महानगरों से ले कर छोटे शहरों तक देह व्यापार के पांव फैल गए हैं. धंधा चलाने के लिए अब कई गिरोह इंटरनेट का भी सहारा लेने लगे हैं. लखनऊ कालगर्ल डौटकौम भी ऐसे ही चल रहा था.
‘‘नेहा न तो ये देह व्यापार है और न ही तुम कोई कालगर्ल. यह तो जस्ट अफन है, जिस में रात के कुछ घंटे किसी के साथ गुजारने हैं. ऐसे ही किसी के साथ भी नहीं, बल्कि जिसे तुम पसंद करो उस के साथ. पहले तुम उस की फोटो को पसंद कर लो, फिर वह तुम्हारी फोटो पसंद करेगा.’’ विपिन ने नेहा को समझाते हुए कहा.
‘‘फिर भी रिस्क तो है न, पकड़े गए तो क्या होगा?’’ नेहा को इस काम से इनकार नहीं था, वह तो बस बदनामी से डर रही थी. वह ऐसा लफड़ा नहीं चाहती थी, जिस से वह पकड़ी जाए.
‘‘नेहा, कोई रिस्क नहीं है, यह तो केवल गेम है. हम लोग तुम्हें होटल में छोड़ेंगे, वहां से तुम्हें हम ही पिक भी करेंगे. तुम्हें कोई परेशानी नहीं होगी. कई बार तो होटल की जगह किसी का घर भी हो सकता है.’’
‘‘यह सब केवल रात में ही करना होगा.’’ नेहा ने पूछा.
‘‘हां, केवल रात, वह भी पूरी नहीं. रात में 11 से सुबह 4-5 बजे तक. किसी को कानोंकान खबर नहीं होगी.’’
‘‘यार, कुछ गड़बड़ न हो बस.’’
‘‘कोई गड़बड़ नहीं होगी. तुम्हारे साथ रहने वाली प्रिया तो सब जानती है. एक रात का 10 हजार मिलेगा. आराम से 3-4 रात यह काम करो, इस के बाद महीना भर आराम से रहो. किसी तरह का कोई रिस्क नहीं, यह सारा काम इंटरनेट और वाट्सऐप पर चलता है.’’
ये सारी बातें नेहा और दलाल टाइप के युवक के बीच हो रही थीं. युवक उस गिरोह का हिस्सा था, जो सोशल मीडिया के माध्यम से देह व्यापार चला रहा था. नेहा ने अपनी साथी प्रिया से पूछा तो उस ने बताया कि कई लड़कियां इस तरह ही अपना खर्च उठा रही हैं. इस के लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. नेहा ने बात मान ली. पहली बार नेहा को डर लगा लेकिन धीरेधीरे यह डर खत्म हो गया. अब नेहा और प्रिया एक साथ ही जाने लगीं. होटल और ग्राहक के बीच घूमते हुए नेहा को मजा आने लगा. लखनऊ कालगर्ल डौटकौम के जरिए उन्हें जो ग्राहक मिलते थे, वे अलग थे. उन से मिले पैसों पर कमीशन नहीं देना पड़ता था.
कई बार प्रिया अपने लिए खुद भी ग्राहक खोज लेती थी. ऐसे में उसे किसी को पैसा भी नहीं देना होता था. प्रिया ने यह गुर नेहा को भी बताया, ‘‘कुछ दिन इन लोगों के साथ काम कर लो. उस के बाद हर हफ्ते 1-2 ग्राहक बना लो, अच्छा पैसा मिलने लगेगा. पता है, खुद को तैयार करने के लिए मेकअप से ले कर ड्रैस तक खुद ही खरीदनी पड़ती है.’’
प्रिया ने आगे बताया, ‘‘हर ग्राहक को हर बार नई लड़की की जरूरत होती है. ऐसे में हम दोनों अपने ग्राहकों में अदलाबदली कर लेंगे. इस में हमें किसी और को पैसे नहीं देने होंगे.’’
नेहा ने पूछा, ‘‘जब सब हम ही लोग कर लेंगे तो इन लड़कों को क्यों साथ रखें?’’
प्रिया ने उसे समझाते हुए कहा, ‘‘देखो, हर ग्राहक शरीफ नहीं होता. कई बार जब उसे लगता है कि अकेली लड़की है तो वह अपनी मनमरजी करने लगता है. ग्राहक के साथसाथ लड़की को अकेली जान कर पुलिस भी परेशान करती है. ऐसे में लड़कों का सहारा होता है तो ठीक रहता है. यह हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी है.’’
नेहा और प्रिया की तरह दरजनों लड़कियां लखनऊ कालगर्ल डौटकौम के माध्यम से देह व्यापार कर रही थीं. ये लड़कियां लालच दे कर नई लड़कियों को देह व्यापार के लिए तैयार भी करती थीं. वैसे ही जैसे एक दलाल और प्रिया ने नेहा को तैयार किया था. कोठे, कोठियों, रेडलाइट एरिया और मसाज पार्लरों से होता हुआ देहव्यापार अब इंटरनेट तक पहुंच चुका है. अब कई ग्राहक वाट्सऐप पर लड़कियों के फोटो और वीडियो देख कर उन्हें पसंद करने लगे हैं. इंटरनेट से देहधंधे में सुविधाएं बढ़ गई हैं. लड़की को अपने अड्डे से ले कर होटल तक ले जाया जा सकता है.
होटल की भी इंटरनेट से बुकिंग होने लगी है, जहां पहले जैसी छानबीन का खतरा नहीं होता. कालोनियों के घरों जैसे बने कुछ कमरों में ही होटल चलने लगे हैं. ऐसे होटलों में खानेपीने की सुविधाएं नहीं होतीं, वहां केवल ठहरने की सुविधा होती है. खानेपीने की सुविधा के लिए होटल के बाहर बनी दुकानों पर निर्भर होना पड़ता है. इस तरह के रैकेट चलाने वाले पेशेवर लड़कियों के दलाल नहीं होते. यहां धंधा करने वाली लड़कियां भी जबरन नहीं लाई जातीं. वाट्सऐप और फेसबुक के जरिए ही इन को बुलाया जाता है. कई तो हौलीडे पैकेज मान कर 4 से 6 दिन के लिए आती हैं और बाकी बचे महीने भर इस धंधे से दूर रहती हैं. इन में कुछ पढ़ने वाली लड़कियां हैं तो कुछ प्राइवेट जौब करने वाली. कुछ तो डांस, मौडलिंग और एक्टिंग के क्षेत्र में काम करने का दावा तक करती हैं. देह के इस धंधे में इस तरह की लड़कियों की डिमांड ज्यादा होती है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर जैसे पौश एरिया में एक ऐसे ही सैक्स रैकेट को पकड़ा गया. यह सैक्स रैकेट लखनऊ कालगर्ल डौटकौम के नाम से चलता था. गिरोह को चलाने वाले लड़के लड़कियों को ग्राहकों के कमरों तक पहुंचाने और वहां से सुरक्षित लाने का काम भी करते थे. कई बार ग्राहक पैसे देने में आनाकानी और लड़कियों से जोरजबरदस्ती करने की कोशिश करता है तो उस के लिए गिरोह चलाने वाले अपने पास रिवौल्वर रखते हैं ताकि ऐसे लोगों को धमकाया जा सके. लखनऊ पुलिस को इस बात की सूचना लगी तो उस ने इस गिरोह का राजफाश करने का बीड़ा उठाया. पुलिस ने देर रात चलने वाले वाहनों पर नजर रखनी शुरू कर दी. 9 जून, 2018 को रात करीब ढाई बजे सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्रा के निर्देश पर पुलिस कठौथा झील के पास आनेजाने वाले वाहनों की चैकिंग कर रही थी, तभी लाल रंग की कार में कुछ लोग आते दिखे. पुलिस ने जब उन्हें रुकने का इशारा किया तो वे तेजी से भागने लगे.
पुलिस द्वारा पीछा करने पर कार से उतर कर भाग रहे विपिन नाम के लड़के को पकड़ा गया तो पता चला कि वे लोग सैक्स रैकेट का संचालन कर रहे थे. कार सवार लड़के तो भाग गए लेकिन कार से उतरने वाले लड़के को पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस ने उस के पास से आधार दरजन मोबाइल, 13 हजार रुपए, एक पिस्टल और एक कार बरामद की. पुलिस की छानबीन में उस ने अपना नाम विपिन शर्मा बताया. विपिन ने अपने फरार साथियों के नाम अंकित, अतुल और गोलू बताए. उस ने पुलिस को बताया कि वे लोग देह व्यापार का धंधा करते हैं. बरामद पिस्टल के बारे में विपिन ने बताया कि कुछ ग्राहक बिगड़ैल किस्म के होते हैं. ऐसे लोग पेमेंट को ले कर लड़ाईझगड़ा तो करते ही हैं, लड़कियों को सैक्स के दौरान परेशान भी करते हैं. पिस्टल ऐसे ग्राहकों को डराने के काम आती है.
विपिन के पास से बरामद पिस्टल गैरलाइसेंसी थी. विपिन ने उस रात 3 लड़कियां ग्राहकों के पास भेजी थीं. वे लड़कियां वापस आने वाली थीं, ये लोग उन्हीं को लेने के लिए आए थे. यह जानकारी मिलते ही एसएसआई अमरनाथ सरोज ने थाने से 2 महिला सिपाही चारू मलिक और रुचि मांगट को बुला लिया. विपिन के दिए बयान के अनुसार पुलिस वहां आने वाली लड़कियों का इंतजार करने लगी. सुबह करीब 6 बजे कार से 4 युवक विकास यादव, कर्मदेव यादव, सतवंत सिंह और आदित्य वर्मा वहां आए. पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया. इन लोगों ने पुलिस को बताया कि 3 लड़कियों को होटल के पास छोड़ा था. वे अभी आ रही होंगी. कुछ ही देर में 3 लड़कियां पैदल आती दिखीं. इन्हें महिला सिपाहियों ने पकड़ लिया. पुलिस की तलाशी में रीना, प्रिया और नेहा के पास पर्स से नकदी, मोबाइल और कुछ आपत्तिजनक चीजें मिलीं. इस में 2 लड़कियां प्रिया और नेहा हावड़ा की रहने वाली थीं. ये चिनहट के पास एक महिला हौस्टल में रह रही थीं.
रीना गोरखपुर की थी और एमबीए की पढ़ाई करने के लिए हौस्टल में रह रही थी. पुलिस जब लड़कियों को ले कर होटल गई तो वहां कोई ग्राहक नहीं मिला. ग्राहकों के नाम अहसान अली और दुर्गेश कुमार थे, जो पहले ही जा चुके थे. पुलिस को पता चला कि इस रैकेट को विपिन कुमार अपने साथियों के साथ मिल कर चलाता था. ये लोग एक कमरा ले कर किराए पर रहते थे. विपिन बीकौम में पढ़ता है, जबकि विकास और आदित्य प्राइवेट जौब करते हुए यह काम करते थे. विभूतिखंड थाने के प्रभारी बृजेश कुमार राय ने बताया कि पुलिस को पता चला है कि ये लोग बड़ेबड़े लोगों को भी लड़कियां सप्लाई करते थे. इस की जांच होगी. पुलिस के सहयोग के लिए साइबर क्राइम पुलिस को भी सहयोग देने के लिए कहा गया है.
पूरा मामला इंटरनेट से जुड़ा होने के कारण साइबर पुलिस की उपयोगिता बढ़ गई थी. उस के सहयोग से ही पुलिस इंटरनेट पर ठिकाना बना कर देह व्यापार कराने वाले रैकेट को पकड़ सकी. पुलिस भी मानती है कि ऐसे धंधों का खत्म होना संभव नहीं है. धरपकड़ कर के केवल इन्हें सीमित भर किया जा सकता है.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. पहचान छिपाने के लिए कुछ नाम बदल दिए गए हैं.