MP Crime : किन्नर किरण खूबसूरती की मिसाल थी. तभी तो श्रीनगर के जहांगीर ने उस पर फिदा हो कर उस से शादी कर ली. सच्चाई पता चलने पर जहांगीर ने उसे छोड़ दिया तो किरण ने इस अपमान का बदला लेने की ठान ली, फिर…  

शा के करीब 6 बजे का वक्त था. मध्य प्रदेश के देवास जिला मुख्यालय में चामुंडा कांपलेक्स के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित गोल्डन कौफी हाउस में रोज की तरह काफी रौनक थी. उस समय उज्जैन की तरफ से एक कार और इंदौर की तरफ से एक और कार कर गोल्डन कौफी हाउस के सामने रुकी. एक कार से करीब 45 साल की एक निहायत ही खूबसूरत महिला उतरी. वहीं दूसरी कार से 25-26 साल के 2 युवक नीचे उतरे

उन युवकों ने उस महिला का अभिवादन किया तो उस महिला ने दोनों के अभिवादन का सिर हिला कर जवाब दिया, उन्हें साथ ले कर वह उस कौफी हाउस में दाखिल हो गई. यह बात 20 फरवरी, 2018 की है. दोनों गाडि़यों के ड्राइवर कौफी हाउस के बाहर ही रहे. दोनों ही ड्राइवर तब तक आपस में बातचीत करने लगे. करीब सवा घंटे बाद वह तीनों कौफी हाउस से बाहर आने के बाद अपनीअपनी कार में कर बैठ गए. वह महिला इंदौर की तरफ रवाना हो गई. इस के कुछ देर बाद दोनों युवकों ने अपने ड्राइवर को उस महिला की कार का पीछा करने को कह दिया.

देवास से इंदौर रोड पर लगभग 6 किलोमीटर आगे क्षिप्रा नदी का पुल है. यह पुल देवास और इंदौर जिले की सीमा बनाता है. चूंकि शाम के समय सड़क पर ट्रैफिक अधिक था इसलिए क्षिप्रा तक पहुंचने में दोनों गाडि़यों को 15 से 18 मिनट का समय लगा. उन युवकों की कार महिला की कार से सुरक्षित दूरी बना कर पीछा कर रही थी, ताकि कार में बैठी महिला को उस की कार का पीछा किए जाने का शक हो सके. क्षिप्रा निकलने के बाद उन युवकों ने अपने ड्राइवर से कहा कि वह ओवरटेक कर के उस महिला की कार के आगे गाड़ी लगा दे. इस के बाद उस ड्राइवर ने कार की गति तेज कर दी.

इसी बीच उस महिला ने अपनी कार एक शराब की दुकान के सामने रुकवा दी. वह महिला कार से उतर कर शराब की दुकान से ठंडी बियर लेने लगी. तब तक उन युवकों की कार भी वहां कर रुक गई. उन में से एक युवक हाथ में रिवौल्वर ले कर कार से उतर कर शराब की दुकान पर खड़ी उस महिला के पास पहुंचामहिला बियर पसंद करने में खोई हुई थी. इसलिए उस ने इस बात पर जरा भी ध्यान नहीं दिया कि कुछ देर पहले वह जिस युवक से कौफी हाउस में मिल कर रही है वह उस के पीछेपीछे यहां तक पहुंचा है.

दूसरी तरफ युवक ने उस के पास जा कर रिवौल्वर उस की गरदन पर रख कर ट्रिगर दबा दिया और तेजी से अपनी कार में बैठ गया. फिर वह दोनों युवक देवास की तरफ निकल गए. भरे बाजार में महिला की हत्या होने के बाद बाजार में खलबली मच गई. सूचना मिलने पर थाना औद्योगिक क्षेत्र के थानाप्रभारी एस.पी.एस. राघव तत्काल एसआई श्रीराम वर्मा आदि के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. घायल अवस्था में पड़ी उस महिला को तुरंत पहले देवास के अपेक्स अस्पताल ले जाया गया. हालत गंभीर होने की वजह से उसे इंदौर के एम.वाई. अस्पताल भेज दिया गया. जहां इलाज के दौरान उस की मौत हो गई.

पुलिस ने मृत महिला के कार चालक से पूछताछ की तो पता चला कि मरने वाली औरत नहीं बल्कि किन्नर किरण थी. जिस की खूबसूरती के चर्चे इंदौर के अलावा दिल्ली और श्रीनगर में भी थे. कार चालक ने यह भी बताया कि किरण को गोली मारने वाला युवक लाल रंग की कार में बैठ कर देवास की तरफ भागा है. इस पर थानाप्रभारी एस.पी.एस. राघव ने यह खबर बिना देर किए पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी. इस का नतीजा यह निकला कि कुछ ही देर के बाद उज्जैन तिराहे से गुजर रही लाल रंग की कार एमपी09बीसी 0821 को यातायात पुलिस के एसआई रमेश मालवीय एवं रूपेश पाठक ने रोक ली.

उस समय उस गाड़ी में ड्राइवर के अलावा और कोई नहीं था. उस ड्राइवर का नाम मोहम्मद रईस था जो सारंगपुर का रहने वाला था. दोनों एसआई उसे थाने ले आए. पूछताछ करने पर मोहम्मद रईस ने बताया कि यह गाड़ी कनाड़ निवासी एक व्यापारी की है. वह तो गाड़ी का ड्राइवर है. इस गाड़ी को आज उज्जैन के बेगम बाग निवासी भूरा और ऐजाज खान किराए पर ले कर देवास आए थे. उस ने यह भी बताया कि किन्नर की हत्या करने के बाद दोनों उस की गाड़ी में सवार हो कर कुछ दूर तक आए थे. बाद में पुलिस के डर से गाड़ी से उतर कर वे पैदल ही कहीं चले गए.

यह जानकारी मिलने के बाद देवास के एसपी अंशुमान सिंह ने एएसपी अनिल पाटीदार के नेतृत्व में गठित थानाप्रभारी एस.पी.एस. राघव की टीम को फरार हो चुके दोनों आरोपियों को ढूंढने में लगा दिया. टीम पूरी मेहनत से आरोपियों को खोजने में जुट गई. जिस का नतीजा यह हुआ कि अगले ही दिन मुख्य आरोपी भूरा को पुलिस ने उज्जैन से गिरफ्तार कर लियापूछताछ में हर अपराधी की तरह भूरा ने भी पहले तो किरण को जानने तक से इनकार कर दिया. लेकिन जब पुलिस ने उस से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की तो उस ने किन्नर किरण की हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया.

इस के बाद पुलिस ने भूरा की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रिवौल्वर और उस के खून सने कपड़े भी बरामद कर लिए. जिस के बाद पूरी कहानी इस प्रकार सामने आई. आज से कोई 45 साल पहले मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में जन्मे चांद से खूबसूरत बच्चे का नाम रखा गया अनीस मोहम्मद अंसारी. लेकिल अंसारी परिवार की खुशियां उस समय मिट्टी में मिल गईं जब उस बच्चे के बड़ा होने पर यह बात सामने आई कि अनीस सामान्य लड़का नहीं बल्कि एक किन्नर है5-7 साल की उम्र से ही उस के चेहरेमोहरे में जनाना भाव आने लगे थे. जिस तरह की नजाकत उस में आने लगी थी, उस जैसी नजाकत और खूबसूरती कई लड़कियों में भी देखने को नहीं मिलती.

किशोरावस्था में पहुंच कर अनीस अपनी सच्चाई समझ चुका था. इसलिए 15-16 साल की उम्र में ही वह इंदौर से दिल्ली चला गया और वहां एक किन्नर जमात में शामिल हो गया. जहां उस का नाम रखा गया किरण. देखते ही देखते किरण दिल्ली की सब से खूबसूरत किन्नर बन गई. जिस के चलते उस ने अपने गुरु के साथ रहते हुए करोड़ों की प्रौपर्टी भी जमा कर ली. इतना ही नहीं गुरु के बाद किरण को ही अपने गुरु की पदवी मिल गई. इस के बाद तो उस के इलाके के किन्नर जो भी कमाई कर के लाते, किरण के हाथ में रख देते थे, जिस से उसे और ज्यादा कमाई होने लगी.

किरण की खूबसूरती लगातार बढ़ती जा रही थी. रंगरूप और शारीरिक बनावट से हर कोई उसे औरत समझने का धोखा खा जाता था. इसलिए दिल्ली में तो उस के दीवाने थे ही, दिल्ली के बाहर भी उस के चाहने वालों की संख्या बढ़ गई. परिवार के इंदौर में रहने के कारण उस का इंदौर में भी आनाजाना लगा रहता था, सो इंदौर में भी उस के दीवानों की संख्या कम नहीं थी. किरण की जिंदगी में महत्त्वपूर्ण बदलाव कुछ साल पहले उस समय आया जब वह श्रीनगर, कश्मीर घूमने गई. इस दौरान वह डल झील में चलने वाले सब से महंगे बोट हाउस में ठहरी. शिकारा का मालिक जहांगीर उस की खूबसूरती पर मर मिटा था. सो उस ने किरण की खूब मेहमाननवाजी की थी 

जहांगीर के कई शिकारा डल झील में चला करते थे, जिस के चलते श्रीनगर में उस की खासी संपत्ति थी. अपितु जहांगीर उम्र में किरण से छोटा था, लेकिन किरण का जादू उस के ऊपर कुछ यूं चला कि वह उस के सामने अपने प्यार का इजहार करने से खुद को रोक नहीं सका. किरण जानती थी कि जहांगीर उसे औरत समझने की गलती कर यह बात कह रहा है. ऐसे में किरण को पीछे हट जाना था, लेकिन प्यार की तलाश हर किसी को होती है. इसलिए किरण ने उस का प्यार स्वीकार ही नहीं किया बल्कि उस से शादी कर ली. ऐसे में किरण के किन्नर होने की सच्चाई जहांगीर के सामने खुलनी तय थी. सुहागरात के मौके पर इस सच को वह स्वीकार नहीं कर सका. इस का नतीजा यह निकला कि जहांगीर ने किरण को जल्द ही छोड़ दिया. यह बात किरण को बहुत बुरी लगी. वह अपनी खूबसूरती की ऐसी बेइज्जती सहन नहीं कर पाई. लिहाजा उस ने जहांगीर को खत्म करने का फैसला कर लिया

घटना से 2 महीने पहले एक शादी समारोह में किरण और भूरा की उज्जैन में पहली मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात में भूरा यह जान गया था कि किरण एक किन्नर है, इस के बावजूद भी वह उस की खूबसूरती पर मर मिटा था. किरण को भी एक मोहरे की तलाश थी. जिस से वह जहांगीर की हत्या करा सके. उसे इस बात की भी जानकारी थी कि नाबालिग उम्र में भूरा हत्या के एक आरोप में जेल जा चुका था. इसलिए मौका देख कर उस ने भी भूरा को निराश नहीं किया

किरण ने जब देखा कि भूरा पूरी तरह से उस के कब्जे में चुका है तो एक दिन उस ने भूरा से जहांगीर की हत्या करने को कहा. इस के लिए उस ने भूरा को 25 लाख रुपए का लालच देने के साथ ढाई लाख रुपए एडवांस में भी दे दिए. भूरा, किरण का दीवाना हो चुका था, सो उस ने जहांगीर की हत्या करने की बात स्वीकार तो कर ली लेकिन कुछ दिनों बाद उसे लगने लगा कि कश्मीर में जा कर वहां के किसी आदमी की हत्या कर के भाग कर वापस आना आसान काम नहीं है. लिहाजा वह काम करने में आनाकानी करने लगाइस पर किरण ने खुद भूरा को धमकी दे डाली. किरण ने उस से कहा कि अगर जहांगीर को मरवाने में 25 लाख खर्च कर सकती है तो तुम जैसों के लिए तो कोई 25 हजार ले कर ही निपटा देगा. यह धमकी दे कर उस ने भूरा पर जहांगीर की हत्या करने के लिए दबाव बनाया

भूरा जानता था कि किरण के पास पैसों की कमी नहीं है, वह पैसों के बल पर उस की हत्या भी करा देगी. इसलिए उस ने अपने दोस्त ऐजाज के साथ मिल कर किरण की हत्या करने की योजना बना डाली. जिस के बाद उस ने 20 फरवरी, 2018 को किरण को देवास बुला कर जहांगीर की फोटो दिखाने को कहा. उस ने किरण से कहा था कि वह जहांगीर का काम करने श्रीनगर जा रहा है. इसलिए पहचान के लिए जहांगीर की फोटो की जरूरत पड़ेगी. किरण ने जहांगीर का फोटो देने के लिए भूरा को देवास बुलाया था. यहां चामुंडा कांपलेक्स स्थित कौफी हाउस में भूरा और किरण की मुलाकात हुई. वहीं पर उस ने भूरा को जहांगीर का फोटो दे दिया था. फोटो देने के बाद लौटते समय वह ठंडी बियर लेने के लिए शराब की दुकान पर रुकी तभी भूरा ने उस की हत्या कर दी.

ड्राइवर मोहम्मद रईस और भूरा से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उस के दोस्त ऐजाज खान को भी गिरफ्तार कर लिया. फिर तीनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. कथा लिखे जाने तक तीनों आरोपियों की जमानत नहीं हो सकी थी.

 

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