25 वर्षीय ममता पनिका सूरज पनिका की पढ़ाई के दौरान का प्यार थी, इसलिए वह उसे हर हालत में अपनी बनाना चाहता था. हमेशा के लिए ममता भी उस की बनने को तैयार थी. फिर ऐसा क्या हुआ कि 30 वर्षीय सूरज अपनी ही प्रेमिका ममता का हत्यारा बन गया और खुद भी तेजाब पी कर उसे खुदकुशी करने पर मजबूर होना पड़ा…
कार में बैठी ममता ने दोटूक शब्दों में सूरज से कहा कि सूरज, मुझे अब तुम से भविष्य में किसी तरह का रिश्ता नहीं रखना है. क्योंकि अब मेरी शादी हो चुकी है. इतना सुनते ही सूरज ने चीखते हुए कहा, ”तू अपने आप को समझती क्या है? मैं बेवकूफ हूं जो तुझे इतना प्यार करता हूं. आज मैं अपने इस प्यार का किस्सा ही हमेशा के लिए खत्म किए देता हूं. न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी, समझी?’’
इतना कह कर सूरज ने कार की ड्राइविंग सीट के नीचे छिपा कर रखा चाकू निकाल लिया. सूरज के हाथ में चाकू देख कर ममता बुरी तरह डर गई और छोड़ देने के लिए उस के सामने गिड़गिड़ाने लगी. सूरज का इरादा भांप कर डरीसहमी ममता ने विनती करते हुए कहा, ”सूरज, तुम यह ठीक नहीं कर रहे हो. मुझे मार कर तुम भी सुकून से नहीं रह पाओगे. मेरी हत्या के जुर्म में सलाखों के पीछे पहुंच जाओगे.’’
सूरज तो पहले से ही निर्णय कर के आया था, इसलिए ममता की बातों का उस पर कोई असर नहीं हुआ. ममता की बात अनसुनी करते हुए सूरज ने बड़ी बेरहमी से ममता के पेट पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए. यह बात 20 जून, 2024 की है. ममता ने सूरज को रोकने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन निहत्थी ममता सूरज के चाकू के वार को कैसे रोक सकती थी. कार में बैठी ममता के पेट पर सूरज चाकू से वार पर वार कर रहा था. ममता उस से छोड़ देने के लिए गिड़गिड़ाती रही, इस के अलावा वह कुछ कर भी नहीं सकती थी. सूरज ने ममता को अपनी अल्टो कार में ही तड़पातड़पा कर मौत के घाट उतार दिया.
इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि जिस समय सूरज ममता की हत्या कर रहा था, उसी समय ममता के पति सुरेंद्र (परिवर्तित नाम) ने ममता के मोबाइल पर फोन किया. ममता तो मर चुकी थी, इसलिए वह अपने मोबाइल फोन पर आने वाली काल को कैसे रिसीव करती. ममता के पति द्वारा बारबार काल करने पर भी जब ममता ने पति का काल रिसीव नहीं किया तो झुंझलाते हुए पति ने काल डिसकनेक्ट कर दी. सूरज ने ममता की नब्ज टटोली. उसे पूरी तौर पर भरोसा हो गया कि वह अब जीवित नहीं रह गई है, तब उस की लाश को सफेद चादर में लपेट कर कार की पिछली सीट पर डाल दिया. सूरज ममता के मृत शरीर को जंगल में सुनसान जगह पर टुकड़ेटुकड़े में विभाजित कर जलाने के लिए ले गया.
लेकिन दुर्भाग्यवश 22 जून, 2024 की सुबह घनघुटी पुलिस चौकी के पास खामा बैरियर मार्ग पर काफी तेज गति से चल रही सूरज की अल्टो कार नंबर एमपी 54सी 830 पेड़ से टकरा कर दुर्घटना ग्रस्त हो गई और गड्ïढे में फंस गई. अपनी कार को धक्का दे कर गड्ïढे से बाहर निकालने के लिए सूरज ने वहां से गुजर रहे पलेवाह गांव के 4 ग्रामीणों को रोक कर कार निकलवाने की गुहार लगाई. चारों ग्रामीण कार को गड्ïढे से बाहर निकालने का प्रयास कर ही रहे थे कि इसी दौरान वन विभाग का चौकीदार वहां से गुजरा. उस को भी रोक कर सूरज ने कार निकलवाने में मदद करने का आग्रह किया.
चौकीदार की नजर जैसे ही कार के भीतर पिछली सीट पर गई तो भीतर का नजारा देख कर वह दंग रह गया. उस ने सूरज को इस बात का एहसास नहीं होने दिया कि उस ने कार की पिछली सीट पर पड़ी लाश को देख लिया है. चौकीदार ने हमदर्दी जताते हुए सूरज से कहा, ”लगता है, कार ऐसे नहीं निकलेगी. मैं कार निकलवाने के लिए ट्रैक्टर ले कर आता हूं.’’ कह कर वह चला गया.
कार में मिली खून से लथपथ लाश
वहां से हट कर उस ने घुनघुटी चौकी प्रभारी भूपेंद्र पंत को अल्टो कार के भीतर लाश पड़ी होने की सूचना दे दी. घुनघुटी चौकी घटनास्थल से करीब 5 किलोमीटर दूर थी, अत: आधे घंटे में घुनघुटी चौकीप्रभारी भूपेंद्र पंत कुछ पुलिसकर्मियों को साथ ले कर मौके पर पहुंच गए. सूचना मिलने पर थोड़ी देर में थाना पाली के मदन मरावी भी घटनास्थल की तरफ चल दिए. घटनास्थल पर ग्रामीणों की काफी भीड़ थी, जो एक नवयुवक को घेरे खड़ी थी. टीआई मदन मरावी और घुनघुटी चौकी प्रभारी भूपेंद्र पंत को देखते ही ग्रामीणों की भीड़ छंटने लगी थी. लोग युवती की लाश को ले कर तरहतरह की बातें कर रहे थे.
घटनास्थल के मुआयने के दौरान पाली थाने के टीआई मदन मरावी और चौकीप्रभारी ने देखा कि अल्टो कार की पिछली सीट पर 25-26 साल की शादीशुदा युवती की रक्तरंजित लाश चादर में लिपटी पड़ी हुई थी. कार में भी खून फैला हुआ था. टीआई ने दिल दहला देने वाली इस हत्या की खबर अपने आला अधिकारियों को भी दे दी तो एसपी (शहडोल) कुमार प्रतीक, एएसपी अभिषेक दीवान, एडीजीपी डी.सी. सागर से ले कर फोरैंसिक टीम भी घटनास्थल पर निरीक्षण करने पहुंच गई. फोरैंसिक टीम का काम खत्म होते ही एडीजी डी.सी. सागर ने एसपी और एडिशनल एसपी के साथ घटनास्थल व कार का बारीकी से निरीक्षण किया.
पुलिस अधिकारियों को देखते ही 30 वर्षीय सूरज पनिका काफी विचलित हो उठा, अत: उस ने खुदकुशी करने के मकसद से मौका मिलते ही अपनी कार से तेजाब की बोतल निकाल कर तेजाब पी गया. तेजाब पीने से ममता को मौत के घाट उतारने वाले प्रेमी सूरज की हालत बिगड़ गई और वह बेसुध हो कर झाडिय़ों में गिर गया. तब पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में ले कर सूरज पनिका को उपचार हेतु बिरसा मुंडा मैडिकल कालेज शहडोल के आईसीयू वार्ड में भरती करा दिया. सूरज की तलाशी लेने पर मिले एलआईसी के आईडी कार्ड से पता देख कर पुलिस ने सूरज के घर वालों को सूचना भिजवा दी.
सूरज के तेजाब पी लेने की खबर पा कर उस की मां शकुंतला और बड़ा भाई सतीश अस्पताल पहुंच गए थे. जैसे ही उन्होंने सूरज को गंभीर हालत में आईसीयू में भरती देखा तो दोनों फफक कर रो पड़े. अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें किसी तरह से शांत कराया.
पुलिस ने बरामद किए सारे सबूत
चूंकि अभियुक्त पकड़ा जा चुका था, इस लिए इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को करने के लिए कुछ नहीं था. चौकीप्रभारी को दिशानिर्देश देने के बाद वरिष्ठ अधिकारी तुरंत लौट गए. उन के जाने के बाद एसएचओ मदन मरावी और चौकीप्रभारी भूपेंद्र पंत ने घटनास्थल की औपचारिक काररवाई निपटा कर ममता की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. पुलिस ने देखा कि मृतका के पेट पर गहरे घाव थे. हत्या में प्रयुक्त चाकू कार में ही पड़ा हुआ था. खून सने चाकू को देख कर अंदाजा लगाना कठिन नहीं था कि ममता की हत्या उसी से की गई थी. ममता की बेरहमी से की गई हत्या से यह सवाल उठना स्वाभाविक था कि आखिर सूरज ने ममता की हत्या किस मकसद से और क्यों की थी?
अल्टो कार की तलाशी लेने पर कार की पिछली सीट पर शादीशुदा युवती की लाश, खून से लथपथ चादर, 2 चाकू, एक चापड़, एक जोड़ी ग्लव्स, तेजाब की बोतल और 2 बैग जिन में लेडीज और जेंट्स कपड़े रखे हुए थे. साथ ही मृतका के पास ही उस का पर्स और मोबाइल फोन भी रखा हुआ था, इन सामानों को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया. उस के पर्स से मिले आईडी कार्ड से पता चला कि वह केंद्रीय शिक्षा निकेतन अमरकंटक की छात्रा थी और उस का नाम ममता पनिका था. उस के आईडी कार्ड से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने घटना की जानकारी उस के घर वालों को दे दी थी.
खबर मिलते ही ममता के घर वाले रोतेपीटते घटनास्थल पर पहुंच गए थे. तकरीबन 12 घंटे तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद ममता के हत्यारे सूरज ने भी 23 जून, 2024 की सुबह शहडोल के बिरसा मुंडा मैडिकल कालेज में दम तोड दिया. हालांकि मौत से पहले सूरज से पुलिस ने बयान ले लिए थे. उस ने पुलिस पूछताछ में अपनी प्रेमिका ममता पनिका की चाकू से गोद कर हत्या करने की जो कहानी बताई, इस प्रकार निकली.
पहली नजर में ही सूरज दिल दे बैठा ममता को
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही ममता की सुंदरता में जो निखार आया, वह मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के अहिरगंवा गांव के लड़कों को लुभाने लगा. गौर करने वाली बात यह थी कि ममता जितनी सुंदर थी, उतनी ही चंचल भी थी. लेकिन वह अपनी सीमा जानती थी. वह एक ऐसे परिवार की बेटी थी, जिस की कुल जमापूंजी सिर्फ इज्जत ही थी. लेकिन उमरिया जिले के गांव मानपुर का रहने वाला सूरज पनिका जब भी ममता को कालेज से आतेजाते हुए देखता तो उस के दिल की धड़कनें तेज हो जातीं. वह किसी तरह उसे अपनी बाहों में समेटने के लिए बेकरार हो उठता. ममता की सुंदरता उस की आंखों में समाई हुई थी.
सूरज ममता का ऐसा दीवाना हुआ कि वह उस की और खिंचता चला गया. एक ही बिरादरी और आपस में रिश्तेदार होने की वजह से सूरज ने ममता के दिल में अपने लिए जल्दी ही जगह भी बना ली. सूरज पनिका और ममता पनिका के प्यार की बुनियाद उस समय रखी गई थी, जब 5 साल पहले 20 साल की ममता ने शहडोल डिग्री कालेज में दाखिला लिया था. सूरज भी शहडोल में रह कर पौलिटेक्निक कालेज से अपनी पढ़ाई कर रहा था. दोनों अलगअलग इलाकों में किराए के कमरे में रहते थे. इसी दौरान उन के बीच प्यार हो गया.
दोनों के दिलों में प्यार के अंकुर फूटे तो उन्हें मिलने में देर नहीं लगी. पहली ही मुलाकात में सूरज ने ममता से उस का मोबाइल नंबर ले लिया था. जबतब दोनों मोबाइल पर घंटों बातें करने लगे. ममता को भी उस की रसभरी बातों में आनंद आने लगा था. अब तो हालत यह हो गए थे कि दोनों की रात की नींद और दिन का चैन गायब हो गया था. जब तक दोनों रोजाना फोन पर बात नहीं कर लेते थे, उन्हें चैन नहीं आता था.
बात आगे बढ़ी तो दोनों साथसाथ सैरसपाटे के लिए भी जाने लगे. इस दौरान सूरज ममता पर दिल खोल कर पैसा खर्च करता, उसे उस के पसंद की फिल्म दिखाता और अच्छे रेस्तरां में खाना खिलाने के साथ महंगेमहंगे उपहार भी देता. वैसे भी घरपरिवार से दूर रह रहे उन दोनों को शहडोल में कोई रोकनेटोकने वाला नहीं था. ममता सूरज की मां शकुंतला की दूर के रिश्ते में आने वाली ननद की बेटी थी, अत: दोनों के घूमनेफिरने पर घर वालों को किसी तरह का संदेह नहीं होता था.
कई बार अकेले में मिलने के बाद जब नजदीकी ज्यादा बढ़ी तो ममता सूरज के प्यार में इस तरह डूबी कि उस ने अपनी सीमाएं तोड़ कर अपना जिस्म सूरज को सौंप दिया. अब वह अपना ज्यादातर समय सूरज के साथ बिताने लगी. दोनों ने एक बार मर्यादा की सीमा लांघी तो फिर लांघते ही चले गए. अब जब भी सूरज को मौका मिलता, दोनों एकदूसरे के साथ मिल कर अपने तन की प्यास बुझा लेते. इस के अलावा ममता को जब भी सूरज की जरूरत महसूस होती, वह उसे फोन कर के अपने कमरे पर बुला लिया करती.
दरअसल, सूरज को अपने कमरे की अपेक्षा ममता का कमरा मेलमुलाकात के लिए ज्यादा सुरक्षित लगता था. क्योंकि सूरज के कमरे पर उस की बहन संध्या भी रहती थी, इसलिए सूरज बिना किसी हिचकिचाहट के ममता के कमरे पर घंटों अपना समय व्यतीत करता था. कहते हैं कि प्यार को कितना भी छिपाने की कोशिश की जाए, वह ज्यादा दिनों तक छिपता नहीं है. सूरज और ममता के प्रेम प्रसंग के मामले में भी ऐसा ही हुआ. सूरज और ममता के प्रेम प्रसंग के बारे में सूरज की बहन संध्या को पता चल ही गया, क्योंकि वह सूरज के साथ ही शहडोल में रह कर पढ़ाई कर रही थी.
वैसे भी सूरज और ममता के प्रेम प्रसंग को ले कर संध्या को कोई आपत्ति नहीं थी. इस के बाद तो सूरज और ममता की हिम्मत और बढ़ गई.
इस तरह मिट गईं दोनों के बीच की दूरियां
पढ़ाई पूरी करने के बाद सूरज शहडोल में ही एलआईसी में नौकरी करने लगा था और उस की प्रेमिका ममता अमरकंटक में किराए पर कमरा ले कर कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन से बीएड की पढ़ाई करने लगी थी. सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. सूरज और ममता ने तय कर लिया था कि वे जिंदगी भर साथसाथ रहेंगे, दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें जुदा नहीं कर पाएगी. वे अपने भावी जीवन के तानेबाने बुनने लगे थे. सूरज और ममता ने अपने प्रेम संबंधों के बारे में अपने घर वालों को कुछ भी नहीं बताया था.
उधर वक्त का पहिया अपनी गति से आगे बढ़ता रहा. सूरज और ममता में पहली बार तकरार तब शुरू हुई, जब ममता के घर वालों ने भागदौड़ कर के ममता के लिए लड़का देख लिया. वह लड़का उन्हें पसंद आ गया तो उन्होंने 20 अप्रैल, 2024 को ममता की शादी शहडोल जिले के अमझोर गजनी के निवासी सुरेंद्र से कर दी. यह खबर जैसे ही सूरज पनिका को लगी तो उस के होश उड़ गए. वह ममता की शादी के बाद खोयाखोया सा रहने लगा था. शादी के बाद ममता कुछ दिन तक ससुराल में रही, उस के बाद सुसराल से विदा हो कर मायके आ गई.
ममता पढ़ाई के लिए अमरकंटक में रहने लगी थी. 10-15 दिन पहले ही ममता ने अपने सोशल अकाउंट पर पति के साथ एक फोटो पोस्ट की. फोटो देख कर सूरज बुरी तरह तिलमिला गया. जिस ममता से वह पिछले 5 सालों से प्यार कर रहा था, वह किसी और की बन जाए, यह उसे हरगिज बरदाश्त नहीं हुआ. उस ने ममता को फोन कर नाराजगी जताई. दोनों के बीच शादी को ले कर काफी समय तक कहासुनी हुई, इस घटनाक्रम के बाद दोनों में बातचीत भी बंद हो गई. यह भी सच है कि लोगों की बंद आंखों के सपने ही नहीं टूटते, बल्कि खुली आंखों के सपने भी टूट जाते हैं. जब खुली आंखों के मखमली सपने टूटते हैं, इंसान आकाश से सीधा जमीन पर आ कर गिरता है, ऐसा ही सूरज पनिका के साथ हुआ.
सूरज पनिका ने ममता की शादी की जानकारी लगने वाले दिन ही तय कर लिया था कि प्यार में धोखा देने वाली ममता को वह सबक सिखा कर रहेगा. ममता को मौत के घाट उतारने से पहले शातिर दिमाग सूरज ने एक नया दांव खेला. 19 जून, 2024 की दोपहर ममता को फोन कर उस से बुराभला कहने के लिए माफी मांगी और कहा, ”जानेमन ममता, तुम कहां होï? तुम से मिलना है.’’
”कोई खास बात है क्या?’’ ममता ने पूछा.
”अरे यार तुम्हारी बहुत याद आ रही है. कल मैं अपने औफिस के काम से अमरकंटक आ रहा हूं. सोच रहा हूं कि तुम से भी मिल लूं.’’ सूरज ने कहा.
”अच्छा तो यह बात है,’’ ममता बोली, ”अमरकंटक आ कर फोन कर लेना.’’
सूरज ने क्यों बनाया प्रेमिका की हत्या का प्लान
ममता की हत्या करने के मकसद से योजना बना कर सूरज 20 जून, 2024 की सुबह अपनी अल्टो कार से ममता से मिलने अमरकंटक जा पहुंचा. सूरज ने योजनानुसार कार में पहले ही चाकू, ग्लव्स, चापड़ और तेजाब की बोतल छिपा कर रख ली थी. ममता से चिकनीचुपड़ी बातें कर के सूरज उसे होटल में ले गया, जहां सूरज ने ममता के साथ 14 घंटे गुजारे.
21 जून की रात 12 बजे सूरज ममता को साथ ले कर होटल से बाहर निकला. इस के बाद सूरज अपनी योजना को मूर्तरूप देने के लिए अल्टो कार में ममता को बैठा कर लौंग ड्राइव पर निकला. सूरज ने ड्राइविंग सीट के ठीक बगल वाली सीट पर ममता को बैठा रखा था. सूरज कार को अमरकंटक के जंगल वाले रास्ते पर ले गया और कार को अचानक रोक कर सूरज ने धमकी भरे लहजे में ममता से कहा, ”ममता, तुम तो भलीभांति जानती थी कि मैं तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हूं. इस के बावजूद भी तुम ने मेरे प्यार को ठुकरा कर किसी और से शादी कर ली. ममता तुम फरेबी और धोखेबाज हो. प्यार का नाटक कर के तुम ने मुझे धोखा दिया और मुझे बताए बिना गुपचुप शादी कर ली.’’
ममता समझ गई कि सूरज को उस की शादी के बारे में पता चल गया है, इसलिए उस ने अपने दोनों कान पकड़ कर माफी मांगते हुए कहा, ”सूरज, मैं तुम से प्यार जरूर करती थी, पर अब नहीं करती. मेरी शादी हो चुकी है, गृहस्थी भी बस चुकी है. प्यार करने वाला पति भी है. शादी से पहले हम दोनों के बीच जो हुआ सो हुआ, अब उसे भूल जाओ. मैं अपने पति को धोखा नहीं दे सकती. मेरी भी कुछ मर्यादाएं हैं.’’
”अचानक तुम्हें यह हो क्या गया ममता, कैसी बहकीबहकी बातें कर रही हो तुम.’’
”सूरज, मैं शादीशुदा हूं, तुम जो चाहते हो, अब वह नहीं हो सकता. कृपा कर के मेरी बसीबसाई गृहस्थी में आग मत लगाओ. मेरी बात को समझो. कहो तो मैं तुम्हारे पैर पकड़ लूं. पिछली बातों को भुला कर अब तुम मेरे ऊपर उपकार करो.’’
”खैर, मुझे इस बात की कोई परवाह नहीं है कि तुम किसी और की पत्नी हो, खूब सोचसमझ कर बताओ कि तुम्हें मेरा प्यार स्वीकार है या पति का?’’ सूरज बोला.
”देखो, अब मैं पति के साथ ही रहना चाहती हूं. इसलिए अब तुम भी मुझे भूल जाओ.’’ प्रेमिका की इस बात पर सूरज पनिका को गुस्सा आ गया ओर उस ने चाकू से वार कर कार में ही ममता की हत्या कर दी.
सूरज की प्रेम कहानी सुन कर पुलिस भी हतप्रभ रह गई. क्योंकि कहानी सुनाते समय सूरज के चेहरे पर न कोई शिकन थी और न ही कोई पछतावा, बल्कि अपने किए पर वह बेहद खुश था. उस का दोटूक शब्दों में कहना था कि ममता ने उसे ऐसा जख्म दिया था, जो वक्त के साथ भर तो जाता, लेकिन उस की कसक कभी नहीं जाती. बहरहाल, टीआई मदन मरावी ने सूरज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया. चूंकि अभियुक्त ने आत्महत्या कर ली थी, इसलिए इस मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी.