Love story : अद्वित ऐसा हैंडसम युवक था, जिस पर कालेज की तमाम लड़कियां फिदा थीं, लेकिन वह उन सभी को केवल फ्रेंड ही मानता था. फिर एक दिन कालेज की ही शरमीले स्वभाव की सिंगर नैंसी की शालीनता का उस पर ऐसा असर हुआ कि वह उस का दीवाना हो गया. एकदूसरे को करीब से जानने के बाद उन दोनों के मुंह से यही निकला कि लव इज ब्यूटीफुल.

स्वभाव से शरमीली नैंसी को किसी से भी ज्यादा बातचीत करना पसंद नहीं था. पर आम आदमी जिस माहौल में रहता है, उसी तरह रहना उसे अच्छा लगता है. नैंसी के घर का माहौल भी कुछ ऐसा ही था. उस के घर में बाहर के लोगों से बातचीत करने की छूट नहीं थी. खासकर लड़कों से बात करना उस की फेमिली को बिलकुल पसंद नहीं था. नैंसी को सादी सिंपल रहना पसंद था. वह कपड़े भी उसी तरह पहनती थी. वैसे तो उस की तमाम फ्रेंड थीं, पर बेस्ट फ्रेंड कहा जा सके, इस तरह की कोई नहीं थी. 

नैंसी कालेज पहुंच चुकी थी और उस दिन कालेज में उस का पहला दिन था, इसलिए पलक उसे बुलाने आई थी. पलक स्कूल से ही उस के साथ पढ़ रही थी. उन की 2 सहेलियां रास्ते में उन का इंतजार कर रही थीं. इस तरह चारों सहेलियां कालेज पहुंच गईं. गेट के अंदर एंटर करते ही नैंसी की नजर कालेज के ग्राउंड की ओर चली गई. पूरा ग्राउंड लड़केलड़कियों से भरा था. नैंसी ने इस तरह का दृश्य पहली बार देखा था, क्योंकि इस से पहले उस ने केवल लड़कियों के साथ ही पढ़ाई की थी. अब उसे लड़कों के साथ भी पढऩा पड़ेगा, यह सोच कर वह काफी नरवस हो गई थी. 

उसे नरवस देख कर पलक ने उस का हाथ पकड़ कर आगे की ओर खींचा. इस के बाद इशारा कर के अपनी सहेलियों से कहा, ”यार, जरा सामने तो देखो, उस लड़के के आसपास कितनी भीड़ है. आखिर यह कौन है?’’

सब के साथ नैंसी भी उसी ओर देखने लगी. उस की नजर उस लड़के पर जम कर रह गई. उस की सहेली कुमुद ने कहा, ”यार, लड़का कितना क्यूट है.’’

हां, है तो यार बहुत क्यूट,”माधवी ने कहा, ”मैं इसे जानती हूं. इस का नाम अद्वित है. यह मेरे घर के सामने ही रहता है. मेरे भाई का फ्रेंड है. यह अपने कालेज का हीरो है. न जाने कितनी लड़कियां इस पर फिदा हैं.’’

वाह भई, तेरे तो घर के सामने ही रहता है,’’ पलक ने कहा, ”भई, तेरी तो हायहैलो में बात बन सकती है.’’

मेरा ऐसा नसीब कहां. उस की तो पहले से ही सेटिंग है सेकेंड ईयर की काव्या के साथ.’’ माधवी ने आह भरते हुए कहा.

माधवी की बात पूरी होते ही कुमुद बोली, ”यह कह कर यार तूने तो मूड ही खराब कर दिया.’’

चलो, आज कालेज का पहला दिन है. हमें लेट नहीं होना चाहिए.’’ नैंसी बोली.

इस के बाद सभी क्लास की ओर चल पड़ीं. क्लास में नए लोग, नए चेहरे देख कर नैंसी थोड़ा बेचैन थी तो थोड़ा एक्साइटेड भी. इस तरह वह कालेज का पहला दिन एंजौय कर रही थी. जल्दी ही कालेज में भी नैंसी की कुछ फ्रेंड बन गई थीं. पर नैंसी की अभी भी किसी लड़के से बातचीत नहीं होती थी. अपने काम से काम रखने वाली नैंसी को कभीकभी अद्वित का चेहरा जरूर याद आ जाता था, लेकिन उस ने तय कर रखा था कि वह किसी लड़के से दोस्ती नहीं करेगी. 

अपने विचारों को इसी तरह इग्नोर करते हुए नैंसी ने कालेज के 6 महीने निकाल दिए. 6 महीने पर कालेज में मिड फंक्शन होता था, जिसे ले कर कालेज के छात्र और छात्राएं बहुत उत्साहित थे. उस दिन नैंसी अपनी सहेलियों के कालेज पहुंची तो लेक्चर शुरू हो चुका था. पलक ने कहा, ”यार, आज तो लेक्चर शुरू हो चुका है. जेडी सर का लेक्चर है. अगर क्लास में गई तो वह भरी क्लास में बेइज्जत कर देंगे.’’

बेइज्जत होने से अच्छा है चलो आज लेक्चर छोड़ देते हैं.’’ कुमुद ने कहा.

भई, मैं तो लेक्चर नहीं छोड़ सकती. मेरा भाई यहीं कहीं घूम रहा होगा. देख लिया तो बहुत नाराज होगा.’’ माधवी ने कहा.

तो तुम दोनों जाओ. मैं और नैंसी तो मिड फंक्शन के रिहर्सल में जा रही हैं.’’ नैंसी का हाथ पकड़ कर कुमुद ने कहा, ”चल नैंसी, मुझे क्लास नहीं लेना.’’

मैं भी तुम लोगों के साथ चल रही हूं.’’ पलक ने कहा.

पलक, तू तो मेरे साथ क्लास लेने चलेगी, क्योंकि तेरी वजह से ही हम लेट हुए हैं.’’ माधवी ने कहा.

माधवी पलक को ले कर क्लास में चली गई तो कुमुद और नैंसी रिहर्सल हाल की ओर बढ़ गईं. नैंसी ने कुमुद के साथ जैसे ही रिहर्सल हाल में कदम रखा, कोई नैंसी से इतने जोर से टकराया कि अगर टकराने वाले ने उसे पकड़ न लिया होता तो हंड्रेड परसेंट वह गिर जाती. डर के मारे उस ने आंखें बंद कर ली थीं. उस ने आंखें खोलीं तो देखा, दोनों हाथों से अद्वित उसे पकड़े हुए था. अद्वित ने कहा, ”सौरी, मैं थोड़ा जल्दी में था.’’

अद्वित तो उसे संभाल कर चला गया, पर नैंसी की समझ में नहीं आया था कि आखिर हुआ क्या था. थोड़ी देर वह पूरे घटनाक्रम को समझने की कोशिश करती रही. तभी कुमुद ने उसे झकझोर कर कहा, ”यार, तेरे बजाय वह मुझ से टकराया होता और मुझे पकड़ कर गिरने न देता. कैसा फिल्मी सीन था.’’

नैंसी मन ही मन खुश थी. पर कुमुद को दिखाने के लिए उस ने अपनी मुखमुद्रा गंभीर बना कर कहा, ”कैसा फिल्मी सीन, कितने जोर से लगा, तुझे कुछ पता भी है. चलो अंदर चलते हैं, नहीं तो फिर कोई टकरा जाएगा.’’

हाल में डांस की प्रैक्टिस चल रही थी. वहां की स्थिति देख कर नैंसी और कुमुद खुश हो गईं. कुमुद ने तो नैंसी से डांस में भाग लेने के लिए भी कहा, पर शरमीली स्वभाव की होने की वजह से नैंसी ने साफ मना कर दिया. तभी उस की नजर अद्वित पर पड़ी, जो सभी को डांस सिखा रहा था. उस के साथ एक लड़की भी थी, जो डांस स्टेप कर रही थी. नैंसी को लगा, यही काव्या है. 

बड़ी तन्मयता से वह अद्वित और काव्या को देख रही थी. तभी उस का ध्यान भंग करते हुए कुमुद ने कहा, ”नैंसी, तुझे नहीं जाना तो कोई बात नहीं. तू मेरा बैग संभाल, मैं मैडम से बात कर के आती हूं.’’

कुमुद का बैग थामते हुए नैंसी ने कहा, ”ठीक है, तुम जाओ.’’

नैंसी अद्वित के ऊपर से नजरें हटा कर दूसरे रिहर्सल देखने लगी. पर उस की नजरें बारबार अद्वित की ओर ही घूम जाती थीं. कुमुद वापस आई तो उसे गौर से देखते हुए नैंसी ने कहा, ”क्या हुआ? मुंह क्यों लटका कर आ रही है?’’

मैम ने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि अब तो औडिशन हो चुके हैं.’’

तो फिर..?’’

तो फिर क्या. चलो, अब चलते हैं.’’ कुमुद ने कहा.

नैंसी और कुमुद बाहर जाने के लिए जैसे ही गेट पर पहुंचीं, सामने आ कर अद्वित खड़ा हो गया, ”वेट… वेट… दरअसल डांस के लिए हमें एक मेंबर की जरूरत है. मैं ने मैम से बात की तो उन्होंने कहा कि आप लोग डांस के लिए पूछ रही थीं. सो यू कैन जौइन अस.’’

एक्साइटेड हो कर कुमुद ने कहा, ”या… या…औफकोर्स, चल नैंसी.’’

मैं चल कर क्या करूंगी. तू जा कर रिहर्सल कर. मैं कैंटीन में जा कर बैठती हूं.’’ नैंसी ने कहा.

इट्स ओके. आप यहां भी बैठ सकती हैं.’’ अद्वित ने शिष्टता से कहा. 

कुमुद ने नैंसी का हाथ पकड़ा और वहां पड़ी कुरसियों में से एक पर बैठा दिया. वह जाने लगी तो नैंसी ने कहा, ”यार, मैं यहां बैठ कर क्या करूंगी.’’

कुमुद ने अपना मुंह उस के कान के पास ले जा कर कहा, ”थोड़ी देर बैठ न यार यहां. तू रहेगी तो अकेलापन नहीं महसूस होगा. अभी चलते हैं थोड़ी देर में.’’

ठीक है, बैठती हूं थोड़ी देर.’’

नैंसी बैठ कर रिहर्सल देखने लगी. पर उस की नजरें तो अद्वित पर ही जमी थीं. नैंसी रोजाना कुमुद के साथ रिहर्सल देखने के बहाने अद्वित को देखने आती. उस दिन भी नैंसी कुमुद के साथ रिहर्सल देखने पहुंची तो देखा, अद्वित काव्या के साथ कपल डांस कर रहा था. दोनों को साथ डांस करते देख नैंसी का चेहरा उतर गया. वह तुरंत रिहर्सल हाल से बाहर निकल गई. कुमुद ने पलट कर देखा तो नैंसी हाल में नहीं थी. वह इधरउधर नैंसी को देखने लगी. वह सोचने लगी कि नैंसी कहां चली गई, तभी अद्वित ने उसे बुला लिया.

नैंसी बाथरूम में जा कर खूब रोई और सोचने लगी कि उसे यह क्या हो रहा है. अद्वित कालेज का हीरो है और वह एक साधारण सी लड़की. उस की ओर वह कभी नहीं देखने वाला. फिर उस का तो काव्या के साथ पहले से ही अफेयर चल रहा है. ऐसे में वह उस के बारे में क्यों इतना सोच रही है. किसी के भी बारे में सोचने के बजाय उसे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. 

कुमुद अद्वित के पास पहुंची तो उस ने पूछा, ”आज तुम्हारी फ्रेंड नहीं दिखाई दे रही है?’’

इधरउधर देखते हुए कुमुद ने कहा, ”मैं भी उसे ही खोज रही हूं. साथ आई तो थी, पर दिखाई नहीं दे रही है.’’

तुम कह रही थी कि वह गाती बहुत अच्छा है?’’

हां, गाती तो अच्छा है.’’ कुमुद ने कहा.

हमें एक सिंगर की जरूरत है. अपने डांस में रीमा नाम की जो सिंगर थी, उस की आज तबीयत खराब हो गई है.’’

पर वह गाने के लिए तैयार नहीं होगी,’’ कुमुद ने कहा, ”वह बहुत शरमीली है.’’

एक बार तुम उस से बात कर के तो देखो.’’

ठीक है, आज बात कर के कल बताती हूं.’’

ओके, पर बात जरूर कर लेना.’’

लेक्चर पूरा होने के बाद पलक, माधवी और नैंसी बातें करते हुए बाहर निकलीं तो कुमुद भी रिहर्सल कर के उन के पास पहुंच गई. उसे देख कर पलक ने पूछा, ”आज तू रिहर्सल से जल्दी आ गई?’’

इस नैंसी को खोजने आई हूं.’’ कुमुद ने कहा, ”मुझे लगा पता नहीं कहां चली गई.’’

यह तो आज हमारे साथ लेक्चर में थी.’’ माधवी ने कहा.

तू तो मेरे साथ रिहर्सल में गई थी. बिना बताए क्यों चली आई?’’ कुमुद ने नैंसी से पूछा.

भई तू तो डांस में है, इसलिए लेक्चर में नहीं आती. मैं तो बेकार में ही वहां अपना समय खराब करती हूं. उस से अच्छा है क्लास में आ कर बैठूं. एग्जाम में आसानी रहेगी.’’ नैंसी ने कहा.

कह तो ठीक रही है. पर तू भी पार्टीसिपेट कर न.’’

पर मुझे कहां डांस आता है.

डांस के लिए नहीं, गाने के लिए.’’ कुमुद ने कहा.

पर गाने के लिए तो रीमा है न.’’ पलक ने कहा.

उस की तबीयत खराब हो गई है. इसलिए एक सिंगर चाहिए.’’ कुमुद ने कहा.

पर मैं इतने लोगों के सामने नहीं गा सकती.’’ नैंसी ने कहा.

यह तो मुझे पता है. वह तो अद्वित ने कहा था, इसलिए मैं ने कहा.’’ कुमुद ने कहा.

क्या, अद्वित ने कहा नैंसी को गाने के लिए? पर उसे कैसे पता चला कि नैंसी गाती है?’’ माधवी ने पूछा.

वह तो मैं ने ही बताया था. एक दिन वह कह रहा था कि तुम्हारी फ्रेंड बोलती नहीं. तब मैं ने कहा था कि वह बहुत शरमीली है. कभी गाती है, तभी हम लोगों के सामने खुलती है. शायद यह बात उसे याद थी, इसलिए आज जरूरत पडऩे पर उस ने मुझ से कह दिया.’’

वाह कितना अच्छा लड़का है. काश, मुझे गाना आता होता तो मैं अद्वित के साथ टाइम स्पेंड कर सकती.’’ पलक ने आह भरते हुए कहा.

नहीं आता गाना तो सपने मत देख.’’ माधवी बोली.

यार कुमुद कभी मुझे भी मिला अद्वित से.’’ पलक बोली.

इस में क्या, रिहर्सल हाल में आ जाना, मिला दूंगी.’’ कुमुद ने कहा, ”वह जरा भी एटीट्यूड वाला नहीं है. पर अद्वित का किसी से बात करना काव्या को पसंद नहीं है. फिर भी अद्वित किसी को मना नहीं करता. नैंसी तू मना कर रही है?’’

हां, मैं नहीं गा सकती.’’ नैंसी बोली.

भई, हमें तो भूख लगी है. चलो 

कैंटीन में चल कर कुछ खाते हैं.’’ पलक ने कहा.

सभी कैंटीन में पहुंचीं तो अद्वित का ग्रुप वहां पहले से ही बैठा था. कैंटीन में घुसते ही नैंसी की नजर सीधे अद्वित पर ही पड़ी. क्योंकि वह सामने ही बैठा था. संयोग से वह दरवाजे की ओर ही ताक रहा था, इसलिए दोनों की नजरें मिल गईं. अद्वित के सामने वाली ही खाली मेज पर सभी बैठ गईं. बैठते ही 

पलक ने कहा, ”किसे क्या खाना है, जल्दी बोलो.’’

कुमुद ने सैंडविच कहा तो माधवी ने बर्गर और नैंसी ने कहा कि वह केवल कोल्डड्रिंक पीएगी. सभी ने अपनीअपनी इच्छा जाहिर कर दी तो पलक ने कहा, ”चल नैंसी, आर्डर कर आते हैं.’’

अद्वित ने कुमुद से इशारे से नैंसी के बारे में पूछा तो कुमुद ने इशारे में ही बताया कि उस ने मना कर दिया है. पलक और नैंसी आर्डर दे कर जैसे ही वापस आईं, अद्वित ने उन लोगों के पास आ कर कहा, ”हाय गाइस, कैन आई जौइन यू?’’

हां… हां, क्यों नहीं. आज ही मेरी फ्रेंड तुम से मिलने के लिए कह रही थी.’’ कुमुद ने अद्वित को सब से मिलाते हुए कहा, ”नैंसी को तो तुम पहचानते ही हो.’’

हां क्यों नहीं, मैं उसी से बात करने आया हूं.’’ अद्वित ने कहा.

मुझ से?’’ नैंसी चौंकी.

हां, मैं ने कुमुद से तुम से गाने के लिए बात करने को कहा था. पर तुम ने मना कर दिया.’’ अद्वित ने कहा.

मैं इतने लोगों के बीच नहीं गा सकती.’’

यह तो तुम्हें लगता है. तुम ट्राई तो करो.’’

मुझे अपने बारे में पता है. मैं किसी से बात तक नहीं कर सकती, गाने की तो बात दूर रही.’’ नैंसी ने कहा.

तुम ने मेरे मन को बांध लिया है, इसलिए मैं चाहता हूं तुम गाओ. क्यों गाइस, तुम लोगों को क्या लगता है?’’ अद्वित ने कहा.

सभी ने अद्वित की बात पर हामी भर दी तो नैंसी नरवस हो गई. उसे नरवस देख कर अद्वित ने कहा, ”ओके, जैसी तुम्हारी मरजी. मैं कल तक तुम्हारे जवाब का वेट करूंगा. उस के बाद किसी दूसरे से बात करूंगा. पर एक बात याद रखना, जिंदगी में चांस बारबार नहीं मिलता.’’

इतना कह कर अद्वित सभी को बाय कह कर चला गया. रात को नैंसी को नींद नहीं आ रही थी. वह यही सोच रही थी कि अद्वित ठीक ही कह रहा था कि जिंदगी में बारबार चांस नहीं मिलता. अब उसे मिल रहा है तो उसे उस का उपयोग करना चाहिए. पर उसे डर लग रहा था. क्योंकि उस ने कभी किसी कार्यक्रम में पार्टीसिपेट नहीं किया था. फिर रोजाना अद्वित को काव्या के साथ देख कर भी उसे अच्छा नहीं लगेगा. वह क्या करे, उस की कुछ समझ में नहीं आ रहा था. यही सब सोचतेसोचते उसे कब नींद आ गई, वह जान नहीं पाई.

सुबह नैंसी थोड़ा देर से जागी. उस दिन उस के चेहरे पर स्माइल थी. सुबहसुबह उस के चेहरे पर स्माइल देख कर उस की मम्मी ने पूछा, ”पहली बार हंसते हुए उठी हो. सपने में ऐसा क्या देखा है?’’

आप को कैसे पता चला कि मैं ने सपना देखा है?’’

तुम्हारे हंसने से पता चल रहा है.’’

हां मम्मी, सपना तो देखा है,’’ नैंसी ने कहा, ”हमारे कालेज का फंक्शन था. उस में मैं ने गाना गाया. मेरे गाने पर सभी तालियां बजा रहे थे. पर मम्मी, पापा पार्टीसिपेट करने देंगे?’’

उन से कहने की जरूरत ही क्या है. तुम पार्टीसिपेट करो. जा, जल्दी तैयार हो जा, तेरी सहेलियां तुझे लेने आ रही होंगी.’’ नैंसी की मम्मी ने कहा.

कुमुद ने जैसे ही रिहर्सल हाल में प्रवेश किया, अद्वित ने उस के पास आ कर पूछा, ”नैंसी नहीं आई?’’

तभी पीछे से नैंसी को आते देख अद्वित खुश हो गया. उस ने कहा, ”मुझे विश्वास था कि तुम यह चांस मिस नहीं करोगी.’’

मैं ने पहली बार इस तरह की हिम्मत की है अद्वित. पता नहीं मैं यह काम कर भी पाऊंगी या नहीं?’’ नैंसी ने कहा.

तुम ने हिम्मत की, यह अच्छी बात है. निश्चित तुम यह काम कर लोगी. चलो अब, हमारे पास ज्यादा समय नहीं है.’’

उस दिन पहली बार नैंसी स्टेज पर चढ़ी. उसे जो गाना गाने के लिए दिया गया, उस के लिए गिटार बजने लगा. पर वह वहां उतने लोगों को देख कर नरवस हो गई. अद्वित ने स्टेज पर जा कर उसे संभाला. उस ने कहा, ”तुम यह सोच कर गाओ कि तुम्हारे सामने कोई नहीं है.’’

अद्वित मुझे डर लग रहा है. जब मैं इतने लोगों के सामने नहीं गा सकती तो फंक्शन में तो और न जाने कितने लोग होंगे?’’ नैंसी ने रुआंसी हो कर कहा.

तुम गा सकती हो नैंसी.’’ अद्वित ने कहा.

नैंसी जैसे ही स्टेज की ओर बढ़ी, तभी स्टेज के नीचे से कुछ लड़के कहने लगे कि अद्वित यह किसे गाने के लिए ले आया है. लगता है, इसे कुछ आताजाता नहीं है. इस तरह की बातें सभी जोरजोर से कर रहे थे. नैंसी घबरा गई और भाग कर बाहर निकल गई. अद्वित उस के पीछेपीछे दौड़ा.

बाहर आ कर नैंसी रोने लगी थी. तभी एक हाथ उस के सामने आया पानी का गिलास लिए हुए. वह हाथ किसी और का नहीं, अद्वित का था. पानी पी कर नैंसी ने कहा, ”अद्वित, मैं ने कहा था न कि मैं नहीं गा पाऊंगी.’’

और मैं अब भी कह रहा हूं कि तुम गा लोगी. तुम्हारा जो डर है, उसे दूर करने का यही समय है. अगर आज तुम ने उन लोगों को जवाब नहीं दिया तो फिर कभी जवाब नहीं दे पाओगी.’’ अद्वित ने कहा.

मुझे बहुत डर लग रहा है.’’ 

एक बार मेरे ऊपर भरोसा कर के देखो. मुझे पूरा विश्वास है कि तुम बहुत अच्छा गा लोगी.’’ अद्वित बोला.

थोड़ा सोच कर नैंसी बोली, ”ओके.’’

अद्वित के साथ नैंसी रिहर्सल हाल में वापस आ गई. अद्वित के साथ नैंसी को देख कर काव्या को अच्छा नहीं लगा. नैंसी स्टेज पर चढ़ी तो उस के साथ अद्वित भी स्टेज पर आ गया. नैंसी ने एक बार अद्वित की ओर देखा और आंखें बंद कर के गाना शुरू कर दिया. उस का गाना सुन कर रिहर्सल हाल में शांति छा गई. सभी केवल उसी को सुन रहे थे. उसे गाते देख अद्वित खुश हो गया. नैंसी का गाना पूरा हुआ. इस बात से चिढ़ कर काव्या रिहर्सल हाल से बाहर निकल गई. रिहर्सल हाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा. नैंसी ने आंखें खोलीं. अपनी इस सफलता पर वह बहुत खुश थी. उस ने अद्वित की ओर देख कर कहा, ”थैंक्स.’’

अभी इस थैंक्स को संभाल कर रखो. बहुत लोगों को कहना पड़ेगा.’’ अद्वित ने कहा, ”कल इसी समय पर रिहर्सल हाल में मिलना, बाय.’’

नैंसी काफी सुकून महसूस कर रही थी. उस ने जिस बात की कल्पना भी नहीं की थी, एक के बाद एक लोग आ कर उस के गाने की तारीफ करते हुए उसे बधाई दे रहे थे. कुमुद ने पास आ कर कहा, ”यार तूने तो कमाल ही कर दिया.’’

थैंक्स.’’ नैंसी ने कहा.

ओह मैडम तो छा गईं. पूरे कालेज में इन्हीं के गाने की तारीफ चल रही है.’’ पलक बोली.

माधवी ने कहा, ”यार, इस ने तो गजब ही कर दिया, इतने लोगों के बीच स्टेज पर गा कर.’’

हां यार, मुझे भी यकीन नहीं हो रहा. थैंक्स टू अद्वित. उस ने मुझे बहुत एनकरेज किया.’’ नैंसी बोली.

नैंसी की इस बात पर पलक मुसकरा कर रह गई. पर कुमुद चुप नहीं रह सकी. उस ने कहा, ”लगता नहीं है कि अद्वित तुझे कुछ ज्यादा ही भाव दे रहा है?’’

ऐसा कुछ भी नहीं है. मुझे पता है कि काव्या उस की गर्लफ्रेंड है. वह मुझे एक फ्रेंड की ही तरह एनकरेज कर रहा है. और वैसे भी कहां अद्वित और कहां मैं. पर उस ने मेरे अंदर का डर निकालने में मेरी बड़ी मदद की, यह बात मैं कभी नहीं भूलूंगी.’’

रिहर्सल हाल से सीधे अद्वित कैंटीन में पहुंचा तो वहां उसे काव्या बैठी दिखाई दे गई. उस के पास जा कर उस के बगल बैठते हुए अद्वित ने कहा, ”आज रिहर्सल नहीं करना क्या?’’

तुम्हें उस बहनजी से फुरसत मिले, तब न.’’ काव्या तुनक कर बोली.

उस का नाम नैंसी है. आखिर तुम उस से इतना चिढ़ क्यों रही हो? उसे कौन्फिडेंस की जरूरत थी, इसलिए मैं ने थोड़ा एनकरेज कर दिया.’’ अद्वित ने कहा.

अद्वित तुम्हें तो पता है, मैं तुम्हारे लिए क्या फील करती हूं?’’

काव्या प्लीज, मैं ने तुम्हें कितनी बार समझाया कि तुम केवल मेरी दोस्त हो. इस से ज्यादा तुम मुझ से कुछ अपेक्षा मत रखना.’’ इतना कह कर अद्वित कैंटीन से बाहर निकल गया. अद्वित की इस बात से काव्या की आंखों में आंसू आ गए.

रिहर्सल हाल में डांस की प्रैक्टिस चल रही थी, तभी अद्वित ने 5 मिनट के ब्रेक की घोषणा कर दी. उस के बाद कुमुद के पास जा कर बोला, ”तुम ने नैंसी को समय बता दिया था न? क्योंकि रिहर्सल कंटीन्यू चलता रहेगा.’’

हां, वह आती ही होगी.’’ कुमुद ने कहा. 

तभी काव्या आ कर उस के पास खड़ी हो गई. उसे देख कर कुमुद बोली, ”मैं पानी पी कर आती हूं.’’

काव्या एकटक अद्वित को ही ताक रही थी. जबकि अद्वित कहीं और ही देख रहा था. काव्या धीरे से बोली, ”कल की बात के लिए सौरी अद्वित. तुम हमेशा वह बात करने के लिए मना करते हो, पर मैं हमेशा वही बात करती हूं.’’

सौरी यार, मैं भी कल कुछ ज्यादा ही गुस्सा हो गया था.’’

छोड़ो न उस बात को. चलो कौफी पीते हैं.’’

नहीं काव्या, नैंसी आती होगी. हम सब को गाने के साथ प्रैक्टिस करनी है.’’ अद्वित ने कहा.

अद्वित की बात पूरी भी नहीं हुई थी कि नैंसी आ कर खड़ी हो गई. नैंसी उस दिन जींस और टौप पहन कर आई थी. उस के बाल खुले हुए थे. उस दिन वह रोजाना से कुछ अलग ही लग रही थी. अद्वित उसे देखता ही रह गया. यह काव्या को जरा भी नहीं अच्छा लगा. अद्वित ने उस अपलक निहारते हुए कहा, ”यू लुक नाइस नैंसी.’’

नैंसी ने मुसकराते हुए कहा, ”थैंक्यू.’’

इस के बाद सभी स्टेज की ओर बढ़ गए. थोड़ी ही देर में ड्रम्स, गिटार बजने लगा. नैंसी ने गाना शुरू कर दिया. डांस की भी प्रैक्टिस शुरू हो गई. प्रैक्टिस पूरी होते ही अद्वित ने माइक ले कर कहा, ”ओके गाइस, अब आज यहीं तक. कल 10 बजे सभी लोग तैयार रहना. अब अपने पास बहुत कम समय बचा है.’’

इस के बाद सभी रिहर्सल हाल से निकलने लगे. नैंसी और कुमुद भी निकल रही थीं. गेट के पास उन्हें अद्वित मिल गया. कुमुद ने कहा, ”नैंसी मुझे कुछ काम है, मैं जा रही हूं. तुम पलक के साथ आ जाना.’’

ओके.’’ नैंसी ने कहा.

कुमुद के जाते ही अद्वित ने कहा, ”कैसा लग रहा है? लग रहा है आज कौन्फिडेंस कुछ इनक्रीज हुआ है?’’

हां, कल मोटीवेशनल गुरु ने स्पीच दी थी न, उसी का असर था.’’ नैंसी ने कहा.

दोनों हंस पड़े. इसी तरह एकएक दिन बीत रहा था. अद्वित रोजाना नैंसी को मोटीवेट कर रहा था, साथ ही उस के साथ हंसीठिठोली भी कर लेता था. दोनों के बीच अच्छा संबंध बन गया था. अब अद्वित काव्या की अपेक्षा नैंसी के साथ ज्यादा समय बिताने लगा था. नैंसी भी अब अपनी लाइफ को इंजौय कर रही थी.  रोजाना नैंसी की सहेलियां अद्वित को ले कर उसे चिढ़ातीं, पर नैंसी पर उन की बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा था. वह अद्वित की दोस्त बन कर खुश थी. काव्या को भी लगने लगा था कि अद्वित को नैंसी से कुछ ज्यादा ही भावनात्मक लगाव हो गया है. पर वह अद्वित की दोस्ती को खोना नहीं चाहती थी, इसलिए कुछ कहती नहीं थी. इसी तरह दिन कट रहे थे. मिड फंक्शन के अब 6 दिन बाकी रह गए थे.

उस दिन रिहर्सल शुरू होने में कुछ समय बाकी था. कुमुद ने कहा, ”चल नैंसी, कहीं नाश्ता कर लेते हैं. रिहर्सल शुरू हो गया तो टाइम नहीं मिलेगा.’’

यार, तुम पलक के साथ नाश्ता कर लो. मैं रिहर्सल हाल में जा रही हूं.’’

कोई बात नहीं, तेरी इच्छा नहीं है तो तू जा.’’ कुमुद बोली.

नैंसी रिहर्सल हाल में पहुंची तो वहां कोई नहीं था. उसे लगा कि अभी कोई नहीं आया है. वह स्टेज पर जा कर रियाज करने लगी. उसी बीच दबे पांव आ कर अद्वित उस के सामने बैठ गया. वह नैंसी को एकटक ताक रहा था. 

नैंसी ने आंखें खोलीं तो सामने अद्वित को पा कर स्तब्ध रह गई. अद्वित भी चकित रह गया. नैंसी ने कहा, ”अरे अद्वित, तुम कब आए? तुम्हारे आने का तो मुझे पता ही नहीं चला.’’

जब तुम आंखें बंद कर के रियाज कर रही थी तब. एक बात कहूं, अगर तुम उलटा न समझो तो?’’ 

कहो… कहो, इस में उलटा क्या समझना.’’ नैंसी बोली.

तुम आंख बंद कर के रियाज करती हो तो बहुत सुंदर लगती हो.’’

पहली बार किसी ने इस तरह की तारीफ की है.’’ नैंसी ने हंस कर कहा. 

क्यों, आज तक किसी ने तुम से यह बात नहीं कही?’’ हैरानी से अद्वित ने कहा.

जब किसी से इतनी बात ही नहीं की तो तारीफ कैसे करेगा. इतने सालों में पहली बार अगर किसी से हिलीमिली हूं तो वह तुम से. किसी को बेस्ट फ्रेंड कह सकूं, अभी तक कोई मिला ही नहीं था.’’

अच्छा तो तुम मुझे बेस्ट फ्रेंड मानती हो?’’

हां, एक बेस्ट फ्रेंड जो कर सकते हैं, वह तुम ने कर दिखाया है. मेरा कौन्फिडेंस इनक्रीज कर के.’’

हां, यह बात तो सच है. अब तुम ने बेस्ट फ्रेंड कहा है तो एक बात पूछ लूं?’’

हां , पूछो.’’ नैंसी ने कहा.

तुम्हें कैसा लड़का अच्छा लगता है? अद्वित ने पूछा.

मतलब?’’ नैंसी ने अद्वित की आंखों में देखा.

मैडम, मतलब यह कि जिसे आप परफेक्ट बौयफ्रेंड बना सको, उस लड़के में कैसी खूबियां देखना चाहती हो तुम?’’ अद्वित ने पूछा.

छि… बौयफ्रेंड. मैं कभी बौयफ्रेंड नहीं बनाऊंगी.’’

क्यों, बौयफ्रेंड बनाने में क्या दिक्कत है?’’

बस, मुझे नहीं पसंद है यह सब.’’ नैंसी ने कहा, ”बाय द वे, तुम यह सब क्यों पूछ रहे हो. तुम्हारी तो आलरेडी एक गर्लफ्रेंड है.’’

कौन?’’ अद्वित ने पूछा.

काव्या और कौन.’’

तुम से किस ने कहा कि काव्या मेरी गर्लफ्रेंड है?’’

क्यों नहीं,’’ नैंसी बोली, ”कालेज में तो सभी कहते हैं कि काव्या तुम्हारी गर्लफ्रेंड है.’’

वह मेरी बेस्ट फ्रेंड है, गर्लफ्रेंड नहीं.’’ अद्वित ने कहा.

ओह, तुम जैसे लड़के की गर्लफ्रेंड न हो, कोई विश्वास नहीं करेगा.’’

अद्वित ने पूछा, ”मेरे जैसा मतलब?’’

तुम्हारे जैसा डैशिंग, हैंडसम, काइंड हार्ट.’’

बस… बस, अब रहने दो. मैं आकाश में उडऩे लगूंगा.’’ अद्वित ने कहा.

अद्वित की बात पर नैंसी हंसी तो अद्वित भी उस के साथ हंसने लगा. अब तक रिहर्सल का समय हो गया था, इसलिए सभी रिहर्सल हाल में आ गए. अद्वित और नैंसी को साथ हंसते देख काव्या को गुस्सा आ गया. वह अद्वित के पास आई तो उस ने कहा, ”हाय काव्या.’’

हाय, तुम्हें प्रिंसिपल मैम बुला रही हैं अद्वित.’’ काव्या ने कहा.

ओके, काव्या, तुम सभी को सेट करो, मैं आ रहा हूं. नैंसी, तुम कुमुद को फोन कर के बुला लो.’’ कहते हुए अद्वित चला गया.

नैंसी कुमुद को फोन कर के अपनी जगह पर आई तो वहां काव्या पहले से बैठी थी. नैंसी के आते ही उस ने कहा, ”तो हो गई तुम्हारी और अद्वित की सेटिंग?’’

क्या?’’ नैंसी चौंकी.

हां, तुम दोनों जिस तरह एकदूसरे के साथ टाइम स्पेंड कर रहे हो, उस से तो सब को यही लग रहा है कि तुम दोनों के बीच कुछ चल रहा है. पर डोंट वरी, तुम टेंशन मत लो, यह अद्वित की पुरानी आदत है. उसे जो अच्छा लगता है, वह बहुत अच्छा लगता है और फिर जब वह उसे छोड़ देता है तो उस की ओर देखता तक नहीं. 

और फिर तुम तो एक भी एंगल से ऐसी नहीं हो कि उसे अच्छी लगो. फिर भी वह तुम्हें भाव दे रहा है, यह बहुत बड़ी बात है. पर उस ने जब भी गर्लफ्रेंड बदली है, मुझे बताया है. क्योंकि सभी जानते हैं कि आज नहीं तो कल उसे मेरे पास ही आना है. यह मैं तुम्हें इसलिए बता रही हूं, क्योंकि तुम बड़ेबड़े सपने न देखने लगो.’’ काव्या ने कहा.

यह सब तुम मुझे क्यों बता रही हो? और तुम चिंता मत करो, मेरे और अद्वित के बीच ऐसा कुछ भी नहीं है. मुझे अच्छी तरह पता है कि अद्वित मेरी जैसी लड़की को कभी पसंद नहीं करेगा. सो डोंट वरी.’’ कह कर नैंसी उठी और रुआंसा चेहरा ले कर बाहर निकल गई. 

रास्ते में उसे कुमुद मिली. उस ने उसे रोका भी, पर नैंसी चली गई. बाहर आ कर नैंसी खूब रोई. रोते हुए वह सोच रही थी कि काव्या सच ही कह रही थी, एक भी एंगल से वह अद्वित के लायक नहीं है. अद्वित ने आज भी उसे गर्लफ्रेंड नहीं कहा था, पर वह बौयफ्रेंड के बारे में जरूर पूछ रहा था. आखिर क्या चल रहा है उस के मन में? क्या वह उसे भी अपनी अन्य गर्लफ्रेंड की ही तरह समझ रहा है? अब उस का अद्वित से दूर रहना ही ठीक हैं.

अद्वित रिहर्सल हाल में वापस आया तो नैंसी उसे दिखाई नहीं दी. वह उस के बारे में कुमुद से पूछ रहा था कि नैंसी आती दिखाई दे गई. कुमुद ने कहा, ”वह देखो, आ रही है नैंसी.’’

नैंसी को आते देख कुमुद उस की ओर बढ़ी तो पीछेपीछे अद्वित भी चल पड़ा. पास पहुंच कर कुमुद ने पूछा, ”नैंसी, तुम रोते हुए बाहर क्यों गई थी?’’

अद्वित नैंसी की ही ओर देख रहा था. नैंसी ने कहा, ”नहीं तो, मैं रो कहां रही थी. वह तो आंख में कुछ पड़ गया था.’’

इतना कह कर नैंसी वहां से चली गई. नैंसी का यह व्यवहार अद्वित को कुछ अजीब लगा. पर वह पूरे मन से रिहर्सल में लग गया. नैंसी भी मन लगा कर रिहर्सल कर रही थी. रिहर्सल पूरा होने पर अद्वित नैंसी की ओर बढ़ा, पर कुछ कहे बगैर नैंसी चली गई. 

शाम हो गई थी. उस दिन अद्वित का मन काफी खिन्न था. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि नैंसी का व्यवहार अचानक बदल क्यों गया था. नैंसी क्यों रो रही थी और उसे इग्नोर क्यों कर रही थी? क्या उस से कोई गलती हो गई थी? कहीं गर्लफ्रेंड वाली बात उसे बुरी तो नहीं लग गई थी? तरहतरह की बातें उस के दिमाग में आ रही थीं. उस ने नैंसी को फोन किया, पर नैंसी ने फोन नहीं उठाया. नैंसी सोने की तैयारी कर रही थी, तभी उस के मोबाइल की नोटिफिकेशन की टोन बजी. उस ने देखा तो अद्वित का मैसेज था— ‘रिहर्सल टाइम 8 एएम.नैंसी सोचने लगी कि इतनी जल्दी तो रिहर्सल कभी हुआ नहीं. फिर उस के मन में आया कि अब फंक्शन में बहुत कम दिन रह गए हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करनी होगी. वह काव्या की कही बात को सोचतेसोचते सो गई.

अगले दिन नैंसी ने कुमुद को फोन किया. उस ने फोन नहीं उठाया तो नैंसी को लगा कि वह निकल गई. नैंसी भी बैग ले कर कालेज के लिए निकल गई. वह रिहर्सल हाल में पहुंची तो उसे वहां कोई दिखाई नहीं दिया. वह जाने के लिए पलटी तो सामने अद्वित खड़ा था. नैंसी ने पूछा, ”अभी और कोई नहीं आया क्या? कोई दिखाई नहीं दे रहा?’’

किसी और को यह टाइम दिया ही नहीं तो दिखाई कहां से देगा.’’

तो फिर मुझे क्यों बुला लिया?

तुम से कुछ बात करनी थी.’’

अभी नहीं, बाद में बात करेंगे.’’ कह कर नैंसी जाने के लिए मुड़ी तो अद्वित ने उस का हाथ पकड़ लिया. नैंसी गुस्से में बोली, ”अद्वित यह क्या है?’’

मैं भी तुम से यही पूछना चाहता हूं कि यह सब क्या है? तुम मेरा फोन नहीं उठाती, मुझे इग्नोर करती हो. आखिर तुम्हें हो क्या गया है?’’ अद्वित ने पूछा.

अपना हाथ छुड़ाते हुए नैंसी ने कहा, ”तुम मेरा हाथ छोड़ो, मुझे कुछ नहीं हुआ है.’’

नैंसी का हाथ छोड़ कर अद्वित ने कहा, ”सौरी, मुझे नहीं पता कि तुम्हारा व्यवहार अचानक क्यों बदल गया है. पर काफी समय से मैं तुम से कुछ कहना चाहता हूं.’’

नैंसी ने वापस लौट कर कहा, ”तुम्हें जो कहना है, जल्दी कहो. मुझे जाना है.’’

मैं तुम से कल बौयफ्रेंड के बारे में पूछ रहा था. उस का पूछने का मुख्य मतलब यह था कि मैं जानना चाहता था कि तुम्हें कैसा बौयफ्रेंड पसंद है. मैं उसी के हिसाब से खुद में बदलाव लाना चाहता हूं. पर तुम तो बौयफ्रेंड की बात सुन कर ही चिढ़ गई. इसलिए मैं ने तुम से कुछ कहा नहीं. सच बात तो यह है कि मेरी बहुत सारी गर्लफ्रेंड रह चुकी हैं. पर पिछले  6 महीने से मैं ने कोई नई गर्लफ्रेंड नहीं बनाई है. 

इधर एक महीने से मेरे मन और मस्तिष्क पर तुम ने कब्जा जमा लिया है. मैं ने अपनी सभी गर्लफ्रेंड की ब्यूटी देख कर डेट की है. पर तुम्हारी इनर ब्यूटी मुझे स्पर्श कर गई. तुम्हारा भोलापन और तुम्हारी सादगी ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया है. तुम्हारे लिए जो फीलिंग्स हुई हैं, वह आज तक किसी के लिए नहीं हुई है नैंसी. मैं तुम्हारा रिसपेक्ट करता हूं. कल से तुम्हारा यह जो ब्यवहार बदल गया है, वह मुझ से सहन नहीं हो रहा है. इसलिए मैं जो तुम से फंक्शन के बाद कहना चाहता था, वह आज ही कह रहा हूं. आई लव यू नैंसी.’’

नैंसी की आंखों में खुशी के आंसू आ गए थे. पर तभी काव्या की कही बात कि तू अद्वित के लायक नहीं है. कहां अद्वित और कहां तू. याद आ गई थी. 

उस ने आंखों के आंसू पोंछ कर अद्वित की ओर पलट कर कहा, ”पर मैं तुम से प्यार नहीं करती.’’ कह कर नैंसी चली गई. 

नैंसी की इस बात से अद्वित की आंखों में आंसू आ गए. वह नैंसी को जाते देखता रहा. नैंसी का व्यवहार अद्वित की समझ में नहीं आ रहा था. वाशरूम में मुंह धोते हुए वह सोच रहा था कि अब वह नैंसी को कनविंस नहीं करेगा. शायद वह नैंसी के लायक ही नहीं है. अब वह नैंसी को टेंशन न दे कर एक अच्छे दोस्त की तरह सपोर्ट करेगा. रिहर्सल हाल में जा कर वह नैंसी को खोजने लगा. नैंसी उसे दिखाई नहीं दी तो उसे लगा कि शायद आज नैंसी नहीं आएगी, पर थोड़ी देर में नैंसी आ कर स्टेज पर बैठ गई. दोनों ने एकदूसरे की ओर देखा. उस के बाद दोनों की नजरें झुक गईं. अद्वित ने रिहर्सल शुरू किया. उस दिन रिहर्सल शाम तक चलता रहा. 

उस दिन डांस का फाइनल हिस्सा हो गया. सभी आराम करने के लिए बैठ गए. अद्वित ने माइक से बताया कि डांस की फाइनल प्रैक्टिस हो चुकी है. कल हम सब का अंतिम दिन है, इसलिए कल फुल डांस की प्रैक्टिस होगी. उस के बाद लास्ट प्रैक्टिस फंक्शन वाले दिन होगी. अगले दिन मिलने की बात कह कर वह चल पड़ा तो सभी उठ कर उस के पीछेपीछे चल पड़े. अगले दिन सभी रिहर्सल हाल में प्रैक्टिस कर रहे थे. पर उस दिन अद्वित का मन नहीं लग रहा था, क्योंकि वह प्रैक्टिस का अंतिम दिन था. नैंसी से रोजाना मिलने का वह अंतिम दिन था. उस के बाद वह फंक्शन के दिन ही मिलने वाली थी, इसलिए अद्वित उसे जी भर कर देख लेना चाहता था. नैंसी के मन में भी कुछ ऐसा ही चल रहा था. पर वह जाहिर नहीं होने देना चाहती थी. 

दोनों एकदूसरे की ओर देख कर भी एकदूसरे को नहीं देख रहे थे. दोनों को एकदूसरे से बात करनी थी, पर नैंसी दिल दबाए बैठी थी और अद्वित नैंसी की नाराजगी की वजह से बात करने नहीं जा रहा था. प्रैक्टिस करतेकरते कब शाम हो गई, पता ही नहीं चला. सभी एकदूसरे को फंक्शन के लिए बेस्ट औफ लक कह कर घर जाने के लिए निकले. अद्वित ने नैंसी को भी बेस्ट औफ लक कह कर कहा कि उस ने उस से जो भी कहा, वह सब वह भूल कर उसे एक अच्छा दोस्त समझे. नैंसी हांकह कर चली गई. 

सभी 2 दिन फंक्शन की व्यवस्था करने में लगे रहे. इस बीच दोनों आमनेसामने पड़ते तो मुसकराते और अपने काम में लग जाते. पलक और माधवी इस पर नजर रख रही थीं. पलक, माधवी, कुमुद और नैंसी काफी दिनों बाद उस दिन कैंटीन में शांति से बैठी थीं. उसी बीच पलक ने पूछा, ”नैंसी, तुम्हारे और अद्वित के बीच कुछ हुआ है क्या?’’

नीचे देखते हुए नैंसी ने कहा, ”नहींकुछ नहीं हुआ.’’

तो सामने पडऩे पर भी बात क्यों नहीं करती?’’ माधवी ने कहा.

सब की ओर देखते हुए नैंसी ने कहा, ”यार, तुम सब भी न. चलो अच्छा, अब देर हो रही है.’’ कह कर नैंसी उठ खड़ी हुई. 

नैंसी का हाथ पकड़ कर बैठाते हुए कुमुद ने कहा, ”इधर कुछ दिनों से मैं देख रही हूं कि जो अद्वित कालेज की जान था, अब वह चुपचुप रहता है. शायद इस का कारण तुम हो. इधर 4-5 दिनों में ऐसा क्या हो गया, जो तुम ने उस से बात करनी बंद कर दी?’’

रोते हुए नैंसी ने पूरी बात बता कर कहा, ”अद्वित को तो तमाम अच्छी लड़कियां मिल जाएंगी, मेरी जैसी डरपोक, बहनजी जैसी लड़की उस के लायक नहीं.’’

यू नो नैंसी, अभी तुम ने अद्वित की लाइफ देखी नहीं. उस के साथ पल भर बिताने के लिए लड़कियां मरती हैं और मुझे लगता है कि वह तुम्हारे साथ समय बिताना चाहता है. अद्वित के लिए तुम जितना स्पैशल हो, कोई दूसरी नहीं. उस की लाइफ मैं ने नजदीक से देखी है, इसलिए कह रही हूं.’’

इतना समझाने के बाद भी अगर तुम्हारी समझ में नहीं आ रहा तो नैंसी यू आर डेफिनेटली फूल. चलो फ्रेंड्स…’’ कह कर पलक खड़ी हो गई.

आंखों में आंसू भरे नैंसी सब को जाते देखती रही.

आखिर वह दिन आ गया, जिस का पूरा कालेज बेसब्री से इंतजार कर रहा था. सभी फंक्शन की तैयारी में व्यस्त थे. नैंसी तैयार हो रही थी, पर वह काफी नरवस लग रही थी. इधरउधर देखते हुए वह अद्वित को खोज रही थी. उस ने कुमुद से भी अद्वित के बारे में पूछा, पर उस ने कोई जवाब नहीं दिया. एक के बाद एक परफारमेंस हो रहे थे. नैंसी तथा उस के ग्रुप के परफारमेंस का समय नजदीक आ रहा था. फिर भी अद्वित का कुछ पता नहीं था. ग्रुप के सभी लोग एकदूसरे से अद्वित के बारे में पूछ रहे थे. नैंसी अद्वित को खोजने नीचे जा रही थी कि तभी सामने से आ रहे अद्वित ने कहा, ”अरे नैंसी, कहां जा रही हो. परफारमेंस का समय हो गया है.’’

तुम कहां थे? तुम्हें कब से खोज रही हूं.’’

अद्वित ने हंस कर कहा, ”मैं तो यहीं था. शायद तुम्हें खोजने में देर हो गई.’’

अद्वित का व्यंग्य नैंसी समझ गई. नीचे देखते हुए उस ने कहा, ”अद्वित, मैं तुम से कुछ कहना चाहती हूं.’’

अद्वित जैसे उस की बात का इंतजार कर रहा हो, इस तरह उतावलेपन में बोला, ”बोलो… बोलो, मैं सुन रहा हूं.’’

अद्वित… अद्वित मैं… आई मीन… तुम… यानी मैं… मैं… आई… आई…’’

नैंसी अपनी बात कह पाती, तभी अद्वित और नैंसी के ग्रुप के परफारमेंस का एनाउंसमेंट हो गया. नैंसी और अद्वित स्टेज की ओर भागे. भागते हुए ही अद्वित ने कहा, ”नैंसी, तुम्हें गाने की शुरुआत करनी है, तुम आगे चलो.’’

अद्वित, मुझे डर लग रहा है.’’

नैंसी का हाथ पकड़ कर अद्वित ने कहा, ”डोंट वरी बी योर बेस्ट, बेस्ट औफ लक.’’

नैंसी स्टेज पर जा कर खड़ी हो गई. आडिएंस उस के गाने की राह देख रहे थे और नैंसी अद्वित की ओर देख रही थी. अद्वित ने उस की ओर देखा तो उस ने गाना स्टार्ट कर दिया. उस के बाद अद्वित के ग्रुप का डांस होने लगा. गाना और डांस के पूरा होते ही हाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा. जिसे देखो वही, नैंसी के गाने की तारीफ कर रहा था. जबकि वह अद्वित को खोज रही थी. भीड़ कम होते ही वह अद्वित की खोज में निकल पड़ी. अंत में खोजतेखोजते वह रिहर्सल हाल के पास पहुंची तो देखा, अद्वित वहां बैठा था. वह भी जा कर उस के पास बैठ गई. अद्वित ने कहा, ”अब बोलो, तुम क्या कहना चाहती थी?’’

अद्वित, आज स्टेज पर जो नैंसी थी, वह एकदम अलग नैंसी थी. तुम ने मुझे पूरी तरह बदल दिया अद्वित. मेरे आत्मविश्वास की एकमात्र वजह तुम हो. तुम्हारा यह उपकार शायद मैं कभी न भूल पाऊं.’’

धीरे से हंसते हुए अद्वित ने कहा, ”तुम ने कैसे मेरा उपकार मान लिया, तुम मुझ से यही कहने आई थी?’’

नहीं, मैं केवल यह कहने नहीं आई थी.’’ मैं तो तुम जो सुनना चाहते हो, वह कहने आई थी. तुम्हें इतने दिनों से परेशान कर रही हूं, उस के लिए सौरी. अद्वित, जो बात आज तक नहीं कह सकी, वह आज कह रही हूं. मैं तुम्हें प्यार करती हूं. जब से पहली बार कालेज में देखा है, तब से करती हूं. पहली नजर में ही मुझे तुम से प्यार हो गया था.’’ नैंसी ने कहा.

नैंसी की ओर देखते हुए अद्वित ने कहा, ”तो फिर उस दिन तुम ने क्यों मना कर दिया था?’’

खड़ी होते हुए नैंसी ने कहा, ”क्योंकि मैं तुम्हारे लायक नहीं.’’

अद्वित ने उसे अपनी ओर घुमा कर कहा, ”तुम यह कैसे डिसाइड कर सकती हो कि तुम मेरे लायक हो या नहीं. तुम्हें पता नहीं, मैं तुम्हारे लिए कितना तड़पा हूं. आज तक किसी ने मुझे रुलाया नहीं, पर तुम ने मुझे रुलाया है.’’ इतना कहतेकहते अद्वित की आंखों में आंसू आ गए.

अद्वित के आंसू पोंछते हुए नैंसी ने कहा, ”आई एम सौरी. पर मैं भी तुम्हारे लिए कम नहीं रोई.’’

नैंसी को सीने से लगा कर अद्वित ने कहा, ”तो अब कह दो न, जिसे सुनने के लिए मैं तड़प रहा हूं.’’

घुटनों पर बैठ कर नैंसी ने कहा, ”सो मी अद्वित, मैं अपनी पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ गुजारना चाहती हूं. बताओ, तुम्हारा क्या विचार है?’’

अद्वित ने भी नैंसी के सामने घुटनों पर बैठ कर कहा, ”आई लव यू.’’

लव यू फारवेयर.’’ नैंसी ने भी कहा.

इस के बाद तो नैंसी और अद्वित की लव स्टोरी कालेज में फेमस हो गई. नैंसी को अब किसी का डर नहीं था. उस ने अद्वित को खुले दिल से स्वीकार कर लिया था. अद्वित ने भी कभी उसे अनकंफर्टेबल फील नहीं होने दिया था. नैंसी अद्वित के साथ रह कर जिंदगी का एकएक पल जीना सीख रही थी. जब भी इस तरह के लवबड्र्स के बारे में सुनने को मिलता है, तब वह कहावत सार्थक लगती है. हम खुशी से कह सकते हैं— ‘लव इज रियली ब्यूटीफुल.

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