बात 19 जून, 2019 की है. जबलपुर सिटी की रांझी थानाप्रभारी जे. मसराम को किसी व्यक्ति ने फोन कर के सूचना दी कि खमरिया के पास झाडि़यों में किसी युवक की लाश पड़ी है. मामला हत्या का था, इसलिए थानाप्रभारी ने इस की सूचना तुरंत एसपी अमित सिंह और एसपी (सिटी) धर्मेश दीक्षित को दे दी. साथ ही खुद पुलिस टीम के साथ सूचना में बताई गई जगह के लिए रवाना हो गईं.
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां काफी लोग जमा थे. वहीं पर 30-32 साल के एक युवक का शव पड़ा था. थानाप्रभारी ने शव का निरीक्षण किया तो उस पर चोट का कोई निशान नहीं मिला. लेकिन उस के गले पर काले रंग का निशान जरूर नजर आ रहा था.
उस निशान को देख कर पुलिस को यकीन हो गया कि युवक की हत्या गला घोंट कर की गई होगी. इसी बीच एसपी अमित सिंह व एसपी (सिटी) धर्मेश दीक्षित भी मौके पर पहुंच गए. पुलिस अधिकारियों ने वहां मौजूद लोगों से मृतक के बारे में पूछताछ की, लेकिन उन में से कोई भी लाश की शिनाख्त नहीं कर सका.
आसपास सुराग तलाशने की कोशिश की गई, पर कोई भी ऐसा सुराग नहीं मिला, जिस से शव की शिनाख्त होने में मदद मिल पाती. काफी कोशिशों के बाद भी शव की शिनाख्त नहीं होने पर थानाप्रभारी ने घटनास्थल की काररवाई पूरी कर के शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
लाश की शिनाख्त जरूरी थी, इसलिए एसपी अमित सिंह ने जिले के सभी थानों में वायरलैस से अज्ञात युवक की लाश मिलने का मैसेज प्रसारित करा दिया. इस के अलावा सीमावर्ती जिलों के थानों को भी अज्ञात युवक की लाश मिलने की सूचना दे दी गई.
इसी दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने मोबाइल फोन से मृतक के फोटो खींच कर सोशल साइट पर वायरल कर दिए. शाम होतेहोते जब ये फोटो मध्य प्रदेश के राज्य पुलिस बल (एसएएफ) की छठीं बटालियन में तैनात आरक्षक नवीन के पास पहुंचा तो वह चौंक गया. क्योंकि उस फोटो में मृतक की दाईं कलाई पर दुर्गा और बांह पर ओम का टैटू गुदा हुआ था. उस की बाईं बांह पर आरडी और बीपीओ अक्षर का टैटू था.
यह देख कर उसे अपने साथ काम करने वाले आरक्षक राजेश बेन की याद आ गई. क्योंकि ऐसे ही टैटू व निशान राजेश बेन ने अपनी दोनों कलाइयों पर बनवा रखे थे. मृतक का चेहरा और हुलिया भी राजेश से मिल रहा था.
नवीन ने सोचा कि कहीं झाडि़यों में मिली लाश राजेश बेन की ही तो नहीं है. अपनी यह शंका उस ने बटालियन के दूसरे साथियों के सामने जाहिर की तो सब मिल कर शाम को राजेश की खोजखबर लेने रांझी स्थित उस के घर जा पहुंचे.
घर पर राजेश के दोनों बच्चों के साथ उस की पत्नी दीपिका मौजूद थी. नवीन और उस के साथियों ने दीपिका से राजेश के बारे में पूछा. दीपिका ने उन्हें बताया कि वह सुबह 9 बजे 15 हजार रुपए ले कर बेटे के स्कूल की फीस जमा करने गए थे, उस के बाद वापस नहीं लौटे.
उस समय राजेश का बेटा मोबाइल से खेल रहा था. इस का मतलब वह मोबाइल भी अपने साथ नहीं ले गया था. राजेश की पत्नी दीपिका ने बताया कि जब दोपहर तक वह नहीं लौटे तो हम ने सोचा कि शायद स्कूल में देर हो जाने के कारण वहां से सीधे ड्यूटी पर चले गए होंगे.
दीपिका की बात सुन कर साथियों का शक गहरा गया कि रांझी में मिली लाश कहीं राजेश बेन की तो नहीं है. क्योंकि उस रोज बटालियन में भी किसी ने राजेश को नहीं देखा था, इसलिए उन्होंने खबर रांझी पुलिस को दे दी. जिस पर थानाप्रभारी मसराम ने दीपिका को साथ ले जा कर अस्पताल में रखा शव दिखाया तो वह उसे दख्ेते ही जोरजोर से रोने लगी.
उस ने बताया कि शव उस के पति राजेश का ही है, जो आरक्षक के पद पर नौकरी करते थे. थानाप्रभारी ने दीपिका को सांत्वना दे कर चुप कराया और उस से उस के पति के बारे में पूछताछ की.
शक की सुई दीपिका पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजेश की मौत का कारण गला घोंटना बताया गया. रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया. मामला पुलिस वाले की हत्या का था, इसलिए एसपी अमित सिंह ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए तुरंत एक टीम गठित कर दी, जिस से हत्यारे को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके.
एसपी साहब के आदेश पर पुलिस टीम जांच में जुट गई. 20 जून की रात 11 बजे रांझी थाने में तैनात महिला आरक्षक आरती सोनकर ने एएसपी को एक फोन की रिकौर्डिंग भेजी. वह रिकौर्डिंग ऐसी थी, जिस से पुलिस को केस खोलने में आसानी हो गई और हत्यारे भी पुलिस की गिरफ्त में आ गए.
उस रिकौर्डिंग में मृतक राजेश बेन की पत्नी दीपिका अपने भाई सोनू सोनकर को फोन कर उस से पति का शव ठिकाने लगाने के लिए मदद मांग रही थी.
रिकौर्डिंग सुनने के बाद एसपी अमित सिंह के आदेश पर रात में ही महिला पुलिस की एक टीम दीपिका के घर पहुंच गई. पुलिस ने उस के घर पर ही उस से सख्ती से पूछताछ की तो दीपिका ने स्वीकार कर लिया कि उस ने मजबूरी में पति की हत्या की थी. हत्या में उस की चचेरी बहन पायल, मां सुकरानी और पड़ोस में रहने वाली नाबालिग सहेली शामिल थीं. पुलिस टीम ने रात में ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
थाने ले जा कर आरोपियों से पूछताछ की गई तो आरक्षक राजेश बेन की हत्या की जो कहानी सामने आई, इस प्रकार निकली—
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के मंडला कस्बे की रहने वाली दीपिका की शादी 12 साल पहले रांझी के राजेश बेन से हुई थी. राजेश एसएएफ में आरक्षक के पद पर नौकरी करता था. राजेश के पिता भी मध्य प्रदेश पुलिस में थे. उन की मौत के बाद उसे अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली थी.
शादी से पहले से ही राजेश को शराब पीने की लत थी. यहां तक कि सुहागरात के मौके पर भी वह न केवल शराब पी कर पत्नी के पास पहुंचा था बल्कि एक बोतल साथ में ले कर आया था.
यह देख पत्नी दीपिका चौंक गई. पहली रात को वह पति से ज्यादा कुछ नहीं कह सकी. बाद में उस ने पति को बहुत समझाया, लेकिन राजेश ने उस की बातों पर ध्यान नहीं दिया. वह अपने यारदोस्तों के साथ शराब पीने में मस्त रहता. अपनी सारी कमाई वह शराबखोरी में उड़ा देता था.
इतना ही नहीं, जब उस के पास पैसे खत्म हो जाते तो वह उधार ले कर दोस्तों के साथ पार्टी करता था, जिस से उस पर लाखों रुपए का कर्ज भी हो गया था. घर में खर्च के लिए भी परेशानी होने लगी थी.
पत्नी जब खर्च के पैसे मांगती तो वह अपने हाथ खड़े कर देता था. राजेश चिड़चिड़ा भी हो गया था. पत्नी से छोटीछोटी बातों पर झगड़े करता और नशे में दीपिका के साथ मारपीट शुरू कर देता. मारपीट के लिए आदमी को एक बहाना चाहिए, इसलिए वह पत्नी को चरित्रहीन बता कर उस की बुरी तरह पिटाई करता था.
दीपिका परेशान थी मारपीट से दीपिका रोजरोज की मारपिटाई से तंग आ गई थी, इसलिए उस ने पति की हत्या की योजना बनाई. 18 जून, 2019 को उस ने अपनी चचेरी बहन पायल और पड़ोस में रहने वाली 16 वर्षीय सहेली को अपने घर बुला कर उन दोनों को अपनी योजना में शामिल कर लिया.
रात लगभग 11 बजे राजेश शराब के नशे में घर पहुंचा तो वह पायल और उस की सहेली के सामने ही उस से कपड़े उतारने की जिद करने लगा. लेकिन दीपिका ने तो कुछ और ही सोच कर रखा था.
पति की कपड़े उतारने की जिद करने पर दीपिका को गुस्सा आ गया, उस ने एक झटके में उस के गले में अपनी चुन्नी लपेटी और फिर तीनों ने गला घोंट कर उस की हत्या कर दी. राजेश की हत्या करने के बाद उन्होंने शव प्लास्टिक के एक बोरे में भर कर घर के एक कोने में टिका दिया.
इस के बाद दीपिका ने अपनी मां सुकराना को फोन कर घटना की जानकारी दे कर शव को ठिकाने लगाने में मदद के लिए जबलपुर आने को कहा. मां ने भी बेटी की मदद करने की हामी भर दी. वह सुबह 5 बजे मंडला से जबलपुर पहुंच गई.
15 घंटे तक राजेश की लाश घर में ही पड़ी रही. दूसरे दिन लगभग 2 बजे पायल और दीपिका लाश को एक्टिवा पर रख कर रांझी इलाके की झाडि़यों में फेंक आईं. जिस बोरे में वे लाश ले कर गई थीं, उस पर कोई मार्का लगा था.
मार्का के जरिए पुलिस उन के पास तक न पहुंच सके, इसलिए उन्होंने राजेश की लाश बोरे से निकाल कर झाडि़यों में डाल दी. उस बोरे को वह घर ले आईं. इस दौरान एक्टिवा पायल चला रही थी.
शाम को जब राजेश के साथी उस के बारे में पूछताछ करने उस के घर आए तो दीपिका ने बताया कि राजेश सुबह 15 हजार रुपए ले कर बेटे की फीस भरने के लिए स्कूल गए थे. उस के बाद घर नहीं लौटे.
इसी बीच उस ने अपने भाई सोनू सोनकर को फोन कर लाश को ठिकाने लगाने में मदद मांगी जिस की रिकौर्डिंग किसी तरह पुलिस को मिल जाने से पूरा मामला उजागर हो गया.
दीपिका, उस की मां सुकराना और नाबालिग सहेली से पूछताछ कर पुलिस ने उन की निशानदेही पर एक्टिवा, गला घोंटने में इस्तेमाल हुई चुन्नी और वह बोरा भी बरामद कर लिया, जिस में लाश भर कर ठिकाने लगाई गई थी.
पूछताछ के बाद सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया, जबकि नाबालिग सहेली को बालिका सुधारगृह भेजा गया.
एक अलग मोड़ इस के दूसरे दिन ही इस कहानी में नया मोड़ आ गया. संजय कालोनी रांझी में रहने वाले मृतक राजेश बेन के घर वालों ने एसपी अमित सिंह को एक शिकायती पत्र सौंप कर उचित जांच की मांग की. उन्होंने बताया कि यह सच है कि राजेश के ऊपर काफी कर्ज था, लेकिन उस ने यह कर्ज शराब पीने के लिए नहीं, बल्कि पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाने के लिए लिया था. वह ब्याज के रूप में लाखों रुपए चुकता कर चुका था. लेकिन कर्ज देने वाले उस पर लगातार पैसे देने का दबाव बनाए जा रहे थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि एक साहूकार युवक के साथ दीपिका के अवैध संबंध थे. वह साहूकार राजेश की गैरमौजूदगी में लगभग रोज दीपिका से मिलने उस के घर आता था. एक दिन राजेश ने दीपिका को उस के साथ रंगेहाथ पकड़ भी लिया था.
राजेश के परिजनों का आरोप था कि दीपिका के प्रेमी ने ही अपने प्रेमिका के साथ मिल कर राजेश की हत्या की थी. इन की योजना थी कि राजेश के मरने के बाद उस की पत्नी दीपिका को पुलिस में नौकरी मिल जाएगी.
साथ ही उस की मौत के बाद मिलने वाले पैसे से उस का कर्ज भी चुक जाएगा. एसपी अमित सिंह ने उस के घर वालों द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता से जांच करने के आदेश दे दिए.