Hindi Stories : पुलिस के खुफिया तंत्र को पूरी तरह से ध्वस्त करते हुए नकदू उर्फ नंदलाल पिछले 35 सालों से फरजी तरीके से पुलिस में नौकरी करता रहा. शिकायत पर जब भंडाफोड़ हुआ तो वह जिस थाने में नौकरी कर रहा था, उसी थाने का हिस्ट्रीशीटर निकला. आखिर कैसे छिपी रही इस बदमाश की सच्चाई?
वह दबंग था अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझता था. होमगार्ड की नौकरी में होने के बाद भी वह हर किसी से भिड़ जाता. यहां तक कि विभाग में भी उस की छवि अच्छी नहीं थी. नौकरी के दौरान भी पुलिस झगड़ा करने के आरोप में उस का चालान कर चुकी थी. लेकिन यह दबंग फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. कहते हैं कि ऊंट एक दिन जरूर पहाड़ के नीचे आता है. ऐसा ही इस होमगार्ड जवान के साथ भी हुआ, उस की दबंगई के कारण. आखिर में उसे 35 साल होमगार्ड की नौकरी करते हुए जेल की सलाखों के पीछे जाना ही पड़ा.
अभियुक्त नंदलाल की पहचान उजागर होने की कहानी और गिरफ्तारी भी उतनी ही दिलचस्प है, जितना कि उस का इतने सालों तक पहचान छिपा कर जीना और फरारी के पूरे 35 साल पुलिस की नौकरी करते हुए बिताना. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से सरकारी तंत्र में बड़ी चूक का एक हैरान करने वाला मामला सामने आने पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. पुलिस विभाग में नौकरी कर रहा एक शख्स अपराधी निकला. वह भी कोई छोटामोटा अपराधी नहीं, बल्कि हत्या, डकैती और चोरी का आरोपी था.
घटना आजमगढ़ के थाना रानी की सराय क्षेत्र की है. अपना नाम बदल कर पुलिस की आंखों में पिछले 35 सालों से धूल झोंक कर यह आरोपी होमगार्ड की नौकरी कर रहा था. उस पर हत्या, लूट, डकैती जैसे संगीन मामले दर्ज थे. उस ने अपना नाम नकदू से बदल कर नंदलाल रख लिया था.
35 सालों तक बात क्यों नहीं हुई उजागर
35 सालों तक यह बात उजागर नहीं हो सकी कि नंदलाल ही हिस्ट्रीशीटर नकदू है. लेकिन कुछ अरसा पहले मारपीट की एक घटना के बाद यह मामला प्रकाश में आ गया. 3 दिसंबर, 2024 को डीआईजी वैभव कृष्ण को एक शिकायत मिली. शिकायत में कहा गया था कि आप के पुलिस विभाग में नंदलाल नाम का जो होमगार्ड नौकरी कर रहा है, वह वास्तव में हत्या का एक फरार आरोपी है. उस का वास्तविक नाम नकदू यादव है. वह सभी की आंखों में धूल झोंक कर लंबे समय से होमगार्ड की नौकरी कर रहा है.
इस पर डीआईजी वैभव कृष्ण द्वारा मामले की जांच के आदेश दिए गए. जांच के बाद इस होमगार्ड के पूरे फरजीवाड़े का भंडाफोड़ हो गया. अपना गिरेबान बचाने के लिए होमगार्ड कमांडेंट मनोज सिंह ने आननफानन में आरोपी होमगार्ड को निलंबित कर दिया.
आजमगढ़ निवासी आरोपी होमगार्ड के भतीजे नंदलाल यादव ने अपने चाचा नकदू उर्फ नंदलाल के खिलाफ 3 दिसंबर, 2024 को जो शिकायत की थी, उस में आरोप लगाया गया था कि उस का चाचा नकदू यादव पिछले 35 सालों से फरजी प्रमाणपत्रों के बल पर होमगार्ड के रूप में नौकरी कर रहा है. वह मात्र चौथी कक्षा तक पढ़ा है. उस पर हत्या, लूट और डकैती जैसे आरोप हैं. डीआईजी के आदेश के बाद थाना रानी की सराय के एसआई गोपालजी ने आरोपी नकदू उर्फ नंदलाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. इस के बाद 9 जनवरी, 2025 को जांच के दौरान मामला सही पाया गया. यानी आरोपी नकदू उर्फ नंदलाल फरजी तरीके से होमगार्ड की नौकरी कर रहा था.
रानी की सराय थाना क्षेत्र के चकवारा निवासी नकदू के खिलाफ 1984 में हत्या और साक्ष्य छिपाने का मुकदमा दर्ज हुआ था. नकदू ने पुरानी दुश्मनी में जहानाबाद निवासी मुन्ना उर्फ मन्नू यादव की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस के अलावा 1987 में चकवा में डाली डकैती में नकदू पर दूसरा मुकदमा दर्ज हुआ. उस के खिलाफ 1988 में गैंगस्टर की काररवाई की गई थी. इस के बाद हिस्ट्रीशीट भी खोली गई थी.
पुलिस जांच में पता चला कि नकदू यादव चौथी कक्षा तक गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ा था. इस के बावजूद आरोपी ने आठवीं कक्षा पास होने का फरजी प्रमाणपत्र बनवा लिया. 1990 के पहले तक आरोपी की पहचान लोकई यादव के बेटे नकदू यादव के रूप में थी. अब आरोपी नकदू यादव से नंदलाल बन गया. इस बात की उस ने किसी को भनक तक नहीं लगने दी. उस के बाद उस ने 1989 में होमगार्ड की नौकरी हासिल कर ली.
जिस थाने का हिस्ट्रीशीटर उसी में की नौकरी
बिना पुख्ता जांचपड़ताल के फरजी कागजातों के बल पर हत्या का आरोपी नकदू होमगार्ड बन गया. यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न है. सब से खास बात यह है कि आरोपी के हिस्ट्रीशीटर होने के बाद भी तत्कालीन रानी की सराय थाने और लोकल इंटेलिजेंस की टीम ने आरोपी को क्लीन चिट दी थी. थाने और इंटेलिजेंस के प्रभारियों द्वारा आरोपी होमगार्ड के चरित्र प्रमाणपत्र पर सितंबर, 1992 में हस्ताक्षर भी किए गए.
जहां नकदू हिस्ट्रीशीटर 35 साल से पुलिस महकमे में होमगार्ड की नौकरी कर रहा था. वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि वह जिस थाने में होमगार्ड की नौकरी कर रहा था, उसी थाने के रिकौर्ड में उस का नाम 1988 से ही बतौर हिस्ट्रीशीटर दर्ज था. उस की हिस्ट्रीशीट नंबर 52ए है. आरोपी होमगार्ड विभाग में सेवा के दौरान भी अपनी आदत से बाज नहीं आया. नौकरी के दौरान भी वह कई बार अनुशासनहीनता कर चुका था. आरोपी का कई बार सीआरपीसी की धारा 151 में पुलिस द्वारा चालान भी किया जा चुका है.
भारी पड़ा रिश्तेदारों से विवाद
गांव के एक झगड़े में हुई गिरफ्तारी के बाद नंदलाल की करतूत उस समय सामने आई, जब अक्तूबर, 2024 को गांव में रिश्तेदारों से किसी बात को ले कर विवाद हो गया. बात इतनी बढ़ गई कि नकदू ने उस के साथ मारपीट कर दी. इस घटना के बाद भतीजे नंदलाल की तहरीर पर 9 दिसंबर, 2024 को मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इस के बाद नकदू के भतीजे नंदलाल यादव व अन्य रिश्तेदारों ने डीआईजी वैभव कृष्ण से शिकायत करते हुए सारे मामलों की जानकारी देते हुए जांच कराने की मांग की, ताकि इस होमगार्ड की असलियत सब के सामने उजागर हो सके कि शेर की खाल में छिपा यह भेडिय़ा है. इस के बाद डीआईजी ने जांच कराई तो सारी सच्चाई सामने आ गई.
हत्या के मामले में साक्ष्य छिपाने, डकैती व चोरी जैसी घटनाओं के आरोपित नकदू ने फरजी मार्कशीट और नाम बदल कर नंदलाल बन कर होमगार्ड की नौकरी हासिल कर ली. इस के बाद से उस ने अपना नाम और पहचान छिपाने के लिए काफी जुगत किया. होमगार्ड में नियुक्ति के बाद नंदलाल मेंहनगर थाने और रानी की सराय में बैखौफ हो कर नौकरी करता रहा. इस बीच उस की ड्यूटी मंडलायुक्त कार्यालय में भी लगती रही. इस पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए आजमगढ़ के एसपी हेमराज मीणा ने बताया, ‘शिकायत के आधार पर जांच की गई थी. हत्या, डकैती समेत कई अन्य आपराधिक गतिविधियों में अभियुक्त का नाम आया था. 1988-89 में अभियुक्त पुलिस रडार से गायब हो गया और बाद में फरजी दस्तावेज के आधार पर होमगार्ड की नौकरी प्राप्त कर ली.’
फरजी दस्तावेजों के सहारे सितंबर 1989 से यह होमगार्ड बन कर ड्यूटी कर रहा था. नाम परिवर्तन होने के बाद पकड़ में नहीं आ सका. एसपी ने बताया कि जांच की जा रही है, अगर किसी प्रकार की लापरवाही पुलिस या होमगार्ड विभाग की सामने आएगी तो उस की विभागीय जांच कराई जाएगी. जांच रिपोर्ट के आधार पर जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस के आधार पर कानूनी काररवाई की जाएगी.
इस के खिलाफ पहचान छिपाने और धोखाधड़ी के मामले में 2024 में भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2), धारा 318 (4) के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है. आरोपी होमगार्ड नंदलाल को निलंबित कर दिया गया है, अब उस की बरखास्तगी के लिए होमगार्ड डिपार्टमेंट को लेटर लिखा गया है. अभियुक्त की उम्र अब 57 साल है. वह जल्दी ही रिटायर होने वाला है, तभी उस का भंडाफोड़ हो गया.
बताते चलें कि पुलिस अब उन अफसरों की भी जांच कर रही है, जिन्होंने इसे चरित्र प्रमाण पत्र देने में मदद की या फिर सही ढंग से जांच नहीं की थी. पुलिस इस पहलू से भी जांच कर रही है कि इतने लंबे समय तक ड्यूटी करने के दौरान वह कहांकहां तैनात रहा और कैसे अपनी पहचान छिपाने में भी कामयाब रहा.