परवेज टाक ने सौतेली बेटी ऐक्ट्रैस लैला खान, पत्नी सेलिना सहित 6 जनों की हत्या कर लाशें फार्महाउस में दफना दी थीं. वह बेफिक्र हो कर मुंबई से कश्मीर चला गया तो बाद में यह केस कैसे खुलाï? इस बहुचर्चित केस में ऐसे कौन से सबूत मिले, जिन के जरिए हत्यारे को हुई सजा ए मौत.
24 मई, 2024, दिन शुक्रवार. मुंबई की सेशन कोर्ट में 13 साल पहले ईगतपुरी के फार्महाउस में हुई 6 लोगों की हत्या का फैसला सुनाया जाना था. यह 6 लोग थे बौलीवुड की मशहूर ऐक्ट्रैस लैला खान (31 वर्ष), मां सेलिना खान (51 वर्ष), बहन अजमीना (32 वर्ष), जुड़वा भाईबहन इमरान और जारा (दोनों 25 वर्ष) कजिन रेशमा 24 वर्ष.
मुंबई से 130 किलोमीटर की दूरी पर ईगतपुरी में ऐक्ट्रैस लैला खान का फार्महाउस था. ये 6 हत्याएं फार्महाउस में ही की गई थीं, जिस का सुराग डेढ़ साल बाद लगा. इन 6 हत्याओं का दोषी सेलिना खान का तीसरा पति परवेज टाक था. उस पर मई महीने की शुरुआत में आरोप सिद्ध हो गया था. अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. 24 मई को अंतिम बहस के बाद परवेज टाक को अदालत की ओर से सजा दी जा सकती थी.
परवेज टाक को उम्रकैद मिलती है या फांसी, इसी फैसले का इंतजार कोर्टरूम में मौजूद सभी लोगों को था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन बलवंत पवार अपने चैंबर में आ चुके थे.
अदालती काररवाई देखने के लिए कोर्टरूम पूरी तरह भर गया था. कोर्टरूम में पांव रखने की भी जगह नहीं बची थी. इन में सेलिना खान के दोनों पति और परवेज टाक के बीवीबच्चे तथा बूढ़ी मां भी थी. परवेज टाक कोर्ट के कटघरे में सिर झुका कर खड़ा था. वह पहले से ही शादीशुदा और 2 बच्चों का बाप था.
जज महोदय ने अदालत की काररवाई शुरू करने का इशारा किया तो परवेज टाक के वकील ने उठ कर कोट दुरुस्त करते हुए झुक कर जज साहब को अभिवादन किया फिर परवेज टाक के पास पहुंच कर बहुत सधे हुए शब्दों में कहना शुरू किया, ”मी लार्ड! मेरा मुवक्किल परवेज टाक दुबलापतला डेढ़ पसली का इंसान है. इस पर पुलिस ने 6 हत्याओं का दोष मढ़ा है. आप ही बताइए कि यह 6 लोगों की हत्याएं कैसे कर सकता है? यह तो…’’
”मी लार्ड!’’ विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने अपनी जगह से उठ कर बचावपक्ष के वकील की बात काटते हुए कहा, ”एक दुबलापतला व्यक्ति किसी की हत्या नहीं कर सकता, ऐसा कोई उदाहरण इतिहास में नहीं है. जब आदमी पर जुनून और क्रोध सवार होता है तो वह कुछ भी कर सकता है. फिर यह अकेला कहां था, उस वक्त इस का साथ सिक्योरिटी गार्ड शाकिर वाणी ने दिया था, जो फरार चल रहा है.’’
”मी लार्ड,’’ बचाव पक्ष के वकील ने कहा, ”मेरे मुवक्किल पर जिन 6 लोगों की हत्याओं का दोष मढ़ा जा रहा है, उस का कोई प्रत्यक्ष चश्मदीद गवाह पुलिस के पास नहीं है. जिस वक्त ये 6 हत्याएं हुईं, मेरा मुवक्किल 8 फरवरी को ईगतपुरी में नहीं था, वह मुंबई में था.’’
”परवेज टाक 8 फरवरी को ईगतपुरी फार्महाउस में नहीं था, इस का कोई ठोस सबूत है आप के पास?’’ एडवोकेट उज्जवल निकम ने पूछा.
”नहीं!’ बचाव पक्ष के वकील ने इंकार में सिर हिलाया.
”मी लार्ड, मेरे काबिल दोस्त के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 8 फरवरी को रात में 6 लोगों के कत्ल किए गए, परवेज टाक वहां ईगतपुरी में नहीं था.’’
कुछ क्षण के लिए खामोश होने के बाद उज्जवल निकम बोले, ”यह 8 फरवरी की रात को ईगतपुरी के फार्महाउस में मौजूद था, मी लार्ड. इस ने जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ थाने के पुलिस अफसर को बताया है कि 8 फरवरी की रात उस ने मुंबई के ईगतपुरी के फार्महाउस में पत्नी, बच्चों सहित 6 जनों की हत्या कर शव वहीं दफना दिए. यह 6 निर्दोष इंसानों के कत्ल का दोषी है मी लार्ड!’’
कुछ क्षण रुकने के बाद उन्होंने आगे कहा, ”मेरे अजीज दोस्त सरकारी वकील श्री पंकज रामचंद्र चह्वïाण शुरू से इस केस की पैरवी करते आए हैं. आज बेशक वह रेस्ट पर हैं, लेकिन उन्होंने पिछले दिनों कोर्ट में यह साबित कर दिया था कि सेलिना खान और उस की बेटियां, बेटा और भतीजी का हत्यारा परवेज ही है.
कुछ क्षण रुक कर उन्होंने फिर कहना शुरू किया, ”बौलीवुड अभिनेत्री सेलिना खान ने अपनी संपत्ति की पौवर औफ अटोर्नी अपने पूर्व पति आसिफ शेख के नाम लिखवा दी थी. सेलिना की इस बात से परवेज टाक चिढ़ गया था. इस को आसिफ शेख जरा भी पसंद नहीं था.
”6 हत्याएं करने के बाद यह ईगतपुरी से भाग कर किश्तवाड़ में अपने गांव बौंजुआ पहुंचा. यह अपने साथ लैला खान की कीमती कार आउटलैंडर भी ले गया था. उसे इस ने लावारिस छोड़ा तो इसी चक्कर में फंस गया.
”इस ने बड़ी बेरहमी से उन लोगों का खून किया है, जो इसे रिश्ते में अपना मानने लगे थे. यह सेलिना खान का पति था तो लैला खान और उस के भाईबहनों का सौतेला पिता भी था. इस ने रिश्तों और विश्वास का खून किया है, इसलिए मैं अदालत से गुजारिश करूंगा कि परवेज टाक को फांसी की सजा दी जाए. दैट्स आल.’’
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद माननीय जज महोदय सचिन बलवंत पवार ने अपना फैसला सुनाया, ”सभी गवाहों और परिस्थितिजन्य साक्ष्य देख लेने और सुन लेने के बाद यह जाहिर हो गया है कि परवेज टाक ने जघन्य गुनाह किया है. यह मामला रेयरेस्ट औफ रेयर की श्रेणी में आता है. इसलिए आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत परवेज टाक को फांसी की सजा दी जाती है. शवों को छिपाने और सबूत नष्ट करने का गुनाह भी इस ने किया है. इस के लिए इस पर आईपीसी की धारा 201 लगाई जाती है, जिस के तहत सश्रम 7 साल की सजा और 10 हजार रुपए का आर्थिक दंड देना होगा. सजा पूरी होने पर इसे फांसी दे दी जाए.’’
न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद अदालत के कटघरे में खड़ा परवेज टाक स्तब्ध खड़ा रहा. उस के चेहरे पर उदासी के भाव छा गए. जज साहब के उठ कर चैंबर में चले जाने के बाद पुलिस ने उसे अपनी कस्टडी में ले लिया और कोर्टरूम से बाहर की तरफ ले कर जाने लगे तो मुजरिम परवेज टाक ने धीमे से कहा, ”मैं अपनी बीवीबच्चों और मां से मिलना चाहता हूं.’’
परवेज टाक की मां, बीवी और 3 बेटियां उस वक्त अदालत के कक्ष में मौजूद थीं. परवेज टाक को उस के परिवार के पास ले कर आ गए. परवेज टाक ने अपनी मां को नम आंखों से देखा, उस के होंठ कांपे, ”मेरे बच्चों का ध्यान रखना मां. मैं अब लौट कर नहीं आऊंगा.’’
परवेज टाक की बूढ़ी मां की लरजती आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली. उस ने परवेज टाक को अपनी बांहों में समेट लिया. गले लगा कर वह फूटफूट कर रोने लगी. कुछ क्षण बाद उस ने परवेज टाक को कंधे से हटा कर उस का माथा चूमा और चेहरा घुमा लिया.
परवेज टाक अपनी बीवी की तरफ पलटा, ”मैं तुम्हारा गुनहगार हूं… हो सके तो मुझे माफ कर देना. मेरी बेटियों की अच्छी परवरिश करना.’’ इस के बाद उस ने बीवी का हाथ पकड़ कर हथेली को चूमा और फिर तीनों बेटियों के सिर पर हाथ रख कर उस ने चेहरा घुमा लिया.
वह उन 6 हत्याओं का दोषी तो था ही, जो उस ने की थीं, 5 लोगों का भी गुनहगार था, जिन्हें बीच मझधार में छोड़ कर वह जा रहा था. इन से नजरें मिलाने की उस में ज्यादा हिम्मत नहीं बची थी.
इस छोटी सी मुलाकात के बाद पुलिस के साथ वह कोर्ट से बाहर आ गया और कैदियों की वैन में चुपचाप बैठ गया. कुछ देर बाद ही वैन उसे ले कर मुंबई की आर्थर रोड जेल की तरफ रवाना हो गई.
कौन है परवेज टाक और उस ने 6 लोगों का मर्डर क्यों किया? कौन थे मृतक? यह सब जानने के लिए घटना के अतीत में जाना होगा.
मूलरूप से पाकिस्तान की रहने वाली सेलिना भारत में अपनी खूबसूरती को भुनाने के लिए आई थी. इस की सही कद्र फिल्म इंडस्ट्री में हो सकती है, यह सोच कर उस ने कई स्टूडियो के चक्कर काटे तो कुछ फिल्मों में उसे छोटेमोटे रोल मिलने लगे. इन से न शोहरत मिल सकती थी और न शानोशौकत भरी जिंदगी. कुछ वर्षों बाद सेलिना ने आसिफ शेख से निकाह कर लिया.
आसिफ शेख धनी आदमी था. सेलिना को उस से हर सुख मिला, लेकिन उस की शेख से ज्यादा समय तक नहीं पटी. सेलिना ने उसे छोड़ दिया और नादिर शाह पटेल को शौहर बना लिया. लैला खान इसी नादिर शाह पटेल की बेटी थी. सेलिना को यह शौहर भी नहीं भाया. फिर उस से भी अलग हो गई. अब सेलिना की जिंदगी में जिस व्यक्ति ने कदम रखा वह परवेज टाक था.
परवेज टाक जम्मूकश्मीर के किश्तवाड़ का निवासी था. वह वहां वन ठेकेदारी करता था. सेलिना से निकाह होने के बाद वह मुंबई में सेलिना के साथ ही रहने लगा. 4 बच्चों की मां सेलिना की रेशमा पटेल (लैला खान) बड़ी बेटी थी, जो अब जवान हो गई थी.
अपनी मां सेलिना की तरह लैला खान भी बहुत सुंदर थी. उस का एकएक अंग सांचे में ढला प्रतीत होता था. जब वह पैदा हुई थी, उस का नाम रेशमा पटेल रखा गया था. वह नादिर शाह पटेल की बेटी थी. परवेज टाक उस का सौतेला पिता था. रेशमा पटेल यानी लैला खान उसे पसंद नहीं करती थी. चूंकि वह उस की मां सेलिना का शौहर था, इसलिए वह मजबूरी में उस के साथ रह रही थी.
लैला को राजेश खन्ना से मिली पहचान
रेशमा पटेल को मालूम था, उस की मां की फिल्मी दुनिया में अच्छी जानपहचान है, वह कुछ फिल्मों में काम भी कर चुकी है. इसलिए उस ने भी अपनी किस्मत फिल्मी दुनिया में आजमाने की कोशिश शुरू कर दी.
सेलिना ने बेटी की फिल्मों की तरफ रुचि देख कर कुछ पुराने जानपहचान वालों से बात की. उन्होंने सेलिना को आश्वासन दिया कि वह रेशमा पटेल को फिल्मों में चांस देंगे. रेशमा पटेल दिन भर फिल्मी स्टूडियो के चक्कर काटती थी, उस की खूबसूरती देख कर कन्नड़ फिल्म के एक प्रोड्यूसर ने उसे अपनी कन्नड़ फिल्म में चांस दे दिया. यह फिल्म थी ‘मेकअप’ जो सन 2002 में बनाई गई थी.
‘मेकअप’ फिल्म खास नहीं चली. इस से रेशमा खान को कोई पहचान नहीं मिल पाई. इस के बाद सन 2008 में रेशमा पटेल को हिंदी फिल्म में चांस मिला. फिल्म का नाम था ‘वफा: ए डेडली लव स्टोरी’. यह फिल्म उस वक्त के सुपरस्टार अभिनेता राजेश खन्ना के साथ थी. इस फिल्म से रेशमा पटेल को एक नया नाम मिला लैला खान.
लैला खान को एक जानेपहचाने अभिनेता राजेश खन्ना के साथ फिल्म करने की वजह से पहचान मिल गई. वह लैला खान के नाम से मशहूर हो गई. लैला खान फिल्मी सफर पर चल निकली तो उस की मां सेलिना ने राहत की सांस ली. उसे अब बेटी के भविष्य की चिंता नहीं थी.
सेलिना रंगीनमिजाज महिला थी. तीसरी शादी करने के बाद भी उस का अपने पहले पति आसिफ शेख के साथ घनिष्ठ रिश्ता कायम था. आसिफ शेख उस के पास जबतब मिलने चला आता था. यह बात सेलिना के तीसरे पति परवेज टाक को पसंद नहीं थी. वह आसिफ शेख से नफरत करता था, क्योंकि आसिफ शेख हर मामले में परवेज टाक से इक्कीस था.
एक दिन परवेज ने अपनी बीवी सेलिना से पूछा, ”यह आसिफ शेख यहां क्यों आता है?’’
सेलिना ने उसे घूर कर देखा, फिर कंधे झटक कर बोली, ”यह पूछने वाले तुम कौन होते हो?’’
”मैं तुम्हारा शौहर हूं.’’ परवेज टाक ने फुफकार कर कहा.
”शौहर उसे कहते हैं जो शौहर का फर्ज पूरा करता है, तुम मेरे या मेरे बच्चों के लिए क्या कर रहे हो?’’
”मेरे पास जो था, वह मैं सब तुम पर पहले ही लुटा चुका हूं सेलिना. अब मैं कश्मीर में नहीं, यहां मुंबई में हूं. तुम ने मुझे अपनी जरूरत के लिए यहां रखा है तो मुझ पर खर्चा भी तुम्हें ही करना होगा. समझी.’’
”समझ रही हूं. तुम खाना खाओ और सो जाओ.’’ सेलिना बोली.
पत्नी और बेटियों को दुबई क्यों भेज रहा था परवेज
लैला खान उन दिनों राखी सावंत के भाई राकेश सांवत की एक फिल्म ‘जिन्नत’ में काम कर रही थी.
फिल्मों से शोहरत मिलने के कारण लैला खान चर्चा में थी. उस को मुनीर नाम के युवक से प्यार हो गया था. थोड़े दिन मुनीर से प्यार कर लेने के बाद लैला खान ने उस से शादी कर ली. लेकिन उस के नसीब में मुनीर का संग नहीं था.
मुनीर प्रतिबंधित बांग्लादेशी संगठन ‘हरकत उल जिहाद अल इसलामी’ से जुड़ा हुआ था. एक दिन उसे बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी ने पकड़ लिया और बांग्लादेश ले गई. लैला खान के दिल पर इस से गहरा आघात लगा, वह परेशान रहने लगी.
उधर उस की मां सेलिना अपने तीसरे पति परवेज से परेशान थी. परवेज लैला खान के फिल्मी संबंध से काफी नाराज था, उस का कहना था कि यह फिल्मी लाइन काफी बदनाम और गंदी है. लैला खान फिल्मों से नाता तोड़ ले और अपनी दोनों बहनों अजमीना और जारा को ले कर दुबई चली जाए. दुबई में वह किसी शेख के पास रहेगी तो लाखों रुपया मिलेगा, जिस से सभी खुशहाल हो जाएंगे.
सेलिना अपनी बेटियों को शेखों के सामने नहीं ढकेलना चाहती थी. वह परवेज की इस बात का विरोध करती रहती थी, जबकि परवेज टाक लैला खान, अजमीना और जारा की जवानी को दुबई में कैश करने के लिए पूरा जोर लगा रहा था.
इसी बात पर सेलिना, लैला खान और उस की दोनों बहनें काफी तनाव में रहने लगी थीं. इस तनाव से मुक्ति पाने के लिए लैला खान ने फरवरी में मुंबई से ईगतपुरी जाने का मन बना लिया. ईगतपुरी मुंबई से 130 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पर उन का फार्महाउस था.
लैला खान ने अपने काम से छुट्टियां ले लीं और अपनी मां सेलिना, बहन अजमीना, जारा, भाई इमरान और कजिन बहन रेशमा को साथ लिया और छुट्टियां बिताने के लिए ईगतपुरी के फार्महाउस में रहने आ गई.
यहां आ कर उसे काफी सुकून मिला, लेकिन जल्दी ही परवेज टाक भी ईगतपुरी आ गया, जिस से उस की खुशियों में खलल पड़ गई.
डायरेक्टर राकेश सावंत के जरिए बढ़ गई हलचल
फिल्म ‘जिन्नत’ की शूटिंग चल रही थी, लेकिन लैला खान सैट पर नहीं पहुंची थी तो राकेश सावंत ने लैला को कई बार फोन किया. लेकिन लैला खान का फोन हर बार स्विच्ड औफ आ रहा था. काफी देर ट्राई कर लेने के बाद राकेश सांवत अपनी गाड़ी ले कर लैला खान के बंगले की ओर रवाना हो गया.
‘जिन्नत’ फिल्म का सैट तैयार था. उस सैट पर लैला खान की मौजूदगी जरूरी थी. लैला खान के न आने से राकेश को लाखों रुपए की चपत लग सकती थी. यही कारण था कि राकेश सावंत लैला खान को लाने उस के बंगले पर पहुंच गया.
वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड राकेश सांवत को पहचानता था. उस से राकेश सावंत ने लैला खान के विषय में पूछा तो उस ने बताया कि मालकिन अपनी मां तथा भाईबहनों के साथ ईगतपुरी फार्महाउस छुट्टियां बिताने गई हुई हैं. उस ने ईगतपुरी फार्महाउस का पता दे दिया. राकेश सांवत उसी वक्त ईगतपुरी के लिए निकल गया. ईगतपुरी में लैला खान के फार्महाउस पर उन्हें लैला खान का सौतेला पिता परवेज टाक मिला.
परवेज टाक ने बताया कि उस की पत्नी सेलिना अपनी पूरी फैमिली को ले कर दुबई चली गई है.
”दुबई में वे कहां गए हैं, वहां का संपर्क सूत्र या एड्रैस मुझे बताएं. दुबई में मेरी पहचान के लोग हैं, उन्हें भेज कर मैं लैला खान से संपर्क कर लूंगा.’’
”मुझे नहीं मालूम सेलिना कहां है. दुबई पहुंच कर उस ने मुझ से फोन कर के कुछ कहनेसुनने की भी जरूरत नहीं महसूस की है. मुझे सेलिना और बच्चों की बहुत फिक्र हो रही है, सांवत साहब.’’
”ओह! यह तो बहुत गड़बड़ वाली बात है. मेरा फिल्म का सैट लगा पड़ा है. लैला खान नहीं लौटी तो मैं बरबाद हो जाऊंगा.’’ राकेश सांवत ने परेशान होते हुए कहा.
”मैं आप की कोई मदद नहीं कर सकता सांवत साहब. मैं खुद परेशान हूं.’’ परवेज टाक मायूसी से बोला.
राकेश सावंत के लिए वहां रुकना बेकार था. वह मुंबई लौट आया. राकेश सांवत को मालूम था कि लैला खान की मां सेलिना ने पहली शादी आसिफ शेख और दूसरी शादी नादिर शाह पटेल से की थी. नादिर शाह पटेल ही लैला खान का बायोलौजिकल पिता था, इसलिए दुबई में लैला खान कहां जा कर ठहरी है, यह बात नादिर शाह को मालूम हो सकती है.
राकेश सावंत ने तुरंत नादिर शाह से फोन पर बात की और लैला खान के विषय में पूछा. उस ने नादिर शाह पटेल को यह भी बताया कि लैला खान की तलाश में वह उस के मुंबई वाले बंगले और ईगतपुरी फार्महाउस पर हो कर निराश लौट आया है. सेलिना के तीसरे पति परवेज टाक का कहना है कि सेलिना अपनी बेटियों और बेटे के साथ दुबई चली गई है.
नादिर शाह पटेल बेशक सेलिना से तलाक के बाद अलग रह रहा था, लेकिन वह अपनी बेटी लैला खान से हमेशा बातचीत करता रहता था. उसे लैला खान के बारे में चिंता हुई तो वह सब कुछ भूल कर लैला खान की तलाश में निकल गया.
पूर्वपति ने थाने में लिखाई रिपोर्ट
हर तरह से उस ने 2-3 दिनों तक इधरउधर भागदौड़ कर के लैला खान, उस की मां सेलिना और भाईबहनों के बारे में मालूम करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.
हार कर वह ओशिवारा पुलिस स्टेशन पहुंच गया और वहां सेलिना तथा उस की बेटियों लैला खान, जारा, अजमीना और बेटे इमरान की गुमशुदगी दर्ज करवा दी. शक में उस ने आसिफ शेख और परवेज टाक का नाम लिखवाया था. लैला खान फिल्मी जगत में जानीपहचानी अभिनेत्री थी. इसलिए पुलिस सभी का पता निकालने के लिए तुरंत हरकत में आ गई.
पुलिस ने आसिफ शेख को उस के घर से हिरासत में ले लिया गया और पूछताछ की गई, लेकिन आसिफ शेख किसी भी रूप में संदिग्ध नहीं निकला.
पुलिस ने उसे छोड़ दिया और ईगतपुरी फार्महाउस का रुख किया. वहां अकेला परवेज टाक रह रहा था. उस ने पुलिस को वही कहानी बताई, जो राकेश सांवत को बता चुका था.
पुलिस ने हर तरह से सेलिना और उस के बच्चों की तलाश की, लेकिन उन के बारे में कोई भी सुराग जुटाने में नाकामयाब रही. यह जांच 2-3 महीने चली. कुछ पता न चलने पर पुलिस ने यह फाइल बंद कर दी.
सेलिना उस की बेटी लैला खान, अजमीना, जारा और बेटे इमरान के साथ एक कजिन बेटी रेशमा को लापता हुए डेढ़ साल हो गया था. उन्हें जमीन निगल गई थी या आसमान खा गया था, कुछ पता नहीं था. मुंबई पुलिस खामोश बैठ गई थी. लेकिन 7 फरवरी, 2011 में लापता हुआ इस परिवार का 8 जुलाई, 2012 को सनसनीखेज खुलासा हुआ. दरअसल, एक आपराधिक मामले में जम्मूकश्मीर पुलिस ने परवेज टाक को पकड़ा तो उस के पास लैला खान की 2 महंगी कारें मिलीं.
बौंजुआ थाने के डीएसपी (हेडक्वार्टर) अबरार चौधरी ने इस से पूछा कि इतनी महंगी कार उस के पास कहां से आई तो यह कोई सही उत्तर नहीं दे पाया. जब मार पड़ी तो इस ने बताया कि वह ईगतपुरी में 6 कत्ल कर के यहां आया है. यह कार लैला खान की है. किश्तवाड़ पुलिस ने इसे जब महाराष्ट्र पुलिस के हवाले किया तो इन 6 हत्याओं का रहस्य खुला. तब जम्मू कश्मीर पुलिस ने परवेज टाक को मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया.
फार्महाउस से बरामद हुए 6 कंकाल
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा परवेज से पूछताछ की गई तो उस ने बताया कि उस ने फरवरी, 2011 में ही ईगतपुरी के फार्महाउस में सेलिना और उस के बच्चों की हत्याएं कर दी थीं. फिर 6 लाशें उस ने फार्महाउस में ही गड्ढा खोद कर दफन कर दी थी.
मुंबई पुलिस ने उस की निशानदेही पर फार्महाउस में खुदाई करवाई तो गड्ढे से 6 कंकाल बरामद हो गए.
परवेज टाक से इन के बारे में पूछा गया तो उस ने इन के नाम सेलिना, लैला खान, अजमीना, जारा, इमरान और कजिन रेशमा बताए. इन कंकालों के ऊपर कपड़ों के अवशेष, हाथ में कंगन, अंगूठियां मिलीं. इन्हें कब्जे में ले कर शवों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया. इस जांच से मालूम हुआ कि इन में 5 फीमेल और एक कंकाल मेल का है. यह सब आपस में एक ही परिवार से हैं.
परवेज टाक से ये हत्याएं करने का कारण पूछा गया तो उस ने बताया कि वह सेलिना का पति था, लेकिन सेलिना ने उसे प्यार में इसलिए फांसा कि मैं 35 साल का जवान था. सेलिना की सैक्स पूर्ति मैं कर सकता था. इस के बाद भी सेलिना अपने पहले पति आतिफ शेख से मेलजोल रखती थी. यह परवेज को पसंद नहीं था. इस के अलावा उस ने शेख के नाम अपनी सारी प्रौपर्टी की पावर औफ अटार्नी भी बनवा दी थी. वह सब कुछ शेख को सौंप कर दुबई चली जाना चाहती थी.
परवेज सोचता था कि ये सब दुबई चले जाएंगे तो वह अकेला रह जाएगा. उसे फांके मिले, मैं यह कभी बरदाश्त नहीं कर सकता था. इसलिए उस ने पहले ही योजना बना ली थी कि सेलिना को वह सबक सिखाएगा.
परवेज किश्तवाड़ अपने गांव गया. वहां से अपनी पहचान के व्यक्ति शाकिर वाणी को ला कर ईगतपुरी के फार्महाउस पर चौकीदार रख दिया. पहले वाले चौकीदार की उस ने छुट्टी कर दी थी.
7 फरवरी, 2011 को जब लैला खान अपनी मां और भाईबहनों के साथ ईगतपुरी में छुट्टियां बिताने आई तो 3 दिन बाद ही परवेज की आसिफ शेख और प्रौपर्टी को ले कर सेलिना से गरमागरम बहस हो गई. गुस्से में परवेज ने सेलिना को रौड से पीटना शुरू किया. वह चीखने लगी तो ऊपर के फ्लोर पर पार्टी कर रही लैला खान, उस की तीनों बहनें और भाई इमरान नीचे आ गए.
रौड की मार से सेलिना के प्राण निकल गए थे. ये सब गवाह बन सकते थे इस मर्डर के. इसलिए परवेज ने शाकिर वाणी की मदद से सभी को मौत के घाट उतार दिया. फिर इन लाशों को गड्ढा खोद कर फार्महाउस के कोने में दफन कर दिया. सबूत मिटाने के लिए उस ने फार्महाउस का वह हिस्सा जला दिया, जहां हत्याएं की गई थीं.
परवेज कुछ दिन यहीं फार्महाउस में रहा, फिर लैला खान की दोनों कारें ले कर किश्तवाड़ चला गया, लेकिन एक साल बाद एक अपराध में जम्मूकश्मीर पुलिस ने परवेज को पकड़ा और कारों के द्वारा शक होने पर उसे मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया.
शाकिर वाणी फरार था. अपराध शाखा उस की तलाश में लग गई. परवेज टाक को न्यायालय में पेश कर के जेल भेज दिया गया.
केस की जांच करने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. मामला 13 सालों तक कोर्ट में चला. जघन्य हत्याओं का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था, किंतु परवेज टाक की ईगतपुरी में मौजूदगी, वहां उस की 18 फरवरी से हत्या होने के बाद तक की फोन लोकेशन का होना. रौड, खून सने चाकू का मिलना और अन्य मजबूत साक्ष्य पुलिस ने जुटा लिए थे. फिर सरकारी वकील उज्जवल निकम तथा पंकज रामचंद्र चह्वण की सूझबूझ भरी पैरवी ने कोर्ट में 42 गवाह पेश किए.
इन्हीं सबूतों के आधार पर 24 मई, 2024 को मुंबई के सत्र न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन बलवंत पवार ने बौलीवुड की उभरती कलाकार लैला खान और उस के 4 भाईबहन तथा मां सेलिना की हत्या पर फैसला सुनाया.
फैसला सुनाए जाने के बाद पुलिस ने मुजरिम परवेज टाक को आर्थर रोड जेल पहुंचा दिया.