अच्छी सैलरी के लालच में कुछ लड़कियां अश्लील वीडियो चैट गैंग के चंगुल में फंस जाती हैं. निकिता भी उन के चंगुल में जा फंसी. आप भी जानें कि गैंग नौकरी के लालच में किस तरह लड़कियों को फांस कर अश्लील वीडियो चैट कराने को मजबूर करता है?
राघव चड्ढा ने धड़कते दिल से अपने मोबाइल का वीडियो काल औन किया तो वह अपनी जगह से उछल पड़ा. क्योंकि उस के मोबाइल पर जो लड़की नजर आई, वह 22-23 साल की खूबसूरत नवयौवना थी. उस का एकएक अंग कसा हुआ और कमनीय था. रंग दूध में केसर मिले जैसा हल्का सा गुलाबी. काले बालों की लंबी चोटी जो इस वक्त उस के उभरे सीने पर नागिन सी बलखाती प्रतीत हो रही थी. पतले रसीले होंठ, लंबी नाक और हिरणी सी चंचल आंखें. वह सचमुच अप्सरा जैसी ही लग रही थी. उस के जिस्म पर रंगीन बेलबूटों वाली मिनी शर्ट और आसमानी रंग की जींस थी.
राघव चड्ïढा इस वक्त केवल टावेल लपेटे हुए था. शरमा कर वह शर्ट पहनने दौड़ा तो अप्सरा खिलखिला कर हंस पड़ी, ”रहने दो राघव, तुम्हारा नंगा बदन देखने में मुझे मजा आ रहा है. शर्ट पहनने की कोशिश करोगे तो सारा मजा ही खराब हो जाएगा.’’
राघव के पांव वहीं ठिठक गए. वह झेंप कर बोला, ”मैं नहा कर आया था, ध्यान ही नहीं रहा कि मैं ने अपनी शर्ट और पायजामा नहीं पहना है.’’
”कोई बात नहीं,’’ अप्सरा मुसकराई, ”देखो, तुम्हारा टाइम निकल रहा है, तुम ने एक घंटे के लिए मुझे एक हजार रुपए दिए हैं.’’
”हां.’’ राघव ने सिर हिलाया और अप्सरा की खूबसूरत फिगर देखते हुए गहरी सांस भरी, ”तुम वाकई हसीन हो अप्सरा. तुम्हें देख कर दिल को सुकून पहुंच गया.’’
”मैं तुम्हारे दिल को गुदगुदाना चाहती हूं राधव, मैं और मेरी यह जवानी एकदम अछूती है, इसे आज तक किसी पुरुष ने छुआ तक नहीं है. तुम्हें मैं अपनी उफनती जवानी का नशीला डोज पिलाने को तैयार हूं, इस की कीमत दे सकोगे?’’ राघव ने पूरे जोश में कहा, ”क्या लोगी, हुक्म करो अप्सरा, तुम्हारी इस अछूती कातिल जवानी का जाम पीने के लिए मैं खुद को कुरबान कर सकता हूं.’’
”मैं एक बार की बैठक के 5 हजार लूंगी. पूरी रात अपनी बांहों में रखोगे तो 20 हजार खर्च करने पड़ेंगे.’’
”मैं 25 हजार दे दूंगा अप्सरा, तुम्हें मैं अपने बिस्तर पर हर सूरत में पाना चाहता हूं.’’ राधव के स्वर में मजबूती थी.
”यह सौदा तुम्हारे और मेरे बीच का होगा राधव. इस के लिए मैं तुम से आज रात को 7 बजे संपर्क करूंगी.’’ अप्सरा बहुत धीमी आवाज में बोली, जिसे केवल राधव ही सुन पाया.
”ठीक है अप्सरा, मैं 7 बजे तैयार रहूंगा. मुझे बता देना तुम्हें मैं कहां से पिक करूं.’’
”बता दूंगी,’’ अप्सरा ने कह कर कातिल अंगड़ाई ली. फिर बड़ी बेबाकी से उस ने शर्ट के बटन खोल दिए. उस का उफनता हुआ यौवन खजाना अब अधखुला था. राघव की आंखें फट पड़ीं.
”देख लो राघव बाबू, तुम ने ऐसी जन्नत का नजारा शायद ही कभी किया होगा.’’
”सही कह रही हो अप्सरा.’’ फटीफटी आंखों से अप्सरा के अर्धनग्न उभारों का नजारा देखते हुए राघव चड्ïढा ने थूक निगला, ”मेरी शादी नहीं हुई है तो यह सब कहां देखने को मिलता.’’
”कुछ और देखोगे…’’
”नहीं.’’ राघव जल्दी से बोला, ”अगर शरीर के सारे भेद पहले ही खोल दोगी तो उन लम्हों का सारा मजा किरकिरा हो जाएगा जो मैं अपने पलंग पर देखना चाहता हूं. तुम्हारे जिस्म को मैं बेपरदा करूं, यह मेरी तमन्ना है.’’
”ओके.’’ अप्सरा ने कहने के बाद अपनी शर्ट के बटन लगा लिए.
”तो मैं शेष बचे तुम्हारे 15 मिनट का आनंद बातों से ही चुका देती हूं. मेरी रसभरी बातें भी तुम्हें पूरा मजा देंगी राघव बाबू.’’
”मुझे तुम्हारे रसभरे यौवन को देख कर ही मजा आ रहा है अप्सरा. अब शेष रात के लिए छोड़ो. कुछ अपने विषय में बताओ, कहां पर रहती हो तुम?’’
”गाजियाबाद की ही हूं राघव,’’ अप्सरा फिर धीरे से फुसफुसाई, ”यह सब पूछताछ मेरी जौब में शामिल नहीं है. तुम रोमांटिक बातें करो.’’
”जौब…’’ राघव चौंका, ”क्या तुम पुरुष का दिल बहलाने की जौब करती हो?’’
”हां.’’ अप्सरा ने धीरे से कहा, ”मेरा मालिक सामने बैठा है, लेकिन इतनी दूर है जहां मेरी धीमी आवाज नहीं पहुंच पाएगी.’’
राघव चड्ïढा गाजियाबाद की एक प्राइवेट कंपनी में सेल्समैन का काम करता था. संडे या छुट्ïटी वाले दिन वह देर तक सोता था. उस की अभी शादी नहीं हुई थी. मम्मीपापा अलीगढ़ में रहते थे, अत: उसे यहां कोई डिस्टर्ब करने वाला भी नहीं था. राजनगर एक्सटेंशन में उस ने किराए का कमरा ले रखा था. फिलहाल मस्तमौला जिंदगी थी उस की. खाना वह घर पर ही बनाता था. छुट्टी वाले दिन वह 10 बजे तक सोता था, फिर उठ कर नित्यकर्म से निपटने के बाद चाय परांठे बनाता था. फिर मोबाइल ले कर पलंग पर पसर जाता था. कोई दोस्त वगैरह आ गया तो उस से गप्पें लड़ा कर टाइम पास हो जाता था.
उस दिन रविवार को सवा 10 बजे राघव ने बिस्तर छोड़ा. टावेल बाथरूम में टांग कर वह फ्रेश होने के लिए टायलेट में घुस गया. टायलेट से निपट कर वह नहाया और टावेल लपेट कर किचन में आ गया. उस ने चाय गैस पर रखी ही थी कि तभी उस के मोबाइल की घंटी बजने लगी. स्क्रीन पर नया नंबर था, जो उस के लिए अनजान था. उस ने फोन काट दिया. थोड़ी देर में फिर मोबाइल की घंटी बजने लगी. वही नंबर स्क्रीन पर था.
राघव ने काल रिसीव कर के कहा, ”हैलो..’’
दूसरी ओर से किसी फीमेल की आवाज उस के कान में सुनाई दी, ”गुड मार्निंग राघवजी.’’
”गुडमार्निंग.’’ हैरत में डूबे राघव ने जल्दी से कहा, ”मैं ने आप को पहचाना नहीं. आप कौन हैं?’’
”मैं आप के पहचान की नही हूं मिस्टर राघवजी, लेकिन क्या अंजान लोगों से आप बात नहीं करते हैं?’’
स्वर में जैसे मिश्री घोल रखी हो उस युवती ने. राघव चड्ढा के दिल के तार झनझना उठे.
वह हड़बड़ा कर बोला, ”बात अंजान व्यक्ति से भी की जा सकती है लेकिन नाम मालूम हो जाता तो अच्छा रहता.’’
”मेरा नाम अप्सरा है.’’ अपने एकएक शब्द में शहद घोलते हुए दूसरी ओर से युवती ने अपना परिचय दिया, ”मैं नाम की ही अप्सरा नहीं हूं, मेरा रूपयौवन इंद्र की अप्सरा को भी मात देने वाला है.’’
राघव उस के रूपयौवन की बात पर सिर से पांव तक रोमांच से भर गया. गैस बंद कर के वह पलंग पर आ कर बैठ गया. उस युवती की आवाज का जादू उस के सिर चढ़ कर बोलने लगा था. उसे लगा यह युवती दिलफेंक है और उस से दोस्ती करना चाहती है.
”आप खामोश हो गए राघव बाबू. लगता है आप को मेरी बात पर विश्वास नहीं हो रहा है.’’
”नहीं, ऐसी बात नहीं है अप्सराजी,’’ राघव जल्दी से बोला, ”आप कह रही हैं तो आप होंगी इंद्र की अप्सरा से भी हसीन, जवान. लेकिन मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि आप मुझे कैसे जानती हैं. मेरा मोबाइल नंबर आप को किस ने दिया है और…’’
”आप जैसे हैंडसम बैचलर का नाम और मोबाइल नंबर को मालूम करना ही हमारा काम होता है मिस्टर राघव चड्ढाजी, हमें यह सब पता होगा तभी तो आप से मन की बात हो सकेगी.’’ राघव की बात काट कर अप्सरा ने मदहोश करने वाले अंदाज में कहा, ”मुझ से बात कर के आप सारे जहां का सुख पा लेंगे.’’
”वाव! आप तो बहुत रोमांटिक मिजाज वाली हैं अप्सराजी, किंतु आप बातों से ही मन बहलाती हैं या इस से आगे भी जाने की कोशिश करती हैं. मेरा इशारा समझ रही हैं न आप?’’
”मर्दों का चेहरा पढ़ कर उस के दिल की बात जान लेने की कला हर औरत को आती है राघव बाबू. आप के मन में जो कुछ है, वह मैं समझ रही हूं, लेकिन उस के लिए एक कीमत भी होती है और खुफिया जगह भी. खुफिया से मेरा मतलब है जहां बात परदे में ही रहे, न आप बदनाम हो न मैं.’’
”जगह है मेरे पास.’’ राघव मस्ती से भर कर झट से बोला, ”मैं यहां अपने कमरे में अकेला रहता हूं. आप खुश हो जाएं, उस की कीमत भी मैं आप को दे दूंगा.’’
अप्सरा खिलखिला कर हंस पड़ी, ”बहुत उतावले हैं आप राघवजी. लेकिन कीमत मैं बिस्तर पर आने की ही नहीं, आप से रोमांटिक बातें करने की भी लूंगी.’’
”कितना कीमत लेंगी आप?’’ राघव ने पूछा.
”बात करने की कीमत 15 मिनट के लिए केवल 250 रुपए. अगर मंजूर हो तो वीडियो काल औन कर सकते हैं.’’
राघव चड्ढा ने खुशी से कहा, ”आप से आमनेसामने रोमांटिक बात करने के लिए यह कीमत कुछ नहीं है अप्सराजी.’’
”तो आप एक हजार रुपए मेरे अकाउंट में डाल दीजिए, फिर मैं एक घंटे के लिए आप को अपने रेशमी जिस्म के वह गोपनीय हिस्से दिखाऊंगी, जो एक कुंवारे व्यक्ति ने केवल ब्लू फिल्म में ही देखे होते हैं.’’
”अरे वाह! यह तो बहुत रोमांचकारी होने वाला है अप्सराजी. आप अपना अकाउंट नंबर बता दीजिए. मेरे दिल की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं.’’
अप्सरा ने तुरंत अपना अकाउंट नंबर राघव के मोबाइल पर वाट्सऐप कर दिया. राघव ने पेटीएम से एक हजार रुपए उस अकाउंट में डाल दिए. अप्सरा की ओर से मुसकरा कर कहा गया, ”अब आप अपनी ओर से मुझ से वीडियो कालिंग कर सकते हैं.’’ अप्सरा से बात करने के बाद राघव की खोपड़ी भन्ना गई. वह अप्सरा से बोला, ”यार, मैं पहली बार सुन रहा हूं पुरुष का दिल बहलाने के लिए भी लड़कियां जौब करती हैं.’’
”यह हकीकत है राघव.’’ अप्सरा का स्वर गंभीर हो गया, ”हमारी मजबूरी कुछ भी करा लेती है राघव. लेकिन मैं ने तुम से एक घंटे के लिए जो रुपए लिए हैं, वह मेरे पर्स में नहीं आएंगे. मैं ड्यूटी पर हूं, यह रुपए मालिक की पौकेट में जाएंगे. हां, अगर तुम अपने दिल से मुझे रात को अपने पास बुलाओगे तो वह मेरी अपनी कमाई होगी.’’
राघव कुछ क्षण सोचा फिर बोला, ”तुम शाम को फोन करना अप्सरा. अब तो तुम से मिलना बहुत जरूरी हो गया है. बाय…’’ कहने के बाद राघव ने काल डिसकनेक्ट कर दी. वह अजीब सी उथलपुथल मन में लिए पलंग पर लेट गया. दुनिया में क्याक्या खेल हो रहे हैं, जान लेने के बाद वह गहरी सोच में डूब गया था. उसे कब नींद आ गई. वह जान ही नहीं पाया.
उत्तर प्रदेश के महानगर गाजियाबाद के थाना शालीमार गार्डन में 5 जुलाई, 2024 को शाम के समय एक महिला घबराई हुई आई. महिला की उम्र 25-26 साल के आसपास की होगी. देखने मे वह खूबसूरत थी. उस का रंग गेहुआं था. साधारण साड़ीब्लाउज में वह मध्यम परिवार से लग रही थी. उस के साथ एक व्यक्ति भी था. वह शर्ट पतलून पहने हुए था. दाढ़ी के बाल सफेद थे, सिर में भी हलकी सफेदी झलक रही थी. यह व्यक्ति 32 वर्ष के करीब होगा. पांव में उस ने रबड़ की चप्पलें पहन रखी थीं.
हैडकांस्टेबल मलखान सिंह उस समय बाहर ही बैठा था. उस से उस महिला के साथ आए व्यक्ति ने झिझकते हुए कहा, ”हमें एक शिकायत करनी है. साहब कहां बैठते हैं?’’
”आज एसएचओ साहब नहीं आए हैं. सामने के रूम में एसआई जितेंद्र सिंह मौजूद हैं, तुम उन से मिल लो.’’ हैडकांस्टेबल मलखान सिंह ने सामने का कमरा दिखाते हुए कहा. दोनों उस रूम की तरफ बढऩे लगे तो हैडकांस्टेबल मलखान सिंह यह जानने के लिए कि मामला क्या है, दोनों के पीछे एसआई जितेंद्र सिंह के कमरे में पहुंच गया. एसआई जितेंद्र सिंह महिला और साथ में आए व्यक्ति की ओर देख कर पूछ रहे थे, ”क्या हुआ है, तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो?’’
”मेरी जान को खतरा है साहब, वे लोग मुझे जान से मार डालने की धमकी दे रहे हैं.’’ महिला थरथराते लहजे में बोली.
”कौन लोग? किस से तुम्हारी जान को खतरा है?’’ एसआई सिंह हैरान हो कर बोले.
”वे बहुत खतरनाक लोग हैं साहब.’’ महिला डरी आवाज मे बोली, ”तेजाब से मेरा चेहरा बिगाडऩे की धमकी दे रहे हैं.’’
मामला गंभीर लग रहा था. एसआई सिंह ने हैडकांस्टेबल मलखान को आंखों से इशारा किया. मलखान सिंह ने दोनों के करीब आ कर कहा, ”तुम दोनों बैंच पर बैठो. यह पुलिस थाना है, यहां डरने की कोई बात नहीं है. बैठो, मैं तुम्हारे लिए पानी लाता हूं.’’
दोनों बैंच पर बैठ गए. हैडकांस्टेबल दोनों के लिए पानी ले आया. पानी पी लेने के बाद महिला थोड़ा नारमल हुई.
”क्या नाम है तुम्हारा?’’ एसआई जितेंद्र सिंह ने पूछा.
”मेरा नाम निकिता है, यह मेरे पति हैं, इन का नाम जितेंद्र यादव है.’’
”कहां पर रहते हो जितेंद्र?’’
”जी, राजनगर एक्सटेंशन, नंदग्राम नगर (गाजियाबाद) का निवासी हूं मैं. एक दुकान पर नौकरी करता हूं.’’ जितेंद्र यादव ने बताया.
”तुम्हारी पत्नी निकिता को किस से जान का खतरा है?’’
”यह खतरा इस ने खुद मोल लिया है साहब.’’ जितेंद्र के स्वर में अब खीझ थी, ”अच्छाभला घर के काम संभाल रही थी. मैं इतना कमा लाता हूं कि इसे घर से बाहर कदम निकालने की जरूरत ही न पड़े. लेकिन नहीं, 2 अक्षर क्या पढ़लिख गई, नौकरी करने का भूत सिर पर सवार हो गया. और मुसीबत मोल के आई अपनी जान को.’’
”तुम कहां गई थी नौकरी करने के लिए? मुझे पूरी बात बताओ, वे कौन लोग हैं जो तुम्हारी जान लेना चाहते हैं और तुम्हारे मुंह पर तेजाब डालने की धमकी दे रहे हैं.’’ एसआई सिंह का स्वर गंभीर हो गया था.
निकिता अपने साथ घटी घटना का पूरा ब्यौरा चलचित्र की भांति सुनाने लगी.
”सर, मैं इंटरमीडिएट तक पढ़ी हूं, पति की कमाई से मैं संतुष्ट नहीं थी. कारण, इतनी महंगाई में कम तनख्वाह में गुजारा तो हो रहा था, किंतु भविष्य के लिए कुछ बचता नहीं था. बहुत सोचविचार कर के मैं ने अपना रिज्यूम ‘जौब है’ एप्लीकेशन पर डाल दिया.
”पहली जुलाई 2024 को मुझे मेरे मोबाइल पर एक काल आई. ‘हैलो निकिता, आप ने जौब है ऐप पर अपना रिज्यूम डाला है, क्या आप अच्छी नौकरी करना चाहती हैं?’’
”हां सर, लेकिन पहले यह बताइए आप कौन हैं?’’
”मैं एक फाइनैंस कंपनी का एमडी रविंदर कुमार हूं. मेरी कंपनी में आप के लिए फाइनैंस एडवाइजर का पद खाली है, आप को यह जौब मैं दे सकता हूं.’’
”मैं ने केवल इंटर किया है सर, मेरी इंगलिश भी कमजोर है. मैं यह जौब कैसे कर पाऊंगी.’’ निकिता ने सच्चाई बयां करते हुए कहा, ”आप की कंपनी में कोई दूसरा काम हो तो बताइए.’’
”आप तो डर रही हैं, भाई मेरे यहां सारा काम हिंदी में ही होता है. हम भारतीय हैं निकिताजी, अंगरेज नहीं. फिर क्यों अंगरेजी की टांग अपने काम में घसीटें, आप बेफिक्र रहिए. आप फाइनैंस एडवाइजर का काम बखूबी कर लेंगी. मैं सैलरी भी 30 हजार से ऊपर दूंगा आप को.’’
”30 हजारï…’’ निकिता खुशी से उछल पड़ी, ”बताइए रविंदरजी, मैं कब से यह जौब जौइन करूं?’’
”आज पहली जुलाई है, मैं कंपनी के काम से कोलकाता जा रहा हूं. 2 दिन का टूर है मेरा. मैं आज रात को फ्लाइट पकड़ूंगा और 3 जुलाई को फ्लाइट से वापस आ जाऊंगा. आप 4 जुलाई को मुझ से मिल कर अपना जौइनिंग लेटर ले लेना. उसी दिन से आप की सैलरी शुरू हो जाएगी.’’
”धन्यवाद सर,’’ निकिता अपनी खुशी छिपाने की कोशिश करती हुई बोली, ”मुझे कहां आना होगा सर?’’
”आप सुबह 10 बजे मुझे डीएलएफ के पास बस स्टाप पर मिलना, मैं आप को अपने औफिस ले जाने के लिए खुद वहां आ जाऊंगा. याद रहेगा न 4 जुलाई 10 बजे.’’
”याद रहेगा सर. मैं ठीक समय पर आप को मिल जाऊंगी.’’ निकिता ने कहा.
दूसरी ओर से फोन कट गया तब निकिता खुशी से पूरे घर में नाचती रही. शाम को उस का पति जितेंद्र काम से लौटा तो निकिता ने उस के गले में प्यार से हाथ डाल कर चहकते हुए कहा, ”आप मुझे मना करते रहे, देख लो मुझे एक फाइनैंस कंपनी में फाइनैंस एडवाइजर की शानदार जौब मिल गई है. सैलरी जानते हो कितनी मिलेगी? पूरे 30 हजार रुपए.’’
”30 हजार…’’ जितेंद्र हैरत से बोला, ”अब हमारी गरीबी दूर हो जाएगी निकिता.’’
”जी हां,’’ निकिता मुसकराई, ”एक महीने की सैलरी मुझे मिल जाएगी तो तुम काम छोड़ देना, घर संभालना. मैं कमा कर लाऊंगी, तुम्हें घर संभालना होगा.’’
”उड़ो मत निकिता, हम दोनों कमाएंगे. दोनों मिल कर घर को संभाल लेंगे. चलो, अब अपने हाथ से गरमागरम चाय बना कर पिलाओ मुझे.’’ जितेंद्र ने कहा और हाथमुंह धोने बाथरूम में चला गया.
निकिता 3 दिन बाद 4 जुलाई को सजसंवर कर ठीक 10 बजे डीएलएफ के बस स्टाप पर पहुंच गई. थोड़ी ही देर में एक सांवले रंग का युवक बाइक पर वहां आ गया.
”निकिता?’’ उस ने अपने चेहरे से सुनहरी फ्रेम का चश्मा उतारते हुए निकिता की ओर देखा.
”जी हां, मैं निकिता हूं.’’ निकिता उस युवक की ओर बढ़ते हुए मुसकरा कर बोली, ”आप ही रविंदर हैं?’’
युवक ने सिर हिलाया. निकिता ने दोनों हाथ जोड़ कर रविंदर को नमस्ते की. रविंदर ने उसे बाइक पर बैठने का इशारा किया तो वह उचक कर बैठ गई. रविंदर उसे राजेंद्र नगर ले कर गया.
यहां 11/186, सेक्टर-3 के फस्र्ट फ्लोर पर उस का औफिस था. औफिस में उस समय शानदार कुरसियों पर एक युवा लड़की और एक युवक बैठे हुए थे. अंदर दूसरे रूम में 4-5 युवतियां भी थीं, जो कानों पर हेडफोन लगाए किसी से बातें करती नजर आ रही थीं.
”बैठो निकिता.’’ रविंदर ने उस के लिए एक कुरसी बढ़ाई तो निकिता सकुचाती हुई बैठ गई.
”यह है तुम्हारा औफिस. तुम्हें यहां बैठ कर काम करना है,’’ रविंदर ने मुसकरा कर कहा, ”मैं तुम्हें पूरे 30 हजार रुपए दूंगा, लेकिन तुम एक महीना ठीक काम कर पाओ, इस की मुझे गारंटी चाहिए.’’
”मैं पूरी लगन से काम करूंगी सर, इतनी अच्छी नौकरी को मैं नहीं छोडऩे वाली.’’ निकिता ने दृढ़ स्वर में अपनी बात कही.
”फिर भी मुझे विश्वास करने के लिए 25 हजार रुपए तुम से चाहिए. ये रुपए तुम्हारे मेरे पास जमा रहेंगे, मुझे जब विश्वास हो जाएगा कि तुम अब काम नहीं छोड़ोगी तो मैं 25 हजार रुपए वापस कर दूंगा.’’
”25 हजार?’’ निकिता कुछ क्षण के लिए गहरी सोच में डूब गई. फिर सामान्य हो कर बोली, ”मेरे पास 25 हजार रुपए हैं, लेकिन मैं पेटीएम कर सकती हूं सर.’’
”ठीक है.’’ रविंदर खुश हो कर बोला. उस ने अपना क्यूआर कोड दिखा दिया.
निकिता ने अपने मोबाइल से 25 हजार रुपए रविंदर को पेटीएम कर दिए. संतुष्ट होने के बाद रविंदर अपनी कुरसी को सरका कर उस के करीब आ गया.
”अब अपना काम समझ लो निकिता, यहां कोई फाइनैंसवाइनैंस का काम नहीं होता. तुम्हें यहां बैठ कर युवकों से न्यूड चैटिंग करनी होगी, न्यूड चैटिंग.’’
निकिता चौंक कर बोली, ”यह तो अच्छा काम नहीं है सर, मैं यह नहीं कर सकती.’’
”पूरी बात सुन लो.’’ रविंदर बेशरमी से बोला, ”तुम्हें युवकों को खुश करने के लिए वीडियो कालिंग पर अपने इस खूबसूरत जिस्म को नंगा भी करना पड़ेगा. युवकों से 10 मिनट की चैटिंग के बदले 200 रुपए लोगी तुम.’’
”नहीं, मैं यह काम हरगिज नहीं करूंगी.’’ निकिता गुस्से से अपनी जगह पर खड़ी हो गई.
वहां बैठी युवती जिस का नाम पूजा था, वह उठ कर उस के पास आ खड़ी हुई, ”देखो निकिता, तुम प्यार से इस काम को करने की हां कर दो, नहीं तो तुम्हारी हां करवाने के दूसरे रास्ते भी हैं हमारे पास.’’
”क्या करोगी तुम?’’ निकिता गुस्से से चीखी, ”मैं यह गलीज काम नहीं करूंगी.’’
”तेरा तो बाप भी करेगा.’’ वहां बैठा विवेक नाम का युवक तमतमा कर अपनी कुरसी से उठा, ”मना करेगी तो यहीं तुझे नंगा कर के अश्लील वीडियो बना लूंगा और तेरे पति को भेज दूंगा.’’
”नहीं.’’ निकिता भय से चीखी, ”तुम ऐसा नहीं करोगे. रविंदर उसे समझाओ, यह क्या बकवास कर रहा है.’’
”यह सब कुछ करेगा निकिता. तुम्हें काम के लिए राजी करवाने के लिए यह हर हथकंडा अपनाएगा. मना कर के यहां से चली भी गई तो तुम्हारा यह खूबसूरत थोबड़ा, जिस पर तुम्हें नाज है, यह तेजाब से बिगाड़ देगा. यह तुम्हें कत्ल भी करने की हिम्मत रखता है.’’ रविंदर बेशरमी से बोला, ”तुम चुपचाप हां कर दोगी तो यह शांत बैठ जाएगा.’’
निकिता समझ गई थी, वह गलत लोगों के जाल में फंस गई है. वह धम्म से कुरसी पर बैठ गई और गहरीगहरी सांसें लेने लगी. थोड़ी देर बाद वह संयत हो कर बोली, ”मैं यह काम करूंगी रविंदर, लेकिन आज से नहीं. मैं बहुत नरवस हो गई हूं, मैं कल 10 बजे यहां फ्री माइंड हो कर आ जाऊंगी. प्लीज रविंदर, मेरा विश्वास करो, मुझे एक दिन का समय दे दो, खुद को इस काम के लिए तैयार होने के लिए.’’
”ठीक है, आज तुम जाओ. लेकिन कल ठीक 10 बजे यहां आ जाना. नहीं आई तो विवेक तेजाब ले कर तुम्हारे घर पहुंच जाएगा.’’ रविंदर ने धमकी देते हुए कहा, ”कल 10 बजे मैं तुम्हें यहां देखना चाहता हूं.’’
”मैं आऊंगी रविंदर सर.’’ निकिता जल्दी से बोली, ”मैं अपना चेहरा खराब नहीं करवाना चाहती.’’
”जाओ.’’ रविंदर ने जैसे ही कहा मैं सिर पर पांव रख कर भागी. गिरतेपड़ते मैं किसी तरह घर पहुंची. शाम को मेरे पति काम से लौटे तो मैं ने इन्हें सारी बात बताई. यह घबरा गए. हम दोनों रात के अंधेरे में घर छोड़ कर गांव भाग गए.
”एक सप्ताह से हम वहां छिप कर रह रहे थे, लेकिन हम ने सोचा ऐसे कब तक छिपेंगे. पति का काम भी छूट जाएगा. हिम्मत कर के आज हम थाने में अपनी शिकायत लिखवाने आए हैं, सर! आप हमारी रिपोर्ट लिख कर उस बदमाश को गिरफ्तार कर लीजिए.’’
”तुम अब हमारी सुरक्षा में हो, हम आज रात को ही रविंदर और उस के सहयोगियों को गिरफ्तार कर लेंगे.’’ एसआई जितेंद्र सिंह ने कहते हुए पास में खड़े हैडकांस्टेबल मलखान की ओर देखा, ”मलखान, तुम इन से लिखित शिकायत ले कर एफआईआर दर्ज कर लो, मैं एसीपी साहब से बात करता हूं.’’
”ठीक है सर.’’ हैडकांस्टेबल ने सिर हिलाया और निकिता तथा जितेंद्र को ले कर रिसैप्शन रूम में आ गया.
निकिता से लिखित शिकायती पत्र ले कर उसे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 56, 79, 351 (3), 352 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर ली. एसआई जितेंद्र सिंह ने डीसीपी सिद्धार्थ गौतम को फोन पर सारा मामला बता दिया. डीसीपी ने एसीपी सिद्धार्थ गौतम के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर दिया. इस टीम ने दूसरे दिन 5 जुलाई को निकिता के द्वारा बताए गए सेक्टर-3, राजेंद्र नगर के फ्लैट 1/186 की फस्र्ट फ्लोर पर दबिश दी. पुलिस ने यहां न्यूड चैटिंग का धंधा करने वाले रविंदर, उस के साथी विवेक और पूजा सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया गया.
अंदर के रूम में 5 युवतियां भी थीं, जो रविंदर के इस न्यूड चैटिंग धंधे में मजबूरी से शामिल हुई थीं. वे वहां से मोबाइल द्वारा विडियो काल पर युवकों से अश्लील बातें करती थीं, उन्हें उन युवकों को ज्यादा वक्त तक बातों में उलझाने के लिए अपने तन को निर्वस्त्र करने में भी संकोच नहीं होता था. जितना वक्त वह युवकों को बातों में उलझाती थी, उतनी ही कमाई होती थी. युवकों से दस मिनट अश्लील चैटिंग करने को 200-250 रुपया वसूला जाता था.
इस न्यूड चैटिंग गिरोह का सरगना रविंदर कुमार, राजबाग, साहिबाबाद का निवासी है. अपनी एक महिला मित्र के कहने पर उस ने अश्लील न्यूड चैटिंग का काम शुरू किया था. वह जौब एप्लीकेशन वेबसाइट से मैरिड, अनमैरिड युवतियों, औरतों के रिज्यूम लेता था. फिर उन युवतियों को फाइनैंस एडवाइजर या लोन एजेंट की जौब के लिए अच्छी सैलरी का लालच दे कर अपने औफिस में बुलाता था. बाद में उन्हें धमका कर या लालच दे कर युवकों से न्यूड हो कर चैटिंग करने के काम पर लगा लेता था.
उन युवतियों ने बताया कि वह ऐसा करने के लिए उन्हें डरायाधमकाया गया था. मजबूरी में वह यह गलत काम कर रही थीं. इन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 56, 79, 351 (3), 352 लगाई गई. सभी को सक्षम न्यायालय में पेश कर के रविंदर, विवेक और पूजा सक्सेना को जेल भेज दिया गया. शेष 5 युवतियों को चेतावनी दे कर उन के परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. रविंदर पहले वाहन इंश्योरेंस और एआरटीओ कार्यालय से लाइसेंस व अन्य कागजात बनाने का काम करता रहा है. उस ने यह न्यूड चैटिंग का धंधा करने के लिए डीएलएफ राजेंद्र नगर का वह फ्लैट 16,500 में किराए पर ले रखा था. कथा लिखने तक पुलिस उस के खिलाफ सबूत जुटाने का काम कर रही थी, ताकि उसे सख्त सजा दिलाई जा सके.
—कथा में राघव चड्ïढा, अप्सरा, निकिता और जितेंद्र यादव परिवर्तित नाम हैं.