भारत और कनाडा के बीच काफी समय से टकराव चल ही रहा था कि इस बार दोनों देशों के बीच एक नया कूटनीतिक टकराव ने मोड़ ले लिया है. इस टकराव के बाद भारत ने अपने राजनयिकों को सोमवार तक वापस बुलाने का फैसला लिया और कनाडा के राजनयिकों को साफसाफ कह दिया है कि वह 19 अक्तूबर, 2024 तक भारत छोड़ दे.

कनाडा का आरोप

कनाडा ने आरोप लगाया है कि भारत अपने ऐजैंट्स के माध्यम से कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी समर्थकों को निशाना बना रहा है, जिस में लौरेंस विश्नोई गैंग की सहायता ली जा रही है. कनाडा की रौयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने एक प्रैस कान्फ्रैंस का आयोजन किया. इस प्रेस कान्फ्रैंस में आरसीएमपी ने आरोप लगाया कि भारत सरकार के ऐजैंट्स कनाडा में सिख समुदाय और खालिस्तान समर्थक तत्त्वों को अपना निशाना बना रहे हैं.

सच क्या झूठ क्या

इस प्रैस कान्फ्रैंस के दौरान दावा किया गया है कि कनाडा में खालिस्तानी नेता निज्जर की हत्या पिछले साल हुई थी, जिसे भारत सरकार के ऐजैंट ने करवाई. आरसीएमपी ने यह भी कहा कि भारत सरकार विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों का उपयोग कर जानकारी जुटा रहा है और दक्षिण एशियाई समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाया जा रहा है. इन आरोपों को इसलिए देखा जा रहा है कि गुजरात के साबरमती जेल में विश्नोई बंद है.

बाबा सिद्दीकी

मुंबई में एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद इस मामले ने अब तुल पकड़ लिया है. भारत सरकार की विश्नोई गैंग की गतिविधियों को ले कर चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि विश्नोई गैंग उत्तर भारत के सभी हिस्सों में सक्रिय हो गया है. हालांकि भारत सरकार ने कनाडा के इन सभी आरोपों का विरोध किया और इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

वोट बैंक की राजनीति

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कनाडा सरकार को कई बार साफसाफ दोटूक में कहा है कि खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ है तो कोई सुबूत पेश करें, लेकिन कनाडा सरकार अभी तक कोई ठोस सुबूत पेश नहीं कर पाई है.

भारत सरकार ने कहा है कि यह सब कनाडा में होने वाले चुनाव के कारण राजनीतिक मुद्दा फैलाया जा रहा है क्योंकि जस्टिन ट्रूडो इस मुद्दे का फायदा उठा कर सिक्खों को अपनी और कर अपनी जीत हासिल करना चाहते हैं. कनाडा सरकार सिर्फ वोट पाने के लिए वोट बैंक की राजनीति कर रही है.

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