महानगर हों या नगर देहव्यापार ने हर जगह पैर फैला रखे हैं, आश्चर्य की बात तो यह है कि ऐसे युवाओं की भी कमी नहीं है, जो अफ्रीकी देशों की लड़कियों को पसंद करने लगे हैं, क्योंकि ये उन्मुक्त हो कर…
देह व्यापार की दुनिया में दखल और दिलचस्पी रखने वाला भोपाल का कोई बिरला शख्स ही होगा जो सना को न जानता हो. भोपाल की इस महिला की अपनी एक पहचान है, क्योंकि वह कालगर्ल्स और कस्टमर के बीच पुल का काम करती है. सना के पास हजारों उन लड़कियों के मोबाइल नंबर हैं, जो पार्ट या फुल टाइम देह व्यापार के जरिए पैसे कमाना चाहती हैं. सना के पास हजारों ऐसे ग्राहकों के भी नंबर हैं, जिन्हें कभीकभार सैक्स सर्विस की जरूरत पड़ती है. ये लोग बेहतर जानते हैं कि भोपाल में मनपसंद लड़की अगर कोई मुहैया करा सकता है तो वह केवल सना ही है.
सना कई खूबियों की मालकिन है, और उस की इन खूबियों को भोपाल के लोग ही नहीं पुलिस वाले भी जानते हैं. भोपाल में लंबे अर्से से सैक्स रैकेट चला रही सना ने पुलिस को छकाने का नया तरीका खोज निकाला है, वह भोपाल में ही ठिकाने बदलबदल कर अपना धंधा चलाती है. 4-6 महीने में वह पहला ठिकाना छोड़ कर दूसरे पर जा बैठती थी. इस साल फरवरी के महीने में सना ने निशातपुरा इलाके के विश्वकर्मा नगर को चुना था, जहां से कभी भोपाल शहर शुरू होता था. विश्वकर्मा नगर में मध्यमवर्गीय लोगों की भरमार है जो शराफत और सुकून की जिंदगी जीते हैं.
भोपाल के होशंगाबाद रोड निवासी और पेशे से ट्रांसपोर्टर रमेश शर्मा ने सना को विश्वकर्मा नगर स्थित अपना मकान साढ़े 5 हजार रुपए महीना किराए पर दिया था. तब उन्हें इल्म तक नहीं रहा होगा कि खुद को अकेली और बेसहारा बता रही यह खूबसूरत बला उन्हें किस झमेले में डालने वाली है. बीती 11 मई की अलसुबह भोपाल गरमी और उमस से बेहाल था. जब आसमान से उजाला उतरने लगता है, तब पुलिस थानों में ड्यूटी बजा रहे पुलिसकर्मी भी अंगड़ाइयां लेते हुए सोचते हैं कि चलो आज की रात बगैर किसी भागदौड़ी के गुजर गई. सुबह 5 बजे तक अगर किसी संगीन वारदात की खबर न मिले तो पुलिस वाले बेफिक्र हो जाते हैं, क्योंकि इस वक्त से ले कर दोपहर 12 बजे तक जुर्म न के बराबर होते हैं.
निशातपुरा थाने के टीआई चैन सिंह भी चैन की सांस लेते हुए घर जाने की सोच रहे थे, तभी उन के पास सीएसपी लोकेश सिन्हा का फोन आया. फोन पर मिले निर्देशानुसार वे तुरंत पुलिस टीम के साथ विश्वकर्मा नगर की तरफ रवाना हो गए. लोकेश सिन्हा की बातों से उन्हें इतना ही समझ में आया था कि विश्वकर्मा नगर के एक मकान में देह व्यापार चल रहा है, जिस में कुछ विदेशी युवतियां भी शामिल हैं. लोकेश सिन्हा को यह शिकायत विश्वकर्मा नगर के एक संभ्रांत और जिम्मेदार नागरिक ने दी थी. मामला चूंकि गंभीर और देह व्यापार का था, इसलिए उन्होंने अपनी टीम में थाने में मौजूद महिला पुलिसकर्मियों को भी शमिल कर लिया.
पुलिस टीम जब बताए हुए ठिकाने पर पहुंची तो मकान की कुंडी बाहर से बंद थी, जो मोहल्ले वालों ने बंद कर दी थी. दरवाजा खोल कर पुलिस टीम अंदर पहुंची तो वहां का नजारा देख कर सकते में आ गई. 6 युवतियां और 5 पुरुष ब्लू फिल्मों जैसी आपत्तिजनक अवस्था में एकदम जंगली और वहशियाना तरीके से सैक्स कर रहे थे. शायद पुलिस वालों ने भी अप्राकृतिक सहवास के ऐसे दृश्य पहली दफा देखे थे. सैक्स के इस खेल में कोई बंदिश नजर नहीं आ रही थी. अप्रत्याशित रूप से पुलिस टीम को आया देख कर इन युवक युवतियों में दहशत और अफरातफरी मच गई. हर कोई अपने आप को ढकने की कोशिश में लग गया. 2 लड़कियां तो चादर में मुंह छिपा कर सो गईं.
पुलिस टीम ने वक्त न गंवा कर काररवाई शुरू की तो मौजूद युवक हिम्मत जुटा कर बहसबाजी पर उतर आए. उन का कहना था कि वे अपने एक दोस्त की बर्थडे पार्टी मनाने के लिए इकटठा हुए थे और रात ज्यादा हो जाने के कारण यहीं रुक गए थे. इस के अलावा उन्होंने यह कह कर भी पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की कि वे पतिपत्नी हैं, पतिपत्नी के बीच यूं दखल देने का हक पुलिस को भी नहीं है. लेकिन जब पुलिस वालों ने पतिपत्नी होने के सबूत मांगे तो उन की सिट्टीपिट्टी गुम हो गई. बाकी 9 लोग तो कपड़े पहन कर लाइन में खड़े हो गए, लेकिन मुंह ढक कर सोई 2 युवतियां चुपचाप चादर ओढ़े बिना हिलेडुले पड़ी रहीं.
पुलिस वालों ने जब चादर हटाई तो उन्हें देख चौंक गए, क्योंकि वे अफ्रीकन थीं, जिन्हें लोग नीग्रो भी कहते हैं. इधर पुलिस ने युवक युवतियों के भागने का कोई रास्ता नहीं छोड़ा था इसलिए वे हल्ला मचाने के बाद खामोशी से आगे की काररवाई का इंतजार करने लगे. पूछताछ के पहले मकान की तलाशी की औपचारिकता में आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई, जिन में कंडोम, नशे की सामग्री और सैक्स पावर बढ़ाने वाली दवाइयां भी थीं. अब शक की कोई गुंजाइश नहीं रह गई थी कि देह व्यापार की खबर गलत नहीं थी.
उस में विदेशी युवतियों के लिप्त होने की बात भी सच थी. आपत्तिजनक सामान जब्त करने के बाद पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू की तो पता चला कि इस सैक्स रैकेट की सरगना सना नाम की चर्चित महिला है. युवकों के नाम अनवर मछली, बुधवारा निवासी सादिक और फैजान खान के अलावा कोहेफिजा निवासी जैद, आयाज खान व तलैया निवासी सलमान खान थे. रमजान का पाक महीना शुरू होने से पहले ही ईद मना रहे इन युवाओं के बाद जब 4 देसी और 2 विदेशी कालगर्ल्स से पूछताछ की गई तो कुछ नई बातें भी उजागर हुईं. सना तो खामोशी से आगे की सोचती रही, लेकिन अफ्रीकन युवतियों ने खुद को युगांडा का नागरिक बता कर अपने वीजा पर आने की बात कबूली.
भोपाल की 3 लड़कियों ने भी सच उगलने में ही भलाई समझी कि वे पेशेवर कालगर्ल्स हैं और भोपाल के होटलों व बार में डांस करती हैं. डांस करते करते ही वे ग्राहक फंसाती थीं और उन के मोबाइल नंबर ले कर बाद में सौदेबाजी करती थीं. शुरुआती पूछताछ में भी पता चला कि हर एक लड़की को एक रात के लिए 1500 रुपए से ले कर 5000 रुपए मिलने थे. जबकि युगांडाई युवतियों को कुछ ज्यादा रकम मिलनी थी, क्योंकि वे बिना किसी हिचक के अप्राकृतिक और ओरल सैक्स भी करती थीं.
भोपाल में युगांडा की ये कालगर्ल्स कटारा हिल्स जैसे पौश इलाके में रह रही थीं और पिछले 2 महीनों से सना की सरपरस्ती में देह व्यापार कर रही थीं. ये दोनों मुंबई से भोपाल अपनी एक हमवतन युवती से मिलने आई थीं. चूंकि पैसों की जरूरत थी, इसलिए वे जिस्म फरोशी के धंधे में आ गई थीं. ये दोनों बहुत फिल्मी तरीके से सना के संपर्क में आई थीं. आमतौर पर अफ्रीकी यानी नीग्रो लोग सार्वजनिक स्थलों पर दिखने से बचने की कोशिश करते हैं तो इस की कई दीगर वजहें भी हैं. लेकिन इन्हें कभी कभार खानेपीने गांधीनगर स्थित एक रेस्टोरेंट में जाना पड़ता था, जहां उन की जानपहचान जैद नाम के शख्स से हुई.
जैद की पहल पर इन की दोस्ती एक अन्य युवती से हो गई. इसी युवती ने इन दोनों को देह व्यापार में आने के लिए राजी किया. पकड़ी गई भोपाली युवतियों ने इस का राज भी यह बता कर खोल दिया कि भोपाल में इन दिनों अफ्रीकन लड़कियों के शौकीनों की तादाद बढ़ रही है. इस के पीछे मर्दों की यह सोच है कि अफ्रीकन यानी काली लड़कियां सैक्स में माहिर होती हैं और अप्राकृतिक व ओरल सैक्स से परहेज नहीं करतीं. इस के अलावा इन के सामान्य से बड़े आकार के स्तन भी पुरुषों को बहुत लुभाते हैं. एक कालगर्ल का कहना था कि मर्द जो कुछ ब्लू फिल्मों में देखते हैं, वह खुद भी वैसा ही करना चाहते हैं. लेकिन आमतौर पर देसी कालगर्ल्स इस तरह के जंगली सैक्स से परहेज करती हैं, इसलिए युगांडाई युवतियों को फंसाया गया या राजी किया गया, कहना मुश्किल है. हां, सैक्स में प्रयोग का यह शौक पांचों युवकों को महंगा पड़ा.
सना के बयान इस मामले में काफी अहम थे, जिस ने यह तो माना कि उस के संपर्क में कई लड़कियां थीं, इन में भी कालेज गर्ल्स खास तादाद में हैं. ये लड़कियां फुल टाइम देह व्यापार नहीं करतीं बल्कि महीने में एकदो दफा सर्विस देती हैं. वे एक दो दिन ही सना के ठिकाने पर रुकती थीं और पैसा मिल जाने पर चली जाती थीं. बारबार सना की मोहताजी से बचने के लिए ये लड़कियां ग्राहकों से उन के मोबाइल नंबर ले कर उन की मांग के मुताबिक सर्विस देती थीं. सना ने यह भी बताया कि उस के पास आने वाली अधिकांश लड़कियां भोपाल के आसपास के शहरों की होती थीं, हालांकि उन में कुछ भोपाल की भी थीं.
यह मानने से उस ने एकदम इनकार कर दिया कि वह या उस की नियमित कालगर्ल्स कालेजों और दूसरी सार्वजनिक जगहों पर जा कर लड़कियों को देहव्यापार के लिए उकसाती या फंसाती थीं. उस के मुताबिक यह मरजी और जरूरत का सौदा था. जिस में उस का रोल केवल एक मध्यस्थ का हुआ करता था. भोपाल के होटलों व बार में डांस करने वाली बाकी 3 लड़कियां अपने लिए खुद ग्राहक फंसातीं, या ढूंढती थीं, इन में से चूंकि अधिकांश के पास खुद का कोई ठिकाना नहीं होता था, इसलिए वे अपने ग्राहकों को सना के ठिकाने पर ले आती थीं. जब युगांडा की कालगर्ल्स की और छानबीन की गई तो पता चला कि वे मैडिकल वीजा पर भारत आई थीं. इन में से एक को पथरी थी और दूसरी को एलर्जी की शिकायत. भारत आने पर इन्होंने मैडिटेशन सीखने की बात कही थी. पर ये किस तरह का ध्यान लगा या लगवा रही थीं, यह 11 मई की सुबह उजागर हो गया.
पकड़ी गई कालगर्ल्स ने यह भी बताया कि अप्राकृतिक और ओरल सैक्स के चलते सना की दुकान लगातार गुलजार हो रही थी, जिसे उस ने पावर पौइंट का नाम दिया था. सना ग्राहकों की मर्दाना ताकत आजमाने के लिए कहती थी कि जो मर्द इन अफ्रीकन लड़कियों को संतुष्ट कर देगा वही असली और सच्चा मर्द है. पांचों सच्चे और असली मर्द जो आपस में दोस्त भी हैं, अब हवालात और अदालत के चक्कर काट रहे हैं. पुलिस युगांडा के दूतावास से युगांडाई युवतियों के बाबत उन के देश से जानकारियां इकट्ठा कर रही है.
हालफिलहाल यह आशंका निर्मूल साबित हुई कि देहव्यापार के अलावा वे किसी और तरह से भी संदिग्ध हैं. इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कटारा हिल्स में रहने वाली युगांडा की ही तीसरी युवती फरार हो जाने के कारण गिरफ्तार नहीं हो पाई थी, जिस के यहां ये दोनों कालगर्ल्स आ कर ठहरी थीं.