पत्नी पूनम चौधरी के छोड़ कर चले जाने के बाद हैडकांस्टेबल तनुज चाहर भिखारी बन कर उसे दरदर तलाशता रहा. उस की मेहनत रंग लाई. पूनम ने उस के साथ जाने को मना कर दिया तो वह 11 महीने के बच्चे को किडनैप कर ले गया. इस दौरान उस बच्चे और किडनैपर तनुज के बीच ऐसा आत्मीय संबंध बन गया कि…

तनुज चाहर अपने बेटे को पाने के लिए हर समय परेशान रहता था. वह अपने स्तर से पत्नी पूनम और बेटे का पता लगाने में जुट गया. आगरा के अकोला गांव का रहने वाला तनुज यूपी पुलिस में हैडकांस्टेबल था. उसे किसी तरह पता चल गया कि उस की पत्नी पूनम चौधरी बच्चे के साथ जयपुर में कहीं रहती है, लेकिन उसे उस का ठिकाना पता नहीं था. अपने मकसद को पूरा करने के लिए  वह भिखारी का वेश बना कर जयपुर में काफी दिनों तक रैकी करता रहा. इस के लिए उस ने जमीन को बिछौना और आसमान को चादर बना लिया था. रातें फुटपाथ पर और दिन गलियों में भिखारी बन कर भटकते गुजारने लगा. आखिर उस की कोशिश रंग लाई और उसे उस पूनम के ठिकाने का पता चल गया, जिस के लिए इतने दिनों तक वह भिखारी बन कर भटकता रहा था.

इस के बाद एक दिन वह अपने 3 दोस्तों के साथ कार से वाटिका (जयपुर) पहुंचा. उस समय घर में पूनम और उस का 11 महीने का बच्चा दोनों मौजूद थे. बच्चा घर के आंगन में खेल रहा था. तनुज ने पूनम से साथ चलने को कहा. लेकिन पूनम ने उस के साथ जाने से साफ इंकार कर दिया. इस पर तनुज पूनम के साथ मारपीट कर जबरन उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश करने लगा. पूनम भाग कर पड़ोस में रहने वाले अपने भाई के पास चली गई. वह भाई के साथ जब तक वापस लौटी, तब तक तनुज 11 महीने के बच्चे को उठा कर ले जा चुका था. यह बात 14 जून, 2023 की है.

पुलिस वाला क्यों बना किडनैपर

राजस्थान की राजधानी जयपुर के सांगानेर सदर थाना क्षेत्र स्थित वाटिका में रहने वाली पूनम चौधरी ने 14 जून, 2023 को ही थाने में पहुंच कर शिकायत की कि उस के 11 महीने के बेटे का अपहरण हो गया है. यह सुन कर थाने में हड़कंप मच गया. पूनम ने बताया, 4 किडनैपर्स अचानक उस के घर में घुस आए और उस के साथ मारपीट करने लगे और जबरन उसे अपने साथ ले जाने लगे, उन के चंगुल से छूट कर वह अपनी जान बचाने को पड़ोस में रहने वाले भाई के घर भाग गई.  इस बीच घर में खेल रहे उस के 11 महीने के बच्चे को वे लोग जबरन उठा कर ले गए. इन 4 किडनैपर्स में से एक तनुज चाहर उस के रिश्ते के मामा का बेटा है.

सांगानेर सदर पुलिस ने पूनम चौधरी की शिकायत पर तनुज चाहर व अन्य 3 अज्ञात किडनैपरों के खिलाफ बच्चे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली. इस के साथ ही पुलिस को छोटे बच्चे की उम्र को ध्यान में रखते हुए उस की जान के खतरे का भी अंदेशा था. इसलिए पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के साथ ही एडीशनल डीसीपी स्पैशल इनवैस्टीगेशन यूनिट क्राइम अगेंस्ट वूमन पूनम सिंह विश्नोई को भी इत्तला दे दी. इस के बाद तो स्पैशल टीम और सर्विलांस टीम भी सक्रिय हो गईं.  

पुलिस ने मासूम की तलाश और आरोपियों का पता लगाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन तनुज चाहर के खिलाफ नामजद रिपोर्ट होने के बावजूद भी पुलिस महीनों तक उस का पता नहीं लगा सकी.जयपुर पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि आगरा के बिसरा, अकोला का रहने वाला तनुज चाहर उत्तर प्रदेश पुलिस में हैडकांस्टेबल के पद पर कार्यरत है और घटना के समय उस की तैनाती अलीगढ़ पुलिस लाइन में थी. मुकदमा दर्ज होने और उस के फरार होने के बाद वह पुलिस की नौकरी से गैरहाजिर चल रहा था.

इसी बीच डीसीपी (साउथ) दिगंत आनंद ने उत्तर प्रदेश पुलिस को तनुज चाहर के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी. काफी समय तक गैरहाजिर रहने के चलते यूपी पुलिस ने तनुज को निलंबित कर दिया. जयपुर पुलिस ने तनुज चाहर के घर वालों और तमाम रिश्तेदारों से उस के बारे में जानकारी जुटाई. इस सब के बाद भी नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा. अपने कलेजे के टुकड़े का अपहरण आंखों के सामने हो जाने से पूनम व्यथित रहने लगी. दिन गए रात आई, रात गई दिन आया और इस तरह 14 महीने का समय गुजर गया.

किडनैपर हैडकांस्टेबल तनुज को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी, कहने को पुलिस की टीम लगातार आरोपी की तलाश में जुटी थी. 10 से ज्यादा बार पुलिस की टीमों को आरोपी की तलाश में भेजा गया. थकहार कर तब उस के फरार होने तथा नौकरी से गैरहाजिर रहने पर जयपुर पुलिस ने उस के ऊपर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया. वहीं न्यायालय से उस का गिरफ्तारी वारंट प्राप्त कर लिया.    

साधु वेश में क्यों रहता था किडनैपर

कुछ दिनों पहले जयपुर पुलिस को पता चला कि किडनैपर तनुज चाहर अपहृत बच्चे के साथ उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के वृंदावन परिक्रमा मार्ग के रास्ते में साधु बन कर फरारी काट रहा है. तनुज ने अपना हुलिया बदल लिया था. उस ने साधुओं की तरह अपने बाल व दाढ़ी बढ़ा ली थी और गेरुआ वस्त्र भी पहनता था. एक ही जगह पर रहने के बजाए वह अलगअलग जगहों पर डेरा डालता ताकि पुलिस की निगाह में आने से बच सके. चूंकि आरोपी तनुज स्वयं यूपी पुलिस की स्पैशल टीम और सर्विलांस टीम में तैनात रह चुका था, ऐसे में उसे पुलिस से बचने के हर तौरतरीके मालूम थे. वह पुलिस की बारीकी व पकडऩे के तरीके से वाकिफ था. इसीलिए उस ने साधु का वेश धारण कर लिया था. 

तनुज के बारे में मुखबिर से सुराग मिलने के बाद उसे पकडऩे के लिए जयपुर, अलीगढ़ और मथुरा पुलिस की संयुक्त टीम ने एक फुलप्रूफ योजना बनाई. इस में तेजतर्रार पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया. किडनैपर को पकडऩे के लिए पुलिस को उसी का स्टाइल अपनाना पड़ा. पुलिसकर्मियों ने भी किडनैपर तनुज की ही तरह साधु का रूप धारण किया. पुलिसकर्मियों ने दाढ़ी बढ़ाई, भगवा धोती और लुंगी पहनी.  साधु का वेश धारण कर के भजन गाते हुए जयपुर पुलिस टीम के सदस्य 22 अगस्त, 2024 से मथुरा के वृंदावन धाम के परिक्रमा मार्ग पर निगाहें गड़ाए थे. पुलिस को जो इनपुट मिला था, उसी के अनुसार पुलिस टीम एडीसीपी (साउथ) पूनमचंद विश्नोई के निर्देशन में सरगरमी से आरोपी तनुज को तलाश कर रही थी. 

इस बीच पुलिस एक गाइड के संपर्क में आई. गाइड को विश्वास में लिया और टूरिस्ट बन कर उस के साथ विभिन्न स्थानों पर तनुज की तलाश में घूमी. उस से पुलिस को लीड मिली. वहां कई सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिले, जिस में किडनैपर एक दुकान पर चाय पीते दिखा. वहीं एक फुटेज में वह बाइक से कहीं जाता दिखाई दिया. पुलिस समझ गई कि तनुज यहां साधु वेश बना कर अन्य साधुओं में घुलमिल गया है.

तनुज जयपुर पुलिस की इस जांचपड़ताल से बेखबर था. जयपुर पुलिस टीम के सदस्य 27 अगस्त, 2024 को तनुज के पास जैसे ही पहुंचे, किसी ने उसे फोन कर दिया. पुलिस की भनक लगते ही आरोपी तनुज बच्चे को गोद में ले कर खेतों में भाग गया. पुलिस टीम ने उस का 8-10 किलोमीटर तक पीछा कर के अंत में उसे अपहृत बच्चे सहित मथुरा के सुरीर थाना क्षेत्र के ख्यारा जंगल से पकड़ लिया. आरोपी तनुज व उस के कब्जे से अपहृत बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया. दोनों को अपने साथ पुलिस जयपुर ले गई. 

बच्चा क्यों नहीं होना चाहता था किडनैपर से दूर

जयपुर पुलिस ने 14 महीने पहले किडनैप हुए 11 महीने के बच्चे को ढंूढ निकाला. इस दौरान बच्चा 2 साल एक महीने का हो चुका था. पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर न्यायालय के आदेश पर उस की मां पूनम चौधरी को सौंप दिया. इस मामले में एक अनोखा नजारा तब देखने को मिला, जब बच्चे को आखिरी बार किडनैपर से मिलवाया गया. बच्चा किडनैपर के गले से लिपट गया. वह किडनैपर से दूर जाने के लिए तैयार नहीं था. बच्चा किडनैपर को ही अपना सब कुछ समझने लगा था. किडनैपर के गले से लिपटे बच्चे को किसी तरह अलग किया गया तो वह फूटफूट कर रोने लगा. 

ऐसा मार्मिक नजारा देख पुलिस स्टाफ  की आंखें भी भर आईं. बच्चे को रोते व खुद से अलग होते देख किडनैपर तनुज भी अपने आंसू नहीं रोक सका. उस ने बच्चे को ढांढस बंधाते हुए कहा, ”बेटा, मैं अभी आ रहा हूं, यहीं रहना तुम.’’ एक पुलिसकर्मी ने बच्चे को किडनैपर की गोदी से ले कर उस की मां के हवाले कर दिया. बच्चा अपनी जन्म देने वाली मां को नहीं पहचान रहा था. वह उस की गोदी में नहीं जाना चाहता था. मां की गोद में दिए जाने के बाद भी लगातार किडनैपर के पास जाने की कोशिश कर रहा था और लगातार रोए जा रहा था. उसे मां की गोद से ज्यादा किडनैपर की गोद प्यारी थी. 

14 महीने किडनैपर के साथ रहने पर बच्चे का तनुज से अनोखा रिश्ता बन गया था. बच्चे का तनुज के प्रति प्यार देख कर हर किसी के मन में सवाल आने लगा कि बच्चे का किडनैपर के साथ इतना लगाव क्यों है? बच्चा और किडनैपर इतने भावुक क्यों हो रहे हैंपुलिस ने आरोपी से पूछताछ की. तब बच्चे के अपहरण के संबंध में जो सच्चाई सामने आई, उस ने सभी को चौंका दिया. आइए, आप को 14 महीने पहले हुए इस बच्चे के अपहरण की कहानी के पीछे का सच बताते हैं.

तनुज और पूनम ने किया था प्रेम विवाह                 

खैर (अलीगढ़), उत्तर प्रदेश निवासी तनुज चाहर की पहली पत्नी ने उसे छोड़ दिया था. तनुज का जयपुर स्थित आर.के. सिटी, सदर निवासी रिश्ते की बुआ के यहां आनाजाना रहता था. पत्नी के छोड़ देने के बाद जयपुर में अपनी बुआ की बेटी पूनम, जो उस की फुफेरी बहन लगती थी, से उस के प्रेम संबंध हो गए. दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चलता रहा. अब जब भी दोनों एकदूसरे से मिलते प्यार भरी बातें करते और भविष्य के सपने संजोते. घर वालों को जब दोनों के प्यार के बारे में पता चला तो उन्होंने विरोध जताया. दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन पूनम के घर वाले इस शादी के लिए राजी नहीं हुए. 

इस के बावजूद तनुज और पूनम ने घर वालों की मरजी के खिलाफ साल 2021 में प्रेम विवाह कर लिया और अलीगढ़ आ कर रहने लगे. विवाह से पूनम के घर वाले खुश नहीं थे. इसी बीच पूनम ने एक बेटे को जन्म दिया. कुछ समय तो सब कुछ ठीकठाक चलता रहा, लेकिन फिर दोनों में अकसर विवाद होने लगा. इस घरेलू विवाद की जानकारी जब पूनम के मायके वालों को हुई तो वह पूनम और बच्चे को अपने साथ ले गए.  इसी बीच खाप पंचायत के डर से पूनम के घर वालों ने कुछ समय बाद पूनम की शादी जयपुर में ही दूसरी जगह अनूप चौधरी (परिवर्तित नाम) से कर दी. जब इस की जानकारी तनुज को हुई तो उसे यह बात बहुत नागवार गुजरी.

जब तक पूनम बच्चे के साथ मायके में थी, वह निश्ंचित था. उसे उम्मीद थी कि पूनम की नाराजगी एक दिन जरूर दूर कर वह उसे और बच्चे को अपने साथ ले आएगा. लेकिन उस के अरमानों पर पूनम की दूसरी शादी से पानी फिर गया था. इस के बावजूद वह अब भी पूनम को पहले की तरह प्यार करता था. वह चाहता था कि पूनम पिछली बातें भूल कर बच्चे को साथ ले कर उस के पास रहे. उस ने कई बार पूनम से यह बात कही, लेकिन पूनम अब उस के साथ रहने को किसी कीमत पर तैयार नहीं थी. वह अब अपने नए परिवार में पूरी तरह से रचबस गई थी.  

तनुज ने पूनम को पाने के लिए क्या किया

पूनम को अपने साथ रहने के लिए राजी करने को उस ने फोन किया, लेकिन पूनम ने कहा कि वह अब अपनी नई दुनिया बसा चुकी है. वह अपने पति व बच्चे के साथ खुश है. अब वह उसे भूल जाए. लेकिन तनुज के दिल में प्रेमिका से पत्नी बनी पूनम की यादें बसेरा बना चुकीं थीं. वह उसे एक क्षण भी भुला नहीं पा रहा था. तब तनुज ने दोस्तों के साथ योजना बनाई कि वह पूनम से बच्चे को ले कर उस के साथ चलने के लिए कहेगा. यदि वह तैयार नहीं हुई तो उसे जबरन अपने साथ लाएगा. इस से पहले पूनम और उस के पति के ठिकाने का पता करने के लिए भिखारी बन कर तनुज ने सारी जानकारी हासिल कर ली थी. 

वह 14 जून, 2023 को पूनम के घर पहुंचा और उस के राजी न होने पर बच्चे को ले कर फरार हो गया. उस का मानना था कि वह बच्चे को अपने पास रखेगा तो पूनम भी बच्चे की खातिर उस की बात मान लेगी और उस के साथ रहने को तैयार हो जाएगी. तनुज चाहर की फरारी के दौरान अलीगढ़ के गौंडा निवासी एक मित्र वृंदावन दर्शन करने आया था. उस की नजर तनुज पर पड़ी. उस ने कहा, ”तुम मेरे दोस्त तनुज जैसे लगते हो.’’ इस पर तनुज अपने मित्र को पहचान गया. तनुज मित्र के साथ उस के गांव गौंडा में भी कुछ दिन रहा. एक दिन तनुज ने बच्चे की मां पूनम को फोन मिलाया. फोन पर उस ने पूनम को अपने पास आने के लिए कहा. उस ने कहा कि बच्चा उस के पास सकुशल है. 

बस यही गलती उस पर भारी पड़ी. पुलिस ने पूनम का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा रखा था. अपने दोस्त के मोबाइल से तनुज ने पूनम को फोन किया था. पुलिस 14 महीने से तनुज को तलाश रही थी. वह उस की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय हो गई. गौंडा में तनुज के होने की जानकारी पर वहां छापा मारा. पुलिस गौंडा गांव पहुंची, लेकिन तनुज बच्चे को ले कर वहां से जा चुका था. दोस्त से पूछताछ पर पुलिस को तनुज के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिल गई थी. अपनी एक भूल से वह खुद पुलिस के जाल में फंस गया. इस के बाद पुलिस ने मुखबिरों को सक्रिय कर दिया. फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

बच्चे का अपहरण करने के बाद मथुरा, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, वृंदावन  में भागता व छिपता रहा. बच्चे को वह कृष्ण बनाता. उसे खिलौने व कपड़े दिलाता. अपने साथ दूध की बोतल झोले में रखता. 14 महीने तक वह वेश बदल कर भागता रहा. बच्चे की खातिर वह अपनी नौकरी पर भी नहीं गया. गिरफ्तारी से पहले वह वृंदावन और सुरीर क्षेत्र में रह रहा था. वेतन न मिलने के चलते पैसे की भी कमी हो गई थी. वह अपने पास की-पैड वाला मोबाइल रखता था. उसे जब किसी से बात करनी होती थी तो फोन चालू करता और बात करने के बाद स्विच औफ कर देता था. इस बीच उस ने अपने परिवार के लोगों से भी संपर्क नहीं किया. 

किडनैपर निलंबित हैडकांस्टेबल तनुज चाहर की गिरफ्तारी व उस के पास से सकुशल बच्चे को बरामद करने वाली पुलिस टीम में  एएसआई प्रेम, लोकेश, साहब सिंह, राजेश कांस्टेबल के अलावा सर्विलांस टीम के सदस्य शामिल थे. गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को डीसीपी ने इनाम दिए जाने की घोषणा की.

किडनैपर और बच्चे में क्या है संबंध

किडनैपर तनुज चाहर पकड़े जाने के बाद अब पुलिस रिमांड पर है. वह दावा कर रहा है कि बच्चा उस का ही है. उसे दिलवाया जाए. उस का कहना है कि पुलिस चाहे तो बच्चे और उस का डीएनए टेस्ट करवा ले. उधर बच्चे की मां पूनम आरोपी से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती है. डीसीपी (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया, मासूम बच्चे के अपहरण की यह घटना 14 जून, 2023 की है. 4 किडनैपर्स में से एक तनुज चाहर है, जो पूनम के मामा का बेटा है. अन्य 3 आरोपी अज्ञात हैं. सांगानेर सदर थाना पुलिस उन की तलाश कर रही थी. आरोपी खुद उत्तर प्रदेश पुलिस में हैडकांस्टेबल के पद पर तैनात था. 

अपने ही बेटे के अपहरण में पकड़े गए हैडकांस्टेबल तनुज का पहली पत्नी से 20 साल का बेटा है. तनुज के पिता भी पुलिस से रिटायर्ड हैं. तनुज ने बच्चे के अपहरण के बाद उस के साथ आगरा, मथुरा, वृंदावन, अलीगढ़ में फरारी काटी. बच्चे को ले कर वह फुटपाथ पर ही सोता था. वह समाज का हिस्सा बन कर नहीं रहता था. कहते हैं कि बच्चे का दिल और मन शीशे की तरह साफ होता है. जहां प्यार मिलता है, बच्चे उसी के हो जाते हैं. किसी प्रकार का अपनेपराए का भेदभाव नहीं करते.

खैर निवासी पहली पत्नी ने इस घटना के बाद पति तनुज चाहर के खिलाफ भरणपोषण का मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने आरोपी तनुज चाहर को न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. पुलिस द्वारा पूरी घटना की गहराई से जांच की जा रही है. वास्तव में यह घटना बच्चे के अपहरण से जुड़ी है या प्रेम प्रसंग का मामला है अथवा कोई अन्य राज है, किडनैपर ने बच्चे को 14 महीने तक अपनी कैद में रखने के बाद भी बच्चे को खरोंच तक नहीं आने दी. 

इस के साथ ही उस ने कोई फिरौती भी नहीं मांगी. बल्कि बच्चे के दूध, खानेपीने की चीजों के अलावा कपड़े व खिलौने ला कर भी दिए. ऐसा सिर्फ फिल्मों में होता है.

कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

 

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