घूमोफिरो, कुंवारी लड़कियों से शादी करो, पत्नी बनाओ और फिर घर लौटते समय तलाक दे दो. यही है प्लेजर मैरिज का नया चलन, जिस की इन दिनों दुनिया भर में खूब चर्चा हो रही है. पर्यटकों को ऐशोआराम और मौजमस्ती के लिए कुछ पैसे खर्च करने पड़ते हैं. आप भी जानें कि यह सैक्स टूरिज्म किस देश में चल रहा है और पर्यटकों को इस के लिए क्या करना होता है?
इंडोनेशिया की युवती कहाया कुल 15 बार विवाह रचा चुकी है. ऐसा उस ने अपने परिवार का भरणपोषण करने के लिए किया है. विवाह रचाने वाले शख्स विदेशी थे. वे सभी इंडोनेशिया में घूमने आए मध्यपूर्व देशों के पर्यटक थे, जिन्होंने शादी की थी. वे कहाया के अस्थाई पति थे. जब वे कुछ दिनों बाद अपने देश लौटने को होते थे, तब कहाया उन से तलाक ले लिया करती थी …और फिर अगली शादी के लिए एजेंट से संपर्क कर लेती थी. इंडोनेशिया के कानून के मुताबिक यह शादी गैरकानूनी नहीं थी. कारण वहां के निकाह मुताह कानून के मुताबिक कोई भी 25 शादियां रचा सकता है.
लास एंजिलस टाइम्स की चीन स्थित रिपोर्टर स्टेफनी यंग को कहाया ने अपने बारे में कई बातें बताईं. अपने घरपरिवार की जरूरत और मजबूरी के बारे में बताया और इस कारण मुसीबत में फंसने का भी खुलासा किया. उस ने बताया कि उस की पहली अनुबंधित शादी सऊदी अरब के एक पर्यटक से हुई थी. वह 50 साल का था, जबकि खुद वह 17 वर्ष की थी. उन की शादी जकार्ता के एक थ्री स्टार होटल के गेस्ट हाल के छोटे से समारोह में हुई थी. यह निकाह इसलामी कानून के एक विवादास्पद प्रावधान के तहत हुआ था. कारण वहां के कानून के मुताबिक लड़की की उम्र 21 साल है.
शादी में बड़ी बहन उस की अभिभावक के रूप में शामिल हुई थी और इस का सौदा करने वाला एजेंट गवाह बना था. वैसे कहाया की शादी स्कूल में साथ पढऩे वाले लड़के के साथ 13 की उम्र में ही हो गई थी, लेकिन 4 साल बाद उस से तलाक हो गया था, जबकि उन से एक बेटी भी है. घर की खराब आर्थिक स्थिति को ले कर उस के परिवार वाले परेशान रहने लगे थे. पैसों की काफी दिक्कत थी. परिवार में मांबाप और दादादादी के खर्च की जिम्मेदारी 2 बहनों पर आ गई थी. तभी कहाया की बड़ी बहन ने उसे इस रास्ते पर चलने की सलाह दी थी.
उन्हीं दिनों एक एजेंट ने कहाया के दादादादी और उस की बड़ी बहन से संपर्क किया था. उस ने बताया था कि एक पर्यटक को कुछ दिनों के लिए दुलहन की तलाश है. वह सऊदी अरब से आया है. कहाया से शादी के बदले में दहेज के तौर पर 850 डालर यानी लगभग 70 हजार रुपए देगा. जब तक वह इंडोनेशिया में रहेगा, तब तक कहाया को उस की पत्नी बन कर रहना होगा. अस्थाई विवाह का सौदा तय होने के बाद सऊदी के पर्यटक से मिले पैसे में करीब आधा हिस्सा एजेंट और सरकारी अधिकारियों पर ही खर्च हो गए थे.
पर्यटन के साथ मिलता है फुल एंजौय
शादी हो जाने पर नवविवाहित जोड़ा दक्षिण में कोटा बुंगा के पर्वतीय रिसौर्ट में रहने चला गया था. वे 2 घंटे की ड्राइव कर वहां पहुंचे थे, वहां ठहरने के लिए विला बना हुआ था. कोटा बुंगा में छुट्टियों के लिए विला का एक समूह बना हुआ है. मध्यपूर्व के पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय रिसौर्ट है. इंडोनेशियाई महिलाओं के साथ अनुबंध विवाह करने वाले यहीं आ कर ठहरते हैं. कहाया के लिए वहां का अनुभव बहुत ही कड़वा था. अरबी शौहर को सैक्स संतुष्टि करने के अलावा घर के सभी कामकाज करने होते थे, जिस में फर्श साफ करने, कपड़े धोने, खाना बनाने के काम करने होते थे. बाकी समय में वह टीवी देखती थी या फिर इंडोनेशियाई नौकरानी से बातें करती थी.
उन के वैवाहिक संबंध 5 दिनों में ही खत्म गए. वह आदमी सऊदी अरब वापस जाने के लिए विमान में सवार हो गया, जहां उस ने तलाक के लिए अरबी शब्द ‘तलाक’ 3 बार कह कर एकतरफा शादी को समाप्त कर दिया. इस तरह से कहाया की अस्थाई शादी की शुरुआत हो गई थी, जो पर्यटकों की नजर में प्लेजर मैरिज कहलाता है और समाज इसे सैक्स टूरिज्म के नजरिए से देखता है. यह अलग बात है कि इंडोनेशियाई परिवार घोर गरीबी के कारण इसे सहर्ष अपनाने लगे हैं, जिस की 1980 के दशक से इंडोनेशिया में निकाह मुताह प्रथा के विस्तार के बाद शुरुआत हुई थी.
दरअसल, उन दिनों सऊदी अरब और थाईलैंड के बीच संबंध खराब हो गए थे और सऊदी पर्यटक इंडोनेशिया की ओर रुख करने लगे थे. मुसलिम बहुल इंडोनेशिया की 87 फीसदी आबादी इस प्रथा से जुड़ी हुई है. स्थानीय एजेंटों और व्यापारियों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए निकाह मुताह को एक फलतेफूलते बिजनैस ट्रेंड में बदल दिया है. हालांकि इंडोनेशिया के कानून में वेश्यावृत्ति गैरकानूनी है, लेकिन जमीन पर इस कानून का कोई खास असर नहीं दिखता है. इस के बजाय यह प्रथा धर्म और कानून के बीच की खींचतान के बीच फलफूल रही है. इस बारे में सामाजिक बदलाव पर नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि ऐसा आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के कारण है.
इस प्रथा को बढ़ावा मिल रहा है, खासकर कोविड महामारी के बाद पश्चिमी इंडोनेशिया में मुसलिम समाज की बड़ी आबादी के हालात और बदतर हो गए. उन का जीवनयापन दूभर हो गया, तब इंडोनेशिया में गरीब परिवार की लड़कियां, महिलाएं पर्यटकों के संपर्क में आने लगीं. एजेंटों ने उन्हें पर्यटकों से पैसा कमाने शार्ट टर्म ‘प्लेजर मैरिज’ का तरीका बताया. इस के पीछे इसलाम की इजाजत का तर्क दिया कि कोई एक लड़की 25 से ज्यादा शादियां कर सकती है. अर्थात इतने मर्दों के साथ सैक्स संबंध कायम कर सकती है.
ऐसी शादियां करने वाली लड़कियां अधिकतर इंडोनेशिया के पुंकाक की होती हैं. ऐसी शादियां करने से उन्हें उन की उम्र, सुंदरता की झलक के अनुरूप पैसे मिलते हैं और पर्यटक के जाते ही उन की शादी टूट जाती है. उस के बाद एजेंटों के जरिए किसी दूसरे पर्यटक से शादी कर लेती हैं. पुंकाक में कम आय वाले परिवारों की युवतियां पैसे के बदले में पुरुष पर्यटकों के साथ शार्ट मैरिज कर रही हैं. उन का मकसद कोई घरपरिवार बनाना नहीं, बल्कि पर्यटकों को यौन संतुष्टि दे कर पैसे बनाना है. यही कारण है कि यह एक आकर्षक उद्योग बन चुका है. अब इस काम को कुछ कंपनियों ने संभाल लिया है.
यहां आने वाले अधिकतर अरब पर्यटक ही होते हैं. एक हाइलैंड रिसौर्ट में एजेंसियों द्वारा पर्यटकों को स्थानीय महिलाओं से मिलवाया जाता है. दोनों पक्षों की सहमति से विवाह की एक छोटी सी रस्मअदायगी आयोजित की जाती है. उस के बाद पुरुष महिला को दुलहन की कीमत देता है. जब तक पर्यटक वहां रहता है, तब तक महिला उसे घरेलू और यौन सेवाएं देती है. इस के लिए तय करारनामे के मुताबिक पर्यटक के जाने के साथ ही विवाह भंग हो जाता है.
कहाया ऐसी एक 28 वर्षीय युवती है, जो 15 से अधिक बार ‘प्लेजर मैरिज’ कर अस्थाई पत्नी बन चुकी है. इस दौरान उस के अनुभव कष्टदायक रहे हैं. सब से तकलीफ की बात तो यह होती है कि पर्यटक से मिलने वाली आधी के करीब धनराशि एजेंट और इस काम में लगे अधिकारियों की जेब में चली जाती है.
बन चुका है तलाकशुदाओं का गांव
कहाया को नहीं चाहते हुए भी इस काम में लगना पड़ा था. पति से तलाक हो जाने के बाद उस ने अपनी बेटी के पालनपोषण के लिए किराने की दुकान और जूते बनाने वाली फैक्ट्रियों में काम करने के बारे में सोची थी, लेकिन वहां वेतन बहुत कम था. बड़ी बहन के कहने पर कहाया अस्थाई विवाह को तैयार हो गई थी. अब वह हर विवाह से 300 से 500 डालर कमा लेती है, जिस से उस का किराया, बच्चे की परवरिश और बीमार दादादादी का खर्च चल पाता है. हालांकि उस के परिवार के अधिकतर सदस्यों को नहीं मालूम कि वह यह काम करती है. कहाया जैसी कई महिलाएं बाद में इस काम को छोड़ देती हैं और अपनी मुकम्मल गृहस्थी भी बसा लेती हैं.
निकाह मुताह या कहें ‘आनंद विवाह’ इंडोनेशिया के पहाड़ी क्षेत्र पुंकाक में आर्थिक जीवन रेखा बन गई है. यह प्रथा इतनी आम हो गई है कि यह क्षेत्र इंडोनेशियाई लोगों द्वारा इसे ‘तलाकशुदा गांवों’ का इलाका कहा जाने लगा है. कहाया बताती है कि वह अपने 1,000 लोगों के गांव की 7 अन्य महिलाओं को जानती है, जो इस तरह से अपना जीवनयापन करती हैं. कहाया ने अपना असली नाम कभी किसी को नहीं बताया है. जिस से भी विवाह किया उसे यह नाम कहा. यहां तक कि उसे उस के बारे में भी अधिक नहीं मालूम कि कब किस के साथ शादी हुई थी? यहां तक कि विवाह की सटीक संख्या तक नहीं मालूम. अनुमान से बताती है कम से कम 15 के साथ उस ने ऐसी शादी की है, सभी मध्य पूर्व के पर्यटक थे.
वैसे कहाया इसे किसी यातना से कम नहीं मानती है. उस का कहना है कि यह सब यातना है, हर बार मेरे दिमाग में बस यही रहता था कि मैं घर जाना चाहती हूं. कहाया का आखिरी अनुबंध विवाह बहुत ही तकलीफदेह था. इस दौरान वह सऊदी अरब में बंदी बना ली गई थी, तब उस ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी. वह किसी तरह मार्च 2024 में वापस अपने गांव लौटी है. पिछले साल 2023 में सऊदी व्यक्ति से हुई अनुबंध शादी में उस ने वादा किया था कि अगर वह उस के साथ सऊदी अरब लौटेगी तो वह उसे रानी की तरह रखेगा. उस ने 2 हजार डालर दहेज में देने का प्रस्ताव दिया था, जिस में से वह 1,300 डालर रख सकती थी. साथ ही लगभग 500 डालर प्रति माह देने का भी वादा किया था.
उसे यह सौदा इतना बढिय़ा लगा था कि वह इसे नहीं ठुकरा पाई. उस ने अपनी मां से कहा कि जब तक वह सऊदी से नहीं लौटे, तब तक वह उस की बेटी की देखभाल करे. कहाया इस अनुबंध के साथ अक्तूबर 2023 में सऊदी अरब के तटीय शहर दम्मम चली गई. वहां जाते ही उस ने पाया कि वह उस शख्स की गुलाम बना दी गई है. वह रिश्तेदारों से भरे एक बड़े घर की तीसरी मंजिल पर रहते हुए बिना वेतन के घर का सारा काम करती थी. उस ने कहा कि वह व्यक्ति उस के खाने पर थूकता था. हर रात उस पर चिल्लाता था. सामान तोड़ता था और जब वह सोने की कोशिश करती थी तो अकसर उसे लात मार कर जगा देता था.
उस ने कई बार भागने की कोशिश की, लेकिन हमेशा पकड़ी गई. आखिरकार उस ने बुदी को फोन किया, जिस ने जकार्ता में सऊदी दूतावास और विभिन्न इंडोनेशियाई मंत्रालयों से मदद की गुहार लगातेलगाते कई महीने बीत गए. कहाया लगातार हताश होती जा रही थी. जब उस ने सुना कि उस की दादी मरणासन्न है तो उस ने चाकू से अपनी बाईं कलाई काट कर खुदकुशी करने की कोशिश की. उसे अस्पताल ले जाया गया. बुदी ने कहा कि इस से दूतावास के साथ उस का मामला तेजी से आगे बढ़ा. मार्च में उस के अनुबंधित पति के एक रिश्तेदार ने उसे घर का टिकट खरीदा और उस का लौटना संभव हुआ. इंडोनेशिया में वापस लौटने के बाद वह बाइक पर यात्रियों को लाने ले जाने और भोजन की डिलीवरी कर के लगभग 77 डालर प्रतिमाह कमा रही है. वह बुदी और उस की पत्नी के लिए मीटबाल भी बेचती है, जिस से फोन क्रेडिट, भोजन और उस के बिजली के बिल का भुगतान करने में मदद मिलती है.
वह अभी भी किसी दिन फिर से असली शादी करने की उम्मीद करती है और उसे डर है कि उस का प्रेमी उस के अनुबंधित दुलहन के काम के बारे में जान जाएगा और उसे छोड़ देगा. इस बीच उस ने अपनी अगली शादी को सुरक्षित करने के लिए एक एजेंट के साथ काम करना फिर से शुरू कर दिया है. अब कहाया एजेंट के साथ मिल कर काम कर रही है. जबकि वह जानती है कि यह वेश्यावृत्ति की तरह ही है. उसे मालूम है कि इंडोनेशियाई कानून के तहत अनुबंध विवाह अवैध है, यह भी पता है कि इस कानून को शायद ही कभी लागू किया गया हो. इस के बजाय निकाह मुताह के लिए दलालों, अधिकारियों और भरती करने वालों का एक व्यापक नेटवर्क बन चुका है.
सऊदी लोग करते हैं ज्यादा प्रताडि़त
सऊदी और अन्य मध्य पूर्वी लोग पुंकाक के हरेभरे पहाड़ी इलाके में आते हैं. इसे बोलचाल की भाषा में ‘अरब गांव’ के रूप में जाना जाता है. यहां रेस्तरां के मेनू और स्टोरफ्रंट में अकसर अरबी अनुवादक होते हैं. शुरुआती दिनों में यहां लड़कियों और युवतियों को परिवार के सदस्यों या परिचितों द्वारा पर्यटकों को पेश किया जाता था. अब वही काम दलाल करने लगे हैं. इन्हीं में एक हैं बुदी प्रियानी. वह 55 वर्ष के ड्राइवर और दुभाषिया हैं. करीब 30 साल पहले उन्होंने पहली अनुबंधित इसलामी शादी देखी थी. तब से स्थानीय महिलाओं के लिए वह बिचौलिया बन गए.
उन का कहना है कि ऐसी उन्होंने कितनी शादियां देखीं, याद नहीं, लेकिन लड़की को प्रत्येक विवाह से मिलने वाला दहेज कम होता जा रहा है. बुदी एक छोटेमोटे इंडोनेशियाई करोबारी हैं. उन्होंने सऊदी अरब में एक रसोइए के रूप में काम करने के दौरान अरबी सीखी थी. पहली बार अनुबंध विवाह के बारे में उस वक्त सुना था, जब वह मध्य पूर्वी पर्यटकों को घुमा रहे थे. उन्होंने उस से अस्थाई पत्नियां खोजने में मदद मांगी थी. इस में उन्होंने मदद की, बदले में उन्हें भी अतिरिक्त पैसे मिल गए. बाद में उन्होंने इस काम से भी पैसा कमाना शुरू कर दिया.
जकार्ता में सरीफ हिदायतुल्ला इसलामिक स्टेट यूनिवर्सिटी में इसलामिक पारिवारिक कानून के प्रोफेसर यायन सोप्यान का कहना है कि इंडोनेशिया के कई शहर हैं, जहां यह प्रथा लोकप्रिय हो गई है. कारण, वहां अन्य आमदनी की संभावनाओं की कमी है. कोरोना महामारी ने हालात और भी बदतर कर दिए. पैसे की जरूरत के चलते अब यह प्रथा और फैल रही है.
एजेंटों की हो रही है चांदी
बुदी के परिचित एजेंटों ने हाल के सालों में इस धंधे को काफी बढ़ाया है. इन में से कुछ ने तो एक महीने में 25 शादियां तक करवाई हैं. बुदी को भी ड्राइविंग और अनुवाद के लिए दहेज का 10 फीसदी मिल जाता है. उन का कहना है कि वह महिलाओं को काम खोजने में मदद करता है और जितना हो सके उन की सुरक्षा करता है. अनुबंध विवाह की तलाश में हमेशा नई लड़कियां उन से संपर्क करती हैं, लेकिन वह उन्हें बताता है कि वह एजेंट नहीं है. कहाया इंडोनेशिया के पश्चिमी जावा प्रांत के प्रशासनिक क्षेत्र सुकाबुमी रीजेंसी में पलीबढ़ी है, जहां बाल विवाह की दर बहुत अधिक है. बुदी प्रियानी को कहाया के बारे में अपने पड़ोसी ड्राइवर से मालूम हुआ था. तब वह पैसे की तंगी से जूझ रही थी. उसे अपनी मां और अपने परिवार की देखभाल करनी थी. उन्हें आर्थिक मदद करना चाहती थी.
कहाया की तरह ही एक 32 वर्षीय महिला निसा भी अपने अनुबंध पतियों के लिए खुद को समर्पित करती है. निसा कहती है कि वह अपना असली नाम कभी भी किसी को नहीं बताती है. उस ने लगभग 20 पर्यटकों से शादी की है. उस ने 6 साल पहले अनुबंध विवाह की ओर रुख किया जब उसे ‘कराओके बार’ में काम करने के बावजूद किराया देने में परेशानी हुई थी. यह उस की पहली अनुबंधित शादी थी. उस ने इसे आजमाने का फैसला किया था. इस के लिए उसे पिता ने मंजूरी दी थी. क्योंकि उन्हें उस का बार में डांस का काम करना पसंद नहीं था. वहां पुरुषों के साथ वह छेडख़ानी की शिकार होती थी. उस का काम डांस करते हुए ग्राहकों के सामने ड्रिंक पेश करने और उसे खरीदने के लिए प्रेरित करना होता था.
वर्ष 2018 में निसा भी कहाया एवं कई अन्य महिलाओं के साथ एक ही कार से अस्थाई पत्नियों की तलाश कर रहे 2 पर्यटकों से मिलने गई थी. उन में से एक ने कहाया को चुना था, जबकि दूसरे ने निसा को. तब न तो निसा और न ही कहाया ने अनुबंधित विवाह के प्रस्ताव को ठुकराया था. इस का मतलब तलाक के बाद 40 दिन तक दोबारा शादी करने की इसलामी शर्त को नजरअंदाज करना भी था. निसा के लिए भी यह शादी तकलीफदेह थी. अपनी पहली अनुबंध की शादी के बारे में निसा ने बताया, ”मैं दिल में रोई. एक बूढ़े आदमी के साथ कौन सोना चाहेगा? मैं ने यह सिर्फ पैसे के लिए किया था, ताकि मेरे मातापिता खा सकें और मेरे भाईबहन स्कूल जा सकें.’’
उस के बाद निसा ने अपनी 18 साल की बहन को भी इस के लिए प्रोत्साहित किया. उस की बहन भी कौन्ट्रैक्ट दुलहन बन गई थी. उसे अपनी पहली शादी के लिए 3,000 डालर का दहेज मिला था, क्योंकि वह कुंवारी थी. हालांकि कहाया की तरह उस ने इस काम को दोबारा नहीं किया और सिंगापुर में काम करने के लिए वीजा के लिए आवेदन कर दिया. उन्हीं दिनों उस की मुलाकात एक इंडोनेशियाई व्यक्ति से हो गई, जो इमिग्रेशन औफिस में काम करता था. उस के साथ उस ने 4 साल पहले प्रेम विवाह कर लिया. अब वह अपने 2 छोटे बच्चों के साथ खुशहाल जीवन गुजार रही है. उस के साथ ही निसा की 12 साल की बेटी भी रहती है.
अपने बारे में निसा की बहन बताती है कि मेरे पति को पता था, लेकिन उन्होंने मेरे अतीत को स्वीकार कर लिया है. उस ने कहा, ”अब मेरे लिए कौन्ट्रैक्ट मैरिज की दुनिया में वापस जाना असंभव है.’’
मुताह निकाह क्या है?
इस प्रथा की उत्पत्ति शिया इसलाम में हुई. भारत में मुगलों के दौर में भी ऐसा विवाह होता था. खासकर मुगल व्यापारी जब लंबीलंबी यात्राएं करते थे तो वो ऐसे विवाह करते थे. हालांकि बहुत से इस्लामिक विद्वानों ने ऐसे विवाह को मानने से इनकार किया है. जिस तरह के कौन्ट्रैक्ट के साथ ये विवाह इंडोनेशिया में हो रहे हैं, वो वहां के कानून में स्वीकार नहीं किए जाते. वे विवाह के मूल विचार के विरुद्ध हैं. इंडोनेशियाई विवाह कानूनों को तोडऩे पर दंड, जेल की सजा और सामाजिक या धार्मिक परिणाम होते हैं.
मुताह निकाह इसलाम में अस्थाई विवाह का एक रूप है. इसे निकाह मुताह भी कहा जाता है. मुताह शब्द अरबी भाषा से लिया गया है. इस का मतलब है ‘आनंदÓ. मुताह निकाह को आनंद विवाह भी कहा जाता है. यह एक तरह का निजी अनुबंध होता है, जो मौखिक या लिखित हो सकता है. मुताह निकाह को ले कर अलगअलग मत हैं. कुछ संप्रदायों का मानना है कि यह प्रथा अब जायज नहीं है, जबकि कुछ का मानना है कि यह जायज है. इसे ले कर आलोचकों के भी अलगअलग मत हैं. कुछ आलोचकों का कहना है कि यह प्रथा शादी से पहले किसी के साथ सोने का एक तरीका है. कुछ इसे ‘वेश्यावृत्तिÓ भी कहते हैं. भारत में मुताह निकाह नहीं होते हैं.
इस में शादी करने के इरादे से शर्तों की स्वीकृति के बाद निकाह किया जाता है. इस की अवधि अलगअलग हो सकती है, जो कम से कम एक घंटे के लिए या फिर अधिक से अधिक 99 साल तक के लिए भी हो सकती है. इस मुताह निकाह में पुरुष को महिला को सहमति राशि का भुगतान करना होता है.