नेता अगर लोगों के सामने कोई अच्छी मिसाल पेश करें तभी उन्हें जन प्रतिनिधि माना जाना चाहिए. लेकिन इस के इतर आजकल ज्यादातर नेता दबंगई के लिए जाने जाते हैं. उन की औलादें भी कम नहीं होतीं. आशीष पांडे ने हयात रीजेंसी में जो किया, वह कोई बड़ी घटना भी…
दिल्ली देश की राजधानी है. यहां देश भर के नेताओं के परिवार रहते हैं. इस के चलते दिल्ली में कभीकभार इनके हंगामे चर्चा में आते रहते हैं. बसपा के पूर्व सांसद के बेटे आशीष पांडे ने जिस तरह फाइवस्टार (five star hotel) होटल हयात रीजेंसी में रिवौल्वर लहराते हुए धमकी दी, उस से जेसिका लाल और नीतीश कटारा हत्याकांड की खौफनाक पुनरावृत्ति की स्थिति बनते दिखी. होटल की ओर से घटना को दबाने की कोशिश की गई. अगर इस घटना से जुड़ा वीडियो वायरल नहीं हुआ होता तो शायद किसी को इस का पता भी नहीं चलता.
‘जानता नहीं मुझे अभी तक तू. मैं लखनऊ का हूं. बात नहीं करता, सीधा ठोंक देता हूं.’ आशीष पांडे ने जब गौरव के सामने पिस्तौल लहराते हुए कहा तो उस की महिला मित्र बीच में आ गई. उस ने साहस दिखाया और आशीष को रोक लिया. आशीष की बातों और गुस्से से होटल का सिक्योरिटी स्टाफ भी सहम गया था. दिल्ली के फाइवस्टार होटलों में देर रात तक चलने वाली पार्टियों में रईसजादों की कहानियां अमूमन ढकीछिपी ही रह जाती हैं. कोई बड़ी घटना होने पर ही वस्तुस्थिति सब के सामने आ पाती है. दिल्ली के पांचसितारा होटल हयात रीजेंसी में रविवार 14 अक्तूबर की सुबह करीब 3 से 4 बजे के बीच जो कुछ हुआ, वह खौफनाक घटना में भी तब्दील हो सकता था.
असल में शनिवार की रात हुई इस पार्टी का आयोजन साहिल गिरधर नाम के एक इवेंट आर्गनाइजर ने किया था. इस पार्टी में तमाम लोगों के साथ 2 रईसजादे भी हिस्सा लेने गए थे. इन में से एक दिल्ली के पूर्व कांग्रेसी विधायक कुंवर करन सिंह का बेटा गौरव था और दूसरा उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद राकेश पांडे का बेटा आशीष पांडे. करीब आधी रात से शुरू हुई यह पार्टी देर रात तक चलती रही. इसी दौरान पार्टी में शामिल गौरव की महिला मित्र की तबीयत खराब हो गई. उसे उल्टियां आ रही थीं, जिस की वजह से वह वाशरूम गई थी. उस के पीछेपीछे गौरव भी था.
वाशरूम लेडीज था, इसलिए गौरव बाहर ही खड़ा हो गया. जब अंदर से उस की महिला मित्र की उलटी करने की तेज आवाजें बाहर आने लगीं तो गौरव उस की मदद के लिए लेडीज वाशरूम के अंदर चला गया. इसी दौरान आशीष पांडे की 3 महिला मित्र उसी लेडीज वाशरूम में आईं. उन्होंने लेडीज वाशरूम में गौरव को देखा तो हक्कीबक्की रह गईं. इस बात को ले कर उन तीनों महिलाओं और गौरव के बीच कहासुनी शुरू होने लगी, जिस की तेज आवाज वाशरूम के बाहर तक आ रही थी. आशीष पांडे भी लेडी वाशरूम के बाहर खड़ा था. उस ने अपनी विदेशी महिला मित्रों के साथ बदतमीजी होने की आवाज सुनी तो वह भी लेडीज वाशरूम के अंदर चला गया.
आशीष के अंदर जाने पर वहां होने वाली बहस तीखी हो गई. बहरहाल, किसी तरह से मामला शांत हुआ तो आशीष अपनी तीनों विदेशी महिला मित्रों के साथ होटल के बाहर पोर्च में आ गया. आशीष ने होटल की पार्किंग में खड़ी अपनी बीएमडब्ल्यू कार मंगाई. कार के अंदर उस की पिस्टल रखी थी. इसी दौरान गौरव भी अपनी महिला दोस्त के साथ होटल (five star hotel) के बाहर पोर्च में आ गया था. उन दोनों को देखते ही आशीष भड़क उठा और उस ने अपनी कार के अंदर रखी पिस्टल निकाल ली. इस के बाद वह एक हाथ में पिस्टल ले कर गाड़ी से उतरा और गौरव को धमकाने जा पहुंचा. गौरव के साथ उस की महिला मित्र भी थी, उस ने आशीष को गौरव के साथ बदतमीजी करने से रोका और उसे धक्का दे कर सीढि़यों से नीचे उतरने पर मजबूर कर दिया.
इसी दौरान पार्टी का आयोजक साहिल गिरधर भी आ गया. उस ने बात खत्म करने के लिए आशीष को समझाया और उसे वहां से चले जाने की रिक्वेस्ट की. जब आशीष चला गया, तब गौरव फिर से अपनी महिला मित्र को ले कर होटल के अंदर गया. डिनर करने के बाद सब अपनेअपने घर चले गए. इस घटना पर किसी भी पक्ष ने किसी तरह की शिकायत नहीं की. सब से आश्चर्यजनक पहलू यह रहा कि होटल हयात रीजेंसी ने इस घटना को ले कर पुलिस में कोई शिकायत नहीं की. मामला रसूखदार परिवारों से जुड़ा था, इसलिए होटल ने भी कोई कदम नहीं उठाया.
होटल मैनेजमेंट को शायद यह चिंता रही होगी कि ऐसे मामले में उस का अपना नाम भी खराब होगा. लेकिन अगले दिन यानी सोमवार को इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. राजधानी दिल्ली की यह घटना राजनीति की गलियों में चर्चा का सबब बन गई. घटना में 2 राजनीतिक परिवारों से जुड़े होने से चर्चा और तेजी से बढ़ी. इस घटना के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कानूनव्यवस्था की स्थिति को ले कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा, साथ ही जवाब भी मांगा. कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा ने भी कानूनव्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई. गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने भी ट्वीट कर के कहा कि इस घटना की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है. जल्दी ही सख्त और उचित काररवाई की जाएगी.
इस कवायद से पुलिस के काम में तेजी आई. मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस ने केस दर्ज कर के आशीष की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ समेत कई जगह छापे मारे. उसे विदेश भागने से रोकने के लिए इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर दिया गया. बाहुबली परिवार दबंगई के आरोपी आशीष पांडे के पिता राकेश पांडे बीएसपी से सांसद रह चुके हैं. उन के भाई रितेश पांडे उत्तर प्रदेश से अब भी विधायक हैं. आशीष पूर्व बाहुबली विधायक पवन पांडे का भतीजा है. उस के दूसरे चाचा कृष्णकुमार पांडे सुलतानपुर के इसौली से बीएसपी से चुनाव लड़ चुके हैं.
पांडे बंधुओं का यूपी के कई जिलों में रियल एस्टेट, शराब और खनन का कारोबार है. आशीष को लग्जरी गाडि़यों और हथियारों का शौक रहा है. वह रियल एस्टेट का काम करता है. उस के दोनों चाचाओं का अंबेडकर नगर जिले में लंबा आपराधिक इतिहास है. हालांकि आशीष के परिवार पर कोई आपराधिक केस नहीं है. आशीष के पास पिस्टल के अलावा राइफल और बंदूक के लाइसेंस भी हैं. आशीष की पत्नी कामना स्वयंसेवी संस्था चलाती है, जिस के तहत वह कुत्तों के संरक्षण के लिए काम करती है. आशीष को तेजरफ्तार में गाडि़यां दौड़ाने का शौक है. कुछ दिनों पहले लखनऊ में देर रात पार्टी से लौट रहे आशीष ने हाईस्पीड गाड़ी दौड़ाई, लेकिन वह संभाल नहीं सका और डिवाइडर से टकरा कर गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया. हालांकि उसे मामूली चोटें आईं.
देहरादून से शुरुआती पढ़ाई के बाद आशीष विदेश पढ़ने चला गया था. पढ़ाई खत्म करने के बाद पिता राकेश पांडे ने जब बेटे का झुकाव बिजनैस की तरफ देखा तो शहर के फैजाबाद रोड पर फैक्ट्री लगवा दी. लेकिन फैक्ट्री नहीं चली. इस के बाद आशीष ने ठेकेदारी शुरू कर दी और लखनऊ शिफ्ट हो गया. यहां उस ने रियल एस्टेट और शराब के साथ खनन का काम भी शुरू कर दिया. फलस्वरूप उस ने दोनों हाथों से दौलत बटोरी. आशीष पांडे का परिवार राजनीतिक रसूखों वाला है. उस के पिता राकेश पांडे जलालपुर से पहली बार सपा के विधायक चुने गए. लेकिन बाद में उन्होंने बीएसपी का दामन थाम लिया और बीएसपी से अकबरपुर लोकसभा से एमपी बने. राजनीतिक रसूख हासिल करने के बाद राकेश पांडे ने बड़े बेटे रितेश पांडे को राजनीति में उतारा और 2017 के विधानसभा चुनाव में जलालपुर सीट से बीएसपी से विधायक बनवा दिया.
धमकी देने वाला वीडियो अगर वायरल न हुआ होता तो शायद इस मामले को दबा दिया जाता, क्योंकि एफआईआर में दर्ज होटल के असिस्टेंट सिक्योरिटी मैनेजर ने जो बयान दिया है, उस में उस ने साफ लिखा है कि हमें इस घटना के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन हम ने इस के बारे में पुलिस या अन्य किसी को नहीं बताया. जब इस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो आर.के. पुरम थाना पुलिस ने होटल जा कर पूछताछ की. पूछताछ के बाद होटल के असिस्टेंट सिक्योरिटी मैनेजर की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई.
सच्चाई यह है कि फाइवस्टार होटल वाले इस तरह की छोटीमोटी घटनाओं की कभी शिकायत नहीं करते, क्योंकि उन्हें अपने कस्टमर्स की प्राइवेसी और होटल की इमेज भी देखनी होती है. वरना ऐसे होटल में कोई नहीं जाना चाहेगा. सिक्योरिटी गार्ड देखते रहे तमाशा दूसरी ओर, होटल की ओर से स्पष्टीकरण दे कर कहा गया है कि वह देश और दुनिया में अपने होटलों के कस्टमर्स की सुरक्षा को ले कर बहुत गंभीर रहता है. इस मामले में भी वे पुलिस को पूरा सहयोग करेंगे. लेकिन वायरल वीडियो में यह साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह से एक शख्स हाथ में पिस्टल ले कर एक महिलापुरुष को धमका रहा है और होटल का सिक्योरिटी स्टाफ कुछ नहीं कर रहा है.
वीडियो में पहले एक महिला सिक्योरिटी गार्ड समेत 4 सुरक्षाकर्मी नजर आते हैं. फिर इन की संख्या बढ़ कर 5 हो जाती है. लेकिन इन में से कोई भी सुरक्षाकर्मी हाथ में पिस्टल लिए आशीष पांडे को समझाने या रोकने की कोशिश करता नजर नहीं आता. यहां तक कि एक सिक्योरिटी गार्ड तो मौके से ही साइड होता नजर आता है.ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां कस्टमर्स की सुरक्षा किस स्तर की है. होटल के अंदर जा रही गाडि़यों की जांच भी केवल लीपापोती ही होती है. होटल के अंदर जाने वाली गाडि़यों की डिक्की को खुलवा कर जरूर देखा जाता है. लेकिन गाडि़यों के अंदर क्या रखा है, इस की कोई जांच नहीं की जाती.
जांच करने वाले कार के नीचे, कुछ संदिग्ध चीज न लगी हो, की जांच छड़ी लगे शीशे से करते हैं. लेकिन यह भी बस दिखावा मात्र ही होता है. अगर सही से जांच होती तो आशीष पांडे की पिस्टल होटल तक पहुंच ही नहीं पाती. होटल के सिक्योरिटी मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने आशीष पांडे के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 341, 354, 506, 509 के तहत थाना आर.के. पुरम में केस दर्ज किया है. आशीष पांडे की तलाश में पुलिस ने लखनऊ और अंबेडकरनगर स्थित उस के घरों पर छापे मारे. लखनऊ के गौतमपल्ली स्थित सृष्टि अपार्टमेंट में पुलिस ने मंगलवार शाम को 4 बजे छापा मारा. आशीष के गोमतीनगर स्थित औफिस में भी छानबीन की गई. इस मामले में लखनऊ पुलिस ने दिल्ली पुलिस को पूरा सहयोग दिया.
आशीष के राजनीतिक परिवार से जुड़े होने के कारण घटना पर राजनीति शुरू हो गई. चाचा पवन पांडे ने घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद आशीष ने अपने परिचितों और मित्रों को 17 अक्तूबर को एक मैसेज भेजा, जिस में उस ने कहा, ‘मेरी गलती है, मैं ने गलती की है. मैं गलती मानता हूं. मुझे आप के सहयोग की जरूरत है. इस वीडियो को वायरल होने से रोकें.’
उस दिन पुलिस उत्तर प्रदेश में जहांतहां उसे ढूंढ रही थी. उसी दिन दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट उस के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया था. साथ ही हथियारों के उस के 3 लाइसेंस भी निरस्त कर दिए गए. 18 अक्तूबर गुरुवार को आशीष पांडे ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सरेंडर कर दिया. पुलिस की मांग पर उस का एक दिन का रिमांड भी दिया गया. पूछताछ के बाद उसे फिर से अदालत पर पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.