मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में होने वाले यौन शोषण को ले कर केरल सरकार ने 7 साल पहले हेमा कमेटी गठित की थी. इस कमेटी की रिपोर्ट के आते ही इस से जुड़े लोगों के चेहरों से शराफत का नकाब उतर गया है. इंडस्ट्री में भूचाल आ गया. मी टू आंदोलनके जोर पकडऩे से फिल्म निर्मातानिर्देशकों की ऐसीऐसी करतूतें सामने आ रही हैं कि…

केरल में मलयालम सिनेमा की एक चर्चित अभिनेत्री भावना मेनन के लिए 17 फरवरी, 2017 की रात एक बुरे सपने की तरह थी. वह एक पुरस्कार विजेता अभिनेत्री है, जिस ने मलयालम, कन्नड़, तमिल और तेलुगु में 90 से अधिक फिल्मों में काम किया है. लेकिन उस रात कोच्चि में वह जिन से भी मिली, उन से वह दोबारा मिलने की कल्पना से ही सिहर जाती है. कारण, उस के साथ जो कुछ हुआ था, वह एक सुनियोजित था. वह कोच्चि से त्रिशूर स्थित अपने घर जाने की तैयारी कर रही थी. शाम घिर आई थी और उसे करीब 90 किलोमीटर की दूरी कार से तय करनी थी. एक गाने की रिकौर्डिंग का काम पूरा हो चुका था. इस के बाद उसे वापस अपने घर लौटना था.

शाम के करीब 7 बजे उस के ड्राइवर मार्टिन ने जैसे ही तैयार हो जाने के लिए कहा, वह फटाफट अपने छोटे से बैग में जरूरी सामान, पर्स, मोबाइल चार्जर आदि को चैक करने लगी. अपना पर्सनल वैनिटी बौक्स भी चैक किया. कुछ समय में ही वह अपनी गाड़ी में कोच्चि जाने के लिए बैठ चुकी थी. उस के ड्राइवर ने एक नजर अपने सामने लगे शीशे में देखा और पूछा, ”मैडम रेडी, चलूं?’’

यस ओके! चलो.’’ भावना के कहते ही गाड़ी पोर्टिको से निकल गई. कुछ मिनट में ही वह कोच्चि की मुख्य सड़क पर आ चुकी थी.

उसी रोज शाम के करीब 7 बजे मणि को एक काल आया. उसे काल करने वाला  पल्सर सुनी था. दरअसल, वह फोन सुनील का था, जिसे ज्यादातर लोग पल्सर सुनीके नाम से जानते थे. वह फिल्म इंडस्ट्री में ड्राइवर के तौर पर काम करता था. उस का नाम पल्सर होने के पीछे की खास वजह पल्सर बाइक चुराने की थी. खैर, मणि को पल्सर सुनी ने एक टैंपो ट्रैवलर तक छोडऩे के लिए साथ चलने को कहा था. मणि एक आटोरिक्शा ड्राइवर था. वह लगभग 6 फीट लंबा है. उस की खाकी वर्दी की आस्तीन उस के बाइसेप्स के चारों ओर थोड़ी ज्यादा कसी हुई रहती थी. उस के दोनों कानों में 3 छेद थे. उन में स्टड चमकते रहते थे. उस के गले में एक चांदी की चेन लटकी रहती थी. वह मुंडू (धोती) पहनता है और जरूरत के मुताबिक उसे ऊपर की ओर मोड़ लेता था.

उसे 2014 के आसपास मलयालम फिल्म उद्योग में निर्माताओं और अभिनेताओं के लिए ड्राइवर के रूप में रोजगार मिल गया था. वहां काम करते हुए उस के कई दोस्त बन गए थे, जिन में ड्राइवर, कलाकार और फिल्म उद्योग में काम करने वाले अन्य लोग भी थे. उस का उन के साथ उठनाबैठना, यात्राएं करना और रात में शराब पीना होता रहता था. वह एक बेहतर जीवन जीना चाहता था. जल्दी अमीर बनना चाहता था. मणि किसी की मदद नहीं करता था, जबकि दूसरों की मदद पाने के लिए हमेशा आतुर बना रहता था.

उस रोज जब पल्सर सुनी का फोन आया, तब उस ने हामी इसलिए भर दी थी, क्योंकि वह सुनी की अच्छी जानपहचान के बारे में जानता था. सुनी का काल आने के बाद मणि अपने घर से करीब 20 मिनट की दूरी पर अंगमाली में एडलक्स कन्वेंशन सेंटर पहुंच गया था. पल्सर सुनी वहीं अपने एक अन्य दोस्त के साथ उस का इंतजार कर रहा था.

सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई भावना

उस ने लगभग 90 किलोमीटर दूर मार्टिन एंटनी को मैसेज किया था. इस से पहले उस ने उसे काल की थी, जो उस ने रिसीव नहीं की थी. मार्टिन भी फिल्म उद्योग में ड्राइवर था. रात साढ़े 8 बजे तक फिल्म उद्योग से 2 और ड्राइवर पल्सर सुनी के पास आ गए थे. उस ने मणि को बताया कि वे मार्टिन की काल आने का इंतजार कर रहे हैं.  करीब 9 बजे पल्सर सुनी के फोन पर मार्टिन का मैसेज आया, जिस में उस ने बताया कि वह थोड़ी देर में पहुंच रहा है. यह जानकारी मिलते ही पल्सर सुनी के चेहरे पर चमक आ गई थी.

जैसे ही पल्सर सुनी ने टैंपो ट्रैवलर की स्टीयरिंग संभाली, मणि सहित उस के साथी उस में चढ़ गए. सुनी ने तेजी से गाड़ी चलाई. कुछ ही मिनटों में उस ने जानबूझ कर मार्टिन की गाड़ी में टक्कर मार दी. मणि टैंपो से बाहर निकला और ड्राइवर मार्टिन से माफी मांगने लगा, लेकिन मार्टिन ने मणि से कार में बैठी मैडम से बात करने के लिए कहा. तब तक पल्सर सुनी के साथ अन्य साथियों में से एक विजेश तुरंत कार की पीछे की सीट पर जा बैठा और उस ने मणि को भी अंदर आने के लिए कहा. मणि ने जब अंदर देखा तो दंग रह गया. जिसे उस ने हमेशा सिनेमा के परदे पर देखा था, वह उस की नजरों के सामने बैठी थी. वह सिनेमा की एक प्रसिद्ध हीरोइन भावना मेनन थी.

अनजान लोगों को अपनी गाड़ी में बैठते देख भावना ने उन्हें डांटते हुए कहा, ”क्या तुम जानते नहीं कि मैं कौन हूं?’’ 

इस पर सभी हंस पड़े और कहा, ”बेशक, कौन तुम्हें नहीं जानता मैडम?’’ 

मणि उसे देख कर हतप्रभ था. उस ने मुसकराते हुए उस से बातें करनी चाही. वह आश्चर्य से भरा हुआ था. अभी वह कुछ बोल पाता कि मार्टिन ने गाड़ी चलानी शुरू कर दी. उस वक्त कार में भावना, मार्टिन, मणि और विजेश थे. भावना यह सब होता देख हैरान थी कि उस के साथ क्या कुछ हो रहा है. वह कुछ भी समझ नहीं पा रही थी. भावना साथ बैठे अनजान लोगों की हरकतों से परेशान हो गई थी. वह समझ नहीं पा रही थी कि उस के साथ क्या कुछ होने वाला है और उसे क्या करना चाहिए?

कुछ मिनटों में ही भावना समझ गई थी कि वह वहशी मर्दों के जाल में फंस चुकी है. उस का अपहरण हो चुका है. आगे क्या होने वाला है, उसे कुछ नहीं पता था. किंतु उस के बाद के 2 घंटे उस के लिए बहुत भयावह थे. वह सामूहिक बलात्कार का शिकार हो चुकी थी. इस दौरान उस के साथ मारपीट भी की गई.  वहशियों से किसी तरह से उस ने अपना बचाव किया और भागती हुई अभिनेता निर्देशक लाल के घर गई. लाल ने ही उस पर केस दर्ज करने का दबाव बनाया. उस के बाद पल्सर सुनी को बलात्कारी में से एक के रूप में पहचाना गया.

पल्सर सुनी और 6 अन्य लोगों पर आरोप लगने के कुछ महीने बाद मलयालम अभिनेता दिलीप के इस हमले में संलिप्त होने की बात सामने आई. इस का खुलासा जांच के दौरान पल्सर सुनी द्वारा लिखे गए पत्र से हुआ. जिस के बाद जांच ने एक नया मोड़ ले लिया. जांच के दरम्यान पुलिस यह नहीं समझ पा रही थी कि आखिर सामूहिक बलात्कार में अभिनेता दिलीप की क्या भूमिका हो सकती है? इस बाबत छानबीन करने के लिए पुलिस ने दिलीप को भी हिरासत में ले लिया. उन पर अभिनेत्री के साथ मारपीट के मामले में मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया गया. 

इस क्रम में पूछताछ होने पर पता चला कि ऐसा उस ने अभिनेत्री भावना से बदला लेने के इरादे से किया था. उस ने उसी भावना के साथ व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए उस का अपहरण करवाने के लिए सुपारी दी थी. अभिनेता दिलीप ने बताया था कि उस की शादी मलयालम अभिनेत्री मंजू वारियार के साथ 1998 में हुई थी. तब वह एक सफल अभिनेत्री थी. शादी के कुछ समय बाद अभिनय का बढ़ता करिअर पिछड़ गया था, जबकि दिलीप की प्रसिद्धि दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही थी. मंजू को इस का मलाल था और फिल्मों में ऐक्टिंग की छटपटाहट बनी हुई थी.

इस कारण मंजू ने 2015 में दिलीप से तलाक ले लिया था. उन दिनों भावना से दिलीप की दोस्ती हो गई थी. दोनों करीबी दोस्त बन गए थे. दरअसल, दिलीप का मलयालम अभिनेत्री काव्या माधवन के साथ चक्कर चल रहा था. इस बारे में भावना ने मंजू को बताया था. जब तलाक की बारी आई थी, तब भावना ने मंजू का पक्ष लिया था. कथित तौर पर तभी दिलीप ने भावना से बदला लेने का मन बना लिया था. उस के बाद उस ने वारदात को अंजाम देने की  योजना बनाई थी. वह वारदात का वीडियो भी बनाना चाहते थे, ताकि भावना को ब्लैकमेल कर सकें. दिलीप और काव्या माधवन ने 2016 में शादी कर ली. बाद में काव्या ने एक बच्ची को जन्म दिया.

भावना के साथ हुई घटना ने तूल पकड़ लिया था. दिलीप पूछताछ के बाद 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इस मामले में 48 वर्षीय अभिनेता और फिल्म निर्देशक नादिर शाह को भी हिरासत में लिया गया था. उस से 13 घंटे तक पूछताछ हुई थी. पुलिस ने दिलीप की पत्नी काव्या माधवन के व्यावसायिक परिसरों पर भी छापेमारी की थी. 

मी टू से मिला अभिनेत्रियों को न्याय

मलयालम एक्ट्रैस भावना मेनन ने यौन शोषण की घटना के 5 साल बाद 2021 में तब अपनी जुबान खोली थी, जब चौतरफा मी टू का हंगामा खड़ा हो गया था. उस ने मीडिया को खुल कर अपने साथ हुई घटना का जिक्र किया. उस दौरान हुए मारपीट और यौन शोषण मामले में बड़ा खुलासा किया. भावना ने कहा कि वह इस मामले में अब चुप नहीं रहने वाली है. वह दोषियों को सजा दिलवाने तक लड़ाई जारी रखेगी. उस ने साउथ के ही मशहूर ऐक्टर दिलीप पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे.

साल 2021 में ही एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में भावना ने कहा था कि मैं अपना सम्मान वापस पाने के लिए लड़ूंगी. उस समय मैं ने किसी तरह से अपनी जान बचाई थी. मामले में केरल पुलिस ने 10 में से 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया था. यहां तक कि साजिश रचने के आरोपी अभिनेता दिलीप को भी जमानत मिल गई थी.

हेमा कमेटी की रिपोर्ट से मची फिल्म इंडस्ट्री में खलबली

न्यायमूर्ति हेमा कमेटी की रिपोर्ट का खुलासा होते ही मलयालम सिनेमा की हाईप्रोफाइल हस्तियों की गिरफ्तारियां भी शुरू हो गईं. इस खुलासे में विभिन्न निर्देशकों और अभिनेताओं पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे हैं. उन में एक नाम केरल के चर्चित अभिनेता और राजनेता एम. मुकेश का भी है. वह मलयालम फिल्मों के न केवल जानेमाने अभिनेता हैं, बल्कि सत्तारूढ़ माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक भी हैं. एम. मुकेश के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है. उन पर एक अभिनेत्री ने आरोप लगाया है कि उन्होंने कई साल पहले उस का यौन उत्पीडऩ किया था. जिस के आधार पर ही केरल में कोच्चि शहर के मरदु पुलिस थाने में 28 अगस्त, 2024 की रात उन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. 

इस बारे में पुलिस का यह भी कहना था कि यह मामला भारतीय दंड संहिता के तहत इसलिए दर्ज किया गया है, क्योंकि यह अपराध नई भारतीय न्याय संहिताके लागू होने से पहले हुआ था. मलयालम फिल्म जगत की किसी हाई प्रोफाइलहस्ती के खिलाफ यह तीसरी प्राथमिकी थी. इस से पहले तिरुवनंतपुरम म्यूजियम पुलिसने 8 साल पहले एक होटल में एक अभिनेत्री से बलात्कार करने के आरोप में अभिनेता सिद्ïदीकी के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

पहला मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग) के तहत निर्देशक रंजीत के खिलाफ पश्चिम बंगाल की एक अभिनेत्री की शिकायत पर दर्ज किया गया था. यह शिकायत 2009 की एक घटना के संबंध में की गई है. अभिनेत्री ने आरोप लगाया है कि निर्देशक ने 2009 में फिल्म पालेरी मणिक्यममें अभिनय के लिए आमंत्रित करने के बाद उसे अनुचित तरीके से छुआ था. इन आरोपों को ले कर रंजीत ने केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. सिद्ïदीकी ने भी अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद मलयालम मूवी आर्टिस्ट असोसिएशन’ (एएमएमए) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था.

ये गिरफ्तारियां केरल सरकार द्वारा जांच के लिए एक एसआईटी टीम के गठन के बाद हुईं. इस के लिए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 25 अगस्त को सीनियर पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. उस के बाद स्पर्जन कुमार के नेतृत्व में वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित करने का फैसला लिया गया था.  इस टीम में एस. अजीता बेगम (डीआईजी), मेरिन जोसेफ (एसपी क्राइम ब्रांच मुख्यालय), जी पूनकुझाली (एआईजी तटीय पुलिस), ऐश्वर्या डोंक्रे (सहायक निदेशक केरल पुलिस अकादमी), अजीत वी (एआईजी, कानून और व्यवस्था) और एस. मधुसूदनन (एसपी क्राइम ब्रांच) शामिल किए गए. 

वैसे तो हेमा रिपोर्ट में केरल फिल्म इंडस्ट्री की 15 बड़ी हस्तियों के नाम शामिल हैं, लेकिन 10 आरोपियों के नाम सामने आ चुके हैं. अभिनेता दिलीप भी उन में से एक है. जयसूर्या, मनियानपिला राजू और एडावेला बाबू पर भी यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे हैं. एक्ट्रैस मीनू मुनीर ने इन लोगों पर गलत व्यवहार करने और कैलेंडर और नादकामे उलाकमकी शूटिंग के दौरान एक होटल के कमरे में उन के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब ये सब बरदाश्त से बाहर हो गया तो उन्हें मलयालम फिल्म इंडस्ट्री छोडऩे और चेन्नै में शिफ्ट होने के लिए मजबूर होना पड़ा.

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के एक और बड़े नाम बाबूराज, जो मलयालम मूवी आर्टिस्ट असोसिएशन के संयुक्त महासचिव हैं, पर भी यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे हैं. एक जूनियर आर्टिस्ट ने आरोप लगाया था कि बाबूराज ने एक फिल्म में रोल के लिए बातचीत करने के लिए उन्हें अपने घर बुला कर उन के साथ अश्लील हरकत और मारपीट की थी. डायरेक्टर तुलसीदास पर 1991 में चंचट्टमकी शूटिंग के दौरान एक्ट्रैस गीता विजयन के साथ गलत व्यवहार करने का भी आरोप है. विजयन ने आरोप लगाया कि बाबूराज ने अन्य महिलाओं के साथ भी दुव्र्यवहार किया है.

कई ऐक्टर्स की खुली पोल

मई 2017 में मलयालम सिनेमा के महिला कलाकारों और तकनीशियनों का एक समूह पीडि़तों के समर्थन में उतर आया था. इस के साथ ही मौलीवुड में महिलाओं के साथ होने वाली लैंगिक असमानता, दुव्र्यवहार और अन्याय की आने वाली शिकायतों को ले कर वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव (डब्ल्यूसीसी) नाम की एक संस्था बनाई गई थी. यह आधिकारिक तौर पर 1 नवंबर, 2017 को रजिस्टर की गई थी. उसी मई महीने में डब्ल्यूसीसी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात कर साजिश की जांच और मामले में तुरंत काररवाई की मांग की थी. साथ ही उन्होंने मलयालम सिनेमा में महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को एक लिखित अपील भी सौंपी थी.

इसी संस्था की अपील के आधार पर केरल सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति के. हेमा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिस में वरिष्ठ अभिनेत्री शारदा और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के.बी. वलसाला कुमारी भी शामिल किया गया. हेमा समिति ने नवंबर 2017 से फिल्म उद्योग के मुद्ïदों का व्यापक अध्ययन किया और 31 दिसंबर, 2019 को अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की. लेकिन सरकार ने अज्ञात कारणों का हवाला देते हुए इसे जारी नहीं करने का फैसला किया था. कई आरटीआई (सूचना के अधिकार) दाखिल करने के बावजूद, सरकार ने रिपोर्ट का खुलासा करने से इनकार कर दिया, जिस से उद्योग और जनता को जानकारी नहीं मिली.

हालांकि, जुलाई 2024 में राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) ने 25 जुलाई तक रिपोर्ट जारी करने का आदेश दिया, जिस में केवल आरटीआई अधिनियम के तहत प्रतिबंधित जानकारी को शामिल नहीं किया गया. केरल उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त, 2024 को एसआईसी के उस आदेश को बरकरार रखा, जिस में राज्य सरकार को रिपोर्ट के एक बड़े हिस्से का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था. मलयालम सिनेमा में यौन उत्पीडऩ की जब जांच होने लगी, तब इस की कई परतें उधडऩे लगीं. साथ ही कइयों की गिरफ्तारी भी हुई. इन की चर्चा में भले ही 18 अगस्त को जारी की गई रिपोर्ट के बाद हुई हो, लेकिन मलयालम सिनेमा जगत यौन शोषण की कहानी बरसों पुरानी है. 

इस रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया कि मलयालम सिनेमा उद्योग में फिल्म के बदले सैक्सका सौदा होता आया है. केरल के मलयालम फिल्म उद्योग में सालाना करीब 200 फिल्में बनती हैं. ओटीटी प्लेटफार्म के आने के बीच इस में कई खामियों में सुधार किया जा रहा था, लेकिन हेमा रिपोर्ट से पूरा समाज मानो सदमे में आ गया और हीराइनों से ले कर महिलाकर्मियों की सुरक्षा पर भी कई सवाल उठने लगे. हेमा कमेटी की रिपोर्ट कुल 235 पन्ने की है, जो तब आई जब उस के कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा की गई. रिपोर्ट में कई तरह के गंभीर मामले सामने आए. सिनेमा उद्योग में यौन शोषण, अवैध प्रतिबंध, भेदभाव, नशीली दवाओं और शराब के दुरुपयोग, वेतन असमानता जैसे खतरनाक और गंभीर मामले उजागर हुए. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि मलयालम सिनेमा कुछ पुरुष निर्मातानिर्देशक और अभिनेताओं के चंगुल में है. वहां मर्दों का माफिया का राज है. रिपोर्ट सार्वजनिक होते ही कई महिला कलाकार यौन उत्पीडऩ के अपने दर्दनाक अनुभवों को साझा करने के लिए आगे आ गईं. कई लोगों ने मलयालम सिनेमा के कुछ जानेमाने चेहरों पर आरोप लगा दिए, जिन में निर्देशक रंजीत और अभिनेता सिद्ïदीकी और मुकेश शामिल हैं. 22 अगस्त को केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को समिति की पूरी रिपोर्ट की एक प्रति सीलबंद लिफाफे में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. अगले दिन असोसिएशन औफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) ने एक प्रैस कौन्फ्रैंस में पूरे मसले पर प्रतिक्रिया दी. 

उस समय एएमएमए के महासचिव और अभिनेता सिद्ïदीकी ने इन आरोपों से इनकार किया कि असोसिएशन ने रिपोर्ट के प्रकाशन को रोकने की कोशिश की थी. सिद्ïदीकी पर एक युवा अभिनेत्री ने यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए हैं.

एसआईटी ने भी शुरू की काररवाई

25 अगस्त को हुए कई घटनाक्रमों से मामले ने और तूल पकड़ लिया. उस के बाद सिद्ïदीकी को एएमएमए के महासचिव पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसी दिन केरल राज्य चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष रंजीत ने भी अपना इस्तीफा दे दिया. उन पर 2009 में हुई एक घटना के संबंध में बंगाली अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया था. इन इस्तीफों के बीच 25 अगस्त, 2024 को ही विपक्ष और फिल्म उद्योग के दबाव में केरल सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. 7 सदस्यों वाली इस समिति को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 (1) के तहत प्रारंभिक जांच करने का काम सौंपा गया, जिस में वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया. और फिर एक के बाद एक मामले दर्ज होते चले गए. 

26 अगस्त को केरल में एर्नाकुलम उत्तर पुलिस ने एक अभिनेत्री द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर अभिनेता रंजीत के खिलाफ गैरजमानती मामला दर्ज किया. अगले दिन अभिनेता मोहनलाल ने एएमएमए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. इस के साथ ही कार्यकारी समिति के सभी सदस्यों ने अपना संयुक्त इस्तीफा सौंप दिया. पुलिस काररवाई का सिलसिला यहीं नहीं थमा. 28 अगस्त को तिरुवनंतपुरम में पुलिस ने अभिनेता सिद्दीकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी. एक अभिनेत्री ने सिद्ïदीकी पर 2016 में तिरुवनंतपुरम के एक होटल में कथित तौर पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था.

अगले दिन अभिनेता जयसूर्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. जयसूर्या पर कई साल पहले एक फिल्म की शूटिंग के दौरान तिरुवनंतपुरम में राज्य सचिवालय में एक महिला कलाकार का कथित तौर पर यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगा. 29 अगस्त को ही केरल की कोच्चि सिटी पुलिस ने अभिनेता एम. मुकेश, अभिनेता मनियानपिला राजू, अभिनेता एडावेला बाबू, वी.एस. चंद्रशेखरन और प्रोडक्शन कंट्रोलर नोबल के खिलाफ 5 मामले दर्ज किए. ये मामले अभिनेत्री मीनू मुनीर द्वारा लगाए गए यौन उत्पीडऩ के आरोपों के संबंध में दर्ज किए गए.

अगले दिन केरल पुलिस ने मलयालम फिल्म अभिनेता जयसूर्या के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का दूसरा मामला दर्ज किया. तिरुवनंतपुरम में करमना पुलिस ने एक फिल्म सेट पर जयसूर्या के साथ काम करने वाली एक अभिनेत्री के बयान पर 30 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई. जयसूर्या पर एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, यौन उत्पीडऩ और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्दों, इशारों के कारनामे का इस्तेमाल करने जैसे आरोप लगे हैं.

कलाकारों को क्यों करना पड़ता है समझौता

रिपोर्ट में मुकेश, जयसूर्या और अन्य के खिलाफ बलात्कार का मामला सामने आ गया. जूनियर कलाकार मीनू मुनीर ने जानेमाने अभिनेता जयसूर्या पर यौन शोषण का आरोप लगाया. उन्होंने मुकेश, जयसूर्या, मनियानपिला राजू और एडावेला बाबू समेत 7 लोगों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई. एक अन्य जूनियर कलाकार ने भी अभिनेतानिर्माता बाबूराज पर 2019 में उस का यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया.  मनियानपिला राजू के खिलाफ अवांछित यौन संबंध बनाने का मामला दर्ज किया गया था. 2009 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान फोर्ट कोच्चि के एक होटल में रहने के दौरान पीडि़ता के साथ बलात्कार किया गया था.

अभिनेत्री माला पार्वती ने फिल्म सेट पर यौनशोषण की घटना और अपने बेटे के खिलाफ आरोपों पर बात की. दिग्गज अभिनेत्री माला पार्वती ने एक और परेशान करने वाला खुलासा किया. उन्होंने आरोप लगाया है कि 2010 की मलयालम फिल्म अपूर्वरागमकी शूटिंग के दौरान उन का यौन शोषण किया गया था. प्रसिद्ध अभिनेत्री राधिका सरथकुमार ने एक चौंकाने वाली घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि मलयालम फिल्म के सेट पर महिला कलाकारों के कैरावैन में छिपे हुए कैमरे लगाए गए थे, ताकि उन्हें नग्न अवस्था में रिकौर्ड किया जा सके और बाद में इस को फिल्म शूटिंग में शामिल कई पुरुषों के बीच साझा किया गया. 

हालफिलहाल में यौन शोषण के आरोपों से घिरी इस इंडस्ट्री पर लगे कई आरोपों में हीरोइन राधिका का आरोप बेहद चौंकाने वाला है. इन के अनुसार कपड़े बदलती हीरोइनों की वीडियो रिकौर्डिंग की जाती है, फिल्म के सेट पर उस वीडियो को सभी लोग अपने मोबाइल में देखते हैं. राधिका सरथकुमार का कहना है कि मलयालम फिल्मों के सेट पर कैरावैन (बड़ी सी गाड़ी, जिस में हीरोहीरोइन कपड़े बदलने से ले कर मेकअप आदि करने या आराम करने वाली के लिए भी जगह) लगी होती हैं. उस में हिडन कैमरा लगा दिया जाता है. जब हीरोइनें इस में अपने कपड़े बदलने जाती हैं तो उन की नंगी वीडियो रिकौर्ड कर ली जाती है.

एक अन्य अभिनेत्री लक्ष्मी रामकृष्णन ने मलयालम सिनेमा में महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार के बारे में बात की है, उस ने कहा कि उसे एक साधारण दृश्य को 19 बार फिर से शूट करने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि उन्होंने मुख्य निर्देशक की रुचि के आगे घुटने नहीं टेके थे.
केरल फिल्म उद्योग में महिलाओं की यौन दुव्र्यवहार की कई कहानियां उजागर होने लगी हैं. एक मेकअप आर्टिस्ट जो रात में अपने कमरे में एक अजनबी को देख कर जाग गई थी. उन से एक सहायक निर्देशक बोली कि यौन संबंधों के लिए संपर्क किया जाना आम बात है.

मलयालम फिल्मों में 15 साल तक मेकअप आर्टिस्ट के रूप में काम करने के बाद उन्होंने अपना काम बदल लिया है, वह रोजीरोटी के लिए अब दुल्हन का मेकअप करती है. उसे एक मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार तक मिल चुका है. मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सिर्फ हीरोइनों के अलावा हीरो भी यौनाचार के शिकार होते हैं. इस का खुलासा मलयाली फिल्मों के डायरेक्टर रंजीत के खिलाफ एक हीरो द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर से पता चला.

 

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