Blackmail अपनी प्रेमिका के साथ जो युवक नेवरी पहाड़ी के जंगल में मौजमस्ती करते, अरुण त्रिपाठी पेड़ की आड़ में छिप कर उन की वीडियो बना लेता था. फिर उन युवकों को ब्लैकमेल कर उन से मोटी रकम वसूलता था. संजू और ऋतिक के भी उस ने उन की प्रेमिकाओं के साथ अश्लील फोटो खींच लिए. ये फोटो उस की जान पर ऐसी मुसीबत बन कर आए कि...
3 अक्तूबर, 2024 को शरद नवरात्र का पहला दिन था. रीवा जिले के नारसाखुर्द गांव में दुर्गा पंडाल में संजू
और ऋतिक की मुलाकात कृष्णा लखेरा व अन्य दोस्तों से हुई. वहीं पर संजू और ऋतिक ने उन्हें बताया, ”यार, इस समय हम दोनों बड़ी मुसीबत में फंसे हुए हैं. समझ नहीं आ रहा कि क्या किया जाए?’’
”कैसी मुसीबत बताओ?’’ कृष्णा लखेरा ने पूछा.
”बात दरअसल यह है कि हम दोनों जंगल में अपनीअपनी गर्लफ्रैंड के साथ मौजमस्ती कर रहे थे, तभी अरुण त्रिपाठी ने छिप कर हमारी वीडियो बना ली. वो हम से अब 10 हजार रुपए मांग रहा था. हम ने 2 हजार तो उसे दे दिए, लेकिन 8 हजार और मांग रहा है. इस के बाद ही वो वीडियो डिलीट करेगा. हमारी समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें?’’
”बस, इतनी सी बात पर तुम लोग परेशान हो रहे हो. ऐसा करो, तुम लोग पैसे देने के बहाने उसे उसी जंगल में बुला लेना. हम अपने दोस्तों को ले कर वहां पहुंच जाएंगे, फिर उस से जबरदस्ती उस का फोन छीन कर वीडियो डिलीट कर उस का फोन लौटा देंगे.’’ कृष्णा ने कहा.
”हां, यह ठीक रहेगा.’’ संजू और ऋतिक एक साथ बोले.
उसी समय साजन उर्फ संजू साकेत, ऋतिक साकेत, अमित साकेत, कृष्णा लखेरा आदि 9 दोस्त 3 बाइकों पर सवार हो कर अरुण के खेत पर पहुंचे. वहीं से संजू और ऋतिक ने अरुण को पैसे देने के बहाने फोन कर बुला लिया. अरुण को फोन करते ही बाकी सभी दोस्त इधरउधर छिप गए थे. अरुण के वहां पर पहुंचते ही सारे दोस्त उस के सामने आ खड़े हुए. अपने सामने 9 युवकों को खड़ा देख अरुण की थोड़ी हिम्मत टूटी भी, लेकिन उस ने हार नहीं मानी. जैसे ही सभी ने उस से उस का मोबाइल छीनने की कोशिश की, अरुण अपने डंडे से गुप्ती निकालने लगा.
तभी संजू और ऋतिक ने उस के हाथ से वह गुप्ती छीन ली. फिर भी अरुण उस डंडे से उन पर वार करने लगा. तभी संजू ने गुप्ती से उसे डराने की कोशिश की. उसी विवाद के बढ़ते गुप्ती अरुण के सीने में घुस गई, जिस के कुछ समय बाद ही अरुण ने दम तोड़ दिया. अरुण के खत्म होते ही संजू ने उस का मोबाइल और उस की गुप्ती अपने पास रखी और सभी दोस्तों के साथ अपने गांव आ गया था.
इस घटना से एक दिन पहले 2 अक्तूबर, 2024 को अरुण त्रिपाठी अपने घर में काफी खुश था. उस दिन उस का ध्यान पूरी तरह से मोबाइल पर ही टिका हुआ था. कई बार वह अपने परिवार की नजरों से बच कर मोबाइल खोलता, फिर वह उस में पड़ी वीडियो को देखने लगता था. जिस को देख कर उस के चेहरे की आभा और भी बढ़ जाती थी. उस के हावभाव को देख कर उस की पत्नी सुमन समझ चुकी थी कि आज अरुण ने फिर से किसी नए जोड़े को अपने चंगुल में फंसा लिया है, जिस के कारण वह काफी खुश नजर आ रहा था.
उस शाम अरुण की पत्नी सुमन ने जल्दी खाना तैयार कर लिया था. फिर सभी को खाना खिला कर अपना काम भी खत्म कर लिया था. रात होते ही उस के बच्चे खाना खापी कर अपनेअपने कमरों में आराम करने चले गए थे. अपने काम से छुटकारा पाने के बाद सुमन जिस वक्त अपने कमरे में पहुंची, अरुण अपने मोबाइल में किसी वीडियो को देखने में मस्त था.
”लगता है, आज फिर कोई नई पोर्न वीडियो लौंच हो गई,’’ सुमन ने हंसते हुए पति की तरफ देखते हुए कहा.
”हां, आओ मेरी रानी, मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था. वीडियो लौंच भी हो गई और 10 हजार रुपए में बिक भी गई. यह लो उस के 2 हजार एडवांस.’’ कहते ही अरुण ने खुशी से पत्नी को अपनी बाहों में भर लिया. उस के बाद अरुण ने अपने मोबाइल में पड़ी फोटो और वीडियो एकएक कर पत्नी को दिखानी शुरू की, जो उस ने उसी दिन बनाई थीं. उस दिन अरुण ने एक साथ 2 प्रेमी जोड़ों के कुछ फोटो और वीडियो बनाई थीं, जिस में दोनों ही जोड़े अलगअलग जगहों पर निर्वस्त्र हो कर दुनियादारी से बेखबर हो कर काम वासना में लिप्त थे.
अरुण ने बहुत ही चालाकी से छिपतेछिपाते दोनों की अश्लील फोटो Blackmail और वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर ली थीं, जिन के माध्यम से दोनों जोड़ों को ब्लैकमेल किया जा सके. अरुण का यह कोई पहला काम नहीं था. इस से पहले भी वह न जाने कितने प्रेमी जोड़ों की वीडियो व फोटोग्राफी कर चुका था. उन्हीं फोटो व वीडियो के सहारे वह कितने लोगों को ब्लैकमेल कर उन से मोटी रकम ऐंठ चुका था. अरुण हर रोज नेवरी पहाड़ी के जंगलों में मौजमस्ती करने वालों की चोरी से फोटो खींचता, फिर उन्हें दिखा कर उन को वायरल करने की धमकी दे कर उन से काफी मोटी कमाई करता आ रहा था.
अरुण लोगों से मोटी रकम वसूल कर उन्हें विश्वास दिलाने के लिए कुछ फोटो व वीडियो अपने मोबाइल से डिलीट भी कर देता, लेकिन उस से पहले ही उन को किसी दूसरे ऐप में सेव कर लेता था. ताकि वह आगे भी उन को दिखा कर उन से फिर से मोटी रकम ऐंठ सके. यह सिलसिला काफी समय से चला आ रहा था. अरुण त्रिपाठी हमेशा ही अपनी बाइक में एक ठोस बांस का मोटा डंडा बांध कर रखता था, जिस के एक छोर पर उस ने गुप्ती (दोनों तरफ तेज धार वाला लंबा चाकू) फिट करा रखी थी. इसी को दिखा कर वह उस से उलझने वालों को डराधमका लेता था. वह मजबूत कदकाठी का व्यक्ति था, जिस के कारण कोई भी ऐसावैसा व्यक्ति उस से भिडऩे की हिम्मत नहीं कर पाता था.
ब्लैकमेल करना अरुण को क्यों पड़ा भारी
Blackmail 3 अक्तूबर, 2024 को सुबह से ही अरुण का ध्यान पूरी तरह से मोबाइल पर ही लगा हुआ था. उस के मन में एक उल्लास भरी खुशी थी कि कब वे लोग उसे फोन करें और वह 8 हजार रुपए ले कर घर वापस आए. तब तक दोपहर हो चली थी. लेकिन उन लोगों का कोई फोन नहीं आया. फोन काल का इंतजार करतेकरते अरुण खाना खाने बैठ गया. वह अभी पूरी तरह से खाना खा भी नहीं पाया था, तभी उस के मोबाइल पर किसी का फोन आया.
फोन सुनते ही उस के चेहरे पर मुसकान उभर आई. उस ने तुरंत ही खाना खाना बीच में ही छोड़ दिया. उस के तुरंत बाद ही उस ने अपनी बाइक स्टार्ट की और पीछे अपने बड़े बेटे को बिठा कर अपने खेतों की तरफ निकल गया. अपने बेटे को खेतों पर छोड़ कर वह बाइक से जंगल की तरफ चला गया. जाते समय बेटे से वह कह गया था कि थोड़ी देर में लौट कर आता है. जंगल में उसे संजू और उस के साथी मिले. संजू और उस के दोस्तों ने उस से मोबाइल से वीडियो डिलीट करने को कहा तो इसी बात पर दोनों में गरमागरमी हो गई. इसी बीच अरुण की गुप्ती से ही अरुण की मौत हो गई.
उधर काफी देर तक अरुण नहीं लौटा तो उस के बेटे ने फोन किया, जो बंद आ रहा था. फिर बेटा भी घर लौट आया. मध्य प्रदेश के जिला सतना के सभापुर थानांतर्गत एक गांव पड़ता है मचखेड़ा. 40 वर्षीय अरुण त्रिपाठी इसी गांव का रहने वाला था. गांव से कुछ ही दूरी पर नेवरी मचखेड़ा की पहाडिय़ों पर फैले घने जंगलों के किनारे अरुण त्रिपाठी का खेत था. वह खेती करने के साथ ही इसी इलाके में बंद पड़ी एक फैक्ट्री में चौकीदारी का काम भी करता था. फिर भी इन दोनों कामों से उस की आय सीमित ही थी. लेकिन जिस तरह से वह खुले हाथों से खर्च करता था, लोग उस से जलते थे. आखिर वह इतना पैसा लाता कहां से है.
उस वक्त दिन के कोई ढाई बजे का समय था. थाना सभापुर के टीआई रविंद्र द्विवेदी को स्थानीय लोगों ने मोबाइल पर सूचना दी कि सतीक्षण आश्रम के पास नेवरी में सड़क के किनारे एक युवक का शव पड़ा हुआ है. सूचना पाते ही टीआई रविंद्र द्विवेदी तुरंत ही पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. मृतक युवक औंधे मुंह पड़ा हुआ था. उस के आसपास काफी खून पड़ा हुआ था. घटनास्थल से कोई 50 मीटर दूर एक बाइक पड़ी हुई थी. पुलिस टीम ने उस युवक की जांचपड़ताल की तो उस के चेहरे पर काफी घाव होने के साथसाथ उस के सीने पर गोली मारे जाने जैसा घाव बना हुआ था.
मोबाइल में छिपा मिला अरुण की हत्या का राज
यह सब जानकारी जुटाने के बाद रविंद्र द्विवेदी ने इस घटना की जानकारी एएसपी विक्रम सिंह कुशवाह और एसपी (सतना) आशुतोष गुप्ता को दी. तब तक मौके पर जमा लोगों ने उस युवक की पहचान मचखेड़ा निवासी अरुण त्रिपाठी के रूप में कर दी थी. उसी समय घटनास्थल के पास कुछ चरवाहे मवेशी चरा रहे थे. पुलिस ने उन से भी इस मामले में पूछताछ की, लेकिन उन से भी हत्या से जुड़ा कोई सुराग नहीं मिला.
जिस के तुरंत बाद ही पुलिस ने उस के परिवार को भी सूचित कर दिया था. सूचना पाते ही उस के परिवार वाले रोतेबिलखते घटनास्थल पर पहुंच गए थे. पुलिस ने इस मामले में उस के घर वालों के साथसाथ गांव वालों से भी गहन पूछताछ की, जिस से पता चला कि इन के परिवार में जमीन को ले कर विवाद चल रहा था. अरुण त्रिपाठी की जमीन के बीचोबीच उस की भाभी की जमीन थी, जो कुछ समय पहले उस ने वह जमीन किसी रिटायर फौजी को बेच दी थी. जिस पर जाने के लिए उस की फौजी से आए दिन तकरार होती रहती थी.
गांव वालों को शक था कि शायद उसी फौजी ने अरुण की हत्या करा थी. लेकिन पुलिस इस मामले में कोई भी कदम जल्दबाजी में नहीं उठाना चाहती थी. मृतक के घर वालों ने पुलिस को बताया कि किसी का फोन आने पर अरुण बाइक से घर से निकला था, जिस का राज उस के मोबाइल में ही कैद था. जो इस वक्त बंद आ रहा था. उस के बाद पुलिस ने अपनी काररवाई को आगे बढ़ाते हुए अरुण की लाश पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि अरुण के सीने पर गोली मारे जाने का निशान नहीं, बल्कि गुप्ती जैसे हथियार का गहरा घाव था. जिस के लगने से ही उस की मौत हुई थी. तभी उस के घर वालों ने पुलिस को जानकारी दी कि वह एक गुप्ती हमेशा ही अपने साथ रखता था, जो घटना के बाद से गायब थी. पुलिस ने अनुमान लगाया कि उस की गुप्ती ही उस की मौत का कारण बन गई थी. उस के बाद पुलिस को यह भी लगा कि उस की हत्या में एक से अधिक लोग शामिल रहे होंगे.
अरुण की हत्या खेतों पर की गई थी, जहां पर आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था. जिस के कारण यह केस पुलिस के लिए एक चुनौती बन गया था. इस हत्याकांड के खुलासे के लिए एसपी आशुतोष गुप्ता ने कई थानों के स्टाफ की टीमें बनाईं, जिस में एडिशनल एसपी (देहात) विक्रम सिंह कुशवाह, एसडीओपी (चित्रकूट) रोहित राठौर, वैज्ञानिक अधिकारी डा. महेंद्र सिंह, सभापुर के टीआई रविंद्र द्विवेदी, इंसपेक्टर उमेश प्रताप सिंह, विजय सिंह, एसआई अजीत सिंह व अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.
इतना ही नहीं, एसपी (सतना) आशुतोष गुप्ता ने इस केस के शीघ्र खुलासे के लिए 10 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था. पुलिस ने अपनी जांचपड़ताल शुरू करते ही उस जंगल से घिरे ग्रामीण इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले. जिस में घटना के समय 3 बाइकें दौड़ती नजर आईं. तीनों बाइकों पर 9 लोग सवार थे. लेकिन उन कैमरों से न तो उन लोगों की पहचान ही हो पा रही थी और न ही गाडिय़ों के नंबर साफ नजर आ रहे थे.
उस के बाद पुलिस टीम आगे बढ़ी तो बीरसिंहपुर चौराहे पर लगे कैमरे चैक किए. जहां पर उन तीनों बाइकों के नंबर भी ट्रेस हो गए. साथ ही उन 9 लोगों में से 3 की पहचान भी हो गई. इन में से 2 युवक ऋतिक साकेत और साजन उर्फ संजू साकेत रीवा जिले के सुरसाखुर्द गांव के रहने वाले थे. पुलिस ने अगले ही दिन सुबहसुबह उन के घरों की घेराबंदी करते हुए दोनों को उठा लिया. दोनों युवकों से कड़ी पूछताछ की तो उन्होंने अरुण की हत्या वाली बात स्वीकार भी कर ली. उस के साथ ही अपने अन्य 7 साथियों के नाम भी बता दिए थे.
पुलिस ने तुरंत ही थाना कर्चुलियान जिला रीवा से अमित साकेत, कृष्णा लखेरा के अलावा 4 माइनर्स को भी गिरफ्तार कर लिया. उन की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त मृतक की गुप्ती, मृतक का टूटा हुआ मोबाइल फोन व हत्या में प्रयुक्त बाइकें भी बरामद कर ली थीं. हालांकि जिस तरह से सुनसान पहाड़ी इलाके में इस हत्या को अंजाम दिया गया था, इस केस की तह तक जाना पुलिस के लिए बहुत ही सिरदर्दी भरा काम था. लेकिन सीसीटीवी कैमरों से मिले सुराग से पुलिस ने 24 घंटे में आरोपियों तक पहुंचने में सफलता हासिल कर ली थी.
हालांकि इस हत्याकांड को अंजाम देने में 9 व्यक्ति शामिल थे. लेकिन इस हत्याकांड की मुख्य भूमिका में संजू सब से बड़ा सूत्रधार था. संजू से पुलिस पूछताछ में जो कहानी उभर कर सामने आई, वह इस प्रकार थी.
अय्याशी के गर्त में कैसे पहुंचा संजू
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के कर्चुलियान थाना इलाके के सरसाखुर्द गांव निवासी साजन उर्फ संजू किशोर उम्र से ही गलत संगत में पड़ गया था. संजू के पापा कामता प्रसाद के पास गांव में ही कुछ जुतासे की जमीन थी. कामता प्रसाद ने संजू के भविष्य को देखते ही उसे गांव के स्कूल में पढऩे भेज दिया था. संजू जन्म से कामचोर किस्म का था. पढ़ाई में उस का बिलकुल भी मन नहीं लगता था. वह स्कूल में लड़कियों से दोस्ती करने का ज्यादा शौकीन था. यही कारण था कि हर वक्त वह पढ़ाई पर ध्यान न दे कर सुंदर लड़कियों के पीछे पड़ा रहता था.
जब उस की हरकतों का उस के पापा को पता चला तो उन्होंने उस की पढ़ाई बंद कर उसे अपने साथ खेतीबाड़ी के काम में लगा लिया था. लेकिन उस का खेतीबाड़ी में पहले से ही मन नहीं लगता था. पढ़ाई छोडऩे के बाद खेतों पर जाना उस की मजबूरी बन गई थी. संजू ने जैसे ही खेतों पर जाना शुरू किया तो उसे पता चला कि उस के खेतों पर कई महिलाएं काम करने आती थीं. उसी दौरान एक दिन उस की नजर एक खूबसूरत लड़की पर पड़ी जिस का नाम अंजलि था. वह अपनी मां के साथ खेतों पर काम करने आती थी.
अंजलि को देखते ही उस का मन उसे पाने के लिए मचल उठा. फिर वह उस का सान्निध्य पाने के लिए नएनए प्लान बनाने लगा. जब तक अंजलि उस के खेतों पर काम करती, उस की निगाहें उसी पर जमी रहती थीं. अंजलि भी उस की निगाहों से उस के मन की बात भांप चुकी थी. वह उस वक्त कोई 12-13 साल की रही होगी, तभी उसी बाली उम्र में उस के एक नजदीकी रिश्तेदार ने उस का यौनशोषण कर डाला था. जिस के बाद उस के परिवार में काफी हलचल पैदा हो गई थी. तभी से उस की मां उसे हर वक्त अपने साथ ही रखती थी.
यही कारण रहा कि अंजलि को अपने जाल में फंसाने के लिए संजू को कोई ज्यादा हाथपांव नहीं मारने पड़े. अंजलि जल्दी की उस के संपर्क में आ गई और फिर दोनों ने एक दिन हसरतें भी पूरी कर लीं. संजू अंजलि पर आए दिन पैसा लुटाने लगा. उस से संपर्क बनाए रखने के लिए उस ने उसे एक मोबाइल भी खरीद कर दे दिया था, जिस के माध्यम से दोनों के बीच हर वक्त संपर्क बना रहता था.
लगभग एक साल पहले की बात है. संजू और अंजलि गांव के बाहर एक सुनसान जगह पर निर्वस्त्र हो कर कामवासना में लिप्त थे. उसी वक्त ऋतिक की नजर उन दोनों पर पड़ी. ऋतिक संजू के गांव का उस का जिगरी दोस्त था. अंजलि ने उसे देख लिया था. ऋतिक को देखते ही संजू को हटा कर अंजलि ने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए. लेकिन संजू की हवस नहीं मिटी. वह फिर भी उस के साथ जोरजबरदस्ती करने लगा. सामने ऋतिक को देख कर संजू सब माजरा समझ गया. उस के बाद अंजलि वहां से चली गई.
उसी शाम संजू की मुलाकात ऋतिक से हुई तो वह भी अंजलि के साथ संबंध बनाने के लिए उस पर दबाव बनाने लगा. संजू जानता था कि अगर उस ने उस की बात नहीं मानी तो वह पूरे गांव में हल्ला मचा देगा. संजू ने अंजलि से ऋतिक के बारे में उस से बात की तो उस ने उस के साथ संबंध बनाने से पूरी तरह से इंकार कर दिया था. लेकिन अंजलि ने संजू को एक रास्ता सुझाया. अंजलि ने बताया कि उस की गांव की एक सहेली सोनिया है. अगर वह चाहे तो वह उस की दोस्ती उस से करा सकती है. संजू ने ऋतिक से इस बारे में बात की तो वह आसानी से मान गया. अगले ही दिन अंजलि अपने साथ अपनी सहेली सोनिया को ले कर संजू और ऋतिक से मिली. उस दिन के बाद दोनों दोस्त अपनीअपनी प्रेमिकाओं के साथ मौजमस्ती करने लगे थे.
फोन में किस ने कैद कर ली संजू की अय्याशी
2 अक्तूबर, 2024 को दोनों दोस्त अपनी प्रेमिकाओं को बाइक पर बिठा कर मौजमस्ती के मकसद से मचखेड़ा गांव के पास नेवरी की पहाड़ी पर स्थित घने जंगलों में जा पहुंचे. वहां पहुंचते ही दोनों ने सड़क के किनारे अपनी बाइकें खड़ी कर दीं. उस के बाद दोनों जोड़े घने जंगल में मौजमस्ती करने के लिए चले गए. तभी अरुण की नजर उन चारों पर पड़ी तो वह उन्हें अपना शिकार बनाने के लिए उन के पीछे लग गया. फिर वह पेड़ों के पीछे छिप कर उन की हरकतों पर नजर रखने लगा. कुछ ही देर बाद दोनों प्रेमी जोड़े निर्वस्त्र हो कर काम वासना में लिप्त हो गए. तभी मौका पाते ही अरुण ने उन दोनों जोड़ों की अश्लील फोटो खीचने के साथसाथ उन की वीडियो Blackmail भी बना ली थी.
अपना काम पूरा करने के बाद अरुण उन के सामने जा खड़ा हुआ. इस तरह अचानक अरुण को अपने सामने देख कर चारों बुरी तरह से घबरा गए. उस के बाद संजू और ऋतिक ने अरुण से माफी मांगी और उस के पैर तक पकड़े. फिर इन चारों ने वहां से जाने की कोशिश की तो अरुण ने कहा, ”जाना चाहते हो तो शौक से जाओ, मैं आप को क्यों रोकूंगा. लेकिन जाने से पहले अपनी यह फोटो और वीडियो देखते जाओ. शायद यह भविष्य में किसी के देखने के काम आए. ये सब वायरल करने के बाद न जाने कहांकहां तक देखी जाएंगी. हो सकता है कि ये सब आप के परिवार वालों के सामने भी जा पहुंचे.’’
अपनी अश्लील फोटो और वीडियो देखते ही चारों बुरी तरह से डर गए. उसी दौरान अरुण ने अपने मोबाइल में रीवा और सतना के कुछ जोड़ों की और वीडियो दिखाते हुए कहा, ”इन सब ने भी पहले पैसा देने से आनाकानी की थी. लेकिन बाद में वे मुझे मेरी फीस चुकता कर के चले गए. उस के बाद भी ये लोग जब कभी भी आते हैं तो मैं इन सब की पूरी सुरक्षा करता हूं. तुम भी मुझे मेरी 10 हजार रुपए फीस दे कर चले जाओ. उस के बाद कभी भी मौजमस्ती करने आओ, मैं तुम लोगों की पूरी सुरक्षा करूंगा.’’
ऋतिक थोड़ा गर्म स्वभाव का था. अरुण की बात सुनते ही वह आगबबूला हो उठा. उस ने एक पैसा भी देने से मना किया तो अरुण ने तुरंत ही अपने डंडे से गुप्ती निकाल कर धमकाने की कोशिश की. चूंकि दोनों के साथ 2 युवतियां भी थीं, इसीलिए विवाद से बचने के लिए संजू और रितिक ने अपने पास से 2 हजार रुपए अरुण को देते हुए मोबाइल से वीडियो और फोटो डिलीट करने को कहा. उस के बाद अरुण ने कहा कि ठीक है यह आप के 2 हजार रुपए मेरे पास एडवांस जमा हैं. कल बाकी 8 हजार रुपए ले कर आ जाना. आप की वीडियो कल ही आप के सामने डिलीट कर दूंगा. फिर चारों अपनी बाइक से अपने घर चले गए. अरुण भी अपने घर चला गया.
संजू और उस के दोस्तों को विश्वास था कि अरुण की हत्या करने के बाद उस का मोबाइल साथ लाने से हत्या का राज खुल ही नहीं पाएगा. लेकिन सीसीटीवी से मिले सुरागों से पुलिस ने 24 घंटे में सभी को गिरफ्तार कर इस मामले का खुलासा कर दिया था. पुलिस ने सभी बालिग आरोपियों से पूछताछ कर उन्हें जेल और चारों नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेज दिया. एसपी आशुतोष गुप्ता ने इस केस का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 10 हजार रुपए दे कर सम्मानित किया था.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. कथा में अंजलि और सोनिया परिवर्तित नाम हैं.