पंजाबी सिंगर रंजीत बाथ को आस्ट्रेलिया में रहने वाली किरणदीप कौर से सोशल मीडिया के द्वारा प्यार हो गया था. दोनों ने शादी करने का भी फैसला कर लिया. इसी दौरान ऐसा क्या हो गया कि रंजीत बाथ ने लुधियाना में रह रहे प्रेमिका के पिता रविंदर पाल सिंह की न सिर्फ हत्या कर दी बल्कि इस की सूचना प्रेमिका को भी दे दी?
पंजाबी सिंगर रणजीत सिंह कहलों उर्फ रंजीत बाथ अपनी प्रेमिका किरणदीप कौर के पिता रविंदर पाल सिंह की हर हाल में हत्या करना चाहता था. वह यही सोचता कि अपनी योजना को किस तरह अंजाम दे. रणजीत सिंह कहलों एक जानामाना सिंगर था, इसलिए वह यही चाहता था कि उस का काम भी हो जाए और किसी को इस का पता भी न चले. हत्या को आसानी से अंजाम देने के लिए उस ने जालंधर के ही नकोदर निवासी अपने भतीजे बलजिंदर सिंह उर्फ गुल्ली उर्फ मोना से बात की. गुल्ली अपने चाचा का साथ देने को तैयार हो गया.
हत्या की योजना बनाने के बाद रणजीत सिंह कहलों 25 अगस्त, 2024 को अपने भतीजे को ले कर लुधियाना में रहने वाले प्रेमिका के पिता रविंदर पाल सिंह के घर पहुंचा. वह वहां अकेले ही रहते थे. उन का बेटा विक्रम सिंह सग्गड़ लुधियाना के ही दुर्गी गांव में रहता था और बेटी किरणदीप कौर आस्ट्रेलिया रहती थी. रविंदर पाल सिंह रंजीत बाथ को पहले से जानते थे, इसलिए रंजीत बाथ ने उन से एक जरूरी बात कहने का बहाना बना कर पार्टी की बात कही. रविंदर पाल उस की बातों में आ गए. उन्होंने अपनी कार निकाली और घर का ताला बंद कर वह उन दोनों के साथ चल दिए. गाड़ी रणजीत कहलों चला रहा था, रणजीत और बलजिंदर अपने साथ एक छोटा थैला भी लाए थे, जिस में रस्सी और चाकू रखा था.
उस के बाद रणजीत रात को कार को एक सुनसान इलाके की ओर ले गया और फिर रणजीत सिंह और बलजिंदर ने मिल कर रस्सी से 78 वर्षीय रविंदर पाल की हत्या कर दी. बाद में उन के शव को मुल्लांपुर दाखा के पास मैरिज विला रिजौर्ट के पास झाडिय़ों में फेंक दिया. शव ठिकाने लगाने के बाद रणजीत ने उन की कार दुरंगी के पास एक पेट्रोल पंप के सामने खड़ी कर दी. अपनी योजना को अंजाम देने के बाद रणजीत सिंह ने अपने भतीजे बलजिंदर को कुछ दिनों के लिए शहर और गांव से बाहर रहने की हिदायत दी और फिर वे दोनों अलगअलग रास्ते चले गए.
28 अगस्त, 2024 की रात पुलिस को सूचना मिली कि मुल्लांपुर दाखा के पास पंडोरी गांव में जीटी रोड पर किसी बुजुर्ग की लाश पड़ी है. पुलिस मौके पर पहुंची. शिनाख्त न हो पाने पर पुलिस ने जरूरी काररवाई कर लाश को लुधियाना के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया. बात 29 अगस्त की है. लुधियाना के एसएसपी (ग्रामीण) नवनीत सिंह बैंस अपने कार्यालय में बैठे थे, तभी उन के मोबाइल फोन पर एक काल आई. काल किसी अंजान नंबर से आ रही थी.
”हैलो, मैं एसएसपी नवनीत सिंह बोल रहा हूं, कहिए मैं आप की क्या सहायता कर सकता हूं?’’ एसएसपी नवनीत ने कहा.
”सर, मेरा नाम विक्रम सग्गड़ है, मैं अभीअभी लुधियाना के सिविल अस्पताल से आ रहा हूं, जो लाश कल रात पंडोरी गांव में जीटी रोड पर मिली थी, वह मेरे पापा की लाश है,’’ कहतेकहते विक्रम रोने लगा.
”हां विक्रमजी, हमें कल रात एक लाश मिली थी, शिनाख्त न होने के कारण वह सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी गई थी. यह सुन कर बड़ा दुख हुआ कि यह लाश आप के पापा की है. आप दुखी न हों, हम इस का पता जरूर लगाएंगे कि आप के पापा के साथ आखिर हुआ क्या था. आप हम पर विश्वास रखें!’’ एसएसपी ने कहा.
”एसएसपी साहब, मुझे यह पता है कि मेरे पापा का मर्डर किस ने किया है? मेरे पास इस बात का पुख्ता सबूत भी है, इसलिए मैं आप से पर्सनली मिलना चाहता हूं.’’ विक्रम ने कहा.
”विक्रमजी, आप ने तो बहुत बड़ी और अच्छी बात कह डाली है. आप हमें इस बारे में जरूर बताएं, मगर इस वक्त आप कहां हैं?’’ एसएसपी ने कहा.
”सर, मैं आप के औफिस के बाहर ही खड़ा हूं. बस एक ही इंतजार है कि मैं अपनी बात आप से रूबरू कर सकूं, यदि आप की इजाजत हो!’’ विक्रम ने कहा.
”ठीक है, आप संतरी को कह कर तुरंत मेरे पास आ सकते हैं.’’ एसएसपी ने कहा.
पिता का मर्डर करने के बाद प्रेमिका को क्यों दी सूचना
अगले 2 मिनट के बाद विक्रम सग्गड़ एसएसपी नवनीत सिंह बैंस के सामने की कुरसी पर बैठा था.
”सर! मुझे आप के बारे में पता है कि आप हर केस में पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ काम करते हैं. लुधियाना के सभी लोग आप की बहुत प्रशंसा करते हैं, इसलिए मैं सीधे आप के पास अपने दिल की बात कहने के लिए आया हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप मुझे निराश नहीं करेंगे,’’ विक्रम ने एसएसपी का अभिनंदन करते हुए कहा.
”आप बेफिक्र हो कर अपनी बात करें, हम आप के साथ हैं.’’ एसएसपी ने कहा.
”सर, मेरे पापा का मर्डर किसी और ने नहीं बल्कि रणजीत सिंह कहलों उर्फ रंजीत बाथ ने अपने भतीजे के साथ मिल कर किया है,’’ विक्रम ने कहा.
”यह रंजीत बाथ वही है न, जो पंजाबी सिंगर है?’’ एसएसपी ने पूछा.
”जी, यह वही मशहूर पंजाबी सिंगर रंजीत बाथ है, जिस ने मेरी बहन का जीना हराम कर रखा है और जिस ने मेरे पापा का मर्डर किया है. सर, आप इस को बिलकुल छोडऩा मत.’’ कहते हुए विक्रम रो पड़ा था.
”देखिए विक्रमजी, किसी के ऊपर आरोप लगाने के लिए हमारे पास पुख्ता सबूतों का होना बहुत जरूरी होता है. क्या आप के पास इस बात के कोई पुख्ता सबूत हैं कि रंजीत बाथ ने ही आप के पिता का मर्डर किया है?’’ एसएसपी ने पूछा.
”जी सर ! मेरे पास पूरे सबूत हैं. यह देखिए, उस ने वाट्सऐप पर मेरी बहन को साफसाफ लिखा कि शादी से इंकार किए जाने पर उस ने मेरे पापा का मर्डर कर दिया है. उस ने यह भी लिखा है कि उस ने मेरे पापा का मर्डर अपने भतीजे बलजिंदर के साथ मिल कर किया है. वे दोनों मेरे पापा को उन की गाड़ी में ले गए और फिर उन की हत्या कर दी.
”रंजीत ने यह भी लिखा है कि मर्डर करने के बाद उन्होंने लाश किस जगह पर फेंकी थी. मेरे पापा की कार इस समय पर कहां है, यह बात भी उस ने मेरी बहन को लिखी है. मर्डर करने के बाद उस ने मेरी बहन से माफी भी मांगी है.’’
कहते हुए विक्रम ने अपना मोबाइल फोन एसएसपी को दे दिया, जिस में पूरे वाट्सऐप के स्क्रीन शौट मौजूद थे. एसएसपी नवनीत सिंह बैंस ने मोबाइल के मैसेज पढऩे के बाद तुरंत इस बात की सूचना अपने उच्च अधिकारियों को दे दी और उच्च अधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद एक पुलिस टीम गठित कर दी. थोड़ी ही देर में यह खबर आग की तरह पूरे पंजाब में फैल गई कि पंजाब का मशहूर सिंगर रंजीत बाथ अपनी प्रेमिका के पिता की हत्या कर फरार हो गया है. एसएसपी नवनीत सिंह बैंस द्वारा गठित की गई पुलिस टीम में एसपी (डी) परमिंदर सिंह, डीएसपी (मुल्लांपुर दाखा) फतेह सिंह, डीएसपी (डी) संदीप वडेरा, सीआईए स्टाफ के प्रमुख इंसपेक्टर किकर सिंह और थाना मुल्लांपुर दाखा के एसएचओ इंसपेक्टर कुलविंदर सिंह धालीवाल को शामिल किया गया.
पुलिस टीम ने इस मामले की गहनता से जांच की तो पता चला कि रविंदर पाल सिंह मूलरूप से लुधियाना के दुर्गी गांव के रहने वाले थे. वह एलआईसी के एजेंट थे. उन के 2 ही बच्चे थे. बेटी किरणदीप कौर थी, जो शादीशुदा थी और आस्ट्रेलिया में रहती थी और बेटा विक्रम सिंह सग्गड़ गांव में रहता था. वह अपनी खेती का काम भी संभालता था. कोरोना के दौरान रविंदर पाल की पत्नी की मृत्यु होने के कारण वह अकेले रह गए थे. उन का लुधियाना में भी अपना मकान था. उन्हें अपने मकान से बड़ा लगाव था, इसलिए वह अधिकतर समय लुधियाना में ही रहते थे. कभीकभी वह अपनी बेटी से मिलने उस के पास आस्ट्रेलिया चले जाते थे तो कभी अपने बेटे विक्रम के पास गांव चले जाते थे. एलआईसी से उन्हें अच्छीखासी इनकम हो जाती थी, इसलिए उन की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी थी.
प्रेमी की सूचना पर किरणदीप क्यों हुई परेशान
26 अगस्त, 2024 की सुबह किरणदीप कौर ने आस्ट्रेलिया से पंजाब में रह रहे अपने छोटे भाई विक्रम को फोन कर के पूछा कि वह कल से पापा को फोन कर रही है, मगर उन का फोन नहीं लग रहा है. किरणदीप रोज दिन में 2 बार आस्ट्रेलिया से अपने पापा के साथ बातचीत करती थी. क्योंकि जब से उस की मम्मी का निधन हो गया था, तब से पापा एकदम अकेले रह गए थे. इसलिए किरणदीप उन से रोज फोन पर बात कर लेती थी. जब किरणदीप का फोन विक्रम के पास आया तो वह तुरंत अपने पापा के घर लुधियाना गया, लेकिन उस के पापा वहां पर नहीं मिले. घर के बाहर ताला लटका हुआ था. यहां तक कि विक्रम को अपने पापा की कार भी घर में कहीं नजर नहीं आई.
विक्रम सिंह ने पापा को फोन करने की कोशिश की, मगर उन का फोन स्विच्ड औफ आ रहा था. पूरे दिन और पूरी रात विक्रम पापा को तलाश करता रहा, परंतु वे कहीं नहीं मिले. 27 अगस्त, 2024 की सुबह से विक्रम ने फिर से अपने दोस्त विनोद कुमार के साथ फिर अपने पिता की तलाश शुरू की तो उन्हें दुरंगी में पेट्रोल पंप के पास पापा की कार लावारिस हालत में मिली. विक्रम ने उसी दिन 27 अगस्त को थाना मुल्लांपुर दाखा में पापा की गुमशुदगी की सूचना दर्ज करा दी. अगले दिन पुलिस को पंडोरी गांव में जीटी रोड पर एक व्यक्ति की लाश मिली, जिस की शिनाख्त नहीं हो पाई थी. तब पुलिस ने लाश अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दी थी. अगले दिन एसएचओ कुलविंदर सिंह ने फोन कर के विक्रम को अस्पताल बुला लिया, क्योंकि एक दिन पहले ही विक्रम ने पापा की गुमशुदगी दर्ज कराई थी.
विक्रम अपने दोस्त विनोद के साथ सरकारी अस्पताल पहुंच गया और उस ने लाश की पहचान अपने पापा रविंदर पाल सिंह के रूप में की. फिर विक्रम ने इस सब की जानकारी अपनी बड़ी बहन किरणदीप को आस्ट्रेलिया में फोन कर के दे दी. उस के बाद किरणदीप ने भाई को बताया कि इस बात की पूरी जानकारी तो सिंगर रणजीत कहलों उर्फ रंजीत बाथ ने उसे वाट्सऐप मैसेज कर के पहले ही दे दी थी. लेकिन किरणदीप ने विक्रम को बताया कि पहले तो उस ने इसे मजाक समझा था कि रणजीत शायद उस को डरा रहा है, परंतु जब उस ने पापाजी से बात करने की कोशिश की तो उन का फोन ही नहीं लग पा रहा था. इस के बाद उस ने उस से पापा को ढूंढने के लिए कहा था.
किरणदीप कौर आस्ट्रेलिया में जौब करती थी और मनोरंजन के लिए वह कभीकभी टिकटौक पर अपने वीडियो भी अपलोड करती रहती थी. किरणदीप अपने पति से काफी लंबे समय से अलग रह रही थी, क्योंकि दोनों के विचार आपस में बिलकुल भी नहीं मिलते थे. किरणदीप का एक बेटा था, जो 13-14 साल का था. पति अपनी दुनिया में मस्त था तो किरणदीप अपनी दुनिया में मस्त थी. बस बेटे के कारण महीने-2 महीने में पतिपत्नी की केवल मुलाकात हो जाया करती थी.
किरणदीप का एक टिकटौक वीडियो काफी पौपुलर हो गया था, उस में एक दिन रंजीत बाथ नाम से एक कमेंट किरणदीप ने देखा, जिस में किरणदीप की काफी तारीफें लिखी हुई थीं. कमेंट भेजने वाले ने अपना परिचय पंजाबी सिंगर के रूप में दिया था और अपने कुछ वीडियो भी भेजे थे. किरणदीप ने जब रणजीत उर्फ रंजीत बाथ के गाने के वीडियो देखे तो उस ने भी अपने कमेंट में उस की तारीफों के पुल बांध दिए थे.
किरणदीप और रंजीत बाथ की इस तरह बढ़ीं नजदीकियां
इस के बाद धीरेधीरे दोनों में अकसर वीडियो काल भी होने लगी थी. ऐसे ही एक दिन एक टिकटौक वीडियो को देख कर रणजीत ने लिख दिया, ”किरणदीपजी, मैं तो आप की आवाज और आप की सुंदरता का कायल हो गया हूं. आप जो भी वीडियो डालती हैं, वह सब से अलग और दिल को अंदर तक प्रभावित करने वाला होता है. सुंदरता और प्रतिभा का ऐसा मेल बहुत ही कम देखने को मिलता है.’’
प्रशंसा तो एक ऐसी चीज है, जो किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेती है. स्त्री को तो प्रशंसा एकदम से लुभा देती है. रणजीत के कमेंट्स किरणदीप को अब काफी अच्छे लगने लगे थे, लिहाजा अब दोनों ने अपनेअपने मोबाइल नंबर भी आपस में एक्सचेंज कर लिए थे. धीरेधीरे दोनों में खुल कर बातें भी होने लगी थीं. रणजीत की बातों में न जाने कैसी अजीब सी कशिश थी कि वह बहुत तेजी से किरणदीप के मनमस्तिष्क पर छाने लगी थी. सोतेजागते, चलतेफिरते, खातेपीते किरणदीप अब रणजीत के खयालों में ही गुम रहने लगी थी. एक दिन रंजीत बाथ ने उस से अपने दिल की बात कह ही डाली, ”किरणदीप ऊपर वाले ने आप को चांद सा हसीन चेहरा दिया है. जाहिर है, आप के भीतर भी इतना ही खूबसूरत चांदनी की तरह जिस्म भी और दिल भी बेदाग होगा. मैं तुम्हें अपना बनाना चाहता हूं.’’
”रंजीतजी, आप एक अच्छेभले सिंगर हैं. समाज में आप की प्रतिष्ठा और शोहरत भी है. मगर मैं आप के ख्वाबों की तरह बेदाग नहीं हूं. मैं एक विवाहित महिला हूं और मेरा एक बेटा भी है, इसलिए अच्छा यही रहेगा कि आप मुझे भूल कर कोई ऐसी दिलरुबा ढूंढ लें, जो बेदाग हो,’’ किरणदीप ने भी अपनी हकीकत बयां कर दी थी.
”किरणदीपजी, यह प्यार भी एक बड़ी अजीब चीज होती है, यह प्यार जब एक बार किसी से हो जाता है तो फिर इस के लिए किसी भी हद तक आगे बढ़ा जा सकता है. देखिए, यदि आप का आप के पति से तलाक हो चुका है तो यह अच्छी बात है. अगर तलाक नहीं हुआ है तो आप पति से तलाक ले सकती हैं. मैं आप को तो तहेदिल से स्वीकार करूंगा ही, साथ ही आप के बेटे को भी मैं पिता का प्यार दूंगा.’’ रंजीत ने वादा किया.
अपने दिल की पूरी बात खोलते हुए रंजीत ने आगे कहा, ”अब तुम्हारे बगैर एक पल भी नहीं रह सकता. मैं तुम्हें अब जल्द से जल्द पा कर अपनी जिंदगी में शामिल कर लेना चाहता हूं. तुम्हारे बगैर तो अब मैं एक पल भी अपनी जिंदगी नहीं जी सकता. मैं ने तो तुम्हें कब से अपना बना लिया है. मैं अब अपनी पूरी जिंदगी तुम्हारे नाम कर चुका हूं.’’
”रंजीतजी, मैं आप की भावनाओं की कद्र करती हूं, लेकिन मैं एक बार धोखा खा चुकी हूं, इसलिए मैं अब भावनाओं में बहती नहीं, वैसे यदि आप मुझे पसंद करते हैं तो मैं यही चाहूंगी कि एक बार आप मुझ से यहां आस्ट्रेलिया आ कर मिल लें. जब हम दोनों कुछ दिन एकदूसरे के आसपास रहेंगे तो हमें एकदूसरे को समझने में काफी आसानी रहेगी.
”यदि हमें ऐसा लगेगा कि हम दोनों इस शादी से खुश रह सकते हैं तो फिर हम आगे का प्लान बना सकते हैं. मेरा तो यही विचार है कि मैं शादी करने से पहले आप को अच्छी तरह से समझ लूं. बाकी अब आगे आप की मरजी, आप जैसा सोचें.’’ किरणदीप ने भी अपने दिल की भावनाएं रंजीत के सामने रख दीं.
रणजीत कहलों उर्फ रंजीत बाथ तो किरणदीप की खूबसूरती पर मर मिटा था, उस का पासपोर्ट तो पहले से ही बना था. क्योंकि वह अकसर स्टेज शो करने के लिए विदेश आताजाता रहता था. उस ने अपना आस्ट्रेलिया का वीजा तुरंत बनवा लिया और 4 मार्च, 2024 को किरणदीप के पास आस्ट्रेलिया पहुंच गया. वहां पर किरणदीप ने उस के ठहरने की व्यवस्था किसी दूसरी जगह पर की थी, क्योंकि वह पहले उसे अच्छी तरह से परखना चाहती थी. उस के बाद अपने पापा व भाई के साथ इस बारे मैं सलाहमशविरा करने के बाद ही रंजीत से शादी करना चाहती थी.
भाई और पापा क्यों हुए शादी के खिलाफ
किरणदीप कौर ने यह बात सब से पहले अपने भाई विक्रम सग्गड़ को बताई तो विक्रम बहन के इस फैसले पर सहमत नहीं हुआ. उस ने बहन को उस के फैसले पर बहुत बुराभला भी कहा. उस के बाद विक्रम ने रणजीत कहलो उर्फ रंजीत बाथ के बारे में जब जानकारियां मालूम करनी शुरू कीं तो उसे पता चला कि रंजीत बाथ अच्छे चरित्र का इंसान नहीं है. इस के अलावा पता चला कि वह शराबी है और कहीं भी किसी से भी गालीगलौज व मारपीट भी करने लगता है. फिर विक्रम ने अपने पापा रविंदर पाल को बहन किरणदीप के फैसले के बारे में सारी बातें बता दीं और इस के साथ ही उस ने पापा को किरणदीप के पास आस्ट्रेलिया भेज दिया ताकि वह उसे रंजीत के साथ शादी करने से रोक सकें.
रविंदर पाल ने भी अपनी बेटी किरणदीप को आस्ट्रेलिया जा कर रंजीत बाथ के बारे में सारी सच्चाई बता कर उसे रंजीत से दूर रहने की सलाह दी. पहले तो किरणदीप कुछ दिन रंजीत की बातों से प्रभावित रही, मगर फिर धीरेधीरे रंजीत की हकीकत जब उस के सामने आने लगी तो उस ने उस से दूरी बनाने का फैसला कर लिया. रंजीत तो किरणदीप पर अब अपना अधिकार ही जताने लगा था. वह अब उस से मिलने जब आता तो शराब के नशे में होता था और अकसर उस के साथ गालीगलौज भी करने लगा था. उस की इन हरकतों से अब किरणदीप भी काफी परेशान हो चुकी थी.
एक दिन जब रंजीत उस से शराब के नशे में धुत हो कर मिलने आया तो किरणदीप ने उस से साफसाफ कह दिया, ”रंजीत, तुम्हारे साथ दोस्ती करना मेरी एक बहुत बड़ी भूल थी. अच्छा होगा कि तुम अब मेरी जिंदगी से दूर चले जाओ, मैं तुम्हारे साथ किसी भी हालत में शादी नहीं कर सकती. इस के बाद तुम मुझ से न तो कभी मिलना और न ही कभी बात करने की कोशिश भी करना.’’ किरणदीप के पिता रविंदर पाल ने भी रंजीत को खूब खरीखोटी सुनाई और उस से अपनी बेटी की जिंदगी से दूर रहने को कहा. इतना ही नहीं, उन्होंने रंजीत बाथ को वहां से भगा दिया.
किरणदीप ने सोचा था कि रंजीत अब उस की जिंदगी से चला जाएगा, मगर उस का अंदेशा गलत निकला और अगले ही दिन शाम को रंजीत नशे में धुत हो कर मेलबर्न के पश्चिमी उपनगर स्थित किरणदीप के घर के बाहर गालीगलौज व हंगामा करने लगा. नशे में धुत हो कर उस ने किरणदीप को चेतावनी देते हुए कहा कि वह जल्द से जल्द अपने पति से तलाक ले कर उस से शादी कर ले. यदि उस ने ऐसा नहीं किया तो वह उसे व उस के परिवार को जान से मार डालेगा. किरणदीप ने इस की शिकायत तुरंत मेलबर्न की विक्टोरिया पुलिस से कर दी, जिस के फलस्वरूप विक्टोरिया पुलिस ने रणजीत कहलों उर्फ रंजीत बाथ को गिरफ्तार कर लिया और जून 2024 के प्रथम सप्ताह में उसे आस्ट्रेलिया से निर्वासित कर भारत वापस भेज दिया.
जब रंजीत बाथ भारत वापस आया तो वह अकसर फोन पर किरणदीप को धमकी देता रहता था. रंजीत बाथ अगस्त के दूसरे सप्ताह में एक बार फिर किरणदीप से मिलने आस्ट्रेलिया गया, लेकिन उस के ऊपर गंभीर केस दर्ज होने के कारण उसे मेलबर्न हवाई अड्ïडे से ही वापस भेज दिया गया. उस के बाद रंजीत एक घायल शेर की तरह हिंसक हो गया और उस ने अपने भतीजे बलजिंदर सिंह के साथ रविंदर पाल की हत्या कर डाली. दरअसल, रणजीत किरणदीप के ऊपर उस से शादी के लिए दबाव बना रहा था कि यदि किरणदीप ने अपने पति को तलाक दे कर उस से शादी नहीं करेगी तो वह किरणदीप के परिवार वालों को मार डालेगा. किरणदीप ने इसे कोरी धमकी समझा और रणजीत की बात को कोई तवज्जो नहीं दी, लेकिन रणजीत ने अपने भतीजे के साथ मिल कर रविंदर पाल की गला घोंट कर हत्या कर दी और फिर वाट्सऐप पर किरणदीप को मैसेज भेज कर मर्डर की बात कुबूली और उस से माफी भी मांगी.
किरणदीप ने अपने भाई विक्रम को बताया कि उस ने आस्ट्रेलिया में भी रणजीत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है. उस ने विक्रम को वाट्सऐप के रणजीत के सभी मैसेज के स्क्रीन शौट भेज दिए थे और रणजीत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा. इस के बाद विक्रम 29 अगस्त, 2024 को लुधियाना के एसएसपी (ग्रामीण) नवनीत सिंह बैंस से पर्सनली मिला था और फिर रणजीत सिंह कहलों उर्फ रंजीत बाथ और उस के भतीजे बलजिंदर सिंह के खिलाफ मुल्लांपुर दाखा में हत्या का मामला 120 बीएनएस की धारा 103 (1), 3 (5) के तहत दर्ज करा दिया.
रविंदर पाल की हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस हत्यारों की तलाश में लगातार छापेमारी करने में लग गई थी. जिस के फलस्वरूप मुकदमा दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर ही 30 अगस्त, 2024 को पंजाब पुलिस ने रविंदर पाल की हत्या में शामिल पंजाबी सिंगर रंजीत बाथ के भतीजे बलजिंदर सिंह उर्फ गुल्ली उर्फ मोना को उस की स्कोडा कार सहित गिरफ्तार कर लिया. लेकिन रंजीत बाथ फरार हो चुका था.
कहानी लिखे जाने तक पंजाब पुलिस हत्या के आरोपी रणजीत सिंह कहलों उर्फ रंजीत बाथ को सरगर्मी से तलाश कर रही थी. दाखा मुल्लांपुर पुलिस पंजाबी सिंगर के कई ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी थी, मगर आरोपी पुलिस के हाथ नहीं आ पाया. यह शक भी जताया जा रहा है कि रंजीत बाथ कहीं विदेश तो नहीं भाग गया.
—कहानी पुलिस सूत्रों पर आधारित है.