साल 2012 में हुए शीना बोरा हत्याकांड की गूंज पूरे देश में फैली थी. इस हाईप्रोफाइल केस ने सरकार तक की नींद उड़ा दी थी. सीबीआई ने हत्या के आरोप में उस की मां इंद्राणी मुखर्जी, उस के पूर्वपति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय को गिरफ्तार किया. इस वेब सीरीज में आप भी जानिए कि इंद्राणी मुखर्जी ने आखिर क्यों की थी अपनी होनहार बेटी की हत्या?
शीना बोरा हत्याकांड की पूरी कहानी नेटफ्लिक्स पर प्रसारित डाक्यूड्रामा वेब सीरीज ‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ’ में शामिल करने के लिए चारों अभियुक्तों को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन 3 अभियुक्त पीटर मुखर्जी, संजीव खन्ना और श्यामवर राय ने साफ इनकार कर दिया. डाक्यूमेंट्री को अजीबोगरीब तरीके से फिल्माया गया है. इस में ऐसी काल रिकौर्ड, जो पुलिस को भी उपलब्ध नहीं हुई थी, दिखाई गई है.
शीना बोरा और उस के परिवार के अनुपलब्ध फोटो भी दिखाए गए हैं. बीचबीच में अभियुक्तों की गिरफ्तारी की वीडियो भी शामिल की गई है. सीरीज देख कर यह समझ नहीं आता कि यह स्टोरी क्या है और क्यों बनाई गई है. सीरीज देखनी है तो इस के लिए सब से जरूरी है कि सन 2012 में महाराष्ट्र के मुंबई नगर में हुए शीना बोरा हत्याकांड को समझा जाए.
इंद्राणी का जन्म गुवाहाटी में एक असमिया परिवार उपेंद्र कुमार बोरा मां दुर्गा रानी बोरा के घर 1972 में औन रिकौर्ड दिखाया गया है. जबकि असली जन्मतिथि 1965 से 1968 के बीच की बताई जाती है. यह अपने परिवार के साथ गुवाहाटी की कालोनी सुंदरपुर में रहती थी. इंद्राणी के घर का नाम पोरी बोरा था. उपेंद्र कुमार बोरा कभी पेंट के कारखाने में मैनेजर की नौकरी करते थे. बोरा परिवार का गुवाहाटी में कभी ‘चाणक्य इन’ नाम का एक गेस्टहाउस भी हुआ करता था.
इन्होंने अपनी इकलौती बेटी इंद्राणी को सेंट मेरीज, गुवाहाटी में पढऩे के लिए भेजा था, जो राज्य के प्रतिष्ठित महिला स्कूलों में एक था. बताया जाता है कि इंद्राणी जब नौवीं क्लास में थी, तब एक नेपाली युवक के साथ प्रेम प्रसंग हो गया था, जिस के कारण उसे स्कूल से निकाल दिया गया था.
दसवीं के बाद इंद्राणी ने गुवाहाटी के काटन कालेज में दाखिला लिया. कालेज में ही इंद्राणी की मुलाकात विष्णु चौधरी से हुई, जो वहां कानून की पढ़ाई कर रहा था और गुवाहाटी के मशहूर चिकित्सक बी.एल. चौधरी का बेटा था. चौधरी का कहना है कि उन के और इंद्राणी के बीच संबंध जरूर था, लेकिन उन्होंने कभी भी शादी नहीं की. जबकि चर्चा थी कि इंद्राणी से विष्णु चौधरी ने शादी कर ली है.
इंटरमीडिएट के बीच में ही इंद्राणी शिलौंग के लेडी कीन कालेज चली आई और 1985 में बारहवीं की बोर्ड परीक्षा यहां से पास की. यहां वह अकसर एक लोकप्रिय रेस्तरां चिराग में जाया करती थी, जहां उस की मुलाकात सिद्धार्थ दास से हुई, जो एक निजी फर्म में नौकरी करता था.
ऐसा लगता है कि मीडिया में खुलासे से पहले सिद्धार्थ की पत्नी बबली को इंद्राणी के साथ रिश्तों की कोई जानकारी नहीं थी. सिद्धार्थ ने वादा किया कि वह इंद्राणी मुखर्जी की बेटी शीना को अपना नाम देगा. सिद्धार्थ दास से एक बेटा पैदा हुआ, जिस का नाम मिखाइल रखा गया. इंद्राणी ने 1986 में अपने परिवार को बता दिया था कि सिद्धार्थ दास उस का पति है और उसे ले कर वह सुंदरपुर में अपने मांबाप के साथ रहने आ गई थी.
इंद्राणी के पिता ने सिद्धार्थ दास के लिए गणेशगुरी में एक रेस्तरां खोला, लेकिन वह चल नहीं सका. इंद्राणी को बेरोजगार पति मंजूर नहीं था. उस की महत्त्वाकांक्षा ने फिर अंगड़ाई ली. जून 1990 में इंद्राणी यह कह कर कोलकाता चली गई कि वह अब अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहती है.
बताया जाता है कि उस के 3 दिनों के भीतर सिद्धार्थ दास को उस के गुवाहाटी वाले मकान से बाहर निकाल दिया था. इंद्राणी के उस समय 2 बच्चे शीना और मिखाइल थे. इंद्राणी के मातापिता ने दोनों बच्चे अपने ही पास रख लिए. शीना को जब 1992 में स्कूल में डालने का वक्त आया तो बोरा परिवार ने तय किया कि दोनों बच्चों के कानूनी अभिभावक उन के नानानानी को ही होना चाहिए. अगले साल इंद्राणी ने कामरूप न्यायिक मजिस्ट्रैट की अदालत में एक हलफनामा दाखिल कर के अपने दोनों बच्चों की देखभाल कानूनी रूप से अपनी मां को सौंप दी.
शीना का नाम डिज्नीलैंड स्कूल में लिखवाया गया, जो आज सुदर्शन पब्लिक स्कूल के नाम से जाना जाता है. यह गुवाहाटी के खानपाड़ा में स्थित है. शांत स्वभाव की शीना ने दसवीं की परीक्षा 80 फीसदी से ज्यादा अंकों से पास की और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा फैकल्टी हायर सेकेंडरी स्कूल से पास की. मिखाइल पढ़ाई में उतना तेज नहीं था. नौवीं कक्षा में डिज्नीलैंड स्कूल से उस का नाम कट गया और दसवीं की परीक्षा उस ने प्राइवेट छात्र के रूप में पास की.
कोलकाता में इंद्राणी एक मामूली पीजी आवास में रहती थी. 1993 में संजीव खन्ना से मुलाकात हुई. संजीव खन्ना का एक सम्मानित शिक्षित और प्रभावी परिवार था. उन की आर्थिक हालात मजबूत थी. अच्छाखासा कारोबार था. थोड़े ही दिन प्रेमप्रसंग चला. जल्दबाजी में इंद्राणी ने संजीव खन्ना से विवाह कर लिया. दोनों की 1997 में एक बेटी हुई, जिस का नाम विधि है. इन दिनों तक इंद्राणी कारोबार से जुड़ चुकी थी.
इंद्राणी ने आइएनएक्स 1996 के आसपास खोला था. वह रेस्तरां, छोटे होटलों और इवेंट वगैरह में अपनी सेवाएं देती थी. बुनियादी रूप से उस का काम कालेज से निकली नई लड़कियों को काम पर रखवाना था. कुछ साल में उस का नेटवर्क काफी फैल गया. इंद्राणी कामयाबी की सीढिय़ां चढ़ती गई. वह हर क्षेत्र में सक्षम हो चुकी थी. उस ने इस की एक ब्रांच मुंबई में स्थापित की. अब उसे संजीव खन्ना की कोई जरूरत नहीं थी. फलस्वरुप इंद्राणी और खन्ना में धीरेधीरे दूरियां बढऩे लगीं और अंत में वे अलग हो गए.
इस के बाद इंद्राणी ने कोलकाता शहर छोड़ दिया. संजीव खन्ना को छोड़ कर और अपनी सारी दौलत बटोर कर इंद्राणी अपनी बेटी विधि के साथ मुंबई में रहने लगी. मुंबई में आ कर इंद्राणी की किस्मत बदल गई. यहां उस की मुलाकात स्टार टीवी के सीईओ पीटर मुखर्जी से हुई. कुछ महीने बाद इंद्राणी पीटर के साथ रहने लगी. 3 महीने बाद दोनों ने शादी कर ली.
इन दोनों का नाम एक चर्चित युगल के रूप में मुंबई में प्रसिद्ध हुआ. पहले इंद्राणी बोरा प्रथम शादी कर के इंद्राणी दास और दूसरी शादी करने के बाद इंद्राणी खन्ना हुई फिर तीसरी शादी कर के वह इंद्राणी मुखर्जी हो गई. तीसरे पति से भी तलाक हो चुका है. अब आगे क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता. असम की इस मामूली लड़की ने महत्त्वाकांक्षाओं के चलते मुंबई में अपना यह नया अवतार लिया था. अब वह बहुत कुछ बन चुकी थी. मुखर्जी दंपति के लिए मुंबई के पैसे वाले तबके ने अपने दरवाजे खोल दिए. इंद्राणी अब दौलत से मालामाल हो चुकी थी.
इंद्राणी की नई शादी की खबर जब 2002 में गुवाहाटी तक पहुंची तो उस के मातापिता ने तकरीबन एक दशक में उसे पहली बार चिट्ठी लिखी. उन्होंने उसे बताया कि उन्हें पैसों की दिक्कत है और वे बच्चों का खयाल अब नहीं रख सकते. उन्होंने इंद्राणी से हर महीने कुछ पैसे भेजने का आग्रह किया. इंद्राणी को डर था कि इस पत्र से कहीं उस का अतीत पीटर के सामने खुल न जाए, इंद्राणी को विश्वास था कि पीटर मुखर्जी उस के प्यार के जाल में इतना फंसा हुआ है कि वह जो कुछ कहेगी, उसे आसानी से स्वीकार कर लेगा. इसलिए उस ने अपने मातापिता और बेटेबेटी की मदद करने का फैसला किया.
दोनों बच्चों के प्रति या तो उस के दिल में प्रेम फूट पड़ा था या वह पश्चाताप करना चाहती थी, कारण जो भी हो. अब उस पर दौलत की कोई कमी भी नहीं थी. 2008 में वाल स्ट्रीट जर्नल ने इंद्राणी को दुनिया की 50 उद्यमियों में 41वें स्थान पर रखा था. फिर तो रातोंरात उस के घर की रंगत ही बदल गई. मकान की साजसज्जा कराई गई. 2 नई कारें खरीद ली गईं. इतना ही नहीं, इंद्राणी 2006 में गुवाहाटी गई और शीना को मुंबई ले आई. शीना को यहां उस ने अपनी बहन बताया. मुखर्जी परिवार ने उस का दाखिला सेंट जेवियर कालेज में करवा दिया और शीना की दोस्ती विधि के साथ हो गई.
अकसर सामाजिक आयोजनों में उसे मुखर्जी परिवार के साथ देखा जाने लगा. मिखाइल को आगे की पढ़ाई के लिए पुणे भेज दिया गया. पीटर की पहली पत्नी शबनम सिंह थी. पीटर के उस से 2 बेटे थे. शबनम सिंह से पीटर मुखर्जी का तलाक हो गया. बड़ा बेटा राहुल था, जो पिता के साथ रहता था. छोटा बेटा राबिन अपनी मां के साथ देहरादून में रहने लगा.
राहुल कभी भी इंद्राणी से अच्छे रिश्ते नहीं बना सका, लेकिन शीना के साथ उस की दोस्ती हो गई. दोस्ती प्यार में बदल गई. बाद में दोनों डेट करने लगे. यह वही एक अजीबोगरीब रिश्ता था, जिस ने मुखर्जी परिवार में काफी तनाव पैदा कर दिया. इस जटिल पारिवारिक जाल के बीच ही पीटर और इंद्राणी ने 2007 में आईएनएक्स मीडिया की शुरुआत करने का फैसला किया.
‘कौन बनेगा करोड़पति’ जैसे कार्यक्रमों से भारतीय टीवी की दुनिया बदल देने वाले सीईओ पीटर मुखर्जी को 2006 में निकाल दिया गया था. जब स्टार चैनल को जी नाम के चैनल ने खरीद लिया था. चैनल 9 एक्स और संगीत चैनल 9 एक्सएम के लौंच होने के कुछ समय बाद ही 9 एक्स की रेटिंग गिर रही थी. आईएनएक्स के साथ अपना रिश्ता खत्म हो जाने के बाद मुखर्जी दंपति मुंबई के अमीर तबके में हाशिए पर चले गए और बाद में विदेश में जा कर बस गए. वे ब्रिस्टल चले गए, जहां विधि पड़ रही थी. इस दौरान शीना ने 2011 में रिलायंस एडीएजी की इकाई मुंबई मेट्रो वन में सहायक प्रबंधक की नौकरी कर ली.
कहानी जून 2012 से शुरू होती है. राकेश मारिया मुंबई पुलिस कमिश्नर थे. उन के पास एक काल आती है. काल करने वाला कहता है कि शीना बोरा नाम की लड़की लापता है. वह हाईप्रोफाइल लोगों का हवाला देते हुए इस की जांच करने की मांग करता है. पता चलता है कि शीना बोरा इंद्राणी मुखर्जी की बहन है. इंद्राणी मुखर्जी पीटर मुखर्जी की पत्नी है. ये दोनों मीडिया जगत के बहुत शक्तिशाली लोग हैं.
पुलिस कमिश्नर इस केस की सीक्रेट जांच कराते हैं. पता चला कि इंद्राणी और पीटर दोनों इंडिया में नहीं हैं. पुलिस कमिश्नर को पता चला कि इंद्राणी मुखर्जी का ड्राइवर श्यामवर राय है. श्यामवर राय ने कुछ साल पहले नौकरी छोड़ दी थी. 21 अगस्त, 2015 को श्यामवर राय को अरेस्ट कर लिया. उस के पास से एक तमंचा बरामद हुआ.
पुलिस ने थोड़ी सख्ती से पूछताछ की तो श्यामवर राय ने कहा कि 24 अप्रैल, 2012 को मैं, संजीव खन्ना और इंद्राणी मुखर्जी हम तीनों ने मिलक शीना बोरा का मर्डर कर दिया था. उस ने बताया कि उस के बाद हम लोग मुंबई से करीब 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद इंद्राणी ने 3 जोड़ी जूते निकाले. तीनों ने वह जूते पहने, ताकि सुनसान जंगल की मिट्टी केस खोलने के लिए कोई सबूत न बन जाए.
उस के बाद डैडबौडी को नीचे उतार कर साथ ले कर आए 20 लीटर पैट्रोल डाल दिया. फिर इंद्राणी ने माचिस से बौडी को आग लगा दी. वहां से तीनों लौट आए. यह कार किराए पर ली गई थी. इंद्राणी ने कहा कि कार धुलवा कर कार वापस कर देना. गाड़ी के अंदर एक पार्सल रखा है, उस पार्सल को अपने साथ ले जाना. उस के साथ क्या करना है, वो मैं तुम्हें बाद में बताऊंगी.
3 साल बाद श्यामवर राय ने उस पार्सल को खोल कर देखा तो उस में तमंचा था. जिस दिन वह उस तमंचे को ठिकाने लगाने जा रहा था, वह 21 अगस्त, 2015 का दिन था. क्योंकि पुलिस उस पर निरंतर निगरानी रख रही थी, अत: उसी दिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. 25 अगस्त, 2015 को पूर्व ड्राइवर के खुलासे के बाद इंद्राणी मुखर्जी को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस ने इंद्राणी से पूछताछ की, लेकिन इंद्राणी काफी समय तक शीना को अपनी बेटी के बजाय बहन बताती रही और कहती रही कि शीना अमेरिका में है. फिर ड्राइवर का आमनासामना कराए जाने पर इंद्राणी ने शीना को मारा जाना स्वीकार कर लिया.
उस के बाद इंद्राणी को शीना मर्डर केस में गिरफ्तार कर लिया गया. इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति संजीय खन्ना को भी दूसरे दिन कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया. इंद्राणी मुखर्जी उस वक्त एक बहुत ही बड़ी हस्ती थी, क्योंकि वह एक बहुत बड़ी कंपनी की सीईओ थी. पत्रकार जगत में जलजला आ गया. सारी मीडिया इस मामले की कवरेज में जुट गई.
जैसेजैसे जांच आगे बढ़ी है, चौंकाने वाले खुलासे होते गए. पता चला है कि शीना, इंद्राणी की बहन नहीं, बल्कि बेटी थी. एक बेटा मिखाइल भी है. वह कौन से पति से है, यह भी खुलासा बाद में इंद्राणी करती है. एक और खुलासा यह भी हुआ कि इंद्राणी के पति पीटर के बेटे राहुल के साथ शीना का अफेयर चल रहा था.
संजीव खन्ना और इंद्राणी की जो बेटी थी, उस का नाम विधि था. उन के डिवोर्स के बाद विधि इंद्राणी के साथ ही रहा करती थी. बच्ची को ले कर दोनों के बीच मुकदमेबाजी भी चली, लेकिन इंद्राणी मुकदमा जीत गई. जिस की वजह से पीटर भी विधि को गोद लेने के लिए राजी हो गया था. वह विधि को अपनी ही बेटी की तरह मानता था. उसे जरा भी भेदभाव नहीं करता था. शीना बोरा का एक भाई भी था, जिस का नाम मिखाइल बोरा था.
पुलिस शीना बोरा की लाश की तलाश में जुट गई. पुलिस को पता चला कि जब शीना गायब हुई थी तो उस के ठीक एक महीने बाद एक आटो चालक जब मुंबई के एक रोड से जा रहा था तो उसे कुछ आम गिरे हुए नजर आए. जब वह गाड़ी रोक कर आम को उठाने लगा तो उसे वहां पर एक लाश का हाथ नजर आया. यह देख कर वो चौंक गया. उस ने तुरंत पुलिस को इस बारे में सूचित किया. क्योंकि वह पुलिस का इनफौर्मर भी था.
जब पुलिस वहां पर पहुंची तो उस लाश को देख कर तुरंत उन लोगों ने उसे वहीं गड्ढा खोद कर गाड़ दिया. पुलिस के अनुसार यह वही स्थान था, जो इंद्राणी मुखर्जी के ड्राइवर श्यामवर राय ने बताया था. यह पहली बार हो रहा था कि पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी, बल्कि उस लाश को ही गायब कर दिया. मामला इतना तूल पकड़ा कि सरकार को भी उस में हस्तक्षेप करना पड़ा. इस केस को लीड कर रहे मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया का स्थानांतरण हो गया. इस से मामला और भी तूल पकड़ गया. सरकार ने केंद्र सरकार से शीना बोरा प्रकरण की जांच सीबीआई से करने की सिफारिश की.
18 सितंबर, 2015 मामला सीबीआई को स्थानांतरित हो गया. केंद्रीय एजेंसी ने इंद्राणी मुखर्जी, संजीव खन्ना और श्यामवर राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. 19 नवंबर, 2015 इंद्राणी के तत्कालीन पति पीटर मुखर्जी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. जनवरी 2016 सीबीआई ने इंद्राणी मुखर्जी और श्यामवर राय के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. बाद में पूरक आरोपपत्र में पीटर मुखर्जी का भी नाम भी शामिल किया गया.
सीबीआई के अनुसार, इंद्राणी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह राहुल मुखर्जी के साथ रिश्ते को ले कर शीना से नाराज थी. सीबीआई ने यह भी कहा कि शीना बोरा ने उन के बीच वित्तीय विवाद के बाद अपनी मां को बेनकाब करने की धमकी दी थी. ड्राइवर के बयान के आधार पर शीना की अधजली लाश को मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ के जंगल से निकाला गया था. पुलिस ने उस गड्ढे को खोद कर अधजली लाश के अवशेष को निकाल कर फोरैंसिक टीम को सौंप दिया, ताकि वह पता लगा सके कि आखिर यह किस की बौडी है.
पुलिस का कहना है कि डीएनए टेस्ट में साबित हुआ कि वह इंद्राणी मुखर्जी की बेटी शीना की ही लाश है. जांच में रायगढ़ में लाश के आसपास इंद्राणी की लोकेशन पाई गई. खन्ना की लोकेशन भी मुंबई में इंद्राणी के निवास के आसपास सामने आई. कड़ी से कड़ी और सबूत दर सबूत मिलने पर सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी. 2017 में शुरू हुए मुकदमे में करीब 60 गवाहों ने अपने बयान दर्ज किए.
सीबीआई ने इस डाक्यूमेंट्री को रिलीज करने से रोकने के लिए पहले एक विशेष अदालत में याचिका दायर की. वहां से रिट खारिज हो जाने पर हाईकोर्ट मुंबई में गुहार लगाई गई. हाईकोर्ट ने डाक्यूमेंट्री का अध्ययन करने के बाद उसे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इस तरह ‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ’ नाम की वेब डाक्यूमेंट्री रिलीज हुई.
एपिसोड नंबर 1
‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ’ के पहले एपिसोड की शुरुआत मुंबई के उलटे अक्षरों से होती है. पीटर मुखर्जी और राहुल मुखर्जी बापबेटों के बीच फोन पर आडियो काल की आवाज सुनाई जाती है, जिस में राहुल अपने पिता से पूछ रहा है कि शीना कहां है? जब इंद्राणी से शीना के बारे में बात की जाती, तब वह चिढ़ जाती और यही कहती है कि यूएई चली गई है. किसी से कोई संपर्क रखना नहीं चाहती. जबकि राहुल मुखर्जी का दावा है कि शीना का पासपोर्ट उस के पास था तो वह विदेश कैसे चली जाएगी. इस के बाद इंद्राणी मुखर्जी के घर पुलिस की दबिश दिखाई जाती है.
उस के बाद दिखाया जाता है कि गणेश गने नाम का एक व्यक्ति रायगढ़ से गुजरते वक्त आम के पेड़ से गिरे हुए आम उठाने पहुंचता है. उसे कोई जली हुई लाश का हाथ दिखाई देता है. वह पुलिस का मुखबिर भी है. उस की सूचना पर पुलिस वहीं पास में ही गड्ढा खुदवा कर उस में लाश को दबा देती है.
इस एपिसोड में इंद्राणी के पति संजीव खन्ना की गिरफ्तारी के सीन दिखाए गए हैं. श्यामवर राय का जिक्र भी है, जिस ने पुलिस को 3 साल पहले शीना के मर्डर के बारे में जानकारी दी थी. यह अपराध की दुनिया में अकसर होता रहता है लेकिन 3 सालों तक इंद्राणी ने इस बात को आखिर छिपाए कैसे रखा? यह सवाल इंद्राणी मुखर्जी के सपोर्ट में दिखाई देता है. कोलकाता के सीन और दूसरे पति की गिरफ्तारी दिखाई जाती है.
विधि को दिखाया जाता है कि इस के 3 पैरेंट हैं. इंद्राणी मुखर्जी, पीटर मुखर्जी और संजीव खन्ना तीनों जेल में है. इन लोगों की गिरफ्तारी दिखाई जाती है. इस के आगे डाक्यूमेंट्री में इंद्राणी की बहन है शीना या बेटी है, इस मामले को दिखाया गया है. वेब डाक्यूमेंट्री में दिखाया जाता है कि शीना को जब इंद्राणी ने एक व्यावसायिक केंद्र पर बुलाया था. राहुल ही उसे वहां तक छोडऩे गया था. यहां ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाया गया, फिर उस की हत्या कर के उस की लाश को पिछली सीट पर रखा था. उस का मेकअप किया गया. इस के बाद इंद्राणी के जेल से छूटने के सीन दिखाए गए हैं और पहला एपिसोड यहीं खत्म हो जाता है. पहले एपिसोड से कुछ पता नहीं चलता कि इस सीरीज की कहानी क्या है?
एपिसोड नंबर-2
दूसरे एपिसोड की शुरुआत में इंद्राणी को जेल से बाहर निकलने पर पत्रकारों की भीड़ के साथ घिरा हुआ दिखाया गया है. एपिसोड की शुरुआत में राहुल और उस के पिता पीटर मुखर्जी के बीच फोन पर बातचीत दिखाई गई है. वैहयासी पांडे डेनियल पत्रकार, राजदीप सरदेसाई पत्रकार इंद्राणी के परिचित अभिजीत सेन, सना रईस खान वकील, कावेरी बांमजई पत्रकार अमृता माधुकले पौलिटिकल रिपोर्टर को दिखाया गया है.
इंद्राणी मुखर्जी सहानुभूति हासिल करने के लिए कह रही है कि उस पर हत्या के आरोप लगाए गए. गालियां दी गईं. बुराभला कहा गया. लेकिन यह सब झूठ है. उस ने अपनी बेटी का कत्ल नहीं किया. वह बताती है कि शीना सिद्धार्थ की बेटी नहीं है, बल्कि 1985 में उस के पिता ने उस के साथ बलात्कार किया. वह अपने पिता की अकेली संतान है. उस समय उस की उम्र 14 साल की थी. परिवार के फोटो दिखाए गए हैं.
इंद्राणी मुखर्जी कहती है 16 वर्ष की हुई तो दूसरी बार उस के साथ रेप उस के पिता ने किया. मातापिता में झगड़ा हुआ, फिर पिता घर छोड़ कर चले गए. 4 महीने बाद पता चला कि वह प्रेग्नेंट है. अबौर्शन की गुंजाइश नहीं थी. डाक्टर ने इनकार कर दिया. कितनी बेशरमी से पिता पर आरोप लगा रही है. उस समय के पिता उपेंद्र कुमार बोरा के साथ फोटो दिखाए गए हैं. पिता उपेंद्र कुमार का बयान दिखाया गया, वह कह रहे हैं कि शीना उस की नहीं सिद्धार्थ राय की बेटी है.
इंद्राणी मुखर्जी अपने प्रेमी सिद्धार्थ से मुलाकात और शादी की कहानी सुनाती है. सिद्धार्थ को दिखाया जाता है कहते हैं कि 11 फरवरी, 1987 को शीना और 9 सितंबर, 1988 को मिखाइल का जन्म हुआ. ये दोनों बच्चे उस के ही हैं. उन के बचपन के फोटो दिखाए गए. उस के बाद इंद्राणी सिद्धार्थ को ले कर गुवाहाटी अपने घर आ जाती है. उस की मम्मी उस के पापा को घर वापस बुलाने के लिए कहती है, जिन्हें दूसरी बार इंद्राणी से रेप करने पर घर से निकाल दिया गया था. तब इंद्राणी इसलिए घर छोड़ कर चली गई कि उस के पिता तीसरी बार बलात्कार न कर सकें.
दूसरे एपिसोड में भी कभी कहीं की बात तो कहीं कभी की घटना दिखाई जाती है. इसे देख कर भी कोई नहीं समझ सकता कि आखिर शीना हत्याकांड क्या है? पीटर मुखर्जी से मुलाकात और उस से शादी का पूरा अफसाना सुनाया जाता है. पुलिस का कहना है कि संजीव खन्ना हत्या में शामिल हुआ. क्योंकि बेटी विधि को, शीना व राहुल की शादी हो जाने पर पीटर मुखर्जी की संपत्ति से वंचित होना पड़ता. बीचबीच में विधि को भी दिखाया जाता है. विधि अधिकतर मामलों में इंद्राणी मुखर्जी की पैरवी करती है.
एपिसोड नंबर-3
एपिसोड 3 की शुरुआत में इंद्राणी शीना के फोटो दिखाती है. फोटो एलबम लिए बैठी है. यही साबित करना चाहती है कि तीनों बच्चों को वह बराबर प्रेम करती थी. मिखाइल बताता है कि इंद्राणी इस शर्त पर मदद करती थी कि तुम पीटर को नहीं बताओगे कि इंद्राणी उन की मां है. विधि को भी नहीं पता चलना चाहिए. मिखाइल कहता है. यह सब हमें अच्छा नहीं लगा, लेकिन नानानानी ने समझा दिया कि अपने भविष्य के लिए इंद्राणी की बात मान ली जाए. यही उस की गलती थी कि वह शीना को साथ ले कर इंद्राणी के पास मुंबई आया, यदि नहीं जाता तो उस की बहन शीना जीवित होती.
वेब डाक्यूमेंट्री में मीडिया कारोबार की बातें दिखाई जाती हैं. इंद्राणी को सीईओ बनाए जाने पर जो समारोह हुआ, वह दिखाया जाता है. इंद्राणी अपनी बेटी शीना की तारीफ करती है. मुंबई लाने की वजह बताती है. कहती है सब कुछ ठीक था. तीनों बच्चे एक साथ हंसीखुशी से रहते थे. जरमनी और अन्य विदेश में तफरी के लिए गए उस की तसवीर दिखाती है.
मिखाइल बताता है कि मुंबई आने पर संजीव खन्ना उसे एक अस्पताल में ले गए. वहां एक इंजेक्शन लगाया. उस के बाद वह बेहोश हो गया. होश में आया तो हाथ व पैर बैड से बंधे हुए थे. वार्ड बौय ने आ कर उस की जम कर पिटाई की. डाक्टर आया, उस ने बताया कि ड्रग्स पीने से छुटकारा दिलाने के लिए उस की बहन इंद्राणी ने उसे यहां भरती कराया है. करीब डेढ़ महीने बाद इंद्राणी मिलने आई. शिकायत की तो बोली पागल हो गया है और डाक्टर लोग मुझे खींच कर ले गए. एक साल तक मेरा उत्पीडऩ किया गया. इसलिए किया गया क्योंकि मुंबई में उस ने कुछ लोगों को बता दिया था कि इंद्राणी मेरी मां है.
आगे दिखाया जाता है कि पीटर जब अपने बेटे राहुल को भारत ले कर आया तो वह इंद्राणी से की गई शादी से खुश नहीं था. उस की इंद्राणी से नाराजगी रहती, लेकिन इंद्राणी की बहन शीना से उस की खूब दोस्ती हो गई. विधि बताती है कि अचानक वह कमरे में गई तो ये दोनों एक साथ लेटे हुए थे. दोनों रिश्ता करने को तैयार हुए. इंद्राणी इस रिश्ते के खिलाफ नहीं थी. वह कहती है कि राहुल कुछ नहीं करता और शीना को उस के खिलाफ भड़काती है. सीबीआई ने भी शीना की हत्या का कारण राहुल शीना के प्रेम प्रसंग को ही बताया है. डाक्यूमेंट्री में इंद्राणी ने इस कारण को गलत बताने की कोशिश की है. विधि स्वीकारती है कि राहुल की अपने पिता से बातचीत बंद थी और शीना की अपनी मां इंद्राणी से. दोनों का दोनों से खूब मनमुटाव व झगड़ा था.
एपिसोड नंबर-4
चौथा एपिसोड इंद्राणी मुखर्जी के वकील रंजीत सिंगल से शुरू होता है. इंद्राणी की अपने वकील से बातचीत दिखाई गई है. बात 2012 से शुरू होती है. विद्या पत्रकार को दिखाया जाता है. इंद्राणी की फोन पर राहुल से बात दिखाई जाती है. शीना के मैसेज के बारे में बताता है जिस मैसेज के बारे में इंद्राणी राहुल को समझती है कि शीना से ब्रेकअप हुआ है. ऐसा होता रहता है. इंद्राणी ने दावा किया कि 24 अप्रैल, 2012 के बाद भी शीना को जम्मू कश्मीर में देखा गया है.
एक सवाल उठाया गया है कि श्यामवर राय तमंचा ठिकाने लगाने इतनी दूर क्यों जाएगा. उस के घर के पास एक नदी बहती है. पुलिस ने इस मामले की कड़ी से कड़ी मिलाई है. इंद्राणी कहती है कि उस दिन टाइम से घर आ गई थी, क्योंकि मिखाइल घर पर था. मिखाइल कहता है कि घर पहुंचा तो इंद्राणी घर पर नहीं थी. उस ने फोन किया तो इंद्राणी ने बताया कि वह आने वाली है. उसे लगता है कि इसी समय शीना की हत्या हुई थी. शीना की हत्या के सीन को फिर दिखाया जाता है.
मिखाइल आगे बताता है कि इंद्राणी और संजीव खन्ना जब रात घर पर आए तो वह संजीव को देख कर डर गया. क्योंकि पागलखाने में भी संदीप खन्ना ही उसे पहुंचा कर आया था. फिर उस को ड्रिंक करने को दिया गया. एक घूंट में ही उसे चक्कर आने लगा. वह समझ गया कि जरूर दाल में काला है. उस समय रात के लगभग 2 बजे थे. किसी तरह से जान बचा के घर से भागा वरना मारा जाता.
आरोप है कि इंद्राणी ने बेटी की हत्या के बाद शीना बनकर राहुल को मैसेज किया, जिस में राहुल से ब्रेकअप करने की जानकारी दी गई. नौकरी से इस्तीफा दिए जाने का मैसेज भी इंद्राणी ने शीना के दफ्तर भेजा. इंद्राणी इस से इंकार करती रही. अपने परिवार को इंद्राणी उल्लेख करती है कि मैं शीना को क्यों ढूंढूं. जब मैं ने घर छोड़ा था तो मुझे किसी ने नहीं ढूंढा था. इस बात से इंद्राणी का बचाव नहीं हो सकता, क्योंकि 3 साल तक शीना की किसी ने गुमशुदगी तक दर्ज नहीं कराई. अंतिम सीन इंद्राणी का यह है कि कोई सवाल करता है कि आप ने अपनी बेटी की हत्या क्यों की?
वह कहती है कि यह कैसा बेतुका सवाल है और एपिसोड खत्म हो जाता है. इस तरह कहा जा सकता है कि इंद्राणी ने ऐसे सवालों को खड़ा किया है, जिस से उस के बचाव में समाज खड़ा हो जाए और उस की खोई हुई इज्जत और शोहरत वापस आ सके. लेकिन पुलिस रिपोर्ट से तो स्पष्ट है कि इंद्राणी व संजीव खन्ना ने ही शीना की हत्या की थी.
यह पूरा मामला इंद्राणी के ड्राइवर श्यामवर राय ने बताया है. श्यामवर राय सरकारी गवाह बन चुका है. पीटर मुखर्जी भी इस में पूरा दोषी है. कानून के जानकारों का कहना है कि पुलिस ने पर्याप्त सबूत दिखाए हैं. ये तीनों सजा से बच जाएं, कहा नहीं जा सकता.