Emotional Story : पूनम से प्यार कर के मोहित ने कोई गुनाह नहीं किया था, लेकिन उस के घर वालों ने पुलिस से मिल कर सचमुच इसे गुनाह बना दिया, जिस की सजा मोहित और पूनम दोनों को भोगनी थी. 14साल की पूनम ने हाईस्कूल की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास कर ली थी और आगे की पढ़ाई के लिए उसी स्कूल में 11वीं का फार्म भर दिया था. बोर्ड की परीक्षा पास करने के बाद दूसरे स्कूलों के स्टूडेंट भी पूनम के स्कूल में एडमिशन के लिए आए थे. पूनम की कक्षा में कई नए छात्र थे.
हमारी जिंदगी में रोजाना कई चेहरे आते हैं और बिना कोई असर छोड़े चले जाते हैं. लेकिन जिंदगी के किसी मोड़ पर कोई ऐसा भी आता है, जिस की एक झलक ही दिल की हसरत बढ़ा देती है. कुछ ऐसा ही पूनम के साथ भी हुआ था. उस की क्लास में मोहित ने भी एडमिशन लिया था. पूनम की उस से दोस्ती हुई तो कुछ ही दिनों में वह उसे दिल दे बैठी थी. फतेहपुर की पूनम और नूरपुर के मोहित दो अलगअलग गांवों में पलेबढ़े थे. लेकिन उन का स्कूल एक ही था और यहीं दोनों ने एकदूसरे से कुछ वादे किए.
पहले तो दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं होती थी, सिर्फ नजरें मिलने पर मुसकरा कर खुश हो जाया करते थे, लेकिन जल्द ही मोहब्बत के अल्फाजों ने इशारों की जगह ले ली जो एक नया एहसास दिलाने लगे. पहली नजर में किसी को प्यार होता है या सिर्फ चंद दिनों की चाहत होती है, इस का नतीजा निकालना थोड़ा मुश्किल होता है. लेकिन कुछ नजरें ऐसी भी होती हैं जो दिलों में हमेशा के लिए मुकाम बना लेती हैं. पूनम ने अपने प्यार का पहले इजहार नहीं किया था, क्योंकि वह प्यारमोहब्बत के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती थी. लेकिन कभीकभी ऐसा होता है कि जो न चाहो वही होता है. पूनम भी इसी चाहत का शिकार हो गई और मोहित से दिल के बदले दिल का सौदा कर बैठी.
पूनम और मोहित का प्यार भले ही 2 नाबालिगों का प्यार था, लेकिन उन के प्यार में पूरा भरोसा और यकीन था. उसी प्यार की गहराई में डूब कर पूनम सब कुछ छोड़ कर मोहित का हाथ थामे प्यार में गोते लगाती चली गई. 2 प्यार करने वाले भले ही ऊंचनीच, दौलत शोहरत न देखें, लेकिन घर और समाज के लोग यह सब जरूर देखते हैं. इसी ऊंचनीच के फेर में दोनों बुरी तरह फंस कर उलझ गए. पूनम सवर्ण थी तो मोहित दलित परिवार से ताल्लुक रखता था.
पूनम का भरापूरा परिवार जरूर था, जिस में मांबाप और बड़े भाई साथ रहते थे. लेकिन उसे कभी घर वालों का प्यार नहीं मिला. आए दिन छोटीछोटी गलतियों की वजह से उसे मारपीट और गालीगलौज के दौर से गुजरना होता था. ये सब कुछ वह चुपचाप बरदाश्त करती थी. लेकिन उसे इस बात की खुशी थी कि स्कूल में उसे मोहित का प्यार मिल रहा था. मोहित को देखते ही उस का सारा दुखदर्द छूमंतर हो जाता था. एक दिन उस ने मोहित से अपने साथ की जाने वाली मारपीट (Emotional Story) की पूरी बात बताई. उस की कहानी सुन कर मोहित द्रवित हो गया. बाद में एक दिन पूनम और मोहित घर से भाग गए.
जिस समय मोहित और पूनम घर से भागे, उस वक्त दोनों नाबालिग थे. पहले तो दोनों के घर वालों ने भागने की बात को छिपा लिया, लेकिन उसे कब तक छिपाए रखते. कहते हैं कि दीवारों के भी कान होते हैं. देखते ही देखते यह बात पूनम के गांव से होते हुए मोहित के गांव तक जा पहुंची. अब हर ओर उन्हीं दोनों की चर्चा हो रही थी. कुछ लोग इसे सही ठहरा रहे थे, जबकि कुछ का यह कहना भी था कि मोहित ने ठीक किया. इस से पूनम के घर वाले अब समाज में सिर उठा कर नहीं बोल सकेंगे. बड़ी दबंगई दिखाते थे. बेटी ने नाक कटवा कर सारी दबंगई निकाल दी.
अफवाहों के भले ही पर नहीं होते, लेकिन परिंदों से भी ज्यादा तेजी से उड़ती हैं. आसपास के गांवों में पूनम और मोहित के भागने की खबर फैल गई. आखिर पूनम के घर वालों ने पुलिस थाने में जा कर मोहित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी. इस के बाद पुलिस उन दोनों को तलाश करने लगी. लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली. पुलिस वालों ने दूसरे जिलों के थानों में भी खबर कर दी थी. काफी दिन बाद पूनम और मोहित दिल्ली पुलिस को मिल गए. दिल्ली पुलिस ने उन की गिरफ्तारी की सूचना संबंधित थाने को दे दी तो उस थाने की पुलिस दोनों को अपने साथ ले गई. क्योंकि पूनम के पिता मोहित के खिलाफ पहले ही पूनम को भगाने और रेप की एफआईआर दर्ज करवा चुके थे.
पुलिस के हत्थे चढ़ने पर पूनम मोहित को ले कर बहुत परेशान थी क्योंकि उसे मालूम था कि उस के घर वाले पुलिस से मिल कर मोहित के साथ क्या करवाएंगे. इस के अलावा उस की जिंदगी भी घर में नरक बन जाएगी. यही सोचसोच कर पूनम रो रही थी क्योंकि उस के बाद जो होना था, उस का उसे अंदाजा था. मोहित को पुलिस ने हवालात में डाल दिया और पूनम को उस के घर वालों के सुपुर्द कर दिया. जबकि वह उन के साथ नहीं जाना चाहती थी. वह मोहित के साथ ही रहना चाहती थी. लेकिन मजबूर थी. क्योंकि उन लोगों ने मोहित के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया था.
घर पहुंच कर पिता और भाई ने पूनम को जम कर पीटा और उसे धमकाया कि अगर उस ने कोर्ट में मोहित के खिलाफ बयान नहीं दिया तो उसे और मोहित को जान से मार डालेंगे. पूनम घर वालों की धमकियों से बहुत डर गई. लेकिन अपने लिए नहीं, बल्कि मोहित के लिए वह घर वालों के कहे अनुसार बयान देने को राजी हो गई. घर वालों ने पूनम को दबाव में ला कर कोर्ट में जबरदस्ती बयान दिलवाया कि मोहित उसे जबरदस्ती भगा कर ले गया था और उस ने उस के साथ रेप भी किया था. पूनम के लिए यह बहुत बुरा दौर था. उसे उसी के पति के खिलाफ झूठी गवाही के लिए मजबूर किया जा रहा था. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसे प्यार करने की इतनी बड़ी सजा क्यों दी जा रही है. एक तरफ पूनम अपने घर में ही रह कर बेगानी थी तो वहीं दूसरी तरफ मोहित पर पुलिस का सितम टूट रहा था.
जब पूनम और मोहित घर से भागे थे, तभी उन्होंने शादी कर ली थी. पुलिस ने जब दोनों को दिल्ली से पकड़ा तब मोहित बालिग हो चुका था, जबकि घर से भागे थे तब दोनों नाबालिग थे. पुलिस ने मोहित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. पूनम के घर वालों ने पुलिस से सांठगांठ कर के मोहित पर अत्याचार करवा कर अपनी बेइज्जती का बदला तो लिया ही साथ ही अपना प्रभाव भी दिखाया. पूनम के घर वालों में से कोई भी उस के साथ हमदर्दी तक नहीं दिखा रहा था. इस दुनिया में मां ही ऐसी होती है, जिसे अपने बच्चों से सब से ज्यादा प्यार होता है. लेकिन उस की मां सरिता एकदम पत्थरदिल हो गई थी. उसे अपनी बेटी की जरा भी परवाह नहीं थी.
अगर परवाह थी तो अपने परिवार की इज्जत की, जो पूनम ने सरेबाजार नीलाम कर दी थी. बल्कि सरिता तो उसे ताने देते हुए यही कह रही थी कि अगर उसे प्यार ही करना था तो क्या दलित ही मिला था. क्या बिरादरी में सब लड़के मर गए थे. यही बात सोचसोच कर उस की आंखों में शोले भड़कने लगते थे. करीब 5 महीने बाद मोहित के केस की सेशन कोर्ट में काररवाई शुरू हुई तो हर सुनवाई से पहले पूनम को उस के घर वाले समझाते कि उसे कोर्ट में क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना. बाप और भाई के रूप में राक्षसों के जुल्मोसितम के आगे पूनम ने घुटने टेक दिए थे. उस से जो कहा जाता वही वह अदालत में कहती. ये पूनम की गवाही का ही नतीजा था कि मोहित को हाईकोर्ट से जमानत मिलने में 22 महीने लगे.
मोहित जब जमानत पर जेल से बाहर आया तो किसी तरह पूनम को भी उस की खबर लग गई. वह मोहित को एक नजर देखने के लिए बेकरार हो गई. लेकिन उस के लिए मिलना तो नामुमकिन सा था. पूनम को मोहित के घर वालों का नंबर अच्छी तरह से याद था. एक दिन अकेले कमरे में किसी तरह से मोबाइल ले कर उस ने नंबर डायल कर दिया. दूसरी ओर फोन की घंटी बज रही थी, लेकिन उस से तेज पूनम के दिल की धड़कनें बढ़ चुकी थीं. वह यही चाह रही थी कि मोहित ही फोन रिसीव करे तो अच्छा रहेगा. आखिर उस की आरजू पूरी हुई और मोहित ने ‘हैलो’ बोला, जिसे सुन कर पूनम सुधबुध खो बैठी. कई बार उधर से हैलो की आवाज से उसे होश आया और रुंधे गले से सिर्फ लरजती आवाज में बोल पाई मोहित. मोहित उस की आवाज को पहचान गया और ‘पूनम पूनम’ कह कर चीख पड़ा.
खैर, उस दिन दोनों के बीच थोड़ी बातचीत हुई. इस के बाद एक बार फिर से पहले की तरह सब कुछ चलने लगा. फोन पर बातें होती रहीं और दोनों ने एक बार फिर पहले की तरह साथ रहने का फैसला कर लिया. तय वक्त पर पूनम और मोहित दोबारा घर से भाग गए और गांव से दूर आर्यसमाज मंदिर में शादी कर ली, जिस का उन्हें प्रमाणपत्र भी मिला. पहले जब उन्होंने शादी की थी, उस समय वे नाबालिग थे. उन्होंने शादी तो कर ली, लेकिन पूनम के घर वालों ने उसे हमेशा के लिए छोड़ दिया. क्योंकि उस ने दोबारा से उन्हें समाज में मुंह दिखाने के काबिल नहीं छोड़ा था. काफी अरसे तक पूनम ने अपने घर वालों से कोई बातचीत नहीं की, जबकि मोहित के घर वालों ने उन दोनों को अपना लिया था.
पूनम मोहित के घर पर ही रह रही थी. मोहित के पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी. अब घर में सास और एक ननद थी. उन के बीच ही वह हंसीखुशी से रह रही थी. पूनम को अब एक खुशी मिलने वाली थी, क्योंकि वह मां बनने वाली थी. उस ने एक खूबसूरत बच्ची को जन्म दिया, जिस से पूरा घर खुश था. अब सब सामान्य था लेकिन उस का एक जख्म भरता नहीं था कि दूसरा बन जाता था. अभी उस की मासूम बच्ची ने सही तरह से आंखें भी नहीं खोली थीं कि उस के ऊपर (Emotional Story) मुसीबतों का एक और पहाड़ टूट पड़ा. हुआ यूं कि मोहित पर पहले का जो केस चल रहा था, उस का फैसला आ गया, जिस में सेशन कोर्ट ने मोहित को 7 साल की सजा और 5 हजार रुपए जुरमाने का आदेश दिया.
इस फैसले से पूनम के पैरों तले से जैसे जमीन ही खिसक गई. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि जब मोहित से उस ने शादी कर ली और वह बालिग भी है, तब क्यों ऐसा फैसला आया. इस से तो हमारा पूरा परिवार ही बिखर जाएगा. उस ने कोर्ट में इंसानियत के नाते मोहित को छोड़ने की गुजारिश की, पर कोई लाभ नहीं मिला. पूनम को अपनी बेटी पर बड़ा तरस आ रहा था, जिसे बिना किसी कसूर के इतनी बड़ी सजा मिल रही है, जो उसे 7 सालों तक बाप के प्यार से दूर रहना पड़ेगा. इस दुधमुंही की क्या गलती थी, जो इसे हमारे किए की सजा मिलेगी.