लौरेंस बिश्‍नोई के बाद जिस गैंगस्‍टर का नाम तेजी से चर्चा में आया है वह है अर्श डाला. कनाडा में नवंबर के आखिरी सप्‍ताह में शूट आउट हुआ था. इसी को लेकर अर्श को अरेस्‍ट किया गया है. कौन है ये अर्श, क्‍यों उतरा वह अपराध की दलदल में, पढ़ें.

अर्श डाला को कनाडा में अरेस्‍ट कर लिया गया है. इसे हरदीप निज्‍जर का करीबी बताया जा रहा है. अर्श डाला को कुछ लोग अर्श दल्‍ला के नाम से भी जानते हैं, वैसे इसका पूरा नाम अर्शदीप सिंह है. यह भारत की मोस्‍ट वांटेड अपराधि‍यों की सूची में भी शामिल है. आजकल यह गैंगस्‍टर अपनी पत्‍नी के साथ कनाडा में ही रहता है. अर्श डाला को कनाडा में अरेस्‍ट करने के साथ ही पंजाब के फरीदकोट से इसके दो गुर्गों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इन शूटर्स ने बताया कि अर्श के कहने पर उन्‍होंने 7 नवंबर को मध्‍य प्रदेश के ग्‍वालियर में जसवंत सिंह गिल की हत्‍या की थी.

अर्श कैसे बना अपराधी

अर्शदीप पहली बार उस समय चर्चा में आया जब उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट डाल कर एक व्‍यक्ति की हत्‍या की जिम्‍मेदारी ली थी. इस पोस्‍ट में अर्श ने यह लिखा था कि इसी व्‍यक्ति की वजह से उसका फ्यूचर बरबाद हो गया. उसे अपराध की दुनिया में लाने वाला यही आदमी है. यहां तक कि इस व्‍यक्ति की वजह से ही उसकी मां को पुलिस हिरासत में रखा गया. जिस व्‍यक्ति पर अर्श ने इतने सारे आरोप लगाए वह पंजाब के मोगा का कांग्रेस नेता बलजिंदर सिंह बल्‍ली था.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, केवल अपने और अपनी मां पर हुए जुल्‍मों का बदला लेने के लिए ही अर्श डाला ने अपराध की दुनिया में कदम रखा. पिछले 4 सालों से अर्श डाला कनाडा में रख कर ही पंजाब के अपराध जगत को कंट्रोल कर रहा है.

इसके इशारे पर काम करते हैं 700 शूटर्स

अर्श के बारे में कहा जाता है कि वह सोशल मीडिया के जरिए अपने गैंग में पंजाब और हरियाणा के लोगों को शामिल करता है. वह इन युवाओं को कनाडा में बसने का लालच देकर अपने झांसे में लेता है. अर्श के बारे में कहा जाता है कि पाकिस्‍तानी सीक्रेट एजेंसी आईएसआई इसकी मददगार है. गैंगस्‍टर अर्श डाला को राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी, पंजाब पुलिस और दिल्‍ली पुलिस ने अपने मोस्‍ट वांटेड की लिस्‍ट में शामिल कर रखा है. इसके बारे में यह मशहूर है कि इसके करीब 700 शूटर्स भारत भर में हैं, जो इसके एक इशारे पर किसी की जान ले लेते हैं. अर्श का गैंग एक्‍सटौर्शन, टारगेट किलिंग, टैरर फंडिंग, ड्रग्‍स की स्‍मलिंग समेत कई अपराधों में लिप्‍त है.

ऐसा कहा जा रहा है कि अर्शदीप की गिरफ्तारी कनाडा के एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले के बाद हुई. यह हमला खालिस्‍तानी आतंकवादियों की ओर से किया गया था. भारत के गृह मंत्रालय की ओर से अर्श डाला को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया जा चुका है. वहीं राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी उसे भगोड़ा घोषित कर चुकी है. उसके सिर पर 5 लाख का इनाम भी है.

अर्श और लौरेंस के बारे में दो तरह की बात की जाती हैं, कुछ लोग यह मानते हैं कि लौरेंस बिश्‍नोई और लौरेंस के दोस्‍त गोल्‍डी बराड़ के साथ अर्श डाला की बहुत अच्‍छी दोस्‍ती है. वहीं कुछ का कहना है कि अर्श डाला जिस बम्बिहा नाम के गैंग से जुड़ा है, वह लौरेंस का एंटी गैंग माना जाता है. कहा जाता है कि जिस तरह से भारतीय सीक्रेट एजेंसियां अर्श के गतिविधियों पर नजर रखती है उसी तरह से लौरेंस बिश्‍नोई गैंग भी उस पर नजर गड़ाए रहती है.

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