Love Crime : कई युवक किसी खूबसूरत लड़की से एकतरफा मोहब्बत करने लगते हैं, जबकि वह लड़की उन की छोटीमोटी हरकतों को सामान्य सी बात समझ कर इग्नोर कर देती है. लेकिन कभी सामान्य सी यह बात जान की दुश्मन बन जाती है. सुप्रिया के साथ भी यही हुआ

टना इंदौर के एमआईजी थाना क्षेत्र की है. 13 सितंबर को रात के करीब 10 साढ़े 10 बजे का वक्त था. उस समय इंदौर की सांघी नगर कालोनी की सड़कों पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक था. सड़क पर चल रहा हर कोई एकदूसरे से आगे निकलने की जल्दबाजी में नजर रहा था लेकिन उन सब के बीच एक शख्स एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के बाहर चुपचाप खड़ा था. वह वहां किस उद्देश्य से खड़ा था, कोई नहीं जानता था. लेकिन उस के हावभाव और बेताब निगाहों को देख कर इतना अनुमान तो लगाया ही जा सकता था कि वह किसी खास मकसद से किसी को तलाश रहा है.

उस युवक का नाम था कमलेश साहू और वह मूलरूप से सागर जिले का रहने वाला था. कमलेश कोठारी मार्केट के एक प्रतिष्ठित होटल में काम करता था. वहां खड़े हो कर वह सुप्रिया जैन नाम की युवती का इंतजार कर रहा था, जो मध्य प्रदेश के ही गुना जिले की रहने वाली थी. सुप्रिया इंदौर में एक साप्ताहिक अखबार में नौकरी करती थी. कमलेश साहू का इंतजार जल्द खत्म हो गया. सुप्रिया एक युवक के साथ एक्टिवा स्कूटर पर आती दिखी. उस युवक को देख कर कमलेश के चेहरे पर शिकन गई. जब सुप्रिया युवक से विदा होते समय हंसहंस कर बातें कर रही थी तो कमलेश के दिमाग में कई तरह के प्रश्न उठ रहे थे

युवक के चले जाने के बाद सुप्रिया मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में दाखिल हो गई. इस बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 208 में वह अपने भाई संजय के साथ रहती थी. बिल्डिंग में दाखिल होने के बाद सुप्रिया कुछ ही सीढि़यां चढ़ी थी कि अचानक उसे कुछ याद गया तो वह वापस बाहर सड़क पर गई. यह देख कर वहां से जा रहे कमलेश के कदम रुक गए. वह सुप्रिया को देखने लगा. सुप्रिया जब वापस लौट कर अपनी बिल्डिंग में दाखिल हुई, तो अचानक कमलेश को जाने क्या सूझा कि वह फुरती से सुप्रिया की तरफ बढ़ा और झपट्टा मार कर उस के बाल और हाथ पकड़ कर उसे बाहर खींच लियासुप्रिया ने उस से खुद को छुड़ाने की काफी कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सकी.

इंदौर के विजयनगर का क्षेत्र कोचिंग करने आए युवकयुवतियों से भरा रहता है. यहां रहने वाले अधिकांश लड़केलड़कियों के बीच दोस्ती होती है. कई का आपस में चक्कर भी चलता रहता है, इसलिए वे कभीकभी झगड़ भी पड़ते हैं. आए दिन उन के आपस के झगड़े देखने को मिल जाते हैं, इसलिए सुप्रिया कमलेश की लड़ाई को देखने के बाद भी लोग अनदेखा कर वहां से गुजरते रहे. इसी बीच 2 बाइक सवार युवक भी यह तमाशा देखते हुए आगे बढ़ गए. लेकिन कुछ दूर जाने पर उन्हें लड़की के चीखने की आवाज सुनाई दी तो वे वापस लौट आए और सुप्रिया के साथ झगड़ा कर रहे कमलेश को रोकने के लिए आगे बढ़े

कमलेश अपने साथ दरांत लाया था. दोनों युवकों को देख कर उस ने चमकीला दरांत दोनों युवकों की ओर लहराया तो वे दोनों वहां से भाग गए और कुछ दूर जा कर दरजन भर युवकों को इस मामले की खबर दे दी. इस के बाद पूरी भीड़ सुप्रिया को बचाने के लिए दौड़ी. लेकिन कमलेश के हाथ में हथियार देख कर किसी की भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई. कमलेश सुप्रिया की छाती पर बैठ गया और उस पर दरांत से कई वार कर दिए. इत्तफाक से उसी समय हैडकांस्टेबल झंवर सिंह भदौरिया तथा कांस्टेबल जैनेंद्र उधर से गुजर रहे थे. लोगों की भीड़ देख कर वे दोनों रुक गए. उन्होंने आगे जा कर देखा तो जमीन पर लहूलुहान पड़ी लड़की को देख कर सन्न रह गए.

दोनों पुलिसकर्मियों ने हिम्मत कर के किसी तरह कमलेश को दबोच लिया और यह सूचना टीआई तहजीब काजी को दे दी. टीआई जल्द ही मौके पर पहुंच गए. उन्होंने आननफानन में घायल युवती को अपोलो अस्पताल भेज दियामौके पर पकड़े गए आरोपी कमलेश  से खून से सना दरांत जब्त कर उसे थाने लाया गया. इस के साथ ही उस के खिलाफ भादंवि की धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया. पुलिस को यह जानकारी मिल चुकी थी कि घायल युवती का नाम सुप्रिया है और वह गुना की रहने वाली हैइस मामले की जानकारी सुप्रिया के घर वालों को दी गई तो वे उसी समय इंदौर के लिए रवाना हो गए. लेकिन जब तक वह इंदौर पहुंचे, तब तक सुप्रिया की मौत हो चुकी थी. इस के बाद कमलेश के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 का मामला दर्ज कर लिया गया.

टीआई तहजीब काजी ने इंदौर के डीआईजी हरिनारायण चारी को घटना की जानकारी दी तथा उन के निर्देश पर काररवाई शुरू कर दी. सुप्रिया इंदौर के एक समाचारपत्र से जुड़ी थी, इसलिए इस हत्याकांड को ले कर मीडियाकर्मियों में भी आक्रोश था. पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें समझाया. पोस्टमार्टम में सुप्रिया के शरीर पर 38 गहरे घाव मिले, जिस से यह लग रहा था कि कमलेश के दिल में सुप्रिया के प्रति गहरी नफरत रही होगी. इसीलिए उस ने उस पर इतने वार किए. सुप्रिया से उस की नफरत का कारण क्या था, लोग समझ नहीं पा रहे थे. सुप्रिया के परिवार वाले भी कमलेश को नहीं जानते थे.

सुप्रिया के साथ काम करने वाले लोगों ने भी तो कमलेश को कभी सुप्रिया से मिलतेजुलते देखा था और ही उस के साथ औफिस आतेजाते. इस हत्या की कहानी जानने के लिए टीआई तहजीब काजी ने जब कमलेश से पूछताछ की तो एक जुनूनी आशिक की चौंका देने वाली कहानी सामने आई. 24 वर्षीया सुप्रिया जैन मूलरूप से मध्य प्रदेश के गुना जिले की रहने वाली थी. वह पढ़ने में होशियार थी. सन 2005 में सुप्रिया का कक्षा 6 में दाखिला खुरई के नवोदय विद्यालय में हुआ था. उस की कक्षा में सागर जिले के गणेशगंज शाहपुरा का रहने वाला कमलेश साहू भी पढ़ता था

दोनों की आपस में अच्छी दोस्ती हो गई थी. उस समय कमलेश को इश्कमोहब्बत की समझ नहीं थी, लेकिन साल भर हौस्टल में रह कर वह काफी कुछ दुनियादारी सीख गया था. इसलिए पहला साल खत्म होतेहोते वह साथ पढ़ने वाली सुप्रिया को मन ही मन दिल दे बैठा. उस समय उस में इतना साहस नहीं था कि वह सुप्रिया के सामने अपनी मोहब्बत का इजहार कर सके10वीं-12वीं क्लास तक आतेआते मासूम सी दिखने वाली सुप्रिया में एक युवती का पूरा रूप विकसित हो चुका था. इसी के चलते कमलेश सुप्रिया का दीवाना सा हो गया. 2012 में किसी तरह हिम्मत कर के उस ने एक दिन सुप्रिया के सामने अपनी मोहब्बत का इजहार कर दिया

सच्चाई यह भी थी कि जहां सुप्रिया खूबसूरत थी वही कमलेश साधारण शक्लसूरत का था. शायद इसी वजह से सुप्रिया ने उस की मोहब्बत एक झटके में ठुकरा दी. कमलेश 7 सालों से खामोश रह कर सुप्रिया को मोहब्बत कर रहा था, इसलिए सुप्रिया का इनकार उस से सहन नहीं हुआ. उस ने क्लास में ही जान देने के लिए अपनी कलाई काट ली. यह देख कर सुप्रिया डर गई. इसलिए एक दोस्त की हैसियत से वह कमलेश से बात करने लगी. या यूं कहें कि कमलेश का मन बहलाने के लिए उस ने झूठमूठ कमलेश की मोहब्बत का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. कुछ महीने बाद पढ़ाई पूरी कर दोनों अपनेअपने घर चले गए, जिस के बाद उन का संपर्क पूरी तरह टूट गया.

कमलेश से बचने के लिए सुप्रिया ने अपना मोबाइल नंबर भी बदल लिया. सुप्रिया का एक भाई इंदौर में रहता था, जिस की वजह से सुप्रिया कालेज की पढ़ाई करने इंदौर गई. यहां कर उस ने ग्रेजुएशन की डिग्री ली और एक मीडिया हाउस में नौकरी करने लगी. अपने दीवाने कमलेश साहू को सुप्रिया तो पूरी तरह भूल चुकी थी, लेकिन कमलेश उसे नहीं भूला था. वह लगातार सुप्रिया की तलाश कर रहा था. इस तरह कहीं पता नहीं चला तो वह सुप्रिया को सोशल मीडिया पर तलाशने लगा. आखिर उस ने फेसबुक के माध्यम से उसे ढूंढ ही लिया. फेसबुक प्रोफाइल से पता चला कि वह इन दिनों इंदौर में है. इंदौर आने के बाद सुप्रिया के रंगढंग बदल चुके थे. फेसबुक पर उस ने अपने कई फोटो डाल रखे थे, जिन्हें देख कर कमलेश ने इंदौर कर उस से मिलने की ठान ली

कमलेश के पिता की आय बहुत ज्यादा नहीं थी. इस के बावजूद जब कमलेश ने इंदौर जा कर पढ़ाई करने की जिद की तो पिता ने पैसों का इंतजाम कर दिया. पढ़ाई के बहाने वह सुप्रिया को तलशने लगा. इतने बड़े इंदौर में सुप्रिया को कैसे तलाशे, यह बात उस की समझ में नहीं रही थी. इस के लिए भी उस ने फेसबुक की मदद ली. आमतौर पर युवा फेसबुक पर हमेशा अपनी लोकेशन लाइव ही नहीं रखते बल्कि दोस्तों के संग पार्टी मनाने जाएं या फिल्म देखने, अपना स्टेटस भी लाइव रखते हैं. सुप्रिया भी ऐसा करती थी. फेसबुक पर सुप्रिया की लोकेशन देखदेख कर कमलेश इंदौर की सड़कों पर साइकिल से घूम कर उसे खोजने लगा. फेसबुक लोकेशन से उस ने अंदाजा लगा लिया कि सुप्रिया विजयनगर इलाके में कहीं रहती है.

पिछले डेढ़ साल से वह दिनरात सुप्रिया को सड़कों पर तलाशते हुए भटकता रहा. इसी दौरान उस ने एक दिन सुप्रिया को मैसेंजर पर फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजी. कमलेश का फोटो देखते ही सुप्रिया उसे पहचान गई. स्कूल में कमलेश द्वारा कलाई काट लेने वाली बात भी उसे याद थी. लेकिन उसे लगा कि वह नासमझी का दौर था, अब वह समझदार हो गया होगा. इसलिए उस ने उस की फ्रैंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली. इस के बाद कमलेश को तो मानो सारा जहां मिल गया. उसे लगा कि शायद सुप्रिया को अब अपनी पुरानी गलती का अहसास हो चुका होगा, इसलिए उस ने 2 दिन बाद ही उस के साथ पुरानी बातें दोहरानी शुरू कर दीं. वह प्रतिदिन उसे कईकई मैसेज भेजने लगा. जबकि सुप्रिया उसे कैरियर बनाने के लिए समझाती थी.

इतना ही नहीं, उस ने सुप्रिया से कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि तुम बहुत सुंदर हो. लेकिन चिंता मत करो पैसा कमाने के बाद मैं भी औपरेशन से अपना रंगरूप ठीक करवा लूंगा.’’

ऐसी बातों से सुप्रिया समझ गई कि कमलेश के दिल से इश्क का भूत अभी उतरा नहीं है, इसलिए उस ने कमलेश को अपने फेसबुक एकाउंट से ब्लौक कर दिया. इधर पढ़ाई के नाम पर इंदौर आए कमलेश ने 2 बार सीए की परीक्षा दी, लेकिन असफल रहने पर उस ने एक होटल में वेटर की नौकरी कर ली. वह रात में होटल में काम करता और दिन भर साइकिल ले कर इंदौर सी सड़कों पर सुप्रिया को खोजता रहता. अब वह सुप्रिया के फेसबुक एकाउंट पर भी नजर रखने लगा था. इसी के चलते एक दिन उस ने फेसबुक पर सुप्रिया की लोकेशन देख कर उसे एक पब में देख लिया. लेकिन उस के सिर पर आसमान तब टूट पड़ा, जब उस ने देखा कि सुप्रिया किसी लड़के के साथ बैठी शराब पीते हुए सिगरेट का धुआं उड़ा रही है.

कमलेश काफी शातिर था सो उस समय वह सुप्रिया के सामने नहीं गया. वह पहले चुपचाप सुप्रिया का घर देखना चाहता था ताकि भविष्य में उसे खोजने के लिए परेशान हो. इस तरह उस ने पहले तो सुप्रिया का पीछा कर के सांघी कालोनी में उस का ठिकाना देखा और फिर वहां से पीछा कर के उस के औफिस तक भी पहुंच गयावह रोज औफिस आतेजाते सुप्रिया का पीछा करने लगा. इस दौरान उस ने देखा कि सुप्रिया की दोस्ती कई लड़कों से है, इसलिए वह जब भी सुप्रिया को किसी लड़के के साथ हंसते हुए या बातें करते देखता तो उस का खून खौल उठता.

सुप्रिया के बदले हुए रंगढंग देख कर वह यह बात अच्छी तरह से समझ गया था कि सुप्रिया अब शायद ही कभी उस की मोहब्बत स्वीकार करे. इसलिए कमलेश सुप्रिया को जितनी मोहब्बत करता था, उस से उतनी ही नफरत भी करने लगा. इतना ही नहीं, उस ने तय कर लिया था कि सुप्रिया अगर उस की नहीं हुई तो वह उसे किसी और की भी नहीं होने देगा. इसलिए सुप्रिया का पीछा करते समय वह हमेशा पीठ पर एक बैग टांगे रहता था, जिस में रखे दरांते पर वह रोज धार लगाता था. घटना वाले दिन भी वह सुप्रिया के घर के बाहर खड़ा हो कर उस के औफिस से लौटने का इंतजार कर रहा था. वह कई बार उस की हत्या की सोच चुका था, लेकिन हर बार उस की मोहब्बत उस के हाथ बांध देती थी.

उस रोज सुप्रिया एक युवक के साथ घर लौटने के बाद कुछ देर तक घर के बाहर खड़ी हो कर उस से हंसहंस कर बातें करती रही, फिर बड़ी अदा से उसे बाय कर के बिल्डिंग में चली गई. यह देख कर कमलेश को लगा कि अब सुप्रिया उसे पसंद नहीं करेगी, क्योंकि उस की दोस्ती हाईफाई लोगों से है. कुछ सोच कर कमलेश वहां से वापस जाने ही वाला था कि अचानक सुप्रिया फिर बाहर गई. इस के बाद कमलेश ने तय कर लिया कि ऐसी लड़की को सबक सिखाना जरूरी है. जब वह उस की नहीं हुई तो वह उसे किसी और के लायक भी नहीं छोड़ेगा. वह बिल्डिंग के गेट पर पहुंच गया और उस पर टूट पड़ा. अपने साथ लाएं दरांत से वह उस पर वार पर वार करने लगा.

पुलिस ने कमलेश से पूछताछ के बाद उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

   —कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

                                                                           

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