कलाकार: मनोज बाजपेयी, कोंकणा सेन शर्मा, नासर, सयाजी शिंदे, अनुला नावलेकर, कानि कुश्रुति, वैशाली बिष्ट
छायांकन: अनुज राकेश धवन
निर्देशक: अभिषेक चौबे
निर्माता: चेतना कौशिक, हनी त्रेहन
लेखक: अभिषेक चौबे, अनंत त्रिपाठी, उनैजा मर्चेंट, हर्षद नलवडे
ओटीटी: नेटफ्लिक्स
बौलीवुड के 4 मंझे हुए कलाकारों को ले कर वेब सीरीज (Web Series) ‘किलर सूप’ (Killer Soup) बनाई गई. इस में मुख्य भूमिका कोंकणा सेन (Konkona Sen), मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee), सयाजी शिंदे और नासर ने निभाई है. वेब सीरीज के 8 एपिसोड हैं जोकि साढ़े 6 घंटे के हैं. वेब सीरीज को नेटफ्लिक्स (Netflix) पर मर्डर मिस्ट्री, सस्पेंस (Suspense), क्राइम, ड्रामा बता कर दर्शकों को बेचा जा रहा है.
पहले एपिसोड में दर्शकों को टीवी जगत की डायरेक्टर एकता कपूर की याद जरूर आएगी. क्योंकि कब कौन सा पात्र कहां से, क्यों निकल कर सामने आ रहा है, वह समझने के लिए आप को 8वें एपिसोड को पहले देखना चाहिए. वेब सीरीज ‘किलर सूप’ में रोमांच, रहस्य या फिर अच्छे संगीत की भारी कमी खलती है. दरअसल, पहले एपिसोड के अंत में मर्डर से शुरू होने वाली वेब सीरीज के बैंकग्राउंड में अच्छे संगीत की कमी आप को अंत तक महसूस होगी.
हालांकि जब वेब सीरीज समाप्त होती है, तब आप को अच्छा संगीत सुनने को मिलेगा. यह सीरीज ‘एक हसीना के 2 दीवाने’ के तर्ज पर बनी है. उस में संयोग यह भी है कि दोनों दीवानों का हुलिया एक जैसा है यानी सीरीज के नायक मनोज बाजपेयी का डबल रोल है.
अब एक जैसे हुलिए के पीछे कहानी कुछ नहीं है, जो दर्शकों को काफी निराश करने वाली है. सीरीज को क्राइम के लिहाज से देखना चाहते हैं तो आप को पूरी कौमेडी हर स्तर पर मिलेगी. सीरीज के केंद्रबिंदु में कोंकणा सेन है, जो 1995 में मणिरत्नम की फिल्म ‘बांबे’ की नायिका मनीषा कोइराला से काफी प्रभावित है.
यह क्यों है, इस में जरूर डायरेक्टर ने वेब सीरीज में सस्पेंस बना रखा है. दर्शकों को मनीषा कोइराला को ले कर आखिर तक इस बारे में जरा भी भनक नहीं लगेगी और आप सोच भी नहीं सकेंगे, क्योंकि मनीषा कोइराला के नाम और उस पर फिल्माए गीत ‘तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जिऊं…’ दर्शकों के सामने कई बार आएगा. लेकिन, जब भी आएगा दर्शक मुसकराए बिना नहीं रह पाएंगे. वास्तव में देखा जाए तो यह वेब सीरीज बौटनी यानी वनस्पति शास्त्र के छात्रों के लिए बनाई गई है. इस में कवक या दूसरे नाम मशरूम के बारे में डायरेक्टर ने दर्शकों को समझाने की कोशिश की है. जहरीले मशरूम से बनने वाले मसाले का इस्तेमाल चिकन सूप में होता है. हालांकि ऐसा होने तक वेब सीरीज समाप्ति की ओर पहुंच जाती है.
इस में 2 मुख्य भूमिका निभाने वाले पात्र भी संदिग्ध हालात में मर जाते हैं. वे दोनों जिस यात्री बस में सवार होते हैं, उस में मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने वाला एएसआई का भूत छत पर दिखाया गया है. आप को हैरानी हो रही होगी कि एएसआई का भूत मर्डर की जांच कर रहा है. इसीलिए दर्शकों से यह दावा है कि उन्हें वेब सीरीज देखने के बाद रहस्य-रोमांच नहीं बल्कि अंधविश्वास पर हंसी का अहसास होगा. जांच करने वाला एएसआई का भूत वेब सीरीज में करीब 10 बार आता है. सीरीज में जबरिया सैक्स सीन भी डाला गया है. मनोज बाजपेयी जैसे सीनियर कलाकारों में यह सीन फिल्माते वक्त जिन मर्यादाओं को उन्होंने पहले से बरकरार रखा है, वह बना हुआ है.
कोंकणा सेन ने जरूर एक जगह कुछ पल के लिए पोर्न मूवी जैसा अहसास दर्शकों को कराया है. यह सीन शायद दर्शकों के सामने वेब सीरीज को बेचने के उद्देश्य से डायरेक्टर ने पैदा किया है. वेब सीरीज के पहले एपिसोड में ही लगभग सारे पात्रों की एंट्री हो जाती है. शुरुआत मेनजूर सिटी से होती है. एपिसोड की मुख्य कलाकार कोंकणा सेन है, जिस का नाम स्वाति शेट्टी है. उस का पति प्रभाकर शेट्टी यानी मनोज बाजपेयी है. मनोज बाजपेयी की अलगअलग भूमिका को रेखांकित करने के लिए प्रभाकर शेट्टी के दाहिने पैर में तकलीफ दिखाते हुए छड़ी थमाई गई है. वहीं दूसरा मनोज बाजपेयी जो उमेश महतो के नाम से वेब सीरीज में दिखेगा, उसे बाईं आंख से काना दिखाया गया है.
मुख्य कलाकार स्वाति अपने पाया सूप की रेसिपी वाला रेस्टोरेंट खोलना चाहती है. जबकि पति प्रभाकर शेट्टी कैलिफोर्निया नाम से होटल डालना चाहता है. पहले एपिसोड में दिखाया गया है कि यह सब कुछ तभी संभव हो सकता है, जब अरविंद शेट्टी की मदद मिले. अरविंद शेट्टी की भूमिका सयाजी शिंदे ने निभाई है. वह मशरूम की खेती करता है, जिस की आड़ में वह गलत धंधे यानी मादक पदार्थ भी यहांवहां सप्लाई करता है. मनोज बाजपेयी उस का छोटा भाई है, जोकि उस के धंधे की रकम को संभालने का काम करता है.
ऐसा करते हुए वह करीब 31 करोड़ रुपए की हेराफेरी अरविंद शेट्टी से कर देता है, जिस की जानकारी सिर्फ प्रभाकर शेट्टी की पत्नी स्वाति को होती है. यह रोल कोंकणा सेन ने निभाया है. स्वाति शेट्टी अपने प्रेमी यानी डुप्लीकेट मनोज बाजपेयी का किरदार निभा रहे मनोज (उमेश महतो) को बता देती है. उमेश महतो मसाज पार्लर में जौब करता है. यहां अकसर प्रभाकर और उस का भाई अरविंद मसाज करने आतेजाते हैं. उमेश महतो मसाज करते वक्त चुपचाप चोरी की बात उजागर करने की धमकी दे कर पत्र प्रभाकर के बैग में रख देता है. इसी मामले की जांच करने के लिए अमेरिकी मूल के नागरिक डिटेक्टिव किरण नडार को प्रभाकर जिम्मेदारी सौंप देता है. डिटेक्टिव का रोल भगवती पेरुमल ने किया है.
वह चुपचाप अपनी जासूसी करते हुए स्वाति और उमेश महतो के अवैध संबंधों को अपने कैमरे में कैद कर लेता है. इस के अलावा स्वाति एक कुकिंग क्लास के लिए खानसामा मेहरुन्निसा के पास जाती है. मेहरुन्निसा की भूमिका वैशाली बिष्ट ने निभाई है. स्वाति के वहां जाने को ले कर प्रभाकर को आपत्ति है. इस के बावजूद वह ऐसा करती है. हालांकि यह बात प्रभाकर शेट्टी को पता चलती, उस से पहले कैलिफोर्निया होटल खोलने के लिए अपने भाई अरविंद शेट्टी को मनाने वह पार्टी में चला जाता है. इस पार्टी में 5 रशियन लड़कियों को बुला कर अरविंद शेट्टी को ऐश करने के लिए प्रभाकर शेट्टी बोलता है. यहां वह अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को बताता है तो अरविंद शेट्टी नाराज हो जाता है. वह कहता है कि अभी चेन्नै की पार्टी से डील को फोकस करने में उस की मदद करे. इधर, खानासामा के यहां से निकलते वक्त स्वाति को अमेरिकी मूल का जासूस कैमरे में कैद करता है. यह स्वाति की नजर में आ जाता है.
कार में बैठे जासूस के साथ उस की झूमाझटकी होती है. इस दौरान उस से कैमरा छीन लेती है. लेकिन, गले में उस की बेल्ट रह जाती है. तभी एक तेजरफ्तार ट्रक आ कर उसे उड़ा देती है. कैमरे की तसवीरें देख कर स्वाति चौंक जाती है. वह फोन कर के उमेश को अपने घर बुला लेती है. इधर, कैलिफोर्निया होटल की पार्टी में हुए घटनाक्रम से नाराज हो कर प्रभाकर जब घर पहुंचता है तो वहां घर पर उमेश मिल जाता है. इस से पहले प्रभाकर और स्वाति के बीच सैक्स सीन भी फिल्माया गया है. ऐसा करते वक्त पलंग के नीचे जासूस से छीना कैमरा ले कर उमेश भी छिपा होता है.
सैक्स करने के बाद जब प्रभाकर सो जाता है, तब स्वाति और उमेश घर में ही बहस कर रहे होते हैं. तभी वहां कैमरा ले कर प्रभाकर आ जाता है और संघर्ष के दौरान उमेश 3 बार भारी चीज से प्रहार कर के उस को मार देता है. दोनों कारपेट में प्रभाकर के शव और कैमरे को लपेट कर जंगल में ले जा कर दफना देते हैं. ऐसा करने के बाद दोनों जब घर आते हैं तो डिटेक्टिव किरण नडार के मोबाइल से प्रभाकर शेट्टी के मोबाइल पर काल आता है. वेब सीरीज के दूसरे एपिसोड में अमेरिकी मूल के फेलोशिप करने आए डिटेक्टिव किरण नडार के क्राइम सीन से शुरुआत होती है. इस एपिसोड में ज्यादातर जगहों पर सीन को जोडऩे में डायरेक्टर नाकामयाब हुआ है.
जांच अधिकारी एएसआई थुपाली के सामने महिला आती है. वह बिना कुछ वजह बुरके वाली महिला जहां खानासामा मेहरुन्निसा कोचिंग देती है, उस का पता बता देती है. इसी एपिसोड में एएसआई थुपाली का थोड़ा फ्लैशबैक दिखाया गया है. वह आईपीएस बनने की भी तैयारी कर रहा होता है. इस में राबर्ट फ्रौस्ट की कविता के कई अंश सुनने को मिलेंगे. यह अंश पूरी वेब सीरीज में कई जगह दर्शकों के सामने आएंगे. नडार के घर की जांच करते वक्त भी दर्शकों को हैरानी होगी. क्योंकि इंसपेक्टर हसन जब नडार की मां से बातचीत करता है, तभी एएसआई थुपाली को उस का चालू कंप्यूटर मिल जाता हैं.
उस में दूसरा संयोग यह भी बताया गया है कि एएसआई को कंप्यूटर का फोल्डर खोलते ही प्रभाकर शेट्टी और नडार के बीच हो रही बातचीत मिल जाती है. इस को वह चोरी कर लेता है और इंसपेक्टर हसन को बताता है.
इंसपेक्टर हसन फोन कर के प्रभाकर शेट्टी को थाने तलब करता है. इस से पहले स्वाति शेट्टी के दिमाग में खुराफात सूझती है. इस खुराफात को भी दर्शक अंतिम एपिसोड तक समझ नहीं सकेंगे. वह एसिड अटैक की काल्पनिक कहानी बनाती है.
जबकि नकली प्रभाकर शेट्टी, जो वास्तव में उमेश महतो है, उस की बाईं आंख पर कैमिकल की मदद से कपास की मदद से एसिड बना कर लैप लगा कर उस पर हमला करने की कहानी बनाती है. इस कहानी को पुलिस जांच का विषय सब से अंतिम एपिसोड में डायरेक्टर ने बनाया है.
एएसआई थुपाली खानसामा मेहरुन्निसा के घर भी पूछताछ करने चला जाता है. वहां खानसामा के साथ रहने वाली महिला जो ब्यूटीपार्लर चलाती है, रिश्वत ले कर एएसआई को मनीषा कोइराला का नाम और नंबर बता देती है. इसी नंबर की बदौलत पूरी फिल्म डायरेक्टर ने कई जगहों पर घुमा दी है. इधर, जख्मी हालत में नकली प्रभाकर शेट्टी इलाज के लिए भरती करने पहुंचता है.
अस्पताल में यहांवहां की बातें बताते हुए इंसपेक्टर हसन के सामने स्वाति शेट्टी कपोल कहानी बताती है. इसी दौरान स्वाति को अहसास होता है कि प्रभाकर शेट्टी का लौकेट भी उस के साथ दफन है. यहां डायरेक्टर दोबारा उस को लाश निकालने के लिए जंगल भेज देता है.
इस बारे में दर्शकों को तुरंत नहीं पता चलता. ऐसा करने के पहले वह उमेश महतो के घर लगी उस की तसवीरें ले कर कई अन्य सबूतों को भी समेट कर जंगल निकल जाती है. ऐसा करते वक्त बुरका पहन कर आई स्वाति शेट्टी को जल्दी में भागते हुए एएसआई थुपाली देख लेता है. वह उस के पीछेपीछे चला जाता है. हालांकि इस से पहले उमेश महतो के घर में जा कर वह प्रभाकर को लिखे गए धमकी भरे पत्र के हिस्से को हासिल कर लेता है.
यह सब कुछ बहुत जल्दी मेें डायरेक्टर ने दिखाया. मतलब अधिकांश जगह पर सबूत पुलिस के पास चल कर आते हैं. किसी तरह की जांच या कोई तकनीक दर्शकों को देखने को नहीं मिलेगी. जंगल में स्वाति शेट्टी को उस का पीछा कर रहे एएसआई थुपाली के आसपास होने की भनक लग जाती है.
ऐसा करतेकरते एएसआई सुसाइड पौइंट पर चला जाता है. यहां वह इंसपेक्टर हसन को काल करने के लिए नेटवर्क तलाशते हुए जाता है. लेकिन, पीछे से अचानक स्वाति को पा कर वह डर जाता है. वह सर्विस रिवौल्वर निकालता है और हवा में फायर करने के बाद अचानक खाई में गिर जाता है. इस के बाद स्वाति शेट्टी दफन लाश के पास आती है और उस में लौकेट निकालने के बाद एसिड डाल कर अपने दम पर लाश को फिर दफना देती है.
सीरीज में क्यों घूमता है भूत
तीसरे एपिसोड की शुरुआत एएसआई थुपाली की लाश मिलने से होती है. इधर, अरविंद शेट्टी की बेटी अपेक्षा पिता की फर्म में हुई 5 करोड़ 80 लाख रुपए की फरजी एंट्री को पकड़ लेती है. वेब सीरीज के डायरेक्टर ने प्रभाकर शेट्टी की कंपनी में काम करने वाली कीर्तिमा के साथ किसिंग सीन दिखा कर फिल्म को रोमांचक बनाने की कोशिश करते हैं.
यह सब कुछ अस्पताल में होता है. तभी वहां पर स्वाति शेट्टी आ जाती है. इस के अलावा बयान दर्ज करने के लिए इंसपेक्टर हसन भी पहुंचता है. नकली प्रभाकर शेट्टी कहता है कि उमेश महतो को उस के और भाई की कंपनी में हुई अनियमितता की बात पता होती है. उसे छिपाने के लिए घूस मांगने की वह कपोल कहानी बता देता है.
इसी तफ्तीश के दौरान पता चलता है कि एएसआई थुपाली की लाश मिली है. इंसपेक्टर हसन को थुपाली से काफी लगाव था. उस की मौत के बाद वह नशा करने लगता है. वह जब क्राइम सीन में जाता है तो वहां एएसआई का भूत उसे अपने ही घटनास्थल पर ले जाता दिखाई देता है. ऐसे ही सपने में आने वाले भूत वेब सीरीज में दर्शकों को काफी जगह दिखाई देंगे.
मतलब किसी तरह की भौतिक जांच या वैज्ञानिक सबूतों के साथ 3-3 व्यक्तियों की संदिग्ध मौत को ले कर गंभीरता का काफी अभाव देखने को मिलेगा. वहीं इंसपेक्टर हसन सिलसिलेवार हुई संदिग्ध मौत के मामले में उमेश महतो का हाथ बताता है. यह जानकारी वह डीएसपी उदया रेड्डी को देता है.
डायरेक्टर ने दोनों के बीच कई जगह संवाद के जरिए फिल्म को कौमेडी बना दिया है. दूसरे सरल शब्दों में कहें कि कास्टिंग गलत की गई है.
डीएसपी को बताया जाता है कि एएसआई की बाइक अभी नहीं मिली है. वहां ब्रीफिंग के दौरान मनीषा कोइराला शब्द जरूर निकलता है, जिस को इंसपेक्टर हसन नजरअंदाज कर के उमेश महतो पर केस को फोकस करने का दावा करता है.
तीसरे एपिसोड में प्रभाकर शेट्टी के विदेश में रहने वाले बेटे सैंडी की अचानक एंट्री होती है. उस की एंट्री क्यों हुई, इस का मकसद समझ नहीं आ सका. इंसपेक्टर हसन छानबीन करने के लिए एएसआई थुपाली के घर चला जाता है. वहीं अरविंद शेट्टी का दाहिना हाथ लुकास उमेश महतो की छानबीन कर चुका होता है.
एएसआई थुपाली के घर कुकिंग क्लास के खानसामा मेहरुन्निसा की परची मिलती है. इधर, नडार की मां का नकाबपोश लुकास से सामना हो जाता है. इस से पहले उमेश महतो की तसवीर उस को मिल जाती है, जिस में स्वाति शेट्टी अंतरंग होती है. वह नडार की मां को चुप रहने की धमकी दे कर चला जाता है. नकली प्रभाकर यह जानता है कि उस का भाई अरविंद शेट्टी उमेश महतो को ठिकाने लगाने के लिए लुकास की मदद से तलाश रहा है.
उधर, पुलिस भी उमेश महतो के सभी ठिकानों पर जा कर दबिश दे रही होती है. वहीं तफ्तीश करते हुए इंसपेक्टर हसन को अवैध अहाते के एक ठिकाने पर एएसआई की लावारिस बाइक मिल जाती है. वहां उमेश महतो भी आताजाता था.
इसी बीच नकली उमेश महतो के मोबाइल पर एक एसएमएस आता है, जिस में ब्लैकमेलर कहता है कि उस ने 31 करोड़ 12 लाख 60 हजार पांच सौ पैंतालीस रुपए चोरी किए हैं.
किस ने की थी थुपाली की हत्या
चौथा एपिसोड एसएमएस से शुरू होता है. प्रभाकर और स्वाति को लगता है कि उस की कंपनी से पैसा चोरी करने की जानकारी भाई अरविंद शेट्टी को लग गई है. उस ने ही वह एसएमएस किया है. इधर, इंसपेक्टर हसन के सामने एएसआई थुपाली का भूत कई बार थाने में काम और जांच करते वक्त आताजाता है.
इसी एपिसोड में चेन्नै से मानिकम की तरफ से भेजे गए भांजे सूर्या की एंट्री भी होती है. इधर, थाने में उमेश महतो के ब्लैकमेल करने के पीछे के कारण को प्रभाकर शेट्टी काल्पनिक कहानी बताता है. वह कहता है कि मसाज पार्लर में जा कर वह सैक्स करता था. क्योंकि वह सैक्स एडिक्ट है. इसी जानकारी को उजागर करने की धमकी दे कर वह ब्लैकमेल कर रहा था.
उधर, पूछताछ करने के बाद अरविंद शेट्टी का दाहिना हाथ लुकास भी अपने स्तर पर पुलिस वालों की मदद से छानबीन करने लगता है. पुलिस वाला बुरका पहनने वाली मनीषा कोइराला को ले कर सस्पेंस खोलता है. वहीं स्वाति शेट्टी को एसएमएस का शक प्रभाकर शेट्टी के यहां काम करने वाली अकाउंटेंट कीर्तिमा पर जाता है. वह शक की नजर से उस से बात करती है तो कीर्तिमा भड़क जाती है. कई बैंकों के लोन और प्रौपर्टी मोर्टगेज होने की जानकारी देे कर प्रभाकर के सारे राज खोल देती है.
इंसपेक्टर हसन जांच करते हुए अवैध शराब का अड्डा चलाने वाले 3 युवकों पर शक करता है. उसे लगता है कि उन्होंने ही एएसआई थुपाली की हत्या की है. उन्हें उसी सुसाइड पौइंट पर ले जाता है. तफ्तीश के दौरान खोजी कुत्ता दफन लाश तक पहुंचा देता है. इसी बीच प्रभाकर शेट्टी के पास ब्लैकमेलर का दूसरा एसएमएस आता है. उस में 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी जाती है.
स्वाति शेट्टी को बातचीत के दौरान पता चल जाता है कि ब्लैकमेलर अरविंद शेट्टी की बेटी अपेक्षा है. वह खुल कर अपनी बात उस के सामने रखती है. इधर, डिटेक्टिव किरण नडार के घर लुकास पहुंच जाता है. वहां उस का आमनासामना उस की बूढ़ी मां से हो जाता है. लुकास धमका कर उस के घर मिली तसवीरें ले कर चला जाता है. इस में उमेश महतो के साथ स्वाति शेट्टी होती है.
वहीं प्रभाकर शेट्टी उस की कंपनी में काम करने वाली कीर्तिमा के शो में जाता है. यहां उस को किस करते हुए उस की पत्नी स्वाति पकड़ लेती है. वेब सीरीज में निरंतरता बरकरार तो है, लेकिन सबूत मिलने और उस के पीछे काम करने की कमी जगहजगह देखने को मिलेगी.
पुलिस जांच को डायरेक्टर ने बना दिया कौमेडी
वेब सीरीज का पांचवां एपिसोड अपेक्षा से शुरू होता है. वह फ्रांस जाना चाहती है, लेकिन अरविंद शेट्टी चाहता है कि वह इंडिया में रह कर उस की कंपनी संभाले. इसी बात पर नाराज हो कर वह स्वाति शेट्टी की मदद से अपने अपहरण की कहानी गढ़ती है. स्वाति इसलिए तैयार होती है क्योंकि उसे बैंकों के नोटिस मिलते हैं, जिस के लिए नकली प्रभाकर शेट्टी दबाव में तैयार होता है. वह भाई के पास जा कर उमेश महतो की धमकी बता कर अपेक्षा को बंधक बनाने की झूठी कहानी बता कर 5 करोड़ रुपए मांगता है.
वहीं इंसपेक्टर हसन को दफन लाश में कैमरा मिल जाता है. उसी जगह पर कटेफटे फोटो भी मिलते हैं, जिस में एक तसवीर उमेश महतो की होती है, लेकिन मनीषा कोइराला का चेहरा गायब होता है. इस एपिसोड में भी एएसआई थुपाली का भूत आता है और वह इंसपेक्टर हसन को सबूत मिलने वाली जगह पर इशारा कर के पहुंचाता है. उमेश महतो के नाम पर अपहरण की रकम लेने के लिए अपेक्षा और स्वाति बुरका पहन कर निकल रही होती है, तभी वहां लुकास आ जाता है. वह जबरिया अपेक्षा को लेने जाता है.
इस दौरान स्वाति शेट्टी का उस के साथ संघर्ष होता है. तब वह बताता है कि उमेश महतो और उस के साथ खींचे हुए फोटो उस के पास हैं. उन फोटो को वह अरविंद शेट्टी को देने जा रहा होता है, तब उस को अपमानित कर देता है. इस कारण वह फोटो की बात छिपा लेता है. लुकास और स्वाति के संघर्ष के दौरान अपेक्षा बैट से वार कर के उसे बेहोश कर देती है. जिसे स्वाति रस्सी से बांध कर स्टोररूम में पटक देती है.
जब अरविंद शेट्टी रकम देने के लिए राजी नहीं होता है तो उस की बेटी अपेक्षा सूर्या जो मानिकम के कहने पर डील करने आया होता है, उस को कंपनी के भीतर चल रहे घपले की जानकारी देती है. जिस कारण डील में नुकसान झेल कर अरविंद शेट्टी फिरौती की रकम प्रभाकर के जरिए भेजता है, लेकिन निगरानी के लिए अपने 2 आदमी लगा देता है. उन्हें चकमा दे कर प्रभाकर स्वाति और अपेक्षा घर पहुंच जाते हैं. वहां पहले से अरविंद शेट्टी होता है.
इंसपेक्टर हसन तफ्तीश करते हुए मोर्चरी पहुंच जाता है. यहां हास्यास्पद सीन डायरेक्टर ने बनाया है. वेब सीरीज में पुलिस जांच को कई बार कार्टून स्टाइल में बताने की कोशिश की गई है. पोस्टमार्टम रूम में डाक्टर खाना खाते हुए इंसपेक्टर हसन को मौत की वजह और लाश के हुलिए के बारे में जानकारी देता है. उधर अरविंद शेट्टी और उस की बेटी के साथसाथ प्रभाकर और स्वाति के बीच नोकझोक चल रही होती है, लेकिन अरविंद शेट्टी गन निकाल लेता है, जिसे उस की बेटी छीन लेती है. इसी छीनाझपटी के दौरान गोली अरविंद शेट्टी को ही लग जाती है. इस पूरे वाकए को कीर्तिमा अपने मोबाइल में कैद कर लेती है.
सैक्स सीन पर डायरेक्टर हुआ कमजोर
सीरीज के छठें एपिसोड में इंसपेक्टर हसन जांच करते हुए खानसामा मेहरुन्निसा के पास चला जाता है. वह मनीषा कोइराला की जानकारी मांगता है. तभी उस को डीएसपी उदया रेड्डी का फोन आता है. वह बताता है कि अरविंद शेट्टी को गोली लग गई है. मामले की जांच करने हसन अस्पताल पहुंच जाता है, लेकिन डाक्टर उस के होश में न होने से इस बात के लिए इंकार कर देते हैं. इधर, डीएसपी और इंसपेक्टर हसन के सामने पूरा परिवार काल्पनिक कहानी बताता है. लेकिन भावनाओं में घिरी अपेक्षा पूरा सच बता देती है. हालांकि वह अपहरण की कहानी और उस के बाद मिली रकम की बात छिपा लेती है.
अस्पताल के वाशरूम में एक बार फिर एएसआई थुपाली का भूत दिखाई देता है, जिस के बाद वह जबरिया अरविंद शेट्टी के कमरे में घुस कर पूछताछ करता है. वह कहता है कि मनीषा कोइराला कौन है वह उस को बताए. तभी वहां डाक्टर आ जाते हैं और उसे बाहर कर देते हैं. इस के अलावा इंसपेक्टर के साथ हमराह आयशा डाक्टर को बातचीत के बहाने ब्लौक करती है. ऐसा करते वक्त वह उमेश महतो और स्वाति शेट्टी की नर्सिंग कोर्स करते वक्त कालेज में खींचे गए फोटो देख लेती है. वहीं स्वाति शेट्टी इंसपेक्टर हसन को यह बोल कर रवाना कर देती है कि अरविंद के होश में आने पर वह उस को बता देगी.
अस्पताल में ही कीर्तिमा भी आ जाती है. उस को देख कर प्रभाकर शेट्टी उस से अरविंद शेट्टी को गोली लगने की बात छिपा लेता है. तभी वहां स्वाति आ जाती है और उसे जबरन वहां से ले जाती है. इंसपेक्टर हसन खानसामा मेहरुन्निसा के घर चला जाता है. वहां उस की पार्टनर 2 हजार रुपए ले कर मनीषा कोइराला का नंबर दे देती है. प्रभाकर शेट्टी और स्वाति घर पहुंच कर अरविंद शेट्टी के खून को साफ करते हुए दिखाए गए हैं. इसी दौरान डायरेक्टर ने फिर से जबरन सैक्स सीन डाला है, जिस में सिर्फ स्वाति कैमरे में दिखाई देती है. अब सवाल यह उठता है कि पुलिस जांच करते हुए मौके पर क्यों नहीं पहुंची.
दूसरा ऐसी अवस्था में जब गोली चली होती है, वहां अभिनेत्री को जबरन वेब सीरीज बेचने के लिए नग्नता का सहारा डायरेक्टर ने लिया है. उसी घर में कुछ देर बाद इंसपेक्टर हसन आता है. वह उमेश महतो की सिम के बारे में बताता है. यह सुन कर प्रभाकर शेट्टी बेहोश हो जाता है. उसे भी अस्पताल ले जाया जाता है. अस्पताल में भरती अरविंद शेट्टी होश में आ जाता है. वहां डीएसपी उदया रेड्डी बयान दर्ज कराने के लिए बोलता है. तब वह बेटी के बयान को अपना बता कर पुलिस को हस्तक्षेप करने से रोक देता है.
इस के बाद अपेक्षा से बात करतेकरते अरविंद शेट्टी की मौत हो जाती है. ऐसा होते ही प्रभाकर शेट्टी के पास कीर्तिमा के मोबाइल से भेजा वीडियो आता है, जिस में अरविंद को गोली मारने वाली घटना होती है. इस को देख कर वह परेशान हो जाता है.
सैक्स सीन पर डायरेक्टर हुआ कमजोर
सातवें एपिसोड में अरविंद शेट्टी के चौथा कार्यक्रम को दिखाया जाता है. जबकि उस की अंत्येष्टि से ले कर बाकी सारे शौट गायब हैं. यहां डायरेक्टर को अहसास हुआ कि वेब सीरीज काफी लंबी हो रही है. चौथे वाले कार्यक्रम में खानसामा मेहरुन्निसा भी पहुंच जाती है. वह कहती है कि पुलिस मनीषा कोइराला को तलाश रही है. अभी तक उस ने कुछ नहीं बताया. यदि होटल में मेन शेफ बनाएगी तो वह राज ही रखेगी. उसी दौरान इंसपेक्टर हसन उसे गिरफ्तार कर ले जाता है, जिस की जमानत स्वाति शेट्टी करा देती है.
इसी एपिसोड में स्वाति शेट्टी के लिए अब लुकास काम करने लगता है. वह उमेश महतो वाली फोटो पर कैमिकल पाउडर डाल कर लिफाफे में रख देता है. इधर, कीर्तिमा का एक एसएमएस प्रभाकर के पास आता है. वह कहती है कि यदि वह आ कर नहीं मिलेगा तो पुलिस को सब कुछ बता देगी. जब प्रभाकर मिलता है तो वह कहती है कि कैलिफोर्निया होटल का सपना उस ने क्यों तोड़ दिया. इस के अलावा वह पत्नी को तलाक देने की जानकारी दे कर उस के रिश्तों को ले कर बातचीत करती है. प्रभाकर शेट्टी भावुक हो जाता है और दोनों के बीच डायरेक्टर ने सैक्स सीन डाल दिया. तभी स्वाति की काल आती है और वह प्रभाकर के बारे में पूछती है, जिस के बारे में वह कोई जानकारी होने से इंकार कर देती है.
इस के बाद स्वाति उसे निर्माणाधीन कैलिफोर्निया होटल में बुलाती है. कीर्तिमा वीडियो दिखाते हुए कहती है कि यदि उस ने यह पुलिस को दिया तो सभी जेल जाएंगे. इस के बदले में वह स्वाति से कहती है कि प्रभाकर शेट्टी को वह तलाक दे. वहां लुकास आ जाता है और दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो जाता है. इसी दौरान कीर्तिमा का पैर फिसलता है और वह अपने ही कारणों से गिर कर मर जाती है. उस के बाद लुकास लाश को ठिकाने लगाने निकल पड़ता है. छानबीन करते हुए इंसपेक्टर हसन डिटेक्टिव किरण नडार के घर पहुंचता है.
यहां एक बार फिर एएसआई थुपाली का भूत आ कर उसे सबूतों के बारे में इशारा करता है. तब घबराते हुए उस की मां बताती है कि एक व्यक्ति आ कर उसे ले गया. लुकास लाश ले कर कीर्तिमा के घर पहुंचता है तो प्रभाकर शेट्टी देख लेता है. वह छिप कर वहां से भाग जाता है. जांच करते हुए इंसपेक्टर हसन लुकास के घर पहुंच जाता है. यहां ताला तोड़ कर वह फोटो हासिल कर लेता है, जो छिपा कर लुकास ने रखी थी. यह सबूत भी एएसआई थुपाली का भूत इशारों में उसे बताता है. वहां डीएसपी को बुला कर फोटो दिखाया जाता है, जिस का रंग कैमिकल की वजह से उड़ जाता है.
इस के बाद इंसपेक्टर को कीर्तिमा के घर ले जाया जाता है. वह कहता है कि कीर्तिमा ही मनीषा कोइराला है. उस के लव लैटर भी वह दिखाता है. वहीं खानसामा मेहरुन्निसा की तरफ से बनाया गया पोट्र्रेट भी कीर्तिमा से मेल खाता है. ऐसा करने के लिए स्वाति ही उस को बोलती है. कीर्तिमा की मौत की खबर सुन कर प्रभाकर उस के घर चला जाता है. वह उस की लाश देख कर काफी परेशान होता है.
कोंकणा सेन शर्मा
नेटफ्लिक्स पर जनवरी, 2024 में रिलीज हुई ‘किलर सूप’ की स्टोरी को अभिषेक चौबे ने लिखा है. उन्होंने ही फिल्म को डायरेक्ट भी किया है. कहानी को लिखने में उन के साथ उनेजा मर्चेंट, अनंत त्रिपाठी और हर्षद नलवाड़े ने भी योगदान दिया है. इस कारण वेब सीरीज 4 दिशाओं में जगहजगह भटकती नजर आई.
वेब सीरीज में हास्य पैदा करने वाला कोई भी संगीत दर्शक को देखने या सुनने को नहीं मिलेगा. कोंकणा सेन शर्मा जो आर्ट फिल्मों का जानापहचाना चेहरा है, वह ‘किलर सूप’ में लीड रोल निभा रही है. उसे बौलीवुड में पत्रकारिता जगत पर केंद्रित फिल्म ‘पेज थ्री’ से काफी पहचान मिली थी. इस फिल्म को करते वक्त उसे ज्यादा परेशानी महसूस नहीं हुई. क्योंकि उस के पिता मुकुल शर्मा साइंस राइटर और पत्रकार भी रहे हैं. मां अपर्णा सेन हैं, जोकि अभिनेत्री के साथसाथ निर्देशक भी रही है.
उस की पहचान बंगाली परिवार के रूप में ज्यादा है. क्योंकि उस ने बंगला फिल्मों में कई जगह भूमिका निभाई है. उस का जन्म नई दिल्ली में 3 दिसंबर, 1979 को हुआ था. घर में उसे कोको नाम से पुकारा जाता है. उस ने 1983 में बाल कलाकार के रूप में ‘इंदिरा’ फिल्म में काम किया था. इस के बाद 2001 में ‘एक जे आछे कान्या’ नाम के बांग्ला थ्रिलर में उस ने अभिनय किया था. कोंकणा सेन शर्मा के ‘किलर सूप’ में 2 जगहों पर सैक्स सीन फिल्माए गए हैं. दोनों ही सीन में कोंकणा सेन ने मर्यादाओं को तारतार नहीं किया. लेकिन, वह सीन देने में कामयाब रही.
वेब सीरीज में इन सीन की आवश्यकता नहीं थी. हालांकि वेब सीरीज के डायरेक्टर ने ओटीटी जगत में इसे परोसने के लिए स्टोरी के बीच में 2 जगहों पर जबरन उसे परोसा जरूर कह सकते हैं. कोंकणा ने करीब 4 दरजन फिल्मों में अभिनय किया, इस के अलावा उस ने 3 फिल्मों का निर्माण भी किया. 2003 में आई फिल्म ‘मिस्टर ऐंड मिसेज अय्यर’ के लिए उसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला.
मनोज बाजपेयी
मनोज बाजपेयी बौलीवुड के जानेमाने कलाकार हैं. उन का जन्म बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में हुआ था. शिक्षा दिल्ली से हासिल करने के बाद वह बैरी जौन के थिएटर ग्रुप से जुड़ गए थे. उन्होंने गैंगस्टर लाइफ पर बनीं फिल्म ‘सत्या’ से बौलीवुड में जगह बनाई थी. हालांकि बौलीवुड में उन की लौंचिंग मध्य प्रदेश की कुख्यात डकैत फूलन देवी की बायोपिक फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ से हुई थी. यह फिल्म शेखर कपूर ने बनाई थी.
उन की नैचुरल स्टाइल रही है जोकि आज भी बरकरार है. वेब सीरीज में मनोज बाजपेयी अपनी तकदीर आजमा चुके हैं. वेब सीरीज ‘फेमिली मैन’ से वह ओटीटी पर सिक्का जमा चुके हैं. लेकिन ‘किलर सूप’ में अभिनय के नाम पर वह कई जगहों पर संघर्ष करते नजर आए. सरल शब्दों में कहें तो अनुभवी कलाकार होने के नाते उन्हें इस बात का आभास हो गया था कि डायरेक्टर ने कौमेडी के नाम पर सीरियस वेब सीरीज बना दी है.
यह बात समझदार दर्शक खुद समझ जाएंगे. डायरेक्टर ‘किलर सूप’ में हास्य पैदा करने में पूरी तरह असफल रहा. पूरी वेब सीरीज को मर्डर मिस्ट्री की तरह मनोज बाजपेयी ने भी ट्रीट किया. नतीजतन कौमेडी के बजाय पूरी वेब सीरीज ही कौमेडी हो गई. इस कारण कोई छाप दर्शकों के जेहन में नहीं चढ़ सकी. मनोज बाजपेयी ने भी ‘किलर सूप’ में 2 जगहों पर सैक्स सीन दिया है. इस से पहले ‘गैंग्स आफ वासेपुर’ में भी उस ने ऐसा किया है.
एक सीन में वह कोंकणा सेन के साथ इंटीमेंट है, जबकि दूसरा सीन उस के यहां अकाउंटेंट का काम करने वाली कीर्तिमा के साथ फिल्माया गया है. दोनों सैक्स सीन काफी सतही फिल्माए गए हैं. वेब सीरीज में कई जगह डबल रोल के चक्कर में मनोज से भूल हुई है कि वह किस पात्र का अभिनय कर रहा है. उदाहरण के तौर पर 5 रशियन लड़कियों के साथ पार्टी में प्रभाकर का अभिनय करते वक्त वह बिना स्टिक के दिखाई दिया. इस बात को डायरेक्टर भी पकडऩे में कामयाब नहीं हुआ. ऐसे ही कई चूक मनोज से वेब सीरीज में जगहजगह पर हुई हैं.
सयाजी शिंदे
सयाजी शिंदे ‘किलर सूप’ में एक परिपक्व कलाकार की भूमिका में है. उस का जन्म 13 जनवरी, 1959 को महाराष्ट्र में हुआ था. वह मराठी फिल्मों का चर्चित चेहरा है. सयाजी शिंदे ने तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती समेत अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी काम किया है. शिंदे ने मराठी थिएटर ग्रुप 1975 में जौइन किया, तब से आज भी वह सक्रिय है. सयाजी शिंदे एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार से है. बौलीवुड में नाम कमाने से पहले शिंदे ने महाराष्ट्र सरकार के सिंचाई विभाग में पार्टटाइम चौकीदारी का भी काम किया था. इस कारण उस की डायलौग डिलीवरी में वह कौमन मैन का भाव बखूबी झलकता है.