लंबे समय तक चलने वाले सीरियलों की दमदार अभिनेत्री सुरभि तिवारी की वैवाहिक जिंदगी 3 साल में ही लड़खड़ा गई. उन्हें न अच्छे ‘शगुन’ और ‘कुलवधू’ की अनुभूति हो पाई और न ही पायलट पति प्रवीण कुमार के संग साझेदारी का रिश्ता ही निभाना संभव हो पाया. मुंबई, दिल्ली और पटना तक के सफर में विधायक बनने का सपना संजोए सास लीलावती सिन्हा के लिए वह एक प्रचारक मात्र थी तो पति के लिए कुछ और. यौन हिंसा की शिकार ‘दीया और बाती हम’, ‘हरी मिर्च लाल मिर्च’ और ‘तोता वेड्स मैना’ की सुरभि का अब क्या होगा…पूछ रहे हैं उन के प्रशंसक.
करीब 6 साल पहले नवंबर 2016 की बात है. ‘शगुन’ सीरियल की अभिनेत्री सुरभि तिवारी एक सीरियल की शूटिंग से फारिग हो कर रात के साढ़े 9 बजे अंधेरी स्थित अपने फ्लैट लौट रही थी. कैब सामान्य गति से अपनी लेन में थी. उस के साथ सहकलाकार और सहेली अपूर्वा भी थी. तभी उस की मां का फोन आया था.
मां देरी होने पर चिंता जता रही थीं. तब सुरभि ने फोन पर जवाब में मां को समझाया, ‘‘बस मां, मैं 20 मिनट में पहुंच रही हूं. ये कैब वाले भैया गाड़ी थोड़ी धीमी चला रहे हैं. वैसे भी मेरे साथ अपूर्वा है न.’’
‘‘मां चिंता कर रही हैं न!’’ बगल में बैठी सहेली अपूर्वा बोली.
‘‘हां यार, मां को हमेशा एक ही चिंता रहती है… देर हो गई… रात हो गई… जमाना ठीक नहीं है…’’ सुरभि बोलने लगी.
‘‘मां हैं न! हर मां को बच्चों के भविष्य के साथसाथ सुरक्षा की भी चिंता रहती है. ऐसा कर तू अब शादी कर ले. फिर देखना तुम्हारी मां की यह चिंता हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी,’’ अपूर्वा बोली.
‘‘तू तो ऐसे बोल रही है, जैसे लड़का कहीं रखा हुआ हो, और जा कर मैं उसे उठा ले जाऊं मंडप पर.’’ सुरभि बोली.
‘‘ऐसा ही समझ. अपने फील्ड के किसी को पसंद कर लाइफ पार्टनर बना ले.’’ अपूर्वा ने समझाया.
‘‘अरे ना बाबा ना,’’ सुरभि तुरंत बोल पड़ी.
‘‘क्यों अपने फील्ड के लड़के में क्या कमी है? एक से बढ़ कर एक हैं सारे. …और बिहार यूपी के भी तो हैं.’’ अपूर्वा ने तर्क किया.
‘‘बात कमी की नहीं, मेरी पसंद की है. मैं चाहती हूं कि मेरा लाइफ पार्टनर हमारे फील्ड से अलग का हो. क्योंकि दिन भर सेट पर शूटिंग के बाद जब घर पर रहूं तब वहां कैमरा, सीन, सीरियल, चैनल आदि की बातें न हों. किसी तरह के कंप्टीशन की भावना दिमाग में हलचल न पैदा करे. मैं ऐसे व्यक्ति से शादी करना चाहती हूं, जो फिल्म या टीवी जगत का न हो, भले ही वह डाक्टर, इंजीनियर या कोई बैंककर्मी या फिर बिजनैसमैन ही क्यों न हो!’’ सुरभि बोली.
‘‘हां यार, तुम ने कहा तो सही है, लेकिन किस्मत भी तो कुछ होती है.’’ अपूर्वा ने कहा.
‘‘मैं भी देखती हूं मेरी किस्मत में क्या है?’’ सुरभि बोली.
‘‘किस्मत क्या होती है मैडमजी, वह तो कर्म से बदलती रहती है.’’ सुरभि को रोजाना घर तक छोड़ने वाला कैब ड्राइवर अचानक बोल पड़ा. उस की बात सुन दोनों हंस पड़ी.
‘‘लो, अब इस की भी सुनो.’’ अपूर्वा बोली. फिर चुप्पी छा गई.
लांकि तब तक सुरभि के दिमाग में शादी की बात बैठ गई थी. वह सोच में पड़ गई, ‘38 की होने को आई. अभी नहीं तो कब करेगी शादी? अपूर्वा ठीक ही तो कह रही है मेरी जाति, समाज में इतनी उम्र की लड़कियों को तो कोई पूछता ही नहीं. आखिर कहां तलाशा जाए मम्मी की पसंद का पारिवारिक फैमिली का लड़का.’
‘‘क्या सोचने लगी? अरे मैट्रीमोनियल साइट्स हैं न इस के लिए.’’ अपूर्वा उस के मन को भांपते हुए बोली.
जवाब में सुरभि मुसकरा दी. कुछ देर बाद बोली, ‘‘तुम्हारी नजर में कोई विश्वसनीय साइट हो तो बताना.’’
‘‘अब तो समझो हो गई शादी.’’ अपूर्वा हंसते हुए बोली.
मैट्रीमोनियल साइट से मिला जीवनसाथी
सुरभि को शादी के लिए टोकने वाली अकेली अपूर्वा ही नहीं थी. घर में मां से ले कर सेट पर साथ काम करने वाले दूसरे संगीसाथी भी घर बसाने के लिए जब तब कह देते थे. एक दिन सुरभि ने आखिरकार शादी करने का निर्णय ले लिया. दिसंबर, 2016 में उस ने सहेली की मदद से ‘सायकोरियन मैट्रीमोनी सर्विसेज’ में अपनी प्रोफाइल रजिस्टर करवा दी. अपनी प्रोफाइल में उस ने स्पष्ट रूप से लिख दिया था कि वह किस तरह के व्यक्ति से शादी करना चाहती हैं. इसी के साथ उस ने अपनी कुछ शर्तें भी रखीं. उन में एक महत्त्वपूर्ण शर्त यह भी थी कि वह शादी के बाद मुंबई में ही रहेगी. वह एक्टिंग शादी के बाद भी जारी रखेगी.
कुछ दिन बाद ही मैरिज ब्यूरो की तरफ से कई लड़कों के बायोडाटा सुरभि के ईमेल पर आ गए. उन्हीं में एक इंडिगो एअरलाइंस में कार्यरत पायलट प्रवीण कुमार सिन्हा का प्रोफाइल भी था. उम्र के अंतर और कदकाठी, पर्सनैलिटी, प्रोफेशन के लिहाज से सुरभि के लिए वह सूटेबल था. सिर्फ शर्त के मुताबिक एक ही कमी थी कि उस की पोस्टिंग दिल्ली में थी. वह दक्षिणपश्चिमी दिल्ली के द्वारका इलाके में अपनी 2 बहनों श्वेता और शिल्पा सिन्हा के साथ रहता था. फिर भी वह सुरभि और उस की मां को जंच रहा था. उन्होंने सोचा क्यों न एक बार लड़के से बात की जाए.
पायलट की नौकरी तो मुंबई में भी की जा सकती है. इसी उम्मीद के साथ सुरभि ने काफी कुछ सोचविचार के बाद सितंबर, 2017 में पहली बार प्रवीण से बात की. उन की एक कैफे हाउस में मुलाकात हुई.
सुरभि ने सिर्फ एक ही सवाल किया, ‘‘क्या आप को मेरी सारी शर्तें मंजूर हैं?’’
इस पर प्रवीण चुप रहा. सुरभि कभी उस के चेहरे को तो कभी अपने हाथ में लिए कौफी के कप को देखती रही. जवाब का इंतजार था.
प्रवीण ने अपनी कौफी का प्याला उठाया. बोला, ‘‘शर्तें बदली भी जा सकती हैं.’’
‘‘कम से कम 2 शर्तें तो नहीं,’’ सुरभि तुरंत बोली.
‘‘…तो फिर मैं ही खुद को बदल लूंगा.’’ प्रवीण के इतना कहते ही सुरभि के चेहरे पर चमक आ गई.
‘‘हमारे पास मौके हैं तरक्की की मंजिल तक पहुंचने के लिए न कि शर्तों में बंध कर लड़खड़ाने के लिए.’’ प्रवीण बोला.
कौफी के अंतिम घूंट तक सुरभि को इतना तो अहसास हो ही गया था कि प्रवीण एक सुलझा हुआ और साथ देने वाला इंसान है. प्रवीण ने साफ लहजे में कह दिया था कि उसे मुंबई आ कर रहने में कोई आपत्ति नहीं है. वैसे वह मूल निवासी आरा, बिहार का है. पढ़ाई पटना में हुई और नौकरी मिली तब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से सटे द्वारका में आ कर रहने लगा. प्रवीण ने स्पष्ट किया कि एविएशन के उस के कई दोस्त दिल्ली से आ कर मुंबई रहने लगे हैं, इसलिए वह भी ऐसा आसानी से कर सकता है. उस रोज दोनों के बीच विवाह की सहमति बन गई. अब उन के बातविचार पर परिवार के अभिभावकों की मुहर लगनी बाकी थी. हालांकि सुरभि जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी. उस ने अपनी तरफ से सब कुछ समझने के लिए थोड़ा समय लिया. उस ने प्रवीण के बारे में कुछ और जानकारियां जुटा लीं.
पता चला कि प्रवीण की मां लीलावती सिन्हा भाजपा की एक सक्रिय नेता हैं और विधायक बनने के प्रयास में हैं. उन की बिहार की राजनीति में अच्छी दखल है.
प्रवीण ने मान लीं सुरभि की शर्तें
30 अक्तूबर, 2017 को प्रवीण और सुरभि की दूसरी मुलाकात जुहू के होटल नोवाटेल में हुई. वह डेटिंग लंबी थी. डिनर के साथसाथ करीब 2 घंटे लंबी बातचीत के दौरान प्रवीण ने शादी के बाद की जिंदगी के बारे में काफी बातें की. प्रवीण ने कहा कि वह मुंबई में अपना मकान खरीद लेगा और अपने साथ सुरभि की मां को भी रखेगा. उस ने वादा किया कि सुरभि की इच्छा के मुताबिक उस की उम्र को देखते हुए जल्द ही परिवार भी आगे बढ़ा लेगा. वास्तव में उस वक्त तक सुरभि 39 की हो चुकी थी और शादी के बाद जल्द मां बनना चाहती थी.
प्रवीण ने इस पर भी हामी भर दी थी. उस के एक सप्ताह के भीतर ही 6 नवंबर, 2017 को प्रवीण ने एक बार फिर मुंबई पहुंच कर सांताक्रुज स्थित होटल ग्रैंड हयात में सुरभि से मुलाकात की. उन्होंने उस रोज भी मुंबई में अपना स्थायी ठिकाना बनाने का आश्वासन देते हुए बताया कि उस की एअरलांइस कंपनी इंडिगो से ट्रांसफर की बात हो गई है. शादी के 6 महीने बाद वह दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो जाएगा, किंतु तब तक उसे दिल्ली में ही रहना होगा. इस पर सुरभि तिवारी ने कुछ देर सोच कर आगे का निर्णय मां के ऊपर छोड़ दिया. किंतु अगले दिन 7 नवंबर, 2017 को ही सुरभि ने ‘सायकोरियन मैट्रीमोनी सर्विसेस’ को फोन कर दूसरे लड़के की प्रोफाइल मांगी.
इस की जानकारी प्रवीण को भी हो गई. उस ने अपनी मां लीलावती सिन्हा को आगे कर दिया. अंतत: लीलावती ने सुरभि से फोन पर बात की और बीच का रास्ता निकालते हुए शादी का माहौल बनाने लगी. लीलावती के फैसले को सुरभि और उस की मां भी नहीं बदल पाईं. फिर भी शादी की तारीख तय नहीं हो पा रही थी. सुरभि की शूटिंग के साथसाथ प्रवीण संग डेटिंग भी चलती रही.
बदला गिरगिट जैसा रंग
अंतत: सुरभि ने अपने विचार बदल लिए. उन्होंने 10 दिसंबर, 2018 को दिल्ली के फैमिली कोर्ट में जा कर शादी कर ली. हालांकि हिंदू विधि विधान से उन की शादी 10 फरवरी, 2019 को यारी रोड, मुंबई में संपन्न हुई. शादी के अगले रोज ही वे 9 दिनों के लिए हनीमून पर गोवा चले गए. दोनों गोवा के होटल में ठहरे. सुरभि ने महसूस किया कि प्रवीण बदला हुआ नजर आ रहा है. उस के बातचीत करने के ढंग और व्यवहार में से नरमी गायब हो चुकी है. वह उस के साथ एक तानाशाह की तरह पेश आ रहा है. यही नहीं, रात को बैड पर जाने से पहले ही कह दिया कि वह अभी बच्चा नहीं चाहता है. जिंदगी के मजे लेना चाहता है. देश के विभिन्न शहरों के अलावा विदेश घूमना चाहता है. उस के बाद ही बच्चे की प्लानिंग करेगा. इस पर जब सुरभि ने कहा कि बच्चा पैदा करने की उम्र काफी निकल चुकी है, तब वह उसे झिड़क दिया करता.
सुरभि ने प्रवीण में बदलाव और भी कई स्तर पर महसूस किए. बच्चे की बात पर प्रवीण का निर्णय सुन कर सन्न रह गई. उसे जोर का झटका लगा. सुरभि के विरोध पर प्रवीण ने समझा कर उसे चुप करवा दिया. हनीमून के 9 दिन बाद सुरभि अपने पति प्रवीण सिन्हा के साथ दिल्ली में द्वारका स्थित फ्लैट पर पहुंची. उस का स्वागत सास लीलावती सिन्हा, ससुर ब्रजेंद्र सिन्हा, 2 ननदें श्वेता सिन्हा और शिल्पा सिन्हा ने किया. वहां जा कर उसे पता चला कि अगले महीने 5 मार्च, 2019 को दिल्ली में शादी के रिसैप्शन का आयोजन किया गया है.
सुरभि के आते ही प्रवीण ने उस के सामने सादा कंप्यूटर पेपर और पेन देते हुए कहा, ‘‘इस पर लिख दो कि मैं ने तुम से बगैर दहेज लिए यह शादी की है. हम इस का प्रयोग आरा और पटना की चुनावी जनसभाओं में करेंगे, जिस से मेरी मां को चुनाव में जीतने के लिए अधिक से अधिक वोट मिलेंगे.’’ इस पर सुरभि तुनकती हुई बोली, ‘‘तो आप ने दहेज इस वजह से नहीं लिया कि मेरा इस्तेमाल राजनीतिक स्वार्थ के लिए कर सकें.’’
‘‘तुम हर बात को गलत ढंग से क्यों देखती हो. जब मेरी मां यानी कि अब तुम्हारी सास विधायक बन जाएगी, तब इस का फायदा तुम्हें और हम सभी को मिलेगा.’’
सुरभि को अपनी तरह से चलाना चाहते थे ससुराल वाले
घर के लोग शादी के रिसैप्शन की तैयारियों में जुट गए थे. मेहमानों के अलावा एक अलग लिस्ट पत्रकारों की भी बनी थी, लेकिन प्रवीण और उस की मां ने सुरभि को सख्त हिदायत दी थी कि वह मीडिया के सामने अकेली नहीं आएगी. उसे यहां मुंबई की बात भूलनी होगी. सब से महत्त्वपूर्ण हिदायत यह थी कि रिसैप्शन में जो भी उपहार मिलेंगे, उस पर उस का कोई अधिकार नहीं होगा. इस के साथ ही और भी कई तरह की हिदायतें दी गईं, जिसे सुन कर वह अंदर ही अंदर आने वाली विपत्तियों की कल्पना कर सिहर गई.
रिसैप्शन में लीलावती सिन्हा ने खुद को पटना में भाजपा की सक्रिय सदस्य के रूप में कार्यरत व एक माहिर राजनेता के तौर पर पेश किया. उन्होंने मीडिया के सामने सुरभि को चांदी का मुकुट पहना कर प्रदर्शित किया और उसे दहेज के बगैर लाई बहू के रूप में प्रचारित किया. 7 मार्च के बाद जब सुरभि की मां और भाई वापस मुंबई लौट आए, तब सास लीलावती ने भी अपना पैंतरा बदलते हुए सुरभि से तीखे लहजे में कहा, ‘‘देखो, अब तुम एक बिहारी परिवार की बहू हो. हमारे समाज की मान्यताओं के अनुसार रहो. कब, किस से, किस तरह मिलनाजुलना है, वह मैं बताऊंगी. अब डेली सोप वाले टीवी सीरियल में अभिनय करने के बजाय वेब सीरीज और फिल्मों में अभिनय करो. जब शूटिंग हो तब दिल्ली से मुंबई जाओ. अन्यथा दिल्ली या पटना में ही रहो.’’
इस के अलावा सास ने यह भी कहा कि वह उस के साथ कुछ भाजपा नेताओं से मिले और जब जरूरत हो, तब मेरे साथ राजनीतिक क्षेत्र में काम करना भी शुरू करे. हालांकि सुरभि ने इस का विनम्रता से विरोध जताया कि उस की राजनीति में रुचि नहीं है और किसी नेता से मिलने की इच्छा भी नहीं रखती है. अभिनय को नहीं छोड़ सकती है. वह सिर्फ एक्टर ही बनी रहना चाहती है. उस के बाद तो सुरभि की सास और उन की ननदों ने कठोर तेवर अपना लिए. उन के बदले हुए तेवर का असर सुरभि की निजी जिंदगी पर भी पड़ा. आए दिन किसी न किसी बहाने से प्रवीण की बहनें और मां उसे प्रताडि़त करने लगीं.
एक तरफ सुरभि के सामने सास और ननदों के ताने थे, दूसरी तरफ पति का अमानवीय व्यवहार. सुरभि ने अपनी समस्या मां सरिता तिवारी, भाई सौरभ तिवारी, बहन सारिका शुक्ला व सारिका के पति राजीव शुक्ला को भी सुनाई. उन से इस बारे में फोन पर बातें होती रहती थीं.
उन लोगों ने भी कई बार फोन कर प्रवीण को समझाने की कोशिश की, लेकिन बात और बिगड़ गई. बच्चे के नाम पर प्रवीण ने कहा, ‘‘तुम्हें हालात समझने चाहिए. ऐसा करो, हमें अभी बच्चे की जरूरत नहीं है. तुम कुछ दिन मुंबई में ही रह कर अभिनय करिअर को संवारो. मैं यहां किसी अच्छे कारोबार की योजना बना रहा हूं.’’
पतिपत्नी के बीच बढ़ गए मतभेद
मार्च में होली के दिन सुरभि अपने मायके मुंबई चली आई. जल्द ही प्रवीण दिल्ली लौट आया. बीचबीच में वह सुरभि को बुला कर अपने साथ फ्लाइट में ले जाने लगा. उन के बीच तनाव कुछ कम हो गया था. एक दिन पति को खुश देख कर सुरभि ने कहा, ‘‘आप अभी मुंबई में ही हो. तो फ्लैट तलाश कर खरीद लो.’’ जवाब में प्रवीण ने कहा, ‘‘यह तय है कि मैं मुंबई में घर नहीं खरीद सकता. और यहां किराए का भी मकान नहीं ले सकता. क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं है. मेरे सारे पैसे खर्च हो चुके हैं. तुम्हें मेरे साथ दिल्ली में ही आ कर रहना होगा.’’
इस बात पर सुरभि और प्रवीण के बीच काफी बहस हुई. अंतत: प्रवीण अकेले ही दिल्ली लौट आया. पतिपत्नी के बीच बढ़ते मतभेद को देख कर सुरभि की मां ने सुरभि को कुछ दिनों तक पति के साथ रहने की सलाह दी. मां के कहने पर 2-3 दिन के बाद सुरभि भी दिल्ली आ गई. दिल्ली पहुंचते ही सुरभि की ननदों और सास की प्रताड़ना फिर शुरू हो गई. ननदें सुरभि को मोटी कह कर ताने मारने लगीं. पतली होने के लिए फास्टिंग करने का दबाव बनाने लगीं. जैसेतैसे कुछ महीने बीत गए. प्रवीण का 7 जनवरी, 2020 को जन्मदिन आने वाला था. सास ने सुरभि से कहा, ‘‘अच्छी साड़ी पहन कर तैयार हो जाओ और मेरे साथ चलो. हम भाजपा दफ्तर के अलावा कुछ नेताओं के घर जाने वाले हैं.’’
किंतु सुरभि ने मना कर दिया. उस के बाद हर दिन घर के अंदर झगड़े होने लगे. अगले महीने ही 10 फरवरी, 2020 को शादी की पहली सालगिरह थी. परिवार ने इसे जश्न के तौर पर मनाने का निर्णय कर किसकिस को बुलाना है, उस की सूची बनाई जाने लगी. सुरभि ने भी दिल्ली के अपने कुछ दोस्तों को बुलाने की सूची बनाई, मगर सास ने उसे किसी दोस्त या रिश्तेदार को बुलाने से मना कर दिया. इस बात पर सुरभि की सास के अलावा ननदों से भी काफी कहासुनी हो गई थी. इतना ही नहीं, एक बार सुरभि बीमार हो गई थी. पैरों में काफी सूजन थी. सुरभि ने पड़ोसी से पूछ कर एक मसाज करने वाली महिला को बुलवा लिया था.
संयोग से वह मुसलिम थी. बात 16 फरवरी, 2020 की थी. वह मुसलिम महिला किचन में तेल गर्म करने गई तो ननद श्वेता ने उसे खूब डांटा कि वह उस के किचन में कैसे घुस आई. महिला सुरभि के पास जा कर रोेने लगी. उस वक्त प्रवीण घर में नहीं था. शाम को प्रवीण के आने पर सुरभि ने दिन की घटना के बारे में शिकायत की. प्रवीण ने जब बहन से इस बारे बात की तब उस के साथ दोनों बहनें उलझ पड़ीं. यहां तक कि उसे ही डांटते हुए कहा, ‘‘मेरी मां ने जमीन बेच कर तुम्हें पायलट बनाया है. यह घर और तुम्हारी सारी प्रौपर्टी हमारी है. अभी का अभी तुम अपनी पत्नी सुरभि को ले कर घर से निकल जाओ.’’
सुरभि मजबूर हो कर चली आई मायके. यह सुरभि के लिए एक नई समस्या थी. उस वक्त सुरभि के ससुर व उन का मैडिकल सहायक हीरालाल भी मौजूद थे. उन्होंने इस पर जरा भी प्रतिक्रिया नहीं जताई. उस के बाद 16 फरवरी, 2020 को सुरभि दिल्ली से मुंबई आ गई. उस के बाद वह दोबारा दिल्ली नहीं गई. दिल्ली से मुंबई आते समय वह अपने जेवर ले कर आई थी, जो उस ने रिश्तेदारों को दे दिए थे. जाते वक्त वह उसे वापस नहीं मिले. सुरभि के मुंबई पहुंचने पर प्रवीण उस से अकसर वीडियो काल कर हालसमाचार लेने लगा. एक महीने बाद ही कोरोना काल का दौर आया और पूरे देश में लौकडाउन लगा दिया गया. मुंबई का जीवन भी ठप हो गया. फिल्में और सीरियलों की शूटिंग बंद हो गई. इसी के साथ सुरभि की आमदनी भी रुक गई.
दूसरी तरफ पति अकसर वीडियो काल कर के पूछता था कि वह कहां है? क्या कर रही है? इत्यादि बातों से वह एकदम तंग आ चुकी थी. वह उसे न काम करने दे रहा था और न ही खर्च के लिए पैसे ही दे रहा था. इधर मुंबई में अपने किस्त पर खरीदे फ्लैट में सुरभि के दिन मां के साथ गुजर रहे थे. सुरभि के पास कोई जमापूंजी नहीं थी. फ्लैट की ईएमआई चल रही थी. अंधेरी के लोखंडवाला में फ्लैट होने के चलते मेंटिनेंस का भी काफी खर्च था. छोटेछोटे खर्चों का सुरभि देती थी पति को हिसाब प्रवीण उसे सिर्फ 20 हजार रुपए घर खर्च वगैरह के लिए देता था. लेकिन उस के खर्च की एकएक पाई का हिसाब लेता था. घर के राशन से ले कर आटोरिक्शा आदि तक के बिल वाट्सऐप पर मंगवाता था. आटोरिक्शा के मीटर की फोटो खींच कर प्रवीण के पास भेजनी पड़ती थी.
क्रेडिट कार्ड सुरभि के पास था, पर उस का ओटीपी प्रवीण के फोन पर ही आता था. जब भी सुरभि औनलाइन सामान मंगवाती थी, तब प्रवीण से ओटीपी मांग कर ही पेमेंट कर पाती थी. प्रवीण हर माह लिखा कर सुरभि के हस्ताक्षर सहित कागज वाट्सऐप पर मंगाता था कि सुरभि ने कितने रुपए की सब्जी खरीदी. यहां तक कि 20 रुपए का वड़ा पाव खरीदा तो उस का भी बिल भेजना होता था. एक बार सुरभि ने पानीपूरी का पैकेट खरीद लिया था तो प्रवीण ने डांट कर कहा था कि घर में रह कर सामान्य खाना ही खाए. पानीपूरी खाना तो फिजूलखर्ची है. इस तरह प्रवीण से मिल रहे मेंटल टार्चर से सुरभि डिप्रेशन में चली गई थी. एक तरफ कोरोना से बचाव करना था तो दूसरी तरफ पति की मानसिक प्रताड़ना की शिकार थी. एक बार वह नजदीक के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में इलाज कराने गई तो प्रवीण ने वह रकम यह कह कर नहीं दी कि यह गलत है. प्रवीण ने सुरभि से कहा कि उसे हर बार चैरिटी अस्पताल में इलाज कराना चाहिए.
एक बार मिल्लत नगर, अंधेरी के चैरिटी अस्पताल में जब वह अपना इलाज कराने गई, तब उस के कुछ दोस्तों ने देख कर सुरभि को सलाह दी कि इस तरह की नरक की जिंदगी जीने के बजाय उसे अपने पति से तलाक ले लेना चाहिए. उन की सलाह पर ही सुरभि ने मन को कड़ा करते एक दिन फोन पर प्रवीण से यह बात कह दी. प्रवीण ने कह दिया कि वह उसे तलाक नहीं देगा. पूरी जिंदगी तड़पाएगा. आखिरकार 20 जून, 2022 को मुंबई के वर्सोवा पुलिस थाने में एपीआई युवराज दलवी के सामने पति प्रवीण कुमार सिन्हा, सास लीलावती सिन्हा, ननद श्वेता व शिल्पा सिन्हा के खिलाफ सुरभि ने एक शिकायत दी.
मामला अदालत में गया और 498ए, 377, 406 आदि भादंवि की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया. कथा लिखे जाने तक अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी थी. इस तरह से ‘शगुन’, ‘कुमकुम’, ‘हरी मिर्च लाल मिर्च’, ‘कुलवधू’, ‘दीया और बाती हम’ व ‘एक रिश्ता साझेदारी का’ सहित कई सफल टीवी सीरियलों की अदाकारा सुरभि तिवारी ने महज 13 वर्ष की उम्र से अभिनय करना शुरू कर दिया था. सीरियल ‘शगुन’ से उसे जबरदस्त सफलता मिली थी. 2009 में सुरभि तिवारी ने ‘म्हाडा’ की लौटरी से अंधेरी इलाके में मकान खरीदा, जिस के लिए स्टेट बैंक औफ इंडिया से 30 लाख रुपए का कर्ज भी लिया, जिस की ईएमआई जारी है.
वह अभिनय में इस कदर व्यस्त रही कि विवाह कर घर गृहस्थी बसाने के बारे में सोचने का मौका तक नहीं मिला था. उसे आखिरी बार ‘एक रिश्ता साझेदारी का’ सीरियल में देखा गया था.
(कथा सुरभि तिवारी से हुई बातचीत और एफआईआर नंबर 03