Comedian Sunil Pal : किडनैपर्स ने कामेडियन सुनील पाल को किडनैप कर के उन से फिरौती की रकम हासिल करने के बाद उन्हें मुंबई वापसी के लिए हवाई जहाज का टिकट भी दे दिया था. सब निपट जाने के बावजूद ऐसी क्या वजह रही कि किडनैपर्स पुलिस के चंगुल में आ गए?
2 दिसंबर, 2024 की शाम को जानेमाने कामेडियन सुनील पाल हवाई जहाज से दिल्ली पहुंचे तो उन्हें हरिद्वार ले जाने के लिए इवेंट कंपनी को ओर से एक कार भेजी गई थी. वह कार में सवार हो गए तो कार उन्हें ले कर रवाना हो गई. मेरठ के पास वह खाना खाने के लिए एक ढाबे पर रुके. सुनील पाल खाने के लिए मेज तलाश रहे थे कि 3 युवक उन के पास आ कर खड़े हो गए. उन में से एक युवक ने कहा, ”सर, आप जानेमाने कामेडियन सुनील पालजी हैं न?’’
सुनील ने उस युवक की तरफ घूर कर देखते हुए कहा, ”जी, मैं सुनील पाल ही हूं. बताइए क्या काम है?’’
”सर, काम कोई नहीं है. हम तो आप के बहुत बड़े फैन हैं. इसीलिए तो आप को देखते ही पहचान गए. आप की कामेडी मुझे बहुत पसंद है. सर, आज आप हमारे इलाके में हैं, इसलिए आप हमारे मेहमान हैं और मेहमान का डिनर हमारी ओर से.’’
सुनील पाल उन अंजान युवकों का निमंत्रण स्वीकार नहीं करना चाहते थे. पर वे युवक उन के पीछे पड़ गए. मजबूरन सुनील को उन की बात माननी पड़ी. एक मेज पर बैठ कर युवकों ने सभी के लिए खाने का और्डर कर दिया. 4 लोगों का खाना लगाने में समय तो लगता ही है. खाना आता, उस के पहले ही उसी युवक ने कहा, ”सुनील सर, आज ही मैं ने अपने लिए नई कार खरीदी है. आप चल कर उस में बैठ कर हम लोगों के साथ एक फोटो खिंचवा लेंगे तो यह पल हम सभी के लिए हमेशाहमेशा के लिए यादगार बन जाएगा कि आप हमारी कार में बैठे थे.’’
यह कोई बड़ा काम तो था नहीं. फिर हर आदमी तारीफ और चाहने वालों का भूखा होता है. कवि और कामेडियन तो चाहते ही हैं कि उन के चाहने वाले बहुत हों और उन की हर बात पर तालियां बजाएं. ऐसे में जब उन युवकों ने सुनील से कहा कि वे उन के बहुत बड़े फैन हैं और वे उन से मिल कर खुद को बड़ा भाग्यशाली मान रहे हैं तो सुनील पाल ने सोचा कि इन की खुशी के लिए इन की कार में क्षण भर बैठने और इन के साथ फोटो खिंचववाने में क्या बुराई है.
ज्यादातर कवि और कामेडियन भोले होते हैं. शायद इसीलिए सुनील को यह नहीं पता था कि दुनिया बहुत बदल गई है. आजकल कोई भी भरोसा करने लायक नहीं है. लेकिन भोले होने की वजह से Comedian Sunil Pal सुनील पाल उन युवकों की बातों में आ गए और उन के कहने पर उन की कार में बैठने के लिए कार के पास जा पहुंचे. जैसे ही वह उन की कार में बैठे, उन के अगलबगल 2 युवक बैठ गए और एक युवक आगे ड्राइविंग सीट पर बैठ गया. सुनील कुछ समझ पाते, ड्राइविंग सीट पर बैठे युवक ने कार स्टार्ट कर के आगे बढ़ा दी.
ऐसे वसूल की 8 लाख की फिरौती
सुनील पाल उन युवकों से कुछ कहते या पूछते, उन में से सुनील की बगल में बैठे दोनों युवकों में से एक ने कहा, ”सुनीलजी, आप चुपचाप बैठे रहिए. क्योंकि हम लोगों ने आप को किडनैप कर लिया है. अगर आप ने जरा भी शोर मचाया तो हम आप को मार देंगे. इस के बाद सुनील का किडनैप करने वाले उन युवकों ने उन के चेहरे पर कपड़ा बांध दिया, ताकि सुनील न कुछ देख सकें और न सुनील को ही कोई देख सके. इस तरह उन युवकों ने सुनील पाल को बंधक बना लिया.
इस के बाद युवक करीब घंटे भर कार चलाते रहे. घंटे भर बाद कार एक मकान के सामने रुकी तो सुनील को उसी हालत में कार से उतारा गया. आंखों पर पट्टी बंधी होने के कारण सुनील यह भी नहीं जान सके कि उन्हें कहां और किस मकान में लाया गया है. उस मकान में सुनील को दूसरी मंजिल पर ले जा कर बंद कर दिया गया. कमरे में आने के बाद सुनील के चेहरे पर बंधा कपड़ा खोला गया तो उन्होंने देखा कि उन्हीं तीनों युवकों में से एक युवक एक इंजेक्शन लिए खड़ा है. उस ने वह इंजेक्शन सुनील को दिखाते हुए कहा, ”इस इंजेक्शन में जहर है. अगर आप ने जरा भी शोर मचाने की कोशिश की तो यह इंजेक्शन लगा कर आप को हमेशा हमेशा के लिए सुला दूंगा.’’
”यह तो ठीक है, पर आप लोग मुझे यह तो बताइए कि आप चाहते क्या हैं? आप लोगों ने मेरा किडनैप क्यों किया है?’’ सुनील पाल ने पूछा.
”यह भी कोई पूछने वाली बात है. आप को पता नहीं कोई किसी का किडनैप क्यों करता है? अरे किडनैप पैसे के लिए किया जाता है. हम लोगों ने भी आप का अपहरण पैसे के लिए किया है.’’ किडनैपर्स में से सरगना जैसे लगने वाले युवक ने कहा.
”मुझे छोडऩे के लिए आप लोगों को कितने रुपए चाहिए?’’ सुनील ने पूछा.
तीनों किडनैपर्स ने एकदूसरे की ओर देखा. उस के बाद उसी सरगना जैसे लगने वाले युवक ने कहा, ”आप मुझे 20 लाख रुपए दे दीजिए, उस के बाद हम आप को सहीसलामत छोड़ देंगे.’’
”पर मेरे पास 20 लाख रुपए नहीं हैं. हम कोई बहुत बड़े आदमी नहीं हैं. लोगों को हंसा कर किसी तरह दालरोटी चलाते हैं.’’ सुनील पाल ने सफाई दी.
”क्यों झूठ बोलते हो. मुझे पता है कि आप बहुत बड़े कामेडियन हैं. आप अकसर टीवी पर आते हैं. फिल्मों में भी दिखाई देते हो. आप के पास पैसों की कमी नहीं है. फिर भी 20 लाख रुपए नहीं देना चाहते तो 10 लाख ही दे दो.’’ एक किडनैपर ने कहा.
”पर इतने रुपए ले कर मैं घूम तो रहा नहीं हूं कि आप ने मांगा और मैं 10 लाख रुपए निकाल कर दे दूं.’’ सुनील ने कहा.
”आप के पास एटीएम तो होगा. एटीएम से निकाल कर दे दीजिए.’’
”मैं एटीएम कार्ड नहीं रखता.’’ सुनील ने कहा.
”तो पत्नी को फोन कर के रुपए मंगवा लीजिए.’’
”नहीं, मेरे घर फोन मत करना. मेरे घर वालों को अगर मेरा किडनैप होने के बारे में पता चलेगा तो सभी परेशान हो जाएंगे. मैं अपने दोस्तों को फोन कर के रुपए मंगवा लेता हूं.’’ सुनील ने कहा.
सुनील ने दोस्तों से रुपए कैसे मंगवाए और वह इन किडनैपर्स के चंगुल से कैसे छूटे? यह जानने से पहले आइए थोड़ा सुनील पाल के बारे में जान लेते हैं, साथ ही यह भी जान लेते हैं कि वह इन किडनैपर्स के चंगुल में कैसे फंसे?
सुनील पाल का जन्म 1975 में वरदा, महाराष्ट्र में एक मध्यमवर्गीय मराठी भाषी परिवार में हुआ था. उन के पिता रेलवे में नौकरी करते थे. साल 1995 में उन के पिता का तबादला मुंबई हो गया तो पिता के साथ वह भी मुंबई आ गए. पढ़ाई के दौरान ही वह टीचर्स और फिल्म के मशहूर ऐक्टरों की नकल करने लगे थे. कालेज की पढ़ाई के बाद उन्होंने 3 साल तक स्ट्रगल किया. फिल्मों में काम पाने के लिए उन्होंने सांताक्रुज में एक चाय की दुकान पर वेटर की नौकरी भी की. उसी दौरान टीवी चैनल स्टार वन ने एक शो चलाया ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर’. इस शो में वह चैंपियन बने. यह शो जीतने के बाद उन्हें फिल्मों में भी काम के औफर मिलने लगे. उन की पहली फिल्म थी ‘बौंबे टू गोवा’. इस के बाद उन्होंने कई फिल्मों में छोटीछोटी भूमिकाएं निभाईं.
लगातार टीवी पर आने के कारण वह देश के जानेमाने हास्य कलाकार बन गए और लोग उन्हें जाननेपहचानने लगे. लोग इस तरह के कलाकारों को मोटी रकम दे कर शादीब्याह या जन्मदिन आदि पर भी बुलाते हैं.
इवेंट के बहाने ऐसे हुआ किडनैप
सुनील पाल को भी नवंबर महीने के तीसरे सप्ताह में किसी अमित नाम के व्यक्ति ने फोन कर के खुद को इवेंट मैनेजर बताते हुए कहा कि हरिद्वार में 2 दिसंबर को एक बर्थडे पार्टी में कार्यक्रम करना है. सुनील पाल हास्य कलाकार हैं ही. पैसे ले कर कार्यक्रम करना इन का पेशा है. इसलिए उन्होंने हामी भर दी. सुनील के हामी भरने के बाद उन के अकाउंट में एडवांस पैसे भेजने के साथसाथ कार्यक्रम में आने के लिए 2 दिसंबर का मुंबई से दिल्ली का हवाई जहाज का टिकट भी भेज दिया गया था. तय कार्यक्रम के अनुसार जब सुनील पाल दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे तो हरिद्वार ले जाने के लिए एयरपोर्ट पर एक कार खड़ी मिली. उसी कार से हरिद्वार जाते समय जब वह रास्ते में एक ढाबे पर खाने के लिए रुके, तभी उन का किडनैप कर लिया गया था.
आखिर, सुनील पाल ने अपने दोस्तों को फोन कर के 10 लाख रुपए का इंतजाम कर के अपने फोन पर भेजने को कहा. तब दोस्तों ने 10 लाख तो नहीं 8 लाख रुपए की व्यवस्था कर के सुनील पाल के मोबाइल पर भेज दिए. पैसे आने के बाद सुनील Comedian Sunil Pal का किडनैप करने वाले युवकों ने अपने खाते में रुपए ट्रांसफर न करा कर मेरठ के सदर इलाके में स्थित आकाश गंगा ज्वैलर्स के यहां से 4.15 लाख रुपए के और लालकुर्ती इलाके में स्थित राधेलाल रामअवतार सर्राफ के मालिक अक्षित सिंघल से 2.25 लाख रुपए के गहने खरीदे और यह रकम सुनील पाल के यूपीआई से ट्रांसफर करा दी गई. इन गहनों का बिल भी उन्होंने सुनील पाल का आधार कार्ड और पैन कार्ड दे कर बनवाया था.
इस तरह फिरौती की रकम ले कर किडनैपर्स ने सुनील पाल को फ्लाइट की टिकट के लिए 20 हजार रुपए दे कर 3 दिसंबर को मेरठ के थाना लालकुर्ती इलाके में सड़क पर छोड़ कर फरार हो गए थे. दूसरी ओर 2 दिसंबर को घर से निकले सुनील पाल से जब 24 घंटे तक संपर्क नहीं हो पाया तो उन की पत्नी थाना सांताक्रुज में सुनील पाल की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंच गई थीं. पत्नी ने पुलिस को बताया था कि उन के कामेडियन पति सुनील पाल अपने एक शो के लिए मुंबई से बाहर गए थे. उन्होंने 3 दिसंबर को लौट आने के लिए कहा था. लेकिन न ही वह घर लौटे हैं और न ही उन का फोन लग रहा है. पुलिस ने उस समय शिकायत तो नहीं दर्ज की थी, लेकिन जांच जरूर शुरू कर दी थी.
पुलिस ने सुनील पाल की तलाश शुरू करते हुए उन के करीबियों से पूछताछ शुरू की तो पता चला कि उन का फोन खराब था, जिस की वजह से वह पत्नी से संपर्क नहीं कर पा रहे थे. 4 दिसंबर को वह घर लौट आएंगे. इसी वजह से जब किडनैपर्स के चंगुल से छूटने के बाद सुनील पाल 4 दिसंबर को जब घर पहुंचे तो सूचना पा कर थाना सांताक्रुज पुलिस ने उन्हें थाने बुला कर विस्तार से पूछताछ की. पूछताछ के बाद जब पुलिस को पता चला कि उन का किडनैप हुआ था और उन से 8 लाख रुपए ट्रांसफर करा कर उन्हें छोड़ा गया है तो पुलिस ने सुनील के मोबाइल से उन दोनों अकाउंट नंबरों को ले कर उन्हें फ्री करा दिया, जिन अकाउंट नंबरों में किडनैपर्स ने सुनील से रुपए ट्रांसफर कराए थे.
यही नहीं, सांताक्रुज पुलिस ने अक्षित सिंघल को फोन कर के बताया भी था कि उन के खाते में जो रुपए ट्रांसफर की गई थी, वह कामेडियन सुनील पाल के किडनैप के बाद फिरौती की रकम थी. इसलिए उन का खाता फ्रीज कराया जा रहा है.
फिरौती की रकम ज्वैलर के खाते में कैसे पहुंची
5 दिसंबर, 2024 को राधेलाल रामअवतार सर्राफ के मालिक अक्षित सिंघल एक्सिस बैंक के अपने अकाउंट में रुपए जमा कराने पहुंचे तो बैंक मैनेजर ने उन्हें बताया कि महाराष्ट्र पुलिस की शिकायत पर उन का अकाउंट फ्रीज कर दिया है, जिस की वजह से उन के अकाउंट से कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं हो सकती. अकाउंट क्यों फ्रीज कराया गया है, इस बात की जानकारी अक्षित सिंघल को थी ही. वह अपनी शिकायत ले कर मेरठ के थाना लालकुर्ती पहुंचे तो पूरा मामला सामने आया. थाना लालकुर्ती पुलिस ने जब उन से पूरी बात बताने को कहा तो उन्होंने पुलिस को जो बताया, वह कुछ इस प्रकार था.
अक्षित सिंघल की जवाहर क्वार्टर में राधेलाल रामअवतार सर्राफ के नाम से गहनों की दुकान है. 3 दिसंबर की दोपहर 12 बजे 2 युवक उन की दुकान पर आए. उन्होंने अक्षित से सोने की चेन और सोने के सिक्के दिखाने को कहा. उन युवकों ने 7.240 ग्राम की एक सोने की चेन और 10-10 ग्राम के 2 सिक्के पसंद किए, जिन की कीमत 2,25,000 थी. उन्होंने अक्षित सिंघल को 10 हजार रुपए देते हुए कहा, ”हमारा यह सामान आप पैक करा कर रख दीजिए. बाकी पैसा हम औनलाइन जमा करा देंगे. आप अपना अकाउंट नंबर हमें दे दीजिए.’’
अक्षित सिंघल से उन का अकाउंट नंबर ले कर दोनों युवक चले गए.
इस के बाद दुकान के अकाउंट में दोपहर 11.35 बजे 50 हजार रुपए जमा कराए गए. फिर 2.12 बजे 80 हजार रुपए, 2.18 पर 50 हजार रुपए तो शाम 4.17 बजे 50 हजार रुपए जमा कराए गए. इस तरह कुल 2,30,000 की पेमेंट की गई. युवकों ने रुपए ट्रांसफर करने की स्क्रीन शौट वाट्सऐप पर भेज कर अक्षित सिंघल से पेमेंट होने के बारे में बताया. इस के बाद वही दोनों युवक अक्षित सिंघल की दुकान पर आए और अपना सामान और औनलाइन पेमेंट से बचे साढ़े 4 हजार रुपए ले कर चले गए थे. इस के बाद करीब सवा 8 बजे मुंबई के थाना सांताक्रुज पुलिस ने उन्हें फोन कर के बताया था कि उन के अकाउंट में जो रकम ट्रांसफर की गई थी, वह कामेडियन Comedian Sunil Pal सुनील पाल के किडनैप की फिरौती के रूप में हुई थी.
कामेडियन सुनील पाल की शिकायत पर उन के किडनैप और जबरन वसूली का यह मामला थाना सांताक्रुज में बीएनएस की धारा 138, 140 (2), 308 (2), 308 (5) और 3 (5) के तहत दर्ज किया गया. मामला दर्ज होने के बाद काररवाई करते हुए मुंबई पुलिस ने इस मामले को मेरठ, उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया. अब इस मामले की जांच मेरठ के थाना लालकुर्ती पुलिस कर रही है. मामले की जांच मिलने के बाद भी थाना लालकुर्ती पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया था. लेकिन जब यह मामला मीडिया में उछला तो पुलिस अलर्ट हुई. एसएसपी डा. विपिन ताडा ने पुलिस की 10 टीमें बना कर मामले के खुलासे और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगा दिया.
आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने करीब 400 सीसीटीवी खंगाले और करीब हजारों लोगों से पूछताछ की. रास्ते के एकएक ढाबे वालों से जानकरी ली गई. तब कहीं जा कर पुलिस को पता चला कि आरोपी बिजनौर के थे. पुलिस ने सब से पहले दोनों सर्राफों के यहां से सीसीटीवी फुटेज निकलवाई थी. सर्राफ अक्षित सिंघल के यहां मिली सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को बदमाशों की पहचान में काफी मदद मिली. पुलिस ने दोनों की फोटो ले कर ढाबों पर पता किया तो पता चला कि फोटो वाले दोनों युवक बिजनौर के रहने वाले हैं. लेकिन सुनील के किडनैप में करीब 9 लोग शामिल थे.
पुलिस को इन सभी के नामों का भी पता चल गया था. फोटो में दिखाई देने वाले दोनों युवकों का नाम लवी पाल और अर्जुन कर्णवाल था. यही दोनों इस पूरे कांड के सरगना थे. इन्हीं के निर्देश पर बाकी लोग काम कर रहे थे. आरोपियों की पहचान होने के बाद पुलिस पूछताछ और जगहजगह छापा मारते हुए बिजनौर की नई बस्ती निवासी आरोपी लवी पाल और अर्जुन कर्णवाल तक पहुंच गई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. मुख्य आरोपी लवी पाल के साथ पूर्व सभासद का भी नाम जुड़ रहा है. लवी पाल उर्फ लवी चौधरी उर्फ सुशांत सिंह ब्याज पर रुपए देने का काम करता था. साल 2017 में उस ने नगर पालिका बिजनौर के वार्ड नंबर एक से सभासद का चुनाव भी लड़ा था.
उस ने यह चुनाव सुशांत सिंह के नाम से लड़ा था. 4 सौ वोटों से हार कर वह दूसरे नंबर पर रहा था. साल 2016 में एक कार की चोरी के मामले में यह जेल भी गया था. दरअसल, बिजनौर के इस गैंग ने किसी कार्यक्रम में सुनील पाल और मुश्ताक खान को बिना सुरक्षाकर्मी के शिरकत करते देखा था. तभी से आरोपी इन का अपहरण कर के फिरौती वसूलने की योजना बनाने लगे थे. इस के बाद वे यह पता करने के लिए गूगल पर सर्च करने लगे कि इन से कैसे संपर्क किया जा सकता है. इस के लिए उन्होंने यूट्यूब का भी सहारा लिया था. लवी और अर्जुन ने सोशल मीडिया पर भी नजर रखी थी.
इस के बाद अपनी योजना को सफल बनाने के लिए उन्होंने दोनों कलाकारों से संपर्क कर उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित कर दिया. एक तरह से वे अपनी योजना में सफल भी रहे, पर जिस परिणाम की उन्हें उम्मीद थी, वैसा शायद नहीं हो सका. इस किडनैप कांड के बाद एक आडियो सामने आया है, जिस में सुनील पाल और किडनैपर लवी पाल बातचीत कर रहे हैं. आडियो मे हुई बातचीत से लगता है कि यह सचमुच का किडनैप नहीं, बल्कि मिलीभगत थी. जब इस बारे में मीडिया ने सुनील पाल से पूछा तो उन का कहना था कि फोन लवी पाल ने किया था. वह घबराया हुआ था, इसलिए उल्टासीधा बोल गया.
वहीं मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा का कहना है कि वह उस वीडियो की जांच कराएंगे. जांच के बाद उचित काररवाई की जाएगी. फिलहाल किडनैपर्स को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है. बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं.