डिजिटल क्रांति आने के बाद साइबर अपराध तेजी से बढऩे लगा है. सैकड़ों मील दूर बैठे साइबर अपराधी बड़ी आसानी से लोगों और संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं. वेब सीरीज ‘हैक क्राइम्स औनलाइन’ में डायरेक्टर परमीत सेठी ने इस समस्या से रूबरू कराने की कोशिश तो की है, लेकिन…
डायरेक्टर: परमीत सेठी, लेखक: साइबर क्राइम एक्सपर्ट अमित दूबे, कलाकार:विपुल गुप्ता, रिद्धि कुमार, आकाश अय्यर, अखिल खट्टर, सज्जाद हुसैन खान, महेश फाल्के, दिशा अरोरा, लीला शर्मा आदि
आजकल साइबर अपराध से लगभग हर कोई डरा हुआ है. क्योंकि इस में अपराध करने वाला सामने नहीं होता. जिस के साथ अपराध होता है, उसे भी अपने साथ अपराध होने का पता देर से चलता है. और जब पता चलता है तो उस की समझ में नहीं आता कि वह किस के खिलाफ और कहां शिकायत करे.
ऐसे ही कुछ अपराधों को ध्यान में रख कर परमीत सेठी साइबर क्राइम एक्सपर्ट अमित दूबे के उपन्यास पर आधारित एक वेब सीरीज ले आए हैं- हैक क्राइम औनलाइन, जिसे ओटीटी प्लेटफार्म अमेजन मिनी टीवी पर 9 एपिसोड में दिखाया जा रहा है. इस में ठीक से यह भी नहीं दिखाया गया कि अपराध कैसे होता है और उस से कैसे बचा जा सकता है. आम आदमी के पास कंप्यूटर नहीं होता, वह अपना काम मोबाइल से करता है. इसलिए सब से पहले तो वे अपराध दिखाए जाने चाहिए, जो मोबाइल धारकों के साथ होते हैं. उन के साथ होने वाले साइबर अपराधों से वह कैसे बचे. लेकिन इन बातों पर ध्यान न दे कर वेब सीरीज में ऐसे अपराध दिखाए गए हैं, जो उन के काम के नहीं है.
एपिसोड नंबर 1
पहले एपिसोड की शुरुआत में दिखाया जाता है कि एक आदमी एक बिल्डिंग में एक लड़की का फोन हैक कर के उस के एकाउंट से 7,20,000 रुपए दूसरे के एकाउंट में ट्रांसफर कर देता है. इस के बाद साइबर क्राइम के औफिस को दिखाया जाता है, जहां एसीपी आशुतोष सभी को बताता है कि पिछले साल सवा लाख क्राइम के मामले दर्ज हुए थे, जिन में से मात्र 125 मामले ही सौल्व हो पाए थे. यह पुलिस विभाग के लिए कितने शर्म की बात है. इस के बाद वह अपने डीसीपी से कहता है कि अगर हम अपना एक टास्क फोर्स बना सकें तो हम साइबर क्राइम पर अंकुश लगा सकते हैं.
एसीपी आशुतोष की भूमिका अभिनेता विपुल गुप्ता ने की है. लेकिन एक पुलिस अधिकारी को जो छाप छोडऩी चाहिए, वैसा वह नहीं कर पाया है. इस के बाद एक लड़की को दिखाया जाता है, जिसे पुलिस ने पकड़ रखा था. आशुतोष उस से पूछता है कि वह हैकर कैसे बनी? दरअसल, उस ने कोई बड़ी चीज हैक की थी. इस के बाद वह लड़की अपनी कहानी बताती है.
उस ने बताया कि उस के पापा के सुसाइड के बाद उस के चाचा ने उसे और उस की मां को घर से निकाल दिया था. पैसों के लिए उस की मां लोगों के घर खाना बनाने लगी थी तो उस ने एक साइबर कैफे में नौकरी कर ली थी. वहीं से उस ने एक लड़के से हैकिंग के बारे में जाना. इस के बाद आशुतोष ने उस से पूछा कि उस ने कुलकर्णी के पैसे क्यों लूटे? यहां पता चलता है कि शुरुआत में पैसे ट्रांसफर करने वाला जो दृश्य दिखाया गया था, उस में इसी लड़की ने रुपए ट्रांसफर किए थे. इस ने कुलकर्णी से बदला लेने के लिए यह सब किया था. क्योंकि उस ने उस की मां की बेइज्जती कर के अपने घर से निकाला था. जिस के बाद उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी. तब इस लड़की ने उस के पैसे एक एनजीओ को ट्रांसफर कर दिए थे.
यहां डीसीपी हुसैन के बारे में पता चलता है कि वह साइबर सिक्योरिटी का हैड तो है, लेकिन उसे इस सब के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है. डीसीपी हुसैन की भूमिका सज्जाद हुसैन खान ने की है. एसीपी काम्या काफी तेजतर्रार पुलिस वाली दिखाई देती है. वह उस लड़की को क्रिमिनल कहती है तो आशुतोष कहता है कि नहीं, यह लड़की उन के काम आ सकती है. यहां पता चलता है कि उस लड़की का नाम शक्ति चौधरी है. इस के बाद आशुतोष शक्ति को जेल से सीधे एक हैकर हाल में ले आता है, जहां कई हैकर पार्टीसिपेट कर रहे थे. इसे पुलिस ने ही आर्गेनाइज करवाया था.
यहां आशुतोष ने शक्ति से कहा कि अगर वह यह कंपटीशन जीत जाती है तो उसे छोड़ दिया जाएगा अन्यथा उस का नाम किसी बड़े गैंग के साथ जोड़ दिया जाएगा, जो औनलाइन क्राइम करते हैं. उस लड़की यानी शक्ति का रोल रिद्धि कुमार ने किया है. फिर एक बड़ी कंपनी का मालिक कंपटीशन के बारे में बताता है कि सभी को एक कंपनी का सर्वर हैक करना है. जो यह काम सब से पहले करेगा, उसे 3 लाख रुपए इनाम दिए जाएंगे. यह सुन कर वहां आए सभी हैकर हैकिंग में जुट जाते हैं.
पुलिस टीम यह सब टीवी पर देख रही थी कि कौन हैकर क्या ट्रैक करता है. तभी एक हैकर सभी के कंप्यूटर पर वायरस छोड़ देता है कि कोई उस से आगे न निकल पाए. शक्ति उसे गुस्से से घूरने लगती है. आशुतोष की टीम हंसने लगती है कि यह लड़का कितना शातिर है. शक्ति को एक आइडिया आता है और वह फोन उठा कर वहीं घूमने लगती है. वह लड़का उस कंपनी के सर्वर को हैक करने ही वाला था कि काम्या को पता चल जाता है. इस दौरान डीसीपी हुसैन कंपनी के मालिक से पूछते हैं कि उन्हें चिंता नहीं है कि ये लड़के उन की कंपनी का सर्वर हैक कर के सारी इन्फार्मेशन निकाल लेंगे.
इस पर वह आदमी बताता है कि यह तो फेक सर्वर है, जिस में कुछ भी मिलने वाला नहीं है. अगर यह सर्वर हैक होता है तो उसे इस की कमियों का पता चल जाएगा, जिस से वह इसे और सुरक्षित बनाएगा. तभी वह लड़का थोड़ी देर में सर्वर हैक कर के विनर बन जाता है. जबकि शक्ति तब तक फोन पर ही लगी थी. जब प्राइज देने की बात आती है तो कंपनी का आदमी बताता है कि उस की कंपनी का असली सर्वर किसी ने हैक कर लिया है. पता चलता है कि यह काम शक्ति ने किया था. इस के बाद शक्ति को बैठा कर पूछा जाता है कि उस ने यह सब कैसे किया?
शक्ति बताती है कि उस ने देखा कि उस सर्वर पर तो ट्रैफिक है ही नहीं, इस से उसे पता चल गया कि वह फेक सर्वर है. तब उस ने इंटरनेट से कंपनी के वेंडर की लिस्ट निकाली और एक वेंडर को बातों में फंसा कर उस की ईमेल आईडी ले ली. जिस के बाद सर्वर को हैक करने के लिए उस वेंडर के ईमेल पर पेमेंट लेने के लिए एक मैसेज भेजा और जैसे ही उस वेंडर ने पेमेंट लेने के लिए उस पर क्लिक किया, उन का पूरा सर्वर हैक हो गया. यह देख कर आशुतोष शक्ति से प्रभावित होता है कि यह लड़की तो बहुत तेज है. वह उस से अपने औफिस में नौकरी करने के लिए कहता है. यह भी कहता है कि उसे 25 हजार रुपए महीने वेतन मिलेगा. उस का काम सिर्फ इतना होगा कि उसे साइबर क्राइम करने वालों को पकडऩा होगा.
लेकिन शक्ति नौकरी के लिए मना कर के चली जाती है. घर पहुंचने पर मां कहती कि मकान मालिक किराया मांग रहा था. अगर उसे किराया नहीं दिया तो उन्हें यह कमरा खाली करना होगा. आगे उस ने यह भी कहा कि उस ने एकदो घर में झाड़ूपोछा का काम देखा है. अगर उसे यह काम भी मिल गया तो वह इस काम को भी कर लेगी. शक्ति चुपचाप खड़ी मां की बात सुनती रहती है. अगले दिन सवेरे शक्ति आशुतोष के पास जाती है और उस से कहती है कि वह नौकरी करने के लिए तैयार है. आशुतोष भी मान जाता है.
इस के बाद एक ऐक्ट्रैस सोनम को दिखाया जाता है, जो अपनी नई बुक लांच कर रही थी ‘इंडियन पैरेंटिंग बाइबल’. वह वहां बड़ीबड़ी बातें कर रही थी कि बच्चों को कैसे पालना चाहिए. इस के बाद वह जैसे ही कार में बैठती है, उस के बेटे की वीडियो काल आती है और वीडियो काल पर ही वह मर जाता है. सोनम उसे देखती रह जाती है. उस दिन शक्ति पहले दिन अपनी नौकरी पर पहुंची तो वहां ऐक्ट्रेस सोनम के बेटे की मौत की मिस्ट्री पर बात चल रही थी. वहां शक्ति के साथ वह विनर हैकर भी बैठा था, जिस का नाम जिगर पटेल था. काम्या बताती है कि उस की मौत ड्रग्स के कारण हुई थी, जिसे गामा रोड वेबसाइट से और्डर किया गया था, जिस का सप्लायर कोई बबल गम था. विनर हैकर जिगर का रोल आकाश अय्यर ने किया है.
गिरीश, शक्ति और जिगर को मिला कर एक टीम बना दी जाती है. गिरीश की भूमिका अखिल खट्टर ने की है. उसे देख कर यही लगता है कि जिस तरह एसीपी का करीबी होने की वजह से हैकर की टीम में शामिल किया गया था, उसी तरह शायद वह डायरेक्टर का करीबी रहा होगा, जिस की वजह से उसे सीरीज में काम दिया गया. रात को आशुतोष अपने बेटे के साथ बैठा है. यहां यह पता चलता है कि आशुतोष की पत्नी मर चुकी है. इसलिए उस का बेटा अमय अपने पापा का पूरा खयाल रखता है कि उस के पापा को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.
अगले दिन सभी लोग आ कर उसी गामा रोड की वेबसाइट पर लग जाते हैं. जिगर कहता है कि गामा रोड की ही तरह हिप्पी नाम की एक अन्य वेबसाइट है, जिस पर ट्रैफिक तो कम है, लेकिन बबल गम उस पर ड्रग्स बेचता है. यह सब शक्ति सुन रही थी. आशुतोष ने कहा कि उन्हें गामा रोड पर ही फोकस करना है, क्योंकि बबल गम का एडमिन उसी से पकड़ा जाएगा. यह कह कर आशुतोष जाने लगता है तो जिगर कहता है कि सर यहां एक एसी लगवा दीजिए, वरना मशीनें गरम हो कर फट जाएंगीं. लेकिन आशुतोष यह सुन कर चुपचाप वहां से चला जाता है. दूसरी ओर सोनम बेटे की मौत से काफी परेशान थी, क्योंकि उस का कातिल नहीं मिल रहा था.
एक पुलिस वाला शिंदे पेड़ पर बैठ कर उस ड्रग्स वाले का इंतजार करता है, पर वहां कोई नहीं आता. इस पर जिगर उस वेबसाइट पर पूछता है कि कोई माल लेने क्यों नहीं आया? उसे जवाब मिला कि वे बंदरों से माल नहीं लेते. दरअसल, ड्रग्स लेने वालों ने पुलिस को पेड़ पर बैठे देख लिया था. तभी शक्ति को एक आइडिया आता है और उस ने गामा रोड वेबसाइट के बजाय हिप्पी वेबसाइट पर ट्राई मारी और उस ने बबल गम की लोकेशन ट्रैस कर ली. जिस के बाद शिंदे के साथ आशुतोष वहां पहुंच जाता है और एक आदमी को पकड़ लाता है.
जब उस आदमी को रिमांड पर लिया जाता है तो वह आदमी उस वेबसाइट के बारे में सब बता देता है. इस के बाद शक्ति बबल गम की आईडी खोल लेती है और वहां मारियो मिलता है, आशुतोष जिसे पकडऩे की बात करता है. तब गिरीश बताता है कि इस का नाम मारियो से पहले स्पाइडर था. इस के बाद गिरीश, जिगर और शक्ति उस के बारे में सब पता कर लेते हैं. लेकिन उस डीलर को पकडऩा इतना आसान नहीं था. सभी अपना भेष बदल कर जाते हैं. वहां पहुंच कर एक पुलिस वाला योजनानुसार कार को मारियो के घर में घुसा देता है और शोर मचाने लगता है.
शोर सुन कर जैसे ही मारियो बाहर आता है तो ये लोग उस का फोन छीनने लगते हैं, जिस से पूरी इन्वेस्टिगेशन मिल जाए. पर मारियो अपना फोन तोड़ देता है. इस के बाद हिप्पी वेबसाइट के माध्यम से सारे ड्रग डीलर पकड़े जाते हैं. इन्हीं में सोनम के बेटे का कातिल भी पकड़ा जाता है. इस तरह इस मामले का खुलासा हो जाता है.
एपिसोड नंबर 2
दूसरे एपिसोड की शुरुआत में एक लड़की रूही अपने पापा से फोन पर बात करती है. उस के पापा उसे मोटीवेट करते हैं कि इस बार उस का क्रिकेट टीम में सिलेक्शन नहीं हुआ तो कोई बात नहीं, अगली बार ट्राई करना. तब रूही रोते हुए फोन काट देती है, जिस से उस के पापा को चिंता हो जाती है. पता चलता है कि शाम को रूही ने सुसाइड कर लिया था. इस के बाद शक्ति और उस की मां से मकान मालिक किराया मांग रहा था, तब शक्ति कहती है कि वह गांव वाली जमीन बेच कर अपना मकान लेगी. तब उस की मां उसे डांट कर चली जाती है.
आगे दिखाया जाता है कि साइबर सिक्योरिटी डिपार्टमेंट में रूही के पापा आशुतोष से मिलने आए थे, तब पता चलता है कि वह ब्रिगेडियर रह चुके थे. वह आशुतोष से कहते हैं कि उन की बेटी ने सुसाइड क्यों किया, इस की वजह उन की समझ में नहीं आ रही है, इसलिए वह उन से मदद चाहते हैं. इस के बाद आशुतोष की टीम के सदस्य रूही का वाट्सऐप से ले कर टेलीपोस्ट तक चैक करते हैं. पर उन्हें कोई सबूत नहीं मिलता. यहां तक कि उस का फोन भी पूरी तरह क्लियर था, जिसे देख कर शक्ति का शक बढ़ जाता है कि गड़बड़ तो जरूर है. गिरीश कहता है कि रूही के फ्रेंड का कहना है कि इधर 2 महीने से वह बदलीबदली लग रही थी, जैसे किसी उलझन में रही हो.
तब जिगर ने कहा कि इंस्टाग्राम पर भी वह अकसर पोस्ट डाला करती थी, पर इधर 2 महीने से उस ने कोई पोस्ट नहीं डाली थी. इस का मतलब था कि गड़बड़ इन्हीं 2 महीनों में हुई थी. इस के बाद एक लड़की के फोन पर एक मैसेज आता है, जिसे देख कर वह घबरा जाती है और अपनी मम्मी तथा पापा को देखने लगती है. दूसरी ओर आशुतोष की टीम रूही के फोन का डिलीट डाटा रिकवर करती है, जिस में रूही की प्राइवेट फोटो मिलती है और उसी में रूही ने एक वीडियो बनाई थी, जिस में वह रोते हुए माफी मांग रही थी.
यह देख कर सभी समझ जाते हैं कि कोई उसे ब्लैकमेल कर रहा था. इस के बाद शक्ति और आशुतोष काम्या को बताते हैं कि जो लोग रूही के फोटो लाइक कर रहे थे, उन में राहुल नाम की आईडी मिली है, जिस के फेक फालोअर्स थे. उस के बारे में पता किया गया तो पता चला कि आजकल वह किसी पिया नाम की लड़की के फोटो पर वैसे ही कमेंट कर रहा था. जिगर बताता है कि पिया के फोटो से उस के स्कूल के नाम का पता चल गया है. इस के बाद आशुतोष और शक्ति पिया से बात करने के लिए उस के स्कूल जाते हैं, ताकि यह पता चल सके कि राहुल उसे ब्लैकमेल तो नहीं कर रहा.
आशुतोष स्कूल की प्रिंसिपल से मिल कर पिया को बुलवाने के लिए कहता है, साथ ही पिया के पैरेंट्स को भी बुला लेता है. चपरासी आ कर बताता है कि पिया छत पर खड़ी कूदने को तैयार है, जिस के हाथ से खून बह रहा है और उस के हाथ में कंपास है. शक्ति भी उसे ढूंढ रही थी. पिया के हाथ से कंपास छूट कर नीचे गिरता है तो शक्ति उसे देख लेती है. वह भाग कर ऊपर पहुंचती है और पिया को कूदने से रोकती है. तब तक आशुतोष भी ऊपर पहुंच जाता है और आ कर पिया को खींच लेता है, जिस से पिया बच जाती है. आशुतोष पिया से पूछता है कि इस ब्लैकमेलिंग की शुरुआत कैसे हुई थी? पिया बताती है कि कुछ दिन पहले राहुल की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी, जिसे उस ने एक्सेप्ट कर लिया था. इस के बाद दोनों में बातें होने लगी थीं. इस के बाद दोनों टेलीपोस्ट पर भी बातें करने लगे थे.
कुछ दिनों में दोस्ती गहरी हो गई तो राहुल उस की प्राइवेट फोटो मांगने लगा. अब तक राहुल उसे पसंद आ गया था, इसलिए वह अपनी प्राइवेट फोटो उसे खुशीखुशी देती रही. इस के बाद वह उस से गलत काम भी करवाने लगा. राहुल कहता था कि उसे उस के मम्मीपापा का ही नहीं, सारे लोगों के नंबर पता हैं. इसलिए उस की धमकी सुन कर न चाहते हुए भी उसे वह सब करना पड़ता था, जो राहुल कहता था. इस के बाद शक्ति उस का फोन चैक कर के बताती है कि यह है वह वायरस, जिसे उस ने फोटो के जरिए भेजा था और इस के माध्यम से उस ने उस के फोन की सारी इन्फार्मेशन चुरा ली थी. आशुतोष पिया को हिम्मत देता है और उस के मम्मीपापा उसे संभाल लेते हैं.
तभी राहुल एक प्राइवेट फोटो मांगता है और पिया फोटो देने के लिए मान जाती है कि किसी तरह वह पकड़ा जाए. शक्ति फोटो के साथ एक वायरस भेज देती है कि राहुल के फोन की प्रोफाइल और लोकेशन उस के पास आ जाए. राहुल जैसे ही फोटो डाउनलोड करता है, उस के फोन की डिटेल शो होने लगती है. तभी आशुतोष देखता है कि राहुल वह फोटो एक ग्रुप में भेजता है, जहां लोग उस पर बोली लगाने लगते हैं यानी यह एक तरह का बहुत बड़ा बिजनैस था. इस के बाद ये लोग ट्रेस की गई लोकेशन पर पहुंच जाते हैं, जहां वे देखते हैं कि वहां तो सभी फोन में लगे थे. आशुतोष की समझ में नहीं आता कि वह क्या करे? तभी शक्ति टेलीपोस्ट से पिया के फोन से राहुल को फोन कर देती है.
पता चलता है कि राहुल तो एक लड़की है, जिसे पकड़ कर ले आते हैं. आशुतोष उस से पूछता है कि वह लड़की हो कर लड़कियों के साथ ऐसा क्यों कर रही थी? तब वह कहती है कि यह तो एक बिजनैस है, जिस में वह मोटा पैसा कमा रही थी. अगले दिन इस रैकेट का समाचार अखबारों में छप जाता है. रूही के पापा उसे जेल में देख कर खुश थे.
एपिसोड नंबर 3
तीसरे एपिसोड की शुरुआत में माइकस्टौक के मालिक को दिखाया जाता है, जिन की कंपनी के एकाउंट से 73 करोड़ रुपए निकल गए और किसी को पता ही नहीं चलता कि वे रुपए गए कहां? आशुतोष जब अपने घर में अमय के साथ खेल रहा था तो डीसीपी हुसैन ने उसे इस केस के बारे में फोन कर के जानकारी दी. इस के बाद आशुतोष और उस की टीम मिनिस्टर के पास जाती है, जहां मिनिस्टर पूछती है कि माइकस्टौक का मामला कहां तक पहुंचा? तब आशुतोष बताता है कि यह काम कंपनी के ही आदमी ने किया है. इसी के साथ वह पीयूष से कहता है कि आप की कंपनी से ओरिएंटल बैंक को 4 मेल गए थे फंड ट्रांसफर करने के लिए, जिन में बारबार 17 से 19 करोड़ की डिमांड आ रही थी. तब पीयूष बताते हैं कि यह डिमांड उन्होंने नहीं भेजी थी. पैसे ट्रांसफर करने में परेशानी न हो, इसलिए उन्होंने 20 करोड़ तक की लिमिट लगा रखी थी.
यह सुन कर आशुतोष ने कहा कि इसी वजह से हैकर ने आप के अकाउंट से बारबार 20 करोड़ से कम रकम निकाली है. तब हुसैन ने कहा कि पैसा निकलने का मैसेज तो आया होगा? इस पर आशुतोष बताते हैं कि मैसेज आते ही फोन से डिलीट हो जाते थे. पीयूष ने बताया कि उन्हें तो बैंक से नार्मल मैसेज ही आते थे, इसलिए उन्हें लगता था कि सब ठीक है. आशुतोष ने कहा कि यह बैंक नहीं, हैकर भेजता था, जिस से उस का काम आसान रहे और इसे स्कूफीनेस कहते हैं. ये सारे पैसे नीदरलैंड के अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं, जिन से बिटकौइन के जरिए गिफ्ट कार्ड में बदल कर भेजा गया है.
तब माइकस्टौक का वकील कहता है कि अगर इस में उन की गलती सामने आई तो बैंक से एक भी रुपया नहीं मिलेगा. मंत्री भी कहती है कि उन की इस टीम को उन के पैसे के बारे में पता लगाना ही होगा. इस के बाद जब ये लोग माइकस्टौक के औफिस में इन्वेस्टिगेशन कर रहे थे, तब मिस्टर पीयूष बताते हैं कि बैंक वाले 50 प्रतिशत पैसे देने को तैयार हैं. तभी शक्ति मेल को प्रूफ कर लेती है. आशुतोष कहता है कि हम कोर्ट में प्रूफ तो कर ही देंगे. अब आप सोच लीजिए कि आप को पूरा पैसा लेना है या आधा.
जिस के बाद यह मामला कोर्ट में पहुंच जाता है, जहां दोनों के वकील दलीलें देने लगते हैं. तब माइकस्टौक का वकील कहता है कि अगर बैंक वालों का सर्वर कमजोर न होता तो उन का पैसा न उड़ता. लेकिन प्रूफ न मिलने के कारण माइकस्टौक यह केस हार जाती है. जिस के बाद आशुतोष जब घर जा रहा था तो डीसीपी हुसैन उसे फोन कर के बताते हैं कि मंत्रीजी ने उन की यह यूनिट बंद करा दी है, क्योंकि वे लोग उन्हीं का केस सौल्व नहीं कर पाए. जवाब में आशुतोष कहता है कि उसे 2 दिन का समय दीजिए, वह इस केस को सौल्व कर के रहेगा. डीसीपी ने कहा कि ठीक है, वह 2 दिन तक मैडम को संभाल लेगा.
सभी मिल कर कसम खाते हैं कि वे इस यूनिट को बंद नहीं होने देंगे और फिर सभी अपनेअपने काम में लग जाते हैं. शक्ति उन्हीं बेचे गए बिटकौइन गिफ्ट कार्ड के बारे में सोच रही थी कि इस के सेलर को कैसे पकड़ा जाए? पर उस के हाथ कुछ नहीं लगता. तब शक्ति ने बाय करने वालों की लिस्ट तैयार कर ली थी, लेकिन सवाल यह था कि असली खिलाड़ी तक पहुंचा कैसे जाए? तब उसे आइडिया आता है और वह सभी की सोशल मीडिया हैंडल चैक करने लगती है और शाम तक उसे एक प्रोफाइल मिल जाती है.
इस के बाद दिखाई देता है कि आशुतोष एक लड़की के साथ डेट पर आया था, वहां शक्ति अपने साथियों के साथ पहुंच जाती है. शक्ति आशुतोष को बताती है कि उन्हें सबूत मिल गया है. इस के बाद माइकस्टौक कंपनी से जुड़े एक आदमी को दिखाया जाता है, जिस ने कंपनी से 73 करोड़ की चोरी की थी. आशुतोष ने उसे पकड़ रखा था. पूछने पर वह बताता है कि उसे पता था कि माइकस्टौक की सिक्योरिटी हाईफाई नहीं थी, इसलिए उस ने यहां नौकरी की कोशिश की तो उसे नौकरी मिल गई. यहां एक साल तक नौकरी कर के उस ने सब का विश्वास जीता. फिर एक दिन मिस्टर पीयूष का ईमेल आईडी और पासवर्ड चुरा लिया और फिर उस ने यह सारा खेल खेला. अपनी एक गलती की वजह से वह पकड़ा गया. न वह अपनी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट कार्ड भेजता और न वे लोग उसे पकड़ पाते.
अगले दिन जब टीम के सभी लोग औफिस आते हैं तो देखते हैं कि औफिस में एसी लग गया था. आशुतोष बताता है कि मंत्रीजी ने खुश हो कर यह एसी लगवाया है.
एपिसोड नंबर-4
इस एपिसोड की शुरुआत में विक्रम भारद्वाज दिखाई देता है, जो एक न्यूज एंकर है और वह कैमरे के सामने आ कर कहता है कि अब वह न्यूज कैमरा आदि सब छोड़ रहा है और जातेजाते एक ऐसी न्यूज देगा, जिसे जान कर सभी के होश उड़ जाएंगे. आगे विक्रम भारद्वाज डीसीपी हुसैन के सामने बैठ कर कह रह था कि उस का ईमेल हैक हुआ है और किसी ने उस के सारे ईमेल उस के बौस को भेज दिए हैं. इस पर आशुतोष उस से पूछता है कि उसे किसी पर शक है? विक्रम कहता है उसे अपने साथी करन पर शक है, जो उस की जगह प्राइम टाइम शो करने वाला है.
इस के बाद आशुतोष की टीम इन्वेस्टिगेशन शुरू करती है. विक्रम के पास अलजहा का फोन आता है और पूछा जाता है कि क्या वह आज शाम को मिल सकता है? डैरिक सर उस से मिलना चाहते हैं. विक्रम तैयार हो जाता है. फिर शाम को विक्रम अलजहा के सीईओ से मिलने के लिए उन्हीं की कार से जाने लगता है, जहां वह आदमी विक्रम की खूब तारीफ करता है तो विक्रम खुश होता है. अब तक शक्ति को अलजहा के नकली होने के सबूत मिल गए थे. डीसीपी हुसैन बारबार विक्रम को फोन कर रहे थे, पर विक्रम उन का फोन नहीं उठाता. इस के बाद ये लोग विक्रम को ट्रैस करते हैं कि कहीं उस की जान खतरे में तो नहीं है.
आशुतोष और शक्ति विक्रम की तलाश में निकल पड़ते हैं तो जिगर और गिरीश उस की लोकेशन ट्रैस कर के उन दोनों को बताते हैं. थोड़ी दूर जाने के बाद वह आदमी विक्रम को बेहोश कर के उस का मोबाइल स्विच औफ कर देता है. इस से विक्रम की लोकेशन का पता नहीं चलता.
इस के बाद काम्या उस कार को, जिस से विक्रम जा रहा था, उसे सीसीटीवी फुटेज से पता कर के बताती है. थोड़ी देर ढूंढने पर आशुतोष को वह कार उसे खाली मिलती है. तब इन लोगों की समझ में नहीं आता कि विक्रम को कैसे ढूंढा जाए?
दूसरी ओर उस आदमी ने विक्रम को नंगा कर के लटका दिया था. यहां पता चलता है कि इन दोनों लोगों ने विक्रम को अलजहा के नाम से फंसाया था. विक्रम उन से पूछता है कि वे लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं? जिस पर वे कहते हैं कि उसे झूठी खबरें फैलाने का शौक है न?
इस के बाद वे उसे उस की एक पुरानी न्यूज सुनाते हैं, जिस में उस के उकसाने पर एक मासूम लड़के की जान चली गई थी और वे दोनों बताते हैं कि वह उन का भाई था और उसी का बदला वे लेने आए हैं. आशुतोष को विक्रम के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था. तब शक्ति अपने लैपटाप से विक्रम के आईफोन को ढूंढने लगती है. आशुतोष कहता है कि स्विच औफ फोन को कैसे ढूंढेगी? तब शक्ति बताती है कि आईफोन कभी भी एक दिन के लिए स्विच औफ नहीं होता. वह 24 घंटे के लिए सिर्फ लोपावर मोड में चला जाता है. अब वह उसी से उसे ढूंढेगी.
इस के बाद वह विक्रम के मेल को खोल कर उस के फोन को लास्ट बता देती है, जिस से वहां जितने भी आईफोन होंगे, वे अपनी लोकेशन बताने लगेंगे. यह आइडिया सुन कर जिगर चौंक जाता है कि शक्ति इतना सब कैसे सोच लेती है. फिर शक्ति को विक्रम की लोकेशन मिल जाती है. दूसरी ओर वे दोनों आदमी विक्रम के माफीनामे की वीडियो बना लेते हैं. इस के बाद विक्रम कहता कि अब उसे जाने दें, पर वह आदमी उस वीडियो को इंटरनेट पर अपलोड करने लगता है, तभी आशुतोष वहां पहुंच जाता है और उन से फोन नीचे रखने को कहता है. लेकिन उस आदमी ने वीडियो अपलोडिंग पर लगा रखी थी.
वे दोनों आदमी पकड़े जाते हैं और विक्रम को सेफ घर ले आते हैं. लेकिन उस वीडियो के वायरल होने से विक्रम की काफी बदनामी हो रही थी. उसे देख कर विक्रम डिप्रेस हो जाता है. फिर वही सीन आता है, जो एपिसोड के शुरुआत में दिखाया गया था. वहां लाइव बैठ कर विक्रम खुद को शूट कर देता है. अगले दिन सुबह शक्ति कहती है कि विक्रम को बचाने का क्या फायदा हुआ, जब उसे खुद को मारना ही था. इस पर आशुतोष कहता है कि उन का काम गुनहगार को पकडऩा है, जिस से कोई भी गुनाह करने से डरे.
एपिसोड नंबर-5
पांचवें एपिसोड की शुरुआत में एक बिजनैसमैन कोर्ट में ऋषभ की कंपनी एमिली लिमिटेड पर इलजाम लगता है कि यह कंपनी आतंकवादी स्लीपर सेल को फंड दे रही है और जज कंपनी के सारे एकाउंट सीज करने तथा जांच करने का आदेश देता है. इन्वेस्टिगेशन के लिए आशुतोष की टीम आती है. यहां ऋषभ आशुतोष पर भड़क जाता है तो उस का दोस्त उसे संभालता है और उसे बाहर ले जाता है.
आशुतोष कहता है कि अब उन लोगों की लिस्ट बनाओ, जिन लोगों को एमलिन और रोजवेल के ट्रांजेक्शन की नौलेज थी. फिर वह लिस्ट उसे दो. इस के बाद ये लोग अपने काम पर निकल जाते हैं कि अब वे सच्चाई का पता लगा कर रहेंगे. आगे शक्ति अपनी मां के पास थी. उस की मां जमीन के कागज देख कर उस पर भड़क रही थी कि उसे मुकदमा नहीं करना. क्योंकि वे लोग कुछ भी कर सकते हैं. पर शक्ति कहती है कि वह अपनी जमीन ले कर उसे बेचेगी और यहां अपना घर लेगी. औफिस में शक्ति आशुतोष को बताती है कि उस ने जो वेबसाइट बताई थी, उसी के कारण ऋषभ पर अंगुलियां उठी थीं.
कोर्ट में ऋषभ का वकील जज को बताता है कि 2 न्यूज की वेबसाइट एक ही नंबर से अपडेट की जा रही थीं और यह सब जगदीश राठी करवा रहा था. यहां पता चलता है कि यह वही आदमी है, जिस ने सतीश को खरीदा था, ताकि ऋषभ की कंपनी की सारी इन्फार्मेशन उसे दे पाए. तब जज साहब पूछते हैं कि एक फैब्रिक कंपनी ऐसा काम क्यों करेगी. तब पता चलता है कि यह फैब्रिक कंपनी तो एक छोटा हिस्सा है, वह बहुत बड़ी कंपनी है, जो भारत में सड़क बनाती है. जब उन्हें पता चला कि ऋषभ रिसाइकल प्लास्टिक से सस्ते में सड़क बना रहा है तो इन सब ने मिल कर ऋषभ को बरबाद करने की सोची.
इस के बाद जज सारे सबूत देखते हैं. ऋषभ की कंपनी को दोबारा काम शुरू करने के लिए कह देते हैं और उस फैब्रिक कंपनी तथा सड़क बनाने वाली कंपनी पर जांच बैठा दी जाती है. इस के बाद ऋषभ आशुतोष को धन्यवाद कहता है.
एपिसोड नंबर- 6
छठवें एपिसोड के शुरू में 2 भाई पैसों को ले कर आपस में लड़ रहे थे. बड़ा भाई कह रहा था कि वह शादी के बाद भी चक्कर चला रहा है. जबकि छोटा भाई कपिल कह रहा था कि उस के एक मैसेज की वजह से उस की पत्नी उसे तलाक दे रही है. जबकि बड़े भाई का कहना था कि वह मैसेज उस ने नहीं भेजा. तभी दोनों के फोन पर उन के पिता का मैसेज आता है कि वह अपना यह बिजनैस बेच रहे हैं. तब दोनों भाई पिता के पास जाते हैं और उन से पूछते हैं कि वे यह बिजनैस क्यों बेच रहे हैं? पर उन के पिता कहते हैं कि उन्होंने तो कोई मैसेज भेजा ही नहीं है. शायद यह मैसेज अपने आप चला गया है.
आगे वह बिजनैसमैन अपने घर में आशुतोष की टीम को बुला लेता है कि उन के फोन हैक हो रखे हैं. क्योंकि हर किसी के फोन से मैसेज अपने आप आतेजाते रहते हैं और उन लोगों को पता ही नहीं चलता. इस के बाद आशुतोष सभी से पूछताछ करने लगता है, ताकि वे बता सकें कि उन के फोन से मैसेज कहांकहां जा रहे हैं?
अगले दिन आशुतोष इन के घर आ जाता है और जतिन के बेटे समर से मिलता है. पता चलता है कि जतिन ने यह दूसरी शादी की है और समर की मां बहुत पहले मर चुकी थी. इस के बाद सब का शक समर की ओर जाने लगता है. शाम को जब गिरीश और जिगर औफिस में बैठे थे, तब आशुतोष से कहता है कि यह कैसा केस है कि इस में सब एकदूसरे को मैसेज कर रहे हैं. न चोरी हुई है और न कुछ. यह कह कर वह केस छोडऩे के लिए कहते हैं.
आशुतोष कहता है कि यह मामला एक बड़े बिजनैसमैन का है, इसलिए इसे उन्हें सौल्व करना है कि ये मैसेज भेज कौन रहा है, वरना आगे चल कर यह सिचुएशन और भी बिगड़ सकती है. आशुतोष की टीम को दोबारा बुलाया जाता है. वे लोग देखते हैं कि सभी के फोन तो सेफ हैं, फिर मैसेज कहां से आया? शक्ति कहती है कि यह इसी घर के किसी सदस्य का खेल है.
शक्ति ने कहा कि उस बार हैकर ने हमारे आने से पहले लौगआउट कर लिया था. पर इस बार वह वाट्सऐप लौगआउट नहीं कर पाया. आप सभी के फोन पर एक ऐप इंस्टौल है, जिस की मदद से 2-2 वाट्सऐप चल रहे हैं और आप सभी को पता नहीं चलता. यानी कि दूसरे का फोन बंद भी हो जाए तो उन से मैसेज किया जा सकता है. जांच में एक कार्टून वीडियो संदिग्ध लगी.
कपिल कहता है कि कार्टून वीडियो देखने का शौक तो उस के बेटे कल्प को है. जिस के बाद ये लोग कल्प को पकड़ लेते हैं, जो 9 साल का बच्चा था. शक्ति बताती है कि उस ने अपनी मम्मी के फोन से बारबार सर्च किया था. फिर कल्प को बुला कर प्यार से पूछा गया कि उस ने यह सब क्यों किया? तब उस ने बताया कि वह अपने मम्मीपापा के झगड़े से तंग आ गया था, जो रोजरोज वाट्सऐप की चैट देखने के लिए लड़ते थे. इसलिए परेशान हो कर उस ने दोनों की चैट पढऩे की सोची और दोनों के फोन में गेम डाउनलोड कर दिया.
आशुतोष ने पूछा कि उस ने सभी के फोन हैक क्यों किए और मैसेज भी भेजे? कल्प ने बताया कि ये सभी लोग खूब लड़ते थे, इसलिए कार्टून देखने के बहाने इन के फोन ले कर ऐसे ही मैसेज भेज देता था और कुछ दिनों में इस में उसे मजा भी आने लगा था. इस तरह यह केस भी सौल्व हो जाता है.
एपिसोड नंबर- 7
सातवें एपिसोड की शुरुआत में एक लड़की स्कूटी से तेजी से रोती जा रही थी कि तभी एक ट्रक उसे कुचल देता है. इस के बाद शक्ति उसी मंत्री के पीए के साथ दिखाई देती है, जिस ने आशुतोष की यह नई यूनिट बनाने में हेल्प की थी. पीए शक्ति से कहता है कि मैडम ने उस के टैलेंट को देख कर उसे मिलने के लिए बुलाया है, क्योंकि उन की प्राब्लम सिर्फ वही दूर कर सकती है. आगे देखते हैं कि वह मिनिस्टर प्रतिभा अस्पताल के कमरे में लेटी थी. पीए बताता है कि एक प्राब्लम के कारण इन्होंने नींद की कई गोलियां खा ली थीं, जिस की वजह से इन्हें यहां भरती होना पड़ा. तब शक्ति कहती है कि मैडम वह प्राब्लम बताइए, वह उस प्राब्लम को सौल्व कर देगी.
प्रतिभा कहती है कि लेकिन यह बात वह अपनी यूनिट वालों को नहीं बताएगी. वह आगे कहती है कि किसी ने माया के नंबर से उसे उस की प्राइवेट फोटो भेजे हैं. उसे माया से प्यार है, लेकिन अपने ओहदे के कारण वह माया से सब के सामने नहीं मिल सकती. परेशानी की बात यह है कि इस फोटो के साथ मैसेज था कि वह इस फोटो को वायरल कर देगा. इस का मतलब यह है कि माया किडनैप हो चुकी है. इस के बाद माया को तलाशने का काम शक्ति अपने हाथ में ले लेती है. शक्ति मंत्री मैडम के पीए से मिलती है, जो उसे माया के घर ले जाता है. यहां से शक्ति जिगर की हेल्प लेती है. इस के बाद शक्ति जिगर के बताए ऐड्रेस पर तहकीकात करने पहुंच जाती है. वह जिस लड़की के ऐड्रेस पर पहुंचती है, उस के पापा बताते हैं कि उन की बेटी रीटा 20 दिन पहले एक रोड एक्सीडेंट में मारी गई.
शक्ति वहां से निकल कर रीटा के नंबर से माया का मेल ट्रैक करती है. क्योंकि ईमेल उसी से कनेक्ट था. जब वह वाट्सएप चेक करती है तो उस में कुछ नहीं मिलता. लेकिन गैलरी में उसे रीटा और माया की प्राइवेट फोटो दिख जाती हैं. शक्ति समझ जाती है कि माया रीटा और मिनिस्टर, दोनों से अफेयर चला रही थी. रीटा के फोन में माया की चैट मिल जाती है यानी माया ही कोई गेम खेल रही थी, क्योंकि उस ने रीटा के फोन से चैट उड़ा रखी थी. अब शक्ति का सारा शक माया पर चला जाता है और वह माया के फोन से उस के दूसरे नंबर पर फोन कर देती है. और जैसे ही माया फोन उठाती है, शक्ति को माया की लोकेशन पता चल जाती है.
अगली सुबह शक्ति जिगर को रीटा के फोन की सारी डिटेल्स निकालने को कह कर वह माया से मिलने चली जाती है. रास्ते से शक्ति प्रतिभा को फोन कर के बता देती है कि शायद उस ने माया को ढ़ूंढ़ लिया है और शायद वही उसे ब्लैकमेल कर रही थी. वह उसे यह भी बता देती है कि माया किस मौल में है और वह माया को उस के पास तक ले आएगी. यह सुन कर मिनिस्टर शाक हो जाती है. शक्ति माया की लोकेशन ट्रैस कर के उस तक पहुंच जाती है और उस से जबरदस्ती प्रतिभा के पास चलने के लिए कहती है. माया कहती है कि प्रतिभा बहुत खतरनाक लेडी है, जो उसे कभी नहीं छोड़ेगी. इस के बाद कहानी फ्लैशबैक में जाती है.
यह सुन कर शक्ति के होश उड़ जाते हैं कि जिस के लिए वह काम कर रही थी, वह विलेन निकली. दूसरी ओर मिनिस्टर का पीए कुछ लोगों को ले कर माया को पकडऩे मौल में पहुंच जाता है. उन्हें देख कर माया शक्ति से कहती है कि अगर वह इन लोगों के हाथ लग गई तो ये लोग उसे मार देंगे. अब तो उसे भी सच्चाई का पता चल गया है, इसलिए वह भी मारी जाएगी. शक्ति माया को ले कर भागने लगती है. लेकिन सामने ही पीए खड़ा था. तब शक्ति आशुतोष को फोन मिलाती है कि वह आ कर उस की जान बचा ले. यह सुन कर आशुतोष पुलिस टीम के साथ वहां पहुंच जाता है और सभी लोग पकड़े जाते है. इस तरह शक्ति और माया की जान बच जाती है.
इस के बाद मिनिस्टर प्रतिभा को जेल में डाल दिया जाता है. क्योंकि उस के खिलाफ सबूत मिल चुके थे. इस तरह यह मामला भी सौल्व हो जाता है. लेकिन औफिस आ कर आशुतोष शक्ति से पूछता है कि इतना बड़ा मामला उस ने उन से छिपाया क्यों? तब शक्ति आशुतोष से माफी मांगती है और आशुतोष उसे वार्निंग दे कर माफ कर देता है
एपिसोड नंबर- 8
आठवें एपिसोड की शुरुआत में आशुतोष अपने बेटे अमय के साथ खाना खाते हुए कहता है कि आजकल वह जूही को डेट कर रहा है. इस पर अमय कहता है कि क्यों न आज वे घर पर पार्टी रखें और उस पार्टी में उन्हें बुला लिया जाए. आशुतोष इस के लिए मान जाता है. इस के बाद एक बैंक के कर्मचारियों को दिखाया जाता है. यह उसी समय मैनेजर आशुतोष की टीम को बुला लेता है. आशुतोष उस आदमी से पूछता है कि उस ने कुछ अलग देखा था क्या?
तब वह बताता है कि एक कस्टमर के एकाउंट में 7 लाख रुपए थे. लेकिन कुछ समय के लिए उस में 2 करोड़ रुपए दिखाने लगा था. पर बाद में सही हो गया था. तभी उन्हें पता चला कि उन के कंप्यूटर की जरूरी इन्फार्मेशन किसी दूसरे सर्वर पर जा रही थी. इस पर गिरीश कहता है कि यह वेबयू के कारण है, जो हर किसी के कंप्यूटर में इंस्टाल है और यही बैंक की सारी इन्फार्मेशन बाहर भेज रहा है. फिर ये सब इसी काम में जुट जाते हैं. शाम को आशुतोष कहता है कि आज शाम को उस के घर पार्टी है, जिस में सभी को आना है.
आशुतोष अपनी कार से घर जा रहा होता है, तभी जूही का काल आता है. लेकिन यह काल गलती से लगा था. तब आशुतोष ने देखा कि जूही अपनी फ्रेंड से बात कर रही थी. वह समझ गया कि यह काल गलती से लग गया है. इस के बाद आशुतोष जब अपने घर पार्टी की तैयारी कर रहा था, तभी सब से पहले शक्ति ही उस के घर आती है और यहां काफी आकवर्ड सिचुएशन बन जाती है, क्योंकि आशुतोष केवल तौलिए में था.
आशुतोष अंदर चला जाता है और शक्ति अमय से बातें करने लगती है. थोड़ी देर में सभी आ जाते हैं तो पार्टी शुरू हो जाती है. अमय भी जूही से मिल कर खुश था. सभी यहां खूब मस्ती करते हैं. यहां दिखाई देता है कि शक्ति आशुतोष से प्यार करने लगी है, जो बारबार खुद को आशुतोष के साथ इमेजिंग कर रही थी. पार्टी खत्म हो जाती है. बाकी लोग चले जाते हैं. जूही घर पर ही रुक जाती है. इस के बाद जूही और आशुतोष शारीरिक संबंध बनाते हैं. अगले दिन यह टीम फिर बैंक पहुंचती है. शक्ति बताती है कि उस ने जब यहां ट्रांजैक्शन चेक की तो एक ट्रांजैक्शन सब से अलग थी. फिर सभी बैंक मैनेजर से मिलते हैं, जहां शक्ति बताती है कि सारी ट्रांजैक्शन चेक करने के बाद पता चला है कि यह सारा कांड एटीएम से हो रहा है. किसी हैकर ने आप के एटीएम के साथ बैंक के पूरे सर्वर को ही हैक कर लिया है.
जिगर बताता है कि चोरी 8 बार हुई है यानी बैंक से 16 करोड़ रुपए निकाले जा चुके थे. यह सब एटीएम से ही हुआ था. यह न्यूज टीवी पर भी आने लगी थी. इस के बाद उन हैकर्स को दिखाया जाता है, जो यह न्यूज देख रहे थे. वे 2 लड़के थे. वे कह रहे थे कि उन्हें उन की ट्रिक का पता चल गया है. इतना ही नहीं, इन्होंने एक लड़की को बंधक बना रखा था, जिस के साथ ये जबरदस्ती करते रहते थे.
इस बैंक की न्यूज फैलने के बाद दूसरी बैंक का मैनेजर भी आ कर आशुतोष से बताता है कि उस ने भी अपनी बैंक में चेक किया तो उस के बैंक से भी 12 करोड़ रुपए गायब हैं. शक्ति उसी बैंक का कंप्यूटर चलाने लगती है कि देखें ये हैकर क्याक्या कर सकते हैं. तब वह वेबयू पर मैसेज कर के उन्हें उकसाती है. यहां दिखाई देता है कि वे हैकर कंप्यूटर के कैमरे से उसे देख रहे थे और वे जवाब भी देने लगते हैं. शक्ति उन्हें चिढ़ाती है कि दम है तो सामने आ कर दिखाओ. अब बात उन के ईगो पर आ जाती है. वे कहते हैं कि हम अगली चोरी कल करेंगे. अगर पकड़ सकती है तो पकड़ कर दिखा. इस के बाद दोनों में चैलेंज शुरू हो जाता है.
एपिसोड नंबर- 9
एपिसोड 9 की शुरुआत में बैंक के मैनेजर डीसीपी हुसैन से कहते हैं कि वे चोर अभी तक पकड़े नहीं गए हैं. वे लोग क्या कर रहे हैं?
औफिस में शक्ति, जिगर और गिरीश मिल कर उस हैकर का अगला टारगेट ढूंढने लगते हैं. ये उन के आईपी ऐड्रेस निकाल लेते हैं और आशुतोष शक्ति को ले कर उस आईपी ऐड्रेस के कंट्रोल सेंटर में पहुंच जाता है, जिस से उन्हें उन हैकर्स के अगले टारगेट का पता चल जाए. उस आईपी कंट्रोल सेंटर से उन की लोकेशन ट्रैक करने लगती है और इन्हें एक लोकेशन पर एक एटीएम मिलता है.
पुलिस टीम पैसे ले जाने वाले एक व्यक्ति का पीछा करती है. वे लोग पैसे ले कर एक बंकर में जाते हैं. आशुतोष कहता है कि उन्हें रुक कर इंतजार करना होगा. शक्ति के पास जोजो का फोन था. वह उस के फोन से एक फोटो खींच कर उन हैकरों को भेज देती है. तब एक हैकर बाहर आ कर चिल्लाता है कि जोजो तुझे जो भी कहना है, मुझ से आ कर कह. फोटो क्यों भेज रहा है? तभी पीछे से आ कर आशुतोष उसे पकड़ लेता है.
काम्या बताती है कि शायद अंदर एक और आदमी है. जब ये लोग अंदर जाते हैं तो अंदर से वह लड़की और लड़का गायब थे. ये लोग उन्हें ढूंढते हैं तो थोड़ी दूरी पर वह हैकर लड़की के गले पर चाकू लगाए खड़ा था. यहां शक्ति आशुतोष की रिवौल्वर ले कर साइको बन जाती है. शक्ति उस लड़की की हालत देख कर उस हैकर के गुप्तांग पर जोर से लात मारती है. इस के बाद सभी हैकरों को ले कर चले जाते हैं. इस के बाद आशुतोष जूही के साथ बीच पर घूमते दिखाई देता है. वह वहां जूही से पूछता है कि उस का बेटा उसे क्यों नहीं पसंद? जूही कहती है कि वह उस पर नजर रखता है. इस के बाद आशुतोष यहीं पर उस से अपना रिश्ता खत्म कर लेता है. और सीरीज का यह सीजन पूरा हो जाता है.
विपुल गुप्ता एक अभिनेता और मौडल है. उसे स्टार प्लस के ‘स्ट्रीट पाली हिल’ में ड्रोन केशब की मुख्य भूमिका और ‘एक ननद की खुशियों की चाबी… मेरी भाभी’ में आनंद जोरावर शेरगिल की मुख्य भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. उसे साल 2020 में आई फिल्म ‘तान्हाजी’ में जगत सिंह की भूमिका में देखा गया था. विपुल गुप्ता मार्केटिंग में एमबीए है. टीवी धारावाहिकों में आने से पहले उस ने कई प्रसिद्ध ब्रांडों के लिए कई लोकप्रिय टीवीसी विज्ञापन किए हैं. जिस में इंडियन आयल, माउंटेन ड्यू और एलजी मोबाइल शामिल हैं. विपुल ने अपने करिअर की शुरुआत स्टार प्लस पर ड्रोन केशब के रूप में ‘स्ट्रीट पाली हिल’ से की, जिस ने उन्हें ड्रोन के रूप में उन की भूमिका ने उन्हें चोटी की सफलता दिलाई. इस में उस ने करीब एक साल काम किया. वह ओनिडा इलेक्ट्रौनिक्स का ब्रांड अंबेसडर भी रह चुका है.
विपुल गुप्ता का जन्म 17 सितंबर, 1980 को दिल्ली में हुआ था. उस ने भगत सिंह कालेज से पढ़ाई की है. एमबीए करने के बाद नौकरी करने के बजाय अभिनय में रुचि होने के कारण पहले उस ने मौडलिंग शुरू की. बाद में वह मुंबई चला गया. जल्दी ही उसे पहले टीवी धारावाहिकों में काम मिलने लगा. उस ने करीब 12 धारावाहिकों में काम किया है. फिल्में केवल 4 ही की हैं. ‘हैक क्राइम औनलाइन’ वेब सीरीज में वह मुख्य भूमिका में है.
रिद्धि कुमार
रिद्धि कुमार एक भारतीय अभिनेत्री है. उस का जन्म महाराष्ट्र के शिरडी में हुआ था. उस के पिता भारतीय सेना में थे. उस ने दर्शनशास्त्र से स्नातक किया है. वह मुख्य रूप से तेलुगु फिल्मों में काम करती है. रिद्धि कुमार ने साल 2018 में राज तरुण के साथ तेलुगु फिल्म ‘लवर’ से अभिनय की शुरुआत की. लेकिन इस फिल्म को कोई खास सफलता नहीं मिली. लेकिन उस का अभिनय अच्छा रहा, इसलिए उसी साल उसे विराज अश्विन के साथ तेलुगु फिल्म ‘अनागनगा ओ प्रेमकथा’ में काम करने का मौका मिला. यह फिल्म भी दर्शकों में कोई खास असर नहीं छोड़ पाई.
साल 2019 में रिद्धि कुमार ने विनायकन और दिलेश पोथन के साथ ‘प्रणय मीनुकालुडे कदम’ के साथ मलयालम फिल्म की शुरुआत की. इसी साल संग्राम चौघुले के साथ अपनी मराठी फिल्म ‘दंडम’ की शुरुआत की. ये फिल्में सामान्य रहीं. रिद्धि कुमार ने रोनित राय और ऋचा चड्ढा के साथ हिंदी वेब सीरीज ‘कैंडी’ से अपना वेब डेब्यू किया. साल 2022 में वह शेफाली शाह और कीर्ति कुल्हारी के साथ हिंदी वेब सीरीज ‘ह्यूमन’ में दिखाई दी. इस के बाद साल 2022 में हिंदी और तेलुगु में बनी फिल्म ‘राधेश्याम’ में प्रभास के साथ दिखाई दी.
यह फिल्म सुपरहिट रही. उस ने अन्नू कपूर के साथ वेब सीरीज क्रैश कोर्स में तो काम किया ही है, वेब सीरीज ‘हैक क्राइम औनलाइन’ में भी वह मुख्य भूमिका में है.