love story : डिजिटल जमाने में कालेज के प्रेमीप्रेमिकाओं के लिए ब्रेकअप अब कोई बड़ी बात नहीं रही. इधर कालेज कैंपस छूटा, उधर सारे कसमेवादे खत्म. किंतु केरल की ग्रीष्मा और शेरोन के साथ ऐसा नहीं हो पाया. उन्होंने आपस में जो फैसला लिया, उस से एक को मौत मिली, जबकि दूसरे को फांसी की सजा. कैसे हुआ यह सब? पढ़ें बेवफाई, ब्लैकमेल और बदले की भावना से सराबोर रोंगटे खड़े कर देने वाली मर्डर मिस्ट्री में 24 वर्षीय प्रेमिका का किलर प्लान…

नए साल 2025 का तीसरा शुक्रवार था. उस रोज की तारीख 17 जनवरी शेरोन राज और ग्रीष्मा के फेमिली वालों के लिए खास थी. तिरुवनंतपुरम जिले के नय्याट्टिनकारा के अतिरिक्त सत्र न्यायालय में बहुचर्चित शेरोन हत्याकांड का मुकदमा अंतिम चरण में पहुंच चुका था. इस मामले में महज 24 साल की युवती ग्रीष्मा और उस के चाचा निर्मल कुमारन पर गंभीर आरोप लगे हुए थे. कोर्टरूम सुनवाई शुरू होने से पहले ही खचाखच भर चुका था. दोनों पक्षों के वकील, परिवार, रिश्तेदार, गवाह, दोस्तों के अलावा मीडियाकर्मी और दूसरे लोग भी मौजूद थे.

लोगों के आपस में बातें करने का शोरगुल अचानक तब बंद हो गया, जब पेशकार ने मलयालम भाषा में घोषणा शुरू की, ”अदालत का कार्य शुरू होने वाला है. आप सभी शांत हो जाएं. अपनेअपने मोबाइल फोन स्विच औफ कर दें. किसी भी तरह का इलैक्ट्रानिक डिवाइस कैमरा, रिकौर्डर, हेडफोन, इयरबोट बड या इयरफोन आदि अपने पास नहीं रखें. अपनी सीट पर बैठ जाएं… कुछ समय में ही न्यायाधीश महोदय पधारने वाले हैं. अदालत के अनुशासन और नियमों का पालन करें.’’

इसी घोषणा को अदालत में मौजूद एक क्लर्क ने अंगरेजी में दोहराते हुए हाथ के इशारे से सभी को बैठने का इशारा किया. साथ ही उस ने मौजूद पुलिसकर्मी से भीड़ संभालने का आग्रह किया.

शेरोन के वकील अदालत में पहले हुई सुनवाई के दौरान उस की प्रेमिका ग्रीष्मा पर हत्या का मामला सबित करने के कई सबूत पेश कर चुके थे. इस कारण उस रोज की सुनवाई काफी अहम थी. उस दिन फैसला आने की उम्मीद थी. कुछ सेकेंड में ही सेशन कोर्ट के न्यायाधीश ए.एम. बशीर का आगमन हो गया. कोर्टरूम में बैठे सभी लोग खड़े हो गए. कुरसी पर बैठने के साथ ही उन्होंने हाथ से सभी को बैठने का इशारा किया. पेशकार ने एक बार फिर कहा, ”न्यायाधीश महोदय के आदेशानुसार आज के मुकदमे की सुनवाई शुरू की जाती है, जो मृतक शेरोन राज के परिजन बनाम ग्रीष्मा की है. शेरोन की मृत्यु के आरोपी ग्रीष्मा, उस के चाचा और मम्मी हैं. उन के वकील अपनी दलील पेश करने को तैयार हो जाएं.’’

”आज के मामले के मुख्य आरोपी ग्रीष्मा को कठघरे में बुलाया जाए!’’ जज साहब फाइलें पलटते हुए बोले.

वकीलों ने दिए अपनेअपने तर्क

24 वर्षीय ग्रीष्मा के वकील शालीनता के साथ अपनी सीट से उठे. न्यायाधीश महोदय को अदब के साथ थोड़ा झुक कर अभिवादन किया, फिर अपने मुवक्किल का सधे हुए शब्दों में संक्षिप्त परिचय दिया, ”जनाब, मेरी मुवक्किल ग्रीष्मा एक शिक्षित युवती है. उन्होंने अंगरेजी लिटरेचर से पढ़ाई की है. काफी समझदार हैं. दुनियादारी की समझ है. उन का किसी भी तरह का पुराना आपराधिक रिकौर्ड नहीं रहा है.

”वह अपने मम्मीपापा की इकलौती संतान हैं. उन पर लगाई गई आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 364 (हत्या करने के इरादे से अपहरण), 328 (जान को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जहर देना) और 203 (गलत जानकारी दे कर न्याय में बाधा डालना) के तहत दर्ज किए गए मामले बेबुनियाद हैं. इसलिए जनाब, आप से विनती है कि एक बार फिर से उस पर गौर किया जाए.’’

वकील की इस भावनात्मक अपील के बाद ग्रीष्मा को कठघरे में बुलाने की आवाज लगाई गई, ”मुलजिम ग्रीष्मा कठघरे में हाजिर हो!’’

ग्रीष्मा धीमे कदमों से चल कर कठघरे में आई. उसे गीता पर हाथ रख कर सच बोलने की औपचारिक कसम खिलाई गई. जज साहब सरकारी वकील की ओर मुखातिब हो कर बोले, ”आप को मुलजिम ग्रीष्मा के खिलाफ दिए गए सबूतों की पुष्टि के लिए कुछ पूछना है तो उन से सवाल पूछ सकते हैं.’’

”जी जनाब!’’ यह कह कर मृतक शेरोन राज के फेमिली वालों को मुहैय्या करवाए गए सरकारी वकील वी.एस. विनीत कुमार अपनी सीट से उठ खड़े हुए. मुलजिम से सवाल पूछने से पहले उन्होंने भी मामले पर रोशनी डालते हुए अदालत के सामने कुछ नई अहम जानकारी के साथ आरोपों की बौछार कर दी.

”जनाब! मैं मुलजिम से कुछ सवाल पूछने से पहले इस मामले के बारे कुछ नई बातें भी बताना चाहता हूं, जिस पर अभी तक परदा पड़ा हुआ था. सब से पहली बात तो यह है जनाब कि मुलजिमा जितनी मासूम दिख रही है, उतनी है नहीं. इन के शांत चेहरे के पीछे एक क्रूर और शातिर चेहरा भी छिपा हुआ है. मुलजिम ने अपने प्रेमी शेरोन राज के खिलाफ जो कुछ भी किया पूरी तरह से होशोहवास में सुनियोजित तरीके से किया. उसे अपने हुस्न के जाल में फंसाया, यौन संतुष्टि के लिए अपने घर बुलाया. सैक्स की आड़ ले कर जूस में दर्द की गोलियां काफी मात्रा में घोल कर पिलाने की कोशिश की…’’

”औब्जेशन मी लौर्ड! हमारे मुवक्किल का चरित्र हनन किया जा रहा है. बेबुनियाद बातें की जा रही हैं. उन की निजी जिंदगी पर कीचड़ उछाली जा रही है.’’ ग्रीष्मा के वकील ने बीच में जज महोदय के सामने अपनी शिकायत दर्ज की, लेकिन सरकारी वकील ने यह कह कर अपनी बात जारी रखी कि उन के द्वारा दी जा रही जानकारी का मामले से बहुत ही गहरा ताल्लुक है. इस पर जज महोदय ने उन से अपनी बात जारी रखने को कहा.

जूस में क्यों मिलाईं पेनकिलर की गोलियां

”शुक्रिया जनाब! अब सीधेसीधे मुलजिमा और मृतक शेरोन राज के प्रेम संबंध पर आता हूं. वह तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के एक निजी कालेज में लिटरेचर की पढ़ाई कर चुकी है. वह केरल और तमिलनाडु के बौर्डर पर तिरुवनंतपुरम जिलांतर्गत पारसाला के रहने वाले शेरोन राज से 2021 में तब मिली थी, जब वह उसी कालेज में बीएससी रेडियोलौजी के फाइनल ईयर में थे.

”उन की मुलाकात कालेज आनेजाने के दौरान रास्ते में हुई थी. दोनों के बीच एक साल से ज्यादा समय तक प्रेम संबंध कायम रहे, लेकिन मार्च 2022 में ग्रीष्मा के परिवार ने एक सैन्य अधिकारी से उस की शादी तय कर दी. उस ने इस रिश्ते के लिए हामी भर दी.

”जनाब! वे प्रेमी युगल जरूर थे, लेकिन अलगअलग जातियों के थे. ग्रीष्मा हिंदू में उच्च जाति की नायर परिवार से थी, जबकि शेरोन पिछड़ी जाति के नडार का क्रिश्चियन समुदाय का था. ग्रीष्मा जानती थी कि उन की शादी के लिए उस के परिवार वाले कतई राजी नहीं होंगे.

”शेरोन बेरोजगार भी था. यही कारण था कि ग्रीष्मा शादी तय होते ही प्रेमी शेरोन से दूरी बनाने के साथसाथ उसे मारने की प्लानिंग भी करने लगी थी. फिर एक दिन मुलजिमा ग्रीष्मा ने शेरोन की जहर दे कर हत्या कर दी.’’

इसी के साथ पूरे मामले के घटनाक्रम को सरकारी वकील ने विस्तार से अदालत के सामने प्रस्तुत किया. वह इस प्रकार सामने आया—

ग्रीष्मा और शेरोन के प्रेम संबंध में खलल आने के पीछे न केवल ग्रीष्मा की फेमिली द्वारा तय की गई शादी के लिए भारतीय सेना में नौकरी करने वाले लड़के से उस की सगाई का कारण था, बल्कि एक ज्योतिषी द्वारा की गई उस की शादी को ले कर भविष्यवाणी भी थी. ग्रीष्मा को एक ज्योतिषी ने बताया था कि उस की शादी होने के साथ ही उस के पति की मृत्यु हो जाएगी. इसी भविष्यवाणी से ग्रीष्मा घबरा कर अंधविश्वास से घिर गई थी. उस ने इस बारे में अपनी मम्मी से जिक्र किया. यह जान कर मम्मी भी परेशान हो गई. इस से बचाव के उपाय के लिए मम्मी ने अनुष्ठान आदि का सहारा लिया, जबकि ग्रीष्मा ने ही एक योजना बनाई.

उस ने जो योजना बनाई थी, उस के बेहद खतरनाक नतीजे आने की आशंका थी. फिर भी उसे ज्योतिषी की भविष्यवाणी की यही काट सही लगी और उस प्लान को कार्यरूप देने के लिए अपने फेमिली वालों की भी सहमति ले ली. जैसे ही ग्रीष्मा ने अपनी शादी तय होने की बात प्रेमी शेरोन से की, वह बिफर गया. तुनकते हुए उस ने कहा, ”ऐसा कैसे? यह नहीं हो सकता! मैं तुम से प्यार करता हूं. मैं तुम से शादी करूंगा. बस, मेरी पढ़ाई पूरी जाए.’’

”लेकिन मेरे फेमिली वालों को नौकरी वाला दामाद चाहिए!’’ ग्रीष्मा बोली.

”तुम्हें क्या लगता है कि मुझे नौकरी नहीं मिल सकती? अरे, मेरी पढ़ाई किसी प्रोफेशनल कोर्स से कम है? रेडियोलौजिस्ट की नौकरी तो मिल ही जाएगी!’’ शेरोन बोला.

”मेरी बात समझने की कोशिश करो. मैं अपने मम्मीपापा की इकलौती संतान हूं. उन के भी कुछ अपने अरमान हैं.’’ ग्रीष्मा ने समझाने की कोशिश की.

”…और मेरे अरमानों का क्या होगा? मेरे सपनों का क्या होगा, जो हम ने मिल कर देखे थे. नहींनहीं, मैं ने कोई फिल्मी लव नहीं किया है, जो ब्रेकअप के जश्न के साथ दफन कर दिया जाए.’’ शेरोन भावुक हो गया था.

”चलो ठीक है, ठीक है! मैं तुम्हारी भावना को समझ सकती हूं…मैं एक बार फिर अपनी मां से बात कर के देखती हूं. तुम अपनी जन्मकुंडली देना, अपनी कुंडली से मिलवाऊंगी. देखती हूं हमारेतुम्हारे कितने गुण मेल खाते हैं?’’

”मैं कुंडली मिलान को अंधविश्वास समझता हूं. क्या हम ने प्रेम कुंडली मिला कर किया था?’’ शेरोन ने तर्क दिया.

दरअसल, ग्रीष्मा अपने फेमिली वालों द्वारा तय की गई शादी की वजह से शेरोन से संबंध तोडऩा चाहती थी, जिस के लिए प्रेमी कतई तैयार नहीं था. उस ने बातों ही बातों में कह दिया था कि उस की कुछ तसवीरें हैं, जिस से उस की तय हुई शादी टूट सकती है या भविष्य में शादीशुदा जिंदगी खराब हो सकती है. ग्रीष्मा ने महसूस किया कि शेरोन उसे ब्लैकमेल करना चाहता है. इस से बचाव के लिए उस ने कुंडली मिलान की बात की थी, लेकिन पहले ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाई. उस की भविष्यवाणी का ग्रीष्मा पर गहरा असर हुआ और उस के दिमाग में योजना कौंध गई थी.

दूसरी तरफ उस ने पाया कि शेरोन उस से बेइंतहा मोहब्बत करता है. इन दोनों बातों को ले कर ग्रीष्मा के दिमाग में खलबली मची हुई थी.

उस ने शेरोन को वाट्सऐप मैसेज भेज दिया, ”कल दिन में मिलो!’’

जवाब आया, ”कहां?’’

”मंदिर में…बढिय़ा सी माला और मिठाई ले कर आना. नए कपड़ों में आना.’’

”क्यों?’’

”शादी करनी है.’’

”मम्मीपापा मान गए?’’

”उन की छोड़ो, मैं जो कह रही हूं वह सुनो. उन को बाद में मैं मना लूंगी.’’

ग्रीष्मा और शेरोन के बीच इस तरह के वाट्सऐप संदेशों का आदानप्रदान अक्टूबर 2024 को हुआ था. ज्योतिषी की बातों ने क्यों घुमा दिया प्रेमिका का दिमाग ग्रीष्मा अपने ज्योतिषीय भविष्यवाणी के बारे में शेरोन को भी बता चुकी थी. शेरोन ने उसे अंधविश्वास बताते हुए चुनौती के तौर पर लिया और गलत साबित करने के लिए ग्रीष्मा की योजना के अनुसार प्रतीकात्मक शादी करने के लिए तैयार हो गया. उन्होंने निर्धारित तारीख को वेट्टुकाडु चर्च में शादी कर ली. ग्रीष्मा ने शेरोन के नाम का सिंदूर भी लगाया. शेरोन खुश हो गया था कि ग्रीष्मा ने प्रतीकात्मक ही सही, शादी तो कर ली. इसे आधार बना कर आने वाले दिनों में उस के मम्मीपापा को सार्वजनिक शादी के लिए राजी कर लेगा.

दोनों ने साथ में सेल्फी ली. मोबाइल में सेल्फी देखते हुए शेरोन ने मजाक किया, ”शादी तो हो गई, हनीमून कब मनाया जाए?’’

उस के मजाक का जवाब ग्रीष्मा ने मजाक में ही दिया, ”जब तुम चाहो, लेकिन..?’’

”लेकिन क्या?’’ शेरोन ने सवाल किया.

”कुछ दिन ठहरो, अगले हफ्ते मम्मीपापा बाहर जाने वाले हैं. फिर हम लोग वहीं मिलेंगे.’’

”यह भी ठीक है. चलो, इसी खुशी में कुछ खातेपीते हैं.’’

”तुम यहीं ठहरो, मैं कुछ खाने के लिए ले कर आती हूं.’’ कहती हुई ग्रीष्मा पास के मार्केट में चली गई. लौटी तो उस के हाथ में 2 बड़ी बोतलों में जूस था.

”2 बोतल जूस!… और खाने के लिए…’’ शेरोन चौंकता हुआ बोला.

”आज इसी से पेट भरना है. समझो, यह हमारी शादी की खुशी की शैंपेन है!’’ ग्रीष्मा बोली.

”वाह! क्या कहने हैं तुम्हारी सोच और खुशियां बांटने के तरीके का…लाजवाब!’’ ग्रीष्मा की तारीफ करते हुए शेरोन ने जूस की बोतल लेने के लिए हाथ बढ़ाया.

”मेरी एक शर्त है.’’ ग्रीष्मा एक बोतल का ढक्कन खोल कर उसे देती हुई बोली.

”कौन सी शर्त?’’

”हमें एक साथ जूस पीना होगा. देखती हूं कि कौन पहले बोतल खत्म करता है.’’ ग्रीष्मा बोली और अपनी बोतल का ढक्कन खोलने लगी.

”ओके माई डार्लिंग!’’ कहते हुए शेरोन ने तुरंत बोतल को मुंह में लगा लिया.

किंतु यह क्या, कुछ घूंट मुंह में लेते ही ‘थू…थू…’ करने लगा. कुछ सेकेंड रुक कर बोला, ”कहां से इसे खरीदा, एकदम कड़वा है. नकली लगता है या फिर इस की डेट एक्सपायर हो चुकी है.’’

”नहींनहीं, ऐसा नहीं हो सकता, मैं ने तो एक्पायरी डेट देख कर लिया. नकली हो सकता है. लाओ, इसे वापस लौटा कर दूसरा लाती हूं.’’ ग्रीष्मा बोली.

शेरोन काफी समय तक थूथू करता रहा. बोला, ”मुंह का स्वाद ही बिगड़ गया. कुछ भी खानेपीने का मन नहीं कर रहा है.’’

”चलो, कहीं कौफी पीने चलते हैं.’’ ग्रीष्मा बोली.

”नहीं रहने दो, मन नहीं कर रहा. कमरे पर चलता हूं. थोड़ा आराम करूंगा.’’

दोनों उस रोज जल्द मिलने का वादा कर अपनीअपनी राह चल दिए. जातेजाते ग्रीष्मा बोली, ”हम लोग आगे वाट्सऐप पर चैटिंग करेंगे. कभी भी काल मत करना.’’

”ओके!’’ कहते हुए शेरोन ने विदा ली. किंतु 2 दिनों तक ग्रीष्मा का कोई मैसेज नहीं आया, तब शेरोन ने ही ‘हाय, कैसी हो?’ करता हुआ छोटा सा मैसेज भेज दिया.

तुरंत उस का जवाब आ गया, ”अच्छी हूं. अभी थोड़ी बिजी हूं. आगे की योजना बताती हूं. अपना खयाल रखना.’’

ग्रीष्मा के इस मैसेज से शेरोन के दिल को तसल्ली मिली. जल्द ही एक और मैसेज आ गया. उस ने 14 अक्तूबर को अपने घर पर बुलाया था. साथसाथ चलते रहे साजिश और प्यार शेरोन ग्रीष्मा के घर दिन में पहुंच गया. उसे ऐसा महसूस हुआ, जैसे ग्रीष्मा उस के आने का इंतजार कर रही हो. गले मिली. बैठने के लिए अपने कमरे में ले जाने लगी. घर में सन्नाटा था. पूछा, ”यहां और कोई नहीं है?’’

”अभी नहीं, कल ही लोग एक रिश्तेदारी में गए हैं. वहां एक फंक्शन है… मेरे लिए क्या लाए हो?’’ ग्रीष्मा चहकती हुई बोली.

”लाया हूं न, रवा लड्डू! तुम्हारी पसंद की स्वीट!’’ शेरोन बोला और अपना बैग खोलने लगा.

”नय्यप्पम नहीं लाए..!’’

”वह भी लाया हूं.’’

”अच्छा, तुम मेरा कितना खयाल रखते हो.’’ ग्रीष्मा तारीफ करते हुए बोली.

”तुम ने सिंदूर नहीं लगाया?’’ शेरोन अचानक उस की सूनी मांग देख कर बोला.

”यहां घर में कैसे लगा सकती हूं. हम ने छिप कर शादी की है. किसी को हमारे रिश्ते के बारे नहीं मालूम है.’’ ग्रीष्मा ने कहा.

”लेकिन मैं तो तुम्हारी मम्मीपापा को यही बताने आया था.’’ शेरोन बोला.

”पागल हो क्या? अभी उन्हें कुछ नहीं बताना है. घर में हंगामा हो जाएगा. मैं धीरेधीरे उन्हें मनाने की कोशिश कर रही हूं. तुम सिर्फ कहीं जौब पाने की कोशिश करो. फिलहाल तो अपनी शादी टालना चाहती हूं.’’

”उस से क्या होगा? एक न एक दिन तो हमारे रिश्ते के बारे में खुल कर बताना होगा.’’ शेरोन बोला.

”तुम मुझे समझने की कोशिश करो. हम दोनों की जाति अलगअलग है. परिवार तो क्या पूरा समाज हमारा दुश्मन बन सकता है. तुम्हें या मुझे कोई जौब मिल गई, तब हम लोग अपनी नई जिंदगी शुरू कर सकते हैं…और हां, तुम ने मोबाइल से सारे फोटो डिलीट किए या नहीं?’’

”हांहां कर दिए.’’ शेरोन बोला.

”कहां किए, दिखाओ अपना मोबाइल.’’ ग्रीष्मा बोली. शेरोन ने अपना मोबाइल उस की ओर बढ़ा दिया.

”इस का पासवर्ड बताओ. गैलरी खोलो.’’ ग्रीष्मा बोली.

”तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है…यह देखो.’’ शेरोन ने अपने मोबाइल की फोटो गैलरी खोल कर खाली जगह दिखा दी.

”अरे बात वह नहीं है, मेरी तुम्हारे साथ की एक भी फोटो कहीं लीक हुई, तब समझो मुझ पर शामत आ जाएगी.’’

”ग्रीष्मा की अंगुलियां शेरोन के मोबाइल पर सरकने लगीं. उस की फोटो गैलरी से ले कर मैसेजिंग ऐप की गैलरी तक को सर्च कर लिया, जब वहां उस की एक भी फोटो और वीडियो नहीं मिली, तब आश्वस्त हो गई. किचन में चली गई. कुछ समय में ही एक गिलास में कुछ पीने के लिए ले कर आई.

”ये लो आरेंज जूस! मैं ने तुम्हारे लिए ताजा तैयार किया है. मीठा है, उस रोज की तरह कड़वा नहीं है.’’ ग्रीष्मा प्यार से बोली.

”इतने प्यार से दे रही हो तब क्या कड़वा और क्या मीठा!…तुम भी मेरे हाथों से ट्रेडिशनल नेय्यप्पम खाओ… चावल का आटा, गुड़ और नारियल में बहुत टेस्टी है. मेरी मां ने घी में बनाया है.’’ शेरोन बोला.

”हांहां खिलाओ!’’ कह कर ग्रीष्मा ने अपना मुंह शेरोन के सामने खोल दिया. वह पूरा नेय्यप्पम ग्रीष्मा के मुंह में डालने लगा.

”अरे, यह तो बहुत बड़ा है, पूरा मुंह में नहीं आएगा. एक बाइट लूंगी.’’ ग्रीष्मा बोली और नेय्यप्पम पाइसम के एक टुकड़े को अपनी दांतों से काट लिया. बचे नेय्यप्पम को उस ने शेरोन के मुंह में ठूंस दिया. शेरोन उसे तुरंत मुंह में ले कर चबाने लगा. भरे मुंह में ही गिलास के जूस की एक घूंट पी लिया.

”कैसा है जूस?’’ ग्रीष्मा ने पूछा.

”अभी तो नेय्यप्पम के स्वाद में मिल गया है, पता नहीं चला.’’

”सादा पानी दूं क्या?’’ ग्रीष्मा बोली.

”नहींनहीं, प्यास नहीं है. इसे ही पीता हूं.’’ शेरोन एक झटके में कई घूंट जूस पी गया. स्वाद कुछ अजीब सा लगा. उसे कुछ समझ में नहीं आया. बोला, ”इस की मिठास अलग तरह की क्यों है?’’

”शायद नेय्यप्पम के साथ आरेंज का बीज दांतों के बीच आ गया हो.’’ ग्रीष्मा बोली.

”हो सकता है.’’ कहते हुए शेरोन गिलास का पूरा जूस पी गया.

”तुम्हें हमेशा पीठ दर्द की शिकायत रहती है, इसलिए मैं ने तुम्हारे लिए खास तरह का जूस बनाया है. इसे तुम हर्बल काढ़ा भी कह सकते हो, जिस से तुम्हें पीठ दर्द में राहत मिलेगी. थोड़ा कसैला जरूर लगेगा, लेकिन फायदेमंद है.’’ ग्रीष्मा बोली.

”मुझे लगता है थोड़ा आराम करना चाहिए.’’ शेरोन बोला.

”ठीक है, लेकिन ध्यान रखना नींद नहीं आने पाए.’’ ग्रीष्मा बोली और खाली गिलास ले कर किचन में चली गई और खाना पकाने का इंतजाम करने लगी.

कुछ समय में ही शेरोन भी वहां आ गया. उस की चाल थोड़ी लडख़ड़ाई हुई थी. बोला, ”डार्लिंग, मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है. मैं अपने घर जाना चाहता हूं.’’

”क्यों क्या हुआ? कैसा फील हो रहा है? दर्द है क्या?’’

”अरे, कोई खास नहीं, बस मैं सोना चाहता हूं.’’ शेरोन बोला.

”अकेले चले जाओगे? कहो तो तुम्हें घर छोड़ दूं.’’

”चला जाऊंगा. सिर्फ आटो बुलवा दो.’’

”ठीक है, मुझे लगता है कि तुम थके हुए हो. कुछ परेशानी हो तो मैसेज कर देना.’’

उस के बाद शेरोन वहां से अपने घर की ओर निकल पड़ा. उस रोज 14 अक्तूबर 2022 की तारीख थी. किसी तरह शेरोन अपने घर तो पहुंच गया, लेकिन उसे कई उल्टियां हुईं. इस बारे में उस ने ग्रीष्मा को मैसेज लिखा. तबीयत बिगडऩे पर उसी रोज उस का भाई शिमोन राज उसे परसाला सरकारी अस्पताल ले गया. वह एक आयुर्वेदिक डाक्टर था.शेरोन के डाक्टर भाई को क्यों हुआ शक शेरोन की हालत देख कर पहले तो उस ने अपच आदि की समस्या समझा, किंतु उल्टियों की दुर्गंध से कुछ गलत पदार्थ खानेपीने का संदेह हुआ. शेरोन की हालत बिगड़ती जा रही थी.

सरकारी अस्पताल से उसे तिरुवनंतपुरम मैडिकल कालेज रेफर कर दिया गया. हालांकि उस के खून जांच आदि के नमूने ले कर उसे घर भेज दिया गया. अगले रोज 15 अक्तूबर, 2022 को शेरोन की तबीयत और बिगड़ गई और उसे तिरुवनंतपुरम मैडिकल कालेज अस्पताल में फिर से भरती होने से पहले कई अस्पतालों में ले जाया गया. आखिरकार, उसे आईसीयू में भरती कराया गया.

तब तक हुई कई जांचों की रिपोर्ट भी आ चुकी थीं. उस की तबीयत दिनप्रतिदिन बिगड़ती ही चली गई. इस दौरान उस ने एक बूंद पानी तक नहीं पीया. 25 अक्तूबर को कार्डियक अरेस्ट का झटका आया और उस की मौत हो गई. इलाज करने वाले डाक्टरों ने इस का कारण अंगों का फेल होना बताया.
उस की मौत होने पर शेरोन के फेमिली वाले विचलित हो गए. उन्होंने इस का सीधा आरोप ग्रीष्मा पर लगाया. उस के भाई ने कहा कि शेरोन बीमार होने से पहले ग्रीष्मा के पास गया था. उन्होंने कहा कि उस के भाई की एक सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है.

शेरोन के पेरेंट्स जयराम और प्रिया ने इस की परसाल के थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. 30 अक्तूबर को जांच क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम को सौंप दी गई. पुलिस ने जांच के सिलसिले में ग्रीष्मा को 31 अक्तूबर, 2022 को गिरफ्तार कर लिया. उस के बाद उस की मम्मी और चाचा को भी गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर हत्या की साजिश रचने में शामिल होने का आरोप लगाया गया. तीनों से गहन पूछताछ हुई और ग्रीष्मा करीब एक साल तक जेल में रही. केरल हाईकोर्ट ने 25 सितंबर, 2023 को उसे जमानत दे दी. मरने से पहले शेरोन ने पुलिस को बयान दिया था कि ग्रीष्मा ने उसे हर्बल काढ़ा दिया था. उसे पीने के कुछ समय बाद ही कई उल्टियां हुईं.

बाद में जांच में सामने आया कि ग्रीष्मा ने अपने प्रेमी को धीमा जहर दे कर मारा था. ग्रीष्मा ने ऐसा करने से पहले गूगल पर सर्च किया था और पूरी रिसर्च की थी. शेरोन को कैसे मारा जाए, इस का उस ने पूरा प्लान बनाया था. ये सब पुलिस की जांच में सामने आया है. ग्रीष्मा ने अपने प्रेमी शेरोन राज को मारने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया था. उस ने गूगल पर ढूंढा कि पैरासिटामोल और खरपतवारनाशक यानी हर्बिसाइड पैराक्वाट को किस तरह से इस्तेमाल किया जाए कि वह मानव शरीर पर एक धीमे जहर की तरह असर करे. उस वक्त ग्रीष्मा ने यह नहीं सोचा था कि ये सब डाटा गूगल पर रिकौर्ड हो रहा है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शेरोन की मौत का कारण सामने आया. इस रिपोर्ट के मुताबिक शेरोन की मौत उस के दोनों फेफड़ों के फेल होने के कारण हुई थी. फोरैंसिक एक्सपर्ट ने बताया कि खरपतवारनाशक जहर मानव शरीर पर इस तरह ही असर करता है. जहर के कारण शेरोन के पीनस से रक्त रिसाव हो रहा था और शेरोन के पूरे शरीर में भयंकर दर्द हो रहा था. सरकारी वकील द्वारा शेरोन मर्डर केस की विस्तृत जानकारी सुनने के बाद न्यायाधीश ए.एम. बशीर ने पूरी रिपोर्ट पर गहन अध्ययन के बाद ग्रीष्मा को दोषी करार दिया. मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी, 2025 को हुई.

सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि गूगल क्लाउड ने घटना से जुड़ा डाटा जमा कर लिया था. कोई भी व्यक्ति बिना सबूत छोड़े घटनास्थल से नहीं जा सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह हत्या बेहद क्रूर तरीके से की गई थी. आरोपी ने इस हत्या को अंजाम देने के लिए एक प्लान तैयार किया था. इस के लिए उस ने कई दिनों तक पूरी बारीकी से काम किया. उस ने इंटरनेट पर अलगअलग तरह के जहर के बारे में रिसर्च किया. साथ ही यह भी ध्यान में रखा कि कौन सा जहर मानव शरीर पर किस तरह से असर करता है.

कोर्ट के डाक्यूमेंट के अनुसार, ग्रीष्मा ने जहर के बारे में गूगल पर रिसर्च की थी. उस के खेती करने वाले अंकल ने घर पर कपिक खरपतवारनाशक रखा था. जिसे ग्रीष्मा ने एक आयुर्वेदिक काढ़े ‘कषायम’ में मिला कर शेरोन को पिला दिया था. कोर्ट ने देखा कि ग्रीष्मा ने शेरोन को मारने की तैयारी करते हुए भी, उसे प्रेम भरे मैसेज करना नहीं छोड़ा. शेरोन को जहरीला काढ़ा पीने के बाद लोकल अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे गवर्नमेंट मैडिकल कालेज, तिरुवनंतपुरम शिफ्ट कर दिया गया था. वहां के डाक्टर शेरोन की बीमारी का कारण पता नहीं लगा पा रहे थे.

उन्होंने देखा कि शेरोन की दोनों किडनियां फेल हो गई थीं. खरपतवारनाशक ने शेरोन के शरीर में कोई अवशेष नहीं छोड़े थे. इस कारण डाक्टर को शेरोन के खून में जहर के निशान भी नहीं मिले. मामले की काररवाई में यह पाया गया कि ग्रीष्मा ने अपने बौयफ्रेंड शेरोन राज को आयुर्वेदिक काढ़े में खरपतवारनाशक मिला कर पिलाया था. इस खरपतवारनाशक ने धीमे जहर की तरह शेरोन की सेहत पर असर करना शुरू किया. जिस के कारण काढ़ा पीने के ठीक 11 दिन बाद शेरोन की अस्पताल में मौत हो गई थी.

यही नहीं शेरोन के मम्मीपापा बारबार ग्रीष्मा से पूछते रहे कि उस ने उसे क्या पिलाया था, लेकिन उस ने कुछ भी बताने से इनकार करती रही. शेरोन को मारने के लिए ग्रीष्मा पहले भी कोशिश कर चुकी थी. तब वह नाकामयाब रही. उस ने जूस के एक गिलास में 50 पेनकिलर की गोलियां मिलाई थीं और शेरोन को वह जूस पीने की चुनौती दी थी. हालांकि जूस के कड़वा होने के कारण शेरोन ने उसे पीने से मना कर दिया था. इस कारण वह उस वक्त मरने से बच गया.

वैज्ञानिक सबूतों ने दी केस को मजबूती

रिपोर्ट के मुताबिक, मामले के बारे में काढ़े में जहर मिलने की शंका सब से पहले शेरोन के आयुर्वेदिक डाक्टर भाई शिमोन राज को हुई. जब उन्हें पता चला कि शेरोन ने ग्रीष्मा के घर कषायम पीया था, तब उन्होंने ग्रीष्मा से काढ़े में डाली गई सामग्री के बारे में पूछा, किंतु ग्रीष्मा ने उन्हें दवाई का नाम नहीं बताया था. उस ने कहा कि वो ये दवाई कमरदर्द होने पर लेती है. यह डाक्टर की बताई हुई दवाई है. हालांकि, शिमोन ने बताया कि ग्रीष्मा की यह सभी बातें झूठी निकलीं.

पुलिस की जांच रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीष्मा शेरोन को 2021 में मिली. वे दोनों एकदूसरे को पसंद करते थे. इस बारे में उन दोनों के फेमिली वालों को खबर नहीं थी. फेमिली वालों ने 2022 में ग्रीष्मा की एक फौजी से सगाई कर दी थी. फिर भी ग्रीष्मा शेरोन से मिलती रही. कुछ वक्त बाद ग्रीष्मा को फौजी के साथ रहने के फायदे दिखने लगे और यहीं से उस ने शेरोन को छोडऩे का मन बना लिया.

मजिस्ट्रैट के सामने अपने बयान में शेरोन ने ग्रीष्मा का नाम लेते हुए बताया था कि उस ने ग्रीष्मा द्वारा दी गई हर्बल दवा पी थी. चूंकि उसे ग्रीष्मा की हरकत पर संदेह था, इसलिए उस ने पीने से पहले उस का वीडियो भी रिकौर्ड किया था. बाद में फोरैंसिक विश्लेषण ने काढ़े में कीटनाशक की मौजूदगी की पुष्टि की, आगे की जांच के दौरान ग्रीष्मा की भूमिका के सबूत मिले. वैज्ञानिक साक्ष्यों ने अभियोजन पक्ष के दावे का समर्थन किया. पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर ग्रीष्मा ने अपराध कुबूल कर लिया था. उस की मम्मी सिंधु और उस के चाचा निर्मलकुमारन नायर सबूत नष्ट करने के आरोपी पाए गए. ग्रीष्मा ने पुलिस हिरासत में आत्महत्या का प्रयास भी किया था, जिसे अदालत ने जवाबदेही से बचने का एक नाटकीय प्रयास बताया.

केरल से बाहर मुकदमा चलाने की आरोपी की याचिका को हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद पुलिस ने 25 जनवरी, 2023 को मामले में चार्जशीट दाखिल की. मुकदमा 15 अक्तूबर, 2024 को शुरू हुआ और 3 जनवरी, 2025 को समाप्त हुआ. विशेष सरकारी अभियोजक वी.एस. विनीत कुमार ने इस मामले में ग्रीष्मा के चाचा निर्मलकुमारन नायर और उस की मां पर लगे आरोप साबित कर दिए. इस तरह से बनी कुल 586 पन्नों की रिपोर्ट में ग्रीष्मा पर आईपीसी के तहत कई आरोप लगाए गए, जिन में धारा 302 (हत्या), धारा 364 (हत्या करने के इरादे से अपहरण), धारा 328 (जान को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जहर देना), धारा 203 (गलत जानकारी दे कर न्याय में बाधा डालना था).

न्यायाधीश ने कहा कि ग्रीष्मा ने ऐसा समय चुना, जब उस का परिवार बाहर था और उस ने जहर इस तरह से दिया कि उस का पता लगाना मुश्किल हो गया. उस ने हत्या का प्लान सावधानीपूर्वक बनाया था. शेरोन को धोखा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए हर अवसर का लाभ उठाया कि उस की हरकतें छिपी रहें. यह जहर दे कर हत्या करने का मामला है, इसलिए ग्रीष्मा ने इसे बहुत ही गोपनीयता से अंजाम दिया. शेरोन ने जांच अधिकारियों को बताया था कि ग्रीष्मा ने उसे सैक्स के लिए वहां बुलाया था. उस ने कल रात लंबी काल कर के अपनी मुलाकात के बारे में उसे आश्वस्त किया था. उस ने गुप्त उद्ïदेश्य से उसे विश्वास में लिया. अपराध करने की उस की तैयारी गुप्त और धोखे भरी थी.

अदालत ने इसे ‘रेयरेस्ट औफ द रेयर केस’ कहते हुए दोषी ग्रीष्मा को फांसी की सजा सुना दी. अदालत ने इस हत्या को ‘बेहद क्रूर, अमानवीय और घिनौना’ बताते हुए कहा कि इस ने समाज के सामूहिक विवेक को झकझोर दिया है. दोषी ग्रीष्मा पर साढ़े 3 लाख रुपए का जुरमाना भी लगाया. ग्रीष्मा ने सजा में नरमी के लिए अपनी एजुकेशन की उपलब्धियों, पूर्व में आपराधिक रिकौर्ड न होने और मम्मीपापा की इकलौती संतान होने का हवाला दिया, किंतु फैसले में अदालत ने कहा कि आरोपी की सामाजिक पृष्ठभूमि, पारिवारिक परिस्थितियों, उम्र, आपराधिक रिकौर्ड न होने और उस के अच्छे आचरण को ‘दुर्लभतम मामलों’ की श्रेणी से बाहर करने के लिए सहायक नहीं माना जा सकता.

हालांकि, सजा को ले कर ग्रीष्मा हाईकोर्ट में इस फैसले को चैलेंज कर सकती है. ग्रीष्मा केरल में मृत्युदंड पाने वाली दूसरी और सब से कम उम्र की महिला है और राज्य में मौत की सजा पाने वाली 40वीं दोषी है. निर्मलाकुमारन नायर (ग्रीष्मा के चाचा) को भी 3 साल कैद की सजा सुनाई गई. हालांकि अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने ग्रीष्मा की मम्मी को इस मामले में बरी कर दिया.

कब किसे मिली मौत की सजा

ग्रीष्मा केरल की अगर सब से कम उम्र की मौत की सजा पाने वाली युवती है तो उस से पहले भारत में 2 महिलाओं को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. उन में एक रतनबाई है, जिसे साल 1955 में फांसी दी गई थी. उसे यह सजा 3 लड़कियों की हत्या के आरोप में दी गई थी. दरअसल, रतनबाई ने पति के साथ अवैध संबंधों के शक में तीनों लड़कियों की हत्या की थी. जिस के बाद कोर्ट के फैसले पर उसे जनवरी 1955 में उसे फांसी की सजा दी गई थी. इस के अलावा 2008 में मुरादाबाद की शबनम वो दूसरी युवती थी, जिसे मौत की सजा दी गई थी. शबनम को 2008 में अपने परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था.

जानकारी के मुताबिक शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिल कर इस हत्या को अंजाम दिया था. उस वक्त राष्ट्रपति ने भी उस की दया याचिका को खारिज कर दिया था.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

 

 

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