बिन्नी और गुरप्रीत सिंह दोनों ही क्लास वन अधिकारी थे. दोनों ने किया भी प्रेम विवाह था, दोनों मातापिता भी बने, फिर ऐसा क्या हुआ कि बिन्नी को आत्महत्या करनी पड़ी. आखिर कैसा निर्मोही पति था गुरप्रीत…

‘‘बे टा बिन्नी, रात के 10 बज गए हैं. अब तो अपने कमरे से बाहर निकलो.’’ मां मधु ने बेटी के कमरे का दरवाजा खटखटाते हुए कहा. दरवाजा खटखटाने और आवाज देने के बाद भी कमरे में कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मधु ने दोबारा दरवाजे की कुंडी खटखटाई. लेकिन इस बार भी बिन्नी के कमरे से न तो कोई आवाज आई और न ही कोई हलचल हुई. मधु चिंतित हो उठीं. पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था. आमतौर पर बिन्नी एक आवाज में अपना कमरा खोल कर बाहर आ जाती थी, लेकिन उस दिन पता नहीं क्या हुआ कि बिन्नी ने कमरा नहीं खोला. मधु ने इस से पहले बिन्नी का मोबाइल नंबर मिलाया था पर हर बार घंटी बजती रही, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ था.

मधु के मन में तरहतरह के खयाल आने लगे. एकदो मिनट उन्होंने सोचा फिर अपने दिमाग से वहम निकाल कर एक बार फिर जोरों से दरवाजे की कुंडी खटखटा कर आवाज दी, ‘‘बेटी, कमरा खोलो और खाना खा लो.’’

इस बार भी जब बिन्नी के कमरे से किसी तरह की आवाज नहीं आई तो मधु निराश हो कर डायनिंग हाल में रखी कुरसी पर बैठ गईं और कुछ सोचने लगीं. वे समझ नहीं पा रही थीं कि बिन्नी को आज क्या हो गया है, वह कमरा क्यों नहीं खोल रही. दोचार मिनट सोचनेविचारने के बाद मधु ने अजमेर में रहने वाले अपने बेटे को फोन लगा कर बताया कि पता नहीं क्या हो गया कि बिन्नी दरवाजा नहीं खोल रही है. बिन्नी शर्मा जयपुर में केंद्रीय गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी विभाग में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात थी. जयपुर के ही बजाज नगर स्थित एजी कालोनी के आफिसर्स एन्कलेव में उन्हें सरकारी बंगला मिला हुआ था. उसी बंगले में वह अपने 2 बेटों और मां के साथ रहती थी.

मां की बात सुन कर बेटा भी चिंतित हो गया. उस ने जयपुर में रहने वाले अपने एक दोस्त को फोन पर सारी बात बताई और उस से आग्रह किया कि वह अभी बिन्नी दीदी के घर जा कर देखे कि क्या बात है. दरवाजा तोड़ा तो रहस्य खुला बिन्नी के भाई का दोस्त रात को ही बिन्नी के सरकारी बंगले पर पहुंचा. वहां उसे बिन्नी की मां मधु मिलीं. मधु ने उसे सारी बात बताई. उस दोस्त ने एकदो बार बिन्नी को आवाज लगा कर दरवाजे की कुंडी खटखटाई. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. न तो बिन्नी ने कोई जवाब दिया और न ही उस के कमरे से कोई आवाज आई. दोस्त को भी बड़ा अटपटा लगा. उस ने यह जानकारी बिन्नी के भाई को फोन पर दे दी. दोस्त ने यह भी पूछा कि यदि वह दरवाजा नहीं खोलती तो कमरे का दरवाजा तोड़ा जाए या नहीं. बिन्नी के भाई ने कह दिया कि यदि वह इस बार भी दरवाजा न खोले तो कमरे का दरवाजा तोड़ देना.

दोस्त ने बिन्नी के कमरे का दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया. दरवाजा काफी मजबूत था. काफी देर कोशिश करने के बाद टूटा तो अंदर का नजारा देख कर मधु चीख पड़ीं और दोस्त के पैरों तले से जमीन खिसक गई. कमरे में बिन्नी फंदे से लटक रही थी. दोस्त ने तुरंत कमरे में घुस कर बिन्नी की नब्ज टटोली, तो जीवन के लक्षण नजर नहीं आए. उस ने तुरंत फोन कर के अजमेर में रह रहे बिन्नी के भाई को सूचना दे दी. बिन्नी की मौत की खबर सुन कर भाई फोन ही फफक पड़ा. उस ने दोस्त से कहा कि हम जल्दी ही जयपुर पहुंचते हैं. इस के बाद दोस्त ने पुलिस को सूचना दी. यह बात 6 अगस्त, 2018 की है.

बिन्नी शर्मा के पति गुरप्रीत वालिया इंडियन औडिट ऐंड अकाउंट्स सर्विस यानी आईएएएस अधिकारी हैं, जो चंडीगढ़ में तैनात हैं. पुलिस को सूचना देने के बाद बिन्नी के परिजनों ने उन के पति गुरप्रीत वालिया को भी सूचना दे दी. वालिया ने 7 अगस्त की दोपहर तक जयपुर पहुंचने की बात कही. सूचना मिलने के कुछ ही देर बाद बजाज नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई. कमरे में बिन्नी का शव पंखे में चुनरी से लटका हुआ था. उस के पैर बैड के ऊपर झूल रहे थे और पास में ही मूढ़ी पड़ी हुई थी. संभवत: बिन्नी ने अपने बैड पर मूढ़ी रख कर पंखे में चुनरी का फंदा लगा कर सुसाइड किया था. पुलिस अधिकारियों ने मौकामुआयना किया, इस दौरान बिन्नी के कमरे से अंग्रेजी में लिखा 4 लाइन का सुसाइड नोट मिला. बिन्नी ने लिखा था कि मैं झूठ और फरेब से काफी परेशान हो चुकी हूं.

अब और धोखे सहन नहीं कर सकती. पति और सास ने मेरी जिंदगी बरबाद कर दी है. मैं जा रही हूं. भगवान मेरे बच्चों का ध्यान रखेंगे. अधिकारियों ने बिन्नी के शव को फंदे से उतारा और अस्पताल ले गए. जहां डाक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. बिन्नी का मायका अजमेर में था. अजमेर से रात को ही बिन्नी के परिवार के अन्य लोग भी जयपुर आ गए. 7 अगस्त की सुबह कालोनी वालों को पता चला तो लोग वहां एकत्र होने लगे. जानकारी मिलने पर बिन्नी शर्मा के औफिस और कस्टम विभाग के अधिकारी और उन का स्टाफ भी पहुंच गया. किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि हंसमुख और मिलनसार अधिकारी बिन्नी ने महज 35 साल की उम्र में सुसाइड कर लिया.

लोगों को उन के घरपरिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. केवल इतना ही पता था कि बिन्नी के पति गुरप्रीत वालिया आईएएएस औफिसर हैं और उन की पोस्टिंग चंडीगढ़ में है. मियांबीवी दोनों ही अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी थे. परिवार भी संपन्न था. फिर ऐसे क्या कारण रहे कि बिन्नी ने मौत को गले लगा लिया. लोगों की भीड़ में 7 साल का मासूम बेटा चाहत अपनी मां को ढूंढ रहा था. उस का रोरो कर बुरा हाल था. घर में जो भी परिचित आता, वह उस से लिपट कर कहता, ‘मेरी मम्मी बैडरूम में रेस्ट कर रही हैं, मुझे उन से मिलना है. मुझे उन के पास ले चलो.’ उस बच्चे की बातें सुन कर लोगों की आंखों में आंसू आ गए थे. चाहत ज्यादा जिद करने लगा तो परिवार वाले उसे घर के पास गार्डन में ले गए. वहां पहले वह गार्डन की दीवार से कूदने की धमकी देने लगा. फिर गार्डन में बने पानी के कुंड में कूदने की बात कहने लगा. वह एक ही रट लगाए हुए था कि उसे मम्मी के पास जाना है, परिवारजनों ने बड़ी मुश्किल में उसे संभाला.

चाहत नहीं जानता था पिता के बारे में यह विडंबना ही थी कि चाहत को अपने पापा से मिले भी लंबा अरसा हो गया था. उसे यह भी नहीं पता था कि उस के पिता कहां रहते हैं. लोगों ने उस से पिता के बारे में पूछा तो उस ने कहा कि अफ्रीका में रहते हैं. उस से छोटे ड़ेढ साल के मुकंद को तो जिंदगी और मौत का ही पता नहीं था. भैया, नानानानी, मामा को रोते देख कर वह भी आंसू बहा रहा था. लेकिन उसे नहीं पता था कि अब उस की मां इस दुनिया में नहीं रहीं. इस बीच, पुलिस अपनी काररवाई में जुटी रही. बिन्नी के शव का जयपुरिया अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. एफएसएल की टीम ने भी मौके पर जरूरी जांचपड़ताल कर साक्ष्य जुटाए.

दोपहर तक यह काररवाई चलती रही. बिन्नी के परिजन और वहां एकत्र लोग बिन्नी के पति गुरप्रीत वालिया का इंतजार करते रहे. वालिया ने दोपहर तक पहुंचने की बात कही थी. दोपहर हो गई तो बिन्नी के परिजनों ने उन्हें मोबाइल से फोन किया. उन का फोन स्विच्ड औफ मिला. न ही वालिया की तरफ से कोई सूचना आई. फिर भी सभी के कहने पर वालिया का 2 घंटे और इंतजार किया गया. इस के बाद भी वालिया नहीं पहुंचे तो और ज्यादा इंतजार किए बिना बिन्नी की अंत्येष्टि करने का निर्णय लिया गया. अंत्येष्टि होने तक वालिया नहीं आए तो बिन्नी के मायके वाले निराश हो गए. पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया था, लेकिन बिन्नी के परिवार वालों को ओर से कोई रिपोर्ट नहीं दी गई थी. इसलिए पुलिस ने मर्ग में स्वत. संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया.

पत्नी के आत्महत्या करने की सूचना मिलने के बाद भी पति गुरप्रीत वालिया जयपुर नहीं आए. बिन्नी के परिवार वाले 8 अगस्त को भी उन का इंतजार करते रहे. लेकिन न तो वे आए और न ही उन्होंने कोई सूचना भेजी. परिवार वालों ने कई बार फोन भी लगाया. लेकिन उन का मोबाइल लगातार स्विच्ड औफ आता रहा. गुरप्रीत और उन के परिवार के सदस्य बिन्नी के तीजे पर भी नहीं पहुंचे. इस से वालिया के खिलाफ परिवार वालों और पुलिस का शक गहराता गया. पति नहीं आया तो दर्ज हुई रिपोर्ट 9 अगस्त को बिन्नी के पिता चंद्रमोहन शर्मा ने बजाज नगर थाने जा कर अपने दामाद गुरप्रीत वालिया और उस की मां रविंद्र कौर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की. उन्होंने सबूत के तौर पर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज पुलिस को सौंपे, उस फुटेज में वालिया द्वारा बिन्नी और दोनों बेटों के साथ मारपीट तथा गालीगलौज की रिकौर्डिंग थी.

इस के बाद पुलिस ने आईएएएस अधिकारी वालिया और उस की मां रविंद्र कौर के खिलाफ बिन्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया. अजमेर के आदर्श नगर की रहने वाली बिन्नी शर्मा बचपन से ही पढ़नेलिखने में तेज थी. वह आईएएस अफसर बनना चाहती थी. इस के लिए उस ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा दी थी. उस की मेहनत सफल हुई. बिन्नी का वर्ष 2009 में भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी के रूप में चयन हो गया. इस के बाद पूरे परिवार में खुशियां छा गई थीं. बाद में प्रशिक्षण के दौरान बिन्नी की मुलाकात गुरप्रीत वालिया से हुई. गुरप्रीत सुंदर और स्मार्ट था. बिन्नी भी बुद्धिमत्ता के साथसाथ खूबसूरती में भी किसी से कम नहीं थी. खास बात यह थी कि दोनों अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे.

दोनों की मुलाकात हुई तो उन के दिलों में एकदूसरे के लिए चाहत भी बढ़ने लगी. लेकिन परेशानी यह थी कि दोनों के जातिधर्म अलग थे. पर इतने बड़े अधिकारी बनने पर यह बात उन के लिए कोई मायने नहीं रखती थी. इसलिए दोनों ने 30 अक्तूबर, 2010 में लव मैरिज कर ली. शादी के कुछ समय बाद ही बिन्नी ने बेटे को जन्म दिया. बेटे के जन्म से बिन्नी के मायके वाले भी खुश थे और ससुराल वाले भी. बेटे का नाम उन्होंने चाहत रखा. उस समय गुरप्रीत और बिन्नी मुंबई में तैनात थे. इसी दौरान गुरप्रीत और बिन्नी के बीच छोटीछोटी बातों को ले कर विवाद होने लगे. गुरप्रीत की मां रविंद्र कौर भी बिन्नी को प्रताडि़त करने लगी थीं. पति गुरप्रीत भी बिन्नी से मारपीट और गालीगलौच करता था. कई बार विवाद ज्यादा बढ़ा, तो गुरप्रीत ने बिन्नी के पिता को मानसिक रूप से प्रताडि़त कर मुंबई भी बुलाया था.

कई चेहरे थे पति गुरप्रीत के बाद में बिन्नी शर्मा का तबादला जयपुर हो गया. करीब 6 सालों तक मुंबई में रहने के बाद घटना से लगभग ढाई साल पहले गुरप्रीत ने भी अपना तबादला मुंबई से जयपुर करवा लिया. जयपुर में साथ रहने के दौरान भी गुरप्रीत और बिन्नी के बीच विवाद बना रहा. इस बीच सन 2016 के आखिर में बिन्नी ने एक और बेटे को जन्म दिया. छोटे बेटे का नाम मुकंद रखा गया. बिन्नी सोचती थी कि अब 2 बेटे हो जाने के बाद गुरप्रीत संभल जाएगा और घर में क्लेश नहीं करेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. गुरप्रीत अपने ससुर चंद्रमोहन शर्मा से भी गालीगलौच करता था. इतना ही नहीं वह अपने दोनों बेटों से भी मारपीट करता था.

इस बीच, इसी साल अप्रैल महीने में गुरप्रीत ने अपना तबादला जयपुर से चंडीगढ़ करवा लिया. इस के बाद भी गुरप्रीत बिन्नी को प्रताडि़त और मानसिक रूप से परेशान करता रहा. पति और ससुराल वालों की प्रताड़नाओं से बिन्नी परेशान रहती थी. कई बार वह अपने कमरे में बंद हो जाती, लेकिन घंटे-दो घंटे में सामान्य हो कर कमरे से बाहर आ जाती थी. पर 6 अगस्त की दोपहर में बिन्नी जब बैडरूम में घुसी तो उस के बाद वह जीवित बाहर नहीं आई. परिवार वालों के मुताबिक, बिन्नी कई महीनों से तनाव में थी. बिन्नी ने अपने पूरे घर में कैमरे लगवा रखे थे, यहां तक कि उस के बैडरूम में भी सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था. कहा जाता है कि पहले एक नौकरानी ने उस के घर में चोरी कर ली थी. इसलिए वह औफिस में रहते हुए भी कैमरों के जरिए घर पर नजर रखती थी.

बिन्नी अपने दोनों बेटों से बेइंतहा प्यार करती थी. दोनों बच्चों की अच्छी देखभाल के लिए वह एक बार अपनी अच्छीखासी नौकरी छोड़ने को भी तैयार हो गई थी. तब उस के परिवार वालों ने बच्चों की देखभाल का भरोसा दिलाया था. इस के बाद बिन्नी ने नौकरी छोड़ने की बात त्याग दी थी. बिन्नी के औफिस चले जाने पर नौकरानी बच्चों को संभालती थी. कैमरों के जरिए बिन्नी नौकरानी पर नजर रखती थी कि वह बच्चों की देखभाल किस तरह कर रही है. पति और सास की खोजबीन तो हुई पर मिला कोई नहीं आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज होने पर गुरप्रीत वालिया और उस की मां की तलाश में जयपुर से एक पुलिस टीम चंडीगढ़ गई. पुलिस ने 10 अगस्त को चंडीगढ़ में गुरप्रीत के घर और औफिस में दबिश दी लेकिन वह नहीं मिला. घर पर ताला लगा हुआ था. पुलिस ने गुरप्रीत से मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उस में भी पुलिस को कामयाबी नहीं मिली.

तभी पुलिस को पता चला कि गुरप्रीत का यूएसए का वीजा बना हुआ है. उस के देश छोड़ कर जाने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कर सभी एयरपोर्ट को सूचना भेज दी. जयपुर पुलिस 11 अगस्त को गुरप्रीत वालिया के पैतृक निवास पटियाला पहुंची. वहां पता चला कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी फरार हो गए. इस के बाद भी पुलिस ने दोबारा चंडीगढ़ और पटियाला पहुंच कर गुरप्रीत और उस की मां को तलाशा लेकिन उन का सुराग नहीं मिला. इधर, पुलिस ने बिन्नी शर्मा सुसाइड मामले में बिन्नी के मातापिता, भाई के बयान  दर्ज किए. इस के अलावा बिन्नी के बैडरूम से मिले सीसीटीवी कैमरे और अन्य उपकरणों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया गया.

एक तरफ जयपुर पुलिस गुरप्रीत और उस की मां की तलाश में जुटी थी. दूसरी तरफ दोनों आरोपियों ने गुपचुप तरीके से अदालत में अग्रिम जमानत की अरजी लगा दी. जयपुर महानगर की एडीजे कोर्ट-18 के पीठासीन अधिकारी पवन कुमार सिंघल ने 28 अगस्त को गुरप्रीत वालिया और उस की मां रविंद्र कौर को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए उन की जमानत अरजी खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि दोनों पर गंभीर आरोप हैं, गुरप्रीत का लुकआउट नोटिस भी जारी हो चुका है और वह पुलिस से बच रहा है. मृतका के सुसाइड नोट और अन्य तथ्यों से जाहिर होता है कि उसे प्रताडि़त किया गया था. ऐसे में आरोपियों को अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

अदालत से वालिया और उस की मां की अग्रिम जमानत अरजी खारिज होने पर जयपुर पुलिस फिर से दोनों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई. अब इस मामले की जांच आईपीएस अधिकारी कावेंद्र सिंह सागर के नेतृत्व में गठित टीम कर रही है. निचली अदालत में अग्रिम जमानत की अरजी खारिज होने के बाद आरोपी राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गए. हाईकोर्ट की पीठ ने 6 सितंबर, 2018 को गुरप्रीत सिंह वालिया और उस की मां रविंद्र कौर को 8 अक्तूबर तक अग्रिम जमानत दे दी. डीसीपी ईस्ट गौरव यादव का कहना है कि गुरप्रीत वालिया से व्यापक पूछताछ के बाद ही बिन्नी की मौत के रहस्य से परदा उठेगा कि आखिर दांपत्य जीवन में ऐसी क्या खास वजह रही बिन्नी का मौत को गले लगा कर कफन ओढ़ना पड़ा.

मामले की जांच के दौरान पुलिस ने बिन्नी शर्मा के औफिस से एक डायरी बरामद की. इस डायरी में बिन्नी ने पति गुरप्रीत के बारे में काफी कुछ लिखा हुआ था. इस डायरी और बिन्नी के पिता चंद्रमोहन शर्मा की ओर से पुलिस को दी गई वीडियो रिकौर्डिंग में काफी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं. डायरी में लिखा है कि बिन्नी के घर में काम करने वाली 16 साल की किशोरी के साथ गुरप्रीत ने शादी का झांसा दे कर ज्यादती की थी. बिन्नी को जब इस की भनक लगी तो उस ने किशेरी से इस संबंध में बात की. बिन्नी ने किशोरी से बातचीत का वीडियो भी बनाया था. इस में वह किशोरी बिन्नी के सामने गुरप्रीत वालिया द्वारा जबरन संबंध बनाने की बात कह रही है. ऐसा पति किसी का न हो बिन्नी के पिता का आरोप है कि बिन्नी पहले अपने पति गुरप्रीत का पक्ष लेती थी. इस बीच गुरप्रीत पर उस की एक महिला सहकर्मी अधिकारी ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया था. तब बिन्नी ने अपने पति का पक्ष लिया था.

बाद में उस पीडि़त महिला अधिकारी ने गुरप्रीत की ज्यादती का एमएमएस बना लिया और वह एमएमएस बिन्नी शर्मा को भेज दिया. वह एमएमएस देख कर गुरप्रीत का असली चेहरा बिन्नी के सामने आ गया था. कहा जाता है कि गुरप्रीत वालिया को पहले से इस बात का अंदेशा था कि बिन्नी उस की हरकतों से परेशान हो कर सुसाइड कर सकती है, क्योंकि बिन्नी ने पहले भी 2-3 बार सुसाइड के प्रयास किए थे. लेकिन हर बार दोनों बेटों के कारण आखिरी क्षणों में आत्महत्या करने के अपने इरादे त्याग दिए थे. बिन्नी को ले कर आशंकित गुरप्रीत ने खुद के और बिन्नी के जौइंट बैंक खाते बंद करा दिए थे. इस के बाद गुरप्रीत ने खुद का और बिन्नी का अलगअलग बैंक खाता खुलवाया था. खाता खुलवाने के बाद गुरप्रीत ने बिन्नी के खाते से करीब 20 लाख रुपए भी निकलवा लिए थे.

पुलिस की जांच में बिन्नी के कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में सामने आया है कि बिन्नी ने 6 अगस्त को सुसाइड करने का फैसला तो कर लिया था, लेकिन उस की जान अपने बच्चों में अटकी हुई थी. फुटेज में नजर आ रहा है कि बिन्नी ने पहले पंखे से चुनरी बांध कर गले में फंदा लगा लिया. फिर गले से फंदा खोल कर दोनों बच्चों की फोटो ली और अपने सीने से लगाई. करीब 45 मिनट तक वह रुकरुक कर गले में फंदा लगाती रही. फिर बच्चों की फोटो देख कर गले से फंदा खोलती रही. बाद में बच्चों की ममता पर जब पति और सास की प्रताड़ना भारी पड़ी तो बिन्नी फंदे से झूल गई.

बिन्नी के पिता चंद्रमोहन शर्मा की ओर से पुलिस को दी गई एक वीडियो फुटेज में गुरप्रीत जोर से धक्का मार कर बिन्नी को खींचते हुए और उस का हाथ मोड़ते हुए दिखाई दे रहा है. इस फुटेज में गुरप्रीत ने बिन्नी को मारने के लिए एक बोतल भी उठाई थी. एक अन्य वीडियो फुटेज में गुरप्रीत की अपने बच्चों से की गई मारपीट दिखाई दे रही थी. इस फुटेज में गुरप्रीत ने अपने छोटे बेटे के बाल खींचे और उसे प्रताडि़त किया. कमरे में नौकरानी के आने की आहट सुन कर वह सीधा बैठ गया. नौकरानी के जाने के बाद वह फिर अपने बेटे को पीटने लगा. बिन्नी अपने बेटे को बचाने आई तो गुरप्रीत उस से अभद्रता करते हुए चला गया.

बिन्नी को न्याय मिलना चाहिए इस में कोई दो राय नहीं कि गुरप्रीत ने अपराध किया है, तो वह देरसबेर पकड़ा जाएगा. लेकिन यह बात भी तय है कि पुलिस ने इस मामले में अगर सुसाइड नोट मिलने के तुरंत बाद सक्रियता दिखाई होती तो शायद उसे चंडीगढ़ और पटियाला की बारबार दौड़ नहीं लगानी पड़ती. जयपुर पुलिस चाहती तो मामला सामने आते ही चंडीगढ़ पुलिस को सूचना दे कर आरोपियों पर निगरानी रखवा सकती थी. पुलिस की एक चूक यह भी रही कि घटना के 20 दिन बाद तक पुलिस ने आरोपी गुरप्रीत वालिया की फोटो सार्वजनिक नहीं की. विडंबना यह थी कि बिन्नी और गुरप्रीत के बीच करीब 7 महीने से आमनेसामने की बात तो दूर मोबाइल पर भी कोई बातचीत नहीं हुई थी.

शायद इसीलिए बिन्नी के बडे़ बेटे चाहत ने लोगों से कहा था कि उस के पापा अफ्रीका गए हुए हैं. पतिपत्नी के बीच वैवाहिक रिश्ते इतने खराब हो गए थे कि बिन्नी ने गुरप्रीत का मोबाइल नंबर ब्लाक कर दिया था. दुखद बात यह भी रही कि पिता और मां के बड़ा अधिकारी होने के बावजूद मासूम बच्चे चाहत और मुकंद को उन का प्यार नहीं मिल सका. बिन्नी के जाने के बाद उन से ममता का आंचल भी चला गया. पिता गुरप्रीत और उस के परिवार वालों ने बिन्नी की मौत के बाद एक बार फोन कर के यह भी पूछने की जरूरत नहीं समझी कि दोनों बच्चे कैसे हैं.

पिता चंद्रमोहन शर्मा के साथ यह त्रासदी रही कि जिस बेटी को लाड़प्यार से पाला और उस के आईआरएस अफसर बनने पर जितनी खुशियां मनाईं. वे खुशियां 10 साल में ही छिन गईं. हालत यह हो गई कि चंद्रमोहन शर्मा को दामाद और उस का भरापूरा परिवार होने के बावजूद अपनी बेटी की अस्थियां खुद ही हरिद्वार ले जानी पड़ीं. जहां उन्होंने बिन्नी के दोनों मासूम बेटों से उन की मां की अस्थियां विसर्जित कराईं. चंद्रमोहन शर्मा कहते हैं कि उन की यह इच्छा है कि बेटी को न्याय मिले.

—पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

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