25 वर्षीय रुखसार उर्फ रिया और विपुल टेलर का प्यार एक बार की मुलाकात के बाद ही अमरबेल की तरह बढ़ गया था. बाद में दोनों लिवइन रिलेशन में भी रहने लगे. फिर एक दिन रुखसार की लाश उस के ही कमरे की अलमारी में बंद मिली. कौन था रुखसार का हत्यारा और क्यों की गई उस की हत्या? पढि़ए, लव क्राइम की खास स्टोरी.   

मुस्तकीम इंसपेक्टर धनंजय को एक अलमारी के पास ले गया. अलमारी का दरवाजा खुला हुआ था. उस के अंदर का मंजर दिल दहला देने वाला था. अलमारी के अंदर एक 25-26 साल की युवती की लाश थी. लाश इस पोजिशन में थी, जैसे उस की हत्या करने के बाद अलमारी में उसे बिठा दिया गया हो. चेहरा बुरी तरह भारी चीज के वार से कुचलने की कोशिश की गई थी. उस की आंखें फटी पड़ी थीं, इस से इंसपेक्टर ने अनुमान लगाया कि उसे गला घोंट कर मारा गया है. युवती के जिस्म पर चोट के निशान भी दिखाई दे रहे थे.

इंसपेक्टर धनंजय सिंह ने दक्षिणपश्चिम जिले के डीसीपी अंकित सिंह को इस हत्या की सूचना दे दी. उन्होंने घटनास्थल पर द्वारका थाने की औपरेशन सेल की टीम और फोरैंसिक टीम को भेज दिया. फोरैंसिक टीम ने अलमारी में बैठी अवस्था में युवती की लाश के कई एंगल से फोटो खींचे, अलमारी के दरवाजे और आसपास से फिंगरप्रिंट्स उठाए. फिर लाश को बाहर निकाल कर फर्श पर लिटा दिया. गुजरात का खूबसूरत शहर सूरत. इसी शहर में रुखसार उर्फ रिया का स्पा सेंटर था. इस वक्त सुबह के 10 बजे थे, रुखसार ने स्पा सेंटर खोल लिया था. वह सफाई से निपटी ही थी कि 18-19 साल की एक लड़की स्पा में अपना फेशियल करवाने के लिए आ गई. 

अभी स्पा में काम करने वाली 4 लड़कियों में से कोई भी लड़की काम पर नहीं आई थी इसलिए स्पा में आने वाली उस युवा कस्टमर को रुखसार ने संभाला. लड़की को कुरसी पर बिठा कर रुखसार ने उस का फेशियल करना शुरू कर दिया. उस ने लड़की के चेहरे पर क्लींजिंग किया और दूसरे स्टेप के लिए हथेली पर लोशन लिया, तभी स्पा का दरवाजा तेजी से खुला और एक युवक बदहवासी की हालत में रुखसार से आ कर टकराया. रुखसार इस अकस्मात टक्कर से संभल नहीं पाई, उस का सिर दीवार पर लगे बड़े आइने से टकराया. 

आईने का कांच छन्नाक की आवाज के साथ टूट कर नीचे बिखर गया. गनीमत यह रही कि इस टक्कर से रुखसार के सिर पर चोट नहीं आई. उस का सिर भन्ना गया. दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ कर वह फर्श पर बैठ गई. उस बदहवास युवक ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया. वह फुरती से संभला और लपक कर स्पा का दरवाजा बंद कर दिया. ऐसा कर के वह दरवाजे के साथ लटक रहे परदे की ओट में दुबक कर खड़ा हो गया. कुछ देर बाद रुखसार संभली. वह गुस्से से खड़ी हो गई और उस परदे के पास आ गई, जिस के पीछे उस से टकराने वाला युवक दुबका खड़ा था.

ऐ मिस्टर… बाहर आओ.’’ रुखसार जोर से चीखी.

युवक सहमता हुआ परदे की ओट से बाहर आया. वह 27-28 साल का हैंडसम युवक था. शरीर पर सफेद शर्ट और ब्राउन रंग की डेनिम की जींस पहने था. चौंकाने वाली बात यह थी कि उस के माथे पर गहरी चोट थी, जिस में से बह रहे खून ने उस के चेहरे और शर्ट को भिगो दिया था. रुखसार का सारा गुस्सा काफूर हो गया. युवक को जख्मी देख कर वह घबरा गई. युवक की ओर झुक कर वह परेशान स्वर में बोली, ”अरे! तुम तो बहुत जख्मी हो!’’

बस यूं ही भागते वक्त ठोकर खा कर गिर गया और माथे पर चोट लग गई.’’ युवक जेब से रुमाल निकालते हुए बोला.

जख्म गहरा है. चलो पास में ही डाक्टर की दुकान है, वहां से मरहमपट्टी हो जाएगी.’’

नहीं, मैं बाहर नहीं जाऊंगा.’’ युवक घबरा कर बोला, ”बाहर पुलिस वाले मेरी टोह में होंगे.’’

पुलिस?’’ रुखसार के चेहरे पर परेशानी झलकने लगी, ”क… क्या गुनाह किया है तुम ने जो पुलिस तुम्हारे पीछे लगी है?’’

मैं ने कोई गुनाह नहीं किया.’’ युवक ने सफाई दी, ”हमारी गली में मर्डर हुआ था, मैं उस वक्त वहां खड़ा था. बुजुर्ग को चाकू मारने वाले भाग गए थे. पुलिस वाले वहां आए तो मुझे ही खूनी मान कर मुझे पकड़ लिया. रात भर मुझे लौकअप में रखा, सुबह अदालत ले जाने लगे तो मैं हाथ छुड़ा कर भाग आया हूं.’’ 

ओह! रुखसार ने सहानुभूति दिखाई, ”यह पुलिस वाले बड़े जालिम होते हैं, असली पर हाथ नहीं डालते, निर्दोष को पकड़ते हैं. चलो तुम कुरसी पर बैठो, मेरे पास डिटोल भी है और एंटीसेप्टिक क्रीम भी. मैं पट्टी कर देती हूं.’’

पहली मुलाकात में ऐसे हो गया प्यार

युवक कुरसी पर आज्ञाकारी बच्चे की तरह बैठ गया. वह कस्टमर लडकी जो फेशियल करवाने आई थी, बहुत ही हैरान बैठी रुखसार और उस जख्मी युवक की बातें सुन रही थी.

थोड़ा वेट करना पड़ेगा सिस्टर!’’ रुखसार ने उस लड़की से कहा, ”पहले इन्हें देखना जरूरी है.’’

कोई बात नहीं.’’ लड़की जल्दी से बोली, ”मैं वेट कर लूंगी.’’ 

रुखसार उस युवक के जख्म की मरहमपट्टी करने में व्यस्त हो गई.

क्या नाम है तुम्हारा?’’ रुखसार ने जख्म को डिटोल से साफ करते हुए पूछा.

विपुल टेलर.’’ युवक ने बताया.

कहां के रहने वाले हो?’’

यहीं सूरत में रहता हूं. मेरा इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनैस है.’’

रुखसार ने विपुल के जख्म पर मरहम लगा कर रुई रखी और टेप चिपका दी. विपुल टेलर ने कुरसी से उठ कर जेब में से पर्स निकाला और 5-5 सौ के 10 नोट निकाल कर रुखसार की तरफ बढ़ा दिए, ”यह रखो, तुम्हारा आईना मेरी वजह से टूटा है, उस की कीमत. ये 5 हजार रुपए हैं, कम हो तो बता दो.’’ 

रुखसार मुसकराई, ”मेरा आईना केवल 12 सौ रुपए का था. टूट गया तो क्या हुआ, पुराना हो गया था, मैं इसे बदलने वाली थी. तुम रुपए पर्स में रख लो.’’

नहीं. ये तुम्हारे नाम के निकले हैं, तुम्हें लेने ही होंगे. अब महंगा वाला आईनाखरीद लाना.’’ विपुल ने कहते हुए रुखसार की कलाई पकड़ कर 5 हजार रुपए जबरन रुखसार की हथेली पर रख दिए. रुखसार ठगी सी खड़ी रह गई. उस की कलाई पकड़ कर विपुल ने ऐसा महसूस करा दिया था कि वह अपनी बात मनवाने के लिए जिद्ïदी है.

तुम ने अपना नाम नहीं बताया अभी तक,’’ विपुल ने बुत बन कर खड़ी रुखसार से पूछा. रुखसार नींद से जागी हो जैसे, हड़बड़ाते हुए बोली, ”मेरा नाम रिया है. मैं भी यहां सूरत में रहती हूं. यह स्पा सेंटर मैं ने ही खोल रखा है.’’

मेहनती हो…’’ विपुल आगे को झुक कर धीरे से बोला, ”खूबसूरत भी हो. तुम से प्यार करने के लिए दिल मचलने लगा है, अगली मुलाकात जल्दी करूंगा.’’

विपुल अपने मन की बात कह कर तेजी से दरवाजे की ओर बढ़ा. उस ने दरवाजा खोल कर इधरउधर देखा, फिर तेजी से बाहर निकल गया. रुखसार हैरत में डूबी अपनी जगह खड़ी रह गई. वहां पर मौजूद कस्टमर लड़की के होंठों पर गहरी मुसकान थी. पहली अकस्मात मुलाकात में प्यार कैसे हो जाता है, यह उस ने अपनी आंखों से देखा था. विपुल टेलर रुखसार के दिल में पहली मुलाकात में ही खलबली मचा गया था. उस मुलाकात के बाद रुखसार ठीक से सो नहीं पाई थी. उस की आंखों के सामने विपुल का चेहरा बारबार घूम रहा था. विपुल हैंडसम युवक है, उस ने पहली मुलाकात में ही प्यार का इजहार कर दिया. वह हैंडसम ही नहीं, पैसे वाला भी है, 12 सौ के आईने के बदले 5 हजार रुपए दे गया. इस दिलफेंक आशिक से दोस्ती घाटे का सौदा नहीं रहेगी. 

रुखसार के दिल में तरहतरह के विचार आजा रहे थे. विपुल ने अपना केवल नाम ही बताया था, वह कहां रहता है यह नहीं बताया. दोबारा आने को कह गया था, अगर वह नहीं आया तो विचारों में खोई रुखसार का मन अपने काम में नहीं लग रहा था. जैसेतैसे शाम ढली, स्पा में काम करने वाली लड़कियां छुट्टी कर के चली गईं. रुखसार निढाल सी कुरसी पर बैठ गई. आज वह खुद को बहुत थका हुआ महसूस कर रही थी. उस ने आंखें बंद कर लीं और सिर कुरसी की पुश्त से सटा दिया. तभी दरवाजे को धकेल कर विपुल प्रकट हुआ. और पैरों में चमचमाते हुए शूज और मैरून कलर के सफारी सूट में देखते ही रुखसार कुरसी से उतर कर उस की ओर लपकी.

”3 दिन बाद आए हो,’’ रुखसार करीब पहुंच कर शिकायत करते हुए बोली, ”कहां थे 3 दिन से?’’

विपुल मुसकराया, ”ये तड़प, ये उतावलापन. लगता है तुम्हें मुझ से प्यार हो गया है.’’

रुखसार का चेहरा शरम से सुर्ख हो गया. वह विपुल के सीने से लग कर धीमे से बोली, ”यह इश्क की आग तुम ने ही तो लगाई है विपुल. 3 दिनों में ही तुम्हारी दूरी ने मुझे बेचैन कर दिया है.’’ 

विपुल ने उसे बाहों में भींच कर उस के ललाट पर चुंबन लेते हुए फुसफुसा कर कहा, ”मुझ से शादी कर लो रिया, मैं भी अब तुम बिन नहीं रह पाऊंगा.’’

एकाएक रुखसार छिटक कर विपुल के सीने से अलग हो गई. विपुल उस की इस हरकत पर हैरान रह गया. रुखसार कुरसी पर बैठ कर फर्श पर देखने लगी थी.

क्या हुआ रिया, शादी की बात पर तुम मेरे सीने से दूर क्यों हो गई?’’ 

तुम मेरी हकीकत जान लोगे तो मुझ से शादी की बात फिर नहीं करोगे.’’ रुखसार गंभीर हो गई थी. 

मैं तुम्हारी हकीकत जान लूंगा, तब भी अपनी बात पर अडिग रहूंगा रिया.’’ विपुल उस के करीब आ कर गंभीर स्वर में बोला, ”बताओ, तुम मुझ से शादी क्यों नहीं करना चाहती?’’

रुखसार ने विपुल के चेहरे पर अपनी नजरें टिका दीं, ”मैं पहले से ही शादीशुदा हूं विपुल, लेकिन…’’

रुखसार ने अपनी बात बीच में छोड़ दी. विपुल उस की शादी वाली बात पर निराश हुआ, किंतु लेकिनवाले शब्द में उसे अपने लिए कुछ गुंजाइश नजर आई. उस ने जल्दी से पूछा, ”लेकिन क्या रिया?’’

मेरी जिस शख्स से शादी हुई थी, उस से 2 साल बाद ही तलाक हो गया था. अब मैं अकेली अपनी जिंदगी गुजार रही हूं.’’

ओह! फिर तो कोई अड़चन नहीं है.’’

अड़चन अभी भी है विपुल,’’ रुखसार के स्वर में अब पहले से ज्यादा गंभीरता थी.

अब क्या अड़चन है रिया?’’ विपुल हैरान हो कर बोला.

रहने दो विपुल.’’ रुखसार का स्वर भीगने लगा, ”मेरी इस अड़चन की बात सुनने के बाद तुम तुरंत यहां से चले जाओगे… मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती, विपुल.’’

अगर मेरे लिए तुम्हारे दिल में इतना प्यार है तो रिया मैं भी वादा करता हूं, तुम्हारी बात कितनी भी कड़वी हो, मैं उसे मीठा शरबत समझ कर पी लूंगा. बताओ, अब कैसी अड़चन है हमारी शादी में.’’

”मैं रिया नहीं रुखसार हूं, एक मुसलिम लड़की…’’ कहतेकहते रुखसार रोने लगी. विपुल एक पल को हैरान सा अपनी जगह खड़ा रहा. फिर वह लपक कर रिया के करीब आया. उस के पास घुटनों के बल बैठ गया और उस के आंसुओं को पोंछते हुए बोला, ”तुम मुसलमान हो तो क्या हुआ रिया, प्यार किसी मजहब को नहीं मानता. प्यार में ऊंचनीच भी नहीं देखी जाती. प्यार तो प्यार होता है. मैं अब भी तुम से शादी करूंगा रिया उर्फ मेरी रुखसार.’’ विपुल जोश से बोला. 

रुखसार उस के कंधे पर झुक गई और जारजार रोने लगी. विपुल उस की पीठ सहलाते हुए किसी गहरी सोच में डूब गया था. रुखसार के आंसू नहीं थम रहे थे. प्यार भरे 2 दिल एकदूसरे के घड़कनों की आवाजें सुन रहे थे. उन प्रेमियों के कान में एक ही स्वर गूंज रहा था, ”प्यार किसी मजहब को नहीं मानता. प्यार तो बस प्यार होता है.’’ इस तरह विपुल और रुखसार का प्यार इतनी आगे बढ़ गया कि उस ने एक नई कहानी ही गढ़ दी.

दक्षिणपश्चिम दिल्ली में स्थित है डाबड़ी थाना. 4 अप्रैल, 2024 को थाने के एसएचओ धनंजय सिंह आवश्यक फाइलें देखने में व्यस्त थे. समय था रात के पौने 12 बजे का. उन्हें चाय की तलब लगी तो घंटी बजा कर उन्होंने अर्दली को अंदर बुलाया और चाय लाने के लिए कहा. कुछ ही देर में गरमागरम चाय का कप उन के सामने आ गया. अभी उन्होंने चाय का एक घूंट ही भरा होगा कि सामने रखा फोन घनघना उठा. हाथ बढ़ा कर धनंजय सिंह ने रिसीवर उठा कर कान से लगा लिया. फोन पुलिस कंट्रोल रूम से किया जा रहा था. उन्हें कंट्रोल रूम से सूचना दी गई कि द्वारका क्षेत्र के राजापुरी इलाके की गली नंबर 10 में एक युवती की हत्या कर दी गई है. मौकामुआयना करें. 

धनंजय सिंह ने जल्दी से चाय का कप खाली किया और अपनी जगह छोड़ दी. अपने साथ पुलिस टीम ले कर वह राजापुरी इलाके के लिए रवाना हो गए. राजापुरी की गली नंबर 10 में पुलिस टीम पहुंची तो वहां सन्नाटा था. पुलिस वैन के सायरन की आवाज से कई फ्लैट में लाइट जल गई. दरवाजेखिड़कियां खुल गईं. इंसपेक्टर धनंजय सिंह ने पुलिस वैन रुकवा दी. वह पुलिस टीम के साथ नीचे उतरे तो एक सांवले रंग का व्यक्ति लपकता हुआ उन के पास आ गया.

इंसपेक्टर धनंजय सिंह ने उस पर नजरें जमा कर पूछा, ”यहां किसी युवती की हत्या हुई है?’’ 

वह मेरी ही बेटी है साहब.’’ वह व्यक्ति भर्राए स्वर में बोला, ”मेरा नाम मुस्तकीम है, मैं ने ही पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया था.’’

तुम्हारी बेटी की लाश कहां पर है?’’ इंसपेक्टर धनजय सिंह ने पूछा. 

यह सामने का डी-1/12 के फ्लैट के फस्र्ट फ्लोर में. आप मेरे साथ आइए.’’

मुस्तकीम ने कहते हुए अपने कदम सामने वाले फ्लैट की ओर बढ़ा दिए. इंसपेक्टर धनंजय सिंह अपनी टीम के साथ उस के पीछे चलते हुए फ्लैट के फस्र्ट फ्लोर पर पहुंच गए. यहां बैडरूम नजर आ रहा था. उस में बैड पड़ा था. बैडरूम में हर तरफ सामान बिखरा हुआ था. ऐसा लगता था जैसे यहां 2 लोगों के बीच काफी संघर्ष हुआ है. कमरे की अलमारी में एक युवती की लाश थी. वह लाश मुस्तकीम की 25 वर्षीय बेटी रुखसार उर्फ रिया की थी. बारीक से बारीक सबूत इकट्ठा करने के बाद लाश की कागजी काररवाई पूरी की गई, फिर युवती की लाश को पोस्टमार्टम के लिए दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल भिजवा दिया गया.

युवती के पिता मुस्तकीम से पूछताछ की गई तो यह मालूम हुआ कि मुस्तकीम ने रुखसार का निकाह गुजरात के सूरत शहर में मोहम्मद मोहसिन के साथ सन 2017 में किया था. रुखसार पति के साथ 2 साल रही, फिर घरेलू क्लेश के कारण उस का तलाक हो गया. रुखसार की गोद में उस वक्त उस की एक साल की बच्ची थी. रुखसार ने अपने पिता पर बोझ नहीं बनना चाहती थी. बेटी को उस ने पिता के हवाले कर दिया और सूरत में आ कर अपना स्पा सेंटर खोल लिया. उस ने ब्यूटीशियन का कोर्स कर रखा था. उस का स्पा सेंटर अच्छा चल निकला. सहयोग के लिए रुखसार ने 3-4 लड़कियों को स्पा में कार्य करने के लिए रख लिया.

मुस्तकीम ने बताया कि 2 साल पहले रुखसार की जिंदगी में विपुल टेलर नाम का युवक आया था. रुखसार उस से मोहब्बत करने लगी. विपुल टेलर सूरत का ही रहने वाला था. रुखसार को उस ने बताया था कि उस का एक्सपोर्टइंपोर्ट का बिजनैस है. रुखसार उस की बातों में आ गई. उस पागल लड़की ने विपुल टेलर के कहने पर अपना अच्छाभला चलता हुआ स्पा सेंटर बंद कर दिया और दिल्ली आ गई. 

विपुल से 7 लाख रुपया ले कर रुखसार ने 42 लाख का यह फ्लैट खरीद लिया. इस की शेष रकम की किस्त विपुल टेलर ने चुकाने का वादा किया था, लेकिन रुखसार मुझे फोन कर के बताती थी कि वह विपुल के झांसे में आ कर अपना चलता हुआ स्पा सेंटर बंद कर आई. विपुल उसे रुपएपैसे से तंग रखता है. उस के साथ मौजमस्ती के लिए रह रहा है. फ्लैट की किस्तें भी नहीं चुका रहा है. वह कुछ ज्यादा बोलती है तो उस से मारपीट करने लगता है.

प्रेमी के इशारों पर क्यों चलने लगी रुखसार

मुस्तकीम ने बताया कि आज 3 अप्रैल, 2024 की दोपहर को ही रुखसार का फोन आया था. वह काफी घबराई हुई और डरी हुई थी. उस ने घबराई हुई आवाज में कहा था कि विपुल उसे मार डालेगा. आ कर मुझे यहां से मेरठ ले जाएं. मैं विपुल के साथ नहीं रहना चाहती. ऐसा वह अपनी ओर से मुझे फोन करने पर कई बार कहती रहती थी. आज भी मैं ने उसे केवल समझा दिया कि तुम लोगों में अकसर झगड़े होते रहते हैं. विपुल गुस्सा करे तो तुम चुप रहना, वह शांत हो जाएगा.

लेकिन रुखसार की आवाज में जो डर था, उस से मैं परेशान हो गया. मुझे लगा विपुल रुखसार का अहित न कर डाले, यह सोच कर अपने एकदो रिश्तेदारों को साथ में ले कर मैं मेरठ से दिल्ली आ गया. हम रात को 10 बजे फ्लैट पर पहुंचे थे. यहां गहरी खामोशी थी. फ्लैट का दरवाजा भी अंदर से बंद था. मुझे मालूम था रुखसार दरवाजे की एक चाबी खिड़की में छिपा कर रखती है. मैं ने वह चाबी ढूंढी और दरवाजा खोल लिया. अंदर सामान बिखरा देख घबराया. फ्लैट में 2 रूम हैं, 2 अटैच्ड टौयलेट बाथरूम हैं. एक ड्राइंगरूम है. 

हम ने रुखसार को आवाजें दीं, कोई उत्तर नहीं मिला तो हम उसे ढूंढने लगे तो मुझे मेरी बेटी की लाश इस अलमारी में मिली. विपुल टेलर मेरी बेटी की हत्या कर के भाग गया था. मैं ने पुलिस कंट्रोल रूम को इस हत्या की जानकारी दे दी. अब तक फ्लैट के सामने आसपास के फ्लैटस के निवासी एकत्र हो गए थे. एसएचओ धनंजय सिंह ने उन लोगों से रुखसार और विपुल टेलर के बारे में पूछताछ की. उन्हें बताया गया कि वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को ये दोनों यहां रहने आए थे. प्रौपर्टी डीलर दीपक से इन्होंने यह फ्लैट खरीदा था. दोनों किसी से बातचीत नहीं करते थे. अधिकांश समय फ्लैट में ही बंद रहते थे. लोगों ने बताया कि आज रात 9 बजे विपुल काफी घबराया हुआ बाहर आया और अपनी कार ले कर बाहर चला गया.

पुलिस टीम और औपरेशन सेल के सामने इतना स्पष्ट हो गया था कि रुखसार का कातिल उस का प्रेमी विपुल टेलर है, जो वहां से फरार हो गया है. उसी रात डाबड़ी थाने में रुखसार के पिता मुस्तकीम की तरफ से विपुल टेलर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया. अब रुखसार की हत्या के दोषी विपुल टेलर को गिरफ्तार करना और उस से मालूम करना था कि उस ने अपनी प्रेमिका रुखसार उर्फ रिया की हत्या क्यों की.

विपुल की तलाश में जुटीं पुलिस टीमें

विपुल टेलर की गिरफ्तारी के लिए डीसीपी अंकित सिंह ने औपरेशन यूनिट और डाबड़ी थाने की पुलिस टीम के तेजतर्रार पुलिसकर्मियों की संयुक्त टीम का गठन कर दिया. इस में एसीपी (डाबड़ी) इशान भारद्वाज, एसीपी औपरेशन यूनिट (द्वारका) रामऔतार और इंसपेक्टर कमलेश कुमार, स्पैशल स्टाफ के इंसपेक्टर सुभाष चंद्र, एसएचओ (डाबड़ी) धनंजय सिंह, एसआई राकेश, हैडकांस्टेबल दिनेश कुमार, परवीन को शामिल किया गया. एसीपी इशान भारद्वाज के नेतृत्व में पूरी टीम को काम करना था. एसीपी इशान भारद्वाज ने एक टीम को उसी रात सूरत भेज दिया. इन्हें सूरत में विपुल टेलर का पता लगाना था. 

दूसरी टीम ने फिर से घटनास्थल राजापुरी, गली नंबर 10 में पहुंच कर वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की तलाश की. गली के बाहर सड़क पर एक सीसीटीवी कैमरा लगा था, उस की फुटेज चैक की गई. फुटेज में विपुल की वह कार नजर आ गई, जिस में बैठ कर वह भागा था. कार का नंबर जूम कर के निकाला गया तो वह जीजे 05-जेएम 5411 था. यह कार गुजरात में रजिस्टर्ड थी. इस से साफ हो गया कि यह विपुल टेलर की ही कार है. क्योंकि विपुल टेलर गुजरात के सूरत का निवासी था.

इस टीम को पक्का विश्वास था, विपुल टेलर रुखसार की हत्या करने के बाद सूरत की ओर ही गया होगा. टीम ने पूरा विश्वास करने के लिए गुजरात जाने वाले मुंबई एक्सप्रैसवे के एंट्री टोल प्लाजा सोहना के सीसीटीवी कैमरों की रिकौर्डिंग चेक की तो उन्हें विपुल अपनी कार से टोल प्लाजा पार करता नजर आ गया. इस कार का पीछा करने के लिए इंसपेक्टर सुभाष चंद्र के नेतृत्व में एसआई राकेश कुमार, हैडकांस्टेबल दिनेश, अजय कुमार और परवीन को मुंबई एक्सप्रैसवे पर रवाना कर दिया.

उधर द्वारका थाने की पुलिस अपने स्तर पर आसपास के राज्यों में विपुल टेलर को पकडऩे के लिए दबिश दे रही थी. इंसपेक्टर कमलेश कुमार दूसरी टीम ले कर पहली टीम के पीछे चल दिए. वह जानते थे कि राजस्थान में जा कर मुंबई एक्सप्रैसवे 2 भागों में बंट जाता है. एक कोटा हो कर, दूसरा उदयपुर के रास्ते गुजरात में पहुंचा जा सकता था. वह कोटा के रास्ते सूरत जाना चाहते थे. इंसपेक्टर सुभाष चंद्र की टीम ने विपुल टेलर की कार उस मुंबई एक्सप्रैसवे पर पकडऩे की कोशिश की. तकरीबन 1,400 किलोमीटर का सफर करते हुए आखिर इस टीम को सफलता मिल पाई. 

दिल्ली से निकले हुए उन्हें 48 घंटे हो गए थे. पहले वे भीलवाड़ा पहुंचे, उन्हें वहां मालूम हुआ कि यहां हाइवे पर एक युवक की सियाज कार खंभे से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गई थी. हाइवे पेट्रोलिंग टीम ने उस युवक के लिए एंबुलैंस बुलाई. एंबुलैंस ड्राइवर उसे अस्पताल ले जाना चाहता था, लेकिन उस घायल युवक ने ड्राइवर से कहा कि वह यहां के हौस्पिटल का खर्च नहीं उठा पाएगा. उस ने एंबुलैंस ड्राइवर के फोन से अपने किसी रिलेटिव से रुपए मंगवाए और दूसरी एंबुलैंस बुक कर के सूरत के लिए चला गया.

इंसपेक्टर सुभाष चंद्र ने हाईवे पैट्रोलिंग टीम से पहले वाली एंबुलैंस ड्राइवर का नंबर लिया. उस से बात कर के यह मालूम कर कि दूसरी एंबुलैंस जिस से विपुल टेलर सूरत गया है, उस के ड्राइवर का फोन नंबर क्या है. फोन नंबर मिलते ही इंसपेक्टर ने उस एंबुलैंस ड्राइवर से यह पूछा कि इस वक्त वह कहां पहुंचा है. ड्राइवर ने बताया कि वह उदयपुर पहुंचने वाला है. इंसपेक्टर सुभाष ने एंबुलेंस ड्राइवर को हिदायत दी कि वह अपनी रफ्तार कम रखे. इस के बाद इंसपेक्टर सुभाष ने अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़वा कर आखिर में विपुल टेलर वाली एंबुलैंस को ओवरटेक करने में यह टीम सफल रही. कार से उतर कर इस टीम ने एंबुलैंस में सवार विपुल टेलर को 8 अप्रैल, 2024 को दबोच लिया. वह उदयपुर में पकड़ा गया था.

एंबुलैंस ड्राइवर को धन्यवाद दे कर इंसपेक्टर सुभाष विपुल टेलर को ले कर दिल्ली के लिए वापस लौट पड़ी. रास्ते से ही उन्होंने इंसपेक्टर कमलेश कुमार को विपुल की गिरफ्तारी की सूचना दे दी. डीसीपी अंकित सिंह की उपस्थिति में विपुल टेलर से पूछताछ शुरू हुई. इंसपेक्टर कमलेश कुमार ने उसे घूरते हुए पूछा, ”2 साल पहले तुम ने रुखसार को अपने प्रेमजाल में फंसाया, उस का चलता हुआ स्पा सेंटर बंद करवा कर उसे दिल्ली लाए. 2 महीने से तुम दोनों यहां लिवइन रिलेशन में रह रहे थे, फिर तुम ने उस की हत्या क्यों कर दी?’’

”सर, वह बहुत हठी थी. मैं ने उसे फ्लैट खरीदने को 7 लाख रुपया दिया था. वह फ्लैट की किस्त के लिए मुझे टार्चर करती थी, वह मुझ पर शादी करने का दबाव भी बना रही थी. इन बातों से मैं परेशान हो गया, मैं ने रुखसार से पीछा छुड़ाने के लिए उस का गला घोंट दिया, जिस से उस की मौत हो गई.’’ विपुल ने बताया, ”सर, मैं उस से शादी नहीं करना चाहता था. मैं ने उसे समझाया कि जैसा चल रहा है चलने दो, लेकिन वह नहीं मानी. मुझे धमकी देने लगी कि शादी नहीं करोगे और फ्लैट की किस्त नहीं दोगे तो मैं तुम्हें रेप केस में फंसा दूंगी.’’

3 अप्रैल, 2024 को भी उस ने ऐसी ही धमकी दी तो मैं गुस्से में आ गया. मैं ने उसे लातघूंसों से मारा, फिर उस का गला घोंट दिया. उस समय वह शराब के नशे में थी. मैं लाश को छिपाना चाहता था. रुखसार की लाश को मैं जैसेतैसे अलमारी में ठूंस पाया. अलमारी बंद नहीं हुई तो उसे वैसे ही छोड़ दिया. फ्लैट का ताला बंद कर के मैं वहां से अपनी कार द्वारा निकल भागा. विपुल टेलर इसे पहला अपराध बता रहा था, किंतु उसे सूरत तलाश करने गई टीम ने उस का काला चिट्ठा खोला तो वहां उपस्थित सभी लोग हैरान रह गए.

सूरत पहुंची टीम ने किसी तरह विपुल टेलर का घर ए-3/1301,स्वास्तिक रेजिडेंसी, जीडी गोयनका स्कूल को ढूंढ निकाला. लेकिन जब पुलिस टीम विपुल के पिता मनीष अरुण चंद्र टेलर से मिली तो पता चला कि विपुल हिस्ट्रीशीटर है. उस पर 10 केस पहले से चल रहे हैं. अदालत ने उसे तड़ीपार कर दिया है. जांच टीम ने वहां के क्षेत्रीय थाने में जब विपुल की बाबत पूछताछ की तो मालूम हुआ कि विपुल टेलर पढ़ालिखा युवक है, उस के पिता का प्रौपर्टी डीलर का अच्छा कारोबार है. बेटे को पढ़ाने के लिए उन्होंने उसे आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर भेजा था, लेकिन विपुल का वहां मन नहीं लगा और वह भारत लौट आया. 

2016 में एक धमकी के मामले में उसे और उस के पिता पर केस दर्ज हुआ था. दोनों जेल भी गए. फिर विपुल जमानत पर बाहर आ गया. इस के बाद वह ड्रग्स और हथियारों की तसकरी करने लगा. उस ने अपना नेटवर्क गुजरात से दिल्ली तक फैला लिया. जांच टीम ने विपुल की प्रेमिका रुखसार के विषय में भी चौंकाने वाला खुलासा किया. पता चला कि रुखसार स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार का धंधा चलाती थी. उसे इस मामले में पुलिस ने 3 बार गिरफ्तार किया था और जेल भेजा था.

रुखसार ने क्या किया, क्या नहीं किया, यह कहानी उस की हत्या के साथ ही समाप्त हो गई. लेकिन उस का हत्यारा विपुल टेलर पुलिस की गिरफ्त में था. उसे जांच टीम ने दूसरे दिन अदालत में पेश किया और जेल भेज दिया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित 

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