इंदौर के तेजाजी नगर थाना इलाके में स्थित साईंधाम कालोनी के आलीशान बंगलों में एक बंगला बलवंत सिंह ठक्कर का भी है. इस कालोनी के लगभग सभी परिवार शहर के चर्चित चेहरे हैं. ऐसे में अगर बलवंत सिंह ठक्कर परिवार की चर्चा बाकी सब की चर्चाओं पर बीस साबित हो तो तय है कि ठक्कर परिवार में कुछ तो खासियत थी, जो दूसरों के पास नहीं. ऐसा ही था और वह खासियत थी बलवंत सिंह की बेटी वैशाली. वैशाली यानी स्टार प्लस के चर्चित टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की संजना और ‘ससुराल सिमर का’ सुपरहिट सीरियल की चर्चित खलनायिका अंजलि भारद्वाज.
लगभग 20 साल की उम्र से ही छोटे परदे पर अपनी खूबसूरती और कला की चमक बिखेरने वाली वैशाली की देश भर में पहचान बन चुकी थी. इसलिए लोग बलवंत सिंह के परिवार को विशेष तवज्जो देते थे. इस में सब से बड़ी भूमिका वैशाली की थी, जिस के सौम्य रूप और चेहरेमोहरे में आकर्षण भरा पड़ा था. यूं तो वैशाली जहां भी रही, जब भी रही, चाहे वो उस का बचपन हो, किशोर उम्र हो या फिर जवानी, हमेशा ही अपने आसपास की भीड़ में आकर्षण का केंद्र रही है. शायद यही कारण था कि उसे अपनी खूबसूरती का भान सही उम्र में सही वक्त पर हो गया था. खूबसूरती के साथ युवती में योग्यता और वजनदारी भी हो तो वह अपनी पर्सनैलिटी को अपनी ताकत बना लेती है.
वैशाली के पास यह गुण था, इसलिए उस ने किशोर उम्र से ही अभिनय की दुनिया में किस्मत आजमाने का फैसला कर लिया था. वैशाली की यह मेहनत रंग लाई, जिस के चलते सब से पहले 2013 में स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में उसे लीड रोल के लिए चुना गया. सीरियल में वैशाली ने संजना की भूमिका निभाई जो दर्शकों में, खासकर युवा वर्ग में बहुत पसंद की गई और देखते ही देखते वैशाली छोटे परदे की बड़ी स्टार बन गई.
पहले ही सीरियल की सफलता के बाद सीरियल निर्माताओं ने वैशाली के दरवाजे पर लाइन लगानी शुरू कर दी. उस ने एक के बाद एक कई सीरियलों में अपने दमदार अभिनय और खूबसूरती की छटा बिखेरी. शाली साहसी भी कम नहीं थी. इसलिए उस ने करिअर के शुरुआती दौर में नेगेटिव रोल करने से भी परहेज नहीं किया. ‘ससुराल सिमर का’ सीरियल में उस ने अंजलि भारद्वाज की नेगेटिव भूमिका निभाई, जिस के लिए वैशाली को बेस्ट एक्ट्रैस इन नेगेटिव रोल का ‘गोल्डन पैलेट’ अवार्ड भी दिया गया. इस के अलावा वैशाली ने ‘सुपर सिस्टर्स’, ‘विष या अमृत’, ‘मनमोहिनी’, ‘लाल इश्की’, ‘रक्षाबंधन’ आदि सीरियलों में महत्त्वपूर्ण रोल अदा किए.
जाहिर सी बात है कि वैशाली जैसी एक्ट्रैस का साईंधाम कालोनी में रहना आसपास के लोगों को गर्व की बात लगती थी. इसलिए पत्नी अनु, बेटे नीरज और एक्ट्रैस बेटी वैशाली की मौजूदगी से कालोनी में बलवंत सिंह का बंगला सब के लिए उत्सुकता का विषय रहता था.
एक उद्योगपति की बेटी थी वैशाली ठक्कर
15 अक्तूबर, 2022 की शाम का समय था. बलवंत सिंह के बंगले में रोज की तरह सब कुछ अपनी गति से चल रहा था. बलवंत सिंह का सनमाइका और प्लाईवुड का काफी बड़ा कारोबार है. इसलिए पालदा स्थित अपनी फैक्ट्री से आमतौर पर वह रात में देर से ही घर वापस आ पाते थे. लेकिन 4 दिन बाद 20 अक्तूबर को उन की लाडली वैशाली की शादी होने वाली थी. इसलिए इन दिनों वह शाम ढलते ही घर वापस आ जाते थे.
उस दिन भी शाम को बलवंत सिंह घर पहुंच कर पत्नी अनु के साथ बैठ कर बेटी की शादी की चर्चा कर रहे थे. हालांकि इस शादी के लिए उन्हें कोई ज्यादा भागदौड़ करने की जरूरत नहीं थी. क्योंकि उन का होने वाला दामाद मितेश गौर 1-2 दिन में कैलिफोर्निया से इंदौर पहुंचने वाला था.
वैशाली की 4 दिन बाद होनी थी शादी
20 अक्तूबर को वैशाली और मितेश इंदौर के एडीएम के समक्ष उपस्थित हो कर कोर्ट मैरिज करने वाले थे. इस के लिए एडीएम कोर्ट में रजिस्ट्रैशन भी करवा लिया गया था. दोस्तों, रिश्तेदारों को बेटी की शादी की दावत देने का प्रोग्राम कोर्ट मैरिज होने के बाद में तय किया जाना था.
‘‘वैशाली कहां है,’’ घर आने के बाद काफी देर रात तक बेटी के दिखाई न देने पर बलवंत सिंह ने पत्नी से पूछा.
‘‘कहां होगी, अपने कमरे में है. आजकल तो उस ने घर से निकलना ही बंद कर दिया है.’’ पत्नी ने कहा.
‘‘क्या करें, आगे बढ़ कर एक्शन लेने पर अपनी ही बदनामी होगी. फिर नरेश ने भरोसा दिलाया है कि इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा, जिस से हम परेशानी में पड़ें.’’ बलवंत सिंह बोले.
‘‘आप अपने दोस्त नरेश के ही भरोसे बैठे रहना. उन के बेटेबहू का मुंह देखो, कैसे चलता है. नीरज बता रहा था कि राहुल ने 1-2 दिन पहले वैशाली को फिर धमकी दी है कि वो उस की शादी नहीं होने देगा. कुछ रोज पहले उस ने वैशाली को अपने घर बुला कर उस के संग गलत करने की कोशिश भी थी.’’ पत्नी अनु ने कहा.
‘‘नीरज कहां है?’’ पत्नी के मुंह से बेटे की बात सुन कर बलवंत ने पूछा.
‘‘बाहर गया है, आता ही होगा,’’ अनु पति की बात का जवाब दे रही थी कि तभी बेटा नीरज भी आ गया. जिस ने पूछने पर पिता को वह सब बता दिया, जो राहुल की धमकी के बारे में वैशाली ने उसे बताया था.
नीरज की बात सुन कर बलवंत गंभीर हो गए. लेकिन बात बेटी की बदनामी की थी, इसलिए यह सोच कर अपने मन को समझा लिया कि सब ठीक हो जाएगा. जिस घर में 4 दिन बाद बेटी की शादी हो, वहां खुशियां आंगन में चहकती हैं. लेकिन हालात कुछ ऐसे थे कि अपनी नामदार बेटी की शादी चोरों की तरह करना बलवंत सिंह की मजबूरी बन गई थी. इसलिए शुभ अवसर के दरवाजे पर आ कर खड़े हो जाने के बाद भी दीवारों के अंदर खामोशी लगातार पसरी हुई थी.
परिवार में 2 बहनें हों तो उन की आपस में खूब बनती है, लेकिन बहनें 2 न हों तो भाईबहन ही आपस में दोस्त बन जाते हैं. इसलिए नीरज की वैशाली से खूब बनती थी. वैशाली भी अपने मन की ऐसी हर बात जो आमतौर पर लड़कियां केवल अपनी बहन या सहेली से शेयर करती हैं, नीरज से शेयर कर लेती थी. चकाचौंध की जिंदगी बड़ी जालिम होती है. एक बार जो इस चकाचौंध में पड़ गया वो अंधेरे में जीने की बात सोच कर भी डरता है. वैशाली इसी दौर से गुजर रही थी.
लौकडाउन में वैशाली मुंबई से इंदौर आ गई थी, इसलिए 2020 में आखिरी सीरियल में काम करने के बाद नए सीरियल में मौका नहीं मिलने से वह अपने करिअर को ले कर परेशान थी. खुद को व्यस्त रखने के लिए वैशाली ज्यादातर समय अपने भाई नीरज के साथ वीडियो गेम खेलते हुए काटती थी. लेकिन उस रोज खाना खाने के बाद कमरे में गई वैशाली काफी देर तक बाहर नहीं आई तो रात लगभग साढ़े 12 बजे जब मां और पिता दोनों किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा में व्यस्त थे, नीरज बहन के साथ वीडियो गेम खेलने उस के कमरे में पहुंचा तो वहां का नजारा देख कर जोरों से चीख पड़ा.
वैशाली की मौत पर पुलिस अधिकारी भी हुए हैरान
बेटे की चीख सुन कर मौके पर पहुंचे बलवंत सिंह और उन की पत्नी अनु वैशाली को फांसी पर लटका देख कर मानो पत्थर के हो गए. होश आने पर घर वालों ने आननफानन में वैशाली को फंदे से उतारा और उसे ले कर अस्पताल की तरफ भागे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. ठक्कर परिवार की शान समझी जाने वाली वैशाली दुनिया को अलविदा कह कर दूर जा चुकी है.
सुबह के 7 बजे थे. हमेशा की तरह सुबह होते ही अपनी ड्यूटी पर पहुंचने वाले तेजाजी नगर थाने के टीआई आर.डी. कानवा थाने जाने के लिए तैयार हो रहे थे कि तभी उन्हें साईंधाम कालोनी में रहने वाली टीवी एक्ट्रैस वैशाली ठक्कर द्वारा फांसी लगाने की खबर मिली. मामला हाईप्रोफाइल था, इसलिए चंद पलों में ही साईंधाम कालोनी की सुबह पुलिस की गाडि़यों के सायरन से गूंज उठी. दलबल को ले कर टीआई आर.डी. कानवा के मौके पर पहुंचते ही कालोनी में वैशाली द्वारा आत्महत्या कर लेने की खबर फैल गई.
वैशाली शहर के एक उद्योगपति की बेटी और चर्चित टीवी एक्ट्रैस थी, इसलिए टीआई कानवा द्वारा मिली सूचना पर एसीपी (आजाद नगर) मोतीउर रहमान (आईपीएस) भी मौके पर पहुंच गए. श्री रहमान के नेतृत्व में टीआई कानवा की टीम ने मौके की बारीकी से जांच की, जिस में वैशाली द्वारा अपने पीछे छोड़ा गया 8 पेज का सुसाइड नोट बरामद कर लिया गया. कमरे में वैशाली की डायरी भी मिली, जिसे देखते ही एसीपी समझ गए कि इस के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं इसलिए पुलिस टीम डायरी से फाड़े गए पन्नों की तलाश में जुट गई जो कुछ ही देर में वैशाली के बाथरूम में लगे कवर्ड में टुकड़ों के रूप में मिले.
उन पन्नों की इबारत मरने के बाद भी वैशाली दुनिया से छिपाना चाहती थी, इस से एसीपी मोती उर रहमान के सामने यह बात कांच की तरह साफ हो चुकी थी कि इन फटे पन्नों की इबारत में ही इस घटना की कहानी छिपी हो सकती है. इसलिए इन टुकड़ों के अलावा पुलिस ने मौके से वैशाली का मोबाइल और आईपैड भी बरामद कर लिया. इस के बाद शव का पंचनामा बना कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
इस दौरान एसीपी रहमान ने न केवल वैशाली द्वारा लिखा सुसाइड नोट पढ़ डाला, बल्कि वैशाली के मातापिता और भाई से शुरुआती पूछताछ भी कर ली. वैशाली के लंबेचौड़े सुसाइड नोट का लब्बोलुआब यह था कि उस ने अपनी मौत के लिए पड़ोस के बंगले में रहने वाले प्लाईवुड व्यापारी नरेश नवलानी के इकलौते बेटे राहुल नवलानी और उस की पत्नी दिशा नवलानी को जिम्मेदार ठहराया था. वैशाली के घर वाले भी राहुल और दिशा को जिम्मेदार बता रहे थे. लेकिन वैशाली ने रात लगभग साढ़े 12 बजे फांसी लगाई थी, जबकि परिवार ने घटना के 7 घंटे बाद पुलिस को जानकारी दी थी. इसलिए पुलिस को अगला कदम उठाने से पहले कई तथ्यों को जांचना जरूरी था.
फिर भी बात हाथ से न निकल जाए, इसलिए टीआई कानवा अपनी टीम ले कर वैशाली के पड़ोस में रहने वाले राहुल नवलानी के घर जा पहुंचे. लेकिन तब तक राहुल का पूरा परिवार घर में ताला लगा कर फरार हो चुका था. चोर की दाढ़ी में तिनका, इस कहावत का पूरा अर्थ एसीपी मोती उर रहमान भली प्रकार जानते थे, इसलिए सुसाइड नोट में क्या लिखा है, इस की जानकारी बाहर आने से पहले राहुल के परिवार सहित फरार हो जाने से वह समझ गए कि वैशाली के सुसाइड नोट में कुछ न कुछ सच्चाई अवश्य है.
राहुल और उस की पत्नी की तलाश में जुटी पुलिस
वैशाली ठक्कर सेलिब्रिटी थी. इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी जोन-1 अमित तोलानी के अलावा खुद कमिश्नर इंदौर हरिनारायण चारी मिश्र भी मौके पर पहुंच गए. पुलिस पूछताछ में घर वालों ने खुल कर राहुल और उस की पत्नी दिशा पर वैशाली को प्रताडि़त करने का आरोप लगाया. कालोनी वालों ने तभी दबे स्वर में इन आरोपों के सही होने की तरफ इशारा किया. इस से एसीपी रहमान ने टीआई कानवा को राहुल और दिशा को खोज निकालने के निर्देश दे दिए.
इन की तलाश में पुलिस की 2 टीमें मुंबई और जयपुर के लिए रवाना कर दी गईं, जबकि टीआई कानवा अपने मुखबिरों के जरिए राहुल की लोकेशन स्थानीय स्तर पर तलाश करने लगे. क्योंकि वह जानते थे कि कई बार शातिर अपराधी नाक के नीचे छिप कर पुलिस को चकमा देने की कोशिश करता है. वास्तव में टीआई कानवा का सोचना सही साबित हुआ, जिस के चलते चौथे दिन पुलिस ने राहुल को इंदौर में ही उस के एक रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में राहुल अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताता रहा, लेकिन पुलिस ने उसे अदालत में पेश कर 4 दिन की रिमांड पर ले लिया. इस दौरान उस से गहराई से पूछताछ की गई, जिस में वैशाली आत्महत्या मामले की कहानी इस प्रकार सामने आई—
बलवंत सिंह ठक्कर मूलरूप से उज्जैन जिले में महिदपुर के रहने वाले हैं. इन का प्लाईवुड और सनमाइका का बड़ा कारोबार है, जिस के लिए इन्होंने अपनी एक फैक्ट्री इंदौर के पालदा में लगा रखी है. बलवंत कई साल पहले पत्नी अनु, बेटी वैशाली और बेटे नीरज के साथ इंदौर में आ कर बस गए थे. वैशाली बचपन से ही प्रतिभाशाली थी. बेटी को अभिनय का शौक देख कर पिता ने यह शौक पूरा करने के लिए उसे हर तरह की सुविधा मुहैया करवा रखी थी. पिता का समर्पण और बेटी की मेहनत दोनों ही रंग लाई, जिस के चलते वैशाली टीवी सीरियल की दुनिया में काफी नाम कमा चुकी थी. इस से उस का ज्यादातर वक्त मुंबई में कटता था, लेकिन साल 2020 में कोरोना का प्रकोप बढ़ने के बाद वैशाली मुंबई छोड़ कर अपने घर इंदौर आ गई थी.
राहुल के घर वालों से थे पारिवारिक संबंध
बलवंत सिंह के पड़ोस में नरेश नवलानी अपनी पत्नी, बेटा राहुल और बहू दिशा के साथ रहते हैं. नरेश भी प्लाईवुड के बड़े व्यापारी हैं. रालामंडल में उन की बड़ी दुकान है. बेटा राहुल पिता की मदद करने के अलावा एक लैमिनेट्स फर्म भी चलाता था. बलवंत सिंह और नरेश नवलानी एक ही कारोबार से जुड़े थे, इसलिए उन के बीच व्यापारिक रिश्ते के अलावा निजी तौर पर गहरी दोस्ती थी. इसलिए पड़ोसी होने के कारण दोनों परिवारों का एकदूसरे के यहां काफी आनाजाना था.
लगभग 6 फीट लंबे, गोरेचिट्टे राहुल को मौडलिंग का शौक था. वह मौडलिंग में अपना करिअर बनाना चाहता था. मगर पिता नरेश नवलानी को यह सब पसंद नहीं था, इसलिए मौडल बनने की अपनी इच्छा मार कर राहुल पिता का कारोबार संभालने लगा था. राहुल वैशाली को बचपन से जानता था. वैशाली का उस के घर में खूब आनाजाना था. दोनों में बातचीत भी खूब होती थी, लेकिन उस समय न राहुल के मन में वैशाली के प्रति कुछ था और न वैशाली के मन में राहुल के लिए. समय आने पर पिता नरेश ने अपनी बराबरी का घर देख कर राहुल की शादी कोटा निवासी दिशा के साथ कर दी.
राहुल और दिशा की पटरी अच्छी बैठी, जिस से जल्द ही राहुल 2 बच्चों का पिता बन गया. चूंकि ठक्कर परिवार से राहुल के परिवार के बेहद पुराने और नजदीकी संबंध थे, इसलिए वैशाली राहुल की शादी में भी शामिल हुई और बच्चों के जन्म पर आयोजित उत्सवों में भी उस ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. इस से वैशाली के साथ दिशा की भी अच्छी बनने लगी थी.
सब कुछ ठीक चल रहा था. इस घटना की नींव तो उस रोज पड़ी, जब अचानक ही वैशाली का चयन स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में लीड रोल के लिए हो गया. यह सीरियल 2015 में शुरू हुआ, जिस के चलते वैशाली ठक्कर की देशभर में पहचान बन गई. लोग उस को सुंदर और सफल टीवी अभिनेत्री के रूप में जानने लगे. वैशाली का अचानक ही छोटे परदे पर छा जाना राहुल के लिए चौंकाने वाला था. इस के बाद उसे और कई सीरियलों में अच्छे रोल मिल गए.
मौडलिंग में करिअर बनाना चाहता था राहुल
वास्तव में लंबे समय तक साथसाथ रहने के बाद भी राहुल ने कभी वैशाली की सुंदरता पर गौर नहीं किया था. वैशाली अभिनेत्री बन कर लोगों के दिलों पर राज करने लगी तो उस की आंखें खुलीं. दूसरे राहुल खुद भी मौडलिंग के क्षेत्र में अपना करिअर बनाना चाहता था, इसलिए उसे लगने लगा कि वह भी मौडल बन सकता है. इसलिए राहुल ने अपनी दबी हुई इच्छा को फिर से जीवित कर वैशाली से मदद लेने का फैसला कर लिया, लेकिन अब वैशाली के पास पहले की तरह समय कहां था. अनेक सीरियलों में काम के चलते वह ज्यादातर समय मुंबई में ही रहने लगी थी, लेकिन वैशाली की जिंदगी का बुरा वक्त उसे इंदौर ले आया.
हुआ यह कि 2020 कोरोना महामारी के चलते सभी शूटिंग रोक दी गईं, इसलिए वैशाली परिवार के साथ समय बिताने इंदौर आ गई. लौकडाउन लंबा चला, इसलिए कई दूसरे कलाकारों की तरह वैशाली के करिअर की गाड़ी भी पटरी से उतर गई.
राहुल ने फांस लिया वैशाली को
इंदौर में रहते हुए वैशाली का राहुल के घर में आनाजाना फिर से पहले की तरह बढ़ गया था. वैशाली का इस परिवार में उस समय से ही काफी आनाजाना था, जब दिशा शादी हो कर आई भी नहीं थी, इसलिए दिशा ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. इसी बीच अपनी फिटनैस और सुंदरता बनाए रखने के लिए वैशाली ने जिम जाना शुरू कर दिया. इस का पता लगने पर राहुल भी उसी जिम में जाने लगा, जिस से दोनों की रोज मुलाकात होने लगी.
यहीं राहुल ने मौडल बनने का अपना सपना पूरा करने में वैशाली की मदद मांगी तो वैशाली बड़े ही आराम से उस की मदद करने को राजी हो गई. इतना ही नहीं, उस ने जल्द ही मुंबई के कुछ फोटोग्राफर से राहुल की बात भी करवा दी. राहुल काफी शातिर था. वह जानता था कि वैशाली लगभग 27 साल की हो चुकी है, इसलिए उस से नजदीकी हासिल करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.
उस ने धीरेधीरे वैशाली में अपनी रुचि दिखानी शुरू कर दी. इतना ही नहीं, जब कभी काम के सिलसिले में वैशाली मुंबई और दूसरे शहर जाती तो मौडलिंग में अपनी संभावनाएं तलाशने के लिए राहुल भी उस के साथ जाने लगा. चूंकि दोनों के परिवार एकदूसरे के काफी नजदीक थे. इसलिए खुद राहुल की पत्नी दिशा को भी दोनों के यूं अकेले बाहर आनेजाने पर कोई ऐतराज नहीं था. नतीजा यह निकला की राहुल ने धीरेधीरे वैशाली की नजदीकी हासिल कर ली. वैशाली जिस ने कभी ऐसा नहीं सोचा था, वह राहुल के फैलाए जाल में फंस गई.
27 की उम्र पार कर चुकी युवती के मन में प्रेमी को ले कर उत्सुकता और रोमांच दोनों ही होना स्वभाविक है. फिर वैशाली तो ऐसी दुनिया का हिस्सा थी, जहां ऐसी नजदीकियां बहुत ही सामान्य बात मानी जाती हैं. लेकिन इस के बावजूद महिदपुर जैसे छोटे से कस्बे के संस्कार उस के खून में घुले हुए थे, इसलिए समय के साथ वैशाली शादीशुदा और 2 बच्चों के पिता राहुल को ही अपना सब कुछ समझने लगी. राहुल के साथ अपने संबंध को वह अंतिम सांस तक निभाना चाहती थी, इसलिए वैशाली राहुल के प्रति काफी गंभीर हो चुकी थी. लेकिन कोरोना के बाद वैशाली का करिअर पटरी से उतर चुका था, इसलिए मातापिता उस के विवाह के बारे में सोचने लगे.
यह बात राहुल को पता चली तो राहुल और वैशाली दोनों ही किसी तरह आपस में शादी करने की योजना बनाने लगे. लेकिन दोनों ही यह भूल गए थे कि राहुल की पत्नी दिशा दूधपीती बच्ची नहीं है जो अपने पति की एक जवान युवती के साथ नजदीकी का मतलब न समझ सके. इसलिए धीरेधीरे दिशा ने पति के साथ वैशाली की दोस्ती का विरोध करना शुरू कर दिया.
इतना ही नहीं, जब राहुल नहीं माना तो एक रोज दिशा अपने दोनों बच्चों को ले कर अपने मायके कोटा में जा कर रहने लगी. राहुल और दिशा के इस विवाद के बारे में राहुल के पिता नरेश को जानकारी हुई तो वैशाली के साथ अपने बेटे के प्रेम संबंध की बात भी उन तक पहुंच गई. नरेश नवलानी सुलझे हुए आदमी हैं, इसलिए उन्होंने किसी तरह दिशा को वापस बुलवाने के बाद राहुल को सीधे चेतावनी दे दी कि वह वैशाली से शादी करने की बात भूल जाए, इसी में उस की भलाई है. वरना वह उसे अपनी सारी जायजाद से बेदखल कर सारा कुछ दिशा और उस के दोनों बच्चों को सौंप देंगे.
राहुल की वजह से टूटा था वैशाली का रिश्ता
पिता की इस धमकी से राहुल डर गया. उस ने वैशाली से शादी करने में मजबूरी जाहिर की तो वैशाली ने उस से ब्रेकअप कर अपना रास्ता बदल लिया. राहुल चाहता था कि शादी नहीं हो सकती तो क्या हुआ, वैशाली बिना शादी के भी उस की बन कर रह सकती है. लेकिन वैशाली को उधार का प्यार स्वीकार नहीं था, इसलिए उस ने राहुल से पूरी तरह दूरी बना ली.
इसी दौरान वैशाली की मुलाकात मैट्रीमोनियल साइट पर केन्या में रहने वाले भारतीय मूल के डा. अभिनंदन सिंह से हुई. दोनों में बातचीत हुई और रिश्ता पसंद आने पर अप्रैल 2021 में अभिनंदन के साथ वैशाली की सगाई हो गई. लेकिन सगाई के एक महीने बाद ही वैशाली और अभिनंदन का रिश्ता टूट गया. इस रिश्ते के टूटने के साथ ही दोनों परिवारों को खुल कर वैशाली और राहुल के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग की जानकारी लग गई. दरअसल, हुआ यह कि जैसे ही वैशाली की सगाई की बात राहुल को पता चली, उस ने वैशाली साथ अपने नजदीकी रिश्ते की जानकारी अभिनंदन को दे दी.
इतना ही नहीं, उस ने वैशाली के संग अपने ऐसे वीडियो और फोटो अभिनंदन को भेज दिए, जिन्हें देख कर अभिनंदन क्या कोई भी युवक अपनी राय बदल सकता था. अभिनंदन ने भी यही किया, जिस से दोनों की शादी टूट गई. दिशा को लगता था कि वैशाली की शादी के बाद सब ठीक हो जाएगा. लेकिन जब राहुल ने वैशाली की सगाई तुड़वा दी तो उस के इस कदम से पत्नी दिशा भड़क गई. उसे लगने लगा कि राहुल वैशाली को नहीं छोड़ पाएगा. इसलिए उस ने अपने पति से साफ कह दिया कि अगर वह उस का संग चाहता है तो उसे वैशाली को भूलना होगा.
बताते हैं कि इस का राहुल पर कोई असर नहीं हुआ, उलटे उस ने दिशा को तलाक देने की बात कही. इस पर दिशा ने तत्काल अपना पाला बदल लिया. दिशा भी व्यापारी परिवार की बेटी थी, इसलिए किस रास्ते पर जाने से फायदा और किस पर नुकसान, इस का बोध करने में उस ने देर नहीं की.
पति को बचाने के लिए दिशा ने चली चाल
दिशा को हर हालत में अपना परिवार बचाना था, इसलिए यह इस रिश्ते में राहुल को बेगुनाह और वैशाली को मर्दखोर लड़की साबित करने पर उतर आई. इस के लिए उस ने कालोनी की महिलाओं में यह बात फैला दी कि राहुल के न चाहते हुए भी वैशाली उस के पीछे पड़ी है. इस से वैशाली का कालोनी में बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया. बेटी को परेशान देख कर बलवंत सिंह ने राहुल के पिता और अपने पुराने दोस्त नरेश से बात की जिस पर नरेश नवलानी ने बलवंत सिंह को भरोसा दिलाया कि अब राहुल उन की बेटी की खुशियों के बीच नहीं आएगा.
अवैध रिश्ते में पुरुष को सब से बड़ा डर अपनी पत्नी का होता है. लेकिन यह डर राहुल को नहीं था, क्योंकि दिशा को अपना परिवार बचाने की चिंता थी. इसलिए वह समझदारी दिखाते हुए पति को सही और वैशाली को गलत साबित करने लगी थी. पिता की चेतावनी के बाद भी राहुल वैशाली का पीछा नहीं छोड़ रहा था. इस से वैशाली काफी परेशान थी. परेशान तो वैशाली के मातापिता भी थे, लेकिन उन्हें राहुल के पिता नरेश नवलानी की बात पर भरोसा भी था. मगर सब ठीक होने के बजाए वैशाली की जिंदगी लगातार
मुश्किल में पड़ती जा रही थी. यहां तक कि कालोनी में लोगों की चुभती निगाहों से बचने के लिए उस ने घर से निकलना तक कम कर दिया था. इतना सब होने के बाद भी राहुल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. दरअसल, पत्नी दिशा राहुल के पक्ष में थी, इसलिए वह वैशाली जैसी खूबसूरत युवती को अपने जाल से आजाद नहीं होने देना चाहता था.
वैशाली और उस का परिवार समझ चुका था कि राहुल आगे भी कोई हरकत कर सकता है. इसलिए कुछ समय पहले वैशाली की मुलाकात फिर मैट्रीमोनियल साइट पर मिले मितेश गौर से हुई. मूलरूप से अहमदाबाद निवासी मितेश कैलिफोर्निया की एक कंपनी में उच्च पद पर काम करता था. यह मुलाकात भी रंग लाई, जिस के चलते मितेश के संग वैशाली का रिश्ता तय हो गया. राहुल फिर कोई विवाद न कर दे, इसलिए वैशाली की इस सगाई को पूरी तरह गुप्त रखा गया.
बलवंत ठक्कर परिवार ने निर्णय लिया कि पहले वैशाली और मितेश कोर्ट मैरिज करेंगे, इस के बाद इस रिश्ते को सार्वजनिक कर धूमधाम से दोनों की शादी का समारोह आयोजित कर दिया जाएगा. 20 अक्तूबर को मितेश और वैशाली की इंदौर एडीएम कोर्ट में शादी होने वाली थी, जिस के लिए मितेश हफ्ते भर पहले इंदौर आने वाला था, लेकिन वैशाली यहां एक गलती फिर कर गई. शादी से कुछ रोज पहले वैशाली ने सोशल मीडिया पर मितेश के संग अपनी सगाई की एक फोटो स्टोरी पोस्ट कर दी, जिस की खबर लगते ही राहुल ने मितेश से संपर्क कर उसे अपने और वैशाली के रिश्ते के बारे में बताते हुए वैशाली से शादी न करने की सलाह दी.
मितेश ने इस बारे में वैशाली से बात की, जिसमें वैशाली ने अपना पक्ष रखा, जिससे संतुष्ट हो कर मितेश राहुल की धमकी के बाद भी शादी के लिए इंदौर आने पर राजी हो गया. दूसरी तरफ जब राहुल ने देखा कि सब कुछ जानने के बाद भी मितेश वैशाली से शादी करने जा रहा है, तब उस ने वैशाली को धमकी देनी शुरू कर दी कि अगर उस ने उसे छोड़ कर मितेश से शादी की तो वह उसे समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा.
इस धमकी से वैशाली काफी डर गई थी. दूसरे मितेश को शादी के लिए अब तक इंदौर पहुंच जाना था, लेकिन वह किसी कारण से तय तारीख पर इंदौर नहीं आया. इस से वैशाली को लगने लगा कि अभिनंदन की तरह मितेश भी उस से शादी न करने का मन बना चुका है. इस से वह बेहद परेशान हो गई. वैशाली जो कभी चमकदमक की दुनिया में जीती थी. सड़कों पर हजारों प्रशंसक उस की झलक देखने को बेताब रहते थे, उसे अपनी जिंदगी में ऐसे जिल्लत भरे वक्त की उम्मीद कभी नहीं रही थी. इसलिए उस ने दिशा और राहुल की जुगलबंदी से परेशान हो कर मौत का रास्ता चुन लिया.
घटना के संबंध में एसीपी मोतीउर रहमान का कहना है कि मृतका के सुसाइड नोट के आधार पर राहुल एवं उस की पत्नी दिशा को आरोपी बनाया गया है. सुसाइड नोट से साफ है कि आरोपी मृतका को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहा था. मृतका के सुसाइड नोट के अलावा डायरी में भी ऐसे ही संकेत मिले थे. आरोपी ने अपने मोबाइल और आईपैड का डाटा डिलीट कर दिया था, जिसे पुलिस रिकवर कराने की कोशिश करेगी. इस में नए तथ्य मिलने पर उस के खिलाफ और भी धाराएं बढ़ सकती हैं.