सुर्ख जोड़े में सजी नईनवेली दुलहन सुलेखा दोस्त जैसे पति रवि राउत को पा कर बहुत खुश थी. यौवन की दहलीज पर उस ने खुली आंखों से जो सपने देखे थे, वे साकार हो गए थे. सुलेखा 15 जुलाई, 2018 को ब्याह कर खुशीखुशी ससुराल आई थी. शादी के 6 दिन बीत जाने के बावजूद उस के हाथों पर पति के नाम की मेहंदी का रंग अभी भी ताजा था.

रवि राउत बिहार के जिला गया के थाना मुफस्सिल क्षेत्र में आने वाले शहीद ईश्वर चौधरी हाल्ट स्थित मोहल्ला कुर्मी टोला के रहने वाला था. उस के पिता श्यामसुंदर कपड़े के व्यापारी थे. गया में उन का कपड़े का काफी बड़ा कारोबार था, जो अच्छा चल रहा था. इस से अच्छी कमाई होती थी. श्यामसुंदर राउत के 3 बेटे थे, रवि, विक्की और शुक्कर. विक्की और शुक्कर पिता के व्यापार में सहयोग करते थे.

सुबह दोनों नाश्ता कर के पिता के साथ दुकान पर चले जाते थे और रात में दुकान बढ़ा कर उन्हीं के साथ घर लौटते थे. जबकि यारदोस्तों की संगत में रह कर रवि की आदतें बिगड़ गई थीं. उस की आदतें सुधारने के लिए श्यामसुंदर ने उस की शादी कर दी थी ताकि बहू के आने पर अपनी जिम्मेदारियों को समझ सके. बात 21 जुलाई, 2018 की रात की है. पढ़ीलिखी, समझदार सुलेखा ससुराल वालों को रात का भोजन करा कर पति के साथ फर्स्ट फ्लोर पर सोने चली गई. दिन भर की थकीहारी सुलेखा को बिस्तर पर लेटते ही नींद आ गई. रवि भी सो गया.

रवि तब अचानक नींद से उठ बैठा, जब उस के कानों में सुलेखा की दर्दनाक चीख पड़ी. नींद से जाग कर रवि ने पत्नी की ओर देखा तो सन्न रह गया. सुलेखा के गले से तेजी से खून बह रहा था. लगा जैसे किसी ने तेजधार हथियार से गला रेत कर उस की हत्या की कोशिश की हो. खून देख कर रवि बुरी तरह घबरा गया. जब उस की समझ में कुछ नहीं आया तो उस ने चादर से सुलेखा का गला लपेट दिया, ताकि खून बहना बंद हो जाए. तभी अचानक रवि की नजर एक महिला पर पड़ी. वह अपना चेहरा कपड़े से ढंके हुए थी और उसी कमरे से निकल कर बाहर की ओर भाग रही थी. उस महिला से थोड़ी दूर आगे 2 और महिलाएं तेजी से भागी जा रही थीं.

इस से पहले कि नकाबपोश महिला भागने में सफल हो पाती, सुलेखा की चीख सुन कर उस के देवर विक्की और शुक्कर कमरे में आ गए थे. रवि और उस के दोनों भाइयों ने दौड़ कर नकाबपोश महिला को पकड़ लिया और लातघूसों से उस की जम कर पिटाई की. नकाबपोश महिला जब बेसुध हो गई तो विक्की ने उस के चेहरे से नकाब उतार दिया. नकाब हटते ही रवि, विक्की और शुक्कर तीनों दंग रह गए. वह महिला रवि के जानने वालों में थी, जिस का नाम माया था. वह सूढ़ीटोला में रहती थी.

उधर ज्यादा खून बहने से सुलेखा की हालत बिगड़ती जा रही थी. इस बीच रवि के भाई विक्की ने 100 नंबर पर फोन कर के इस घटना की सूचना पुलिस कंट्रोलरूम को दे दी थी. कंट्रोलरूम से सूचना मिलते ही थाना मुफस्सिल के थानेदार कमलेश शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. घटनास्थल पर पहुंच कर उन्होंने हत्या की कोशिश करने वाली माया को आलाकत्ल ब्लेड के साथ गिरफ्तार कर लिया. सुलेखा की हालत बिगड़ती जा रही थी. रवि उसे इलाज के लिए मगध मैडिकल अस्पताल ले गया और इमरजेंसी वार्ड में भरती करा दिया. डाक्टरों ने उस का इलाज शुरू कर दिया. समय पर इलाज मिल जाने से सुलेखा बच गई. यह 15/16 जुलाई, 2018 की रात ढाई बजे की बात थी.

अगले दिन रवि राउत की नामजद लिखित तहरीर पर मुफस्सिल थाने में माया के खिलाफ 307 आईपीसी के अंतर्गत केस दर्ज कर लिया गया. मुकदमा दर्ज होने के बाद थानेदार कमलेश शर्मा सुलेखा का बयान लेने मगध मैडिकल अस्पताल पहुंचे. सुलेखा ने कमलेश शर्मा को बताया कि रात एकडेढ़ बजे के करीब उस का पति रवि दरवाजा खोल कर बाहर चला गया था, तभी एक नकाबपोश औरत ने कमरे में घुस कर मुझ पर हमला बोल दिया. एक औरत कमरे के अंदर थी, जबकि दूसरी कमरे के दरवाजे के पास खड़ी थी.

वह वहीं से पूछ रही थी कि सुलेखा मरी या नहीं. मुझ पर नकाबपोश औरत ने न केवल हमला किया बल्कि मुझे तेजाब पिलाने की भी कोशिश की. लेकिन मेरी चीख सुन कर ऊपर आए मेरे देवरों ने मुझे बचा लिया. पकड़ी गई औरत ने अपना नाम माया बताया. जांच अधिकारी ने जब उस से हमले की वजह पूछी तो वह वजह बताने में असमर्थ रही. वह खुद हैरान थी कि माया ने उस की हत्या करने का प्रयास क्यों किया, जबकि वह उसे जानती तक नहीं थी. सुलेखा की बात सुन कर एसओ कमलेश शर्मा हैरान रह गए.

कमलेश शर्मा को सुलेखा के बयान ने परेशानी में डाल दिया था. इस का जवाब सिर्फ माया ही दे सकती थी या फिर सुलेखा का पति रवि राउत. माया महिला थाने के हवालात में बंद थी. कमलेश शर्मा ने थाने लौट कर आरोपी माया को महिला थाने से बुलवाया, फिर उस से पूछताछ की. माया का बयान सुन कर विवेचक शर्मा अवाक रह गए. माया ने पुलिस को बताया कि रवि और उस के बीच करीब 3 साल से प्रेम संबंध थे. दोनों एकदूसरे को प्यार करते थे, रवि उस से शादी करना चाहता था. लेकिन अपने घर वालों की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाया. अपने बयान में माया एकएक राज से परदा उठाती गई

माया के बयान से इस मामले में एक दिलचस्प मोड़ आ गया. उस के बयान पर विश्वास कर के पुलिस जब रवि से पूछताछ करने मगध मैडिकल अस्पताल पहुंची तो रवि वहां नहीं था. उस की जगह सुलेखा के पास उस का छोटा भाई विक्की बैठा था. पुलिस ने जब विक्की से रवि के बारे में पूछताछ की तो उस ने बताया कि रवि घर पर होगा. एसओ कमलेश शर्मा ने रवि को अस्पताल बुलाने के लिए एक सिपाही उस के घर भेजा. सिपाही रवि के घर पहुंचा तो वह वहां भी नहीं था.

पूछने पर घर वालों ने बताया कि वह रात से अस्पताल से घर नहीं लौटा है. सिपाही ने लौट कर यह बात एसओ को बता दी. कमलेश शर्मा सोच में पड़ गए कि जब रवि न अस्पताल में है और न ही घर पर, तो वह कहां गया? इस का मतलब वह फरार हो चुका था. निस्संदेह पत्नी की हत्या के प्रयास के पीछे उस का भी हाथ था. उस के फरार होने से यह बात साफ हो गई कि माया ने जो बयान दिया था, वह सच था. अब इस गुत्थी को सुलझाने के लिए रवि की गिरफ्तारी जरूरी थी. हकीकत जानने के लिए पुलिस ने रवि के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स निकलवाई.

काल डिटेल्स से पता चला कि रवि और माया के बीच बातें होती रहती थीं. घटना वाले दिन भी रवि और माया के बीच काफी देर तक बात हुई थी. इस डिटेल्स से पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि रवि ने अपनी प्रेमिका माया के साथ मिल कर पत्नी की हत्या का षडयंत्र रचा था. लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाया था. बहरहाल, सुलेखा ठीक हो कर अस्पताल से घर आ गई, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी रवि पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा. इस बीच पुलिस ने माया को अदालत में पेश कर के जेल भेज दिया था. आखिरकार घटना के एक महीने बाद रवि उस वक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया, जब वह गया रेलवे स्टेशन से कहीं भागने के लिए ट्रेन के इंतजार में वेटिंग रूम में बैठा था.

पुलिस रवि को गिरफ्तार कर के थाने ले आई और सुलेखा की हत्या की योजना जानने के लिए उस से पूछताछ की. चाह कर भी रवि हकीकत को छिपा नहीं सका. उस ने पुलिस के सामने सच उगल दिया. पूछताछ में रवि ने अपनी और माया की प्रेम कहानी सिलसिलेवार बतानी शुरू की. माया मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सूढ़ीटोला की रहने वाली थी. वह शादीशुदा और 3 बच्चों की मां थी. उस का पति मनोहर बाहर रह कर नौकरी करता था. वह 6 महीने या साल भर में एकाध बार ही घर आ कर कुछ दिन बिता पाता था.

माया भले ही 3 बच्चों की मां थी, लेकिन उस का शारीरिक आकर्षण खत्म नहीं हुआ था. उस का कसा हुआ शरीर और गोरा रंग पुरुषों को आकर्षित करने के लिए काफी था. सजसंवर कर माया जब घर से बाहर निकलती थी तो अनचाहे में लोगों की नजरें उस की ओर उठ ही जाती थीं. कभीकभी रवि माया के घर के सामने से हो कर घाटबाजार स्थित अपनी दुकान पर जाया करता था. एकदो बार का आमनासामना हुआ तो दोनों की नजरें टकरा गईं. धीरेधीरे दोनों एकदूसरे की ओर आकर्षित होने लगे. जल्दी ही वह समय भी आ गया, जब दोनों ने आकर्षण को प्यार का नाम दे दिया. इस प्यार को शारीरिक संबंधों में बदलते देर नहीं लगी. इस की एक वजह यह भी थी कि माया का पति परदेस में था और वह शारीरिक रूप से प्यार की प्यासी थी.

धीरेधीरे रवि और माया के प्यार के चर्चे पूरे सूढ़ीटोला में होने लगे. रवि घर से दुकान पर जाने की कह कर निकलता और पहुंच जाता माया के पास. जब तक वह दुकान पर पहुंचता, तब तक उस के दोनों भाई विक्की और शुक्कर दुकान पर पहुंच कर पिता के साथ काम में लग जाते. रवि देर से पहुंचता तो पिता श्यामसुंदर राउत उस से देर से आने की वजह पूछते, लेकिन वह चुप्पी साध लेता था. इस से श्यामसुंदर और भी परेशान हो जाते थे. उन की समझ में नहीं आ रहा था कि रवि को आखिर हो क्या गया. उन्होंने उस के देर से आने का रहस्य पता लगाने का फैसला किया.

आखिरकार श्यामसुंदर ने जल्द ही सच का पता लगा लिया. पता चला उन का बड़ा बेटा रवि एक शादीशुदा और 3 बच्चों की मां माया के प्रेमजाल में फंसा है. बेटे की सच्चाई जान कर वह परेशान हो गए. उन्होंने रवि को माया से दूर रखने के बारे में सोचना शुरू किया. सोचविचार कर वह इस नतीजे पर पहुंचे कि रवि की शादी कर दी जाए तो वह माया को भूल जाएगा. उन्होंने रवि की शादी की बात चलाई तो बात बन गई. फलस्वरूप सुलेखा से रवि का रिश्ता तय हो गया.

रिश्ता तय हो जाने के बाद रवि जब कभी माया के घर के सामने से गुजरता तो उस से नजरें मिलाने के बजाय चुपचाप निकल जाता. रवि में अचानक आए बदलाव से माया परेशान हो गई. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि अचानक रवि को क्या हो गया, जो उस ने मुंह फेर लिया.

माया से रवि की जुदाई बरदाश्त नहीं हो पा रही थी. एक दिन वह रवि का रास्ता रोक कर उसे अपने घर ले आई. फिर उस ने रवि से पूछा, ‘‘तुम्हें अचानक ऐसा क्या हो गया जो मुझ से मुंह फेर लिया.’’

‘‘नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है माया.’’ रवि ने सहज भाव से कहा.

‘‘ऐसी कोई बात नहीं है तो अचानक मुझ से मुंह क्यों मोड़ लिया?’’

‘‘माया, अब हमारा मिलना संभव नहीं है.’’ रवि ने नजरें झुका कर कहा.

‘‘क्यों, संभव नहीं है हमारा मिलना? मैं तुम से कितना प्यार करती हूं, जानते तो हो. फिर हमारा मिलना क्यों नहीं संभव है?’’

“‘क्योंकि मेरे घर वालों ने मेरी शादी करने का फैसला कर लिया है.’’

रवि का जवाब सुन कर माया के होश उड़ गए. माथे पर हाथ रख कर वह बिस्तर पर जा बैठी. कुछ देर दोनों के बीच खामोशी छाई रही.

उस खामोशी को माया ने ही तोड़ा, ‘‘आखिर क्या समझ रखा है तुम ने मुझे? मैं कोई खिलौना नहीं हूं कि जब चाहा, खेला और जब चाहा छोड़ दिया. मेरी जिंदगी बरबाद कर के तुम किसी और के साथ शादी रचाओगे? तुम ने यह कैसे सोच लिया कि मैं ऐसा होने दूंगी? मेरे जीते जी ऐसा हरगिज नहीं हो सकता.’’

‘‘मेरी बात समझने की कोशिश करो, माया.’’ माया के सामने रवि हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाने लगा, ‘‘मैं घर वालों के सामने बेबस हूं. मुझे उन के सामने झुकना ही पड़ा.’’ रवि ने माया को समझाने की कोशिश की, ‘‘तुम तो जानती हो, मैं भी तुम से कितना प्यार करता हूं. तुम्हारे बिना जीने की कल्पना तक नहीं कर सकता.’’

‘‘मैं कुछ नहीं सुनना चाहती. तुम्हें जो भी करना हो करो, लेकिन मैं तुम्हारी शादी नहीं होने दूंगी.’’ माया ने रवि को धमकाया. रवि माया को काफी देर तक समझाता रहा. लेकिन माया ने रवि की शादी की बात स्वीकार नहीं की. उस ने खुल कर धमकी दी कि अगर उस ने किसी और से शादी की तो इस का अंजाम उसे भुगतना पड़ेगा. उस दिन के बाद से रवि ने न तो माया से बात की और न ही मिला. माया ने सपने में भी नहीं सोचा था कि रवि उसे धोखा देगा और किसी दूसरी लड़की से शादी रचा लेगा. उस की बेवफाई से माया घायल नागिन सी बन गई. उस के सीने में बदले की आग धधकने लगी. यह मई 2018 की बात थी.

माया रवि से बदला लेने के लिए भले ही घायल नागिन बन गई थी, लेकिन उस की जुदाई में उस से कहीं ज्यादा तड़प रही थी. रवि भी माया से मिलने के लिए विरह की आग में जल रहा था. अंतत: उस से रहा नहीं गया और एक महीने बाद वह माया के पास लौट आया. सारे गिलेशिकवे भुला कर माया ने उसे प्यार के आंचल में छिपा लिया ताकि उन के प्यार को जमाने की नजर न लग जाए.

रवि ने माया से कहा कि मांबाप की खुशी के लिए वह सुलेखा से शादी तो जरूर करेगा, लेकिन उसे कभी पत्नी का दर्जा नहीं देगा और मौका मिलते ही उसे सदा के लिए अपने रास्ते से हटा देगा. रवि की बात पर माया ने सहमति जता दी. रवि की शादी के बाद सुलेखा को रास्ते से हटाने के लिए माया शादी से पहले ही योजना बनाने में जुट गई. बहरहाल, वह दिन भी आ गया जिस का रवि और माया को इंतजार था. 15 जुलाई, 2018 को रवि की शादी सुलेखा के साथ हो गई. सुलेखा मायके से विदा हो कर ससुराल आ गई.

दूसरी ओर माया का आनाजाना बंद हो जाने से ईर्ष्या की आग में जल रही थी. रवि भले ही माया के पास नहीं जा रहा था, लेकिन फोन से दोनों की अकसर बातें हो जाती थीं. माया उसे बारबार उस का वादा याद दिलाती रहती थी. रवि उस से कह देता था कि जल्द ही अपना वादा पूरा करेगा. शादी के 4-5 दिन बाद रवि के घर से सब मेहमान चले गए. घर पूरी तरह खाली हो गया. 21 जुलाई, 2018 की दोपहर रवि चुपके से माया से मिलने उस के घर जा पहुंचा. उस वक्त घर में माया के अलावा कोई नहीं था. उस के तीनों बच्चे स्कूल गए हुए थे.

पहले तो दोनों ने मौके का भरपूर फायदा उठाया. फिर रवि और माया अपनी पहले से तैयार योजना पर बात की. रवि ने माया से कहा कि आज रात सुलेखा को हमेशा के लिए रास्ते से हटा दिया जाएगा. मेरे फोन का इंतजार करना. जैसे ही मैं फोन करूं, धारदार हथियार ले कर मेरे घर आ जाना. घर का दरवाजा खुला रहेगा. रात 10 बजे के करीब सुलेखा पति, सास, ससुर और देवरों को खाना खिला कर पति के साथ पहली मंजिल पर सोने चली गई. उसे क्या पता था कि आज की रात उस पर भारी पड़ने वाली है. खैर, पतिपत्नी बातें करतेकरते कब सो गए, पता ही नहीं चला.

रात 1 बजे के करीब रवि की आंखें खुल गईं. उस ने देखा, सुलेखा गहरी नींद में सो रही थी. रवि मोबाइल लेकर आहिस्ता से बिस्तर से नीचे उतरा और दरवाजा खोल कर बाहर चला गया. तभी सुलेखा की आंखें खुल गईं. उस ने पति से इतनी रात गए बाहर जाने के बारे में पूछा तो रवि ने कहा कि बाथरूम जाना है, अभी आता हूं. रवि घर से बाहर निकल आया और फोन कर के माया को बता दिया कि रास्ता साफ है, आ जाओ. थोड़ी देर बाद रवि बाहर से लौट आया और फिर सोने का नाटक करने लगा. करीब 30 मिनट बाद माया 2 महिलाओं के साथ रवि के घर पहुंच गई.

माया इन महिलाओं को सुरक्षा के लिए लाई थी. उन्हें उस ने बाहर ही रोक दिया था. माया स्वयं चुपके से सीढि़यों के सहारे रवि के कमरे में दाखिल हो गई. उसे रवि के घर का कोनाकोना पता था. सुलेखा रवि के बगल में सोई हुई थी. माया ने साथ लाए धारदार ब्लेड से सुलेखा के गले, चेहरे और आंख पर वार किए. साथ ही उस का गला दबाने का भी प्रयास किया. अचानक हुए हमले से सुलेखा के मुंह से दर्दनाक चीख निकल गई.

पत्नी की चीख सुन कर सोने का बहाना कर रहा रवि उठ बैठा. तब तक नीचे से रवि के दोनों भाई विक्की और शुक्कर ऊपर कमरे में पहुंच गए. विक्की और शुक्कर को देख माया डर गई, क्योंकि रवि का पूरा गेम ही उलटा पड़ गया था. जैसे ही माया वहां से भागी, विक्की और शुक्कर ने उसे दौड़ा कर पकड़ लिया और उसे मारनेपीटने लगे. किसी को शक न हो, सोच कर रवि भी भाइयों के साथ जा मिला और मौका देख कर माया को लातथप्पड़ मारने लगा.

माया के गिरफ्तार हो जाने के बाद उस से महिला थाने में एसओ विमला ने पूछताछ की. माया ने सुलेखा की हत्या की योजना का खुलासा कर दिया कि कैसे उस ने अपने प्रेमी रवि के साथ मिल कर सुलेखा की हत्या की योजना बनाई थी. उस के बयान पर पुलिस ने उस के प्रेमी और सुलेखा के पति रवि को पत्नी की हत्या की कोशिश करने का मुकदमा दर्ज कर के गिरफ्तार कर लिया.

कथा लिखे जाने तक दोनों प्रेमीप्रेमिका रवि राउत और माया जेल में बंद थे. बेटे की करतूत पर मांबाप को काफी दुख पहुंचा. स्वस्थ हो चुकी सुलेखा ससुराल से मायके लौट गई. उस रात माया के साथ आई 2 महिलाओं का पता नहीं चल सका.  ?

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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