सेजल ने अपनी छोटी बहन को वाट्सऐप से एक स्क्रीन शौट भेज कर मैसेज किया, जिस में उस की न्यूड फोटो को वायरल करने की धमकी दे कर पैसे मांगने की बातचीत थी. यही नहीं, उस ने स्टेटस भी लगाया था कि उस के साथ फ्रौड हुआ है. बहन के मोबाइल पर स्टेटस और उस के द्वारा भेजा गया मैसेज देख कर छोटी बहन ने तुरंत सेजल से बात की थी.

तब सेजल ने बताया था कि कुछ दिनों पहले उस ने बैंक लोन की जानकारी के लिए अपने मोबाइल में कैशमाय ऐप डाउनलोड किया था, उसी समय उस ने ऐप की सारी कंडीशन एक्सेप्ट कर ली थीं. इस के बाद उस के फोन ने एक्सेस दे दिया था.

कहने का मतलब यह है कि इस तरह उस का फोन हैक हो गया था. इस के कुछ दिनों बाद उस के वाट्सऐप पर उस की न्यूड फोटो भेज कर धमकी दी गई थी कि अगर उस ने जितने पैसे मांगे जा रहे हैं, उतने पैसे नहीं दिए तो उस का यह फोटो उस के सभी रिश्तेदारों और मित्रों को तो भेज ही दिया जाएगा, सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया जाएगा.

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              सेजल

अपने न्यूड फोटो देख कर सेजल घबरा गई थी. उस ने कई बार औनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए पैसे मांगने वालों को करीब 45 हजार 5 सौ रुपए भेज चुकी थी, पर वे तो अभी भी पैसे की मांग कर रहे थे.

गुजरात का सूरत शहर साडिय़ों के लिए जाना जाता है. यहां साडिय़ां तैयार करने के लिए छोटीछोटी तमाम फैक्ट्रियां हैं, इसलिए पूरे देश से लोग यहां रोजीरोटी की तलाश में आते हैं.

अपनी नौकरी की वजह से ही मूलरूप से गुजरात के कोसंबा के रहने वाले दौलतभाई परमार का 25 साल पहले सूरत तबादला हुआ तो फिर वह यहीं के हो कर रह गए थे. वह इनकम टैक्स विभाग में नौकरी करते थे. सूरत के ही जहांगीरपुरा में उन्होंने अपना मकान बना लिया था, जहां वह अपने परिवार के साथ रहते थे. उन के परिवार में पत्नी जागृतिबेन के अलावा 2 बेटियां और एक बेटा था.

दौलतभाई के बच्चों में सेजल सब से बड़ी थी. बड़ी होने की वजह से मम्मीपापा की लाडली थी. फिर वह पढऩे में भी बहुत अच्छी थी, इसलिए मम्मीपापा उसे जान से ज्यादा प्यार करते थे.

सेजल ने वनिता विश्राम स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की थी. 12वीं में उस की स्कूल में तीसरी रैंक आई थी. इस के बाद उस ने नवयुग कालेज से बीएससी किया. सेजल इतनी ब्राइट स्टूडेंट थी कि कालेज में उस की पहली रैंक आई थी.

इस के बाद उस ने वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी से कैमिस्ट्री में एमएससी किया, जहां उस की सेकेंड रैंक आई थी. अच्छी रैंक आने के कारण उसे इसी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिल गई थी. अपनी नौकरी करते हुए वह पीएचडी भी कर रही थी. पीएचडी का उस का एक साल पूरा हो गया था. 14 मार्च को उस का पीएचडी का रिजल्ट आया, जिस में वह पास हो गई थी. वह बहुत खुश थी.

लेकिन अगले दिन ही उस की खुशी उडऩछू हो गई, क्योंकि ब्लैकमेलर ने उस के न्यूड फोटो वायरल करने की धमकी दे कर मोटी धनराशि की मांग की.

सेजल बहुत परेशान हो गई. उस ने यह बात अपनी बहन को बताई तो छोटी बहन के कहने पर सेजल ने थाना रांदेर जा कर अपने ब्लैकमेलिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उस ने थाना रांदेर पुलिस को वे नंबर भी दिए थे, जिन से उसे मैसेज आ रहे थे. पता चला कि वे सभी नंबर पाकिस्तान की आईडी के थे.

रेलवे लाइनों में मिली प्रोफेसर की लाश

उसी दिन यानी 15 मार्च को पिता दौलतभाई की नौकरी के 30 साल पूरे हुए थे, जिस के उपलक्ष्य में उन्होंने औफिस में तो मिठाई बांटी ही थी, सेजल के कहने पर वह घर भी मिठाई ले कर आए थे. घर में खुशी का माहौल था.

सब ने साथ बैठ कर मिठाई खाई थी. तब ऐसा कुछ भी नहीं लग रहा था कि सेजल परेशान है. उस ने पिता से तो क्या, घर में छोटी बहन के अलावा किसी अन्य से भी अपने ब्लैकमेल होने के बारे में कोई बात नहीं की थी.

खूबसूरत सेजल की बढिय़ा नौकरी थी. वेतन भी अच्छाखासा था. वह घर से ही यूनिवर्सिटी जाती थी. 16 मार्च, 2023 को भी सेजल सफेद सलवार और सफेद कुरता पहन कर यूनिवर्सिटी जाने के लिए उसी तरह घर से निकली थी, जिस तरह रोजाना निकलती थी. पर उस दिन वह घर लौट कर नहीं आई.

दोपहर के बाद उस के भाई हर्ष परमार के पास रेलवे पुलिस का फोन आया कि वीर नर्मद दक्षिण यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर सेजल परमार ने उत्राण और कोसाद रेलवे स्टेशन के बीच सौराष्ट्र एक्सप्रैस के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली है.

यह खबर हर्ष ने जब घर वालों को बताया तो घर वालों पर तो आफत ही टूट पड़ी. पूरा परिवार बिलखबिलख कर रोने लगा. रोने की आवाज सुन कर पड़ोसी दौड़े आए. वजह जान कर सभी को दुख हुआ. क्योंकि सेजल ऐसी लड़की थी, जो सब की चहेती थी.

खास रिश्तेदारों को भी सूचना दी गई. दौलतभाई औफिस में थे. सूचना पाते ही अपने कुछ सहयोगियों के साथ वह घटनास्थल के लिए रवाना हो गए.

इधर हर्ष अपनी मां, छोटी बहन, कुछ पड़ोसियों और नजदीकी रिश्तेदारों के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गया. सब ने पहुंच कर लाश की शिनाख्त की. रेलवे पुलिस ने घटनास्थल की अपनी काररवाई पूरी कर के लाश को पोस्टमार्टम के लिए सूरत के सिविल अस्पताल भिजवा दिया.

सेजल की आत्महत्या का मुकदमा रेलवे पुलिस ने दर्ज कर जांच शुरू की. सेजल के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था. रेलवे थाना पुलिस को पूछताछ में पता चला कि 2 दिन पहले सेजल ने सूरत के थाना रांदेर में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिस में उस ने लिखाया था कि कोई उसे न्यूड फोटो वायरल करने की धमकी दे कर पैसे वसूल रहा है.

रेलवे पुलिस को जब पता चला कि यह ब्लैकमेलिंग का मामला है और इस की रिपोर्ट पहले से ही थाना रांदेर मे दर्ज है तो उन्होंने सेजल की आत्महत्या का जो मुकदमा दर्ज किया था, उसे थाना रांदेर को ट्रांसफर कर दिया.

प्रोफेसर को ससुराल वाले क्यों करते थे टौर्चर

थाना रांदेर के एसएचओ इंसपेक्टर अतुल सोनारा इस मामले की जांच में लगे ही थे. उन्हें तो पहले से ही पता था कि यह ब्लैकमेलिंग का मामला है. उन्होंने घर वालों से पूछताछ शुरू की. पूछताछ में पता चला कि सेजल का विवाह 3 साल पहले 9 दिसंबर, 2021 को सूरत के ही एक परिवार में हुआ था. पर उस का पति विवाह के 3 महीने बाद ही उस पर बदचलनी का आरोप लगा कर अस्पताल ले जाने के बहाने मायके छोड़ गया था.

ससुराल वाले उस पर डिवोर्स के लिए दबाव डाल रहे थे. सास ने महिला थाने में सेजल पर चीटिंग का मुकदमा भी दर्ज कराया था, जिस के लिए सेजल को थाने जा कर बयान भी दर्ज कराना पड़ा था. इस तरह ससुराल वाले सेजल को प्रताडि़त करने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे थे.

पर मायके वालों ने सेजल को तनाव में नहीं आने दिया. सभी लोग हर तरह से उस का सहयोग कर रहे थे. वीर नर्मद दक्षिण यूनिवर्सिटी में उसे असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिल ही चुकी थी. वह 12 बजे तक एमएससी के बच्चों को केमिस्ट्री पढ़ाती थी. उस के बाद अपनी पीएचडी की पढ़ाई करती थी. यूनिवर्सिटी वह अकेली ही आतीजाती थी.

वह अपने काम पर पूरा ध्यान दे रही थी. इसलिए ससुराल वालों के परेशान करने के बावजूद उस ने कभी थाने में शिकायत नहीं दर्ज कराई थी. डिवोर्स का भी मुकदमा इसलिए नहीं किया था कि उसे बारबार थाने या कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे, जिस से उस की पढ़ाई का नुकसान होगा. वह पढ़ाई पूरी करने के बाद डिवोर्स लेना चाहती थी.

सेजल के घर वालों ने आरोप लगाया था कि यह सब सेजल के पति ने कराया होगा. क्योंकि वह सेजल को परेशान करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.

वैसे भी सेजल को बदनाम करने के लिए सभी से कहता था कि सेजल भाग गई है. उसी ने सेजल को न्यूड फोटो वायरल करने धमकी दिलाई होगी. क्योंकि सेजल ने आत्महत्या करने से पहले उसे 3 फोन किए थे, पर उस ने फोन नहीं उठाया था. अगर उस ने फोन उठा लिया होता तो शायद सेजल जिंदा होती.

पुलिस ने जब इस मामले की गहराई से जांच की तो पता चला कि सेजल की ससुराल वाले सेजल के साथ कैसा भी व्यवहार करते रहे हों, पर इस मामले में उन का कोई हाथ नहीं है.

सेजल के साथ यह जो ब्लैकमेलिंग हो रही थी, इस की उन्हें जानकारी थी, क्योंकि ब्लैकमेलर्स ने सेजल का मोर्फ किया हुआ फोटो उस के पति को भी भेजा था.

उस ने वह फोटो अपने घर वालों को दिखाया भी था, पर इस की जानकारी न तो सेजल को दी थी, न ही उस के घर वालों को. उस ने सेजल की आत्महत्या के बाद भी किसी को नहीं बताया था कि उस के पास सेजल का मोर्फ किया हुआ फोटो आया था.

पाकिस्तानी नंबरों की क्या थी हकीकत

जब सेजल के ससुराल वाले बेगुनाह दिखे तो पुलिस ने उन नंबरों के माध्यम से जांच आगे बढ़ाने का फैसला किया, जिन से सेजल को मैसेज भेजे जा रहे थे. पता चला कि तीनों नंबर पाकिस्तान के थे.

पुलिस को इन नंबरों पर शक हुआ. क्योंकि सेजल ने जिस आईडी पर पैसे भेजे थे, वे इंडिया की थीं. इस से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि जिन पाकिस्तानी नंबरों से फोन किया जा रहा था, वे वर्चुअली बनाए गए हैं. वे सेजल की मौत के बाद भी मैसेज कर के पैसे भेजने के लिए कह रहे थे. इतना ही नहीं, वे पुलिस को भी इस तरह गालियां दे रहे थे, जैसे उन्हें पुलिस का जरा भी डर न हो.

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यह पूरा मामला सोशल मीडिया से जुड़ा था, इसलिए सूरत के पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने इस मामले में थाना पुलिस की मदद के लिए पुलिस की साइबर टीम को भी लगा दिया. इस मामले को डीसीपी हर्षद मेहता खुद हैंडिल कर रहे थे.

साइबर विभाग ने जब आईपी एड्रेस की जांच की तो सारे नंबरों की लोकेशन बिहार की मिली. इस के बाद गुजरात पुलिस की एक टीम बिहार के जिला जमुई गई. बिहार का यह नक्सली इलाका है. तब भेष बदल कर स्थानीय पुलिस की मदद से सूरत की पुलिस ने 5 मई, 2023 को जमुई के केवली गांव से 3 लोगों अभिषेक कुमार, रोशन कुमार और सौरभ राज को गिरफ्तार किया.

पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे मात्र 10वीं पास हैं. उन्होंने औनलाइन सर्च द्वारा फोन हैक करना सीखा और घर से दूर खेतों में या जंगलों में बैठ कर लोगों को मोर्फ की गई न्यूड फोटो भेज कर वायरल करने की धमकी दे कर पैसे वसूल करते हैं.

वे किसी के फोन में एप्लिकेशन भेज कर औफर देते हैं. तमाम कंडीशन एक्सेप्ट करने के बाद मोबाइल एक्सेस दे देता है. इस के बाद उस की फोटो को मोर्फ कर के न्यूड फोटो भेज कर धमकी दे कर पैसे वसूलते हैं.

ऐसा ही उन्होंने सेजल के साथ भी किया था. सेजल ने कुछ पैसे भेजे भी थे. लेकिन वे तो लाखों रुपए मांग रहे थे. जब सेजल ने उतने पैसे देने से मना किया तो उस पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने मोर्फ किया गया उस का न्यूड फोटो उस के पति को ही नहीं, उस के दोस्तों को भी भेज दिया था.

पति के पास उस का न्यूड फोटो पहुंच गया है, इस बात की जानकारी सेजल को हो गई थी. ससुराल वाले उसे ऐसे ही बदनाम कर रहे थे. अब उन्हें बदनाम करने के लिए सेजल की न्यूड फोटो भी मिल गई थी. अगर उन्होंने उस की फोटो वायरल कर दी तो वह और उस के घर वाले समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं रह जाएंगे.

सेजल ने पति को यही बताने के लिए कई बार फोन किया था, पर उस ने फोन उठाया ही नहीं था. तब इज्जत बचाने के लिए सेजल ने ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली थी.

पुलिस ने गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों के पास से लैपटाप, प्रिंटर, कीबोर्ड, फिंगर प्रिंट मशीन और करीब 15 हजार आधार कार्ड की फोटोस्टेट कौपियां जब्त की थीं.

ये लोगों को लोन की किस्त भरने के नाम पर फंसाते थे और उन का फोन हैक कर के न्यूड फोटो भेज कर धमका कर पैसा वसूल करते थे. गिरफ्तार अभियुक्तों को स्थानीय अदालत में पेश कर के ट्रांजिट रिमांड पर सूरत लाया गया.

अभिषेक, रोशन कुमार और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि इस मामले में यही 3 लोग शामिल नहीं हैं. रिमांड के दौरान पूछताछ में इन के पाकिस्तान कनेक्शन का पता चला. इन के साथ रेशम कुमार, लकबीर ट्रेडर्स, जूही शेख और शांतनु जोंघले भी यही काम कर रहे थे. इन सभी के नंबर बिहार से गिरफ्तार अभियुक्तों से मिल गए थे.

गैंग में शामिल थीं 2 महिलाएं

पुलिस को अन्य लोगों की लोकेशन तो नहीं मिली, पर जूही शेख की लोकेशन मिल गई थी. वह आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्ट्रीट के पांजा सेंटर में रहती थी. उसे गिरफ्तार करने के लिए सूरत पुलिस की एक टीम भेजी गई. इस टीम में 6 सदस्य शामिल थे, जिस में 2 महिलाएं थीं और 4 पुरुष. इस टीम का नेतृत्व खुद एसीपी बी.एम. चौधरी कर रहे थे.

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                               आरोपी जूही शेख

विजयवाड़ा पहुंच कर पुलिस टीम ने लोकेशन तो ट्रेस कर ली, पर यह पता नहीं चल पा रहा था कि जूही रहती किस घर में है. दूसरी सब से बड़ी समस्या यह थी कि वह मुसलिम बहुल इलाका था.

तब सूरत से गए पुलिसकर्मियों ने स्थानीय पुलिस की मदद से अपने नाम बदल कर मुसलिमों जैसे कपड़े पहने और किराए का मकान ढ़ूंढऩे के बहाने जूही की तलाश शुरू की. वे कभी पतिपत्नी बन कर लोगों से मकान के बारे में पूछते थे तो कभी भाईबहन बन कर. पुलिस 3 दिनों तक जूही का पता लगाने के लिए भटकती रही.

तीसरे दिन जैसे ही जूही की सही लोकेशन मिली, पुलिस ने उसे धर दबोचा. पुलिस जिस समय उसे गिरफ्तार करने पहुंची, वह बाथरूम में घुस कर मोबाइल का डाटा डिलीट कर रही थी. तलाशी में उस के पास 3 मोबाइल फोन, 2 बैंकों की पासबुकें और 72 यूपीआई एड्रेस मिले थे. पता चला कि उस के कुल 7 बैंक एकाउंट थे. उसे भी स्थानीय अदालत में पेश कर के ट्रांजिट रिमांड पर सूरत लाया गया.

जूही को सूरत ला कर अदालत में पेश किया गया, जहां से पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया गया. फोन तथा ईमेल आईडी की जांच से पता चला कि वह आसानी से कर्ज चुकाने के नाम पर लोगों को ठगती थी और वह यहां से जो पैसे वसूलती थी, उस का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में बैठे अपने आका जुल्फिकार को डिजिटल करेंसी बिटकौइन के माध्यम से भेजती थी.

डीसीपी हर्षद मेहता ने बताया कि जूही शेख एप्लीकेशन के माध्यम से सैक्सटौर्शन की बदौलत रोजाना 50 से 60 हजार रुपए की ठगी कर रही थी. यह काम वह पिछले 5-6 सालों से कर रही थी. पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी अभियुक्तों को अदालत में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया.

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