Murder Stories : सुनयना अपने पति रामकृष्ण से इतनी नफरत करने लगी थी कि उस ने उसे मरवाने का पुख्ता प्लान भी बना लिया. फिर हत्यारे ने घर से दूर ले जा कर न सिर्फ रामकृष्ण की हत्या की, बल्कि हत्या का लाइव वीडियो भी सुनयना को शेयर किया. आखिर सुनयना पति से इतनी खुंदक क्यों रखे थी? पढ़ें, लव क्राइम की यह कहानी.

 

जब सुनयना अपने पति से परेशान हो गई तो एक दिन उस ने प्रेमी विनोद से साफ शब्दों में कहा, ”विनोद, अगर तुम मुझे चाहते हो तो रामकृष्ण को खत्म करना होगा, वरना मेरे साथ प्यार की नौटंकी करने की कोई जरूरत नहीं. मैं अपना अलग रास्ता खुद ही चुन लूंगी.’’

सुनयना की बात सुनते ही विनोद परेशान हो उठा. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि वह रामकृष्ण को अपने और सुनयना के बीच से कैसे हटाए. उस के बाद वह कई दिनों तक उसी उलझन में रहा. वह हर वक्त रामकृष्ण को मौत की नींद सुलाने के लिए रास्ते खोजने लगा. लेकिन उसे कोई भी ऐसा रास्ता नजर नहीं आ रहा था, जिस के बाद वह सारी उम्र सुनयना के साथ मौजमस्ती कर सके. उसे पता था कि हर अपराध की उम्र बहुत ही कम होती है, लेकिन उस से मिलने वाली सजा की उम्र बहुत बड़ी हो सकती है, जिस को झेलना इंसान के लिए बहुत ही मुश्किल होता है. लेकिन उस के बावजूद भी वह सुनयना के लिए कोई भी अपराध करने के लिए तैयार था.

विनोद ने सोचा कि इस अपराध में किसी अन्य व्यक्ति को शामिल करना ठीक नहीं. उस के लिए पैसा भी खर्च करना पड़ेगा और पकड़े जाने का डर अलग से बना रहेगा. यही सोच कर उस ने रामकृष्ण को स्वयं ही खत्म करने की योजना बनाई. हालांकि रामकृष्ण विनोद से काफी चिढ़ता था. लेकिन फिर भी आतेजाते उस से बोल ही जाता था. विनोद यह भी जानता था कि शराब पीना रामकृष्ण की सब से बड़ी कमजोरी है. उस की उसी कमजोरी के कारण वह एक दिन अपने प्लान को साकार रूप दे सकता है.

यही सोच कर विनोद मौका पा कर एक दिन सुनयना से मिला. सुनयना से मिलते ही उस ने उसे बताया कि वह जल्दी ही उस के कांटे को दूर करने वाला है. लेकिन सुनयना को विनोद की बात पर बिलकुल भी विश्वास नहीं था. सुनयना ने कहा कि वह उस की बातों पर तभी विश्वास करेगी, जब वह रामकृष्ण की मौत का लाइव वीडियो उसे दिखाएगा. साथ ही उस की हत्या की खबर कानोंकान किसी को भी नहीं होनी चाहिए, ताकि वह किसी भी मुसीबत में न पड़े.

सुनयना की बात सुनते ही विनोद ने अपने प्लान को उस के साथ साझा कर दिया था. विनोद ने सुनयना को बताया कि पहली जनवरी 2025 यानी नए साल का पहला दिन रामकृष्ण के लिए आखिरी दिन होगा. दुनिया जब नए साल की खुशी में मौजमस्ती कर रही होगी, वहीं हम रामकृष्ण की मौत की खुशियां मना रहे होंगे. उस के लिए उस ने पहले ही अपना प्लान तैयार कर लिया था.

योजनानुसार पहली जनवरी, 2025 की शाम को विनोद यादव ने रामकृष्ण को फोन कर नए साल की पार्टी करने के बहाने भरतकूप पतौड़ा के पास बुलाया. विनोद यादव का फोन आते ही रामकृष्ण उस के साथ सारी दुश्मनी को भूल गया. उस के बाद उस ने अपनी पत्नी सुनयना और पापा रामरतन से कहा कि वह अतर्रा बाजार से जैकेट खरीदने जा रहा है. वह जल्दी ही घर वापस आ जाएगा.

रामकृष्ण घर से निकल कर सीधा विनोद के पास पहुंचा. विनोद अपने साथ शराब और कुछ खानेपीने की चीजें लाया था. भरतकूप के पतौड़ा रेल पटरी के किनारे बैठ कर दोनों ने शराब पी. उस दौरान विनोद यादव ने नाममात्र की शराब पी थी, लेकिन रामकृष्ण को उस ने ज्यादा शराब पिलाई थी, जिस के कारण वह जल्दी ही नशे में झूमने लगा. जब रामकृष्ण नशे में धुत हो गया तो विनोद ने अपने मोबाइल से सुनयना को वीडियो काल की और उस की हालत उसे दिखाई.

रामकृष्ण की हालत प्रेमिका को दिखाते हुउ ही वह एक भारी पत्थर उठा कर लाया. उस वक्त रामकृष्ण नीचे गरदन झुकाए बैठा था. फिर मौका पाते ही विनोद यादव ने पीछे से रामकृष्ण के सिर पर पत्थर से जोरदार वार कर दिया. सिर पर पत्थर का वार होते ही रामकृष्ण का सिर फट गया और उस के प्राणपखेरू उड़ गए. सुनयना उस वक्त भी अपने पति की मौत का तमाशा औनलाइन देख रही थी.

रामकृष्ण की मौत हो जाने के बाद विनोद यादव ने अपने प्लान के तहत उस के शव को खींच कर लगभग 40 मीटर दूरी पर बिछी रेल लाइन पर रख दिया. फिर वह किसी ट्रेन के आने का इंतजार करने लगा. जैसे ही उसे ट्रेन आने का अहसास हुआ, उस ने वहीं पर छिपते हुए फिर से प्रेमिका सुनयना को वीडियो काल की, ताकि वह उस की मौत का आखिरी तमाशा देख सके. पलभर में वहां से ट्रेन गुजरी और रामकृष्ण का शरीर 2 हिस्सों में बंट गया. रामकृष्ण की हत्या करने के बाद विनोद सीधा अपने घर आ गया था. जिस वक्त वह अपने घर पहुंचा, उस के फेमिली वाले उसे इधरउधर खोज रहे थे.

पहली जनवरी, 2025 की देर रात रेल विभाग ने चित्रकूट के थाना भरतकूप को फोन द्वारा रेलवे ट्रैक पर शव पड़े होने की सूचना दी. सूचना पाते ही भरतकूप थाने के एसएचओ प्रवीण कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने देखा कि पतोड़ा गांव के पास रेलवे ट्रैक पर एक व्यक्ति की लाश 2 हिस्सों में कटी हुई पड़ी थी, जिसे देख कर लगा कि व्यक्ति टे्रन से कट कर मर गया होगा.

लेकिन जैसे ही पुलिस ने आसपास जांच की तो रेलवे टै्रक के पास ही खून पड़ा पाया. उस के पास ही शराब की कुछ बोतलें भी पाई गई थीं. जिस से साफ जाहिर था कि युवक की हत्या करने के बाद खुदकुशी दिखाने के लिए उस की लाश को रेलवे पटरी पर डाला गया होगा. इस जानकारी पर एएसपी (चित्रकूट) चक्रपाणि त्रिपाठी व सीओ (सिटी) राजकमल, एसओजी/सर्विलांस प्रभारी एम.पी. त्रिपाठी भी घटनास्थल पर पहुंचे. घटनास्थल से सभी साक्ष्य जुटाते ही मृतक की शिनाख्त भी हो गई थी. मृतक की पहचान बांदा जिले के बिसंडा के

रहने वाले रामकृष्ण के रूप में हुई थी. पुलिस ने उस के फेमिली वालों को उस की हत्या की सूचना दी. सूचना पाते ही उस के फेमिली वाले रोतेबिलखते घटनास्थल पर पहुंचे. अपने पति की हत्या की बात सुनते ही सुनयना का रोरो कर बुरा हाल था. पुलिस ने अपनी काररवाई को आगे बढ़ाते हुए डैडबौडी को सील कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था. साथ ही पुलिस ने मृतक की पत्नी सुनयना और उस के ससुर रामरतन से पूछताछ की.

पूछताछ के दौरान पता चला कि मृतक रामकृष्ण नए साल की खुशी में बाजार से जैकेट खरीदने निकला था. लेकिन देर रात तक वह घर वापस नहीं लौटा. जबकि उस की पत्नी सुनयना ने पुलिस को बताया कि वह घर से निकलने से पहले उसे कुछ भी बता कर नहीं गए थे. लेकिन इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब रामरतन ने दबी जुबान पुलिस को जानकारी दी कि रामकृष्ण की हत्या उस की पत्नी सुनयना और उस के प्रेमी विनोद यादव ने मिल कर की होगी. रामरतन ने बताया कि सुनयना और विनोद का काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिस के कारण सुनयना आए दिन पति से झगड़ती रहती थी.

इस जानकारी के बाद पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी तो 31 दिसंबर, 2024 मंगलवार की शाम को विनोद अपनी बाइक पर जाता दिखाई दिया. शक के आधार पर पुलिस ने पूछताछ के लिए विनोद को अपनी हिरासत में ले लिया. साथ ही उस का मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिया.

पुलिस ने उस के मोबाइल की काल डिटेल्स निकाली तो पता चला कि 31 दिसंबर, 2024 और पहली जनवरी, 2025 की रात को उस ने कई बार सुनयना के नंबर पर वीडियो काल की थी, जो रामकृष्ण की हत्या का सब से बड़ा प्रमाण था. इस सबूत के मिलते ही पुलिस ने सुनयना का मोबाइल भी अपने कब्जे में लेते हुए उसे अपनी हिरासत में ले लिया था. पुलिस ने दोनों से सख्ती से पूछताछ की. तब सुनयना और उस के प्रेमी विनोद यादव ने हत्या की पूरी साजिश का खुलासा कर दिया. रामकृष्ण की हत्या के पीछे की हकीकत इस प्रकार निकली—

उत्तर प्रदेश के जिला बांदा के थाना बिसंडा अंतर्गत एक गांव पड़ता है चौसड़. रामरतन इसी गांव के निवासी थे. रामरतन का जड़ीबूटियां बेचने का पुश्तैनी काम था. रामकृष्ण उन का इकलौता बेटा था. वह बचपन से ही उन के साथ दुकान पर जाया करता था. यही कारण रहा कि रामकृष्ण ने जवानी में पांव रखते ही अपने पापा का काम संभाल लिया था. फिर उस ने भी अपने पापा की जगह पर जड़ीबूटी बेचने का धंधा शुरू कर दिया था.

अब से कई साल पहले उस की शादी चित्रकूट निवासी सुनयना के साथ हुई थी. सुनयना ज्यादा पढ़ीलिखी नहीं थी. लेकिन वह काफी सुंदर होने के साथ ही समझदार भी थी. शादी से पहले उस ने बड़ेबड़े सपने देखे थे, जिन को वह शादी के बाद पूरा करना चाहती थी. शादी के कुछ समय बाद तक तो दोनों के बीच सब कुछ ठीक प्रकार से चलता रहा. रामकृष्ण सुनयना से शादी कर के काफी खुश था. सुनयना शुरू से ही सजसंवर कर रहने वाली युवती थी. वह शहरी वातावरण में पलीबढ़ी थी. लेकिन रामकृष्ण के साथ शादी करने के बाद उस की आकांक्षाएं दब कर रह गई थीं.

समय के गुजरते सुनयना एक के बाद एक 3 बच्चों की मां बन गई, जिन में 2 बेटे और एक बेटी थी. इस दौरान रामकृष्ण ने बीवी का प्यार पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन सुनयना को अपना पति रास नहीं आया. धीरेधीरे उस के बच्चे समझदार हो गए. दोनों ही बेटे काम करने के लिए दूसरे राज्यों में चले गए थे. घर पर उस की बेटी थी, जो सुबह ही स्कूल के लिए निकल जाती थी. उस का पति रामकृष्ण अपने पिता रामरतन के साथ जड़ीबूटी बेचने चला जाता था. उस के बाद सुनयना ही घर पर अकेली रह जाती थी.

उसी दौरान एक दिन उस की नजर विनोद यादव पर पड़ी. विनोद जिला बांदा के थाना बदौसा के गांव उदयपुर नकटा हड़हा माफी का मूल निवासी था. रामकृष्ण के घर के पास ही उस की रिश्तेदारी थी, जहां पर उस का पहले से ही आनाजाना रहता था. सुनयना जल्द ही अपने घर का कामकाज निपटा कर अपने पड़ोस में बैठने चली जाती थी. विनोद यादव अभी कुंवारा ही था. लेकिन उस के बात करने का लहजा ऐसा था कि सामने वाला व्यक्ति फौरन ही उस की बातों में आ जाता था. उस की मीठीमीठी बातें सुन कर सुनयना के दिल में कुछ हलचल होने लगी थी.

देखते ही देखते सुनयना का दिल उसे पाने के लिए बेचैन होने लगा. विनोद जब भी अपनी रिश्तेदारी में आता तो मौका पाते ही सुनयना उस से मिलने जरूर जाती थी. विनोद को भी सुनयना की बातों में रस आता था. सुनयना देखनेभालने में खूबसूरत और स्वभाव से चंचल किस्म की थी. हालांकि विनोद यादव को पता था कि सुनयना 3 बच्चों की मां है. फिर भी वह उस की बातों से इतना प्रभावित हुआ कि वह मन ही मन उसे चाहने लगा था. सुनयना का तीर बिलकुल सही निशाने पर लगा था. वह किसी भी तरह से विनोद को अपने प्यार में फंसाना चाहती थी. विनोद खुद ही उस की चाहत में दीवाना हो चुका था.

मौके का फायदा उठाने के लिए विनोद ने सुनयना के पति रामकृष्ण से भी दोस्ती गांठ ली थी. रामकृष्ण के साथ अच्छे संबंध होने के बाद वह उस के घर पर भी बिना रोकटोक आनेजाने लगा था. उस के बाद वह रामकृष्ण को भैया और सुनयना को भाभी कहने लगा था. धीरेधीरे दोनों के बीच प्यार पनपना शुरू हुआ. सुनयना भी विनोद के साथ अपने टूटे सपनों को जोड़ कर पूरा करना चाहती थी. सुनयना विनोद यादव के साथ अपनी बाकी जिंदगी को शादी के मोतियों में पिरो कर जीना चाहती थी.

एक दिन सुनयना बहुत ही परेशान लग रही थी. उस की परेशानी का कारण था उस का प्रेमी विनोद यादव. उस ने कई बार विनोद यादव को बताया, ”अब तुम्हारे बिना रहा नहीं जाता. तुम्हारी याद में मेरी सारी रात किस तरह से कटती है, मैं ही जानती हूं.’’

उस का पति रामकृष्ण जड़ीबूटी बेच कर दूसरों के दुख दूर करता है. लेकिन उसे अपनी बीवी की जरा भी चिंता नहीं. दिन भर की भागदौड़ के बाद थकहार कर सो जाता है. फिर ऐसे में वह क्या करे.

तभी विनोद यादव ने सुनयना को समझाया, ”भाभी, आप का दुखदर्द समझने वाला मैं हूं तो फिर आप चिंता क्यों करती हो.’’

”बात तो तुम्हारी सही है, लेकिन मैं चाहती हूं कि हम दोनों किसी तरह से यहां से भाग कर शादी कर लें. उस के बाद हम दोनों अपनी अलग ही दुनिया बसाएंगे.’’

”लेकिन भाभी, तुम जरा सोचो कि तुम शादीशुदा और 3 बच्चों की मां हो. अगर हम दोनों घर से भाग भी जाएं तो तुम तो समाज में मुंह दिखाने लायक भी नहीं रहोगी. मेरा क्या है, मेरे तो न कोई आगे और न पीछे.’’

”विनोद, मुझे समाज से कोई लेनादेना नहीं. भाड़ में जाएं बच्चे और पति. मुझे तो केवल तुम्हारा ही साथ चाहिए.’’

विनोद सुनयना को कई बार समझासमझा कर हार चुका था, लेकिन वह अपनी ही जिद पर अड़ी हुई थी. विनोद और सुनयना के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग की जानकारी धीरेधीरे पूरे मोहल्ले वालों को हो चुकी थी.

इस जानकारी के बाद विनोद के पापा भगवानदीन यादव को बेटे की करतूतों पर बहुत ही दुख हुआ था. उन्होंने एक दिन विनोद को पास बैठा कर एक अच्छे बाप की तरह समझाने की कोशिश भी की. तब उस ने अपने पापा को वचन भी दिया था कि वह कोई ऐसा काम नहीं करेगा, जिस से उन की इज्जत पर किसी तरह का कोई दाग लगे. सुनयना की जिद के आगे वह सब वचनों को भूल गया था.

सुनयना अपने पति रामकृष्ण से तंग आ चुकी थी. वह हर रोज शराब पी कर आता और फिर खाना खाने के बाद तुरंत ही गहरी नींद में सो जाता था. विनोद के साथ उस के नाजायज रिश्ते कायम हुए कई महीने बीत चुके थे. उसी दौरान सुनयना को लगा कि रामकृष्ण और विनोद के बीच जमीनआसमान का अंतर है. वह तभी से उस के प्यार की दीवानी हो चुकी थी. उसे पाने के लिए वह अपना सब कुछ त्यागने को तैयार थी. विनोद ने भी जिंदगी में पहली बार उस के साथ ही काम वासना का आनंद महसूस किया था. फिर उसी के पीछे वह पूरी तरह से पागल हो गया था. उसे दिनरात सुनयना के अलावा कुछ नहीं सूझता था.

लेकिन यह बात ज्यादा दिनों तक उस के पति से छिपी न रह सकी. जैसे ही रामकृष्ण को अपनी पत्नी की कारगुजारी का पता चला तो उस ने अपनी तरफ से रस्सी कसना शुरू कर दिया था. वह शराब पी कर उस के साथ गालीगलौज करने के साथ ही उसे मारनेपीटने भी लगा था. साथ ही उस ने विनोद से दूरी भी बनानी शुरू कर दी थी, जिस के कारण विनोद का सुनयना से मिलना भी बंद ही हो गया था. उस के बाद सुनयना विनोद से मोबााइल से संपर्क कर बात करने लगी थी, जिसे ले कर मियांबीवी में कई बार विवाद भी हुआ. सुनयना अपने पति से पूरी तरह से नफरत करने लगी थी. सुनयना ने कई बार विनोद यादव से रामकृष्ण को खत्म करने को कहा. लेकिन विनोद यादव इस काम के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था.

जब एक दिन सुनयना हाथ धो कर विनोद के पीछे पड़ गई तो उसे रामकृष्ण की हत्या का प्लान बनाना पड़ा और उस की हत्या कर दी. इस केस के खुलते ही पुलिस ने विनोद यादव और सुनयना की निशानदेही पर 3 मोबाइल, हत्या में प्रयुक्त पत्थर और एक बाइक यूपी 90 वाई 6453 भी बरामद कर ली थी. इस हत्याकांड में मृतक के पिता रामरतन की तरफ से विनोद और उस की प्रेमिका सुनयना के खिलाफ दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 102(1) बीएनएस  के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली. विनोद यादव ने रामकृष्ण की हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की थी, ताकि वह और उस की प्रेमिका मौजमस्ती कर सकें, लेकिन कानून के लंबे हाथों से वह किसी भी सूरत में बच नहीं सके.

पूछताछ के बाद पुलिस ने सुनयना और विनोद यादव को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

 

 

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