मुकेश ने खेत में देखा तो हैरान रह गया. वहां भारी मात्रा में खून फैला हुआ था. यह देखते ही वह वहां से तुरंत उल्टे पैर भागा और सीधे  गांव के मास्टर हरिराम के घर पहुंचा.

मास्टर हरिराम ने जब यह बात सुनी तो वह भी हैरान रह गए. उन्होंने फोन कर के गांव के पूर्व सरपंच लाखन सिंह ठाकुर को भी बुला लिया. तीनों उसी जगह पर पहुंचे तो जहां खून पड़ा था, वहां घसीटने के भी निशान थे. उसी घसीटती हुई फसल का पीछा करते करते वह 100-200 मीटर भी नहीं पहुंचे थे कि तीनों के कदम ठहर गए. क्योंकि उन के सामने औंधे मुंह एक व्यक्ति की लाश पड़ी थी.

वह जिस व्यक्ति की लाश थी, उसे पूर्व सरपंच लाखन सिंह ठाकुर जानते थे. लाश गांव की ही मौजूदा सरपंच फूलबाई कुशवाह के बेटे विशाल कुशवाहा की थी. पूर्व सरपंच ने देरी न करते हुए बैरसिया थाने के एसएचओ नरेंद्र कुलस्ते को फोन कर के सूचना दे दी.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के देहात क्षेत्र में स्थित बैरसिया थाना है. इस में गांव दामखेड़ा पड़ता है. यह गांव थाने से करीब 15-16 किलोमीटर दूर है. इसी गांव में मास्टर हरिनारायण सक्सेना भी रहते हैं. उन्हें पूरा गांव मास्साब के नाम से ही जानता है. उन के ही खेत में एक टपरा है, जिस में उन का बेलदार मुकेश रहता था.

वह 10 मार्च की सुबह जल्दी उठा. क्योंकि उस दिन अमावस्या थी, इसलिए उसे गांव में स्थित हनुमान मंदिर में जल चढ़ाने जाना था. वह उठा और मंदिर में सुबह लगभग 7 बजे चला गया. मंदिर में जल चढ़ा कर वह आ रहा था, तब उसे दूर से मास्साब के खेत में लगी फसल का कुछ हिस्सा बिखरा नजर आया.

मुकेश को लगा कि कोई फसल काट ले गया है. इसलिए वह तुरंत तेज कदमों से वहां पहुंचा था.

एएसपी डा. नीरज चौरसिया

लाश मिलने की सूचना पाते ही एसएचओ तुरंत घटनास्थल के लिए निकल पड़े. रास्ते में ही एसएचओ ने एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा, एएसपी डा. नीरज चौरसिया और प्रभारी एसडीओपी मंजू चौहान को यह जानकारी साझा कर दी.

एसडीओपी मंजू चौहान

एसएचओ नरेंद्र कुलस्ते मौके पर जा रहे थे, तभी उन के पास बैरसिया के एसडीओपी आनंद कलादगी की भी काल आ गई. वह भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं और इस वक्त बैरसिया (देहात) में एसडीओपी का चार्ज देख रहे थे. हालांकि जब यह घटना हुई तो वह अवकाश पर पुश्तैनी गांव कर्नाटक गए हुए थे. एसएचओ ने उन्हें सारी जानकारी दे दी. शव पड़े होने की जानकारी देते हुए एसएचओ ने बताया कि वह मौके पर पहुंच रहे हैं.

इस के बाद घटनास्थल पर फिंगरप्रिंट के अधिकारियों और डौग स्क्वायड को भी बुला लिया था. इस के अलावा उन्होंने लललिया चौकी के प्रभारी एसआई शंभू सिंह सेंगर और थाने में तैनात एसआई रिंकू जाटव को भी मौके पर बुला लिया.

ये 2 बातें मौके पर हो चुकी थीं तय

थानाप्रभारी नरेंद्र कुलस्ते हरिनारायण सक्सेना के खेत पर पहुंचते, उस से पहले ही उन्हें गोलू साहू के खेत पर भारी भीड़ नजर आई. उन्होंने वहां मौजूद भीड़ को नगर रक्षा समिति के सदस्य इजरायल की मदद से हटाया.

उस के बाद शव और जहां खून फैला था, उस जगह को सुरक्षित कराया. वहां धीरेधीरे कर के सारे अफसर आना शुरू हो गए. खबर मीडिया तक पहुंच गई थी तो पत्रकारों का भी वहां जुटना शुरू हो गया.

उसी समय वहां सरपंच फूलबाई कुशवाहा के पति रमेश कुशवाहा भी कुछ लोगों के साथ पहुंच गए. अपने 25 वर्षीय बेटे विशाल कुशवाहा की लाश देख कर वह फूटफूट कर रोने लगे. उस की कुछ महीने पहले ही शादी भी हुई थी. वह नौजवान और हैंडसम युवक था. इस के अलावा सरपंच का बेटा होने के कारण उस का गांव में जलवा था.

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मृतक विशाल कुशवाहा

वह गांव में उगने वाली फसल को अपने लोडिंग वाहन में लोड कर के विदिशा जिले में लगने वाली मंडी में बेचने जाया करता था. जिस ग्रामीण को फसल उसे देनी होती थी, वह उसे पहले बता दिया करता था. इस कारण गांव के कई घरों में विशाल कुशवाहा का सीधा संपर्क था.

सबूत जुटाने में जुटे एसएचओ समेत तीनों अफसर नरेंद्र कुलस्ते, रिंकू जाटव और शंभू सिंह सेंगर मौके पर ही रणनीतियां बना रहे थे. इस दौरान हर स्तर का अफसर मौके पर आ कर एक नया टास्क टीम को दे कर जा रहा था.

एसएचओ मृतक विशाल कुशवाहा के शरीर में आए घावों को देख चुके थे. उस के बाएं कान के ऊपर भारी वस्तु से किए गए प्रहार के कारण सिर के भीतर दबा हिस्सा दिख रहा था. इस के अलावा सिर के पीछे और माथे पर धारदार हथियार के वार थे.

यह सभी अलगअलग तरह के थे. इसलिए यह तो साफ हो गया था कि उस की कई लोगों ने मिल कर हत्या की है. गरदन रेती गई थी, वह भी पेशेवर तरीके से. यानी यह भी साफ हो गया था कि वारदात करने वाला पेशेवर अपराधी है. गले को जिस जगह धारदार हथियार से रेता गया था, उस नाजुक जगह की जानकारी हर कोई नहीं रखता.

गांव से भागी महिला और उस के पति पर गया शक

घटनास्थल की बारबार तफ्तीश करने और विशाल कुशवाहा के कपड़ों की तलाशी लेने के बाद एसएचओ को सरकारी अस्पताल के 4 कंडोम मिले, इसलिए यह भी यकीन हो गया कि मामला अवैध संबंध से जुड़ा हो सकता है.

तभी एसएचओ का दिमाग ठनका और उन्होंने वहां मौजूद विशाल कुशवाहा के छोटे भाई मिथुन कुशवाहा से बातचीत शुरू की. क्योंकि वह उस वक्त होश में था.

उस ने बताया कि वह 2 भाई और 3 बहनें हैं, जिस में एक बहन की शादी हो गई है. मिथुन कुशवाहा से बातचीत में पता चला कि उन के गांव में चाची चली गई थी. वह गांव के दबंग अर्जुन कुशवाहा के साथ गई थी. उस से जरूर कुछ महीनों पहले विवाद की स्थिति बनी थी. लेकिन चाची और अर्जुन कुशवाहा घर छोड़ कर दूसरे गांव में रहने चले गए थे.

पुलिस ने उस की लोकेशन खंगाली तो वह संदेह के दायरे से बाहर हो गया. फिर आखिरी वक्त में कौन उस के साथ था, वह पता लगाया गया. तब मालूम हुआ कि गांव में रहने वाला बबलू कुशवाहा मृतक के पास आखिरी वक्त में था.

वह विशाल कुशवाहा की फसल और अपनी गाजर बेचने विदिशा गया हुआ था. उसे पुलिस ने काल करने की बजाय ग्रामीणों से काल लगा कर मौके पर बुलाया. उस को सीधे थाने ले जाया गया, जहां उस से पूछताछ अलग से की गई.

पड़ताल में मालूम हुआ कि बबलू कुशवाहा और विशाल कुशवाहा साथ में थे. जिस दिन लाश मिली, उस से एक दिन पहले रात 11 बजे लोडिंग वाहन उस के हवाले कर के वह चला गया था. लोडिंग वाहन में ही बबलू कुशवाहा को नींद की झपकी लग गई. बबलू कुशवाहा की नींद रात लगभग एक बजे खुली तो उस ने कई बार विशाल को फोन किया.

जब विशाल ने फोन नहीं उठाया तो बबलू ने उस के पापा रमेश कुशवाहा को फोन लगा कर बताया. उस ने बताया कि विशाल कुशवाहा ने सब्जी लोडिंग आटो में लोड कर ली थी. वह सुबह तक मंडी नहीं पहुंचाई तो खराब हो जाएगी. इस कारण रमेश कुशवाहा ने बबलू कुशवाहा के साथ दूसरे को भेज दिया.

यह बात पता चलने के बाद पुलिस ने बबलू कुशवाहा के अलावा विशाल कुशवाहा के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स निकालने का काम शुरू कर दिया.

प्रेमिका के कांफिडेंस को देख कर थानाप्रभारी का हौसला हुआ पस्त

एसएचओ ने मिथुन कुशवाहा से पूछा, ”तुम्हारे भाई के किसी महिला से संबंध थे?’’

यह सुन कर वह बोला, ”हां, कुछ साल पहले तक उस के नीतू शाक्य के साथ रिश्ते थे. दोनों शादी भी करना चाहते थे. लेकिन पिता दूसरी जाति होने के कारण इस रिश्ते को अपनाने के लिए तैयार नहीं थे.’’

यह पता चलने के बाद उन्होंने विशाल कुशवाहा का रिश्ता विदिशा जिले के गंजबासौदा में स्थित गांव सलोई में रहने वाली हरीबाई से तय कर दिया गया. यह पता चलने के बाद नीतू शाक्य ने विशाल को फोन भी किया था. उस ने कहा था कि वह शादी करेगा तो अच्छा नहीं होगा.

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आरोपी नीतू शाक्य

इस धमकी को घर वालों ने नजरअंदाज कर के शादी कर दी थीं. यह सुनने के बाद एसएचओ ने देर नहीं की और वह महिला कांस्टेबल शीला दांगी के साथ नीतू शाक्य के घर पहुंच गए और पूछताछ के लिए उसे थाने ले आए.

सरपंच के बेटे का दोस्त थाने पहुंच कर क्यों गिड़गिड़ाया

अब एसएचओ के सामने इस अंधे कत्ल को सुलझाने के लिए कई रास्ते थे. वह किन रास्तों पर जाएं, तय नहीं कर पा रहे थे. क्योंकि उन के सामने दामखेड़ा गांव के दबंग अर्जुन कुशवाहा की कहानी थी तो वहीं बबलू कुशवाहा भी था, जो घटना से कुछ देर पहले तक मृतक के साथ था. तीसरी नीतू शाक्य जो कुछ महीने पहले तक मृतक विशाल कुशवाहा की प्रेमिका थी.

इन सभी बातों के बीच एसएचओ ने मौके पर मिले कंडोमों के आधार पर तय किया कि वह नीतू शाक्य को फोकस करेंगे. इसी बीच उन्हें विशाल कुशवाहा के मोबाइल की काल डिटेल्स भी मिल गई. जांच में पता चला कि मृतक की आखिरी बातचीत अजय नामदेव के साथ हुई थी. वह विदिशा जिले का रहने वाला था.

पुलिस ने उसे भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया. उस ने बताया कि यह सिम उस ने खरीद कर विशाल कुशवाहा को दी जरूर थी, लेकिन इस का इस्तेमाल वह नहीं करता था.

इस के बाद पुलिस ने अजय नामदेव के ही मोबाइल में हो रहे एक अन्य नंबर से बातचीत वाले को तलब किया. क्योंकि उस ने अजय नामदेव को उसी दिन कई बार फोन लगाया था.

उस का नाम आमीन मंसूरी था, जो दामखेड़ा गांव के नजदीक दूसरे गांव बबचिया का रहने वाला था. उस से पूछताछ का जिम्मा ललरिया चौकी में बैठे एसआई शंभु सिंह सेंगर को दिया गया. इधर, नीतू शाक्य पुलिस को कोई सहयोग नहीं कर रही थी. कई बार पुलिस पूछताछ की नाव गोते खा कर पलट रही थी.

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थाने में एकमात्र महिला कांस्टेबल नीतू शाक्य से पूछताछ करने में कमजोर साबित हो रही थी. उधर, आमीन मंसूरी ने भी कम परेशान नहीं किया. उस के रिश्तेदार भी हत्याकांड में उसे घेरे जाने का पता चलने पर एकएक कर के थाने के बाहर जमा होने लगे. इस के बावजूद एसआई शंभु सिंह सेंगर की टीम ने सख्ती बरती तो वह टूट गया.

उस ने हत्याकांड को करना कुबूल लिया, जिस में नीतू शाक्य की सीधी भूमिका थी. उस ने यह भी बताया कि वह हत्या करने के लिए राजी नहीं था. लेकिन नीतू शाक्य ने उस को प्यार का हवाला दे कर हत्या करने के लिए मजबूर कर दिया था.

शारीरिक संबंध बनाने से पहले नीतू ने रखी थी कौन सी शर्त

आमीन मंसूरी (18 वर्ष) द्वारा गुनाह कुबूल कर लेने के बाद नीतू ने भी रट्टू तोते की तरह सारी कहानी बयां कर दी. उस ने बताया कि वह विशाल कुशवाहा की बेवफाई से काफी आहत हो गई थी. इसलिए उस ने तय कर लिया था कि वह उस की हत्या करेगी.

आरोपी आमीन मंसूरी

इस के लिए उस ने गांव के ही कई युवकों के साथ दोस्ती भी की थी. उन के साथ रिश्ते बनाने से पहले यह शर्त थी कि उन्हें विशाल कुशवाहा को निपटाना होगा.

नीतू से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने एकएक कर के सभी युवकों को थाने बुलाया. पता चला कि आमीन मंसूरी मटनचिकन की दुकान में काम भी करता था. उस के साथ 3 महीने पहले ही नीतू शाक्य ने दोस्ती की थी. एसएचओ इस बात को ले कर परेशान थे कि उस के पास विशाल कुशवाहा के दोस्त अजय नामदेव की मोबाइल सिम कैसे मिली. तब उस ने बताया कि वह मोबाइल और सिम उस को विशाल कुशवाहा ने ही खरीद कर बातचीत करने के लिए दी थी. शादी से पहले उसी मोबाइल के जरिए बातचीत होती थी.

हत्याकांड को अंजाम देने के लिए नीतू शाक्य ने विशाल कुशवाहा को फोन लगा कर हनुमान मंदिर के पास बुलाया था. लेकिन उस दिन घर में उस की मौसी आ गई थी. इस कारण वह रात 11 बजे उस के पास पहुंची थी. हालांकि इस से पहले 9 बजे मुलाकात होनी थी.

मर्डर करने के बाद लाश क्यों जलाना चाहती थी नीतू

उधर, आमीन मंसूरी ने बताया कि हत्याकांड में उस का दोस्त मनोज वंशकार भी शामिल था. 20 वर्षीय मनोज बबचिया गांव का रहने वाला था. लेकिन भोपाल के कोलार रोड स्थित ललिता नगर में रहने वाले भाई बलराम वंशकार और भाभी सुनीता वंशकार के साथ वह रहता था.

आरोपी मनोज वंशकार

आमीन मंसूरी ने बताया कि उस ने हत्या तो नहीं की थी, लेकिन उस की बाइक से वह मौके पर पहुंचा था. वह यह जानता था कि मैं अपनी प्रेमिका नीतू शाक्य के दुश्मन को मारने वाला हूं.

आमीन मंसूरी की कहानी और नीतू शाक्य की पटकथा मेल खाने लगी. यह देख कर पुलिस ने नीतू शाक्य को संदेही मान कर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. इधर, बैरसिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुए विशाल कुशवाहा के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ चुकी थी.

रिपोर्ट में आईं इन चोटों को ले कर नीतू शाक्य ने राज उजागर किया. उस ने बताया कि उसे पता था कि मृतक के साथ बबलू कुशवाहा है, इसलिए उसे अकेले नीतू ने बुलाया था.

विशाल को लगा कि आज वह एक बार फिर पुरानी यादों को नीतू के साथ शारीरिक संबंध बना कर ताजा करेगा. इस कारण वह अपने साथ 4 कंडोम ले कर पहुंचा था. वह नीतू को देख कर अपने अरमानों को रोक नहीं पा रहा था. विशाल यह नहीं जानता था कि नीतू आज प्रेमिका नहीं, बल्कि बदला लेने वाली दुश्मन है.

वह योजना के तहत पीछे की तरफ जा रही थी. जबकि विशाल उसे आलिंगन करने के लिए बढ़ रहा था. तभी नीतू ने विरोध करते हुए बोला कि वह उस का फोन क्यों नहीं उठाता. विशाल बोला कि अब वह शादीशुदा है. पत्नी को पता चलता है तो घर में बवाल होता है.

यह बोलते हुए वह नीतू को दबोचने के लिए आगे बढ़ा. लेकिन नीतू पीछे हुई, तभी उस के पैर से पत्थर टकराया जो उस ने कब उठाया, यह विशाल समझ ही नहीं पाया. विशाल ने जैसे ही कमर के पीछे से दोनों हाथ डाल कर दबोचना चाहा. तभी उस ने विशाल के कान के बाएं तरफ जोरदार पत्थर का वार किया.

लाश को छिपाने में दोस्त ने क्यों नहीं की मदद

विशाल कुशवाहा को जैसे ही बाएं कान की तरफ पत्थर लगा तो वह चीख पड़ा. उसी वक्त पीछे से आ कर आमीन मंसूरी ने छुरी से विशाल के सिर पर वार किया और उसे दबोच लिया. यह देख कर वह समझ गया कि उस के साथ क्या होने वाला है. उस ने तुरंत ही मास्टर हरिनारायण सक्सेना के खेत में रहने वाले बेलदार को नाम ले कर बचाने के लिए पुकारा.

उस की आवाज सुन कर नीतू बोली, ”आमीन, इस का मुंह बंद करो नहीं तो पूरे गांव वाले जाग जाएंगे.’’

यह बोलने के साथ ही उस ने अपना दुपट्टा भी उसे दिया. दुपट्टे से आमीन मंसूरी ने उस का मुंह बंद किया और चाकू से विशाल कुशवाहा का गला रेत दिया. इस काम में आमीन मंसूरी काफी एक्सपर्ट था. क्योंकि वह मीट की दुकान में काम करता था.

गला रेतने के बाद खून का फव्वारा छूट पड़ा था. इसलिए खेत में चारों तरफ खून ही खून फैल गया. फिर तय किया गया कि उसे दूसरी जगह ले जा कर जला देते हैं, ताकि उस का शव पहचान में नहीं आ सके.

सिरहाने की तरफ से आमीन मंसूरी ने पकड़ा. वहीं पैर की तरफ से नीतू शाक्य पकड़ कर खींचने लगी, लेकिन मरने के बाद विशाल का शरीर भारी हो गया था.

बदले की आग जब शांत हुई तो नीतू खून से सने विशाल को देख कर घबरा गई. लाश खींचने के दौरान मृतक की पैंट नीतू के हाथों में खिंच आई और वह गिर गई.

यह देख कर आमीन ने अपने दोस्त मनोज वंशकार को बुलाया. आमीन ने उस से कहा कि वह लाश को घसीटने में मदद करे, ताकि उसे जला कर उस की पहचान मिटा सकें. लेकिन ऐसा करने के लिए मनोज वंशकार राजी नहीं हुआ.

नतीजतन दोनों गोलू कुशवाहा के खेत तक ही लाश को ले जा सके. उसे वहीं पटक कर तीनों मौके से भाग गए.

सारी रात कैसे मिटाए सबूत

नीतू शाक्य की योजना यह थी कि विशाल कुशवाहा की हत्या में उस का दोस्त अजय नामदेव फंसे. इसलिए उस के नाम पर खरीदे गए मोबाइल और सिम का इस्तेमाल नीतू ने किया था. लेकिन सब कुछ उलटा हो गया तो रणनीतियां बदली जाने लगीं.

हत्याकांड के बाद आरोपी आमीन मंसूरी मृतक का मोबाइल और पर्स ले कर भाग गया. ताकि लाश देखने के बाद पुलिस को यह लगे कि उस की लूट के इरादे से हत्या की गई है. आमीन मंसूरी ने बबचिया गांव के नाले में उस का मोबाइल फेंक दिया.

खून से सना दुपट्टा और कपड़े उतार कर नीतू शाक्य ने घर की छत पर एक कोने में छिपा दिए. उन्हें अगले दिन जलाने की योजना थी. लेकिन उस से पहले ही पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने ले आई थी.

पुलिस ने पहले आमीन मंसूरी और उस की प्रेमिका नीतू शाक्य को गिरफ्तार किया. उस के अगले दिन मनोज वंशकार को भी हिरासत में ले लिया.

पुलिस ने हत्याकांड में इस्तेमाल की गई मनोज वंशकार की बाइक भी जब्त कर ली. नीतू शाक्य ने मोबाइल की सिम तोड़ दी थी. लेकिन अजय नामदेव के नाम पर खरीदा गया मोबाइल उस के घर से बरामद किया गया.

पुलिस ने हत्या करने और सबूत मिटाने का मामला दर्ज करने के बाद आम्र्स एक्ट, लूट, साजिश रचने समेत कई अन्य धाराएं भी बढ़ा दीं. आरोपियों से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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