दोनों बेटियों फरहीन (19 वर्ष) और यासमीन (11 वर्ष) को अली हसन तंत्रमंत्र के जरिए ठीक करने की कोशिश कर रहा था. उन के ऊपर मुरगे का खून छिड़क कर, उन के मुंह में मुरगे का कच्चा मांस ठूंस देता था. क्या ऐसा करने से उस की बेटियां ठीक हो गईं या फिर… पढि़ए, अंधविश्वास से सराबोर चौंकाने वाली कहानी.

पुलिस के जाने के बाद देर रात को फिर से अली हसन के घर से उसी तरह की चीखनेचिल्लाजिन्न के चक्कर में बेटियों का कत्लने की आवाजें आईं तो मोहल्ले वालों को कुछ अजीब सा महसूस हुआ. क्योंकि अगर अली हसन की बेटी बीमार थी तो वह रात में ही क्यों चीखतीचिल्लाती थी. यह बात सभी को हैरत में डाले हुए थी. 

मोहल्ले के लोगों ने इस बात की जानकारी अली हसन की बड़ी शादीशुदा बेटी शाहीन को फोन पर दी. इस बात को सुनते ही शाहीन तुरंत ही अपनी ससुराल से घर पहुंची. घर पहुंचते ही उस ने कई बार अपने घर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने भी दरवाजा नहीं खोला. 

शाहीन को घर आया देख कर कई पड़ोसी भी इकट्ठे हो गए थे. काफी देर बाद अली हसन ने अपने घर का दरवाजा खोला. अचानक बेटी को घर आया देख न तो अली हसन ने उस से कुछ राजीखुशी ही पूछी और न ही आने का कारण.

बेटी को बाहर खड़े देख उस ने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और शाहीन को एक तरफ ले जा कर बताया, ”बेटी, घर में कोई हवा का साया आया हुआ है, इसलिए इस वक्त तेरा घर में जाना ठीक नहीं.’’ 

लेकिन इस के बाद भी शाहीन ने घर में जाने की जिद की तो वह उसे हाथ पकड़ कर घर से दूर छोड़ आया और कहा कि बेटी तू यहां से फौरन अपनी ससुराल वापस चली जा. यहां पर मैं सब कुछ सही कर दूंगा. मैं कई दिनों से उस जिन्न का इलाज कर रहा हूं. 

शाहीन पहले से ही जानती थी कि उस के अब्बू जिन्नात पर पहले से ही विश्वास करते हैं. अली हसन इस से पहले से ही मजारों पर जाता रहता था. अली हसन ने उसे अपने घर में नहीं घुसने दिया और न ही परिवार के किसी सदस्य से उसे मिलने दिया था तो शाहीन परेशान हो कर अपनी ससुराल वापस लौट गई. 

इस के कई दिन बाद यानी 25 नवंबर, 2023 को सुबह के समय अली हसन के घर का दरवाजा खुला. अली हसन की पत्नी हुस्नजहां घर से बाहर आई. देखते ही देखते उस ने जोरजोर से रोनाधोना शुरू कर दिया था. उसे रोते देख पड़ोसी अपने घरों से निकल आए और उस से रोने की वजह पूछी तो उस ने बताया कि उस की दोनों बीमार बेटियां खत्म हो गईं. इतना सुनते ही पड़ोसियों ने घर के अंदर जा कर देखा तो उस की दोनों ही बेटियां मृत पड़ी हुई थीं. उस वक्त घर पर केवल उस की पत्नी ही थी. 

देखते ही देखते यह जानकारी पूरे मोहल्ले में फैल गई थी. जानकारी के मिलते ही उस के रिश्तेदार भी उस के घर पर जमा हो गए थे. रिश्तेदारों ने हुस्नजहां से अली हसन के बारे में पूछा तो पता चला कि अली हसन अपने 2 बेटों के साथ घर से गायब हो गया है. 

एक ही घर में 2 बेटियों की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत की बात सामने आते ही पड़ोसियों ने इस की सूचना स्थानीय पुलिस चौकी बौसफौड़ान को दे दी. सूचना पाते ही चौकी इंचार्ज सुनील सुतेड़ी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. पुलिस ने अली हसन के घर छानबीन की तो अलगअलग कमरों में उस की 2 बेटियां फरदीन (19 वर्ष) और यासमीन (11 वर्ष) मृत पाई गईं. दोनों के चेहरे पर चोट के निशान मौजूद थे. 

चौकी प्रभारी सुनील सुतेड़ी ने इस की सूचना पुलिस उच्चाधिकारियों को दी. एक ही घर में 2 बहनों की संदिग्ध मौत की सूचना पाते ही ऊधमसिंह नगर के एसपी (क्राइम) मनीषा जोशी, एएसपी अभय सिंह, सीओ वंदना वर्मा व कोतवाल (काशीपुर) मनोज रतूड़ी घटनास्थल पर पहुंच गए. 

अली हसन के घर पहुंचते ही पुलिस ने उस की पत्नी हुस्नजहां से जानकारी जुटाई तो उस ने बताया कि उस की दोनों ही बेटियों पर किसी जिन्न का का साया था. उस जिन्न ने ही उस की बेटियों की जान ले ली. पुलिस ने उस के पति और बेटों के बारे में पूछा तो उस ने बताया कि वे उस की बेटियों के कफन का कपड़ा आदि लेने गए हुए हैं. 

एसपी ने फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट टीम व डौग स्क्वायड को भी मौके पर बुलाने के आदेश दिए. दोनों टीमों ने मौके पर पहुंच कर सबूत जुटाए. पुलिस को अली हसन के घर के नजदीक ही कुछ तंत्रमंत्र में यूज होने वाले सामान के साथ ही मुरगे के पंख व पंजे और कुछ फटे हुए नोट भी मिले थे. जिस से साफ जाहिर हो रहा था कि एक तंत्रमंत्र क्रिया के बाद ही दोनों बहनों को मौत के घाट उतारा गया होगा.

 

पुलिस अभी जांचपड़ताल में जुटी थी कि उसी वक्त अली हसन बाइक से अपने घर पहुंचा. उस के घर पहुंचते ही लोगों ने उस से उस घटना के बारे में जानकारी ली तो उस ने बताया कि उस की बेटियों को उस ने (जिन्न) मार डाला. उस के घर पहुंचते ही पुलिस ने उस से और उस के परिवार वालों से कड़ी पूछताछ की तो उस ने फिर वही कहानी पुलिस के सामने रख दी.

उस ने पुलिस को बताया कि उस की दोनों बेटियों पर जिन्नात का साया था. कई दिनों से उस जिन्न ने उस की बेटियों का जीना हराम कर रखा था. अली हसन ने पुलिस को बताया कि कई दिनों से वह उस जिन्न को भगाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. अंत में वह जिन्न बेटियों को अपने साथ ले जाने में कामयाब हो गया. 

बेटियों के शरीर पर कैसे पड़े फफोले

उस की बहकीबहकी बातें सुनते ही पुलिस समझ गई कि अली हसन किसी तांत्रिक के चक्कर में पड़ा हुआ था, जिस के कहने पर ही उस ने अपनी बेटियों की हत्या कर डाली. पुलिस ने उन दोनों बहनों के शवों को नजदीक से देखा तो दोनों बहनों के शरीर पर कई जगह आग से दागने के निशान थे. जिस से लग रहा था कि जिन्न से मुक्ति दिलाने के लिए हैवान बने बाप ने बेटियों का बदन न सिर्फ जगहजगह दागा, बल्कि उन को कई दिनों तक भूखाप्यासा रख कर कई तरह की यातनाएं दी थीं. 

एक बेटी के शव से तेज दुर्गंध आ रही थी, जिस से लग रहा था कि उस की हत्या कई दिनों पहले की गई थी. इस हत्याकांड से पुलिस जान चुकी थी कि आरोपी अली हसन की मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी, जिस के कारण ही उस ने अपनी दोनों बेटियों को यातनाएं दे कर मार डाला.

सारे तथ्य जुटाने के बाद पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. पोस्टमार्टम में दोनों ही शवों पर जगहजगह डंडे की पिटाई के निशान पाए गए थे, साथ ही आग से दागने के निशान भी थे. कई दिनों तक दोनों बहनों को खाना न मिलने के कारण कुपोषण का शिकार भी हो गई थीं. 

इस मामले में किसी की तरफ से भी थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी. तब चौकी प्रभारी एसआई सुनील सुतेड़ी ने अली हसन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने पोस्टमार्टम हो जाने के बाद दोनों बहनों के शव लक्ष्मीपुर पट्टी निवासी उन के चाचा मेहंदी हसन उर्फ मिंटू के सुपुर्द कर दिए.

उसी दिन पीडि़त परिवार की मानसिक स्थिति खराब होने के कारण पुलिस ने अली हसन, उस की पत्नी हुस्नजहां, बेटी शाहीन, बेटे अरमान, फरमान व रिजवान को हल्द्वानी एसटीएच भेज दिया गया था, जहां पर उन के प्राथमिक इलाज के बाद मानसिक रोग विभाग में भरती कराया गया था. जहां पर मनोचिकित्सक डा. आजमी नाज ने बताया कि सभी लोग डिल्यूजनल डिसऔडर के शिकार हैं.

इस दोनों बहनों की हत्या का आरोपी कोई तांत्रिक नहीं, बल्कि उन का बाप अली हसन ही था. आखिर अली हसन क्यों हो गया इतना दरिंदा, इस के पीछे की जो कहानी सामने आई, वह चौंकाने वाली निकली.

उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर का एक कस्बा है रेहड़. अली हसन इसी कस्बे का मूल निवासी था. अब से लगभग 25 साल पहले वह अपने भाई मेहंदी हसन उर्फ मिंटू के साथ रोजगार की तलाश में काशीपुर आया था. काशीपुर आते ही उस के परिवार ने मोहल्ला बांसफोड़ान में एक किराए का मकान लिया. अली हसन ने राजमिस्त्री का काम सीख लिया था. उसी काम से उस ने काफी पैसे कमाए. 

कुछ साल बाद उस ने काशीपुर की खालिक कालोनी में 800 वर्गफीट का एक प्लौट खरीद कर मकान बना लिया. उस के भाई मिंटू ने उस के पास ही दूसरी कालोनी शुगरा बस्ती में प्लौट खरीद कर मकान बना लिया था.

अली हसन का 9 सदस्यों का बड़ा परिवार था. जब तक उस के बच्चे छोटे थे, उस के घर की आजीविका ठीकठाक चलती रही. लेकिन जैसे ही उस के बच्चे बड़े होते गए, उस के खर्च भी बढ़ गए थे. फिर भी उस ने जैसेतैसे कर अपनी बड़ी शाहीन का निकाह कर दिया. शादी होने जाने के बाद शाहीन अपनी ससुराल चली गई थी. उस के बाद भी उस के पास 6 बच्चे अभी शादी के लिए बाकी थे. 

देश में कोरोना महामारी के चलते उस के काम पर भी काफी असर पड़ा था. जिस के चलते काम न मिलने के कारण उसकी रोजी रोटी पर भी संकट आ पड़ा था. घर में खाने के लाले पड़े तो वह परेशान रहने लगा. 

इस तरह अली हसन पड़ गया तंत्रमंत्र के चक्कर में

अली हसन पहले से ही शकी किस्म का इंसान था. उस का काम कुछ कम हुआ तो उसे लगा कि किसी ने उस के परिवार पर कोई टोनाटोटका करा दिया है, जिस के कारण उस का काम पूरी तरह से बंद हो गया है. इस बात का शक होते ही वह काशीपुर शहर के मोहल्ला कटोराताल स्थित भुल्लन शाह की मजार पर जाने लगा. 

उसे उम्मीदें थीं कि मजार पर जाने से उस की सारी परेशानी खत्म हो जाएगी. मजार पर हर तरह के लोग आतेजाते थे. मजारों पर वह अकसर बीमारों की पेशी पड़ते देखता था. जिस के बाद उस का भी जिन्नात में काफी विश्वास जम गया था. 

उस के बाद ही उसे लगने लगा कि उस के घर पर भी किसी जिन्न का वास हो गया है. जिस के डर की वजह से उसने अपने 2 बेटों के स्कूल से नाम कटवा दिए और उन्हें घर पर ही बैठा लिया था. उसके साथ ही उस ने अपने पड़ोसियों से भी मिलनाजुलना छोड़ दिया था. न तो उस के परिवार वाले ही किसी से मिलते थे और न ही वह किसी को अपने घर आने देता था. 

इस घटना से कुछ समय पहले ही उस की एक बेटी को बुखार आा गया. उस के बाद  दूसरी बेटी भी बुखार से पीडि़त हो गई. दोनों बेटियों के बुखार से पीडि़त होने के बाद भी उस के परिवार ने उन का कोई डाक्टरी इलाज नहीं कराया, जिस के कारण उन का स्वास्थ बिगड़ता चला गया. जिसे ले कर वह परेशान हो उठा. 

वह कई बार बेटियों को ले कर भुल्लन शाह की मजार पर भी गया. लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. उस के बाद उसे पूरा विश्वास हो गया कि दोनों बेटियों पर जिन्नों का साया है, जिन को भगाना अति आवश्यक है. 

जिन्नों को भगाने और आर्र्थिक स्थिति से उबरने के लिए उस ने घर में ही तंत्रमंत्र करना शुरू किया. उस ने सब से पहले तो बेटियों को खाना देना बंद कर दिया था. जब भी तंत्रमंत्र करता तो अपने दोनों छोटे बेटों को दूसरे कमरे के अंदर कर देता था. उस के बाद वह दोनों बेटियों को अपने सामने बैठा कर कभी तो उन के सीने पर चढ़ बैठता और कभी मुरगी के अंडे उन के माथे पर मारता. उस दौरान अगर बेटियां चीखतीचिल्लातीं तो वह खुश होता. 

अली हसन को लगता था कि उन के अंदर बैठा जिन्न ही दर्द से चीख रहा है. बेटियों के चींखने से वह और भी हैवानियत पर उतर आता था. उस के बाद वह दोनों बेटियों के गले दबा कर उन की चीखपुकार बंद करने की कोशिश करता. 

इस तरह से अली हसन कई दिनों तक बेटियों को जिन्न भगाने के नाम पर यातनाएं देता रहा. उस की हर दिन की यातनाएं झेल कर छोटी बेटी यासमीन बेहोश हो गई. उस के बेहोश होते ही अली हसन ने सोचा कि उस के ऊपर आया जिन उसे छोड़ कर जा चुका है. अब उस की बेटी जल्दी ही ठीक हो जाएगी. 

लेकिन वह निढाल हो गई और उस के प्राणपखेरू उड़ गए. अली हसन ने कई बार अपने घर में ही मुरगा काटा और उस का खून अपनी बेटियों को भी पिलाया. अली हसन ने अपने पूरे घर में दहशत का माहौल बना दिया था. जिस के बाद न तो उस की पत्नी हुस्नजहां ने उस के सामने अपना मुंह खोला था और न ही उस के अन्य बच्चों ने. 

काश! उस समय पुलिस माजरा समझ जाती तो…

यासमीन के  इस तरह से शांत होते ही कई बार उस की मां हुस्नजहां ने उसे जगाने की कोशिश की, लेकिन अली हसन बारबार उसे उस से दूर भगा देता था. जिस के डर की वजह से हुस्नजहां सहम कर रह जाती थी. दिन में वह अपने घर के अंदर से ताला लगा लेता था, ताकि उस के परिवार का कोई भी सदस्य उस की मरजी के बिना घर से बाहर न निकल पाए. 

कई दिनों तक अली हसन के घर का दरवाजा न खुला तो पड़ोसी भी परेशान हो उठे थे. घर के अंदर से तरहतरह के रोनेचीखने की आवाजें आती थीं, लेकिन कोई भी घर से बाहर निकल कर नहीं आता था.

अली हसन के घर से लगभग एक सप्ताह तक चीखनेचिल्लाने की आवाजें आती रहीं. पड़़ोसियों ने इस सब का कारण जानने की कोशिश भी की, लेकिन अली हसन ने सब से कहा कि उस की बेटी की तबियत खराब चल रही है. रात में उस के पेट में दर्द उठता है, जिस के कारण वह चीखती है. कई बार पड़ोसियों ने उस का दरवाजा खुलवाने की कोशिश भी की, लेकिन अली हसन के परिवार वालों ने दरवाजा नहीं खोला. 

इस के बाद भी पड़ोसियों को उस की बात पर विश्वास नहीं हुआ तो उस की सूचना स्थानीय पुलिस चौकी में दी गई. सूचना पा कर पुलिस अली हसन के घर पहुंची भी. पुलिस ने अली हसन के घर के अंदर जा कर देखा तो एक कमरे में उस का बेटा अपनी बहन को अपनी गोद में लिटाए हुए बैठा था. 

पुलिस वालों के पूछने पर उस के घर वालों ने बताया कि उस की ज्यादा ही तबियत खराब है. उस पर ऊपरी हवा का साया है. उस का इलाज चल रहा है. पुलिस वाले अली हसन के परिवार वालों की बातों पर विश्वास कर के उस के घर से वापस चले गए थे. 

उसी रात फिर से उस के घर में वही चीखनेचिल्लाने की आवाजें आनी शुरू हुईं. अली हसन की एक बेटी तो पहले ही निढाल पड़ी हुई थी. उसे उम्मीद थी कि उस के ऊपर आया जिन्न तो भाग चुका है. अब बड़ी बेटी फरहीन की बारी थी. 

फरहीन का जिन्न उतारने के लिए अली हसन ने फिर से तंत्रमंत्र का सामान रखा. उसे अपने सामने बिठाया और फिर वही क्रिया करनी शुरू कर दी. अली हसन ने उस के सामने ही एक मुरगा काटा और उस का खून फरहीन के ऊपर छिड़का. मुरगे का कच्चा मांस उस के मुंह में डाला. जिस का उस ने विरोध किया तो अली हसन ने उस के शरीर को आग से दागा, जिस से उस की एड़ी तक कई जगह फफोले पड़ गए थे. 

उस के सिर पर बारबार अंडे फोड़े. उस के साथ ही उस की डंडों से पिटाई भी की. जिस के कारण उस की हालत भी बिगड़ती गई. लेकिन अली हसन की हैवानियत अभी भी खत्म नहीं हुई थी. उस के बाद भी वह अपनी बेटी के सीने पर बैठ गया. 

उस ने उस के सीने पर कई बार उठा बैठ की. साथ ही उस का गला भी दबाया. जिस के बाद फरहीन भी बेहाश हो गई. यातनाओं को झेलते हुए रात में ही उस की भी मौत हो गई थी. दोनों बेटियों के साथ दरिंदगी का खेल खेलते हुए उन्हें मौत की नींद सुला दिया था. 

दोनों बेटियों की मौत के बाद अली हसन के घर में सन्नाटा पसर गया. उस के बीवीबच्चे इस कदर सदमे में आ गए थे कि वह अली हसन के पास तक जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे. उन्हें डर इस बात का था कि इस बार पता नहीं किस पर जुल्म ढहने की बारी है. अली हसन का डर उस की बीवीबच्चों पर इस कदर हावी हो गया था कि उन की हिम्मत घर का दरवाजा खोलने की नहीं बची थी. 

हालांकि शाहीन उस वक्त अपने अब्बू के कहने पर अपनी ससुराल वापस चली गई थी. लेकिन उस की सांसें उसी दिन से अपने मायके की सलामती में अटकी हुई थीं. उसे मायके में किसी अनहोनी का डर सता रहा था. उस ने कई बार अपने अब्बूअम्मी के मोबाइल पर संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन लगातार ही उन के मोबाइल बंद आ रहे थे. 

जब उस से नहीं रुका गया तो 25 नबंवर, 2023 को वह सुबह ही मायके पहुंच गई. उस दिन उस ने जैसे ही दरवाजा खटखटाया, उस की अम्मी हुस्नजहां ने दरवाजा खोला. उस ने घर के अंदर जा कर देखा तो अंदर का मंजर देख उस की चीख निकल गई. घर में अलगअलग कमरों में दोनों बहनों की लाशें पड़ी हुई थीं.

उस दिन अपनी दोनों बेटियों को मौत की नींद सुलाने के बाद अली हसन अपने दोनों बेटों फरमान व व रिजवान को साथ ले कर मोहल्ला कटोराताल स्थित बाबा भुल्लन शाह की मजार पर पहुंचा. वह उन दोनों को वहीं पर छोड़ कर गायब हो गया था. उस के बाद जैसे ही उस की बेटियों की मौत की खबर उजागर हुई तो उस के दोनों बेटे और वह स्वयं भी लगभग 11 बजे घर पहुंचे. 

अली हसन के अस्पताल से डिसचार्ज हो जाने के बाद पुलिस ने उसे दोनों बेटियों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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