ब्यूटी पार्लर में मेकअप करा रही 22 वर्षीय काजल अहिरवार के दिलोदिमाग में तरहतरह के विचार घूम रहे थे, क्योंकि कुछ घंटों बाद उस की शादी होने जा रही थी. दुलहन की पोशाक में वह बहुत खूबसूरत लग रही थी. इसी दौरान ब्यूटी पार्लर में पहुंचे एक युवक ने काजल की गोली मार कर हत्या कर दी. इस के बाद तो मंडप स्थल पर मातम छा गया. आखिर गोली मारने वाला वह युवक कौन था और उस ने काजल को गोली क्यों मारी?
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जैसेजैसे 22 वर्षीय काजल के विवाह की तारीख नजदीक आ रही थी, दीपक अहिरवार की बेचैनी बढ़ती जा रही थी. वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे. दीपक की बेचैनी को उस के घर वाले भी समझ रहे थे, इसलिए उन्होंने दीपक को बहुत समझाने की कोशिश की, परंतु दीपक पर उन की समझाइश का कोई असर नहीं हुआ. काफी सोचविचार के बाद दीपक ने एक फैसला कर लिया. उस ने अपनी योजना को अंजाम देने के लिए कहीं से .315 बोर के एक तमंचा व गोलियों का इंतजाम कर लिया.
23 जून, 2024 को काजल की बारात आने वाली थी. झांसी के खोडन में स्थित निशा गार्डन में विवाह की सारी तैयारियां चल रही थीं. भव्य समारोह स्थल पर मेहमानों का आना जारी थी. वधू पक्ष के लोग सारी व्यवस्थाओं में जुटे हुए थे. शादी के मंडप में खूब चहलपहल थी. लोग खानेपीने और नाचगाने में लगे थे. उसी दिन शाम 5 बजे काजल अपनी चचेरी बहनों नेहा, मुसकान, वंदना और अनुष्का के साथ विवाहस्थल से करीब 200 मीटर दूर स्थित वेलनैस ब्यूटी पार्लर में मेहंदी लगवाने और मेकअप कराने के लिए गई थी. दीपक को इस बात की जानकारी थी कि काजल मेकअप के लिए वेलनैस ब्यूटी पार्लर जा चुकी है. वह भी रात करीब 10 बजे वहां पहुंच गया. उस समय वह बहुत गुस्से में था.
वह पार्लर का दरवाजा खोल कर सीधे अंदर आ गया, जहां पर काजल का मेकअप हो रहा था. कमरे के अंदर घुसते ही उस ने काजल को अपने साथ चलने के लिए कहा, मगर जब काजल ने उस के साथ जाने से साफसाफ इंकार कर दिया तो वह काजल के साथ बहस करने लगा. तभी वहां पर मौजूद ब्यूटी पार्लर की संचालिका जाह्नïवी और काजल की बहनों ने दीपक को यह कहते हुए ब्यूटी पार्लर से बाहर कर दिया कि यहां पर मर्दों का आना मना है. उस के बाद दीपक बाहर चला गया.
पार्लर से निकलने के बाद दीपक अहिरवार कुछ देर तक बाहर खड़ा रहा. फिर उसे न जाने कैसा जुनून सा सवार हो गया कि उस ने अपने मुंह पर रुमाल बांधा और बाहर से ब्यूटी पार्लर का दरवाजा जोर से खींचा और दनदनाते हुए एक बार फिर पार्लर के उसी कमरे में पहुंच गया, जहां पर काजल का मेकअप हो रहा था. इस बार उस ने अपने दिमाग में एक खूनी मंसूबा बना लिया था. वहां पहुंच कर उस ने चीखते हुए सुर्ख जोड़े में दुलहन बनी काजल से कहा, ”काजल, तुम ने मेरे साथ धोखा किया है. तुम ने मेरे साथ कुछ भी ठीक नहीं किया है.’’
उस के बाद उस ने धमकी देते हुए कहा, ”काजल, तुम मेरी आखिरी बात ध्यान से सुन लो, यदि तुम अभी भी मेरे साथ नहीं चलोगी तो तुम्हें किसी और का भी नहीं होने दूंगा.’’ इस धमकी के बावजूद भी जब काजल उस के साथ जाने को तैयार नहीं हुई तो उस ने अचानक अपनी कमर से तमंचा निकाला और काजल की छाती से सटा कर गोली मार दी. गोली लगते ही काजल जमीन पर गिर कर वहीं ढेर हो गई. गोली की आवाज सुन कर आसपास के लोग भी दौड़े, लेकिन तब तक पलक झपकते ही दीपक तमंचा लहराता हुआ वहां से भाग गया था.
घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दे दी गई. सूचना मिलते ही झांसी के एसएसपी राजेश एस., एसपी (सिटी) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह शिप्री बाजार थाने के एसएचओ घटनास्थल पर पहुंच गए.
…और मंडप में छा गया मातम
दुलहन काजल को गोली मारने की खबर जैसे ही शादी के हाल में पहुंची तो वहां पर सब अचंभित हो कर रह गए थे. घर वाले तुरंत ब्यूटी पार्लर पहुंचे. पता चला कि उसे मैडिकल कालेज ले जाया गया है तो वह भी वहां पहुंच गए. लेकिन वहां उन्हें काजल की मौत की जानकारी मिली. घर वालों से प्रारंभिक पूछताछ करने के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, फिर शव को घर वालों को सौंप दिया. जिस दुलहन की शादी होने वाली थी, उस की अब अर्थी सज रही थी. राज जाटव नाम का जो युवक बाजेबारातियों के साथ आया था, उसे भी मायूस हो कर बिना दुलहन के लौटना पड़ा. पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिल चुकी थी कि आरोपी दीपक मृतका काजल के पड़ोस में ही रहता था.
बेटी की मौत की खबर मिलते ही काजल की मां रानी का रोरो कर बेहाल हो गया था. पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि दतिया जिले के बरगांव के रहने वाले राजकुमार अहिरवार के परिवार में पत्नी रानी के अलावा 2 बेटे विकास व विशाल और बेटी काजल थी. 5 सदस्यों के इस परिवार की जिंदगी हंसीखुशी से गुजर रही थी. राजकुमार खेतीकिसानी कर के परिवार का गुजरबसर कर रहा था.
राजकुमार के पड़ोस में ही धनीराम अहिरवार रहता था. पड़ोसी होने की वजह से धनीराम की पत्नी ऊषा अहिरवार और बच्चों का भी राजकुमार के घर आनाजाना था. धनीराम का बेटा दीपक अहिरवार बहुत होनहार था. उसे सब लोग किताबी कीड़ा कहते थे. उस का सपना संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर के आईएएस अफसर बनना था. दीपक अहिरवार और काजल अहिरवार हमउम्र थे. दोनों में अच्छी दोस्ती थी. समय के अनुसार यह दोस्ती प्यार में बदल गई थी. फिर उन्होंने जनमजनम तक साथ निभाने की कसमें भी खा लीं. दोनों बालिग थे, इसलिए उन्होंने अपने घर वालों को प्यार का हवाला देते हुए शादी करने की इच्छा जताई.
बताते हैं कि दोनों की शादी के लिए काजल के पापा राजकुमार के अलावा सभी की सहमति बन गई, लेकिन राजकुमार तैयार नहीं हो रहा था. फिर दीपक ग्वालियर में रह कर सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी के लिए चला गया. वह वहां कई साल रहा, लेकिन उस का पढ़ाई में मन नहीं लगा तो वह वापस घर लौट आया. दीपक और काजल का प्यार पहले की तरह ही मजबूत था. वे प्यार की खातिर कुछ भी करने को तैयार थे. अपने रिश्ते को ले कर दोनों ही गंभीर थे.
योजना बना कर 9 जून, 2024 को दीपक और काजल घर से चले गए थे. काजल ने अपने घर वालों के लिए घर छोड़ते समय एक चिट्ठी भी छोड़ी थी, जिस में लिखा था, ‘मम्मीपापा, आप की बेटी काजल अपनी मरजी से दीपक के संग जा रही है. आप से मेरी बस एक विनती है कि आप की पसंद मेरी पसंद नहीं हो सकती, इसलिए मुझे, मेरे होने वाले पति दीपक और उस के घरवालों को परेशान नहीं करना. क्योंकि मेरी खुशी दीपक में है और किसी में नहीं.’
उस ने आगे यह भी लिखा था, ‘मैं और दीपक अपनी मरजी से शादी करेंगे. आप कृपा कर के हमें खुश रहने दो, नहीं तो हम दोनों आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे. आप मुझे और मेरे होने वाले पति दीपक को माफ कर देना.’ काजल 22 साल की थी. दोनों बालिग होने के कारण कोर्ट मैरिज करने ग्वालियर पहुंचे थे, लेकिन उस दिन रविवार होने के कारण छुट्टी थी, इसलिए वे दोनों शादी नहीं कर पाए थे. उस के बाद काजल के पापा पुलिस की मदद से उसे ग्वालियर से अपने साथ घर ले आया.
आननफानन में क्यों हो रही थी काजल की शादी
राजकुमार अहिरवार उस समय काजल को अपने गांव ले कर नहीं गया. किसी तरह काजल को राजी कर के वह झांसी में रहने वाले काजल के मामा के घर ले गया. जिस लड़के राज जाटव से झांसी में काजल की शादी हो रही थी, वह झांसी के चिरगांव थाना क्षेत्र के सिमथरी गांव का निवासी था. राज जाटव से साल भर पहले काजल की सगाई तय हो चुकी थी.
काजल दीपक को पसंद करती थी, चाहती थी, इसलिए काजल ने राज जाटव से शादी करने के लिए साफ मना कर दिया था. इस कारण काजल के घर वालों को उस समय रिश्ते को तोड़ देना पड़ा था. राजकुमार को लग रहा था कि काजल दीपक का साथ नहीं छोड़ेगी, इसलिए उस ने उसी लड़के राज जाटव से काजल की बात चलाई और आननफानन में शादी की तारीख भी निकाल दी और शादी के कार्ड भी छपवा दिए. काजल की शादी की बात का पता जब दीपक को लगा तो वह बुरी तरह से टूट गया था. उसी दिन से उस ने खानापीना भी छोड़ दिया. वह हमेशा गुमसुम सा रहने लगा था. वह काजल को चाह कर भी भुला नहीं पा रहा था. दीपक ने मम्मी ऊषा से कहा कि मम्मीजी भले ही काजल के पापा उस की शादी किसी से भी करा दें, लेकिन मैं उसे किसी और की नहीं होने दूंगा.
इस बारे में ऊषा ने भी उसे काफी समझाया और उसे काजल को भूल जाने की सलाह भी दी, लाख समझाने के बाद भी वह काजल को भूलने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं था. केवल दीपक ही नहीं बल्कि काजल भी दीपक से बहुत प्यार करती थी. वह अकसर कहती थी कि न मैं दीपक के बगैर रह सकती हूं, न वह मेरे बगैर जीवित रह सकता है.
काजल ने मंगेतर से साझा किया अपना दर्द
काजल ने अपनी हत्या से 24 घंटे पहले अपने मंगेतर राज जाटव से फोन पर अपना दर्द साझा किया था. राज जाटव ने पुलिस को बताया कि बारात से एक दिन पहले काजल ने उसे फोन कर के बताया था कि उस के पड़ोस में रहने वाला दीपक उसे और उस के घर वालों को धमका रहा है. उस की धमकी के कारण ही वे लोग झांसी आ कर शादी कर रहे हैं. राज जाटव के मुताबिक काजल के पिता राजकुमार अहिरवार ने आखिर तक यह असली बात मुझ से और मेरे घर वालों से छिपाए रखी.
राजकुमार अहिरवार ने सिर्फ पड़ोसी से विवाद की बात हमें बताई थी, लेकिन किस बात को ले कर विवाद था, यह बात हमें कभी भी नहीं बताई गई. झांसी के पीतांबरा पीठ में राज और काजल के परिजनों ने मिलने के बाद आननफानन में शादी की तारीख भी तय कर दी थी. इस के बाद काजल अपने गांव नहीं गई. उसे सीधे उस के मामा के घर झांसी भेज दिया गया था.
काजल की शादी की बात उस के पापा राजकुमार ने अपने गांव में किसी को नहीं बताई थी. लेकिन किसी तरह काजल की शादी की भनक उस के प्रेमी दीपक को लग चुकी थी. 21 जून को राजकुमार ने फलदान किया था. 22 जून, 2024 को सिमथरी में वरपक्ष की ओर से खाना चल रहा था. उसी दौरान काजल ने मंगेतर राज जाटव को फोन पर पूरी बात बताई थी. सगाई तय होने के बाद राजकुमार अहिरवार ने अपना खेत बेच अपने होने वाले दामाद को कार दी थी. यह बात दीपक को नागवार गुजरी और वह अपने अंतिम फैसले के साथ शादी वाले दिन झांसी पहुंच गया और उस ने काजल की हत्या कर दी.
अब पुलिस काजल की हत्या के आरोपी दीपक अहिरवार की खोज में जुट गई. एसएसपी (झांसी) राजेश एस. ने आननफानन में 5 पुलिस टीमों का गठन कर दिया. पुलिस ने ब्यूटीपार्लर के आसपास गली के सीसीटीवी कैमरे खंगाले, उन में दीपक नजर आ रहा था. उस के साथ 2 युवक भी दिखाई दिए, हालांकि यह साफ नहीं हुआ कि इन 2 युवकों को वह अपने साथ ले कर आया था अथवा ये दोनों युवक झांसी के ही रहने वाले थे. पुलिस टीम हत्यारे के साथ दिखे युवकों को भी तलाशने में जुट गई थी.
उत्तर प्रदेश पुलिस की 2 पुलिस टीमें दीपक को गिरफ्तार करने के लिए दतिया (मध्य प्रदेश) भेज दी गई थीं. पुलिस की एक टीम हत्या वाले दिन से ही सीसीटीवी कैमरे खंगालने में जुट गई थी. कैमरों की मदद से हत्यारे को ट्रैस करने की कोशिश की जा रही थी. इस के अतिरिक्त पुलिस इस बात का भी पता लगाने में जुटी थी कि इस वारदात में हत्यारे दीपक के साथ कौनकौन लोग शामिल थे. सोमवार 24 जून, 2024 को पुलिस की टीमें फरार हत्यारे की तलाश में दबिश देने में जुटी रहीं. दीपक की तलाश में सोमवार देर रात पुलिस ने दतिया स्थित उस के गांव में दबिश दी. लेकिन उस का सुराग नहीं लग सका. उस के घर वाले भी घर में ताला बंद कर के भाग निकले थे. घर वालों के मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे थे.
इधर झांसी में रहने वाले दीपक के रिश्तेदारों के घरों पर भी पुलिस ने दबिश दी लेकिन रिश्तेदार इस बारे में कुछ नहीं बता पाए. इस संबंध में पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में भी ले लिया था. 23 जून रविवार के दिन दीपक ने अपनी प्रेमिका काजल की गोली मार कर हत्या कर दी थी और वहां से फरार हो गया था. सोमवार पूरा दिन वह कहां रहा, यह किसी को पता नहीं चला. उस के बाद दीपक 25 जून मंगलवार की सुबह ही मुरैना पहुंचा.
सुबह 5 बज कर 30 मिनट पर उस ने मुरैना के स्टेशन रोड स्थित स्टेट बैंक औफइंडिया के एटीएम से 1000 रुपए निकाले. एटीएम से रुपए निकालते ही पुलिस को उस की लोकेशन मिल गई. उत्तर प्रदेश की 2 पुलिस टीमें अभी दतिया जिले में ही उस की खोज कर रही थीं. उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम ने इस संबंध में मध्य प्रदेश पुलिस से संपर्क कर आरोपी की डिटेल्स और लोकेशन मध्य प्रदेश पुलिस के साथ साझा की और यूपी पुलिस की दोनों टीमें अब दतिया से मुरैना की ओर चल पड़ी थीं.
एटीएम से रुपए निकालने के बाद दीपक मुरैना में स्टेशन के पास काशीबाई धर्मशाला में पहुंचा. वहां पर उस ने अपना आधार कार्ड और मोबाइल नंबर दे कर एक कमरा बुक करा लिया. कमरा लेते वक्त उस ने धर्मशाला के मैनेजर को बताया कि वह आगरा से ग्वालियर जा रहा है, लेकिन सफर के दौरान वह काफी थक गया, इसलिए अब मुरैना में आराम करेगा. धर्मशाला में रुकने के लिए दीपक ने 600 रुपए एडवांस भी जमा किए थे. दीपक को पहले रूम नं. 7 अलौट किया गया, मगर उसे एसी वाला रूम चाहिए था, इसलिए उस का रूम बदल कर उसे फिर एसी वाला रूम नंबर 5 अलौट कर दिया गया.
कमरे में जाने के बाद दीपक अपने कमरे से बाहर नहीं निकला था. कमरे से दोपहर के खाने का और्डर नहीं आया तो धर्मशाला के कर्मचारियों ने उस के कमरे का दरवाजा बाहर से खटखटाया. काफी देर तक जब दरवाजा खटखटाने के बाद भी अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो धर्मशाला के कर्मचारियों ने कमरे के पीछे की खिड़की से झांक कर देखा तो दीपक पंखे से लटका हुआ था. दीपक ने पंखे पर गमछे से फंदा बनाया था. धर्मशाला के कर्मचारियों ने तुरंत मुरैना पुलिस को फोन किया. इस बीच आरोपी का पता लगाते हुए झांसी पुलिस की टीम भी काशीबाई धर्मशाला पहुंच चुकी थी. झांसी पुलिस टीम ने स्थानीय पुलिस को इस संबंध में सूचना दी.
दोनों पुलिस टीमों ने जब मृत व्यक्ति की शिनाख्त की तो वह शव दीपक अहिरवार का ही निकला. दीपक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया गया. इस की जानकारी एसपी (मुरैना) डा. अरविंद ठाकुर ने पत्रकारों को दी. 26 जून, 2024 को दीपक अहिरवार का शव पोस्टमार्टम के बाद दतिया जिले के अंतर्गत बरगांव पहुंचा तो अपने बेटे का शव देख मां ऊषा अहिरवार का रोरो कर बुरा हाल हो गया था. हत्या और फिर आत्महत्या के इस सनसनीखेज केस के बारे में झांसी के एसपी (सिटी) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हत्यारे दीपक के आत्महत्या कर लेने के बाद यह केस एक तरह से क्लोज ही हो गया है. अब तक की जांच में सामने आया है कि दीपक उस रात अकेले ही ब्यूटी पार्लर गया था, दीपक के सुसाइड के बाद हत्या में प्रयुक्त हथियार को खोजना अब काफी मुश्किल काम है. हालांकि जांचपड़ताल अभी भी चल रही है.
लोगों के गले से एक बात नहीं उतर रही है कि काजल की हत्या के बाद हत्यारा दीपक अहिरवार उत्तर प्रदेश पुलिस से बच कर दिल्ली तक भाग गया था, लेकिन फिर रात में ही वह वापस मुरैना आ गया. पुलिस को अब तक भी इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया कि आखिर सुसाइड करने के लिए उस ने मुरैना को ही क्यों चुना? संभावना जताई जा रही है कि किसी भावनात्मक लगाव की वजह से दीपक ने मुरैना आ कर अपनी जान दी.
पुलिस को अब तक इस बात का भी जबाब नहीं मिला कि काजल के ब्यूटी पार्लर जाने की सटीक जानकारी दीपक को आखिर किस ने दी? हत्या में इस्तेमाल किया गया तमंचा भी पुलिस बरामद करने में कामयाब नहीं हो सकी. इस सनसनीखेज वारदात में एक इश्क ने न केवल एक युवती की जान ले ली बल्कि युवक भी जान की बाजी खुद भी हार गया. साथ ही दूल्हा राज जाटव, जिस ने काजल के साथ जिंदगी गुजारने की आस में, बारात ले कर आया था और शादी के सुनहरे सपने पाल रखे थे, वह भी केवल खाली हाथ मलता रह गया.
जिस दुलहन (काजल) के ऊपर फूलमालाओं की बरसात होने वाली थी, जिसे लोग आशीर्वाद और बधाइयां देने वाले थे. बस इस के पहले ही सारा खेल खराब हो गया. इस सनकी आशिक ने 2 परिवारों की खुशियां उजाड़ीं और वहां से फरार हो गया. इस से भी ज्यादा हैरानी की बात तो यह थी कि उस ने खुद अपनी भी जीवनलीला समाप्त कर दी. यानी कि एक सनकी आशिक ने 3 घरों को पूरी तरह से बरबाद कर दिया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित