Murder Stories : जब दिमाग में लालच और अपराध के कीड़े कुलबुलाते हैं तो स्वार्थ की भावना की छाया में खून भी पानी लगने लगता है. कपिल गुप्ता और ओमबाबू राठौर को मुकलेश गुप्ता का पैसा, सोनाचांदी तो दिखा, लेकिन खून में डूबी 2 लाशें उन्हें मिट्टी के ढेले जैसी लगीं. काश! दोनों दरिंदों ने…

नौकरानी सोमवती रोजाना की तरह मंगलवार की सुबह भी सर्राफा कारोबारी मुकलेश गुप्ता के घर काम करने पहुंची. उस ने दरवाजे पर लगी कालबेल बजाई. लेकिन कई बार घंटी बजाने के बाद भी जब अंदर कोई हलचल नहीं हुई तो उस ने दरवाजे को हलका सा धक्का दिया. ऐसा करने से दरवाजा खुल गया. सोमवती अंदर पहुंची. वह रोजाना सब से पहले नीचे के कमरों की सफाई करनी थी. लेकिन कमरे बंद थे, उस ने चाबी लेने के लिए मालकिन को आवाज लगाई. तभी उस की नजर ऊपर गई तो उसे हैरत हुई. मकान मालिक मुकलेश नीचे की ओर मुंह कर के लोहे के जाल पर पड़े थे. यह देख वह घबरा गई. उस ने ऊपर जा कर मालकिन लता गुप्ता को आवाज लगाई, लेकिन उन की भी आवाज नहीं आई.

सोमवती ने जब मालकिन के कमरे में जा कर देखा तो वह फर्श पर पड़ी थीं. उन के सिर से खून बह रहा था. यह दृश्य देखते ही सोमवती चीखती हुई बाहर की ओर भागी. उस ने यह जानकारी आसपास के लोगों व मुकलेश गुप्ता के भाई को दी. यह 28 जनवरी, 2020 की सुबह 6 बजे की बात है. सोमवती के चीखनेचिल्लाने की आवाज सुन कर आसपास के लोग एकत्र हो गए. कुछ लोग जीना चढ़ कर ऊपर पहुंचे. वे लोग ऊपर का दृश्य देख हैरान रह गए. पहली मंजिल पर लगे लोहे के जाल पर 62 वर्षीय मुकलेश गुप्ता और वहीं पास के कमरे के फर्श पर उन की 60 वर्षीय पत्नी लता पड़ी हुई थीं. मुकलेश के पैर में टेप चिपका कर बिजली का तार लगाया गया था, जिस का दूसरा सिरा बिजली के बोर्ड में लगा था.

लोगों ने तार को बोर्ड से अलग किया. पतिपत्नी दोनों की मौत हो चुकी थी. इसी बीच किसी ने यह सूचना आगरा में रहने वाली मुकलेश की सब से बड़ी बेटी डा. प्रियंका के अलावा शमसाबाद थाने में भी दे दी. डबल मर्डर की सूचना मिलते ही शमसाबाद एसओ अरविंद निर्वाल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. डबल मर्डर और लूट की घटना से सनसनी फैल गई थी. मुकलेश कुमार पिछले 20 सालों से सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष थे. उन की हत्या की खबर मिलते ही व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथसाथ मुकलेश के परिजन भी एकत्र हो गए थे. 2-2 लाशों को देख कर लोग आक्रोशित हो कर हंगामा करने लगे. स्थिति की गंभीरता को भांप कर एसओ ने उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत करा दिया.

आननफानन में आगरा के एसएसपी बबलू कुमार एसपी प्रमोद कुमार और सीओ (फतेहाबाद) प्रभात कुमार मौके पर पहुंच गए. एसएसपी ने फोरैंसिक टीम और आसपास के थानों की फोर्स भी बुला ली. खबर मिलते ही मुकलेश गुप्ता की बेटी डा. प्रियंका भी शमसाबाद पहुंच गई. बाद में एडीजी अजय आनंद, आईजी ए.सतीश गणेश भी वहां आ गए. उच्चाधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और दंपति के कत्ल के बारे में जानकारी ली. मुकलेश व लता के सिर से काफी खून निकल चुका था. दोनों के गले पर भी चोट के निशान थे. देखने से लग रहा था कि दंपति की हत्या के लिए बेहद क्रूर तरीका अपनाया गया था. साथ ही दोनों को करंट भी लगाया गया था.

फोरैंसिक टीम ने कई स्थानों से फिंगरप्रिंट उठाए. सर्राफा व्यवसायी व उन की पत्नी को मौत के घाट उतारने वाले बदमाश इतने शातिर थे कि घर में लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर अपने साथ ले गए थे. पुलिस को अंदेशा था कि वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को घर की हर चीज की जानकारी थी. आशंका थी कि लुटेरे परिवार के नजदीकी रहे होंगे. डबल मर्डर के बारे में आसपास के किसी व्यक्ति को भनक तक नहीं लगी थी. जबकि परिजनों के मुताबिक हत्या रात 8 बजे से पहले की गई थी. क्योंकि मुकलेश शाम 6 बजे और रात 8 बजे चाय घर पर पीते थे. शाम का दूध डिब्बे में डायनिंग टेबल पर रखा था. इस से स्पष्ट था कि 27 जनवरी की रात 8 बजे की चाय से पहले ही घटना को अंजाम दे दिया गया था.

जिस कमरे में लता का शव पड़ा था, उस में  5 अलमारियां खुली पड़ी थीं जबकि 3 अलमारियों को हाथ भी नहीं लगाया गया था. डा. प्रियंका ने घर की अलमारियां खोल कर देखीं तो 2 में से सोने के गहनों के अलावा लाइसैंसी रिवौल्वर भी गायब था. प्रियंका ने लूटे गए सामान की कीमत एक करोड़ से अधिक बताई. डा. प्रियंका की तरफ से पुलिस ने भादंवि की धारा 302, 394 के तहत अज्ञात हत्यारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. प्रियंका ने बंद अलमारियां खोलीं तो उन में रखे 10 लाख रुपए और 2 किलोग्राम सोना, चांदी यथास्थान रखे मिले. इस से अनुमान लगाया गया कि 2 अलमारियों से ही बदमाशों को भारी मात्रा में नगदी व आभूषण मिल गए थे.

मौके की काररवाई पूरी करने के बाद पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए आगरा भेज दिया. मुकलेश के पास साहूकारी (ब्याज पर पैसे देने) का भी लाइसैंस था. घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही सर्राफा बाजार में उन की ओमप्रकाश मुकलेश कुमार ज्वैलर्स नाम से 90 साल पुरानी दुकान थी. आक्रोशित व्यापारियों व परिजनों ने शवों का अंतिम संस्कार करने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक वारदात का खुलासा नहीं हो जाता, तब तक वे दोनों लाशों का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे. विरोध में व्यापारियों ने शमसाबाद का मार्केट बंद रखा. एसएसपी बबलू कुमार ने लोगों को आश्वासन दिया कि 72 घंटे में डबल मर्डर और लूट का खुलासा कर दिया जाएगा.

खोजी कुत्ता कस्बा में स्थित कुम्हारों की गली से निकल कर दाऊजी के मंदिर तक जाने के बाद ठिठक कर रह गया. इसे ले कर तमाम तरह के कयास लगाए जाने लगे. ओमप्रकाश सर्राफ के 4 बेटों में प्रतिष्ठित सर्राफा कारोबारी मुकलेश गुप्ता तीसरे नंबर के थे. सब से बड़े डा. अवधेश गुप्ता जोकि शमसाबाद में ही प्रैक्टिस करते हैं, दूसरे नंबर के डा. अखिलेश गुप्ता का निधन हो चुका है, जबकि सब से छोटे सर्वेश गुप्ता हैं. हत्याकांड व लूट की घटना का परदाफाश करने के लिए एसएसपी बबलू कुमार ने 4 पुलिस टीमों का गठन किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि पतिपत्नी की मृत्यु गला घोटने तथा करंट लगने से हुई थी. इस के साथ ही हत्यारों ने दंपति पर सूजा जैसी किसी नुकीली चीज से हमला भी किया था.

पुलिस ने इस हत्याकांड के खुलासे के लिए सिलसिलेवार जांच शुरू की. पुलिस को मृतकों के घर वालों ने बताया कि घर के काम के लिए वीरेंद्र नाम का लड़का था, जिसे मुकलेश ने हटा दिया था. पुलिस ने इस लड़के के साथ ही दुकान पर काम करने वाले नौकरों पर भी निगाह रखनी शुरू कर दी. घर पर बिजली व पानी की लाइन की मरम्मत के लिए आनेजाने वालों को भी खंगाला गया. जांच के दौरान पता चला कि मुकलेश गुप्ता ने 27 जनवरी, 2020 को अपनी दुकान शाम साढ़े 5 बजे बंद की थी. इस के बाद वह घर आ गए थे. शाम 7 बजे वह दोबारा घर से पैदल निकले थे और बाजार में छोटे भाई सर्वेश से मिले. उन्होंने करीब साढ़े 7 बजे दाऊजी मंदिर जा कर दर्शन किए. फिर थाने के सामने एक मैडिकल स्टोर से दवा खरीदी और घर आ गए. साढ़े 8 बजे दूध वाला दूध देने आया. तब तक वारदात हो चुकी थी.

दूधिया की बातों से कहानी उलझ गई थी. मुकलेश के यहां दूध देने शमसाबाद निवासी सोनू और उस का भाई मोनू शाम करीब साढ़े 8 बजे पहुंचे थे. नीचे से आवाज देने पर लता ऊपर से रस्सी में बांध कर डिब्बा नीचे लटका देती थीं और वे दूध दे कर चले जाते थे. लेकिन उस दिन आवाज देने पर भी जब डिब्बा नहीं लटकाया, तब दोनों भाई जीने से चढ़ कर ऊपर गए और आवाज दी. उस समय टीवी तेज आवाज में चल रहा था. वहीं डायनिंग टेबल पर डिब्बा रखा था. उसी में दूध भर कर दोनों वापस चले गए.  इस से पुलिस ने अनुमान लगाया कि उस समय वारदात हो चुकी थी. मुकलेश के एक परिचित ने रात 9 बज कर 8 मिनट पर उन्हें फोन किया. घंटी जाती रही, लेकिन फोन नहीं उठा.

पुलिस ने दोनों दूधिया भाइयों से भी पूछताछ की. दोनों ने बताया कि घर में कोई दिखाई नहीं दिया. टीवी तेज आवाज में चलने के कारण हम ने सोचा कि वे लोग कमरे में टीवी देख रहे होंगे. यह बात समझ नहीं आ रही थी कि बदमाशों ने जब गला घोट कर व नुकीली चीज से प्रहार कर दोनों की हत्या कर दी थी, तब करंट क्यों लगाया? क्या हत्यारे उन से घृणा करते थे? बदमाश घर में लाखों रुपए के आभूषण व नगदी क्यों छोड़ गए? यह भी समझ नहीं आ रहा था कि बदमाश रिवौल्वर तो लूट ले गए, लेकिन अलमारी में रखी डबल बैरल बंदूक छोड़ गए थे. बड़ा माल हाथ लगने के बाद भी वे दुकान का थैला जिस में दुकान की चाबियां और कागजात थे, क्यों ले गए?

पुलिस को अंदेशा था कि इस हत्याकांड में किसी नजदीकी का हाथ हो सकता है. पुलिस इस बात की जांच कर रही थी कि पतिपत्नी की मौत से किसे लाभ मिल सकता है. मुकलेश के पास साहूकारी का लाइसैंस था. उन के पास किसान, आम आदमी और कारोबारी कर्ज लेने आते थे, मुकलेश गहने और खेत गिरवी रख कर ब्याज पर पैसे देते थे. सर्राफा कारोबार में मुकलेश की अच्छी साख थी. उन की 3 बेटियां थीं. बड़ी बेटी डा. प्रियंका की शादी सेना में मेजर श्यामकुमार से हुई थी, वह आगरा में डाक्टर है. मंझली गीतिका की शादी हैदराबाद में और छोटी दीपिका की गुजरात में हुई थी. प्रियंका सप्ताह में 1-2 दिन शमसाबाद आतीजाती थी. पिछले दिनों मुकलेश अपनी पत्नी के साथ हैदराबाद घूमने गए थे. वहां वह गीतिका से मिल कर आए थे. वहां से वह 5 जनवरी को वापस आए थे.

फोरैंसिक टीम ने एक दरजन से अधिक चीजों से फिंगरप्रिंट के नमूने संकलित किए थे. घटनास्थल से वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्यों को भी एकत्रित कराया गया था. कस्बे में मौजूद सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए. क्राइम सीन का रिव्यू किया गया. घटना को 4 दिन बीत गए थे. पुलिस द्वारा दी गई समय सीमा भी समाप्त हो रही थी. इस दोहरे हत्याकांड ने शमसाबाद के पुलिस महकमे को हिला दिया था. घटना का खुलासा न होने से मृतकों के सगेसंबंधी, सर्राफा व्यवसायी आक्रोशित थे. जिस से धरनेप्रदर्शनों का डर था. इलैक्ट्रौनिक और प्रिंट मीडिया में भी घटना सुर्खियों में थी, जिस से पुलिस पर दबाव बढ़ता जा रहा था. यह केस पुलिस के लिए चुनौती बन गया था, लेकिन पुलिस अपने काम में गोपनीय तरीके से जुटी रही, जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही थी. एसएसपी बबलू कुमार ने सर्विलांस, एसओजी, क्रिमिनल इंटेलिजेंस विंग और 7 थानों के प्रभारियों के साथ एक टीम बनाई थी, जिस में 50 पुलिसकर्मी शामिल थे.

एसएसपी ने वाट्सऐप पर डबल मर्डर औपरेशन के नाम से ग्रुप बनाया. इस में पूरी टीम को जोड़ा गया. इसी ग्रुप पर हर अपडेट दी और ली जा रही थी. अधिकारी भी इसी पर निर्देश भी देते थे. एसपी पूर्वी शमसाबाद प्रमोद कुमार थाने में कैंप कर के रहे. एडीजी अजय आनंद और आईजी ए.सतीश गणेश भी इस मामले पर नजर रखे थे. पुलिस ने कारोबारी मुकलेश के मोबाइल को भी खंगाला. घटना से एक दिन पहले कपिल गुप्ता ने मुकलेश को फोन किया था. इस से पहले उस की मुकलेश से कभी बात नहीं हुई थी. पुलिस जब कपिल गुप्ता के घर पहुंची तो पता चला कि वह घटना के बाद से कस्बे से बाहर है. इसी से पुलिस

को सुराग मिल गया और जांच आगे बढ़ती गई. शुक्रवार देर रात क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीम ने कपिल गुप्ता व उस के साथी ओमबाबू राठौर निवासी इरादतनगर, शमसाबाद को फतेहपुर सीकरी से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ करने पर उन्होंने अपराध कबूल कर लिया. पुलिस ने उन की निशानदेही पर लूटे गए 11 किलोग्राम सोने के आभूषण, 24.7 किलोग्राम चांदी और साढ़े 13 लाख रुपए की नगदी बरामद की. बरामद सोनेचांदी के आभूषणों की कीमत करीब 4 करोड़ 60 लाख है. पहली फरवरी को एडीजी अजय आनंद ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि प्रथमदृष्टया मिले संकेतों के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच मुकलेश के परिचितों की ओर मोड़ दी थी.

इसी बीच जानकारी मिली कि कस्बे के परचून दुकानदार कपिल गुप्ता और उस का दोस्त ओमबाबू राठौर इस वारदात के बाद से ही गायब हैं. दोनों के घर मुकलेश के घर से करीब 500 मीटर दूरी पर हैं. कपिल के बाबा वेदप्रकाश मुकलेश गुप्ता की दुकान पर मुनीम थे, अब उन की मृत्यु हो चुकी है. पुलिस को दोनों का मूवमेंट फतेहपुर सीकरी और राजस्थान के हिंडौन सिटी, कैला देवी (करौली) और इस के बाद जयपुर और कोटा में मिला. जब वे शमसाबाद वापस आ रहे थे, उन्हें फतेहपुर सीकरी में गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद इस दोहरे मर्डर और लूटपाट की जो कहानी सामने आई, इस प्रकार थी—

पुलिस को पता चला कि कपिल गुप्ता पर करीब 10 लाख रुपए का तथा उस के दोस्त ओमबाबू राठौर पर करीब 8 लाख का कर्ज था. कपिल की इरादतनगर में परचून की दुकान थी, जिस में 2 बार चोरी हो चुकी थी. दोनों कर्ज से परेशान थे. दोनों काफी दिनों से ऐसी किसी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे, जिस में इतना पैसा मिल जाए, जिस से उन का कर्ज उतर जाए. इसी योजना के तहत कपिल ने ओमबाबू को बताया कि सर्राफ मुकलेश गुप्ता के घर पर केवल मुकलेश व उन की पत्नी रहती है. उन के यहां काफी सोनाचांदी और नकदी मिल सकती है. कपिल के बाबा पहले मुकलेश के यहां मुनीम रह चुके थे. इस के चलते कपिल की मुकलेश से अच्छी जानपहचान थी. दोनों ने कपिल की दुकान में बैठ कर ठोस योजना बनाई.

योजना के अनुसार 22 जनवरी, 2020 को दोपहर डेढ़ बजे कपिल ने मुकलेश की दुकान से सोने की 10 हजार रुपए रेंज की अंगूठी खरीदी और पैसा बाद में देने को कह दिया. कपिल व उस का दोस्त ओमबाबू 26 जनवरी को उन के घर पैसा देने के बहाने गए और दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया. लेकिन लता ने दरवाजा नहीं खोला. 27 जनवरी को कपिल ने शाम 7 बजे मुकलेश को फोन किया. उस ने कहा कि वह अंगूठी के पैसे देने आप के घर आ रहा है. आप अपने घर फोन कर के बता दें. इस पर मुकलेश ने पत्नी लता को फोन कर दिया था.

दोनों मुकलेश के घर जा धमके. योजना के अनुसार, वे सूजा, रस्सी, करंट लगाने के लिए तार और टेप साथ ले गए थे. लता ने जैसे ही गेट खोला, कपिल ने लता के गले में रस्सी डाल कर गला घोट दिया. जबकि ओमबाबू ने गले में सूजा घोंपा. इस से लता की चीख भी नहीं निकल पाई. दोनों लता को घसीट कर कमरे में ले गए और वहां पटक दिया. कपिल ने बैड पर रखी अलमारी की चाबी उठाई और अलमारी खोल कर उस में रखा सोना, चांदी और नगदी साथ लाए बैग में भर ली. खूंटी पर टंगी रिवौल्वर भी रख ली. इस के बाद दोनों मुकलेश के आने का इंतजार करने लगे. 15 मिनट बाद ही दरवाजे पर मुकलेश ने दस्तक दी. कपिल ने गेट खोला. जैसे ही मुकलेश अंदर आए कपिल ने गले में फंदा डाल कर उन का भी गला घोट दिया. साथ ही सूजे से सिर पर प्रहार भी किए.

इस के बाद ओमबाबू ने बेल्ट से उन के गले को कस दिया. घटना का कोई भी सुराग न छोड़ने की वजह से उन्हें भी जान से मार दिया. मुकलेश को घसीट कर किचन के पास लोहे के जाल पर डाल दिया. इतना ही नहीं, मौत की पुष्टि के लिए दोनों को करंट भी लगाया. इस बीच शातिरों ने टीवी की आवाज तेज कर दी थी. इस के बाद ओमबाबू ने सीसीटीवी की डीवीआर निकाल ली. रात 8 बजे तक दोनों ने काम खत्म कर के 3 बैगों में सामान भरा और घर से निकल गए. दोनों शातिर 4 दिनों तक ऐश करते रहे. वे फतेहपुर सीकरी के एक होटल में ठहरे. बाद में राजस्थान के करौली तथा जयपुर पहुंचे. जयपुर के एक होटल में दोनों ने ढाई हजार रुपए प्रतिदिन किराए का कमरा लिया. दोनों रोज बीयर पीते, बौडी मसाज कराते. कपिल ने अपनी पत्नी के खाते में भी 50 हजार रुपए जमा कराए. पकड़े जाने तक दोनों ने 35 हजार रुपए खर्च कर दिए थे.

ओमबाबू राठौर ग्वालियर में एक राहगीर के गले में सूजा मार कर 28 लाख की लूट की कोशिश और चेन लूट चुका था. वह अपराधी किस्म का है. उस ने पहली पत्नी को तलाक दे दिया था, बाद में उस ने सन 2007 में रेखा से दूसरी शादी कर ली. वह कपिल के घर के पास ही रहता है और किराए पर आटो चलवाता है. सर्राफ दंपति की हत्या और लूटपाट करने के बाद दोनों शातिर बदमाश कैला देवी के दर्शन को भी पहुंचे. मामले का परदाफाश करने वाली टीम में एसओ (शमसाबाद) अरविंद निर्वाल, सर्विलांस प्रभारी इंसपेक्टर नरेंद्र कुमार, एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित, स्वाट टीम प्रभारी राजकुमार गिरि, एसआई राजकुमार बालियान, प्रदीप कुमार, राहुल कटियार, चंद्रवीर सिंह, कांस्टेबल परमेश, तहसीन, सचिन, अमित, मनोज, त्रिलोकी और यशवीर शामिल थे.

सहयोगी टीम में इंसपेक्टर (फतेहाबाद) प्रवेश कुमार, इंसपेक्टर (डौकी) प्रदीप कुमार, एसओ (बसई अरेला) शेर सिंह, क्रिमिनल इंटेलिजेंस विंग प्रभारी हरवेंद्र मिश्रा, एसआई प्रदीप कुमार, कांस्टेबल प्रशांत कुमार, विवेक, राजकुमार, करनवीर और अरुण शामिल थे. डबल मर्डर व लूट के दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया. 6 फरवरी को दोनों को पुलिस ने फिर से रिमांड पर लिया. इन की निशानदेही पर सीकरी कस्बे में रेलवे कालोनी के खंडहर के मलबे में दबी कारोबारी मुकलेश की इंग्लिश रिवौल्वर व 24 कारतूस, साथ ही गहने रखने वाले 4 पर्स बरामद किए गए. आरोपियों ने बताया कि डीवीआर उन्होंने करौली जाते समय काली सिल नदी में फेंक दी थी.

घटना का परदाफाश करने वाली पुलिस टीम को एडीजी अजय आनंद ने एक लाख रुपए ईनाम देने की घोषणा की.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

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