसा कर ऊपर उठाता है, ताकि बाली देख ले कि रंगन्ना को मार दिया गया. बाली रंगन्ना के सिर की ओर देख रहा था, तभी वह कैदी बाली पर पीछे से हमला कर देता है, जिसे नागरेड्डी ने सुपारी दी थी.
एपिसोड नंबर 6
इस एपिसोड की शुरुआत में सावित्री, जया और गुमठी एक आदमी को मार रहे थे और कह रहे थे कि उन के जीने के लिए उसे मरना होगा. वे किसे मार रहे थे, उस समय यह पता नहीं चलता.
दूसरी ओर पुलिस को पता चल जाता है कि रंगन्ना को किसी ने मार दिया है. मेरी नागरेड्डी को इस केस की जांच सौंप देती है कि वह जल्दी पता करे कि रंगन्ना को किस ने मारा है? जबकि मीडिया में यह बात फैल चुकी थी कि रंगन्ना को पुलिस ने मारा है, क्योंकि वह नक्सली था.
दूसरी ओर कलावती बाली को देखने अस्पताल आती है, जहां उस के घर वाले मौजूद थे. कलावती को देख कर घर वाले दोनों को अकेला छोड़ देते हैं. तब कलावती उस से पूछती है कि रंगन्ना को उसी ने मारा है न? बाली उस से झूठ बोल देता है कि वह रंगन्ना को क्यों मारेगा, रंगन्ना से उस की क्या दुश्मनी थी? लेकिन कलावती के बारबार पूछने पर बाली सच बता देता है.
जब कलावती अपनी जिद पर अड़ जाती है कि वह सभी को बता देगी कि रंगन्ना को गुमठी ने मारा है तो बाली के घर वाले कलावती को मार देते हैं. कलावती के मारे जाने की बात सुन कर बाली रोने लगता है. क्योंकि कलावती को ले कर उस ने बहुत कुछ सोचा था.
मीडिया वाले कलावती की हत्या का इल्जाम भी पुलिस वालों पर डाल देते हैं. इस के बाद होम मिनिस्टर मेरी को बुला कर पहले उस की खूब क्लास लेता है. फिर जल्दी से जल्दी से इस मामले की जांच कर खुलासा करने को कहता है.
नागरेड्डी रंगन्ना हत्याकांड की जांच शुरू करता है तो उसे पता चला कि कुछ लोगों ने रंगन्ना के साथ एक बच्चे को देखा था. उस की समझ में नहीं आता कि 10 साल का बच्चा उतने बड़े रंगन्ना को कैसे मार सकता है? तभी नागरेड्डी को याद आता है कि बाली का छोटा भाई गुमठी भी छोटे कद का है.
नागरेड्डी जेल जा कर बाली से मिलता है और कहता है कि अब तक वह नक्सलियों के लिए काम करता रहा, लेकिन अब वह उस के लिए काम करे तो उस पर एक भी मुकदमा नहीं रहेगा. वैसे भी उसे पता चल चुका है कि रंगन्ना और कलावती की हत्या उस के भाई ने की है.
भाई को बचाने के लिए बाली नागरेड्डी से हाथ मिला लेता है. इस के बाद नागरेड्डी गुमठी को गिरफ्तार कर पत्रकारों के सामने पेश करता है कि रंगन्ना और कलावती को इसी ने मारा था. बाली का सोचना था कि गुमठी जेल में रहेगा तो सेफ रहेगा.
दूसरी ओर सामन्ना उर्फ सांभा को पता चल गया कि रंगन्ना और कलावती को बाली के भाई गुमठी ने मारा था. नागरेड्डी गुमठी को जंगल में ले जा कर नक्सलियों के हवाले कर देता है, जहां वे उसे मार देते हैं.
इस के बाद जेल में सांभा बाली से कहता है कि वह जरा बाहर देखे. बाली बाहर देखता है तो उसे गुमठी का सिर एक लकड़ी में टंगा दिखाई देता है. जिस तरह गुमठी ने रंगन्ना के साथ किया था, वैसा ही नक्सलियों ने उस के साथ भी किया था. भाई का कटा सिर देख कर बाली रोने लगता है, क्योंकि वही एक था, जो उस की हर बात मानता था.
एपिसोड नंबर 7
एपिसोड 7 की शुरुआत में ही नागरेड्डी बाली के पास आ कर नाटक करने लगता है कि गुमठी के पास बहुत तगड़ी सुरक्षा थी, लेकिन नक्सली आ कर गुमठी को उठा ले गए. वह बाली से माफी मांग कर कहता है कि वह उस के भाई को बचा नहीं सका. इस के बाद वह बाली को नक्सलियों के खिलाफ भड़काते हुए कहता है कि वह उसे जमानत दिलवा देगा. बस, वह उस के लिए काम करे.
इस के बाद बाली सांभा के पास जा कर चेतावनी देता है कि अब वह उन लोगों को कहीं का नहीं छोड़ेगा. वह अपने भाई की मौत का बदला चुनचुन कर लेगा. तीसरे दिन बाली छूट कर अपने घर आ जाता है.
नागरेड्डी मेरी से कहता है कि वह नक्सलियों को खत्म करने के लिए बाली की मदद लेगा. लेकिन मेरी इस के लिए मना करती है.
अगले दिन बाली थाने जाता है तो सभी पुलिस वाले उसे सलाम ठोंकते हैं. उस से हाथ मिलाते हैं, क्योंकि अब उन्हें बाली की जरूरत थी, इसीलिए वे उसे सम्मान दे रहे थे. आगे बाली के बताने पर नागरेड्डी नक्सलियों के अड्डे पर अटैक करता है, जिस में तमाम नक्सली मारे जाते हैं. इस तरह बाली की मदद से पुलिस नक्सलियों की सारी योजनाओं पर पानी फेरने लगती है.
एक दिन नागरेड्डी उस आदमी को बाली के हवाले कर देता है, जिस ने गुमठी को मारा था. बाली उसे बड़ी बेरहमी से मारता है. इस के बाद बाली होपलेस से मिलने उस के अड्डे पर जाता है. होपलेस अब तक जेल से रिहा हो चुका था. गुमठी को जिन लोगों ने मारा था, उन में से एक आदमी होपलेस के पास रह रहा था.
बाली होपलेस से कहता है कि वह उस आदमी को उस के हवाले कर दे. तब होपलेस बाली को गालियां देते हुए वहां से जाने को कहता है. पर बाली वहां अकेला नहीं आया था. उस के साथ पुलिस भी थी. पुलिस की मदद से बाली उस आदमी को बेरहमी से मार देता है.
दूसरी ओर जया और शीनू कहीं दूर जा कर रहने का निर्णय लेते हैं. उसी समय बाली के लिए एक पार्सल आता है. शीनू और सावित्री उस पार्सल को ले कर घर के अंदर जाने लगते हैं तो पार्सल से ब्लास्ट हो जाता है. क्योंकि उस में बम था. इस ब्लास्ट में सावित्री और जया का पति शीनू मारा जाता है. यह योजना होपलेस की बनाई थी.
एपिसोड नंबर 8
एपिसोड 8 की शुरुआत में बाली और जया सावित्री और शीनू का अंतिम संस्कार करने के बाद बातें कर रहे थे. जया कहती है कि वह होपलेस को मार कर रहेगी. क्योंकि जया अपने पति शीनू को बहुत प्यार करने लगी थी, जो होपलेस की वजह से मारा गया था. बाली कहता है कि अब वही दोनों बचे हैं, इसलिए उन्हें शांति से रहना चाहिए.
आगे जया होपलेस के पास जाने लगती है बुरका पहन कर. होपलेस जया के साथ सैक्स करता है. सैक्स करतेकरते होपलेस थक जाता है तो जया एक तेज धार वाले हथियार से होपलेस का गला काट देती है. लेकिन गला कटने से पहले होपलेस जया के पेट में चाकू मार देता है. इस तरह दोनों की मौत हो जाती है.
नागरेड्डी ने बाली को एक जगह बुला कर सच्चाई बताई तो वह घुटनों पर बैठ कर कहता है कि ठीक है, वह उसे मार दें. दोस्ती की खातिर वह यह कुरबानी भी देने को तैयार है. तब भावुक हो कर नागरेड्डी उसे बताता है कि उस ने ही गुमठी को नक्सलियों के हवाले किया था.
बाली कहता है कि उसे सब पता है. वह ईमानदारी से काम करता है, इसीलिए उस ने उसे नहीं मारा, वरना वह उसे भी मार देता. तब भावुक हो कर नागरेड्डी उस से कहता है कि वह भाग जाए. वह डिपार्टमेंट को कोई कहानी बता देगा. लेकिन बाली कहता है कि वह सांभा को मार कर जाएगा. इस में उसे उस की मदद करनी होगी.
एपिसोड नंबर 9
इस एपिसोड के शुरू में पार्टी की मीटिंग के दौरान बाली ने आ कर सामन्ना उर्फ सांभा को फांसी लगा कर मार दिया. बाली को इस मीटिंग में नागरेड्डी ही लाया था. होम मिनिस्टर मेरी को बुला कर डांटता है कि उस की पुलिस क्या कर रही थी, जो बाली ने आ कर सामन्ना को मार दिया. उसे लगता है कि इस में नागरेड्डी मिला था. उस ने कहा कि उसे भी पकड़ा जाए.
पुलिस वाले नागरेड्डी को पकड़ लेते हैं. नागरेड्डी का एक साथी चकमा दे कर निकल जाता है. वह बाली को बताता है कि अगर उस ने आत्मसमर्पण नहीं किया तो होम मिनिस्टर ने नागरेड्डी सर को मारने का आदेश दे दिया है. यहीं पर वह शुरू में दिखाया गया सीन रिपीट होता है, जब बाली ने होम मिनिस्टर के सिर से गन सटाई थी.
पुलिस नागरेड्डी के उसी साथी से नागरेड्डी और बाली को बुलवाती है और बाली को मार देती है. बाली के मरने पर नागरेड्डी भावुक हो जाता है और वह सीधे होम मिनिस्टर के पास जा कर कहता है कि वह उसे भी अपनी पार्टी में शामिल करें. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो वह मीडिया के सामने सारी सच्चाई बता देगा. तब होम मिनिस्टर उसे पार्टी मे शामिल कर टिकट दे देता है.
इस के आगे दिखाया जाता है कि एक औरत अपने बेटे को ले कर बकरी चरा रही थी. कुछ लोग आते हैं और उस के बेटे के सामने ही उस औरत के साथ बलात्कार कर के उसे मार देते हैं. वह बच्चा सब देखता रहता है. यहां यह दिखाया गया है कि इसी तरह एक और बाली तैयार होगा.
अभिनेता ऋषि
वेब सीरीज ‘शैतान’ में बाली की भूमिका निभाने वाले ऋषि राज का जन्म 7 मई, 1985 को तमिलनाडु के चेन्नै में पैदा हुआ था. वह एक भारतीय फिल्म, थिएटर और टेलीविजन अभिनेता है. उसे सन टीवी के ‘डील और नो डील’ के तमिल भाषा संस्करण और मिलियन डौलर मनी ड्रौप’ के तमिल संस्करण ‘कैइल ओरु कोडी’ में उस के काम के लिए जाना जाता है.
उस ने तमिल फिल्मों में सहायक की भी भूमिकाएं की हैं, जिन में ‘आनंदा थंडवम’ और ‘पयानम’ हैं. इस के अलावा उस की फिल्म ‘थोडक्कम’ आई और बिना शोर के चली गई. उस ने ‘मंथिरा पुन्नगई’, ‘मिरात्तल’, ‘नान सिगप्पु’, ‘मनितन’ और ‘यान’ जैसी कुछ फिल्मों में सहायक की भूमिका निभाई. इधर काफी दिनों से वह स्क्रीन से गायब रहा. वेब सीरीज ‘शैतान’ में उस ने मुख्य भूमिका निभाई है.
अभिनेत्री शैली किशोर
वेब सीरीज ‘शैतान’ में सावित्री की भूमिका निभाने वाली शेली किशोर (शेली नबू कुमार) का जन्म दुबई में हुआ था. उस के पिता जे नबू कुमार वहां सिविल इंजीनियर हैं. जबकि मां मां शीला कुमार घर संभालती हैं. शैली की पढ़ाई दुबई में ही हुई थी. उस ने सिंगापुर से मास मीडिया और कम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया है.
शेली किशोर को अमृता टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘थानिए’ में उस की भूमिका के लिए साल 2006 में केरल सरकार का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था. शेली की पहली मलयालम फिल्म ‘केरल कैफे’ थी, जिस का निर्देशन शंकर रामकृष्णन ने किया था. उन की पहली तमिल फिल्म ‘थंगा मीनकाल’ थी, जिस का निर्देशन राम ने किया था.
शेली ने मनीज प्रेमनाथ द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म ‘द वेटिंग रूम’ में भी काम किया है. उस ने मोहिनीअट्टम, कुचीपुड़ी और भरतनाट्यम सहित क्लासिक भारतीय नृत्य भी सीखा है.